Category: Bihar News

  • नालंदा जिले के रिसर्च स्कॉलर अनुज कुमार ने भारत का प्रतिनिधित्व किया

    बिहार के नालंदा जिले के रिसर्च स्कॉलर सिंगापुर में ‘एक्शन फॉर अर्थ – ग्लोबल लीडर्स समिट 2022’ में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए
    अनुज कुमार, प्रो. पी.के. वैद, लोक प्रशासन विभाग, आईसीडीईओएल, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला के रिसर्च स्कॉलर को सिंगापुर में आयोजित होने वाले “एक्शन फॉर अर्थ – ग्लोबल लीडर्स समिट 2022” में भाग लेने के लिए चुना गया है। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रायोजित वैश्विक गोलार्ध द्वारा आयोजित 23 से 25 अगस्त 2022।

    अनुज कुमार इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में एचपी विश्वविद्यालय की तुलना में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र भारतीय हैं। “एक्शन फॉर अर्थ – ग्लोबल लीडर्स समिट (GLS-2022) सिंगापुर में प्लाजा में आयोजित होने वाला एक 3 दिवसीय शिखर सम्मेलन है, संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ ग्लोबल कम्युनिटी लीडर्स के लिए नेशनल लाइब्रेरी बोर्ड।
    आसियान, अफ्रीका, एशिया और यूरोप के प्रतिनिधियों से पानी के नीचे जीवन, भूमि पर जीवन, स्वच्छ जल और स्वच्छता, जलवायु परिवर्तन, समुदायों और शहरों में जीवन आदि पर ध्यान केंद्रित करते हुए संयुक्त राष्ट्र एसडीजी पर सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा और प्रदर्शन करने के लिए एक संवादात्मक संवाद में भाग लेने की उम्मीद है। .
    अनुज कुमार ने लोक प्रशासन, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अनुशासन में प्रो. पी.के. वैद के मार्गदर्शन में “हिमाचल प्रदेश में विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन” विषय पर अपना पीएचडी शोध कार्य प्रस्तुत किया है। शिमला-05. वह सक्रिय रूप से शिक्षण सीखने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं और समाज के उत्थान के लिए काम करते हैं। वह बिहार राज्य के नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड के रतनपुरा गांव के रहने वाले हैं.

  • कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा की कभी भी हो सकती हैं गिरफ्तारी, जानें क्या है मामला

    लाइव सिटीज, पटना: बिहार में नई बनी महागठबंधन की सरकार बनते ही विधायकों की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है. जिसमें सबसे पहले कांग्रेस की तरफ से मंत्री पद के प्रबल दावेदार भागलपुर विधायक अजीत शर्मा की बारी आई है.भागलपुर स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने स्थानीय कांग्रेस विधायक और विधानसभा में पार्टी के नेता अजीत शर्मा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. एसीजेएम-1 प्रबाल दत्ता की अदालत ने 13 साल पुराने मुकदमे में फैसले की तारीख पर मौजूद नहीं रहने को गंभीर मानते हुए कार्रवाई की है.

    अदालत ने विधायक को पूर्व में मिली जमानत की सुविधा रद्द करते हुए इशाकचक थानाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि आरोपित को गिरफ्तार कर 20 अगस्त को पेश किया जाए. सरकार की ओर से एसडीपीओ प्रभात कुमार ने जजमेंट को गंभीरता से नहीं लेने पर विधायक के खिलाफ वारंट निकालने का अनुरोध किया था, जबकि विधायक के वकील आशुतोष राय ने बिहार में बदलते राजनीतिक समीकरण का हवाला देते हुए एक और तारीख देने की मांग की थी.

    आपको बता दें की बहुजन समाज पार्टी से 2009 में हुए चुनाव में भाग्य आजमाने वाले अजीत शर्मा के विरुद्ध पीरपैंती के टोपरा क्षेत्र में कपड़े का बैनर सरकारी पोल में लगा देखा गया था. क्षेत्र का मुआयना करने निकले तत्कालीन अंचल निरीक्षक उपेन्द्र रजक ने बैनर जब्त किया था. बैनर में बहुजन समाज पार्टी के घोषित प्रत्याशी अजीत शर्मा की तस्वीर लगी थी. उन्होंने आसपास के अन्य लोगों से पूछताछ बाद पीरपैंती थाने में शर्मा के विरुद्ध आदर्श चुनाव आचार संहिता का केस दर्ज कराया था. दर्ज केस में पुलिस की तफ्तीश बाद उनके विरुद्ध लगे आरोप को सत्य पाते हुए पुलिस ने 17 मई 2009 में आरोपपत्र दाखिल किया था.

