Category: Bihar News

  • विधिक सेवा प्राधिकार पटना के निर्देशानुसार संविधान दिवस के अवसर पर

    बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार पटना के निर्देशानुसार संविधान दिवस के अवसर पर आज दिनांक 26 नवंबर 22 को विधिक सेवा सदन व्यवहार न्यायालय नालंदा बिहारशरीफ में संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें रचना अग्रवाल, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार नालंदा के निर्देशन में पैनल अधिवक्ताओं और पर विधिक स्वयंसेवक और विधि संकाय के छात्रों द्वारा संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई। इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकार और मूल कर्तव्यों के बारे में उपस्थित लोगोंको जागरूक किया गया। इस मौके पर पैनल अधिवक्ता बिरमानी कुमार, सोनाली स्वरूप, गौरव कुणाल, संजीव कुमार, आदि और विधि संकाय छात्रों में प्रभात, सबिला, सनोवार, सुप्रिया, आदि और पारा विधिक स्वयंस्ववक के रूप में राजीव कुमार , राजेश कुमार पांडेय, अभिषेक कुमार, आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के सहयोग के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सहायक मुहम्मद आतिफ, कौशल, मंजीत, मधुसूदन, ने सहयोग किया। इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने बताया की संविधान सप्ताह जो आज से 2 दिसंबर 22 तक मनाया जाना है, इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी, नालंदा को निर्देशित किया गया है कि वे सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों में संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकार और मूल कर्तव्यों पर निबंध लेखन प्रतियोगिता , पेंटिंग प्रतियोगिता, डिबेट आदि का आयोजन करवाना सुनिश्चित करेंगे।

  • स्थित कुशवाहा छात्रावास के पुनर्निर्माण को लेकर पहला दानदाता के

    बिहारशरीफ स्थानीय रामचंद्रपुर स्थित कुशवाहा छात्रावास के पुनर्निर्माण को लेकर पहला दानदाता के रूप में एकंगरसराय प्रखंड के तेलहाङा निवासी मनीश कुमार उर्फ शन्नी ने कुशवाहा क्षत्री साख सभा के नाम से 2 लाख 50 हजार का चेक प्रदान किया। प्रधम दानदाता श्री कुमार राणाविग़हा पंचायत के पूर्व मुखिया हिरामण प्रसाद के नाती हैं तथा इनका शिक्षा दिक्षा लखरावां गांव से ही हुआ इस मौके पर इनहोने कहा कि यह सहयोग समाज के बच्चों के लिए छोटा सा प्रयास है ताकि समाज के बच्चों को पढाई में किसी प्रकार का असुविधा न हो। इस मौके पर सभा के अध्यक्ष डा चंदेश्वर प्रसाद ने कहा कि कुशवाहा छात्रावास को लेकर पिछले बैठक में समाज के दर्जनो लोगों ने सहयोग का आश्वासन दिया था जिसके तहत आज से शुरू हो गया है। इस मौके पर कोषाध्यक्ष डा दीनानाथ वर्मा ने कहा कि जिस तरह बुंद बुंद से तालाब में पानी भर जाता है उसी प्रकार छात्रावास निर्माण में छोटा सहयोग से भव्य कुशवाहा छात्रावास बनकर तैयार होगा और समाज के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इस मौके पर सचिव संजय कुमार आजाद, विपिन कुमार सिन्हा , कौशल कुमार , विजय प्रसाद सिंहा , संजीव कुमार , विवेक कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे ।

  • राजगीर के ऐतिहासिक धरती पर किसान महापंचायत का समापन हुआ।

    नालंदा जिला के राजगीर के मेला मैदान में ऐतिहासिक धरती पर संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वधान में सविधान दिवस के अवसर पर किसान महापंचायत का समापन हुआ किसान महापंचायत की अध्यक्षता किसान महापंचायत के संयोजक चंद्रशेखर प्रसाद सुरेंद्र प्रसाद यादव रामचंद्र आजाद ने की मंच का संचालन उमराव प्रसाद निर्मल ने की इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि किसान को अपने उत्पादन का वास्तविक मूल्य लगाने का अधिकार प्राप्त नहीं है किसान आज भी अपने उत्पादन किए हुए अन फल सब्जी कौड़ियों के भाव बाजार में बेचने पर विवश है आज के तारीख में उनको वास्तविक मूल्य नहीं मिल रहा है इसलिए किसानों को मूल्य लगाने का हक मिलना चाहिए पूरे देश में एमएसपी पर कानून बनाने की जरूरत है किसान महापंचायत में पूरे बिहार के किसान मजदूर हजारों हजार के संख्या में शामिल हुए
    किसान महापंचायत ने मांग कि:- एमएसपी पर कानून बने।

