Category: Bihar News

  • उत्पाद विभाग के कर्मी वे गुनाह लोगों को नहीं पकड़ें और न हि उनके साथ मारपीट करें

    बिहारशरीफ–राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नालंदा के जिलाध्यक्ष राजकुमार पासवान ने कहा है कि–उत्पाद विभाग के वावूओं के द्वारा निर्दोषों को जवरण पकड़ कर शराब कांड में मुकदमा दर्ज कर वे वज़ह फंसाने का कार्य कर रहें जो वे वूनियाद गलत है।जव से विहार के मुख्यमंत्री शाराव कांड का अपराधीक जैसा कानून वनाए हैं इसमें क्रिमिनल लोग रोड पर घूम रहे हैं और अपराधिक पिस्तौल लेकर घूमने वाले एक भी क्रिमिनल को नहीं पकड़तें है और गरीव भोले भाले लोगो सलाखों भेजें जा रहें हैं।और सलाखों में बंद हैं।

    उत्पाद विभाग के अधिक्षक शाराव माफियों को नहीं पकड़तें हैंऔर गरीबों और निर्दोषों को पकड़ कर जेल भेंजने का कार्य करतें हैं और वे वज़ह गरीबों को मुकदमा कर फैन भरवातें हैं।जैसे-5-तारीख को दिपनगर थाना क्षेत्र में विजवन गांव के निर्दोष को जवरण पकड़ कर मारपीट किए और उत्पाद विभाग बिहारशरीफ लाकर अपनें थाना के सलाखों में बंद कर दिए और झूठे मुकदमे दर्ज कर फैन भरवाने पर मजवूर किए–ईसी के विरुद्ध दिपनगर थाना क्षेत्र में–NH..रोड पर जानताओं ने रोड जाम कर आगजनी किए.. अगर उत्पाद विभाग निर्दोषों को पकडना बंद नहीं करतें हैं तो उत्पाद विभाग नालंदा के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नालंदा कि ओर से आंदोलन छेड़ेगी। राजकुमार पासवान अध्यक्ष-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नालंदा।

  • बिहार में नशीले पदार्थों पर कसी जायेगी नकेल, शराब के बाद अब खैनी ठोकने वालों पर पुलिस की पैनी नजर


    डेस्क: नशीले पदार्थों पर बिहार सरकार लगातार नकेल कस रही है। इसी क्रम में शराबबंदी के अब तंबाकूबंदी की बारी है। यानी की अब राज्य में खैनी ठोंकने, गुटखा चबाया या सिगरेट जलाने पर आपकी खैर नहीं। वैसे ये प्रतिबंध हर जगह पर लागू नहीं किए जायेंगे। और गुटखा पर राज्य में काफी पहले से पूर्णतः प्रतिबंध लगा गया है। इतना ही नहीं सार्वजनिक स्‍थल पर आप सिगरेट नहीं पी सकते हैं। जिसके बाद बिहार के पुलिस थानों में आप खैनी भी नहीं ठोंक सकते हैं।

    थानों में लगेगा तंबाकू मुक्‍त क्षेत्र का बोर्ड :

    थानों में लगेगा तंबाकू मुक्‍त क्षेत्र का बोर्ड : अब यदि किसी ने भी थाने में खाकी वर्दी, खादीधारी और फरियादी किसी ने खैनी ठोंकी, गुटखा चबाया या सिगरेट के छल्ले उड़ाए तो उस पर दौरान करवाई की जाएगी। इस बारे में अपर पुलिस महानिदेशक जितेंद्र कुमार ने राज्य के सभी थानों को तम्बाकू मुक्त परिसर घोषित कर दिया है। राज्य मुख्यालय सहित सभी थानों व भवनों पर अनिवार्य रूप से तम्बाकू मुक्त परिसर का बोर्ड लगाया जाएगा।

    साथ ही हर थाना क्षेत्र में कोटपा नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए एक उप निरीक्षक को नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति होगी। जिसके बाद तंबाकू के खिलाफ पुलिस प्रशासन पूरी साघनता से जागरूकता और छापेमारी अभियान चलाएगी। एडीजी जितेंद्र कुमार ने इस बारे में पटना में राज्‍य के सभी जिलों से आए पुलिस उपाधीक्षक व वरीय पुलिस निरीक्षकों को तम्बाकू सेवन नहीं करने की शपथ दिलाई।

