Category: Bihar News

  • न्यूज नालंदा – शीतला मंदिर से चोरी करने वाला बदमाश गिरफ्तार… –

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    राज – 7903735887 

    दीपनगर थाना अंतर्गत मघड़ा गांव के चर्चित शीतला मंदिर से शनिवार की अल सुबह बदमाश ने दान पेटी की चोरी कर ली। बदमाश की करतूत मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। जिसके आधार पर पुलिस ने दो घंटे के अंदर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। चोरी करने वाला आरोपी बाहर का नहीं, बल्कि गांव का निकला। गिरफ्तार आरोपित पवन सिंह का पुत्र अशोक सिंह है। उसके पास से चोरी का 13500 रुपया बरामद हुआ।

    थानाध्यक्ष मो. मुश्ताक अहमद ने बताया कि घटना की सूचना के दो घंटे के अंदर बदमाश को पकड़ा गया। सीसीटीवी फुटेज में चोर की करतूत कैद हो गई थी। जिसके आधार पर पकड़ा गया। इसी तरह विजय नगर गांव से 11 लीटर शराब के साथ दो महिलाओं को पकड़ा गया।




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  • श्रवन कुमार मंत्री, बालू माफियाओं जिनके ऊपर थाने में केस दर्ज है एवम्

    छह महीने पहले परवलपुर प्रखंड में सामूहिक अस्पताल निर्माण को लेकर एक योजना आयी। सामूहिक अस्पताल निर्माण के लिए 76 डिसमिल जमीन की जरूरत थी। जिला प्रशासन एवं अंचलाधिकारी महोदय सहित सभी वरीय पदाधिकारियों द्वारा जमीन कि खोजबीन शुरू की गई मगर प्रखंड मुख्यालय में जमीन उपलब्ध नहीं हो सका उसके बाद पास के गांवों में भी जमीन की खोजबीन शुरू की गई। अंततः जमीन की उपलब्धता प्रखंड मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर सोनचरी में हुई। जिसके बाद जिला कलेक्टर सहित सभी वरीय पदाधिकारियों द्वारा अस्पताल निर्माण के लिए एन ओ सी दिया गया और टेंडर हुआ। हॉस्पिटल निर्माण का कार्य 10% कर दिया गया जिसके बाद कुछ असमाजिक तत्वों, बालू माफिया जिनके ऊपर थाने में केस दर्ज है एवम् श्रवण कुमार मंत्री द्वारा अस्पताल निर्माण कार्य को रोक दिया गया। मंत्री महोदय द्वारा झूठ बोल कर जिला कलेक्टर को पत्र लिखा गया कि जहां अस्पताल निर्माण कार्य चल रहा है उसका दूरी प्रखंड मुख्यालय से 10-11 किलोमीटर है और कार्य को रोक दिया गया जबकि पथ परिवहन के बोर्ड पर दूरी साफ तौर पर 4 किलोमीटर दिखाया गया है। इसलिए पूरे परवलपुर प्रखंड वासियों की ओर से सड़क जाम, प्रखंड बंदी और धरना प्रदर्शन किया गया। प्रखंड वासियों का कहना है कि सोनचरी जहां सामूहिक अस्पताल निर्माण कार्य चल रहा है वह बिल्कुल प्रखंड का केंद्र बिंदु है और साथ ही वहां चारों तरह से सड़क की सुविधा है जिससे लोगों को आने जाने में भी सहूलियत होगी और केवल एक मंत्री के और असमाजिक तत्वों एवम् बालू माफियाओं के मनमानेपन के कारण अस्पताल निर्माण को रोकना जायज़ नहीं। आज बंद के दौरान लोगों द्वारा श्रवन कुमार मंत्री मुर्दाबाद, श्रवन कुमार चोर है जैसा नारा भी लगाया गया साथ में यह भी कहा गया कि यह सारा कृत्य केवल इसलिए किया गया क्यूंकि इन्हें अपने हिस्से का कमिशन नहीं दिया गया है । प्रखंड वासियों का कहना है कि अस्पताल निर्माण कार्य प्रारम्भ काफी सोच विचार कर जब किया गया तब अब उसपर कुछ असमाजिक तत्वों, बालू माफिया जिनके ऊपर थाने में केस दर्ज है एवम् श्रवण कुमार मंत्री के विरोध करने मात्र से क्यूं बंद किया गया और जब उन्हें कोई समस्या नहीं तो फिर किसी मंत्री को असमाजिक तत्वों और बालू माफिया जिनके ऊपर थाने में केस भी दर्ज है उन्हें क्यूं दिक्कत है केवल इसलिए कि उनको कमिशन नहीं मिला।
    प्रखंड वासियों द्वारा यह मांग भी किया गया है कि अगर अस्पताल निर्माण का कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ नहीं किया जाएगा तब आंदोलन लगातार होता रहेगा।