    दिल्ली के किसान आंदोलन के दौरान हुए शहीद किसानों को मुआवजा मिले भूमि में सर्वे दाखिल खारिज परिमार्जन में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगे बिहार में व्यापार के लिए बाजार समिति चालू करने अन्य राज्यों की तरह खेतों को निशुल्क बिजली पानी उपलब्ध करने गन्ना उत्पादक को बकाया राशि उपलब्ध करने मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ने बंद पड़े राजगीर कृषि महाविद्यालय को खोलने दक्षिण बिहार को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने गंगा कोसी में भूमि कटाव कोशिका स्थाई निदान कोयल परियोजना को लागू करने भारत के 60 वर्ष से ऊपर किसानों को ₹10000 पेंशन मिले कृषि कार्य हेतु किसानों को मुफ्त बिजली मिले किसानों का कर्ज माफ हो आदि मुद्दे शामिल थे इस मौके पर मुख्यवक्ता गुरुनाम सिंह चरूनी आर एन सिंह।।

    राकेश रफीक जिला प्रवक्ता रामदेव चौधरी शाहनवाज अनिल पासवान जवाहर निराला उमेश शर्मा डॉ विनाय सिंह बीबी सिंह मोहम्मद जफरबारी अंसारी कल्लू सिंह मंजय कुमार जैनेंद्र कुमार राजेंद्र प्रसाद चंद्रशेखर यादव महेंद्र प्रसाद अनिल सिंह लड्डू खान सुरेश प्रसाद मंजू देवी नरेश कुमार विधार्थी श्री सत्येंद्र सिंह जयराम सिंह पिंटू कुमार चंद्रवंशी जमालुद्दीन मंटू चौरसिया ओमप्रकाश जी चंद्रउदय कुमार अशोक यादव सुभाष चंद्र प्रकाश जी बाल गोविंद सिंह विजय कुमार रघुवर रामावतार सिंह नरेश कुमार विद्यार्थी आदि लोगों ने किसान महापंचायत को संबोधित किए। इस किसान महापंचायत में पथरौरा पंचायत के पूर्व मुखिया अनुज कुमार मनोहर कुमार चौधरी विजयकांत सिन्हा प्रोफेसर शिव कुमार यादव मोहम्मद अब्दुल्ला अरमान जी मोहन प्रसाद नरेश प्रसाद अरुण सिंह आदि लोग उपस्थित थे

  • नालंदा महिला कॉलेज में मनाया गया संविधान दिवस

    संविधान दिवस के मौके पर नालंदा महिला कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कॉलेज की प्राचार्या डॉ. मुसर्रत जहां ने भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताओं का वर्णन किया। और कहा कि भारत का संविधान भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ।

    यह दिन यानि 26 नवंबर भारत के संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है । मौके पर एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. आशिया प्रवीण ने उपस्थित महाविद्यालय परिवार एवम छात्राओं को संविधान की प्रस्तावना हम भारत के लोग ……का सामूहिक संकल्प करवाया।और डॉ. आसिया प्रवीण ने कहा कि हम सभी को मिलकर राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को मजबूत बनाए रखना है। भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएं संविधान को और महान बनाता है।

    वही समाजसेवी सह सद्भावना मंच (भारत) के संस्थापक दीपक कुमार ने कहा कि संविधान दिवस अतुल्य विरासत को जारी रखने का एक संकल्प है । सरकार ने 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी ।आज हम सभी संविधान निर्माण की 73 वी वर्षगांठ मना रहे हैं।उन्होंने मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

    वही समाजशास्त्र के व्याख्याता डॉ. रामधनी पाल ने मौके पर कहा कि भारतीय संविधान एक पवित्र सारगर्भित और जीवंत दस्तावेज भारत के लिए एक महान मार्गदर्शक है।

