Category: Bihar News

  • विशेष समिति और आचार समिति की रिपोर्ट सदन में पेश करने की मांग, BJP ने किया विधानसभा में प्रदर्शन

    लाइव सिटीज, पटना: बिहार विधानसभा का विशेष सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं. पिछले वर्ष बजट सत्र में विधानसभा में हुए भारी हंगामे और विपक्षी विधायकों द्वारा तत्कालीन स्पीकर व नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के साथ किये गये दुर्व्यवहार मामले में विधानसभा की आचार समिति की सिफारिश पर बीजेपी ने नीतीश-तेजस्वी सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी ने कहा कि ”जनादेश का अपमान किया जा रहा है. आचार समिति की रिपोर्ट आ गई है, जिसे सदन के पटल पर रखने की जरूरत है.” विधानसभा के पोर्टिको में बीजेपी नेताओं ने आज इस रिपोर्ट को सदन में रखने की मांग की प्रदर्शन किया.

    नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा है कि, रिपोर्ट में डीप्टी सीएम और मंत्री पर कार्रवाई की अनुशंसा है. ऐसे में हम रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करते है. ”कल के कार्यसूची में इसे जोड़ा जाए, क्योंकि ये मामला विधानसभा के अंदर आया था. इसके लिए स्पेशल कमिटी बनी थी. इस रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा जाना चाहिए. आप जीरो टोलरेंस की बात करते हैं तो सभा के पटल पर रखने में क्या परेशानी है.

    उन्होंने कहा कि शालीनता के साथ भी अपनी बात कही जा सकती है. मेरे मन के अंदर भी कई चोट लगे. सदन के अंदर संविधान के ज्ञाताओं ने पाठ पढ़ाने का काम किया गया. हमने भी सब्र रखा. बिहार के माननीय मुख्यमंत्री जी थे उनके सम्मान में कमी नहीं रखा. यह व्यवस्था चलनी चाहिए. चाहे नेता प्रतिपक्ष हो या नेता सदन या हमारे मंत्री या विधायक हो हर किसी का सम्मान मर्यादा के तहत हो. सदन में सब बराबर हैं. अगर कोई भेद करेगा तो आप समझ सकते है वे कितने ज्ञानवान है. आप जीरो टोलरेंस की बात करते है तो इस रिपोर्ट पर कल सभा के पटल पर रखें.

    इसके पहले गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने गत वर्ष बजट सत्र में विधानसभा में हुए भारी हंगामे और तत्कालीन विपक्ष के विधायकों द्वारा आसन के साथ किए गए दुर्व्यवहार मामले में आचार समिति की अनुशंसा को दबाने पर नीतीश सरकार पर सवाल खड़ा किया.

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  • शबाना दाऊद जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त, महिलाओं को संगठन से जोड़ने का मिला जिम्मा

    लाइव सिटीज, पटना: जदयू नेत्री शबाना दाउद को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है. पटना के कर्पूरी सभागार में शबाना दाउद को पत्र दिया गया. अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सलीम परबेज ने उन्हें पत्र दिया. इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, सांसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सलीम परवेज, अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री जमा खान उपस्थित थे.

    कार्यक्रम में उपस्थित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने सभी पदाधिकारियों को पार्टी को बूथ स्तर तक मजबूत करने का संकल्प लेने के लिए आह्वान किया. उन्होंने कहा कि सभी पार्टी पदाधिकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए गए विकास के काम को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें. सांसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष ने संगठन को मजबूत बनाने के लिए कार्यकर्ताओं से बढ़-चढ़ कर काम करने पर जोर दिया.

    प्रदेश उपाध्यक्ष शबाना दाऊद ने कहा कि वह अधिक से अधिक महिलाओं को संगठन से जोड़ने का काम करेंगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं के विकास के लिए किए गए काम को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करेंगी.