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  • कतरीसराय में आयोजित जनता दरबार में जिलाधिकारी आमलोगों की समस्याओं

    आज कतरीसराय प्रखंड सभागार में आयोजित जनता दरबार में 29 आवेदन प्राप्त हुए। जिलाधिकारी ने स्वयं एक-एक आवेदक के पास जाकर उनकी समस्याओं को सुना तथा संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को त्वरित निष्पादन को लेकर आवश्यक दिशा निदेश दिया। पुराने राजकीय नलकूपों की रम्मती,बिजली लाइन/ट्रांसफार्मर को शिफ्ट करने, प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिए जाने, पुराने चापाकलों की मरम्मती एवं नए चापाकल लगाने, नल जल योजना में जलापूर्ति बाधित रहने आदि विषयों से संबंधित आवेदन लोगों द्वारा दिये गए।छाछू बीघा से लोहराजपुर पथ की मरम्मती हेतु कार्रवाई की मांग की गई।कतरीसराय के वार्ड नम्बर 15 में जल निकासी की व्यवस्था हेतु अनुरोध किया गया। प्रखंड कार्यालय के पीछे से भी जल निकासी हेतु व्यवस्था की बात स्थानीय लोगों द्वारा की गई। जिलाधिकारी ने भूमि सुधार उप समाहर्त्ता से जमीन उपलब्ध्ता की जांच कराकर कार्रवाई की बात कही। सभी प्राप्त आवेदनों की कंप्यूटर में प्रविष्टि कराकर संबंधित पदाधिकारियों को निष्पादन हेतु भेजा गया। सभी संबंधित पदाधिकारियों को आवेदनों के त्वरित निष्पादन का निदेश दिया गया। पीएचईडी के सहायक एवं कनीय अभियंता से चापाकलों की मरम्मती, नया चापाकल लगाने के बारे में जानकारी ली गई।बताया गया कि प्रखण्ड में 5 नए चापाकल लगाए गए हैं तथा 46 चापाकलों की मरम्मती की गई है। जिलाधिकारी ने कार्य की धीमी प्रगति को लेकर दोनों अभियंताओं से स्पष्टीकरण पूछा।  इस क्रम में कुछ स्थानीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों द्वारा भी अपने पंचायतों से संबंधित समस्याओं को भी संज्ञान में लाया गया। कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा स्थानीय पीएचसी में डेंटिस्ट की व्यवस्था हेतु अनुरोध किया गया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्त्ता, सहित विभिन्न विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं अन्य प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

  • नीतीश कुमार पलटू राम हैं -चंद्र उदय कुमार मुन्ना

    आलेख :- समाजसेवी चंद्र उदय कुमार मुन्ना ,नीतीश कुमार को पलटू राम या कुर्सी कुमार कहना उनकी राजनीतिक काबिलियत को छोटा करने की कोशिश है। लेकिन सच ये है कि राजनीति के वे माहिर खिलाड़ी हैं। अपने धुर विरोधियों को भी अपना समर्थक बनाना उन्हें खूब अच्छे से आता है। बिहार की 7 पार्टियां जो कलतक नीतीश कुमार के विरोध में थी, आज उनके समर्थन में हैं। धुर विरोधी राजद और अपनी विचारधारा को लेकर अडिग रहने वाली कम्युनिस्ट पार्टियां भी इनमें शामिल हैं। ये नीतीश कुमार की काबिलियत है कि हर कोई नीतीश कुमार को अपना बनाना चाहता है और जैसे ही नीतीश हामी भरते हैं, विरोधी समर्थन में मजबूती से उठ खड़े होते हैं। आज जो तेजस्वी यादव और लालू यादव का पूरा कुनबा-परिवार और पार्टी नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बता रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़ने को कह रहे हैं, उसी तेजस्वी यादव और राजद परिवार ने नीतीश कुमार को 2017 में पलटू राम कहा था। कलतक जो बीजेपी कलतक नीतीश कुमार की पालकी ढो रही थी, वही बीजेपी आज उन्हें धोखेबाज और कुर्सी कुमार कह रही है।

    नीतीश कुमार धोखेबाज हैं, पलटू राम हैं, कुर्सी कुमार हैं, उनकी कोई निश्चित पॉलिटिकल आइडियोलॉजी नहीं है, राजनीति में वह भरोसे के लायक नहीं हैं, कब वह साथी बदल लें, कोई नहीं जानता आदि आदि, यही सब जुमले उनके साथ आरोप के तौर पर मढ़े जाते हैं, लेकिन बावजूद इसके सब नीतीश कुमार के साथ आने को लालायित रहते हैं-क्यों? और जैसे ही साथ आते हैं, क्यों सब कसीदे पढ़ने लगते हैं?