    इस मौके पर एनएसएस की छात्रा निशा कुमारी ने संविधान की विशेषताओं पर अपनी राय व्यक्त की ।
    मौके पर गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्ष पुष्पलता कुमारी ,हिंदी विभाग की डॉ.वर्षा रानी , डॉ. सिंधु सिन्हा, नागमणि कुमार तथा शिक्षकेतर कर्मचारियों में राणा प्रताप सिंह, नौशाद आलम,पवन कुमार ,संजीव सिंह ,संजय , प्रत्युष कुमार तथा एनएसएस की स्वयंसेविका एवम् छात्राएं मौजूद रही ।

  • संविधान दिवस को मानववादी जनता पार्टी *संविधान बचाओ दिवस मनाया।

    प्रेस विज्ञप्ति 26 नवंबर 2022 संविधान दिवस को मानववादी जनता पार्टी *संविधान बचाओ दिवस * समारोह पूर्वक बिहार शरीफ के श्रमकल्याण परिसर में जिला अध्यक्ष नंदलाल रविदास की अध्यक्षता में मनाया। इस अवसर पर बाबा साहब के मूर्ति पर माला चढ़ाकर बाबा साहब अमर रहें और संविधान जिंदाबाद का नारा लगाया।पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुरेंद्र कुमार आर्य ने कहा कि संविधान के क्षेत्र में भारत विश्व गुरु है क्योंकि भारत के संविधान के जैसा पूरा दुनिया का संविधान नहीं है, जहां समता,संप्रभुता भाईचारा तथा न्याय पर आधारित है , भारत का विस्तृत संविधान विश्व में न्नमूना संविधान है जिसे बचाए रखने का मानववादी जनता पार्टी ने संकल्प लिया है ।

    पार्टी की ओर से पूरा बिहार में आज के दिन संविधान दिवस को संविधान बचाओ दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं को संविधान बचाने का संकल्प दिलाया जा रहा है। सभा में डॉ विनोद कुमार दास, सुरेंद्र पासवान ,रामबालक पासवान अखलाक अहमद, विकास कुमार, सूरज कुमार सुधांशु ,मंटू कुमार, ममता कुमारी,सोमारी सुधाकर, संतोषी देवी, लालता देवी ,बानो खातून, मोहम्मद एजाज अंसारी व कपिल पासवान आदि उपस्थित हुए

  • मुंबई : 26/11 हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई

    कंचनपुर स्थित यूनिटी इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने मुम्बई हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
    मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले की आज 14वीं बरसी है. इस आतंकी हमले में आतंकियों ने 160 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी. वहीं करीब 300 लोग घायल हुए थे. उस रोज पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था. यह भारतीय इतिहास का वो काला दिन है जिसे कोई चाह कर भी नहीं भुला सकता. 29 नवंबर की सुबह तक नौ हमलावर आतंकियों का सफाया हो चुका था और अजमल कसाब के तौर पर एक हमलावर पुलिस की गिरफ्त में था.

    विद्यालय के प्रधानाचार्य स्वर्ण किरण प्रसाद ने मुंबई हमलों के पीड़ितों को याद किया. उन्होंने कहा कि 26/11 की बरसी पर देश उन सभी को कृतज्ञता के साथ याद कर रहा है, जिन्हें हमने खोया. हम उनके प्रियजनों और परिवारों के दर्द को साझा करते हैं. राष्ट्र उन सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने कर्तव्य के पालन में बहादुरी से लड़ाई लड़ी और सर्वोच्च बलिदान दिया. इस मौके पर ज्ञानेंद्र कुमार पांडेय, सुदीप भट्टाचार्य, मोहम्मद अज़हर,दीपक कुमार, ओमप्रकाश, अभिषेक सिंहा,बालमुकुंद पांडेय, कंचन कुमारी, मनोज सिंह,रीना सिंह,स्नेहा कुमारी, सोनम कुमारी,सुनीता कुमारी,नीलेश कुमार सिंह,बिंदिया कुमारी,संजीत कुमार,सूरज कुमार यादव,शैलेश कुमार, आदि मौजूद थे।

  • दिलीप कुमार की अध्यक्षता में संविधान दिवस के रूप में मनाया गया

    जिला कांग्रेस कार्यालय राजेंद्र आश्रम बिहारशरीफ में जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार की अध्यक्षता में संविधान दिवस के रूप में मनाया गया सर्वप्रथम सभी कांग्रेस जनों ने भारत के संविधान की पूजा अर्चना की एवं उसके बाद संविधान की प्रस्तावना को पढ़कर उसके प्रति निष्ठावान एवं देश की एकता अखंडता को बरकरार रखने की शपथ ली तत्पश्चात एक संविधान विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया कांग्रेसियों को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष ने कहा कि आज के दिन ही उस समय के विद्वानों एवं बुद्धिजीवीयों की कमेटी के द्वारा एवं उस कमेटी के चेयरमैन डॉक् राजेन्द्र बाबू एवं बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के द्वारा संविधान का गठन किया गया था