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  • पिछड़ा वर्ग के आइकॉन बीपी मंडल की 104 वीं जयंती पर विशेष

    राकेश बिहारी शर्मा – पिछड़ों के मसीहा एवं हमदर्द बिहार के 7 वीं पूर्व मुख्यमंत्री और मंडल आयोग के अध्यक्ष बीपी मंडल (बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल) को पिछड़ा वर्ग के आइकन के रूप में याद किया जाता है। बीपी मंडल को मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने का एक बड़ा नायक माना गया है। उनके प्रयासों की वजह से केंद्र सरकार की नौकरियों और केंद्रीय शिक्षा संस्थानों के दाखिलों में पिछड़े वर्गों को 27 परसेंट रिज़र्वेशन मिलने का रास्ता साफ हुआ।

                                बीपी मंडल का जन्म, शिक्षा एवं पारिवारिक जीवन

    बीपी मंडल का जन्म 25 अगस्त 1918 को बनारस में हुआ था। बीपी मंडल को लोग बिंदेश्वरी बाबू (बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल) के नाम से भी जानते थे। वे जाने-माने अधिवक्ता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय रासबिहारी मंडल व श्रीमती स्वर्गीय सीतावती मंडल की सातवीं संतान थे। बीपी मंडल का बचपन बिहार राज्य के मधेपुरा के मुरहो गांव में बीता। बीपी मंडल का ताल्लुक बिहार के मधेपुरा ज़िले के मुरहो गांव के एक जमींदार परिवार से था ही। मधेपुरा से पंद्रह किलोमीटर की दूरी पर बसा है मुरहो गांव। इसी गांव के किराई मुसहर साल 1952 में मुसहर जाति से चुने जाने वाले पहले सांसद थे। मुसहर अभी भी बिहार की सबसे वंचित जातियों में से एक है। किराई मुसहर से जुड़ी मुरहो की पहचान अब लगभग भुला दी गई है। अब ये गांव बीपी मंडल के गांव के रूप में ही जाना जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग-107 से नीचे उतरकर मुरहो की ओर बढ़ते ही बीपी मंडल के नाम का बड़ा सा कंक्रीट का तोरण द्वार है। गांव में उनकी समाधि भी है। बीपी मंडल की शुरुआती पढ़ाई मुरहो और मधेपुरा में हुई थी।

    हाई स्कूल की पढ़ाई दरभंगा स्थित राज हाई स्कूल से की। स्कूल से ही उन्होंने पिछड़ों के हक़ में आवाज़ उठाना शुरू कर दिया था। बीपी मंडल राज हाई स्कूल के हॉस्टल में रहते थे। वहां पहले अगड़ी कही जाने वाली जातियों के लड़कों को खाना मिलता उसके बाद ही अन्य छात्रों को खाना दिया जाता था। उस स्कूल में अगड़ी अगड़ी जाति के लडके बेंच पर बैठते थे और पिछड़ी जाति के लडके नीचे। उन्होंने इन दोनों बातों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई और पिछड़ों को भी बराबरी का हक मिला। स्कूल के बाद की पढ़ाई उन्होंने बिहार की राजधानी के पटना कॉलेज से की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ दिन तक भागलपुर में मजिस्ट्रेट के रूप में भी सेवाएं दीं और साल 1952 में भारत में हुए पहले आम चुनाव में वे मधेपुरा से कांग्रेस के टिकट पर बिहार विधानसभा के सदस्य बने।

                                        बीपी मंडल का राजनैतिक सफरनामा

    मंडल जी जमींदार परिवार से होने के बावजूद हमेशा पिछड़ों के पैरोकार रहे। ये मुरहो एस्टेट के ज़मींदार होते हुए भी उन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन में जमकर हिस्सा लिया। वे बिहार प्रांतीय कांग्रेस कमिटी और एआईसीसी के बिहार से निर्वाचित सदस्य रासबिहारी लाल मंडल के सबसे छोटे पुत्र थे। रासबिहारी बाबू ने यादवों के लिए संघर्षपूर्ण जनेऊ धारण आन्दोलन चलाया था। यह आंदोलन प्रतिक्रियावादी लग सकता है, लेकिन दरअसल ये स्वाभिमान का आंदोलन था। 1917 में मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड समिति के समक्ष यादवों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए उन्होंने वायसरॉय को परंपरागत ‘सलामी’ देने की जगह उनसे हाथ मिलाया था। उन्होंने सेना में यादवों के लिए रेजिमेंट की मांग भी की थी। उस समय ज्यादातर नेता अपने समुदाय के हितों के साथ जुड़े थे। रासबिहारी बाबू के कामों को भी उसी नजरिए से देखने की जरूरत है। इस पृष्ठभूमि में बी.पी. मंडल की परवरिश हुई थी। वे मधेपुरा विधान सभा से 1952 के प्रथम चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी बने और 1952 में बहुत कम उम्र में मधेपुरा से विधानसभा के लिए सदस्य चुने गए। सन 1962 में वे दूसरी बार विधायक बने। इस बीच, 1965 में मधेपुरा क्षेत्र के पामा गांव में दलितों पर सवर्णों एवं पुलिस द्वारा अत्याचार के खिलाफ उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हो गए। वे 1967 में मधेपुरा से लोकसभा सदस्य चुने गए। बड़े ही नाटकीय राजनैतिक उतार-चढ़ाव के बाद 1 फ़रवरी, 1968 में वे बिहार के मुख्यमंत्री बने थे।

