Category: Bihar News

  • RJD ने भूल सुधारी, पावर में आ गए मृत्युंजय तिवारी, बीजेपी वालों को देंगे करारा जवाब

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में सियासी उठापटक के बीच बीते दिनों भंग की गई राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रवक्ताओं के पैनल को प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के आदेश पर शुक्रवार को पुनः बहाल कर दिया गया. इस नए पैनल में दो विधायकों समेत आठ लोगों को जगह दी गई है. हालांकि सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि आरजेडी प्रवक्ताओं की जो पहली लिस्ट जारी हुई थी. उसमें मृत्युंजय तिवारी का नाम शामिल नहीं था. हालांकि आरजेडी ने अपनी भूल सुधारते हुए 24 घंटे के भीतर ही मृत्युंजय तिवारी को प्रवक्ता नियुक्त कर दिया है. आरजेडी के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने लेटर जारी करते हुए लिखा है कि निदेशानुसार अधिसूचित किया जाता है कि मृत्युंजय तिवारी को बिहार प्रदेश आरजेडी का तत्काल प्रभाव से प्रवक्ता मनोनीत किया जाता है.

    आरजेडी प्रवक्ताओं की लिस्ट

    विधायक भाई बिरेन्द्र
    पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव
    एजाज अहमद
    पूर्व विधायक इज्या यादव
    रितु जायसवाल
    पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा
    चितरंजन गगन
    विधायक सतीश कुमार दास
    मृत्युंजय तिवारी

    इससे पहले शुक्रवार को आरजेडी की ओर प्रदेश प्रवक्ताओं की पहली लिस्ट जारी हुई थी. जिसमें दो विधायकों समेत आठ लोगों को जगह दी गई है. प्रवक्ताओं के नए लिस्ट में सबसे ऊपर मनेर के विधायक भाई वीरेन्द्र का नाम है. इसके बाद पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव का नाम शामिल है. इसके अलावा सूची में पूर्व विधायक एज्या यादव, पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा, विधायक सतीश कुमार दास‌, एजाज अहमद, ऋतु जायसवाल और चितरंजन गगन को भी आरजेडी का प्रदेश प्रवक्ता मनोनीत किया गया है. प्रवक्ताओं के इस नए पैनल में ऋषि मिश्रा और सतीश कुमार दास‌ नए प्रवक्ता नियुक्त किये गये हैं. दरअसल जिस दिन आरजेडी ने अपने प्रवक्ताओं के पैनल को रद्द किया था उस दिन से सिर्फ तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह आधिकारिक बयान दे रहे थे.

    बता दें कि बिहार की बदली हुई राजनीति में बयानबाजी का दौर लगातार जारी है. बीजेपी की तरफ से महागठबंधन सरकार पर ताबड़तोड़ हमला किया जा रहा है. जिसको देखते हुए आरजेडी ने एक बार फिर अपने प्रवक्ताओं का पैनल बहाल कर दिया है. बतातें चलें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई महागठबंधन सरकार बन गई है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने हैं. नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • तेजस्वी यादव लौटे पटना, राजद कोटे से कौन-कौन बनेगा मंत्री, लालू यादव से हो गई पूरी बात, फ़ाइनल लिस्ट तैयार

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव दिल्ली से पटना लौट चुके हैं. तेजस्वी यादव ने वहां अपने पिता लालू यादव से आशीर्वाद लिया और मंत्रिमडल को लेकर चर्चा की. वहीं डिप्टी सीएम ने सोनिया गांधी समेत अलग-अलग पार्टी के नेताओं से भी मुलाकात की. महागठबंधन की सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने हैं. 16 अगस्त को नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार होने की संभावना है. ऐसे में नीतीश मंत्रिमंडल में किस पार्टी को कितना मंत्री पद मिलेगा और किस पार्टी से मंत्रिपद के लिए चेहरा कौन होंगे इसको लेकर चर्चा तेज है. माना जा रहा है कि राजद कोटे से कौन-कौन मंत्री बनेगा और किस पार्टी को कितना मंत्री पद मिलेगा. इसको लेकर तेजस्वी यादव की लालू यादव से बात हो गई है. तेजस्वी यादव मंत्रियों की फ़ाइनल लिस्ट लेकर पटना लौटे हैं.