    पलटू राम का आरोप नीतीश कुमार पर 2017 में लगा था, जब नीतीश राजद-कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों का साथ छोड़ वापस बीजेपी के साथ चले गए थे। लेकिन दिलचस्प बात देखिए कि जो भरोसे के लायक नहीं हैं, उसी नीतीश के पाला बदलने से बिहार ही नहीं, पूरे देश के विपक्ष में खुशी और उम्मीद की लहर दौड़ गई है। नरेंद्र मोदी सरकार से त्रस्त और घबराए-किंकर्तव्यवईमूढ़ विपक्ष को एक ढाल मिल गया है। रातोंरात देश का पॉलिटिकल नैरेटिव चेंज हो गया है।

    बीजेपी इसी नैरेटिव के बल पर विपक्ष को रौंदती चली जा रही थी कि नरेंद्र मोदी का विकल्प नहीं है। बीजेपी के राष्ट्रीय नेता से लेकर बिहार बीजेपी के चंपू नेता तक 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद कहने लगे थे कि नीतीश कुमार की पार्टी की कम सीटें हैं, फिर भी हमने उनको मुख्यमंत्री बनाया, ये बीजेपी और नरेंद्र मोदी और अमित शाह जी का बड़प्पन है। उन्होंने कभी ये नहीं स्वीकारा कि चिराग पासवान को मोहरा बनाकर नीतीश कुमार को धोखा दिया। पिछले दो सालों में मोदी-शाह की टीम ने नीतीश कुमार को छोटा करने का कोई दांव नहीं छोड़ा। और जिस नीतीश कुमार को बीजेपी ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे की तरह निबटाने की तैयारी कर दी थी, उसी नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए कह दिया हम तो पीएम के दावेदार नहीं हैं, लेकिन जो पीएम हैं वो 2024 में रहेंगे कि नहीं रहेंगे, नहीं पता।

    और इस एक लाइन के बयान से देश की राजनीति में उबाल आ गया। हताश और बिखरा विपक्ष खिल उठा और बीजेपी में उदासी पसर गई। बिहार बीजेपी का रोना पीटना कल से पूरा देश देख रहा है। बीजेपी के राष्ट्रीय नेता चुप हैं, जैसे पाला मार गया हो।

    टीवी चैनलों पर विद्वान विश्लेषक बहसे कर रहे हैं। नीतीश कुमार को लेकर, विपक्ष को लेकर, बीजेपी और नरेंद्र मोदी को लेकर नया नैरेटिव गढ़ रहे हैं। लेकिन ज्यादातर विश्लेषक यहाँ आकर ठहर जाते हैं- नीतीश कुमार पलटू नेता हैं, पता नहीं कब पलट जाएँ। लेकिन विडंबना है पलटने की वजह जानने के बाद भी विद्वान विश्लेषक इस तथ्य के पीछे के सच का विश्लेषण करना जरूरी नहीं समझते। पालतू मीडिया दिन रात नरेंद्र मोदी और आर एस एस के पक्ष और पसंद का नैरेटिव गढ़ने में लगा है, यह तो समझ में आता है, लेकिन बाकी मीडिया में भी नीतीश के पक्ष का नैरेटिव गढ़ने वाला कोई बुद्धिजीवी नजर नहीं आता।

    देश की लगभग सारी पार्टियों और नेताओं ने अपना पाला बदला। याद कीजिए आजादी की लड़ाई के समय कम्युनिस्ट पार्टियां और आरएसएस क्या कर रहे थे? कांग्रेस को हटाने के लिए गैर कांग्रेसियों ने क्या नहीं किया। सत्ता के लिए बीजेपी और कम्युनिस्ट पार्टियां भी एक नाव पर सवार हुईं। वंशवाद, भ्रष्टाचार और तानाशाही से लड़ने के नाम पर संघ और बीजेपी से हाथ मिलाने से परहेज नहीं किया और जब बीजेपी मजबूत हो गई तो सांप्रदायिकता और तानाशाही से लड़ने के नाम पर वे सब काँग्रेस के साथ चलने को खुशी खुशी तैयार हैं। क्या ये पलटना नहीं है? क्या ये आइडियोलॉजी के साथ चलना है?

