Category: Bihar News

  • अगस्त माह में तीन प्रखंडों में होगा जनता दरबार का आयोजन

    अगस्त माह में जिला के तीन प्रखंडों में आमजनों की समस्याओं के निवारण हेतु जनता दरबार का आयोजन किया जाएगा।
    जनता दरबार में जिलाधिकारी आमलोगों की समस्याओं से रूबरू होंगे तथा यथा संभव ऑन द स्पॉट समस्याओं के निवारण का प्रयास किया जाएगा।

    जनता दरबार में सभी संबंधित विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारी एवं सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
    5 अगस्त (शुक्रवार)को हरनौत प्रखंड सभागार में, 12 अगस्त(शुक्रवार) को कतरीसराय प्रखंड सभागार में तथा 26 अगस्त (शुक्रवार) को एकंगरसराय प्रखंड सभागार में जनता दरबार का आयोजन पूर्वाह्न 11:30 बजे से निर्धारित है।

  • छापेमारी के दौरान 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

    रहुई थानाध्यक्ष नंदन कुमार सिंह के निर्देश पर एसआई दीपक कुमार की अगुवाई में गुप्त सूचना के आधार पर बलवा पर गांव में छापेमारी की गई। इस छापेमारी के दौरान 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

    जिसके पास से एक चोरी की मोटरसाइकिल पांच जिंदा कारतूस और एक मोबाइल को भी जप्त किया है । इस संबंध में एसआई दीपक कुमार ने बताया कि थाना अध्यक्ष के निर्देश पर ही यह कार्रवाई की गई है बताया जाता है कि दोनों गिरफ्तार अभियुक्त पूर्व में भी हत्या केस में आरोपित है और वह घटना के बाद फरार चल रहे थे। फिलहाल दोनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है

  • मंत्री ने चंडी प्रखंड में मुहाने नदी को चिरैया नदी से जोड़ने की योजना

    जल संसाधन मंत्री ने चंडी प्रखंड में मुहाने नदी को चिरैया नदी से जोड़ने की योजना के तहत निर्मित बराज का किया स्थल निरीक्षण

    कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर प्रदेश के अंदर की छोटी-छोटी नदियों को आपस में जोड़ कर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के साथ-साथ बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करने के लिए जल संसाधन विभाग तत्परता से कार्य कर रहा है

    जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा ने बुधवार को नालंदा जिले के चंडी प्रखंड अंतर्गत दयालपुर के पास मुहाने नदी को चिरैया नदी से जोड़ने की योजना के तहत निर्मित बराज का स्थल निरीक्षण किया। बराज का निर्माण लगभग पूर्ण हो गया है। जल संसाधन मंत्री ने इसे एक सप्ताह के अंदर लोकार्पण के लिए पूरी तरह तैयार कर लेने सहित कई निर्देश दिये।

    इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए श्री संजय कुमार झा ने कहा कि इंट्रालिंकिंग ऑफ रीवर्स का कॉन्सेप्ट बिहार ने ही दिया है। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर प्रदेश के अंदर की छोटी-छोटी नदियों को आपस में जोड़ कर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के साथ-साथ बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करने के लिए जल संसाधन विभाग तत्परता से कार्य कर रहा है। इंट्रालिंकिंग ऑफ रीवर्स की परिकल्पना के तहत ही विभाग ने चंडी प्रखंड में मुहाने नदी और चिरैया नदी को लिंक चैनल के माध्यम से आपस में जोड़ कर एक-दूसरे के पानी को आवश्यकतानुसार दोनों नदियों में प्रवाहित करने की योजना तैयार की, जो अब लगभग पूरा हो गया है। इस कार्य से चंडी प्रखंड में करीब दो हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा पुनर्स्थापित हो सकेगी।

    उल्लेखनीय है कि चंडी प्रखंड में मुहाने नदी पर पूर्व से एक बराज निर्मित है। मुहाने नदी से करीब 1.5 किलोमीटर की दूरी पर चिरैया नदी बहती है, जिस पर पूर्व से एक चेक डैम निर्मित है, जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था। जल संसाधन विभाग ने इस चेक डैम के स्थान पर नये बराज का निर्माण कराया है, जो लगभग पूर्ण हो गया है। इसके साथ-साथ मुहाने और चिरैया नदी को जोड़ने के लिए लिंक चैनल का पुनर्स्थापन और लाइनिंग का कार्य भी कराया गया है। पईन पर आउटलेट, एकपथीय सेतु आदि का भी निर्माण कराया गया है।