    आपको बता दें की हमारा देश सैकड़ों वर्षों तक अंग्रेजों के चंगुल में फंसा रहा हम सैकड़ों वर्षों तक गुलामी की जंजीरों से बंधे हुए थे जब सन 1947 में देश आजाद हुआ उस समय सबसे बड़ी आवश्यकता एवं चुनौती हमारे देश में पुराने संविधान को हटाकर नया संविधान बनाने की थी सन 1949 में यह संविधान बनकर पूरी तरह से तैयार हुआ इस संविधान में जो सबसे बड़ा हमें अधिकार दिया गया वह नागरिक के मौलिक स्वतंत्रता का अधिकार था हमें अपने देश में अपनी बात रखने का अधिकार प्राप्त हुआ हमें अपने देश में कहीं भी जाकर रोजगार करने का नौकरी करने का या कहीं भी रहने और विचरण करने का अधिकार इसी संविधान के तहत प्राप्त हुआ

    इसी संविधान के द्वारा हमें अपने मौलिक अधिकारों का ज्ञान प्राप्त हुआ हमें इस संविधान के द्वारा दी गई शक्तियों का जरूर अवलोकन करना चाहिए दिलीप कुमार ने सरकार की ओर भी इशारा करते हुए कहा की हिंदुस्तान में चलने वाले सभी पाठ्यक्रमों में भारतीय संविधान का एक अध्याय जरूर होना चाहिए जिससे कि वर्तमान पीढ़ी को नौजवानों को संविधान के तहत दी गई शक्तियों एवं अपने अधिकार का ज्ञान हो सके आज वर्तमान में जो देश की सरकार चल रही है वह बाबा साहब के द्वारा लाए गए संविधान को समाप्त करने की कोशिश में लगी हुई है नागरिकों के मौलिक अधिकार को छिनने का काम किया जा रहा है

    नागरिकों की स्वतंत्रता को छीना जा रहा है जबकि देश की सरकार को यह समझना चाहिए कि सबसे पहले इस देश में नागरिक रहेंगे तभी हमारी सरकारें चलेगी सबसे बड़ा मालिक प्रजातंत्र में प्रजा यानी जनता ही होती है बल्कि सरकार द्वारा बहाल किए गए सरकारी मुलाजिमों को भी यह समझना चाहिए कि जनता है तभी तक वह पदाधिकारी हैं लेकिन आज की सरकार एवं वर्तमान का प्रशासन नागरिकों को रत्ती भर भी अधिकार देने के लिए तैयार नहीं है उन्हें लगता है कि वही सब कुछ है लेकिन यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि हमारे पूर्वजों ने कितनी मुश्किलों का सामना करके यह आजादी और संविधान हम लोगों को दिया है

    आज अगर हम आजाद नहीं होते तो हमारा संविधान और हमारी मौलिक अधिकार भी हमें प्राप्त नहीं होती अंत में दिलीप कुमार ने सभी कांग्रेसियों की और मुखातिब होते हुए कहा कि हम कांग्रेसियों का सबसे बड़ा दायित्व है इस संविधान की रक्षा करना हमें अपने जान की बाजी लगाकर भी संविधान की रक्षा करना है साथ ही अगर देश की जनता के साथ अगर कोई दुर्व्यवहार होता है उनके मौलिक अधिकारों का हनन होता है तो उसके खिलाफ भी आवाज उठाना हम कांग्रेसियों का काम है इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद सिंह मो जेड इस्लाम मुन्ना पांडे नंदु पासवान सरबेंद्र कुमार उदय कुशवाहा राजीव रंजन अजीत कुमार बेताब अली बच्चु प्रसाद राजीव कुमार गुड्डु राजेश्वर प्रसाद अमन कुमार मो आमिर मो साहेब मो जसिम मो फारूक के अलावे दर्जनों कांग्रेसियों ने संविधान पढ़कर शपथ ली ॥