    नीतीश कुमार ने भी तो वही किया। बीजेपी जब नरेंद्र मोदी को नेता चुन रही थी, तब उन्होंने नरेंद्र मोदी का विरोध किया और अलग हो गए। राजद-कांग्रेस-कम्युनिस्ट पार्टियों के साथ गए और जब राजद ने अपनी मनमानी शुरू की तो फिर से बीजेपी के साथ हो लिए। और जब बीजेपी ने तानाशाही रुख अख्तियार कर लिया तो राजद-कांग्रेस-कम्युनिस्ट गठबंधन को साथ ले लिया। एक तरफ गड्ढा दूसरी तरफ खाई। नीतीश कुमार ने दोनों से बिहार को बचाने की कोशिश की और बचाया भी।

    लेकिन क्या कभी उनपर लालू प्रसाद के जैसा भ्रष्टाचार और वंशवाद का आरोप लगा? क्या बीजेपी के साथ रहने के बाद भी कभी सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने या कहें धर्मनिरपेक्षता के भाव को नुकसान पहुंचाने का कोई काम किया? बल्कि इन दोनों मामलों में उन्होंने सारी पार्टियों से बेहतर काम किया।
    बंगाल में दशकों कम्युनिस्ट सरकार रही, पिछले दस साल से बंगाल में क्या हो रहा है? त्रिपुरा के हालात कैसे हैं? बीजेपी और नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए कम्युनिस्ट पार्टियां क्या रही हैं? वैसे ही कांग्रेस के किस राज्य में हालात ठीक हैं? जहां बीजेपी सरकारें हैं वहाँ सांप्रदायिक सद्भाव और लोकतंत्र की क्या हालत है? लेकिन कांग्रेस, बीजेपी या कम्युनिस्ट सब अच्छी हैं, अपनी अपनी आइडियालोजी पर हैं, कोई पलटू नहीं हैं।

    क्या बिहार में नीतीश कुमार ने जो राजनीतिक स्थिति-परिस्थिति बनायी है कि हर पार्टी उन्हें अपना साथी बनाना चाहती है, कोई उन्हें अछूत नहीं मानती और जिसके साथ वो जातें हैं, उसकी बाछें खिल जाती है- नीतीश कुमार के कसीदे पढ़ने लगती हैं, क्या है इसकी वजह? उनकी पलटू राम, कुर्सी कुमार या अविश्वसनीयता की छवि या सबको साथ लेकर चलने की राजनीतिक कुशलता? सबका साथ सबका विकास नरेंद्र मोदी ने किया या नीतीश ने? 17 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं- जातिवाद से बुरी तरह ग्रसित राज्य में कभी किसी जाति विशेष के साथ भेदभाव किया? बिहार जातीय नरसंहारों और सांप्रदायिक दंगों के लिए कुख्यात रहा है, दशकों ये सब झेला है, क्या नीतीश कुमार ने 17 साल के कार्यकाल में ऐसी स्थिति बनने दी? क्या कानून व्यवस्था, सड़क और बिजली की व्यवस्था तारीफ के योग्य नहीं है?

    बावजूद इसके नीतीश कुमार पलटू राम, कुर्सी कुमार हैं, राजनीतिक तौर अविश्वसनीय हैं तो इसलिए कि नीतीश ने अपने पक्ष में नैरेटिव गढ़ने वाले बौद्धिक नहीं बनाए। उन्होंने बस अपने काम से काम रखा। अपने परिवार को राजनीति से दूर रखा। जाति के गुंडे खड़े नहीं किए और न जाति के बौद्धिक गढ़े, जो उनके लिए टीवी पर आकर कसीदे पढ़े, अखबारों में आलेख लिखे। उन्होंने कार्यपालिका के काम में दखल देने वाले नेताओं पर लगाम लगाया। ध्यान रखा कि कानून का राज बना रहे। सांप्रदायिक सद्भाव न बिगड़े और बिहार में विकास हो।

  • अच्छी खबर: 12वीं हैं पास, तो बिहार पुलिस में इन पदों पर मिलेगी नौकरी, आज से आवेदन शुरू

    लाइव सिटीज, पटना: बिहार सेंट्रल सेलेक्शन बोर्ड ऑफ कांस्टेबल ने प्रोहिबिशन कांस्टेबल के पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे हैं. इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार जो इन पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे CSBC की आधिकारिक वेबसाइट csbc.bih.nic.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं. इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया आज यानि 13 अगस्त से शुरू हो गई है.

