Category: Bihar News

  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का पुतला फूंका गया।

    अस्पताल चौराहा पर जनतांत्रिक विकास पार्टी एवं द ग्रेट भीम आर्मी के बैनर तले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का पुतला फूंका गया।इस पुतला दहन की अध्यक्षता कर रहे द ग्रेट भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष रजनीश कुमार पासवान ने कहा कि द ग्रेट भीम आर्मी के राष्ट्रीय संयोजक जनतांत्रिक विकास पार्टी के बिहार प्रदेश के प्रधान महासचिव छात्र नेता अमर आजाद पासवान को महागठबंधन के कार्यकर्ता से उलझना महंगा पड़ गया। नीतीश कुमार की सरकार में सत्ता का दुरुपयोग किया जाता है।

    संविधान का खुले तौर पर उल्लंघन किया जा रहा है। महागठबंधन की सरकार में दलित, छात्र,गरीब पूरी तरह से असुरक्षित है। निर्दोष दलित छात्र नेता को झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया। सरकार ने अगर निर्दोष अमर आजाद पासवान को रिहा नहीं किया तो आंदोलन के गति को और भी तेज किया जाएगा। पुतला दहन के माध्यम से अमर आजाद पासवान को अभलंब रिहा करने का मांग किया गया। राज्य की सरकार हमेशा से दलित समाज के साथ भेदभाव करने का काम किया है,जो भारत के संविधान के विरोधी कार्य है। अगर अमर आजाद पासवान को अविलंब रिहा नहीं किया गया तो जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा।

  • बिहारशरीफ सिविल कोर्ट में 12 नवंबर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

    जिला विधिक सेवा प्राधिकार बिहार शरीफ नालंदा के द्वारा बिहारशरीफ सिविल कोर्ट में 12 नवंबर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी सुलहनिय फौजदारी मामले, सभी तरह के सिविल मामले, बिजली विभाग के मामले,वन विभाग के मामले, वाहन दुर्घटना क्लेम, बैंक ऋण मामले, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के मामले, माप तौल अधिनियम मामले राजस्व मामले आपदा प्रबंधन मामले समेत कई मामलों का समझौता के आधार पर निस्तार किया जाएगा। उक्त बातों की जानकारी नालंदा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रचना अग्रवाल ने प्रेस वार्ता कर दिया। मुकदमों का निस्तारण आपसी सुलह मध्यस्ता के माध्यम से बिना किसी न्यायिक शुल्क के किया जाएगा।

    चलंत लोक अदालत न्याय आपके द्वार कार्यक्रम के तहत निस्तारित मुकदमों का फैसला अंतिम दिन होगा। इस फैसले के विरुद्ध कोई अपील मान्य नहीं होगा। चलंत लोक अदालत शिविर में भाग लेकर अपने-अपने क्षेत्रों से संबंधित मुकदमों का निस्तारण कराने में आपसी सौहार्द स्थापित कर सुलह करके चलंत लोक अदालत का लाभ उठाएं। 17 नवंबर को बिहार शरीफ व्यवहार न्यालय में, 18 नवंबर को अनुमंडल कार्यालय कैपस राजगीर में और 19 नवंबर को ब्लॉक कैंपस हिलसा चलंत लोक अदालत शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विधिक जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जो लोगों को घूम घूम कर कार्यक्रम के बारे में जानकारी देगी।

  • जन के कलाकारों ने किया प्रदीप बाल्मीकि का भव्य स्वागत

    सतपुड़ा के सिंघम” के नाम से प्राख्यात जाबाज़ मध्य प्रदेश पुलिस अधिकारी( निरक्षक )
    प्रदीप बाल्मीकि जी अपने दो सहयोगीप्रवीण ठाकरे एवम डेविड सोलंकिया के साथ नालंदा भ्रमण के क्रम में आज अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल नालंदा स्थित सृजन कार्यालय में पहुंचे जहाँ सृजन के संयोजक अरविंद कुमार,राधा कुमारी, कृपा कुमारी, अंजली,दिनेश, रौशन,रामसेवक आदि कलाकारों ने अंग वस्त्र देकर भव्य स्वागत किया गया वही मौके पर उपस्थित नगर पंचायत सिलाव व नगर परिषद राजगीर के ब्रांड एम्बेसडर लोक गायक भैया अजीत ने अंग वस्त्र एवम भगवान बुद्ध की प्रतिमा देकर अतिथि देवो भव: की परिपाटी को निभाया।