    स्थल निरीक्षण के दौरान मौजूद पूर्व मंत्री श्री हरिनारायण सिंह ने बताया कि मुहाने और चिरैया नदी को जोड़ने से जहां लिंक चैनल के माध्यम से क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी, वहीं दोनों नदियों में पानी की आवश्यकतानुसार उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।

    इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के कई वरीय अधिकारी एवं अभियंता मौजूद थे।

  • हरनौत प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन

    प्रखंड का सहकारिता पदाधिकारी का विदाई समारोह आज किया गया इस दौरान प्रखंड के सभी पैक्स अध्यक्ष ने पुष्पमाला अर्पित कर विदाई किया। विदाई समारोह के दौरान सहकारिता पदाधिकारी प्रेम कुमार ने भावुक दिखे उन्होंने कहा कि नालंदा ज्ञान की धरती हरनौत प्रखंड में 4 सालों तक लोगों के बीच रहकर काम करने में काफी अच्छा लगा रहा, कुछ सीखने का भी मौका मिला।

    उन्होंने बताया कि मैं दो हजार अट्ठारह में हरनौत प्रखंड परिसर में सहकारिता पदाधिकारी के रूप में बन कर आया था। इन 4 सालों में प्रखंड के सभी पैक्स अध्यक्षों ने काफी सहयोग किया इन्हीं 4 सालों में सभी पैक्स अध्यक्षों ने उतार-चढ़ाव में अपना जैसा व्यवहार किया।

    सहकारिता पदाधिकारी के विदाई समारोह में शामिल प्रखंड विकास पदाधिकारी रवि कुमार, कृषि पदाधिकारी विनय कुमार, हरनौत व्यापार मंडल सह बस्ती पैक्स अध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह, देहरी पंचायत के पैक्स अध्यक्ष हिमांशु कुमार, लोहरा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष कृष्ण विजय प्रसाद के साथ-साथ पंचायत के सभी पैक्स अध्यक्ष मौजूद थे।

  • श्रीरामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती है।

    राकेश बिहारी शर्मा – आज श्रीरामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती है। तुलसीदास के विषय में सुनते ही हमारे सामने सबसे पहले उस ग्रंथ का नाम आता है जो आज भारत के हर घर में पवित्रता के साथ रखा गया है। यह ग्रंथ आज भी पूज्यनीय है। इस ग्रंथ का नाम ‘रामचरितमानस’ है। तुलसीदास को अनेक प्रकार से हम याद कर सकते हैं भक्त के रूप में कवि के रूप में या फिर एक सामान्य मनुष्य जो गृहस्थ जीवन और सन्यास के अंतर्द्वंद में रह गया।

    कवि के रूप में इन्हें हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल के रामभक्ति शाखा के अन्तर्गत रखा गया है।गोस्वामी तुलसीदास जी मानवीय चेतना के ऐसे प्रखर हस्ताक्षर थे जिनका सम्पूर्ण काव्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम को समर्पित है।
    तुलसी काव्य खास तौर पर रामचरितमानस 450 वर्षों से देश के मूर्धन्य विद्वानों के साथ ही साधारण जनों को भी प्रभावित करता आ रहा है। रामचरितमानस की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हिंदी में इसके जितने संस्करण छपे हैं, उस पर जितने शोध प्रबंध छपे हैं, जितनी टीकाएं लिखी गयी हैं, उतनी किसी अन्य काव्यकृति पर नहीं। अकेले गीता प्रेस, गोरखपुर से प्रकाशित होकर रामचरितमानस के सिर्फ मंझले साइज की बत्तीस लाख चालीस हजार प्रतियां अब तक बिक चुकी हैं।

    तुलसीदास लोकजीवन के व्याख्याता और साहित्य शिल्पी थे। उनकी रचनाओं में सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और राजनीतिक चेतना का सत्यतः विनियोग हुआ है। गोस्वामी तुलसीदास भक्ति रस तथा हिन्दी और अवधि भाषा के अप्रतिम कवि थे। गोस्वामी तुलसीदास हिंदी साहित्य और भारतीय संस्कृति के महान संत एवं काव्य-सर्जक कवि थे। सम्पूर्ण भारतवर्ष में गोस्वामी तुलसीदास के स्मरण में तुलसी जयंती मनाई जाती है।