    तंबाकू छोड़ने के लिए दिए गए टिप्‍स

    तंबाकू छोड़ने के लिए दिए गए टिप्‍स : एडीजी जितेंद्र कुमार द्वारा बिहार पुलिस मुख्यालय और सरकार के तकनीकी सहयोगी सीड्स द्वारा वरीय पुलिस अधिकारियों को तम्बाकू नियंत्रण के गुर बताने के लिए पुलिस मुख्यालय सदर पटेल भवन में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में अधिकारियों को कोटपा 2003 के विभिन्न प्रविधानों के अनुपालन का प्रशिक्षण दिया गया।

    खतरे भी किए जाहिर

    खतरे भी किए जाहिर : इसके अलावा सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने तम्बाकू सेवन से होने वाले खतरों से भी लोगों को सचेत किया। साथ ही इसके नियंत्रण की आवश्यकता के बारे में भी बताया और सरकार द्वारा उठाए कदमों की जानकारी दी। द यूनियन के तकनीकी सलाहकार डा. अमित यादव ने तम्बाकू नियंत्रण के कानूनी प्रविधानों की बारीकी की जानकारी दी।

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  • गुरु नानक देव जी का 554 वां प्रकाशोत्सव समारोह हर्षोल्लास के साथ संपन्न

    राजगीर में गुरु नानक देव जी का 554 वां प्रकाशोत्सव समारोह हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया। तीन दिवसीय प्रकाश उत्सव के समापन के मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरु नानक शीतलकुंड पहुंच कर नवनिर्मित गुरुद्वारा एवं गुरुद्वारा की नई भवन एवं यात्री निवास का उद्घाटन किया। बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुद्वारे पहुंचकर मत्था टेका एवं बिहार में अमन चैन एवं तरक्की की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरु नानक देव जी के जीवनी पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी राजगीर में बहुत दिन तक यहां रहे। राजगीर में सभी कुंडों से गर्म पानी निकलता था गुरु नानक जी की कृपा से यहां शीतल कुंड निकलने लगा। उन्होंने कहा कि राजगीर सभी धर्मों की स्थली रही है। उन्होंने कहा कि राजगीर में पर्यटकों की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि बिहार गरीब राज्य होते हुए भी यहां के इंतजाम काफी बेहतर होते है। उन्होंने कहा कि राजगीर के पर्यटन स्थलों एवं यहां के निवासियों के लिए जल्द ही गंगा जल की आपूर्ति इस माह कर दी जाएगी।

  • तुलसी विवाह को लेकर युवा कलाकारों ने किया तुलसी गीत पर शूटिंग

    तुलसी विवाह को लेकर जिले के युवा कलाकारों में काफी उत्साह दिखा और युवा कलाकारों ने रामजी मिश्रा के निर्देशन में तुलसी विवाह गीत गाओ सखिया मैया तुलसी जी व्याहन चली मंगल गाओ सखिया पर बिहारशरीफ के स्थानीय गढ़पर दुर्गा मंदिर में एक लघु शूटिंग भी किया।शूटिंग पूरा होने पर जल्द ही इसे दर्शकों के विच लांच किया जाएगा।
    बताते चलें कि रामजी मिश्रा धर्म और संस्कार से जुड़े हुए थीम को लेकर लगातार लघु वीडियो एवं गीत संगीत के माध्यम से सुंदर प्रस्तुति दर्शकों को उपलब्ध कराते रहते है । इनके साथ युवा कलाकारों की एक टीम है। जिस टीम ने तुलसी विवाह पर कार्यक्रम किया।
    आइए जानते हैं उन कलाकारों के बारे में