    जन के कलाकारों ने किया प्रदीप बाल्मीकि का भव्य स्वागत

    मुलाकात के क्रम में सतपुड़ा सिंघम के नाम से प्रख्यात प्रदीप बाल्मीकि ने प्रख्यात लोक गायक भैया अजीत के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।साथ ही उन्होंने कहा कि सबसे पहले भैया अजीत जी को हम बधाई देते है कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर,नालन्दा जैसे नगरपंचायत काब्रांड एंबेसडर है । ये गौरव की बात है ये लगातार अपने टीम के साथ स्वच्छता अभियान एवम डेंगू से बचने संबंधी जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं। और सामाजिक गतिविधियों में जुड़े रहते हैं।जो न्यूज चैनलों के माध्यम से जानकारी मिलते रहती है। सामाजिक संगठन सद्भावना मंच के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं ।वे अश्लील गीतों के खिलाफ जन मुहिम भी चला रहे हैं।वे नशा मुक्ति, महिला सशक्तिकरण सहित तमाम सामाजिक बुराइयों के खिलाफ कार्यक्रम लगातार चला रहे हैं।

    सतपुड़ा सिंघम के साथ सद्भावना मंच (भारत) के संस्थापक दीपक कुमार भी शामिल थे। समाजसेवी दीपक कुमार ने कहा कि नालंदा की धरती ऐसे जांबाज पुलिस अधिकारियों के आगमन से धन्य हो गई। सतपुड़ा सिंघम मध्य प्रदेश पुलिस में पदस्त जांबाज पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते है।ऐसे पुलिस पदाधिकारी से युवाओं को प्रेरणा लेने की जरूरत है।

  • सतपुड़ा सिंघम का हरनौत में सद्भावना मंच (भारत) ने किया भव्य स्वागत

    सतपुड़ा सिंघम के नाम से प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के पुलिस अधिकारी प्रदीप बाल्मीकि के नालंदा आगमन पर सद्भावना मंच (भारत) के तत्वावधान में भव्य स्वागत किया गया।
    युवाओं के बीच हरनौत स्थित प्रणव इंग्लिश क्लासेज में एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया । स्वागत भाषण ग्राम नियोजन केंद्र बस्ती के सचिव विनोद कुमार पांडे ने तथा कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी चंद्र उदय कुमार ने किया।
    सतपुड़ा सिंघम के नाम से प्रख्यात प्रदीप बाल्मीकि ने विस्तार पूर्वक व्यक्तित्व विकास ,यातायात संबंधी जागरूकता, साइबर क्राइम से सुरक्षा ,महिला अपराधों की रोकथाम के प्रति जागरूकता संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी।

    उन्होंने व्यक्तित्व विकास पर संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी को जीवन में अच्छा व्यक्तित्व का निर्माण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हेलमेट का सदैव उपयोग करें क्योंकि नाक ,मुंह,कान एवं मनुष्य सिर शरीर का काफी इंपॉर्टेंट हिस्सा होता है। कभी भी जीवन में खतरे मोल ना लें। और सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करें।उन्होंने राष्ट्रीय एकता ,अखंडता, भाईचारा ,एवं सद्भावना के प्रति युवाओं को प्रेरित किया।सतपुड़ा सिंघम का हरनौत में सद्भावना मंच (भारत) ने किया भव्य स्वागत
    बताते चलें कि बे मध्य प्रदेश पुलिस में पुलिस निरीक्षक के पद पर पदस्थ हैं ।वे अपने कार्यों को बखूबी ईमानदारी पूर्वक निभाते है । किसी विशेष कार्य से बे पूर्वी चंपारण एवं पूर्णिया संभाग आए थे । उन्होंने अपना विशेष समय निकालकर युवाओं को सामुदायिक पुलिसिंग के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। बताते चलें कि नक्सल प्रभावित इलाकों में कर्तव्य के दौरान मध्य प्रदेश पुलिस के द्वारा प्रदीप बाल्मीकि को दुर्गम सेवा पदक सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। सतपुड़ा सिंघम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेकों कार्यक्रम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
    प्रदीप बाल्मीकि प्रख्यात सर्वोदय समाजसेवी स्वर्गीय डॉक्टर एसएन सुबाराव से 30 वर्षो से अधिक समय से जुड़े हुए थे । एकता अखंडता और भाईचारा का पैगाम देते हैं।सतपुड़ा सिंघम मध्य प्रदेश पुलिस में पदस्त जांबाज पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते है । कार्यशाला में सैकड़ों बच्चे उपस्थित थे।