    इसके अलावा उम्मीदवार सीधे इस लिंक https://www.csbc.bih.nic.in/Default.htm पर क्लिक करके भी इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. साथ ही इस लिंक Bihar Police Recruitment 2022 Notification PDF के जरिए भी आधिकारिक नोटिफिकेशन को भी चेक कर सकते हैं. इस भर्ती प्रक्रिया के तहत कुल 76 पदों को भरा जाएगा

    उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 12वीं पास होना चाहिए. उम्मीदवारों की आयु 1 जनवरी, 2022 को 18 वर्ष से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु सीमा में छूट दी गई है. सामान्य/बीसी/ईबीसी/ईडब्ल्यूएस श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 675 रुपये है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों, महिला उम्मीदवारों और थर्ड जेंडर के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 180 रुपये है.

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  • जनादेश से विश्वासघात के खिलाफ नालन्दा में आयोजित महाधरना

    जनादेश से विश्वासघात के खिलाफ नालन्दा में आयोजित आज महाधरना क़ो श्री प्रेमरंजन पटेल जी ने सम्बोधित किया एवं ज़िला अध्यक्ष प्रोफ़ेसर रामसागर सिंह जी ने कहा, धरना का संचालन कर रहे सुधीर कुमार जिला उपाध्यक्ष भाजपा ने कहा की बिहार के सार्वभौमिक विकास के लिए बने जनोन्मुखी एनडीए गठबंधन को तोड़कर नीतीश कुमार ने बिहार के 12 करोड़ लोगों को पूनः धोखा दिया है | यह धोखा बिहार को 2005 से पूर्व वाले उसी अनिश्चिंतता के दौर में ले जाएगा जब सिर्फ अराजकता और भ्रस्टाचार का आलम था और जनता में लालू के शासन के खिलाफ जबरदस्त रोष था |नालन्दा की जनता को इस बात का कष्ट है की सुशासन के संकल्पों पर आधारित हमारे मॉडल को नीतीश कुमार की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और झूठे अहंकार की बलि बनना पड़ा |

    जनादेश से विश्वासघात के खिलाफ नालन्दा में आयोजित महाधरना  जनादेश से विश्वासघात के खिलाफ नालन्दा में आयोजित महाधरना

    वर्ष 2010, 2015 और अब 2020 के विधानसभा चुनावों में आये जनादेश नितीश कुमार की महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ गए | लगातार तीन बार अपने गठबंधन के साथियों लगातार तीन बार धोखा देने का अद्भुत रिकार्ड नीतीश कुमार ने अपने नाम किया है | बिहार की जनता ने 2010 में राजद को मात्र 23 सीटों पर सिमटा दिया था परन्तु नितीश कुमार ने 2015 में महागठबंधन बनाकर राजद को पुनः जीवित कर दिया | अटल जी की सरकार में आपको खुलकर काम करने की आजादी मिली तभी आपकी साख स्थापित हुई वरना आपकी पहचान लालू यादव के पीछे-पीछे घूमने वाले एक साधारण नेता से ज्यादा नहीं थी भाजपा ने आपका जननेता बनने का मार्ग प्रशस्त किया और आप हमें धोखेबाज कह रहे हैं ? नालन्दा की जनता को अमन चैन और और विकास पसंद है और विगत 8 लोकसभा और विधानसभा के चुनावों के परिणामों ने इसको साबित किया है | इस बार के आपके राजनीतिक कलाबाजी ने बिहार का मार्ग पुनः अराजकता, परिवारवाद और अंधेरे में धकेल दिया है जहां से बिहार का विकास बेपटरी तो हुआ ही है साथ-साथ एक और पीढ़ी को राजद के हाथों बर्बाद होना तय कर दिया है | आप एक ऐसी वितृष्णा या एक ऐसे भविष्य की तलाश में हैं जो इस जन्म में आपको नहीं मिलेगी क्योंकि आपकी कुंडली में उसका योग नहीं है ? क्या राजद के साथ जाने के बाद सुशासन की आपकी तथाकथित विचारधारा अब भी प्रासंगिक रह सकेगी ?  समय न्याय करता है नीतीश जी और बिहार की जनता आपके इस कलाबाजी से आजीज आ चुकी है | एनडीए की राजनीतिक ताकत विकास की धारा में है भाजपा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और अपने मौलिक विचारधारा के साथ आगे भी प्रवाहमान रहेगी और हमारा संकल्प कभी अन्यथा नहीं जाता इसका उदाहरण 2014 के लोकसभा चुनाव का परिणाम है | भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है और हम अपने नेतृत्व और विचारधारा के बल पर पुनः जनता का आशीर्वाद पाकर 2024 और 2025 में सरकार बनाएंगे लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर आपका भविष्य क्या होगा इसका आँकलन जरूर कर लीजिएगा । महा धरना को विधायक डॉक्टर सुनील कुमार जी एवं ज़िला पदाधिकारी , नालन्दा भाजपा परिवार ने सम्बोधित किया