  • डिजिटल लाइब्रेरी पर नालंदा कॉलेज में व्याख्यान:

    नालंदा कॉलेज का आईक्यूएसी एवं केंद्रीय पुस्तकालय ने संयुक्य रूप से “डिजिटल लाइब्रेरी का प्रबंधन: अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण संस्थान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादुन के प्रधान लाइब्रेरीयन एवं सूचना अधिकारी डॉ ए. के. सुमन ने शिरकत करते हुए अपनी पीपीटी प्रस्तुतिकरन के माध्यम से वर्तमान समय में डिजिटल लाइब्रेरी की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की डिजिटल लाइब्ररी एक ऐसी लाइब्ररी होती है जिसमे डिजिटल और इलेक्ट्रोनिक प्रारूप में डाटा को स्टोर किया जाता है और कंप्यूटर या किसी इलेक्ट्रोनिक उपकरण के द्वारा इस डाटा को एक्सेस किया जा सकता है. डॉ सुमन ने कहा की डिजिटल लाइब्ररी में लोगो को यूजफुल इनफार्मेशन और नॉलेज को मल्टीमीडिया डाटा में सूचना प्रबंधन के तरीकों का उपयोग करके दिया जाता है. प्राचार्य डॉ राम कृष्ण परमहंस ने अध्यक्षता करते हुए कहा की इसमें देश के सभी दुर्लभ साहित्यों व प्रलेखों को सुरक्षित रखा जाता है।डिजिटल लाइब्रेरी पर नालंदा कॉलेज में व्याख्यान:

    हमारा देश बहुत तेजी से डिजिटल इंडिया बनते जा रहा है इसलिए आज युवाओं के लिए जरूरी है की नई तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। आईक्यूएसी के समन्वयक डॉ बिनीत लाल डिजिटल लाइब्रेरी के लाभ के बारे में बताते हुए कहा की एक ही रिसोर्स को एक ही समय में कई यूजर्स उपयोग कर सकते हैं, इसे किसी भी समय एक्सेस किया जा सकता है, इसका यूज करने के लिए यूजर को लाइब्ररी जाने की जरूरत नही होती है आदि। पुस्तकालय के असिस्टेंट लाइब्रेरीयन डॉ अंजनि कुमार ने कहा की कोरोना काल ने अनेक अवसर उपलब्ध कराये हैं और आज के समय में बढ़ती टेक्नोलॉजी के कारण डिजिटल लाइब्रेरी को एक विशेष दर्जा मिला है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विभाग के समन्वयक डॉ श्याम सुंदर प्रसाद ने वक्ता एवं उपस्थित सभी लोगों का आभार जताया। कार्यक्रम में शिक्षक संघ के सचिव एवं इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रतनेश अमन, कॉलेज के शिक्षक डॉ सुमित कुमार, प्रो संजय कुमार, प्रो सरवर अली, कुसुमलता एवं अर्चना कुमारी ने भी शिरकत की।

  • कार्यकर्म तहत जन सभा एवं वृक्षारोपण साथ में पर्यटन स्थल का भ्रमण

    दो दिवसीय राजकीय प्रवास कार्यक्रम के तहत आज दूसरे दिन173 राजगीर विधानसभा क्षेत्र में दूसरे दिन प्रवास कार्यकर्म तहत जन सभा एवं वृक्षारोपण साथ में पर्यटन स्थल का भ्रमण किया गया ग्राम घोषरामा, दुर्गापुर ,पावापुरी , तुगी,एवं कूल ग्राम मैं किए सम्मानित जनता जनार्दन भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं से आए हुए प्रवासी नेताजी को मिला ने का काम किया गया ,इस मौके डॉ प्रशांत कोराट -प्रदेश अध्यक्ष भाजयुमो गुजरात ,रामसागर सिंह :-जिला अध्यक्ष ,सुधीर कुमार :-जिला उपाध्यक्ष भाजपा