    पटना लौटते ही मंत्रिमडल विस्तार पर तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन के सभी दलों के बड़े नेता से हमारी बात हुई है. लालू यादव से भी मंत्रिमडल को लेकर चर्चा हुई है. सबकी सहमति बन गई है. बहुत जल्द मंत्रिमडल का विस्तार कर दिया जाएगा. वहीं 10 लाख नौकरी के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि रोजगार तो देना ही है थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए. सीएम नीतीश कुमार ने तो इस बारे में बता ही दिया है. इसमें किसी को शक कहां है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम तो दे रहे हैं उनसे जरा पूछो वो दे रहे हैं दो करोड़ नौकरी. 8 साल हो गया 16 करोड़ रोजगार दे रहे हैं क्या, हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा था. हम दो दे रहे हैं जरा उनसे पूछिए.

    दरअसल नीतीश-तेजस्वी सरकार को 164 विधायकों का समर्थन है. जिसमें सबसे ज्यादा आरजेडी के 79, जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19 वाम दलों के 16 और हम के 4 विधायकों के साथ 1 निर्दलीय विधायक का समर्थन है. इसमें वाम दल सरकार में शामिल नहीं हो रही. लेफ्ट पार्टी सरकार को बाहर से समर्थन कर रही है. बताया जा रहा है कि नीतीश सरकार में आरजेडी के खाते में 15-16 मंत्रिपद मिल सकता है. आरजेडी की तरफ से सुधाकर सिंह, चन्द्रशेखर, सुनील कुमार सिंह और आलोक मेहता का मंत्री बनना तय है. इसके साथ ही भाई वीरेंद्र को भी मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं जेडीयू को 10 से 11 मंत्री पद मिलने की संभावना है. जेडीयू अपने पुराने चेहरों पर ही विश्वास जता सकती है. जबकि उपेंद्र कुशवाहा को भी नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. चार विधायकों वाली पार्टी जीतनराम मांझी की पार्टी हम एक और 19 विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी को तीन सीट मिल सकता है.

    बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई महागठबंधन सरकार के गठन के बाद उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पिता लालू प्रसाद यादव से आशीर्वाद लेने दिल्ली पहुंचे थे. वहां उन्होंने अलग-अलग पार्टी के नेताओं से मुलाकात की. इसी कड़ी में तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. इससे पहले तेजस्वी यादव ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा से मुलाकात की. तेजस्वी ने कहा कि सरकार बनाने में सहयोग देने पर सभी नेताओं को धन्यवाद दिया है.

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  • हर साल 2 करोड़ रोजगार देने वाले किस मुंह से मांग रहे 10 लाख नौकरी, पहले अपने गिरेबान में झांके

    लाइव सिटीज पटना: जन अधिकार युवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के दौरान हर साल 2 करोड़ नौकरी देने की बात कह सत्ता में आने वाले आज 10 लाख नौकरी की मांग किस मुंह से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिसने देश से सिर्फ रोजगार खत्म करने का काम किया. बैंक, रेलवे से लेकर सेना तक रोजगार को खत्म करने वाले लोग दूसरे से 10 नौकरी मांगने से पहले अपने गिरेबान में झांके. राजू दानवीर ने कहा कि यही लोग जब अग्निवीर के खिलाफ सड़क पर उतरे युवाओं को उग्रवादी बता रहे थे और आज उनके लिए रोजगार के नाम पर राजनीति कर रहे हैं.

    राजू दानवीर ने कहा कि यही चरित्र है देश की स्वघोषित सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी का. जब यह पार्टी कुछ दिनों पहले तक बिहार में सत्ता में थी, तब उन्होंने अपने विभाग से कितना रोजगार दिया. पहले बिहार की जनता को यह बताना चाहिए. दानवीर ने कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर डबल इंजन की सरकार में भी खराब थी. लेकिन तब सत्ता की मलाई खा रहे लोगों ने अपराध पर कभी मुखर होकर ना आवाज उठाई और न ही इसकी जिम्मेदारी ली. और आज सत्ता से बेदखल होने के बाद अचानक से बिहार में अपराध नजर आने लगा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सत्ता में रहकर जो कुछ भी नहीं कर सके, वो आज दूसरे पर उंगली उठा रहे हैं. उन्हें यह समझना चाहिए कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते.