    मानसी शर्मा जो कि सुभाष शर्मा की पुत्री है ।और वे 12 वर्ष की उम्र से ही गायन कर रही है। बेटी बचाओ को लेकर उनका गाया गीत
    नारी शोषण भ्रूण हत्या सुनकर दहेज मैं रोती हूं,
    बंद करो अपमान हमारा मैं भी तेरी बेटी हू ।
    काफी लोकप्रिय हुआ। और मानसी जिले से लेकर राज्य स्तर तक कई कला महोत्सव में अपने आप को उत्कृष्ट प्रदर्शन कर दिखा दिया कि नालंदा की बेटी में भी दम है। उन्हें कई भोजपुरी फिल्म में भी ऑफर आने लगा है।
    टीम में शामिल एक और युवा कलाकार
    स्नेहा कुमारी जो कि भैसासुर की रहने वाली है। और उनकी मां निशा कुमारी भी कत्थक की उत्कृष्ट कलाकार रही है। स्नेहा बचपन से ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेती रही है। और कई कार्यक्रमों में उन्हें उत्कृष्ट सम्मान से सम्मानित भी किया गया है।
    कलाकार खुशबू कुमारी जिनके माता और पिता दोनों नहीं है। इसके बावजूद अपने मामा के घर रह कर काफी बुलंद इरादे के साथ प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से संगीत में सीनियर डिप्लोमा में प्रथम श्रेणी हासिल की है । और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उनकी काफी रूचि है। इस कार्यक्रम में पुरुष कलाकार के रूप में आशा नगर के रहने वाले उत्तम मेहता जो कि शैलेंद्र कुमार जी के पुत्र हैं। और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर रुचि लेते हैं।
    एक और पुरुष कराकर सन्नी कुमार जो कि नालंदा जिले के हरनौत के रहने वाले हैं। इनके पिता का नाम फेकन महतो है। सन्नी कुमार बचपन से ही संगीत एवं नृत्य में काफी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते रहे हैं ।इनका चयन जिला से लेकर राज्य स्तर तक युवा महोत्सव में अनेकों बार हो चुका है ।और वह अपनी प्रतिभा से कई मंचों पर दर्शकों का मन मोह लिया है ।

  • बौद्ध दार्शनिक जन कवि बाबा नागार्जुन की 24 वीं पूण्यतिथि पर विशेष

    राकेश बिहारी शर्मा—- मैथिली हिंदी के अप्रतिम लेखक और कवि बाबा नागार्जुन की आज पुण्यतिथि है। बाबा नागार्जुन ने अपनी कालखंड में कई नेताओं की जमकर आलोचना की। वह सच्चे अर्थों में एक जनकवि थे। उनके लिए जनता की रोजी-रोटी ही प्रमुख थी। आमतौर पर इतिहास में वैसे ही लेखकों व कलाकारों का ज्यादा नाम लिया जाता है जो सत्ता से तालमेल बिठा कर उनका जयकारे लगा कर चारणगीत गीत गाते हैं।

    सत्ता का विरोध कर अपने समाज के लोगों की आवाज बनने वालों की राह में तो बेशुमार कांटे बिछे होते हैं। बाबा नागार्जुन इस दूसरी श्रेणी में आते हैं। इसलिए उनकी डगर मुश्किलों से भरी थी। नागार्जुन मैथिली, हिन्दी और संस्कृत के अलावा पालि, प्राकृत, बांग्ला, सिंहली, तिब्बती सहित कई भाषाओं के जानकार थे। नागार्जुन सही अर्थों में भारतीय मिट्टी से बने आधुनिकतम कवि हैं। आम जन के कवि बाबा नागार्जुन का जन्म मधुबनी जिले के सतलखा हुसैनपुर गांव में 30 जून सन् 1911 को हुआ था। दरअसल सतलखा बाबा नागार्जुन का ननिहाल है। मूल रूप से जनकवि नागार्जुन दरभंगा के तरौनी के रहनेवाले थे। इनके पिता का नाम गोकुल मिश्र और माता का नाम उमा देवी था। नागार्जुन के बचपन का नाम ‘ठक्कन मिसर’ था। गोकुल मिश्र और उमा देवी को लगातार चार संताने हुईं और असमय ही वे सब चल बसीं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही संस्कृत पाठशाला में हुई। आगे की पढाई वाराणसी और कोलकाता में किया। 1936 में ये श्रीलंका चले गए और वहीं बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण की।