    कार्यकर्म तहत जन सभा एवं वृक्षारोपण साथ में पर्यटन स्थल का भ्रमण  कार्यकर्म तहत जन सभा एवं वृक्षारोपण साथ में पर्यटन स्थल का भ्रमण

    श्रवण सिंह -जिला प्रभारी ,धीरज पाठक -जिला अध्यक्ष भाजयुमो
    सोनू कुमार हिन्दू – जिला महामंत्री ,राजाराम पटेल ,उपेंद्र राजवंशी ,छोटेलाल राजवंशी ,गीता जादव ,तेजस्विता राधा ,राजेश्वर सिंह
    ,डॉ संजय रविदास ,नीरज कुमार सीटू
    नवीन सिंह, रणधीर कुमार,गुडु कुमार श्यानकिस्सोर जी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे ।

  • मुंशी प्रेमचंद की 142 वीं जयंती पर विशेष :

    राकेश बिहारी शर्मा – हिन्दी कथा साहित्य में प्रेमचंद जी का नाम सर्वश्रेष्ठ उपन्यासकार एवं कहानीकार के रूप में अग्रगण्य है। युग प्रवर्तक प्रेमचंद ने अपनी रचनाधर्मिता के माध्यम से भारतीय समाज की समस्त स्थितियों का अत्यन्त मनोवैज्ञानिक, यथार्थ चित्रण किया है। उनका सम्पूर्ण साहित्य तत्कालीन भारतीय जनजीवन का महाकाव्य कहा जा सकता है। उनकी रचनाओं में भारतीय किसान की ऋणग्रस्त स्थिति, भारतीय नारियों की जीवन व नियति की ऐसी कथा समाहित है, जो उसकी कारुणिक त्रासदीपूर्ण स्थितियों को अत्यन्त मर्मस्पर्शी एवं संवेदनात्मक स्तर पर चित्रित करती है। पूंजीपतियों और जमींदारों का अमानवीयतापूर्ण क्रूर शोषण व आतंक उनके कथा साहित्य में उनकी भाषा के साथ जीवन्त हो उठता है। तत्कालीन समाज की कुप्रथाओं, कुरीतियों का जो बेबाक एवं सत्यता भरा चित्रण प्रेमचंद की रचनाओं में मिलता है, वह बड़ा मर्मस्पर्शी है। अपनी आदर्शवादी और यथार्थवादी रचनाओं में पराधीनता से मुक्ति का संकल्प भी राष्ट्रीय भावना के साथ व्यक्त होता है।

    प्रेमचंद का जन्म और परिवार

    प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई सन् 1880 को बनारस शहर से चार किलोमीटर दूर लमही गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम अजायब राय और माता आनंदी देवी था। पिताजी डाकखाने में मामूली नौकर के तौर पर 7 रूपये मासिक पाते थे। प्रेमचंद का असली नाम धनपतराय था। जब ये केवल आठ साल के थे तो इनकी माता का स्वर्गवास हो गया तो पिताजी ने दूसरी शादी कर ली जिसके कारण बालक धनपतराय प्रेम व स्नेह को चाहते हुए भी ना पा सका। आपका जीवन गरीबी में ही पला। कहा जाता है कि धनपतराय के घर में भयंकर गरीबी थी। पहनने के लिए कपड़े न होते थे और न ही खाने के लिए पर्याप्त भोजन मिलता था। इन सबके अलावा घर में सौतेली माँ का व्यवहार भी हालत को खस्ता करने वाला था।