    सतपुड़ा सिंघम का हरनौत में सद्भावना मंच (भारत) ने किया भव्य स्वागत  सतपुड़ा सिंघम का हरनौत में सद्भावना मंच (भारत) ने किया भव्य स्वागत
    सतपुड़ा सिंघम के आगमन पर हरनौत की धरती पर समाजसेवी चंद्र उदय कुमार, विनोद कुमार पांडे, पुरुषोत्तम पांडेय,बृजनंदन यादव , लक्ष्मी नारायण पांडे सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं बुद्धिजीवियों ने भव्य स्वागत किया।

  • सिक्ख धर्म के प्रवर्तक गुरुनानक देव जी की 554 वां प्रकाशोत्सव पर विशेष

    राकेश बिहारी शर्मा- भारतीय धर्म में जाति-पांति तथा कर्मकाण्डों का जब बोलबाला हो रहा था, तब ब्राह्मणवादी हिन्दू धर्म से कुछ ऐसी शाखाएं प्रस्फुटित हुईं, जिन्होंने जाति तथा आडम्बरविहीन मानवतावादी धर्म की नींव रखी, जिनमें सिख धर्म का विशेष स्थान है।
    गुरुपर्व या गुरपुरब, जिसे गुरु नानक का प्रकाश उत्सव तथा गुरु नानक जयंती भी कहा जाता है, सिख धर्म के अनुयायियों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। सिखों के दस गुरुओं में से पहले और सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरुनानक देवजी की जयंती मनाने हेतु दुनिया भर में सिखों और पंजाबियों द्वारा यह दिन मनाया जाता है। गुरुपर्व चंद्र कैलेंडर के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के शुभ दिन यानी दिवाली के 15 दिन बाद मनाया जाता है। इस त्योहार को 48 घंटे तक गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करके बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। गुरुपर्व से एक दिन पहले भक्तों द्वारा ‘नगर कीर्तन’ नामक जुलूस का भी आयोजन किया जाता है। गुरुपर्व उत्सव में कथा, कीर्तन, व्याख्यान, लंगर एवं कड़ा प्रसाद शामिल होते हैं। धार्मिक कार्यों और सामुदायिक भोजन के अलावा, घर की सजावट गुरपुरब का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

    गुरुनानक देव जी का जन्म एवं पारिवारिक जीवन

    गुरुनानक देवजी का जन्म सन् 1469 को कार्तिक पूर्णिमा को लाहौर जिले के तलवंडी नामक ग्राम में हुआ था। वर्तमान में ननकाना साहब के नाम से प्रसिद्ध इस धार्मिक तीर्थस्थल पर लाखों श्रद्धालु पाकिस्तान जाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। उनके पिता कालूचन्द थे और माता तृप्ता देवी थीं। उनके पिता उन्हें पढ़ाना चाहते थे, पर उनका मन आध्यात्म की ओर रमा रहता था। एक बार किसी पण्डित ने उनसे ॐ का अर्थ पूछा था। नानक ने उसकी जब विशद् व्याख्या की, तो पण्डितजी अवाक् रह गये। नानक के पिता पैसे देकर उन्हें बाजार भेजते थे, तो वे सामान लाने की बजाय पैसों को पीर-फकीरों में बांट आते थे। सांसारिक विरक्ति देखकर उनका विवाह सुलक्षणी से करा दिया गया, जिससे उनके दो पुत्र- श्रीचन्द और लक्ष्मीचन्द हुए। सांसारिक जीवन उन्हें रास नहीं आया।