  • कोई अनपढ न रहियो गीत से महिला साक्षरता कार्यक्रम की दी गई जानकारी।

    महिला साक्षरता कार्यक्रम के तहत अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं इससे
    साक्षर बनकर महिलाएं हो रही जागरूक। महिला साक्षरता कार्यक्रम के तहत
    एक दिवसीय क्षेत्र भ्रमण कर बढ़ाया ज्ञान।

    इनमें केन्द्र से नामंकित महिलाओं को ज्ञान अर्जन के लिए मौदहा, जिला हमीरपुर के महिला साक्षरता केन्द्र मसगांव(दामुपुरवा), करगांव (सायर) और रमना डेरा (छिरका) की नामंकित महिलाएं (शिक्षार्थी) को क्रास लर्निग कार्यक्रम के आयोजन में जिला बांदा के साक्षरता केंद्रों पर ले जाया गया।
    उक्त जानकारी देते हुये कार्यक्रम के फील्ड कोर्डिनेटर गीता कौर ने कहा कि यह कार्यक्रम बुंदेलखंड पैकेज के अंतर्गत, पशुपालन विभाग के सहयोग से बाएफ संस्था द्वारा उत्तर प्रदेश के तीन जिले चित्रकूट, बांदा और हमीरपुर चलया जा रहा ।

    इस कार्यक्रम में समय समय पर अनेक गतिविधियां की जा रही है जिसमें सेंटर की महिलाओ को नई और रोचक तरीके से जागरूक और साक्षर किया जा रहा है इसके तहत आज हमीरपुर जिले की नामंकित महिलाओं को बांदा जिले के केंद्रों का भ्रमण क्रास लर्निंग कार्यक्रम में शामिल किया।

    इस कार्यक्रम का उद्वेश्य केन्द्र की नामंकित महिलाओ में घर से बाहर अन्य स्थान पर जाने का अवसर देना है, जिससे की उनमें आत्मविश्वास बढ़े। साथ ही अपने गांव के सेंटर को अच्छा और नया रोचक तरीके, कैसे हो सकते है उन्हे स्थानीय रूप से जानने और अपनाने के लिए प्रेरित करना है। यह कार्यक्रम
    बांदा के साक्षरता केन्द्र तिंदवारा, नंदवारा और करतल विजिट क्षेत्र की विजिट की गई।

    बांदा की महिलाओ ने सेंटर पर आए सभी प्रतिभागियों का स्वागत फूल देकर और चन्दन का टीका लगाकर किया। इसके पश्चात आपस में परिचय करते हुवे सभी ने सेंटर पर आकर सीखे कार्य की चर्चा की ।
    सब दीदी मिलकर के पढ़ रही है कोई अनपढ़ ना रहिए गीत द्वारा महिलाओं को पढ़ने के लिए प्रेरित किया गया,
    और वहां की शिक्षिका एवं लर्नरों ने खेती-बाड़ी , पढ़ाई के बारे में, पशुओं की देखरेख, कृत्रिम गर्भाधान करवाने के लाभ और पशुओं का बीमा और फसल बीमा कराने की भी जानकारी बताई की सभी महिलाएं पशुपालन करती है।
    महिलाओ (लर्नर) ने शिक्षा के बिना कोई मजा न जीने में ….. साक्षरता के गीत भी गाया, तत्पश्चात केंद्र में लगे चार्ट के महत्व को एक करके ने समझाया

    और अक्षर पहचानने वाला खेल खेलते हुवे, अक्षर और अंको का मतलब बताना, जीवन में उनका प्रयोग भी बताया।
    अन्त में महिलाओ ने शेर और बकरी के खेल के माध्यम से संगठन के बारे मे समझा। इसके पश्चात सभी हमीरपुर की महिलाओं ने बांदा की महिलाओ उनके कार्य की सराहना करते हुवे धन्यवाद दिया। सभी को बांदा सेंटर बहुत अच्छे लगे और उन्होंने भी उत्सुकता के साथ अपने सेन्टर पर भी ऐसे ही बढ़ चढ़ भागीदारी करने की सहमती दी ।
    क्रास लर्निग के लिए प्रतिभागी दोनो जिले की कुल 98 महिलाओ के साथ प्रेमवती, खुशबू, पुष्पा, शीतल देवी, सरोज, राजाबाई (शिक्षिकाएं ), विमल कुमार, रामकुमार, ऋतुराज त्रिपाठी, संदीप राजपूत, रामाश्रय (मेल मोटिवेटर), गीता कौर (फील्ड कार्डिनेटर, हमीरपुर) सुनीता कुशवाहा (फील्ड कार्डिनेटर, बांदा) शामिल रहें।

  • हिलसा में चला पर्यावरण जागरुकता अभियान , बाँटे गए पौधे !