    इसके लिए उन्होंने सतीश प्रसाद को एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनवाया। उस समय बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। वे राम मनोहर लोहिया एवं श्रीमती इंदिरा गाँधी की इच्छा के विरुद्ध बिहार में पहले पिछड़े समाज के मुख्यमंत्री बनने जा रहे थे। परन्तु विधानसभा में बहुमत के बावजूद तत्कालीन राज्यपाल एम.ए.एस अयंगार रांची जाकर बैठ गए और मंडल जी को शपथ दिलाने से इस आधार पर इंकार कर दिया कि बीपी मंडल बिहार में बिना किसी सदन के सदस्य बने 6 महीने तक मंत्री रह चुके है। परन्तु बी.पी. मंडल ने राज्यपाल को चुनौती दी और इस परिस्थिति से निकलने के लिए तय किया गया कि सतीश बाबू एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बन कर इस्तीफा देंगे, जिससे बी.पी. मंडल के मुख्यमंत्री बनने में आ रही अड़चन दूर हो। उन्ही दिनों बरौनी रिफायनरी में तेल का रिसाव गंगा में हो गया और उसमें आग लग गयी। बिहार विधान सभा में पंडित बिनोदानंद झा ने कहा कि शुद्र मुख्यमंत्री बना है तो गंगा में आग ही लगेगी! इस प्रकरण का साक्ष्य बिहार विधानसभा के रिकार्ड में है। इस उस समय के राजनीतिक-सामाजिक वातावरण का अंदाजा लगाया जा सकता है।

                    बी.पी. मंडल ने विधानसभा में जातिसूचक शब्दों पर लगवाया प्रतिबंध

    बी.पी. मंडल ने यादवों के लिए विधान सभा में ‘ग्वाला’ शब्द के प्रयोग पर आपत्ति की थी। सभापति सहित कई सदस्यों ने कहा कि यह असंसदीय कैसे हो सकता है क्योंकि यह शब्दकोष में लिखा हुआ है। मंडल ने कुछ गालियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये भी तो शब्दकोष (डिक्शनरी) में है, फिर इन्हें असंसदीय क्यों माना जाता है। सभापति ने मंडल की बात मानते हुए, यादवों के लिए ‘ग्वाला’ शब्द के प्रयोग को असंसदीय मान लिया। 1968 में उपचुनाव जीत कर बी.पी. मंडल पुनः लोकसभा सदस्य बने। 1972 में वे मधेपुरा विधान सभा से सदस्य चुने गए। 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर मधेपुरा लोक सभा से सदस्य बने। 1977 में जनता पार्टी के बिहार संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के नाते लालू प्रसाद को कर्पूरी ठाकुर और सत्येन्द्र नारायण सिंह के विरोध के बावजूद छपरा से लोकसभा टिकट मंडल जी ने ही दिया। 1 जनवरी, 1979 को प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई ने बी.पी. मंडल को पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया, जिस जबाबदेही को उन्होंने बखूबी निभाया। इस रिपोर्ट को लाख कोशिश के बावजूद सर्वोच्च न्यायलय में ख़ारिज नहीं किया जा सका।उनके योगदान का सही मूल्यांकन होना अभी भी बाकी है।