    गुरुनानक देवजी का चमत्कारिक जीवन

    गुरुनानक के जीवन में कई घटनायें घर्टी लेकिन एक घटना ने उन्हें काफी विचलित किया। घटना के अनुसार नदी में स्नान करने के बाद जब आप एक पेड़ के नीचे विश्राम कर रहे थे तभी भविष्यवाणी हुई कि प्यारे नानक तुम अपना काम कब करोगे। इस संसार में तुम जिस काम के लिए आए हुए हो, उसके लिए मोह ममता छोड़ दो। भूले-भटकों को मार्ग पर लाओ। इस घटना के बाद से वे फिर कभी घर नहीं लौटे। उन दिनों दिल्ली साम्राज्य के पतन का दौर चल रहा था। देश में अत्याचार और अनाचार हो रहे थे। हिन्दुओं में जहाँ योगी, साधु, संन्यासी मूर्ख बना रहे थे वहीं मुसलमानों पर मुल्ला, उलमा और ओलिया रौब जमा रहे थे। धर्म का वास्तविक रूप कोई नहीं समझा रहा था। हिन्दुओं की दशा देख गुरुनानक घर-बार छोड़कर धर्मोपदेश के लिए निकल पड़े। उन्होंने इस दौरान भारत का ही भ्रमण नहीं किया बल्कि मक्का-मदीना तक गये। वहां मुसलमान उनसे खासे प्रभावित हुए। गुरुनानक का कहना था सच्चे मन से भगवान का भजन करो, संयमित जीवन बिताओ, मेहनत से कमाई करो और मधुर व परहितकारी वचन बोलो। गुरुनानक का कहना था कि शरीरधारी का नाम नहीं जपना चाहिए।
    गुरुनानक ने लोगों को धर्म का सही मार्ग दिखाने के लिए अनेक चमत्कार दिखाये। एक बार की घटना है। गुरुनानक जी धार्मिक तीर्थयात्रा पर हरिद्वार पहुंचे थे। वहां पण्डों द्वारा उन्होंने गंगाजी में खड़े होकर जल तर्पण करते देखा। पूछने पर पण्डों ने बताया कि वे पितरों को जल अर्पण कर उनका श्राद्ध कर रहे हैं। यह जल उन तक पहुंचेगा, ऐसा पण्डों ने बताया। यह सुनकर गुरुनानक जोर-जोर से जल उछालने लगे। लोगों ने उनसे इसका कारण पूछा, तो उन्होंने बताया- “वे अपने पूर्व दिशा में स्थित खेतों को पश्चिम दिशा से जल देकर सिंचाई कर रहे हैं।” लोग हंसने लगे, तो उन्होंने कहा “अगर तर्पण का जल पितरों तक पहुंच जाता है, तो मेरा यह जल दो-तीन सौ कोस के फासले पर स्थित खेतों में कैसे नहीं पहुंचेगा?” यह सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग निरूत्तर हो गये।
    ऐसी दूसरी घटना यह है-एक बार गुरुनानक मक्का की यात्रा पर थे। वे काबे की तरफ पैर करके सो गये। एक मुल्ला ने उन्हें देखा, तो लगे डांटने कि पैगम्बर की तरफ पैर करने से उनका अपमान हो रहा है। गुरुनानक ने कहा- “तो मेरे पैर उस दिशा की तरफ मोड़ दो, जिस तरफ पैगम्बर नहीं हैं।” मुल्ला ने जिस तरफ उनके पैर मोड़े, उस तरफ उसे काबा दिखने लगा। हारकर वह नानक से क्षमा मांगकर उनके प्रति श्रद्धा अर्पित की। गुरुनानक ने उसे बताया कि ईश्वर तो सर्वव्यापी है। उन्होंने मूर्तिपूजा का विरोध करते हुए सतगुरु प्रसाद के जप को स्वीकार किया।
    ऐसी तीसरी घटना का प्रसंग यह है- गुरुनानक देव जी किसी गांव में गरीब की झोंपड़ी में जा टिके थे। गांव के जमींदार ने उन्हें अपने घर भोज हेतु बुलवाया था। गुरुनानक देव जी जानते थे कि जमींदार किसानों और गरीबों का शोषक है। जब जमींदार ने गुरुनानक पर पक्षपात का आरोप लगाया, तो उन्होंने एक रोटी गरीब के घर की मंगवायी और दूसरी जमींदार के घर की। इन दोनों रोटियों को उन्होंने निचोड़ा, तो पाया गया कि गरीब के घर की रोटी से पसीना और दूध निकल रहा था, जबकि जमींदार के घर की रोटी से खून टपक रहा था। जमींदार को अपनी भूल का एहसास हुआ।
    बाबर के सैनिक गरीबों पर बहुत जुल्म ढाते थे। लूट का माल स्वयं ही खा जाया करते थे। इस सत्यता से बाबर को अवगत कराने के लिए गुरुनानक देवजी ने एक गरीब, फटेहाल किसान का रूप धारण किया। सैनिक उन्हें गरीब समझ पकड़ ले गये। बादशाह के सामने खड़े रहकर उनका मुंह तो एक प्रकाशमण्डल से दमक रहा था। बादशाह बाबर भीतर ही भीतर कांप उठा। राजगद्दी से उतरकर उनके चरणों पर गिर पड़ा। न जाने उन्हें कोई श्राप मिल जाये। उसने गुरुनानक देवजी के लिए शराब मंगवायी। गुरुनानक देव जी ने उसे इस नशे से दूर रहकर गरीबों की सेवा, खिदमत में अपना जीवन सार्थक करने को कहा। बाबर ने तत्काल कैदियों को जेल से रिहा कर दिया और दान-पुण्य का संकल्प लिया। इस तरह उन्होंने एक चोर को चोरी की आदत से मुक्ति दिलायी। किसी को उजड़ने का, तो किसी को आबाद रहने का आशीर्वाद दिया, जिसका अर्थ है उजड़कर सज्जनता फैलायेंगे और आबाद रहने वाले अशांति के साथ आबाद रहेंगे।
    हसन नामक एक मुस्लिम संत ने अपने पास से बहने वाले झरने का पानी लेने से गुरुनानक देव जी के शिष्य को मना किया। शिष्य ने आकर सारी घटना गुरुनानकजी से कही। गुरुनानक देव ने कहा- “तुम चिन्ता न करो, इसी पहाड़ से झरना बहेगा। इतना कहते ही मुस्लिम संत के पास का झरना मुस्लिम सन्त ने बड़ा-सा पत्थर उन्हें दे मारा, किन्तु नानक देव ने अपनी सूख गया और वह गुरुनानक जी के पैरों के पास से बहने लगा। क्रोधित होकर हथेली से उसे रोक दिया। आज भी वह स्थान पंजा साहिब के नाम से जाना जाता है।