    हिलसा ( नालंदा ) मिशन हरियाली नूरसराय के बैनर तले शहर के मोमिंदपुर स्थित आरपीएस स्कूल के प्रांगण में पर्यावरण जागरुकता अभियान सह पौधा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सैंकड़ों छात्र छात्राओं ने भाग लिया . बढ़ते प्रदूषण एवं पर्यावरण की लगातार बिगड़ती स्थिति को देखते हुए मिशन के संस्थापक राजीव रंजन भारती की पहल पर यह अभियान चलाया गया . इस मौक़े पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित डा.

    आशुतोष कुमार मानव ने कहा कि पौधे हमारे सच्चे साथी हैं जो कभी भी धोखा नहीं दे सकते . ये हमें न केवल खाने को फल देते हैं बल्कि पूरे पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने की ज़िम्मेवारी निभाते हैं . उन्होंने कहा कि हमें भी पौधों की तरह दूसरों के काम आना चाहिए . इसके लिए हर हाथ को कम से कम दस पौधे लगाने होंगे . श्री भारती ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण की रोक थाम के लिए हर शहर एवं गाँव में बड़ी संख्या में पौधरोपण अभियान चलाने की दरकार है . हर संगठन को इसके लिए आगे आना होगा .

    इस मौक़े पर बच्चों के बीच शरीफा, अमरूद , कटहल, हरश्रिंगार आदि पौधों का निशुल्क वितरण किया गया .इस अवसर पर शिक्षाविद अश्विनी कुमार, उपेन्द्र कुमार, आविष्कार त्यागी, सुलभा कुमारी, आरती रानी, ख़ुश्बू कुमारी, अविनाश कुमार, रामानन्द प्रसाद, अनाविया परवीन, रूही परवीन, नाहिद परवीन समेत कई लोग उपस्थित थे

  • विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस पर विशेष

     

    राकेश बिहारी शर्मा—पर्यावरण की करो रक्षा, बच्चो को पहले ये शिक्षा।, पर्यावरण की हो सुरक्षा, जिससे बढ़कर नहीं तपस्या। प्रतिवर्ष सम्पूर्ण विश्व में 26 नवम्बर को “विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस” मनाया जाता है। यह दिवस पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने एवं लोगों को जागरूक करने के सन्दर्भ में सकारात्मक कदम उठाने के लिए मनाते हैं। वर्ष 1992 के 26 नवम्बर से विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। विश्व के विद्वानों द्वारा किये गये कई अध्ययनों से पता चला है कि लोगों की शारीरिक क्षमता दिन-ब-दिन कम होती जा रही है और बीमारियाँ बढ़ती जा रही हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह पर्यावरण का ख़राब होना है। विडम्बना यह है कि आज के आधुनिक स्मार्ट युग में ज़्यादातर लोग पर्यावरण के प्रति लापरवाह होते जा रहे हैं और जाने-अनजाने पर्यावरण को ख़राब कर रहे हैं।आज ज़्यादातर लोगों को न तो पर्यावरण का मतलब पता है और न ही पर्यावरण से उन्हें कोई मतलब है। इसलिए आज दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती धरती पर पर्यावरण सुरक्षा को लेकर बनी हुई है।

    वर्ष 1992 से हर साल 26 नवंबर को पर्यावरण संरक्षण दिवस मनाया जाता है। सन् 1972 से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। लेकिन इन दशकों में ही पर्यावरण को सबसे ज़्यादा नुक़सान पहुँचाया गया है। विश्व के पर्यावरण प्रेमी और पर्यावरण संरक्षण के नाम पर अपनी जेबें भरने वाले लोग हर साल सिर्फ़ 26 नवंबर को विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस के बहाने बिगड़ते जा रहे पर्यावरण को रोना-धोना करके शांत और निष्क्रिय हो जाते हैं। फिर भी हर साल करोड़ों रुपये पर्यावरण संरक्षण के नाम पर पानी की तरह बहाया जाता है। हालात यह हैं कि अपने फ़ायदे के लिए पर्यावरण ख़राब करने की मंशा वाले पूँजीपति पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वालों पर भारी पड़ते जा रहे हैं। उदाहरण के लिए दवा कम्पनियों के मालिकों को ही लें, तो वे कभी नहीं चाहते कि धरती का पर्यावरण शुद्ध रहे।
    साफ़ है कि पर्यावरण ख़राब होगा, तो लोग ज़्यादा-से-ज़्यादा बीमार पड़ेंगे और दवा कम्पनियों का धंधा चलेगा। दवा कम्पनियों की तरह ही प्रदूषण करने वाले कारख़ाने, धरती पर बढ़ती गंदगी और धरती में लगातार बैठते गंदे पानी और घटते जंगलों से भी पर्यावरण को गंभीर नुक़सान हो रहा है। आज हमारा पर्यावरण इस हालत तक ख़राब हो चुका है कि अगर दुनिया के सभी लोग उसे सुधारने का प्रयास करें, तो भी इसे अच्छे स्तर का बनाने में कम-से-कम तीन-चार दशक का समय लग जाएगा।