              ● बीपी मंडल ने मंडल कमीशन रिपोर्ट लिख कर बदल दी करोड़ों बहुजनों की तकदीर

    आज जो लोग ओबीसी आरक्षण का लाभ लें रहें हैं। शायद उन्हें पता नहीं होगा कि किनके प्रयास से आज आरक्षण का लाभ लें रहें हैं। आरक्षित वर्गो को यह जानना जरूरी होगा कि मंडल आयोग के अध्यक्ष बीपी मंडल ने दो वर्षों तक देश के लगभग 640 जिलों में भ्रमण के बाद आकड़ा तैयार किया कि 3,743 जातियां पिछड़े वर्ग के मापदंड पर हैं। इस आंकड़ा के लिए उन्होंने 1931 के जनगणना के आधार पर रिपोर्ट तैयार किया,और 12 दिसम्बर 1980 को तत्कालीन गृहमंत्री ज्ञानी जैल सिंह को रिपोर्ट सौंपा। जिसके बाद 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री बीपी सिंह ने 7 अगस्त 1990 में इसे लागू किया। ओबीसी वर्ग को समाज में बराबरी का हिस्सा दिलाने के लिए बीपी मंडल ने एक लंबी लड़ाई लड़ी तब जाकर 52 फीसदी ओबीसी आबादी को राष्ट्र निर्माण में हिस्सेदार बनने का अहम मौका मिला है। इस रिपोर्ट में शिक्षा, नौकरी और प्रमोशन में आरक्षण की अनुशंसा की गई। जिसके बाद आखिरकार पिछड़े वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण की अधिसूचना जारी की गई। हालांकि देश भर में मंडल कमीशन का विरोध किया गया लेकिन 16 नवंबर,1992 को सुप्रीम कोर्ट ने इस कमीशन को लागू करने का फैसला उचित ठहराया। मंडल कमीशन की रिपोर्ट के आने के साथ ही खासकर उत्तर भारत में पिछड़े वर्गों की महत्वाकांक्षा का भी विस्फोट हुआ। राजनीति में उनकी दावेदारी मजबूत हुई और अपनी तकदीर खुद लिखने का जज्बा उनमें पैदा हुआ। 1980 के बाद उत्तर भारत में लालू-मुलायम-नीतीश और पिछड़ी जातियों के तमाम नेताओं की आगे आना इसी पृष्ठभूमि में हुआ है। इसे भारतीय राजनीति की मूक क्रांति या साइलेंट रिवोल्यूशन भी कहा गया क्योंकि इसके जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विशाल आबादी की हिस्सेदारी बढ़ी। इस मायने में मंडल कमीशन की रिपोर्ट का युगांतकारी महत्व है।
    मंडल कमीशन की रिपोर्ट भारत में सामाजिक लोकतंत्र लाने और 52 फीसदी ओबीसी आबादी को राष्ट्र निर्माण में हिस्सेदार बनाने की आजादी के बाद की सबसे बड़ी पहल साबित हुई, जिससे इन वर्गों के लाखों लोगों को नौकरियां मिलीं और शिक्षा संस्थानों में दाखिला मिला। इससे पिछड़े वर्गों की भारतीय लोकतंत्र में आस्था मजबूत हुई और उनके अंदर ये भरोसा पैदा हुआ कि देश के संसाधनों और अवसरों में उनका भी हिस्सा है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बी.पी मंडल साहब, सामाजिक न्याय आंदोलन के महान विचारक, वंचितों, उपेक्षितों को मुख्यधारा में लाने के लिए जीवनपर्यंत संघर्षरत रहे थे।
                                     मंडल आयोग देश में नये युग की शुरूआत की

    पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए मंडल कमीशन की रिपोर्ट युगांतकारी घटना साबित हुई है। हालांकि इस रिपोर्ट को एक दशक तक दबाकर रखा गया। फिर वह दिन भी आ ही गया जब विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार ने 13 अगस्त 1990 को मंडल कमीशन के सबसे महत्वपूर्ण सिफारिशों में से एक को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी। अब पिछड़ा वर्ग के लिए सरकारी सेवा में जाने के लिए बंद दरवाजे खुल चुके थे। विरोध प्रदर्शनों और थोड़ी अड़ंगेबाजी के बाद सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगकर 8 सितम्बर, 1993 को फाइनल अधिसूचना भी जारी कर दी गई। मंडल आयोग की दूसरी महत्वपूर्ण सिफारिश के अनुसार केंद्रीय शिक्षण, तकनीकी एवं व्यावसायिक संस्थानों में पिछड़ा वर्ग के लिए प्रवेश के द्वार भी आखिरकार 20 अगस्त, 2008 को खोल दिए गए।
    मंडल आयोग की सिफारिशों पर प्रकाश डालते हुए बी.पी. मंडल ने कहा था कि- सामाजिक पिछड़ेपन को दूर करने की जंग को पिछड़ी जातियों के ज़ेहन में जीतना ज़रूरी है। भारत में सरकारी नौकरी पाना सम्मान की बात है। ओबीसी वर्ग की नौकरियों में भागीदारी बढ़ने से उन्हें यकीन होगा कि वे सरकार में भागीदार हैं। पिछड़ी जाति का व्यक्ति अगर कलेक्टर या पुलिस अधीक्षक बनता है तो ज़ाहिर तौर पर उसके परिवार के अलावा किसी और को लाभ नहीं होगा पर वह जिस समाज से आता है, उन लोगों में गर्व की भावना आएगी, उनका सिर ऊंचा होगा कि उन्हीं में से कोई व्यक्ति ‘सत्ता के गलियारों’ में है। वे सामाजिक न्याय के स्वप्नद्रष्टा तथा पिछड़ा वर्ग के मसीहा रहे। मूक क्रांति के नायक के रूप में मशहूर बी.पी. मंडल का 13 अप्रैल, 1982 को हृदय गति रुक जाने से पटना में निधन हो गया। वे जीते जी अपने सिफारिशों को लागू होते हुए नहीं देख पाए, परंतु जब भी पिछड़ा वर्ग के उन्नायकों की सूचि बनेगी, उनका नाम हमेशा आगे रखा जायेगा। वे जमींदार परिवार से होने के बावजूद हमेशा पिछड़ों के पैरोकार रहे। आज जिस तरीके से आरक्षण को खत्म किया जा रहा है। संविधान पर अतिक्रमण हो रहा है। इसलिए वर्तमान समय में मंडल जी और ज्यादा प्रांसगिक है।

  • बिहार विधानसभा को आज मिलेगा नया स्पीकर, अवध बिहारी चौधरी होंगे निर्विरोध निर्वाचित

    लाइव सिटीज, पटना: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद शुक्रवार को विधानसभा में नए स्पीकर का निर्वाचन भी हो जाएगा. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता अवध बिहारी चौधरी विधानसभा के निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाएंगे. गुरुवार को उनका एकमात्र नामांकन हुआ. पिछले दिनों पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए उनका चयन किया था और पार्टी विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर भी लगी थी. 

    बता दें महागठबंधन में आरजेडी के विधायक हैं अवध बिहारी चौधरी. उनको आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा, सीपीआईएमएल, सीपीआई, सीपीएम का समर्थन प्राप्त है. महागठबंधन के कुल 164 विधायक उनका समर्थन कर रहे हैं.

    अवध बिहारी चौधरी लालू प्रसाद यादव के भी बहुत करीबी माने जाते हैं. 76 वर्षीय अवध बिहारी चौधरी सीवान से 1985, 1990, 1995, 2000 और फरवरी, 2005 में विधायक चुने गए. 2020 में भी विधायक बने. उन्होंने 2020 में स्पीकर पद के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन विजय कुमार सिन्हा से मुकाबले में पिछड़ गए थे. राबड़ी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

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  • शराबकांड में बड़ा एक्शन, रोहतास के SHO और चौकीदार सस्पेंड

    लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: रोहतास जिला में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस एड़ी चोटी एक किए हुए हैं लेकिन फिर भी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आते रहती है. इसी सिलसिले में काराकाट थानाध्यक्ष दिवाकर कुमार पर निलंबन की कार्रवाई हुई है. 

    बता दें कि रविवार को काराकाट थाना क्षेत्र के जयश्री गांव में श्रवण राम नामक एक सेवानिवृत्त अंचल निरीक्षक की मौत हो गई थी. मौत के बाद मृतक के पुत्र SBI बैंक कर्मी राणा प्रताप बहादुर ने अपने पिता के बारे में बताया था कि उनके पिता की मौत शराब पीने से हो गई है.

