Category: Bihar News

  • न्यूज नालंदा – मासूम के गले में दो दिनों से अटका सिक्का, जान पर बनी आफत  …. –

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    राज – 7903735887 

    नालंदा की एक बच्ची पिछले 2 दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है । खेलने के दौरान गलती से 2 का सिक्का निगल गयी । जिसके बाद से उसे बोलने व अन्य परेशानियां हो रही है। हालत बिगड़ने पर मंगलवार को परिजन उसे इलाज के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल लाए । जहां डॉक्टर ने एक्सरे करवाया । आप भी एक्सरे में साफ तौर पर देख सकते हैं कि सिक्का बच्चे के गले के बीचो-बीच किस तरह अटका हुआ ।

    पीड़ित बच्ची नूरसराय थाना इलाके के एक कखड़िया गांव निवासी अजय शर्मा की 7 वर्षीय बच्ची प्रियंका कुमारी है । पिता अजय शर्मा ने बताया कि 1 अगस्त को उनकी बच्ची खेलने के दौरान गलती से दो का सिक्का निगल ली थी। पहले दिन तो बच्ची ने कुछ नहीं बताया । जब खाने और सांस लेने में उसे तकलीफ होने लगी तब हुआ अपनी मां को सारी बात बताई। उसके बाद उसे आज इलाज के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल लाया गया।।

    सदर अस्पताल के सर्जन डॉ राजशेखर ने बताया कि एक्सरे में सांस की नली में सिक्का साफ तौर पर दिख रहा है । यहां बेहतर व्यवस्था नहीं होने के कारण मेडिकल कॉलेज पावापुरी रेफर किया गया है । धीरे धीरे बच्ची की हालत बिगड़ रही है उसे जल्द ऑपरेशन कर सिक्का नहीं निकाला गया तो जान भी जा सकती हैं।




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  • न्यूज नालंदा – बड़े को बचाने में छोटे भाई ने गंवाई जान, जानें घटना… –

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    सूरज – 7903735887 

    बड़े को बचाने में छोटे भाई ने करंट से अपनी जान गंवा दी। घटना इस्लामुर थाना क्षेत्र के अमरूदिया बिगहा गांव में मंगलवार को हुई। घटना में बड़ा भाई जख्मी हो गया। मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने मुआवजा की मांग करते हुए पटना-गया मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया। मृतक रामस्वरूप यादव का 21 वर्षीय पुत्र सुरेंद्र यादव है। जख्मी बड़ा भाई सच्चू यादव का इलाज निजी क्लिनिक में कराया जा रहा है।

    बिजली पोल के स्ट्रैक से सरकारी नल में करंट आ रहा था। बड़ा भाई नल पर हाथ-पैर धो रहा था। उसी दौरान वह करंट के संपर्क में आकर नल में सट गया। छोटा भाई बड़े भाई को बचाने दौड़ा। किसी तरह बड़े को बचाकर छोटे ने अपनी जान गंवा दी।

    हंगामा की सूचना पाकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर आ गए। आक्रोशितों को प्रावधान के तहत मुआवजा का आश्वासन दे, शांत कराया गया। तब करीब घंटे भर बाद मार्ग पर यातायात सुचारू हुआ। पुलिस शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाई। मृतक ट्रैक्टर चलाकर पत्नी व तीन बच्चों की परवरिश कर रहा था। थानाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार के हवाले कर दिया गया।




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  • राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की 136 वीं जयंती पर विशेष

    राकेश बिहारी शर्मा – हिन्दी साहित्य में गद्य को चरम तक पहुचाने में जहां प्रेमचंद्र का विशेष योगदान माना जाता है वहीं पद्य और कविता में राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त को सबसे आगे माना जाता है। अपनी कविताओं से मैथिलीशरण गुप्त ने कविता के क्षेत्र में अतुल्य सहयोग दिया है। हिन्दी साहित्य के इतिहास में मैथिलीशरण गुप्त खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं। राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त की 3 अगस्त को जयंती है। उनकी कृति भारत-भारती भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय में काफी प्रभावशाली सिद्ध हुई थी और और इसी कारण महात्मा गांधी ने उन्हें ‘राष्ट्रकवि’ की पदवी भी दी थी। उनकी जयंती 3 अगस्त को हर वर्ष ‘कवि दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