    कुछ समय श्रीलंका में ही रहे फिर 1938 में भारत लौट आए। बाबा नागार्जुन का वास्तविक नाम वैद्यनाथ मिश्र था। उन्होंने काव्य रचना के लिए उपनाम नागार्जुन रखा, इसके अलावा मैथिली रचनाओं के लिए वे यात्री उपनाम से लिखते थे। खांटी किसान और पुरोहिती परिवार में जन्में नागार्जुन बचपन से ही संवेदनशील प्रवृत्ति के रहे। बाबा नागार्जुन या वैद्यनाथ मिश्र की प्रारम्भिक शिक्षा संस्कृत में हुई। राहुल सांस्कृत्यायन से ये प्रभावित रहे। सांकृत्यायन की रचना ‘संयुक्त निकाय’ का इन्होंने पाली में अनुवाद किया। पाली सीखने के लिए बाबा नागार्जुन श्रीलंका चले गए। जहां बौद्ध भिक्षुओं को वे संस्कृत सिखाते थे और खुद पाली का अभ्यास करते थे। यहीं उन्होंने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली और बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन के नाम को अपना लिया। सन् 1929 ई. में नागार्जुन की पहली रचना मिथिलना नामक पत्रिका में छपी थी।

    हिंदी में पहली रचना ‘राम के प्रति’ नामक कविता थी जो लाहौर से निकलने वाले साप्ताहिक ‘विश्वबन्धु’ में छपी थी। नागार्जुन की कुल रचनाओं की बात करें तो इन्होंने करीब आधा दर्जन उपन्यास, दर्जनों कविता संग्रह, मैथिली कविताओं का संग्रह लिखा। जिसका विभिन्न भाषाओं में अनुवाद भी किया गया। बाबा नागार्जुन को लोग जनकवि कहते थे। बाबा नागार्जुन की शख्सियत हरफनमौला रही। सियासी कटाक्ष वे बेहद सरल शब्दों में कर जाते थे। न सिर्फ लेखन बल्कि जन आंदोलनों में बाबा नागार्जुन की अहम भागीदारी रही। बाबा नागार्जुन ने समाज की रूढियों का मुकाबला भी किया। जब वे बौद्ध धर्म अपनाकर पहली बार गांव लौटे तो उनकी ही जात बिरादरी के लोगों ने उनका बहिष्कार कर दिया। जिसकी बाबा ने कभी परवाह ही नहीं की, क्योंकि वे जानते थे कि उनकी बौद्धिक क्षमता और सोच किसी मजहब की जंजीरों में जकड़कर नहीं रह सकती है। बाबा की धारधार काव्य रचनाओं ने उन्हें आम लोगों के हृदय का सम्राट बना दिया। उनकी रचनाओं में गरीबों, दलितों और मजलूमों की आवाज छिपी है। फक्कड़ कवियों की फेहरिस्त में कबीर के बाद बाबा नागार्जुन का ही नाम आता है। बाबा ने सामाजिक सरोकार को कभी नहीं छोड़ा।

    साथ ही सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। आजादी के बाद उनकी उम्मीदें टूटती रही। कवि मन कराह रहा था कि किस तरह अंग्रेजों की गुलामी के बाद अपने ही लोग लूट खसोट में लगे हैं। जिसके बाद वे मुखर होकर अपनी कविताओं के जरिए शासन के कारनामों को उजाकर किया। बिहार में सन् 1941 में किसान आंदोलन हुआ। बाबा ने सबकुछ छोड़कर आंदोलन में अपने आप को झोंक दिया था। तत्कालीन अंग्रेजी सरकार ने बाबा नागार्जुन को गिरफ्तार कर लिया। बाबा नागार्जुन की बेबाकी ऐसी कि उन्होंने गांधी पर भी टिप्पणी करने से कभी हिचक महसूस नहीं की। बाबा नागार्जुन ने कविता को छायावाद, रुमानियत, सौन्दर्यवाद से बाहर निकालकर समाज और आम आदमी से जोड़ने की महत्वपूर्ण कोशिश की। बाबा नागार्जुन प्रगतिशील धारा के उस वक्त के कवि हैं जब देश राजनीतिक उथल पुथल के साथ अन्य आंदोलनों से होकर गुजर रहा था। आजादी के बाद जनता की हालत जस की तस देखकर नागार्जुन को यह समझ आने लगा था कि आजादी महज सत्ता परिवर्तन है। जनता की हालत पहले भी वही थी और अब भी वही है। उनकी कविताओं में जनता का दर्द है, आम आदमी का संघर्ष है।