    गुरुनानक देव जी ने जीवन-भर ईश्वरीय ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया

    गुरुनानक देव जी ने जीवन-भर ईश्वरीय ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया। धर्म का सही ज्ञान लोगों को कराया। हिन्दू-मुस्लिम समान रूप से उनके भक्त बन गये थे। समानतावादी समाज की स्थापना की। उन्होंने प्रेम और शांति का जो संदेश लोगों को दिया, वह आज भी प्रासंगिक है। स्त्रियों को भी धार्मिक उत्सव और हरिकीर्तन में भाग लेने का समान अधिकार दिया। उनके द्वारा लिखे गये गुरुग्रन्थसाहब का आज भी प्रत्येक गुरुद्वारे में पाठ किया जाता है। उनकी दूसरी पुस्तक “जपुजी” तथा तीसरी पुस्तक “सोहिला नाम” धर्म सन्देशों से भरी है। उन्होंने सर्वधर्मसमभाव हेतु “लंगर सामूहिक भोज” प्रथा का प्रारम्भ किया था। और गुरुअगंद देवजी उनके उत्तराधिकारी बने।

    गुरुनानक ने जाति-प्रथा को खत्म करने का काम किया

    गुरुनानक देव जी ने जाति-प्रथा को खत्म करने का काम किया गुरुनानक के भक्त गुरु गोविंद सिंह जी ने कहा है कि “चार वरण इक वरन कराओं, तबेई गोबिंद सिंह नाम कहाऊँ” जिसका अर्थ है कि जब मैं चारों जातियों को एक कर दूं, तभी मैं गोविंद सिंह कहलाया जाऊं। ये तो जगजाहिर है कि जातिवाद, भेदभाव, छूआछूत को खत्म करने और बराबरी का दर्जा देने में सिखों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। वो सिख ही थे, जिन्होंने ब्राह्मणवादी रूढ़िवादिता का जमकर विरोध किया। जाहिर है कि पंजाब एक ऐसा राज्य है जहां जातिवाद प्रथा दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों के मुकाबले बेहद कम है। इसके अलावा सिखों के गुरु ने समाज सुधार में बड़ा योगदान दिया है। जातिवाद और छूआछूत को कम करने के लिए सिखों के गुरुओं ने संगत की शुरुआत की, लंगर की शुरुआत की। जहां सभी एक साथ जमीन पर बैठकर साथ आए। इसका सिर्फ एक ही उद्देश्य था कि सभी लोग… चाहे वो उंच जाति के हो या नीच जाति के। चाहे वो अमीर हो या गरीब। सभी को साथ में लाने का काम किया। इस पहल को एक नए सुधार आंदोलन के तौर पर भी देखा गया। सिखों की इस पहल ने कास्ट सिस्टम को कम करने और काफी हद तक खत्म करने का काम भी किया। सिखों के कारण ही कास्ट सिस्टम को कम करने का मौका मिला। उनके लंगर और संगत की पहल ने लोगों में एकता और बराबरी का संदेश दिया।