    अल्पायु में प्रेमचंद की शादी और पारिवारिक परेशानियाँ

    प्रेमचंद के पिता ने केवल 15 साल की आयू में प्रेमचंद का विवाह करा दिया। पत्नी उम्र में प्रेमचंद से बड़ी और बदसूरत थी। पत्नी की सूरत और उसके जबान ने प्रेमचंद के जले पर नमक का काम किया। प्रेमचंद ने स्वयं लिखा है, “उम्र में वह मुझसे ज्यादा थी। जब मैंने उसकी सूरत देखी तो मेरा खून सूख गया।…….” उसके साथ-साथ जबान की भी मीठी न थी। प्रेमचंद ने अपनी शादी के फैसले पर पिता के बारे में लिखा है “पिताजी ने जीवन के अंतिम सालों में एक ठोकर खाई और स्वयं तो गिरे ही, साथ में मुझे भी डुबो दिया: मेरी शादी बिना सोंचे समझे कर डाली।” हालांकि प्रेमचंद के पिताजी को भी बाद में इसका एहसास हुआ और काफी अफसोस किया।
    विवाह के एक साल बाद ही प्रेमचंद के पिताजी का देहान्त हो गया। अचानक प्रेमचंद के सिर पर पूरे घर का बोझ आ गया। एक साथ पाँच लोगों का खर्चा सहन करना पड़ा। पाँच लोगों में विमाता, उसके दो बच्चे पत्नी और स्वयं। प्रेमचंद की आर्थिक विपत्तियों का अनुमान इस घटना से लगाया जा सकता है कि पैसे के अभाव में उन्हें अपना कोट बेचना पड़ा और पुस्तकें बेचनी पड़ी। एक दिन ऐसी हालत हो गई कि वे अपनी सारी पुस्तकों को लेकर एक बुकसेलर के पास पहुंच गए। वहाँ एक हेडमास्टर मिले जिन्होंने प्रेमचंद को अपने स्कूल में अध्यापक पद पर नियुक्त किया।

    प्रेमचंद की शिक्षा-दीक्षा तंगी और अभाव में

    अपनी गरीबी से लड़ते हुए प्रेमचंद ने अपनी पढ़ाई मैट्रिक तक पहुंचाई। जीवन के आरंभ में प्रेमचंद ने गाँव से दूर बनारस पढ़ने के लिए नंगे पाँव जाया करते थे। इसी बीच पिता का देहान्त हो गया। पढ़ने का शौक था, आगे चलकर वकील बनना चाहते थे। मगर गरीबी ने तोड़ दिया। स्कूल आने-जाने के झंझट से बचने के लिए एक वकील साहब के यहाँ ट्यूशन पकड़ लिया और उसी के घर एक कमरा लेकर रहने लगे। ट्यूशन का पाँच रुपया मिलता था। पाँच रुपये में से तीन रुपये घर वालों को और दो रुपये से अपनी जिन्दगी की गाड़ी को आगे बढ़ाते रहे। इस दो रुपये से क्या होता महीना भर तंगी और अभाव का जीवन बिताते थे। इन्हीं जीवन की प्रतिकूल परिस्थितियों में मैट्रिक पास किया।

    प्रेमचंद की साहित्यिक रुचि और साहित्यिक सफर

    प्रेमचन्द उन साहित्यकारों में से हैं, जो साहित्यकार होने के साथ-साथ स्वतंत्रता सेनानी भी थे। गरीबी, अभाव, शोषण तथा उत्पीड़न जैसी जीवन की प्रतिकूल परिस्थितियाँ भी प्रेमचंद के साहित्य की ओर उनके झुकाव को रोक न सकी। प्रेमचंद जब मिडिल में थे तभी से आपने उपन्यास पढ़ना आरंभ कर दिया था। आपको बचपन से ही उर्दू आती थी। प्रेमचंद पर हिंदी और उर्दू उपन्यास का ऐसा उन्माद छाया कि आप पुस्तक विक्रेता की दुकान पर बैठकर ही सब उपन्यास पढ़ गए। आपने दो-तीन साल के अन्दर ही सैकड़ों उपन्यासों को पढ़ डाला।
    प्रेमचंद ने बचपन में ही उर्दू के समकालीन उपन्यासकार सरुर मोलमा शार, रतन नाथ सरशार आदि के दीवाने हो गये कि जहाँ भी इनकी किताब मिलती उसे पढ़ने का हर संभव प्रयास करते थे। आपकी रुचि इस बात से साफ झलकती है कि एक किताब को पढ़ने के लिए प्रेमचंद ने एक तम्बाकू वाले से दोस्ती करली और उसकी दुकान पर मौजूद “तिलस्मे-होशरुबा” पढ़ डाली। अंग्रेजी के अपने जमाने के मशहूर उपन्यासकार रोनाल्ड की किताबों के उर्दू तरजुमो को आपने काफी कम उम्र में ही पढ़ लिया था। इतनी बड़ी-बड़ी किताबों और उपन्यासकारों को पढ़ने के बावजूद प्रेमचंद ने अपने मार्ग को अपने व्यक्तिगत विषम जीवन अनुभव तक ही सिमित रखा। तेरह वर्ष की उम्र में से ही प्रेमचंद ने लिखना आरंभ कर दिया था। शुरु में प्रेमचंद ने कुछ नाटक लिखे फिर बाद में उर्दू में उपन्यास लिखना आरंभ किया। इस तरह प्रेमचंद का साहित्यिक सफर शुरु हुआ जो मरते दम तक साथ-साथ रहा।