    बता दें कि तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरियों के वादे पर बीजेपी की ओर से लगातार सवाल किया जा रहा है. आरजेडी की और से भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है. तेजस्वी यादव ने कहा कि ये हमारी उपलब्धि है कि हिंदू-मुसलमान की बातों से हटकर अब रोज़गार के सवाल पर बहस हो रही है. जो मीडिया सोई हुई थी, रोज़गार के मुद्दे पर चर्चा तक नहीं करती थी, अब वो भी जाग चुकी है. वहीं आरजेडी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि प्रतिवर्ष दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देने, पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 19 लाख नौजवानों को नौकरी देने के साथ हीं पिछले दिनों प्रधानमंत्री द्वारा 18 महीनें में 10 लाख नौजवानों को नौकरी देने के वादे का क्या हुआ.

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  • नीतीश कुमार सिर्फ दिखावे के मुख्यमंत्री, बिहार में एक नहीं 5 सुपर CM हैं, सम्राट चौधरी ने नाम भी बताया

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद से जेडीयू और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. महागठबंधन सरकार बनाने से बीजेपी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर पूरी तरह से हमलावर है. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कल तक बिहार में एक मुख्यमंत्री था, मगर आज पांच सुपर सीएम हैं- तेजस्वी यादव, लालू यादव, मीसा यादव, तेजप्रताप यादव और राबड़ी देवी. इस गठबंधन में कोई मेल नहीं है. सम्राट चौधरी ने कहा कि मैं 27 वर्षो से बिहार की राजनीति को देख रहा हूं, बीजेपी ने लंबे समय तक नीतीश कुमार को सहयोग किया है. बीजेपी और उसके कार्यकर्ताओं ने उनको बिहार का गार्जियन माना, लेकिन आरजेडी के साथ जाते ही नीतीश कुमार अप्रासंगिक हो चुके हैं, उनकी अहमियत खत्म हो गयी है.

    सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि जब से नीतीश कुमार ने बीजेपी से संबंध तोड़ा है, उस दिन से जंगलराज-3 की शुरुआत हो गयी है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को मैं याद दिलाना चाहता हूं कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जो घोषणा की थी, उसे वो पूरा करें. चाहे 10 लाख सरकारी नौकरी हो या नियोजित शिक्षक का मामला हो अपने वायदे को पूरा करें. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हमेशा अपने सभी सहयोगियों को बड़ा सम्मान किया है.

    वहीं पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि उनका 2024 में प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा नहीं होगा. उन्हें यूपीए को जानकारी देनी होगी कि उनकी सरकार में एक सीएम होंगे, और पांच सुपर सीएम होंगे. सम्राट चौधरी ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मिले जेड कैटगरी सुरक्षा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि तेजस्वी को बिहार की जनता की सुरक्षा की चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी ‘डरपोक’ हैं, इसलिए उन्होंने अपने आप को बुलेटप्रूफ किया है. पूरे बिहार में भय का माहौल बन गया है. एनआईए को जांच के लिए आना पड़ा.

    बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई महागठबंधन सरकार बन गई है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने हैं. नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • जंगल राज कहां रिटर्न आएगा, नीतीश कुमार सुशासन के प्रतीक, ‘जंगल राज’ तो बीजेपी वाले लाए थे, ललन सिंह का बड़ा बयान

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद से जेडीयू और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद ललन सिंह बीजेपी के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं. बीजेपी के कई नेता बार-बार कह रहे हैं कि बिहार में फिर भी जंगल राज वापस आ जाएगा. जिस पर ललन सिंह ने करारा जवाब देते हुए कहा कि जंगल राज कहां वापस आएगा, नीतीश कुमार सुशासन के प्रतीक हैं. ‘जंगल राज’ तो बीजेपी वाले लाए थे. साथ ही ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी के पहले के नेता अपने साथी का सम्मान करते थे जबकि अभी के नेता अपने साथियों की हत्या करने और पीठ पर पीछे से वार करने में विश्वास करता है.