    इसके बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था. इलाज के दौरान जयश्री गांव के ही मुन्ना साह नामक एक अन्य व्यक्ति की भी मौत पटना में हो गई थी जिसके बाद रोहतास के एसपी आशीष भारती के निर्देश पर बिक्रमगंज के डीएसपी शशि भूषण सिंह के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की गई. इस टीम की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है

    बता दे कि उस शराब कांड में इलाके में चर्चा थी कि जयश्री गांव के तीन लोगों की मौत हुई थी जिसमें मात्र एक मृतक श्रवण राम के पुत्र ने शराब पीने की बात स्वीकारी थी जबकि जितेंद्र साह एवं मुन्ना साह की भी संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई थी. वहीं दबी जुबान में ग्रामीणों ने बताया था कि गांव के ही शिवजी साह के आंखों की रोशनी चली गई हैं. 

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  • तेजस्वी यादव जब हाफ पैंट पहनते थे तब मैं बिहार सरकार में मंत्री था, सम्राट चौधरी ने ऐसा क्यों कहा

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन सरकार ने बहुमत साबित कर लिया है. बुधवार को विपक्षी BJP ने विधान सभा और विधान परिषद दोनों सदनों के लिए अपने नेता का चुनाव भी कर लिया है. विधान परिषद में विपक्षी नेता सम्राट चौधरी सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने कहा कि यह सच है कि BJP अकेली विपक्ष की पार्टी है. बाकी 8 पार्टियां सत्तारूढ़ दल में है, लेकिन शेर अकेला होता है और अकेला ही आता है. वहीं आज बिहार विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोंकझोंक हुई. तेजस्वी यादव ने सम्राट चौधरी पर तंज भी कसा. इसका जिक्र आने पर सम्राट चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव जब हाफ पैंट पहनते थे तब मैं बिहार सरकार में मंत्री था.

    गुरुवार को विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ सम्राट चौधरी की नोकझोंक हुई. ऐसे में दिख रहा है कि पक्ष में उनके रहते मुकाबला कितना कड़ा होने वाला है?. इस सवाल पर सम्राट चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव जब हाफ पैंट पहनते थे तब 1999 में मैं बिहार सरकार में मंत्री था. इसमें दो राय नहीं है नीतीश कुमार के दाएं बाएं एक भी व्यक्ति समता पार्टी के लोग नहीं है. श्रवण कुमार को छोड़ दिया जाए तो नीतीश कुमार के अगल-बगल जितने भी लोग हैं, सब बाहर के दल से आते हैं. सम्राट चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव को मैंने कहा कि आप मेरे छोटे भाई हैं. आपके पिता लालू यादव को जेल नीतीश कुमार ने पहुंचाया, आपकी माता राबड़ी देवी को सत्ता से नीतीश कुमार ने हटाया, आपके लिए भी जेल का रास्ता खोलकर नीतीश कुमार ने रखा है.

    इससे पहले बिहार विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोंकझोंक हुई. सत्ता पक्ष के लोगों ने विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी को बधाई देते हुए उन पर तंज भी कसा. तेजस्वी यादव ने कहा कि सम्राट चौधरी हर दल में रहे हैं. पहले वो हमारे दल में थे अब बीजेपी में हैं. राबड़ी देवी जी के मंत्रिमंडल में भी आप मंत्री रहे, ऐसे में उम्मीद है कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में आप बेहतर काम करेंगे. वहीं बिहार के मंत्री विजय चौधरी ने भी सम्राट चौधरी पर तंज कसते हुए कहा कि पहले एक दल में गए फिर दूसरे दल में और अब दलदल में गए हैं.

    तेजस्वी यादव के बयान पर सम्राट चौधरी ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि आपका दल क्या होता है. कोई राजशाही व्यवस्था नहीं है. तेजस्वी जी आप गलतफहमी में ना रहें. सम्राट चौधरी ने कहा कि हमलोग दूसरी पीढ़ी हैं जो नीतीश जी का दंश झेल रहे हैं. ये कब किसके साथ हो जायेंगे, किसी को नहीं पता.
    वहीं जदयू नेता व बिहार के मंत्री विजय चौधरी ने भी सम्राट चौधरी पर तंज कसते हुए कहा कि पहले एक दल में गए फिर दूसरे दल में और अब दलदल में गए हैं. सम्राट चौधरी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि आप चिंता ना करें 2024 और 2025 में इसी दलदल में कमल खिलेगा.