    प्रेमचंद ने की दूसरी शादी

    सन् 1905 में प्रेमचंद की पहली पत्नी पारिवारिक कटुताओं के कारण घर छोड़कर मायके चली गई फिर वह कभी नहीं आई। विच्छेद के बावजूद कुछ सालों तक वह अपनी पहली पत्नी को खर्चा भेजते रहे। सन् 1905 के अन्तिम दिनों में प्रेमचंद ने शीवरानी देवी से शादी कर ली। शीवरानी देवी एक विधवा थी और विधवा के प्रति प्रेमचंद सदा स्नेह के पात्र रहे थे। यह कहा जा सकता है कि दूसरी शादी के पश्चात् प्रेमचंद के जीवन में परिस्थितियां कुछ बदली और आय की आर्थिक तंगी कम हुई। प्रेमचंद के लेखन में अधिक सजगता आई। प्रेमचंद की पदोन्नति हुई तथा प्रेमचंद स्कूलों के डिप्टी इन्सपेक्टर बना दिये गए। इसी खुशहाली के जमाने में प्रेमचंद की पाँच कहानियों का संग्रह सोजे वतन प्रकाश में आया। यह संग्रह काफी मशहूर हुआ।

    प्रेमचंद का रोचक व्यक्तित्व और कृतित्व

    सादा एवं सरल जीवन के मालिक प्रेमचंद सदा मस्त रहते थे। उनके जीवन में विषमताओं और कटुताओं से वह लगातार खेलते रहे। इस खेल को उन्होंने बाजी मान लिया जिसको हमेशा जीतना चाहते थे। अपने जीवन की परेशानियों को लेकर उन्होंने एक बार मुंशी दयानारायण निगम को एक पत्र में लिखा “हमारा काम तो केवल खेलना है- खूब दिल लगाकर खेलना- खूब जी- तोड़ खेलना, अपने को हार से इस तरह बचाना मानों हम दोनों लोकों की संपत्ति खो बैठेंगे। किन्तु हारने के पश्चात्-पटखनी खाने के बाद, धूल झाड़ खड़े हो जाना चाहिए और फिर ताल ठोंक कर विरोधी से कहना चाहिए कि एक बार फिर जैसा कि सूरदास कह गए हैं, “तुम जीते हम हारे। पर फिर लड़ेंगे।” कहा जाता है कि प्रेमचंद हंसोड़ प्रकृति के मालिक थे। विषमताओं भरे जीवन में हंसोड़ होना एक बहादुर का काम है। इससे इस बात को भी समझा जा सकता है कि वह अपूर्व जीवनी-शक्ति का द्योतक थे। सरलता, सौजन्यता और उदारता के वह मूर्ति थे।
    जहां प्रेमचंद के हृदय में मित्रों के लिए उदार भाव था वहीं प्रेमचंद के हृदय में गरीबों एवं पीड़ितों के लिए सहानुभूति का अथाह सागर था। जैसा कि उनकी पत्नी कहती हैं “कि जाड़े के दिनों में चालीस-चालीस रुपये दो बार दिए गए दोनों बार उन्होंने वह रुपये प्रेस के मजदूरों को दे दिये। मेरे नाराज होने पर उन्होंने कहा कि यह कहां का इंसाफ है कि हमारे प्रेस में काम करने वाले मजदूर भूखे हों और हम गरम सूट पहनें।”
    प्रेमचंद उच्चकोटि के मानव थे। प्रेमचंद को गाँव जीवन से अच्छा प्रेम था। वह सदा साधारण गंवई लिबास में रहते थे। जीवन का अधिकांश भाग प्रेमचंद ने गाँव में ही गुजारा। बाहर से बिल्कुल साधारण दिखने वाले प्रेमचंद अन्दर से जीवनी-शक्ति के मालिक थे। अन्दर से जरा सा भी किसी ने देखा तो उसे प्रभावित होना ही था। वह आडम्बर एवं दिखावा से मीलों दूर रहते थे। जीवन में न तो उनको विलास मिला और न ही उनको इसकी तमन्ना थी। तमाम महापुरुषों की तरह अपना काम स्वयं करना पसंद करते थे।