    गुरुनानक ने मृत्यु से पहले अपने शिष्य भाई लहना को उत्तराधिकारी बनाया

    अपनी पूरी जिंदगी मानव समाज के कल्याण में लगाने वाले गुरुनानक देव जी ने अपनी मृत्यु से पहले अपने परम शिष्य भाई लहना को अपना उत्तराधिकारी बनाया, जो बाद में गुरु अंगद देवजी नाम से जाने गए। गुरुनानक देव जी की मृत्यु 22 सितंबर 1539 ई. संवत् 1566 को करतारपुर में 70 वर्ष की आयु में आश्विन कृष्ण दशमी के दिन हुई थी। गुरुनानक देव जी ने ईश्वर को सर्वव्यापी मानने पर बल दिया।

  • करंट की चपेट में आने से एक 32 वर्षीय व्यक्ति की इलाज के दौरान हुआ मौत,

    बीच में बचाने आए एक व्यक्ति भी झुलसे।

    जर्जर बिजली के 440 वोल्ट तार रास्ता पर गिरने से हुआ हादसा

    मृतक के परिजनों में मचा कोहराम।

    गोकुलपुर ओपी थाना क्षेत्र के भाथा गांव की घटना।

    नालंदा से संवाददाता राकेश कुमार

    हरनौत – गोकुलपुर ओपी थाना क्षेत्र इलाके के भाथा गांव में रविवार सुबह को मॉर्निंग वॉक पर निकले एक व्यक्ति के ऊपर बिजली के तार गिर जाने से उनकी मौत हो गई है। वही बीच-बचाव करने गए एक व्यक्ति भी करंट की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गए हैं। मृतक व्यक्ति की पहचान गोकुलपुर थाना क्षेत्र इलाके के भाथा गांव के निवासी स्वर्गीय रामचंद्र प्रसाद प्रसाद के 32 वर्षीय पुत्र अमर राम रूप में की गई है।

    मृतक के परिजन तरुण यादव ने बताया कि सुबह-सुबह घर के बाहर मॉर्निंग वॉक पर गए हुए थे उसी दौरान रास्ते के ऊपर से गुजर रहे 440 वोल्ट बिजली के जर्जर तार उनके शरीर पर गिर गया। परिवार वालों ने आनन-फानन में इलाज के लिए अस्पताल ले जा रहे थे उसी दौरान रास्ते में ही मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि मृतक व्यक्ति किसान का काम करते थे। मौत की सूचना मिलने के बाद परिवार वालों में कोहराम मचा हुआ है। गोकुलपुर ओपी थाना प्रभारी अवधेश कुमार ने बताया कि सबको पोस्टमार्टम कराने के लिए सदर अस्पताल बिहार शरीफ भेजा गया है।

  • डॉ संध्या सिन्हा द्वारा मघड़ा में लगाया गया निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर

    बिहारशरीफ (नालंदा) माँ मनोकामना देवी मंदिर समिति मघड़ा द्वारा अर्पण क्लिनिक काग़ज़ी मोहल्ला के सहयोग से दक्षिणी टोला मघड़ा में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य जांच शिविर में खासकर महिलाओं का महिला संवंधित बीमारियों का निःशुल्क जांच किया गया एवं जरूरतमंदों के बीच दवा का वितरण किया गया। मौके पर वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ संध्या सिन्हा ने कहा कि इस जांच शिविर में लगभग 500 महिलाओं का जांच किया गया। जिसमें अधिकांश महिलाओं में बीपी, शुगर, एनीमिया की बीमारी पायी गई जो कि बहुत ज्यादा गंभीर बात है।

    ग्रामीण इलाके में इस तरह का मामला बड़ी बात है। उन्होंने लोगो को सलाह दिया कि अपने स्वास्थ्य का पूरा पूरा ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि इस तरह का स्वास्थ्य शिविर अनवरत चलता रहेगा। शहर के अन्य इलाकों में भी इस तरह का शिविर चलता रहेगा। इस अवसर पर डॉ बी पी भारती, प्रमोद कुमार, विनोद कुमार, सिंटू कुमार, उमेश प्रसाद, प्रवीण कुमार, पिंकू प्रसाद, उपेंद्र कुमार दिलवाला, विमल पासवान, रामप्रवेश पासवान, बिजेंद्र पासवान, जयंत शर्मा, फंटूश सिंह आदि लोगों ने डॉ संध्या सिन्हा के प्रति आभार प्रकट किया।