    फक्कड़पन और घुमक्कड़ी प्रवृति नागार्जुन के जीवन की प्रमुख विशेषता रही है। व्यंग्य नागार्जुन के व्यक्तित्व में स्वाभवत: सम्मिलित था। चाहे सरकार हो, समाज हो या फिर मित्र- उनके व्यंग्यबाण सबको बेध डालते थे। कई बार संपूर्ण भारत का भ्रमण करने वाले इस कवि को अपनी स्पष्टवादिता और राजनीतिक कार्यकलापों के कारण कई बार जेल भी जाना पड़ा। लेकिन फिर भी लोकजीवन, प्रकृति और समकालीन राजनीति उनकी रचनाओं के मुख्य विषय रहे हैं। विषय की विविधता और प्रस्तुति की सहजता नागार्जुन के रचना संसार को नया आयाम देती है। छायावादोत्तर काल के वे अकेले कवि हैं जिनकी रचनाएँ ग्रामीण चौपाल से लेकर विद्वानों की बैठक तक में समान रूप से आदर पाती हैं। जटिल से जटिल विषय पर लिखी गईं उनकी कविताएँ इतनी सहज, संप्रेषणीय और प्रभावशाली होती हैं कि पाठकों के मानस लोक में तत्काल बस जाती हैं।

    बाबा नागार्जुन हिंदी साहित्य के आधुनिक कबीर थे

    हिंदी साहित्य में बाबा नागार्जुन को आधुनिक कबीर कहा जाता है। कबीर की ही तरह बाबा नागार्जुन ने अपने समय की समस्याओं, कुरीतियों पर अपनी कविताओं से प्रहार किया। कभी वे कट्टरपंथी विचारधारा नक्सलवाद के साथ खड़े नजर आए तो कभी जय प्रकाश के आंदोलन में। इस कारण उनकी आलोचनाएं भी होती रहीं। एक तरफ जहां उन्होंने इंद्रा गांधी को बाघिन कहा और चिड़ियाघर में कैद हो जाने की बात कही।

    इमरजेंसी के दौरान ही इंदिरा गांधी के लिए कई कविता लिखे

    इंदुजी, इंदुजी क्या हुआ आपको? तार दिया बेटे को, बोर दिया बाप को। कहते हैं जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि। इसी कहावत को चरितार्थ करती उनकी यह लाइन जो उन्होंने इंदिरा शासन के वक्त कही थी। ‘शेर के दांत, भालू के नाखून मर्कट का फोटा। हमेशा हमेशा राह करेगा मेरा पोता’।

    नेहरू और शास्त्री पर भी व्यंग्य किये

    आजादी के तुरंत बाद जब महारानी एलिजाबेथ भारत दौरे पर आई थी। इस दौरान बाबा नागार्जुन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर व्यंग्य तंज कसा था। उन्होंने लिखा था, ‘आओ रानी हम ढोएंगे पालकी, यही हुई है राय जवाहरलाल की।’ इसके बाद जब लाल बहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने तो बाबा ने उन्हें भी नसीहत दी और कहा, ‘लाल बहादुर, मत बनना तुम गाल बहादुर।’

    शाशन की बंदूक कविता

  • डी ए वी पब्लिक स्कूल में वाद – विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

    भारत सरकार के विभिन्न विभागों और उपक्रमों द्वारा आयोजित विजिलेंस सतर्कता पखवाड़ा के तहत मनाए जाने वाले कार्यक्रमों की कड़ी में पावर ग्रिड कार्पोरेशन आफ इंडिया की बिहार शरीफ इकाई के द्वारा डी ए वी पब्लिक स्कूल पी जी सी, बिहार शरीफ के प्रांगण में आज विभिन्न विद्यालयों के छात्रों के मध्य एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसका विषय था ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत, एक विकसित राष्ट्र’। इसमें आसपास के क्षेत्रों के दस विद्यालयों के कुल बीस छात्रों ने भाग लिया जिनमें केन्द्रीय विद्यालय, राजगीर, जेएनवी राजगीर, सैनिक स्कूल, राजगीर, सरस्वती विद्या मंदिर, राजगीर, सदर आलम, बिहार शरीफ, आरपीएस, बिहार शरीफ और डीएवी पब्लिक स्कूल, पावर ग्रिड कैम्पस, बिहार शरीफ आदि शामिल हैं।