    गोस्वामी तुलसीदास ने सगुण भक्ति की रामभक्ति धारा को ऐसा प्रवाहित किया कि वह धारा आज भी प्रवाहित हो रही है। गोस्वामी तुलसीदास ने रामभक्ति के द्वारा न केवल अपना ही जीवन कृतार्थ किया वरन सभी को श्रीराम के आदर्शों से बांधने का प्रयास किया। वाल्मीकि जी की रचना ‘रामायण’ को आधार मानकर गोस्वामी तुलसीदास ने लोक भाषा में राम कथा की रचना की। तुलसीदास का नाम स्मरण में आते ही प्रभु राम का स्वरुप भी सामने उभर आता है।

    महान कवि तुलसीदास की प्रतिभा-किरणों से न केवल हिन्दू समाज और भारत, बल्कि समस्त संसार आलोकित हो रहा है। बड़ा अफसोस है कि उसी कवि का जन्म काल विवादों के अंधकार में पड़ा हुआ है। अब तक प्राप्त शोध निष्कर्ष भी हमें निश्चितता प्रदान करने में असमर्थ दिखाई देते हैं। मूलगोसाई-चरित के तथ्यों के आधार पर डा० पीताम्बर दत्त बड़वाल और श्यामसुंदर दास तथा किसी जनश्रुति के आधार पर 1554 का ही समर्थन करते हैं। इसके पक्ष मे मूल गोसाई-चरित की निम्नांकित पंकियों का विशेष उल्लेख किया जाता है।

    तुलसीदास जी का जन्म विक्रम संवत 1554 को उत्तर प्रदेश के बाँदा ज़िला के राजापुर ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे तथा माता का नाम हुलसी था। तुलसीदास जी ने अपने बाल्यकाल में अनेक दुख सहे युवा होने पर इनका विवाह रत्नावली से हुआ, अपनी पत्नी रत्नावली से इन्हें अत्याधिक प्रेम था परंतु अपने इसी प्रेम के कारण उन्हें एक बार अपनी पत्नी रत्नावली की फटकार “लाज न आई आपको दौरे आएहु नाथ” ‘अस्थि चर्म मय देह यह, ता सों ऐसी प्रीति ! नेकु जो होती राम से, तो काहे भव-भीत ?’ हाड़ माँस को देह मम, तापर जितनी प्रीति।

    तिसु आधो जो राम प्रति, अवसि मिटिहि भवभीति।। ये सूना तो उनके जीवन की दिशा ही बदल दी और तुलसी जी राम जी की भक्ति में ऐसे डूबे कि उनके अनन्य भक्त बन गए। बाद में इन्होंने गुरु बाबा नरहरिदास से दीक्षा प्राप्त की। तुलसीदास जी का अधिकांश जीवन चित्रकूट, काशी और अयोध्या में व्यतीत हुआ। तुलसी दास जी अनेक स्थानों पर भ्रमण करते रहे उन्होंने अनेक कृतियों की रचना किये हैं।

    तुलसीदास जी ने रामनवमी (यानि त्रेतायुग के आधार पर राम-जन्म) के दिन प्रातःकाल ‘रामचरितमानस’ की रचना प्रारम्भ की। 966 दिन में तुलसीदास ने रामचरितमानस लिखा था। उन्होंने संवत् 1631 में रामचरित मानस लिखनी शुरू की थी। संवत् 1633 के अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर ये ग्रंथ पूरा हो गया। इस महान ग्रंथ को सम्पन्न होने में दो वर्ष, सात महीने और छब्बीस दिन का समय लगा था।

    1680 ई० में, शनिवार को “राम-राम” का उच्चारण करते हुए, तुलसीदास जी का देहावसान हो गया था। भारत सरकार ने 1 अक्टूबर 1952 को, गोस्वामी तुलसीदास को महान कवि के रूप में सम्मानित करते हुए, एक डाक टिकट जारी की। तुलसीदास जी हिंदी और संस्कृत भाषा के प्रकांड विद्वान थे, अपने जीवनकाल में उन्होंने अनेक ग्रंथों की रचना की थी।

    तुलसीदास जी रचित श्री रामचरितमानस को बहुत भक्तिभाव से पढ़ा जाता है, रामचरितमानस जिसमें तुलसीदास जी ने भगवान राम के चरित्र का अत्यंत मनोहर एवं भक्तिपूर्ण चित्रण किया है। दोहावली में तुलसीदास जी ने दोहा और सोरठा का उपयोग करते हुए अत्यंत भावप्रधान एवं नैतिक बातों को बताया है। कवितावली इसमें श्री राम के इतिहास का वर्णन कवित्त, चौपाई, सवैया आदि छंदों में किया गया है।