  • पटना समेत 12 जिलों में होगी हल्‍की वर्षा, इन दो जिलों के लोग रहें संभलकर

    लाइव सिटीज, पटना: मौसम लोगों के लिए सुखद बना हुआ है. उमस भरी गर्मी से फिलहाल राहत मिली हुई है. राजधानी पटना समेत प्रदेश के दक्षिणी भागों के बक्सर, भोजपुर, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद समेत अन्य भागों में मेघ गर्जन, वज्रपात के साथ हल्के दर्जे की वर्षा का पूर्वानुमान है.

    वहीं प्रदेश के किशनगंज, कैमूर व राेहतास जिले के एक या दो स्थानों पर वज्रपात के साथ भारी वर्षा की चेतावनी है. इन मौसमी प्रभाव को देखते हुए मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है.

    शुक्रवार को रोहतास के चेनारी में 15.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई. राजधानी का अधिकतम तापमान 34.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 37.7 डिग्री सेल्सियस के साथ सीतामढ़ी प्रदेश का गर्म शहर दर्ज किया गया. मौसम विज्ञानी की मानें तो प्रदेश में पूर्वी व दक्षिण पूर्वी हवा का प्रवाह बना हुआ है. वहीं मानसून ट्रफ पूर्वोत्तर अरब सागर से होेते हुए अहमदाबाद, रायसेन, रांची, पुरुलिया, दीघा होते हुए दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी की ओर गुजर रही है. इन सभी मौसमी प्रभाव के कारण प्रदेश में वज्रपात और हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा का पूर्वानुमान है.

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  • दिल्ली में डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने PM मोदी और अमित शाह को ललकारा, कहा-बिहारी बिकाऊ नहीं टिकाऊ होता है

    लाइव सिटीज पटना: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नीतीश जी का हमसे फिर हाथ मिलाना बीजेपी के मुंह पर तमाचे की तरह है. उन्होंने आगे कहा कि ये सरकार जनता की सरकार है. बिहार विधानसभा में बीजेपी को छोड़कर सभी दल एक हो चुके हैं. यही दृश्य अब पूरे देश में दिखने वाला है. तेजस्वी यादव ने कहा कि आज जो माहौल है उसमें बीजेपी सिर्फ डरा कर सत्ता में आती है. बीजेपी का एक ही काम है जो डरेगा उसे डराओ जो बिकेगा उसे खरीदो. बीजेपी एक-एक एजेंसी को बर्बाद कर रही है. इनकी हालत तो पुलिस थाने से भी बदतर हो चुकी है. हम बिहार के लोग डरने वाले नहीं है. हमने पहले भी कहा था कि बिहारी बिकाऊ नहीं टिकाऊ होता है.

    तेजस्वी यादव ने कहा कि चाहे बात महंगाई की हो या फिर हिंदू -मुस्लिम की लड़ाई लड़ाने की, इन सब मुद्दों को लेकर बीजेपी को बिहार ने सबक सिखाया है. मैं सीएम नीतीश कुमार और सोनिया गांधी को धन्यवाद देता हूं. मैं लालू जी को भी धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने जिंदगी भर सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी. दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विपक्ष के बड़े नेताओं से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि विपक्षी दलों के शीर्ष नेतृत्व से हमारी मुलाकात हुई है. साथ ही सरकार बनाने में सहयोग देने पर सभी नेताओं को धन्यवाद दिया है. तेजस्वी ने बताया कि महागठबंधन की सरकार ही असली सरकार है.