  • भाजपा विधायक सुनील कुमार ने बिजली विभागअधिकारियों को दिखाया आईना

    बिहारशरीफ कुशवाहा धर्मशाला में आयोजित भारतीय जनता पार्टी की बैनर तले भाजपा के 8 साल देश के लिए बेमिसाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में महाराष्ट्र से चल कर राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा की वानती श्रीनिवासन ने शिरकत की। इस दौरान केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में लाभार्थियों से जानकारी ली गई। वही इस कार्यक्रम के पूर्व बीजेपी विधायक डॉ सुनील कुमार ने टाउन हॉल में आयोजित उज्जवल भारत उज्जवल भविष्य कार्यक्रम के दौरान विधायक डॉ सुनील कुमार ने बिजली विभाग के अधिकारियों को खरी खोटी सुनाया।

    भाजपा विधायक सुनील कुमार ने बिजली विभागअधिकारियों  को  दिखाया आईना

    उपभोक्ताओं पर ध्यान देने के बजाय बिजली महोत्सव मनाने की कार्यक्रम को नौटंकी बताया। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग की घोर लापरवाही के कारण ही हमारे जनता दरबार में बिजली विभाग से जुड़े कई समस्याएं आती रहती है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग की लचर व्यवस्था के कारण ही 2 सालों में अब तक पांच लाइनमैन की मौत हो चुकी है। बीजेपी विधायक डॉक्टर सुनील ने बिजली विभाग के अधिकारियों को आगाह किया है कि जल्द से जल्द बिजली विभाग की लचर व्यवस्था ठीक करो नहीं तो 15 दिनों के बाद हमारे द्वारा इसके की समीक्षा की जाएगी। अगर फिर भी हालात नहीं सुधरे तो जनता आप को सुधारने का काम करेंगे बीजेपी विधायक डॉक्टर सुनील ने कहा कि अब बिजली विभाग के अधिकारियों को सुधारने का जिम्मा जनता के हवाले कर दिया है।

  • पूर्णतः संस्कार अभी गावो में जीवित है-भैया अजीत ।

    सृजन द्वारा आयोजित सृजन प्रतिभा खोज 2022 के अंतर्गत प्रतिभाओ को उभारने हेतू आये हुवे नगर पंचायत सिलाव एवम नगर परिषद राजगीर के ब्रांड एम्बेसडर भैया अजीत का मिर्जा बिगहा में बिहार वाटर डेवलपमेंट सोसाइटी, कुर्जी संस्था द्वारा संचालित हमारी पाठशाला के बच्चों एवम मिर्जा बिगहा के ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया।हमारी पाठशाला के बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति कर दिलो को जीता।मौके पर उपस्थित भैया अजित ने बच्चों एवम ग्रामवासियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि पूर्णतः संस्कार अभी गावो में जीवित है और हमारी पूर्वजों का धरोहरों को आप संभाल कर रखें है इसे आप अपने बच्चों में स्थापित करे ।

    पूर्णतः संस्कार अभी गावो में जीवित है-भैया अजीत ।

    भैया अजीत ने कहा कि अब तक मोहनपुर (सोवा बिगहा ), जुवाफर, मिर्जा बिगहा, सूरजपुर, मितमा, गंधुपुर, माधोपुर, रामहरिपिण्ड इत्यादि गावों से तीन सौ बीस (320) बच्चों में से लगभग 50 – 60 बच्चों का चयन किया गया है जिसका प्रतियोगिता कल होगी जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।सृजन प्रतिभा खोज 2022 के प्रथम चरण के निर्णायक मंडल के रूप में जाने माने प्लेबैक सिंगर मो0 शाहिद रफ़ी ,पिंटू कुमार,रिकॉर्डिस्ट राजेश कुमार राजू , कोरियोग्राफर राजू कुमार रहेंगे।मौके पर उपस्थित पटना से आये संगीतकार राघवेंद्र रघु जी ने कहा गया कि भैयाअजित जी एक सम्मानित समाजसेवी के साथ साथ एक प्लेबैक सिंगर भी है इनके के गाने फिल्म एवम बिहार सरकार द्वारा जागरूकता हेतु जनहित में जारी किया है इनका समाज के प्रति सराहनीय प्रयास है । पर्यवेक्षक प्रहलाद कुमार ,अनुदेशक राजेश कुमार,सुमन कुमार , व्यासजी एवम ग्रामीणों ने अपना अपना विचारों रखा।