    मैथिलीशरण गुप्त का जीवन परिचय और शिक्षा

    हिन्दी साहित्याकाश के दैदीप्यमान नक्षत्रों में से एक राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का जन्म झांसी के एक भारतीय संस्कारों से परिपूर्ण काव्यानुरागी एवं एक प्रतिष्ठित वैश्य परिवार में 3 अगस्त 1886 को पिता सेठ रामचरण गुप्त और माता काशी बाई की तीसरी संतान के रूप में उत्तर प्रदेश में झांसी के पास चिरगांव में हुआ था। माता और पिता दोनों ही वैष्णव थे। इनके पिता हिन्दी के अच्छे कवि थे। पिता से ही इनको कविता लिखने की प्रेरणा मिली।
    इन्हें काव्य रचना का संस्कार विरासत में मिला। इनके पिता सेठ रामचरण गुप्त जी कनकलता, स्वर्णलता और हेमलता आदि उपनामों से कविता लिखते थे। ‘रहस्य रामायण’ और ‘सीताराम दम्पत्ति’ इनकी प्रमुख रचनाएं हैं। मैथिलीशरण गुप्त को पिता से ‘रामभक्ति’ और अंग्रेजों के प्रति नफरत का संस्कार मिला। विद्यालय में खेलकूद में अधिक ध्यान देने के कारण पढ़ाई अधूरी ही रह गई। घर में ही हिन्दी, बंगला, संस्कृत साहित्य का अध्ययन किया। 12 वर्ष की अवस्था में ब्रजभाषा में कनकलता नाम से कविता रचना आरंभ किया।
    हिंदी साहित्य के प्रखर नक्षत्र, माँ भारती के वरद पुत्र मैथिलीशरण गुप्त की प्रारम्भिक शिक्षा चिरगांव, झांसी के राजकीय विद्यालय में हुई। प्रारंभिक शिक्षा समाप्त करने के उपरान्त गुप्त जी झांसी के मेकडॉनल हाईस्कूल में अंग्रेज़ी पढ़ने के लिए भेजे गए, पर वहां इनका मन न लगा और दो वर्ष बाद ही घर पर इनकी शिक्षा का प्रबंध किया, लेकिन पढ़ने की अपेक्षा इन्हें चकई फिराना और पतंग उड़ाना अधिक पसंद था। फिर भी इन्होंने घर पर ही संस्कृत, हिन्दी तथा बांग्ला साहित्य का व्यापक अध्ययन किया। इन्हें ‘आल्हा’ पढ़ने में भी बहुत आनंद आता था।

    मैथिलीशरण गुप्त का राजनैतिक सफर

    वह ऐसे कवि थे, जिनकी कविताओं से हर निराश मन को प्ररेणा मिल जाती थी. कविता की दुनिया के सरताज मैथलीशरण गुप्त को राष्ट्रकवि के नाम से भी जाना जाता है। 16 अप्रैल 1941 को वे व्यक्तिगत सत्याग्रह में भाग लेने के कारण गिरफ्तार कर लिए गए। पहले उन्हें झांसी और फिर आगरा जेल ले जाया गया। आरोप सिद्ध न होने के कारण उन्हें सात महीने बाद छोड़ दिया गया। सन 1948 में आगरा विश्वविद्यालय से उन्हें डी.लिट. की उपाधि से सम्मानित किया गया। 1952-1964 तक राज्यसभा के सदस्य मनोनीत हुए। सन 1953 ई. में भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद ने सन 1962 ई. में अभिनंदन ग्रंथ भेंट किया और हिंदू विश्वविद्यालय के द्वारा डी.लिट. से सम्मानित किया गया। वह वहां मानद प्रोफेसर के रूप में नियुक्त भी हुए थे। 1954 में साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। चिरगांव में उन्होंने 1911 में साहित्य सदन नाम से स्वयं की प्रेस शुरू की और झांसी में 1954-55 में मानस-मुद्रण की स्थापना की।

    मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएँ

    मैथिलीशरण गुप्त जी के काव्य में राष्ट्रीयता और गांधीवाद की प्रधानता है। इसमें भारत के गौरवमय अतीत के इतिहास और भारतीय संस्कृति की महत्ता का ओजपूर्ण प्रतिपादन है। आपने अपने काव्य में पारिवारिक जीवन को भी यथोचित महत्ता प्रदान की है और नारी मात्र को विशेष महत्व प्रदान किया है। मैथिलीशरण स्वभाव से ही लोकसंग्रही कवि थे और अपने युग की समस्याओं के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील रहे। उनका काव्य एक ओर वैष्णव भावना से परिपूर्ण था, तो साथ ही जागरण व सुधार युग की राष्ट्रीय नैतिक चेतना से अनुप्राणित भी था। लाला लाजपतराय, बाल गंगाधर तिलक, विपिनचंद्र पाल, गणेश शंकर विद्यार्थी और मदनमोहन मालवीय उनके आदर्श रहे। अपने कवि जीवन में गुप्त ने कई विशिष्ट काव्य रचनाएं की. “साकेत” आधुनिक युग का एक अति प्रसिद्ध महाकाव्य है।
    गुप्त जी कबीर दास के भक्त थे। पं महावीर प्रसाद दद्विवेदी जी की प्रेरणा से आपने खड़ी बोली को अपनी रचनाओं का माध्यम बनाया। मैथिलीशरण गुप्त की कविताओं से हर निराश मन को एक प्रेरणा मिल जाती थी. हिन्दी साहित्य के इतिहास में वे खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं। उन्हें साहित्य जगत में ‘दद्दा’ नाम से सम्बोधित किया जाता था। उन्होंने लगभग 40 ग्रंथ रचे तथा खड़ी बोली को सरल प्रवाहमय और सशक्त बनाया। इनकी मुख्य काव्य-कृतियां हैं-
    महाकाव्य :- साकेत, यशोधरा। खण्डकाव्य :- जयद्रथ वध, भारत-भारती, पंचवटी, द्वापर, सिद्धराज, नहुष, अंजलि और अर्घ्य, अजित, अर्जन और विसर्जन, काबा और कर्बला, किसान, कुणाल गीत, गुरु तेग बहादुर, गुरुकुल, जय भारत, युद्ध, झंकार, पृथ्वीपुत्र, वक संहार, शकुंतला, विश्व वेदना, राजा प्रजा, विष्णुप्रिया, उर्मिला, लीला, प्रदक्षिणा, दिवोदास, भूमि-भाग।
    नाटक :- रंग में भंग, राजा-प्रजा, वन वैभव, विकट भट, विरहिणी, वैतालिक, शक्ति, सैरन्ध्री, स्वदेश संगीत, हिड़िम्बा, हिन्दू, चंद्रहास लिखे ।

    मैथिलीशरण गुप्त की भक्ति भावना

    गुप्त जी परम वैष्णव थे। राम के अनन्य होते हुए भी वे सब धर्मों तथा सम्प्रदायों के प्रति आदर भाव रखते है। तुलसी के बाद रामभकत कवियों में इन्हीं का स्थान है। सभी अवतारों में विश्वास तथा श्रद्धा रखते हुए भी भगवान्‌ का रामरूप ही उन्हें अधिक प्रिय रहा है। भक्ति के साथ दैन्य-भाव भी इनके काव्य में पाया जाता है। तुलसी जैसी रामभक्ति की अनन्यता गुप्त जी के काव्य में देखी जा सकती है।

    मैथिलीशरण गुप्त की भारतीय सभ्यता,संस्कृति व नारी सम्मान

    मैथिलीशरण गुप्त जी भारतीय सभ्यता व संस्कृति के परमभक्त थे, लेकिन वे अन्धभक्त नहीं थे और साथ ही अन्य धर्मों के प्रति वे न केवल सहिष्णु और उदार थे, बल्कि उनके गुण ग्रहण करने में भी वे संकोच नहीं करते थे। भारतीय संस्कृति में नारी का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण तथा सम्मानप्रदक स्थान रहा है और गुप्तजी ने नारी के अनेक व विविध प्रकार के चरित्र अपने काव्यों में उपस्थित किए हैं। हम कह सकते हैं कि नारी के इतने अधिक तथा विभिन्नतापूर्ण चरित्र किसी अन्य हिन्दी कवि ने प्रस्तुत नहीं किये। सीता, उर्मिला, यशोधरा, विष्णुप्रिया आदि उनके नारी पात्र इतने महान हैं कि उनकी तुलना में किसी भी अन्य कवि के पात्रों को नहीं रखा जा सकता। अबला जीवन से गुप्तजी को गहरी सहानुभूति है। उसे उन्होंने ने इस प्रकार व्यक्त किया है-