    श्रीरामचरितमानस के जैसे ही कवितावली में सात काण्ड मौजूद हैं। गीतावली सात काण्डों वाली एक और रचना है जिसमें में श्री रामचन्द्र जी की कृपालुता का अत्यंत भावपूर्ण वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त विनय पत्रिका कृष्ण गीतावली तथा बरवै रामायण, हनुमान बाहुक, रामलला नहछू, जानकी मंगल, रामज्ञा प्रश्न और संकट मोचन जैसी कृत्तियों को रचा जो तुलसीदास जी की छोटी रचनाएँ रहीं। रामचरितमानस के बाद हनुमान चालीसा तुलसीदास जी की अत्यन्त लोकप्रिय साहित्य रचना है।

    जिसे सभी भक्त बहुत भक्ति भाव के साथ गाते और सुनते हैं। तुलसीदास जी ने उस समय में समाज में फैली अनेक कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया अपनी रचनाओं द्वारा उन्होंने विधर्मी बातों, पंथवाद और सामाज में उत्पन्न बुराईयों की आलोचना की उन्होंने साकार उपासना, गो-ब्राह्मण रक्षा, सगुणवाद एवं प्राचीन संस्कृति के सम्मान को उपर उठाने का प्रयास किया वह रामराज्य की परिकल्पना करते थे।

    आज भी भारत के कोने-कोने में रामलीलाओं का मंचन होता है तथा देश के कोने कोने में रामचरित मानस और उनके निर्मित ग्रंथों का पाठ किया जाता है। तुलसीदास जी ने अपना अंतिम समय काशी में व्यतित किया और वहीं विख्यात अस्सी घाट पर 126 वर्ष की अवस्था में संवत् 1680 श्रावण शुक्ल सप्तमी, शनिवार को अपने प्रभु श्रीराम जी के नाम का स्मरण करते हुए तुलसीदास ने अपना शहरी त्याग दिया।

  • मोदी सरकार के अगले विस्तार में नीतीश दो कैबिनेट बर्थ की कर रहे मांग

    नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बार दो मंत्री पदों पर आसीन हैं

  • न्यूज नालंदा – हादसे में जान बचाने के लिए लोगों को टिप्स देगें हड्डी रोग विशेषज्ञ , जानें कार्यक्रम …. –

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    रोहित – 7903735887 

    सड़क हादसों में देश में रोजाना दर्जनों लोगों की मौतें होती हैं। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण 100 में से 78 लोगों की जानें चली जाती हैं। सड़क हादसे में जख्मी की जिंदगी बचाने के लिए पहला घंटा गोल्डेन आवर होता है। इस दौरान बिना समय गंवाए उनका प्राथमिक उपचार कराएं। इसके साथ ही तुरंत अस्पताल पहुंचाएं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देश में सड़क दुर्घटना में मरने वालों में 7.2 फीसद युवा बिहार के ही होते हैं। लोगों की जान बचाने के लिए नालंदा के डेढ़ लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। ताकि, ये समय पर प्राथमिक उपचार कर सकें।

    बिहारशरीफ आईएमए सभागार में बुधवार को बोन एंड ज्वांयट डे मौके पर नालंदा ऑर्थो क्लब के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कुमार सिंह, सचिव डॉ. चंदेश्वर प्रसाद, उपाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार व डॉ. कुमार अमरदीप नारायण ने बताया कि नौवीं से 12वीं के छात्रों को भी इस हालात में मिलने वाली प्राथमिक उपचार की जानकारी दी जाएगी। उन्हें इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस, पुलिस, एम्बुलेंस चालक, सामान्य वाहन चालक व आमजनों के बीच बुनियादी जीवन रक्षा संबंधित सारी जानकारी दी जाएगी। इससे जख्मी को गोल्डेन आवर में ही उपचार मिल सकेगा।

    7 तक कैंप लगाकर की जाएगी बीएमडी जांच:
    सात अगस्त तक सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा। इस दौरान आईएमए में कैंप लगाकर लोगों की बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट (बीएमडी) की निशुल्क जांच की जाएगी। साथ ही, सुरक्षा के लिए उन्हें जागरूक किया जाएगा। गुरुवार को सुबह में साइकिल रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।




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  • न्यूज नालंदा – ट्रेन हादसा के बाद सेल्फी लेना युवक को पड़ा महंगा , गयी जान, एक की हालत गंभीर… –