    कार्यक्रम में पावर ग्रिड के डीजीएम श्री नीरज कुमार, डी ए वी पब्लिक स्कूल के प्राचार्य श्री वी के पाठक, प्रोफेसर श्री आर पी कच्छवे और शहर के अन्य स्वनामधन्य महानुभाव शामिल थे। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सफल प्रतियोगियों के नाम निम्नांकित है , प्रथम स्थान पर डीएवी पब्लिक स्कूल पीजीसी बिहारशरीफ की छात्रा जहान्वी प्रियदर्शिनी कृतिका नारायण रही तो द्वितीय स्थान सैनिक स्कूल नानंद, राजगीर . कैडेट आदित्यराज .कैडेट निवेदिता पांडे ने हासिल किया तो तृतीय स्थान पर सदर आलम मेमोरियल सेकेंडरी स्कूल , बिहारशरीफ की अंशु चौधरी व फातिमा हसन रहें। मेजबान विद्यालय के प्राचार्य श्री विजय कुमार पाठक ने अपने उद्बोधन भाषण में कहा कि देश भ्रष्टाचार मुक्त होगा तभी विकसित राष्ट्र की कल्पना हम कर सकते हैं । पावर ग्रिड बिहारशरीफ के उप प्रबंधक श्री नीरज कुमार ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि हम भ्रष्टाचार को पूर्णत: समाप्त करना चाहते हैं तो किसी नियम या कानून के दबाव में संभव नहीं है l बल्कि हम सभी को अपनी नैतिकता का उत्कर्ष कर भ्रष्ट आचरण से बचना होगा ।

  • नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जन जागरूकता अभियान ।

    ऐतिहासिक पर्यटन स्थल नालंदा में भी डेंगू के बढ़ते प्रकोप देखते हुए नगर पंचायत नालन्दा के लोगो के विशेष आग्रह पर सृजन नालन्दा के कलाकारो ने डेंगू से बचने के लिए चलाया नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जन जागरूकता अभियान।सृजन के कलाकारों ने नालन्दा विद्यापीठ विद्यालय के प्रागंण में गीत संगीत एवम नुक्कड़ नाटक के माध्यम से डेंगू से बचने के उपाय,सावधानी एवम घरेलू उपचार बताकर लोगों को जागरूक किय।

    मौके पर सृजन कला मंच के संयोजक श्री अरविंद कुमार ने कहा कि सरदर्द, वदन दर्द, शरीर में ऐठन, जोड़ो में दर्द, तेज बुखार, जी मचलना, उल्टी आना, इत्यादि प्रमुख लक्षण है व्यक्ति को तुरंत उपचार के लिये स्वास्थ्य केंद्र जानी चाहिए वंहा निशुल्क जांच एवं उपचार की जाती हैं उपचार के पश्चात समय पे दवा एवम नारियल पानी ,अनार का जूस, तुलसी का काढ़ा, कीवी फल, गिलोय आदि का सेवन करना चाहिए उन्होंने बताया कि इसके लिए कोई अनुदान राशि कहि से नही मिली है हम सृजन के कलाकार अपनी स्वेच्छा से कर रहे है जब हमलोग नगर पंचायत सिलाव और नगर परिषद राजगीर के द्वारा लोगो को जागरूक करके आते थे तो लोग कहते थे कि नालन्दा में भी डेंगू अपना पैर फैला रहा है क्या तुम लोग यहा के लोगो को जागरूक नही करोगे अपना नाटक नही दिखाओगे तब हम लोगो ने फैसला किया सरकार व नगर प्रसाशन अपना काम तो कर ही रह है हमसब नागरिक का भी कर्त्तव्य बनता है कि अपने गांव समाज के लिए हमे भी कुछ करना चाहिए तब हमने निर्णय लिया कि सप्ताह में एक दिन समाज के लिए गीत ,संगीत एवम नाटक के माध्यम से सेवा करेंगे।