  • विश्व चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का 10 वा सम्मेलन |

    विश्व चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य बुद्धिजीवी संघ नालंदा का 10 वा सम्मेलन |जिला महासंघ कार्यालय बिहारशरीफ में आहूत की गई जिसका खुला सत्र का उद्घाटन श्री वीके मेहता कोषाध्यक्ष बिहार शरीफ अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ बिहारशरीफ प्रदेश मुख्य वक्ता श्री आनंद सिंह मंत्री संघर्ष समिति एवं जन स्वास्थ्य कर्मी संघ एवं श्री दिनेश राम संयुक्त मंत्री एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने प्रतिनिधि सत्र का उद्घाटन किया जिला महासंघ नालंदा के श्री जयवर्धन जिला अध्यक्ष एवं श्रीमती ज्योति सिंह संजय जी का ने भी अपना विचार व्यक्त किया तत्पश्चात सर्वसम्मति के निम्नलिखित पदभार को चयन किया गया

  • विश्व चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ

    विश्व चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य बुद्धिजीवी एवं जिसका नालंदा का 10 वा लिए सम्मेलन जिसका यहाखंड सज्जनों विश्व भवन में आई थी मिल गई जिसका सुला स का उद्देश्य श्री वीके मेहता कोषाध्यक्ष बिहार राज्य अपराजिता मध्य बिहार प्रदेश मुरजज रखता श्री आनंद सिंह मंत्री संघर्ष सम्मिलित मी एवं जन लंबा वरी संघ एवं श्री रितेश रल संयुक्त मंत्री विधि एवं जन स्वास्थ्य संघ ने पुलिस की सख्त व 29 जहान लिया जिला यहां संग गंदा केसरी अवध जिला अध्यक्ष एवं श्रीमती ज्योति सिन्हा , संयोजिका ने भी अपना विचार लंप दिया लंबे समिति के नियमित प्रधानों का चालन लिया गया

  • ऐतिहासिक होगा बीएमएस का राष्ट्रीय अधिवेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरण्मय पण्ड्या ने किया सम्बोधित

    पटना : बिहार की धरती ऐतिहासिक है। यह धरती देश की दिशा और दशा तय करती है। ऐसी पवित्र धरती पर भारतीय मजदूर संघ का राष्ट्रीय अधिवेशन होना गर्व की बात है। श्रमिक आंदोलन की दृष्टिकोण से यह अधिवेशन यादगार होगा।
    उपर्युक्त बातें भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरण्मय पण्ड्या ने रविवार को कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कही।

    स्थानीय जीपीओ स्थित सभाकक्ष में अप्रैल, 2023 में पटना में प्रस्तावित बीएमएस के राष्ट्रीय अधिवेशन एवं 17 नवम्बर, 2022 को दिल्ली में निजीकरण के खिलाफ प्रस्तावित महारैली के निमित्त भारतीय मजदूर संघ के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ आयोजित बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पण्ड्या ने कहा है कि संख्या और गुणवत्ता में भारतीय मजदूर संघ देश का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन है। कार्यकर्ताओं के त्याग-तपस्या और बलिदान के बूते 07 से 09 अप्रैल, 2023 को प्रस्तावित त्रैवार्षिक अधिवेशन ऐतिहासिक होगा।

    भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री गणेश मिश्रा ने कहा है कि त्रैवार्षिक अधिवेशन के उद्धाटन तिथि को श्रमिकों की रैली होगी, जिसमें प्रत्येक जिलों के श्रमिकों की भागीदारी होगी।

    बैठक की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार लाल ने की, जबकि संचालन प्रदेश महामंत्री संजय कुमार सिन्हा ने किया। इस अवसर पर बीएमएस के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य सुरेश प्रसाद सिन्हा, प्रदेश मंत्री अशोक कुमार, विनोद कुमार, राकेश कुमार भारती व मुरारी प्रसाद, प्रदेश कोषाध्यक्ष मनीष कुमार आदि सहित विभिन्न संघों के प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित थे।