    तेजस्वी यादव ने बीजेपी को बड़का झूठा पार्टी बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी वालों को सिर्फ ऊटपटांग काम करने में मजा आता है. तेजस्वी ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी को बिहार से लगाव है, तो अब तक इसे विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया गया. हर जगह रोजगार पर चर्चा हो रही है, पर इस पार्टी को इससे कोई लेना-देना नहीं है. तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि बीजेपी ने राज्य में 19 लाख नौकरियां देने की बात कही, क्या उन्होंने 19 नौकरियां भी दीं? इसी तरह देश में 2 करोड़ नौकरियां देने की बात करते थे, लेकिन 80 लाख नौकरियां ही देते थे. तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया कि एक एडिटेड वीडियो चलाया गया, हमने उसका जवाब दिया. गिरिराज सिंह को पीएम मोदी से नौकरियों और विशेष पैकेज के बारे में पूछने का साहस करना चाहिए, जिसका उन्होंने राज्य को वादा किया था. बीजेपी झूठों की पार्टी है, मीडिया के सामने बैठे रहते हैं, क्या काम करते हैं?.

    बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई महागठबंधन सरकार के गठन के बाद उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पिता लालू प्रसाद यादव से आशीर्वाद लेने दिल्ली पहुंचे है. वहां वह अलग-अलग पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इसी कड़ी में तेजस्वी यादव ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. उसके साथ आरजेडी सांसद मनोज झा भी मौजूद रहे. इससे पहले तेजस्वी यादव ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा से मुलाकात की. तेजस्वी ने कहा कि सरकार बनाने में सहयोग देने पर सभी नेताओं को धन्यवाद दिया है. बता दें कि पिछले दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को छोड़ कर महागठबंधन का हिस्सा बन गए.

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  • पटना: ललित नारायण मिश्रा संस्थान में ‘आगाज़–2022’ का हुआ आयोजन, नए बैच के छात्रों का किया गया स्वागत

    लाइव सिटीज पटना: ललित नारायण मिश्रा आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान, पटना में आज अनुकूलन-सह-अधिष्ठापन कार्यक्रम ‘आगाज़–2022’ का आयोजन किया गया, जिसमें प्रबंधन एवं कंप्यूटर के विभिन्न पाठ्यक्रमों जैसे एमबीए, एमबीए-आईबी, एमबीए-एचआरडी, एमसीए, बीसीए एवं बीबीए में नामांकित छात्र छात्राओं का स्वागत किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से की गयी तथा मुख्य कार्यक्रम का आरंभ संस्थान के निदेशक डॉ एस. सिद्धार्थ (भा० प्र० से.), कुलसचिव श्री उपेंद्र कुमार, (बि०प्र.से.) एवं संस्थान के अन्य वरिष्ठ प्राध्यापकों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.

    संस्थान के कुलसचिव उपेंद्र कुमार (बि०प्र०से.) ने स्वागत भाषण देते हुए वर्तमान समय में प्रबंधन एवं कंप्यूटर शिक्षा की महत्ता पर बल दिया. अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग, बिहार सरकार व संस्थान के निदेशक डॉ एस. सिद्धार्थ (भा० प्र० से.) ने अपने अध्यक्षीय भाषण में छात्रों के अकादमिक कैरियर एवं जीवन में सफलता के लिए शुभकामना व्यक्त करते हुए अनुशासन के साथ संस्थान में अपने समय का रचनात्मक सदुपयोग करने की सलाह दी.

    संस्थान के वरिष्ठ छात्रों ने गणेश-वंदना एवं ‘आजा़दी के अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में देशभक्ति नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम को अविस्मरणीय बनाया. इस अवसर पर सहायक प्राध्यापिका डॉ प्रीति सिंह ने संस्थान से संबंधित एक विस्तृत पावर पॉइंट एवं वृत्तचित्र की प्रस्तुति की. संस्थान के वरिष्ठ प्राध्यापक व डीन(प्रबंधन) डॉ शिवदेव सिंह ने छात्रों को वर्ग प्रबंधन की जानकारी दी एवं अपने अनुभवों को साझा किया. कार्यक्रम में अनूप कुमार, निदेशक KPMG (बिहार व झारखण्ड) ने अपने प्रेरणात्मक अभिभाषण से छात्रों को प्रेरित करते हुए आज के प्रतियोगी कॉर्पोरेट संसार में सफल होने का गुरुमंत्र दिया। कार्यक्रम में सीनियर छात्रों को भी स्मृति-चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

    धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापिका डॉ जेबा रूशी द्वारा किया गया. इस अवसर पर डॉ आर एन झा, डॉ पी. के. यादव, डॉ देवेंद्र कुमार, डॉ रितू नारायण,डॉ अशोक कुमार, डॉ संतोष कुमार झा, डॉ पीके तिवारी, सहित अन्य सभी अतिथि प्राध्यापक मौजूद थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में संजीत, अपर्णा, विश्वजीत,क्षितिज रोमी इत्यादि छात्रों ने अपनी महतवपूर्ण भूमिका निभाई.