    ललन सिंह ने बीजेपी के बिहार में पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा के तौर पर ‘जंगल राज’ की वापसी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जंगल राज कहां रिटर्न आयेगा, नीतीश कुमार सुशासन के प्रतीक हैं. जंगल राज तो बीजेपी वाले लाए थे. ललन सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने पहले साजिश करके जदयू का सीट 42 कर दिया. उसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि आप मुख्यमंत्री बन जाइये. फिर उसके बाद चार गो छुटभैया नेता को उकसाकर बयान दिलवाते थे और कहते हैं कि 2024 में 2025 दोनों में नीतीश कुमार NDA का नेतृत्व करेंगे और हम लोगों की पार्टी में एक एजेंट को बहाल कर लिए थे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने उसको पहचान लिया और विदा कर दिया और पार्टी से सड़क छाप कर दिया.

    बीजेपी पर हमला करते हुए ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी का अभी का जो नेतृत्व है, वह अपने साथियों का अपने सहयोगियों का सम्मान करना नहीं जानती है. अपने साथियों के प्रति उनका ईमानदारी का भाव नहीं है. पहले के नेता अपने साथी का सम्मान करते थे अभी के नेता अपने साथियों की हत्या करने और पीठ पर पीछे से वार करने में विश्वास करता है. उन्होंने कहा कि एक तरफ बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व कह रहा है कि 2024 में 2025 दोनों में सीएम नीतीश कुमार NDA का नेतृत्व करेंगे. वहीं पटना में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कह रहे हैं कि क्षेत्रीय पार्टियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. ऐसे में आपकी मंशा साफ है. आप क्या करना चाहते हैं. ललन सिंह ने कहा कि 2014 में आप शासन में तब कितने लोग NDA में थे अब कितने बच गए हैं. अभी वाला जो नेतृत्व है जैसा करेगा वैसे भरेगा. जस करनी तस भोगाहूं ताता, नरक जात तो क्यों पछताता.

    बता दें कि इससे पहले ललन सिंह ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जब अटल जी बीजेपी का नेतृत्व कर रहे थे और 1996 में एनडीए अस्तित्व में आया, हम 2013 में इसका हिस्सा बने. 17 सालों में 17 सेकेंड के लिए भी एनडीए में मतभेद नहीं दिखा. लेकिन आज बीजेपी के लोग जो सरकार में हैं, वे अपने सहयोगियों को सम्मान देने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव में जदयू को हराने के षड्यंत्र में भाजपा के साथ आरसीपी सिंह भी मिले हुए थे. भाजपा नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगातार अपमानित किया जा रहा था.

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  • आपदा पीड़ित परिवारों हर संभव मदद को सरकार कृत संकल्पित

    आपदा पीड़ित परिवारों हर संभव मदद को सरकार कृत संकल्पित :- श्रवण कुमार. बिहार से प्रखंड के चकरसलपुर गांव में चार आपदा पीड़ित परिवारों को मुख्यमंत्री परिवारिक लाभ योजना अंतर्गत राशि का चेक बिहार सरकार के पूर्व मंत्री क्षेत्रीय विधायक सरवन कुमार के द्वारा दिया गया।

    विदित हो कि पानी में डूबने से जोरारपुर गांव निवासी मृतक सुभाष रविदास के आश्रित उनकी पत्नी उमा देवी को सड़क दुर्घटना में कोरई पंचायत के गंगाबिगहा गाँव निवासी मृतक विक्रम कुमार के पिता विनोद प्रसाद मृतक मोनू कुमार के पिता राजकुमार भगत पानी में डूबने से चकरसलपुर गांव निवासी मृतक सोनी कुमारी की मां गिरणी देवी को सहायता राशि का चेक प्रदान किया गया।

    इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मृतक परिवारों को हर संभव सहायता राज सरकार के द्वारा प्रदान की जा रही है आपदा पर किसी का बस नहीं चलता लेकिन इस प्रकार के सहयोग से लोगों को सरकार के द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। विपत्ति के समय हमारी सरकार हमेशा तत्पर रहती है।