    अबला जीवन हाय, तुम्हारी यही कहानी।
    आंचल में है दूध और आंखों में पानी ।।

    अंतिम दिनों में मैथिलीशरण गुप्त जी कुछ अस्वस्थ भी रहने लगे थे, लेकिन वे अपने साहित्य-कर्म से कभी विमुख न हुए। इस प्रकार कर्ममय जीवन व्यतीत करते हुए 12 दिसंबर, 1964 को चिरगांव में ही राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का देहावसान हो गया। हिंदी साहित्य ने अपने एक महान साहित्यकार को खो दिया। परन्तु गुप्त जी अपनी बेमिसाल रचनाओं के माध्यम से आज भी हम साहित्य-प्रेमियों के दिलों में अमरत्व को प्राप्त किये हुए हैं।
    आज जब हम भारत को पुनः ‘विश्वगुरु’ तथा ‘सोने की चिड़िया’ के रूप में देखने के लिये प्रयत्नशील है, तब गुप्तजी के अवदान हमारी शक्ति बन रहे हैं। यही कारण है कि अनेक संकटों एवं हमलों के बावजूद हम आगे बढ़ रहे हैं। ‘कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी’-आज भारत की ज्ञान-संपदा नई तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक-स्पर्धा का विषय है। लड़खड़ाते वैश्विक आर्थिक संकट में भारत की स्थिति बेहतर है। नयी सदी के इस परिदृश्य में, नयी पीढ़ी को देश के नवनिर्माण के सापेक्ष अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी है। जब तक नैराश्य से निकलकर आशा और उल्लास की किरण देखने का मन है, आतंकवाद के मुकाबले के लिए निर्भय होकर अडिग मार्ग चुनना है, कृषकों-श्रमिकों सहित सर्वसमाज के समन्वय से देश को वैभव के शिखर पर प्रतिष्ठित करने का स्वप्न है, तब तक गुप्तजी का साहित्य प्रासंगिक है और रहेगा।

  • न्यूज नालंदा – बिजली-पानी के अभाव में फूटा ग्रामीणों का आक्रोश, एनएच जामकर किया हंगामा… –

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    रोहित – 7903735887 

    पावापुरी ओपी क्षेत्र के बकरा गांव के पास सोमवार को ग्रामीणों ने बिजली पानी की मांग को लेकर निर्माणाधीन बख्तियारपुर रजौली फोरलेन एन एच-20 को जाम कर दिया। जिससे सड़क के दोनों छोर पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई।

    दरअसल कुछ दिन पूर्व जोरदार बारिश में गांव का ट्रांसफार्मर और बिजली का तार जमीन पर गिर गया था। जिसके कारण गांव में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। इसके बाद से लगातार लोगों को बिजली सप्लाई नहीं रहने के कारण शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। जिसके बाद आज अचानक ग्रामीणों में गुस्सा पनपा और वे सड़क पर प्रशासन और बिजली विभाग के विरुद्ध उतर आए और जाम लगा दिया।

    सड़क जाम की सूचना पर पहुंची पुलिस और स्थानीय अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। पावापुरी ओपी प्रभारी ने बताया कि ग्रामीणों को बिजली मरम्मत्ति सम्बन्धित आश्वासन देकर जाम को हटाया गया है।




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  • न्यूज नालंदा – सदर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात तीन होमगार्ड गायब, कार्रवाई नहीं होने से बढ़ा मनोबल … –

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    सौरभ – 7903735887

    सदर अस्पताल में पदस्थापित होमगार्ड के जवान अपनी आदत में सुधार नहीं ला रहे हैं। जब मन करे बिना वर्दी में ड्यूटी करना या न करना, बिना सूचना के गायब रहना इनकी आदत बन गयी है । सोमवार को नगर थानाध्यक्ष ने पोस्टमार्टम के बाद जब होमगार्ड जवानों की खोज किए तो 4 जवानों में तीन गायब मिले जबकि एक बैरक में थे । इससे गुस्साए उन्होंने गायबों की अपसेंटी काटते हुए वरीय पदाधिकारी से शिकायत करने की बात कही।

    चिकित्सकों और कर्मियों का आरोप अक्सर रहते गायब

    सदर अस्पताल में तैनात चिकित्स्कों व् कर्मियों का आरोप है कि कई बार इनके वरीय अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहा गया पर कार्रवाई नहीं होने से इनका मनोबल बढ़ रहा है । खोजने पर भी ये ड्यूटी पर नहीं मिलते है । पूछने पर दो दो घण्टे की शिफ्ट में बांटकर ड्यूटी करने की बात बताते हैं। पर खोजबीन नहीं होने के कारण गायब रहते हैं ।