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  • सुशील मोदी ने CM नीतीश पर लगाया आरोप तो ललन सिंह ने किया पलटवार, कहा-जिस व्यक्ति का ग्रह-नक्षत्र खुद खराब हो..

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बन चुके हैं. वहीं दूसरी ओर सत्ता पलट के बाद आक्रामक बयानबाजी का दौर तेज होता जा रहा है. भाजपा के नेता सत्ता हाथ से निकल जाने के लिए वर्तमान सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं और मौके निकाल कर निशाना साथ रहे हैं. लेकिन इस जुबानी हमले में बीजेपी को जदयू और आरजेडी दोनों दलों के नेता मिलकर जवाब दे रहे हैं. बीते दिनों बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे. जिसका जवाब देते हुए सीएम नीतीश ने इसे मजाक बताया था. वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अब सुशील मोदी पर हमला बोला है.

    ललन सिंह ने सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आपका बयान देखकर घोर आश्चर्य हुआ..! जिस व्यक्ति का ग्रह-नक्षत्र खुद खराब हो और नीतीश जी से अच्छे रिश्तों के कारण खुद हाशिए पर ला दिए गए हों, वैसे नेता के यहां नीतीश जी को उपराष्ट्रपति बनाने के लिए कोई जाये, यह अपने-आप में हास्यास्पद और सरासर झूठ है. ललन सिंह ने आगे लिखा है कि नीतीश जी कभी ना राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे और ना ही उपराष्ट्रपति उपराष्ट्रपति पद के..! यदि ऐसे ही बयान देने से बीजेपी नेतृत्व को खुश कर के आप पुनर्वासित हो जाते हैं, तो हमलोगों की शुभकामनाएं आपके साथ है…हो जाइए.

    इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने सुशील मोदी को जवाब देते हुए कहा था कि चलिए ना भाई, जिसको जो मन में आता है बोलते ना रहे. एक आदमी को देखे नहीं क्या बोल दिए मेरे बारे में. हम उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे. क्या मजाक है, एकदम बोगस बात है. आप लोग जानते नहीं हैं, आप लोग तो मुझसे पूछे ही थे. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति वाली बात एकदम बोगस बात है. ऐसी मेरी कोई इच्छा नहीं थी. भूल गए क्या उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के चुनाव में हमलोगों की पार्टी ने कितना सपोर्ट किया. हम लोग उसी का इंतजार कर रहे थे, जिस दिन दोनों चुनाव खत्म हो गया तब हम लोगों ने पार्टी का मीटिंग किया. इसलिए ये सब बोल रहे हैं, आप लोग तो जानते ही हैं कि उनको तो कुछ बनाया नहीं. जो लोग भी आजकल बोल रहे हैं, वह अच्छा है.

    बता दें कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि वो किसी के नाम का खुलासा नहीं करना चाहते. लेकिन उनके (नीतीश कुमार) करीबी दो नेताओं ने बिहार बीजेपी के दो सीनियर नेताओं से उपराष्ट्रपति बनाने को लेकर कोई रास्ता निकालने के लिए कहा था. सुशील मोदी ने दावा किया था नीतीश कुमार भारत का उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे. नहीं बनाया गया इसलिए उन्होंने बीजेपी ने नाता तोड़ लिया. सुशील मोदी ने कहा कि अब वह (बिहार के सीएम नीतीश कुमार) कहेंगे कि यह झूठ है. लेकिन उनके दो करीबी सहयोगियों ने उन्हें उप राष्ट्रपति बनाने का रास्ता खोजने के लिए बिहार के सीनियर नेताओं से दो बार बात की. हमने कहा कि यह संभव नहीं है. यह 100% सच है कि यह बातचीत हुई थी. सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे, और उनकी महत्वाकांक्षा जब पूरी नहीं हुई तो उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ लिया.

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