    जहां तक मदद करने की बात है वहां तक सरकार द्वारा मदद पहुंचाया जाता है हमारी सरकार की सोच है कि यदि किसी परिवार में किसी कारण बस हादसा हो जाए तो तुरंत आगे बढ़ कर उसकी मदद करें इस अवसर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अंजन दत्ता वरिष्ठ जदयू नेता राजेंद्र प्रसाद प्रखंड जदयू अध्यक्ष संजय कुशवाहा मुख्य प्रवक्ता धनंजय देव मनोज मुखिया सरयुग रविदास सकलदीप कुमार सूरज कुमार आकाश आनंद देव आर्यन उदय मेहता अशोक कुमार अजय कुमार राजेश खन्ना सूरज कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।

  • विभाजन विभीषिका स्मृतिदिवस ‘ चित्र प्रदर्शनी.

    डी ० ए ० वी ० पब्लिक स्कूल पावरग्रिड कैंपस बिहार शरीफ में विद्यालय के प्राचार्य परेश चन्द्र दास के कुशल देखरेख में विभाजन की विभीषिका स्मृतिदिवस पर छाया चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया , जिसमें विभाजन से सम्बंधित मार्मिक तथा दिल छू लेने वाली तस्वीरों का प्रदर्शन किया गया। इसमें विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया ।

    कार्यक्रम का मुख्य उददेश्य राष्ट्र के विभाजन के कारण अपनी जान गवाने वाले तथा जड़ों से विस्थापित होने वाले सभी लोगों के प्रति एक विनम्र श्रद्धांजलि व्यक्त करना था । इस उक्त उल्लेखनीय प्रदर्शनी की मुक्त कंठ से सर्वत्र सराहना की गई ।

    विद्यालय के प्राचार्य परेश चन्द्र दास ने कहा कि हमें विभाजन की विभीषिका को कदापि नहीं भूलना चाहिए और देश की एकता व अखंडता की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए । यह हमारा मूलभूत नागरिक कर्तव्य है । इसके साथ ही विभाजन विभीषिका स्मृतिदिवस ‘ चित्र प्रदर्शनी के द्वारा समाज से भेद – भाव वैमनस्यता एवं दुर्भावना के जहर को दूर कर एकता सामाजिक सदभाव एवं मानव सशक्तीकरण की भावना को मजबूत करना भी था।

    इस प्रदर्शनी को देखने हेतू विद्यालय के आस – पास के विद्यालयों में ,यथा कैम्ब्रीज, सदर आलम और मदर टेरेसा स्कूल के शिक्षक एवं छात्र को आमंत्रित किया था। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों में मदर टेरसा विद्यालय के अमन विधान, एवं अमरेन्द्र कुमार ,ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ कर देखने के लिएऔर मुक्तकंठ से प्रशंसा की। और सच में बच्चे अत्यधिक लाभान्वित हुए

  • रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर देखी गई मिठाइयों के दुकानों में भीड़

    रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर देखी गई मिठाइयों के दुकानों में भीड़ बिहार शरीफ के शीतल छाया मैं खरीदारों के उमड़ी भीड़ रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर शीतल छाया स्वीट्स कई तरह के मिठाईयां लोगों के लिए स्पेशल बनवाया गया काजू बर्फी शुगर फ्री मिठाई खोवा की मिठाई शुद्ध देसी घी में लड्डू कई तरह की मिठाइयां स्पेशल रक्षाबंधन के अवसर पर

  • महागठबंधन सरकार बनते ही बिहार में सियासी हलचल तेज, पशुपति पारस की पार्टी में टूट?, तीन सांसद JDU में हो सकते हैं शामिल

    लाइव सिटीज पटना: बिहार की सियासत से बड़ी खबर सामने आ रही है. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बिहार में सियासी हलचल तेज है. इस बीच खबर आ रही है कि केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) टूट सकती है. RLJP के तीन सांसद जदयू में जा सकते हैं.
    पशुपति पारस की RLJP के तीन सांसद महबूब अली कैसर, वीणा देवी और चंदन सिंह जदयू में शामिल हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी की टूट के पीछे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का हाथ है. दरअसल बीते साल रामविलास पासवान की एलजेपी में फूट पड़ गई थी. पशुपति पारस समेत 5 सांसदों ने चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर दी थी. जिसके बाद चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों धड़ों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह और नामों का आवंटन किया था.