    6 दिनों तक लावारिस लाश का अंतिम संस्कार नहीं कराने पर हो चुका है शो कॉज

    22 जुलाई को सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आर एन प्रसाद ने लावारिश लाश का  6 दिनों तक अंतिम संस्कार नहीं कराने पर होमगार्ड के जवान अरविंद प्रसाद से शो कॉज करते हुए एसपी से लिखित शिकायत भी की थी । मगर 7 दिन बीत जाने के बाद भी वरीय पदाधिकारी की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

    कई माह से एक ही जगह है तैनात

    सदर अस्पताल में तैनात होमगार्ड के जवान रामगुलाम, नरेश प्रसाद, अरविंद और जवाहर प्रसाद हैं। पूछे जाने पर रामगुलाम प्रसाद ने बताया कि यहां से हटा भी दिया जाएगा तो कोई परवाह नहीं हैं।

    डीएस ने कहा पूर्व में भी की गई है शिकायत

    सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आर एन प्रसाद ने कहा कि बिना वर्दी और ड्यूटी से गायब रहने समेत अन्य लापरवाही को लेकर एसपी से शिकायत की गई है । ऐसे जवानों के कारण स्वास्थ्य विभाग को बदनामी का दंश झेलना पड़ता है ।

    कहते हैं अधिकारी

    होमगार्ड के समादेष्टा मो फैज आलम ने बताया कि जवानों ड्यूटी सदर अस्पताल में लगायी गयी है जहाँ हर पल तत्पर रहना जरूरी है । ड्यूटी से गायब रहने या लापरवाही बरतने पर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी ।

     




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  • न्यूज नालंदा – अस्पताल के लिए शरीर पर पेट्रोल छिड़क आत्मदाह का प्रयास… –

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    सूरज – 7903735887 

    परवलपुर प्रखंड के सोनचरी गांव में निर्मित हो रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मामला दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है । परवलपुर प्रखंड में अस्पताल बनाने की मांग को लेकर पूर्व की घोषणा के तहत समाजसेवी रामकली देवी के नेतृत्व में 5 लोग सोमवार को आत्मदाह करने प्रखंड कार्यालय पहुंचे । जहां सभी ने भारी भीड़ के बीच में अपने ऊपर पेट्रोल छिड़कर लाग लगाने की कोशिश की जिससे कुछ देर के लिए अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया । मौके पर मौजूद हिलसा एसडीओ विधि व्यवस्था डीएसपी, बीडीओ व अन्य अधिकारियों के परबलपुर में अस्पताल बनाने का लिखित आश्वासन मिलने के बाद इनलोगों ने आत्मदाह को रोक दिया । इस दौरान प्रखंड कार्यालय परिसर में तिल रखने की भी जगह नहीं थी । भारी संख्या में पहुंचे लोग परवलपुर प्रखंड मुख्यालय में ही अस्पताल बनाने की मांग पर अड़े दिखे । इस मौके पर समाजसेवी रामकली देवी ने बताया कि प्रखंड मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर सोंचरी गांव में 7 करोड़ की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है । जिससे दर्जनों गांव के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ जाएगा ।

    वहीं दूसरी ओर सोंचरी गांव में अस्पताल बनाने की मांग को लेकर दूसरे पक्ष के लोग भी अड़े हुए हैं । दूसरे पक्ष के लोगों ने डीएम से मुलाकात कर सोनचरी में ही अस्पताल बनाने की मैग की | लोगों का आरोप है कि जब 75 डिसमिल जमीन अस्पताल के लिए उपलब्ध करा दिया गया । किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं होने पर इसके निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी । इसके बाद एक पक्ष के लोग जबरन अब प्रखंड मुख्यालय के समीप अस्पताल बनाने की मांग कर रहे हैं। अगर वे लोग आंदोलन के मूड में है तो हम लोग भी आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं ।

    हिलसा के अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर तत्काल लोगों को लिखित आश्वासन दिया गया है । आगे जिस तरह से मार्गदर्शन मिलेगा उस तरह के कार्य किए जाएंगे ।




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  • न्यूज नालंदा – युवक के सीने में दाग दी गोली, जानें वारदात… –