  • हरनौत नगर पंचायत के गेट पर गड्ढा में आने जाने में हो रही है परेशानी।

    बिहार सरकार जिले में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का लगातार दावा करती रहती है कहीं दावे पूरे हुए तो कहीं कागजों में सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया गया है। बता दें कि हरनौत प्रखंड के अधिकारियों की इस उदासीनता से अछूता नहीं रहा है। प्रखंड के कई मुख्य मार्ग सरकार के गड्ढे मुक्त करने के दावे को चिड़ा रहे हैं।

    हरनौत नगर पंचायत के गेट पर गड्ढा में आने जाने में हो रही है परेशानी।  हरनौत नगर पंचायत के गेट पर गड्ढा में आने जाने में हो रही है परेशानी।

    उन्हीं में से एक हरनौत प्रखंड के नगर पंचायत कार्यालय के मुख्य गेट के समीप रास्ता गड्ढा में तब्दील हो जाने से यात्री व जनता को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हरनौत फुटपाथ इस संघ के अध्यक्ष अनंत कुमार ने बताया कि नगर पंचायत कार्यालय के मुख्य गेट के समीप गड्ढा हो जाने से वाहन समेत पैदल चलने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। यहां पर कई प्रकार की दुर्घटना हो सकती है।कोई भी पदाधिकारी इसका निगरानी नहीं कर रहे हैं। हरनौत प्रखंड के पदाधिकारी तो जनता की बात सुनते ही नहीं है। नगर पंचायत के मुख्य गेट के समीप जो दृश्य देखने को मिल रहा है बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है अगर गड्ढे को ठीक नहीं कराया गया तो कोई भी बड़ी हादसा हो सकती है क्योंकि यहां पर वाहनों को आने जाने का सिलसिला जारी रहता है।

  • न्यूज नालंदा – मवेशी चरा रहे अधेड़ की ठनका से मौत, जानें घटना… –

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    सूरज – 7903735887 

    सिलाव थाना अंतर्गत धरहड़ा गांव के बलवा खंधा में गुरुवार को ठनका की चपेट में आकर मवेशी चरा रहे अधेड़ की मौत हो गई। मृतक 45 वर्षीय अनिल कुमार राही हैं।

    परिवार ने बताया कि अधेड़ मवेशी चरा रहे थे। उसी दौरान समीप में ठनका गिरने से उसकी चपेट में आकर जान चली गई। पशुपालक की मौत से परिवार में कोहराम मच गया।

    मुखिया रिंकू देवी ने कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत परिवार को तीन हजार की सहायता उपलब्ध कराई। पुलिस शव के कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल ले गई।




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  • न्यूज नालंदा – गोलियों से छलनी कर युवक की हत्या, बोलेरो लूट बदमाश फरार… –

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    राज – 7903735887 

    हिलसा थाना क्षेत्र के कृष्णा बिगहा गांव के बाली गोरैया के खंधा में बुधवार की रात बदमाशों ने चालक की गोली मार हत्या कर बोलेरो लूट ली। गुरुवार की सुबह घटना का खुलासा हुआ। मृतक परबलपुर थाना क्षेत्र के जोगिया गांव निवासी रंगेश सिंह उर्फ डोमन प्रसाद का 25 वर्षीय पुत्र आशीष कुमार है।
    सूचना के बाद हिलसा और थरथरी थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई। हिलसा पुलिस शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल ले गई। बदमाशों ने सिर में एक और पेट में दो गोलियां मार वाहन मालिक को मौत के घाट उतारा।

    परिजनों ने बताया कि युवक खुद की बोलेरो चलाता था। बुधवार को किसी ने फोन कर बोलेरो बुक किया और बुलाया। जिसके बाद युवक चला गया। सुबह में परिवार को युवक की शव मिलने की खबर मिली। बदमाश युवक की हत्या कर बोलेरो लूटकर ले गया।

    थानाध्यक्ष गुलाम सरवर ने बताया कि पुलिस घटना की जांच में जुट गई है। लिखित शिकायत मिलने पर केस दर्ज किया जाएगा। पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। हत्यारे शातिर थे। मृतक का मोबाइल क्षतिग्रस्त कर बदमाश उसका सिम ले फरार हो गया। कॉल डिटेल से बदमाशों का सुराग मिल जाएगा।




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