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    राज – 7903735887 

    इसलामपुर-फतुहा रेल खंड पर एकंगरसराय रेलवे स्टेशन के समीप बुधवार को झारखंड से कोयला लेकर पटना की ओर जा रही माल गाड़ी की 9 बोगियां बेपटरी होकर पलट गई। घटना के बाद मौके पर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई। कोई ट्रेन की फोटो तो कोई सेल्फी ले रहा था।

    सेल्फी लेने के चक्कर में दो किशोर बॉगी पर चढ़ गया। उसी दौरान दोनों का हाथ हाई-टेंशन तार से जा टकराया। जिससे दोनों झुलसकर बॉगी के कोयला पर गिए गए। ग्रामीणों ने किसी तरह दोनों को नीचे उतारा। हालांकि, तब तक एक किशोर की मौत हो चुकी थी। मृतक कोशियावां बाजार निवासी राजेंद्र हलवाई का 16 वर्षीय पुत्र सूरज कुमार है। जख्मी गड़ेरिया बिगहा निवासी मनोज उर्फ नीलू के पुत्र छोटू को इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया है। जिसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। मौत के बाद गांव में परिवार की चीख पुकार गूंजने लगी।




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  • न्यूज नालंदा – तेज आवाज के साथ मालगाड़ी के 9 डब्बे हुए बेपटरी , मची अफरा तफरी  –

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    सूरज – 7903735887 

    फतुहा-इसलामपुर रेल खंड पर एकंगरसराय रेलवे स्टेशन के समीप बुधवार को झारखंड से कोयला लोडकर दनियावां जा रही मालगाड़ी की 9 बोगियां बेटरी होकर पलट गई। बाेगियों के बेपटरी होने पर तेज आवाज हुई। जिससे ग्रामीण डर गए। चालक को घटना का पता नहीं चला। कुछ दूर जाने के बाद चालक को घटना की भनक तब इंजन में ब्रेक लगाया गया। घटना के बाद मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। सभी बोगी में कोयला लोड है। घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंच गई। चालक व गार्ड गाड़ी छोड़ फरार हो गया। घटना का कारण पटरी का धंसना बताया जा रहा है।

    प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों ने बताया कि मालगाड़ी फतुहा की ओर जा रही थी। उसी दौरान एकाएक तेज आवाज हुई। जिससे उनलोगों का ध्यान ट्रेन की ओर गया। ट्रेन की नौ बोगियां पटरी से उतरकर पलट गई। कुछ बॉगियों के साथ इंजन आगं बढ़ता जा रहा था। कुछ आगे जाने पर चालक ने इंजन में ब्रेक लगाया। झारखंड से कोयल लोडकर मालगाड़ी दनियावां की ओर जा रही थी। घटना के बाद कोई भी रेल अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। रेल खंड पर यातयात बाधित हो गई है। थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि मौके पर सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है।




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  • न्यूज नालंदा –  करंट से मौत का सिलसिला जारी , दो की मौत , जानें घटना …..  –

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    राज – 7903735887 

    औंगारी थाना क्षेत्र के खेदु बिगहा गांव में मंगलवार की शाम करंट से किसान की जान चली गयी। मृतक रामजी यादव का 44 वर्षीय पुत्र निवास यादव है। परिजन ने बताया कि वह खेत पटाने के लिए जा रहा था। तभी वह ट्रांसफार्मर में लगे स्टेक के सम्पर्क में आकर करंट का शिकार हो गया। जबतक लोगों को घटना की जानकारी उसकी मौत हो चुकी थी। थानाध्यक्ष ने बताया कि करंट से मौत की बात बतायी गयी है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया है।

    तेल्हाड़ा में करंट से किसान की मौत

    तेल्हाड़ा थाना क्षेत्र के मनोहर बिगहा गांव में बुधवार को करंट से किसान की मौत हो गयी। वह खेत की ओर जा रहे थे। उसी दौरान जमीन पर गिरे बिजली के तार के सम्पर्क में आ गये। मृतक की पहचान 60 वर्षीय ब्रह्मदेव यादव के रूप में की गयी है। ग्रामीण बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।

    परिजन ने बताया कि सुबह में वह खेत देखने जा रहे थे। रास्ते में पहले से ही बिजली का तार टूटकर गिरा था। उसके सम्पर्क में आकर किसान की मौके पर ही मौत हो गयी। हालांकि, लोग उन्हें अस्पताल लेकर गये। वहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। ग्रामीण बिजली विभाग से मुआवजा दिये जाने की मांग कर रहे थे। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया है।




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