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    राज – 7903735887 

    मानपुर थाना इलाके के अलौदीया गांव में जमीनी विवाद में युवक सीने में गोली मार दी । जख्मी गजेंद्र सिंह उर्फ गाजो को बेहतर इलाज के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल से विम्स रेफर किया गया । जहां प्राथमिक उपचार के पटना में इलाज चल रहा है । जख्मी की मानें तो उसके चचेरे भाई छोटे सिंह से जमीनी विवाद चल रहा था । इसी विवाद में सोमवार की देर रात कहासुनी हुई और उसके ऊपर गोली चला दी , गोली उसके सीने में लग गयी । थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि भूमि विवाद में गोली मारने की बात बताई जा रही है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस गांव में छापेमारी कर रही है ।




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  • न्यूज नालंदा – यूपी निवासी ई रिक्शा चालक की मौत, हत्या आरोप… –

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    सूरज – 7903735887 

    बिहार थाना क्षेत्र के छज्जू मोहल्ला में रविवार की रात संदिग्ध हालत में ई-रिक्शा चालक की मौत हो गयी। मृतक की पहचान यूपी के अमरोहा निवासी गुलाम मोहम्मद के 49 वर्षीय पुत्र मो. वशीर के रूप में की गयी है। वह छज्जू मोहल्ला में किराये पर रहता था और ई-रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करता था।

    परिजन ने बताया कि वह दो साल से बिहारशरीफ में रह रहा था। रविवार की रात ई-रिक्शा पर नईसराय से दो लोगों को बिठाकर अपने घर लौट रहा था। कुछ देर बाद मोहल्ले में शोर हुआ कि वह रिक्शा के पास गिरा पड़ा है। स्थानीय लोगों ने देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। हाथ टूटा हुआ था। सिर पर भी जख्म थे। पास में ही ई-रिक्शा खड़ी थी। परिजन का आरोप है कि किराये को लेकर उसका गैरेज मालिक से विवाद चल रहा था। इसी विवाद में पीटकर उसकी हत्या कर दी गयी। थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण पता चलेगा। लिखित शिकायत मिलने पर एफआईआर की जाएगी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

     




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  • न्यूज नालंदा – विधवा बहू की हत्या, जानें वारदात…

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    सूरज – 7903735887

    दो बच्चों की मां विधवा बहू की हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। घटना परबलपुर थाना क्षेत्र के रामचंद्रपुर गांव में शनिवार को हुई। मृतक स्व. धीरू सिंह की 28 वर्षीया पत्नी पंचम देवी उर्फ वंदना है। ससुराली परिवार घटना को फांसी लगाकर खुदकुशी व मायके के परिजन गला दबाकर हत्या बता रहे हैं। खबर पाकर गांव पहुंची पुलिस शव काे कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाई। मृतका को दो पुत्र है।
    बिहार थाना क्षेत्र के बैगनाबाद निवासी मृतका के भाई भरत कुमार ने बताया कि 2016 में बहन की शादी हुई थी। चार साल बाद कैंसर से पति की मौत हो गई। पति की मौत के बाद ससुराली परिवार रुपए के लिए बहन को प्रताड़ित कर रहा था। मांग पूरी नहीं होने पर बहन की गला दबाकर हत्या कर दी गई। थानाध्यक्ष रमन कुमार वशिष्ट ने बताया कि लिखित शिकायत मिलने पर केस दर्ज किया जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार के हवाले कर दिया गया।

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  • अस्पताल चौक शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ पुतला दहन

    अस्पताल चौक बिहारशरीफ में शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ पुतला दहन
    उपयूक्त विषयक के अनुसार कहना है कि नालंदा जिला के शिक्षा विभाग के कार्यलय में जिला शिक्षा पदाधिकारी के मिलीभगत से स्वत्रंत शिक्षण संस्थान के माफिया द्वारा..R.T.I. के तहत नामित वच्चों की गलत सूची के आधार पर सरकारी राशि का वंदरवाट किया जा रहा है।जिसकी जांच निगरानी विभाग से करानें हेतू पुतला दहन अस्पताल चौक बिहारशरीफ समय..2–30-वजें दिनांक-05/08/2022,को आयोजन किया जाएगा
    राजकुमार पासवान अध्यक्ष-राष्ट्रवादी कांग्रेंस पार्टी नालंदा।