    प्रदूषण से होने वाले नुक़सान

    अब तक पर्यावरण को लेकर किये गये अध्ययनों की रिपोट्र्स से यह पता चलता है कि पर्यावरण प्रदूषित होने से पशु-पक्षियों और इंसानों से लेकर हर तरह के जीव-जंतु को नुक़सान पहुँच रहा है। हमारा पर्यावरण इतना प्रदूषित हो चुका है कि इसके प्रभाव से समुद्री जीवों और वनस्पतियों का जीवन भी ख़तरे में पड़ता जा रहा है। पर्यावरण प्रदूषण से प्राकृतिक असंतुलन पैदा हो रहा है, जिससे बीमारियाँ बढऩे के साथ-साथ पशु-पक्षियों और लोगों की शारीरिक क्षमता कमज़ोर होती जा रही है। इससे धरती का जीवन-चक्र बिगड़ रहा है, जिससे वह अपनी पाश्चुरीकृत क्षमता को खोती जा रही है।

    साथ ही तरह-तरह के प्रदूषणों से कई तरह की विषैली गैसें पैदा हो रही हैं और जीवनदायिनी गैसों की मात्रा घट रही है। कई वैज्ञानिक तो पर्यावरण प्रदूषण के चलते यहाँ तक चेतावनी दे चुके हैं कि अगर इसी प्रकार धरती पर ऑक्सीजन घटती गयी, तो आने वाले समय में हमारी पीढिय़ों को जीवनदायिनी ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए अपनी पीठ पर ऑक्सीजन सिलेंडर लादना पड़ सकता है।

    कोरोना काल में ऑक्सीजन के लिए मारामारी

    कोरोना महामारी में ऑक्सीजन के लिए हुई मारामारी से इसे समझा जा सकता है। अपने फ़ायदे के लिए लोगों ने प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और दुरुपयोग से ख़ुद के लिए ही मुसीबतें पैदा की हैं। पर्यावरण प्रदूषण के चलते इंसानों के साथ-साथ कई तरह के पशु-पक्षियों का जीवन संकट में है।

    कई प्रकार के पशु-पक्षी विलुप्त हो चुके हैं और कई विलुप्त होने के कगार पर हैं। पर्यावरण में तेज़ी से बढ़ रही क्लोरोफ्लोरो कार्बन गैस (सीएफसी) के चलते ओजोन का विघटन तेज़ी से हो रहा है। सन् 1980 में ही वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि ओजोन स्तर का विघटन धरती के चारों ओर हो रहा है। स्थिति यह है कि दक्षिण ध्रुव के विस्तार में ओजोन स्तर का विघटन 40 से 50 फ़ीसदी तक हो चुका है।

    पर्यावरण के प्रति वैज्ञानिकों का मत

    वैज्ञानिकों का मत है कि इंसानों की बढ़ती आबादी के चलते बढ़ते शहरीकरण के चलते ओजोन परत में छेद बढ़ रहे हैं। अब तक के अध्ययनों का निचोड़ बताता है कि इंसानों की बढ़ती आबादी और उसकी ज़रूरतों को पूरा करने की होड़ से पर्यावरण को पहुँचने वाला नुक़सान भी बढ़ता जा रहा है।

    इंसानी आबादी कम करने के साथ-साथ इंसानों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ख़तरनाक चीज़ों पर भी पाबंदी ज़रूरी है, जिसमें प्लास्टिक, मिलावटी खाद्य पदार्थ और नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।

    पर्यावरण संरक्षण क़ानून और वर्तमान में उसके परिणाम