    जिन पांच सांसदों ने राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के खिलाफ बगावत की थी, वो हैं-पशुपति पारस पासवान (चाचा), प्रिंस राज (चचेरे भाई), चंदन सिंह, वीणा देवी, और महबूब अली कैसर. LJP में टूट के बाद पशुपति पारस ने कहा था कि हमारी पार्टी के 6 सांसद हैं. पार्टी के 5 सांसदों ने इसे बचाने की इच्छा जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी को नहीं तोड़ा है, इसे बचाया है. बता दें कि LJP में टूट के बाद चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों धड़ों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह और नामों का आवंटन किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान को हेलीकॉप्टर चुनाव चिन्ह के साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नाम की पार्टी का आवंटन किया गया है. वहीं चिराग के चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी है. पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को सिलाई मशीन चुनाव चिन्ह दिया गया है.

    बता दें कि बीते दिनों ही बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ है. नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़कर तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन की सरकार बनाई है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने हैं. नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • एक अनार कई बीमार, बिहार में कांग्रेस के 19 विधायक, 12 ने जताई मंत्री बनने की दावेदारी, बढ़ी टेंशन

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की नई सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शपथ ले ली है. लेकिन मंत्रिमंडल का विस्तार अभी नहीं हुआ है.ऐसे में सबके जेहन में एक ही सवाल है कि नीतीश कुमार की नई सरकार में कैबिनेट में कौन-कौन चेहरे होंगे. इसको लेकर मंथन का दौर जारी है. जदयू, राजद और कांग्रेस का मंथन लगातार चल रहा है कि किसे मंत्री बनाया जाए. तेजस्वी यादव मंत्रियों की लिस्ट लेकर लालू यादव के पास दिल्ली भी पहुंच चुके हैं. माना जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद नीतीश-तेजस्वी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या कांग्रेस के सामने है, जहां मंत्री पद के दावेदारों की संख्या सबसे ज्यादा है.

    महागठबंधन सरकार में कांग्रेस के हिस्से में तीन से चार मंत्री पद जा सकता है. क्योंकि कांग्रेस के पास केवल 19 विधायक है लेकिन हैरानी की बात यह है कि 19 में से 12 विधायकों ने मंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है. कांग्रेस के विधायकों ने मंत्री पद के लिए दावेदारी बिहार प्रभारी भक्त चरण दास, प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मदन मोहन झा से लेकर आलाकमान तक पेश की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह चुके हैं कि 15 अगस्त के बाद कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. मुख्यमंत्री की इस घोषणा के साथ ही महागठबंधन के दूसरे सहयोगी अपने-अपने कोटे के मंत्रियों का नाम फाइनल करने में लग गए हैं.

    बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 19 में से 12 विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष से लेकर प्रभारी मंत्री तक अपनी दावेदारी पेश कर दी है. जिन नामों ने दावेदारी पेश की है, उनमें राजापाकड़ से प्रतिमा दास तो बक्सर से मुन्ना तिवारी, करगहर से संजीव मिश्रा, खगड़िया से छत्रपति यादव, अररिया से अब्दुल रहमान के नाम प्रमुख तौर पर शामिल हैं. इनके अलावा दो विधान पार्षद भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं. ऐसे में एक साथ लगभग एक दर्जन दावेदारों के खड़ा होने से पार्टी में असमंजस की स्थिति बन गई है. तेजस्वी यादव से मिलने के बाद कांग्रेस बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने लालू यादव से भी मुलाकात की है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में बनी महागठबंधन की सरकार में हिस्सेदारी को लेकर बातचीत हुई है और उसके मंत्रियों की संख्या सम्मानजनक होगी.

    बता दें कि बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार में जो कैबिनेट तय होगा, उसका फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. नीतीश सरकार में अधिकतम 36 मंत्री बनाये जा सकते हैं. राजद विधानसभा में 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. फॉर्मूले के तहत राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. जबकि कांग्रेस को 3 या 4 पद मिल सकता है, वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम पिछली सरकार की तरह ही इस सरकार में भी एक सीट लेने में सफल होगी. वहीं नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट में निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को भी फिर से मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है. बताया जा रहा है कि भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा.

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