    वही सृजन के टीम लीडर सुश्री कृपा कुमारी ने लोगो से अपील करते हुवे कही की डेंगू बड़ी बीमारी नही है परन्तु सावधानी नही बरती जाए तो जान भी जा सकती है इसलिए जागरूकता ही सरल उपाय है। वही कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे विद्यापीठ विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री राजेश प्रसाद ने कहा कि सृजन के सभी कलाकार बधाई के पात्र है जो अपना बहुमूल्य समय देकर समाज को जागरूक कर रहे है इनके द्वारा बताए गए डेंगू से बचने के उपाय निश्चित रंग लाएगा।

    हम सबका भी कर्त्तव्य बनता है जो जहाँ है वही लोगो को जागरूक कर तभी डेंगू से निजात मिलेगा।पुनः भी से बधाई देते है और आग्रह करते है इसी तरह हमारे विद्यालय आते रहे।मौके पर शिक्षक राजू पासवान, हर्षवर्धन कुमार, कुमार अमिताभ , बुद्धन पासवान , मो. रेज़ा कंचन कुमारी, निर्मला सिंह,सरस्वती कुमारी,सुधा कुमारी एवम समाजसेवी हरिशंकर कुमार ने अपना विचार दिया। इस कार्यक्रम में कलाकार के रूप में राधा कुमारी,अंजली कुमारी, ज्योति कुमारी, रामसेवक कुमार,दिनेश कुमार,रौशन कुमार,कृपा कुमारी एवम अरविंद कुमार मौजूद थे।

  • प्रत्याशी पर पैसा बांटने का आरोप लगाकर लोगों ने जमकर किया हंगामा

    व्यापार मंडल चुनाव के दौरान मतदान केंद्र पर जमकर हंगामा हुआ. हंगामा कर रहे लोग आरोप लगा रहे थे कि कतार में खड़े मतदाताओं के बीच प्रत्याशी द्वारा पैसा बांटा जा रहा है.प्रखंड परिसर स्थित प्रधानमंत्री आवास कार्यालय में शुक्रवार को व्यापार मंडल का चुनाव कराया जा रहा था. इस दौरान एक प्रत्याशी व उसके समर्थकों ने हंगामा किया. बावजूद प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं लिया. लगभग एक घंटा बाद फिर हंगामा शुरू हो गया.

    दो प्रत्याशी के समर्थक मतदान केंद्र पर पहुंच गए. हंगामा के बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. दोनों प्रत्याशी के समर्थकों को प्रखंड परिसर से बाहर निकाला गया. हंगामा कर रहे लोग आरोप लगा रहे थे कि वोट देने के लिए कतार में खड़े मतदाता को एक प्रत्याशी बार-बार अपने पक्ष में वोट देने के लिए आग्रह कर रहे थे. बहला फुसला कर कुछ लोगों को कतार से बुलाकर पैसा दे रहे थे. शिकायत के बावजूद प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं लिया. जानबूझकर प्रशासन द्वारा एक प्रत्याशी को मतदान प्रभावित करने के लिए सहयोग किया जा रहा था. चुनाव में तैनात मजिस्ट्रेट ने बताया कि प्रत्याशी खुद पोलिंग एजेंट थे. इस कारण मतदाताओं से बातचीत कर रहे थे.

    प्रत्याशी पर पैसा बांटने का आरोप लगाकर लोगों ने जमकर किया हंगामा

    हंगामा कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर प्रखंड परिसर से बाहर निकाल दिया गया. हालांकि इस दौरान मतदान केंद्र के पास किसी भी परी अधिकारी को नहीं देखा गया. इसके बाद शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुआ. व्यापार मंडल चुनाव के लिए मतदाता सूची में 633 का नाम है. जिसमें 90 मतदाताओं का मृत्यु हो चुका है. शेष 543 में मतदाताओं में से 282 मतदाता ने अपने मताधिकार का प्रयोग किये.

    चुनाव कार्य सम्पन्न होने के बाद वोटों की गिनती भी शुरू हो गई. निर्वाचित पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी उज्जवल कांत ने बताया कि मतदान के दौरान कुल 282 मत पड़े हैं. जिसमें 6 रदद हुए हैं. इस तरह 276 वोट सही पाए गए. जिसमें दिलीप कुमार को 127 मत, रामानंदन यादव को 37 मत एवं विनोद कुमार को 112 मत पड़े. दिलीप कुमार अपने निकटतम प्रतिद्वंदी विनोद कुमार से 15 वोट से जीत हासिल किए और उन्हें निर्वाचित घोषित किया गया.

  • नगर परिषद् ने जारी किया वाट्स ऐप न०,लोग डाल सकेंगे समस्या का वीडियो !

    हिलसा ( नालंदा ) नगर से संबधित समस्याओं के निदान हेतु हिलसा नगर परिषद् ने एक वाट्स ऐप न० जारी किया है। बीते दिनों प्रकृति पूजन व स्वच्छता के पर्व छ्ठ पर्व के दौरान समाजसेवी डा. आशुतोष कुमार मानव ने यह नम्बर जारी किया। नगर परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी संदीप कुमार की उपस्थिति में वाट्स ऐप न० 7295842178 जारी करते हुए ब्रांड ऐंबेसडर डा. आशुतोष मानव ने कहा कि यह शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

    इस नम्बर पर हिलसा नगर परिषद के नागरिक नल-जल,प्रदूषण,कचरा उठाव के साथ अन्य नगर परिषद् से जुड़ी समस्याओं का वीडियो,फोटो भेजकर शिकायत कर सकेंगे। यह नम्बर कार्यपालक पदाधिकारी के साथ साथ अन्य सम्बंधित अधिकारी की निगरानी में रहेगा और वे नम्बर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के यथाशीघ्र निदान का प्रयास करेगें।

  • डॉ इन्द्र कुमार शर्मा आदित्य सलाहकार नियुक्त

    kumud ranjan – प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने साहिबाबाद उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व मुख्य राजभाषा प्रबंधक, समाजसेवी डॉ इन्द्र कुमार शर्मा आदित्य को सलाहकार नियुक्त किया है ।डॉ शर्मा बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न व्यक्तित्व के धनी है।आपकी 4 पुस्तकें,30 लेख,2 शोध लेख प्रकाशित हो चुके हैं।इन्हें भारत सरकार के राजभाषा विभाग ने हिंदी विद्वानों की सूची में शामिल किया है। आपको भारत सरकार ने श्रेष्ठ राजभाषा कार्यान्वयन के लिए प्रथम पुरस्कार से नवाजा है। दिनांक 04.11.2022 को जारी अपनी विज्ञप्ति में कवि संगम त्रिपाठी ने बताया कि संस्था में निरंतर शामिल होकर कवि साहित्यकार समाजसेवी पत्रकार शिक्षाविद हिंदी प्रचार प्रसार में सहयोग प्रदान कर रहे हैं और अपने कार्यों से हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

    प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के प्रेरणा स्त्रोत डाॅ धर्म प्रकाश वाजपेयी जी ने कहा कि हिंदी प्रचार प्रसार में देश के साथ साथ विदेशों में भी प्रेरणा के अभियान की सराहना हो रही है जिससे हमें अपने कार्य के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
    डॉ इन्द्र कुमार शर्मा आदित्य जी की नियुक्ति पर प्रदीप मिश्रा अजनबी, डॉ हरेन्द्र हर्ष, सुव्रत दे, डॉ लाल सिंह किरार, जी विजय कुमार, कुमार दीपक, नेमा खगेश शाह, अशोक गोयल, सुषमा खरे, डॉ मंजुला साहू निर्भीक, अरविंद अकेला, गुरुदीन वर्मा आजाद, श्री गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी, डॉ शिव शरण श्रीवास्तव अमल, कुमार आलोक पप्पू सोनी, राजकुमारी रैकवार राज, कामिनी व्यास रावल, मीना शर्मा, अनिल शुक्ला, माला श्रीवास्तव, पूजा अग्रवाल, शैलेश सिंह आदि ने बधाई दी है।