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  • अतिपिछड़ों के अधिकार के लिए आम जनता पार्टी राष्ट्रीय का आक्रोश मार्च, मंत्रिमंडल में अनदेखी का लगाया आरोप

    लाइव सिटीज पटना: बिहार सरकार के नवगठित मंत्रिमंडल में अतिपिछड़ा समाज को समुचित भागीदारी नही मिलने के विरोध में आम जनता पार्टी राष्ट्रीय द्वारा पटना के मिलर हाई स्कूल मैदान से विधान सभा तक आकोश मार्च निकाला गया. इस मार्च का नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विद्यापति चन्द्रवंशी ने किया. इस मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के नवगठित मंत्रिमंडल में अतिपिछड़ा समाज को मंत्रिमंडल में समुचित भागीदारी नही मिला है, इस बात का अतिपिछड़ा समाज में काफी आक्रोश है.

    विद्यापति चंद्रवंशी ने यह भी कहा कि राजनीतिक दल टिकट बंटवारों में भी अतिपिछड़ा समाज की उपेक्षा करते हैं, जबकि वोट लेने के लिए अतिपिछड़ा समाज का गुणगान करते है और अतिपिछड़ा समाज के बल पर ही सरकार बनती है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जानबूझ-कर आंदोलन को रोकने के लिए धारा 144 लगाई है और उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा मुझे नही अतिपिछड़ा समाज को गिरफ्तार किया जा रहा है. इसका परिणाम वर्तमान सरकार को आगामी चुनाव में झेलना पड़ेगा.

    विद्यापति चंद्रवंशी ने कहा कि अतिपिछड़ा समाज ऐसा समाज है, वो जिधर जाता है, सरकार उसी की बनती है. संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से छुटने के बाद यदि सरकार अतिपिछड़ा की मांग पुरा नही करेगी, तो अतिपिछड़ा समाज आंदोलन तेज करेगी. आकोश मार्च में शामिल पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रवि वात्सायन, राष्ट्रीय महासचिव शिवनाथ प्रसाद शर्मा, बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश ठाकुर, बिहार प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ब्रम्हानंद चन्द्रवंशी, राम किशोर सिंह उर्फ चुन्नु चन्द्रवंशी, हरिहर प्रसाद चन्द्रवंशी, अलका वर्मा, बिहार प्रदेश सचिव गणेश बिन्द, सूर्यदेव ठाकुर सहित कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर बसों के माध्यम से ले जाया गया.

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  • पटना: महात्मा गांधी मनरेगा के तहत कार्यशाला का आयोजन, ग्रामीण विकास विभाग के कई अधिकारी हुए शामिल

    लाइव सिटीज पटना: राजधानी पटना के अधिवेशन भवन में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत Effective Implementation of MGNREGA विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार, आयुक्त, मनरेगा, मुख्य परिचालन पदाधिकारी, बिहार रुरल डवेलपमेंट सोसाईटी, दस जिला के उप विकास आयुक्त, सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा के साथ प्रदर्शन के आधार पर चिन्हित 150 प्रखण्डों के कार्यक्रम पदाधिकारी शामिल हुए.

    कार्यशाला में महात्मा गांधी नरेगा पर Effective Implementation of MGNREGA विस्तृत परिचर्चा हुई. जिसमें इस वित्तीय वर्ष में 15 करोड़ स्वीकृत श्रम बजट के विरुद्ध 14.26 करोड़ मानव दिवस सृजित किये जाने पर सचिव, ग्रामीण विकास, विभाग के द्वारा सभी जिलों को बधाई दी गयी. उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष की माह अप्रैल से अगस्त की अवधि में कुल 9 करोड़ 36 लाख मानव दिवस सृजित किये गये थे. इस वर्ष इसी अवधि में अब तक 14 करोड़ 26 लाख मानव दिवस सृजित किये जा चुके है. विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष इसी अवधि में मानव दिवस सृजन में 52.25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है.

    कार्यशाला में इस वर्ष की शेष अवधि में मानव दिवस सृजन की गति को बनाये रखने तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति तथा महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये सभी ग्राम पंचायतों में विशेष अभियान चलाये जाने के सबंध में कार्य योजना पर चर्चा की गयी. सृजित मानव दिवस में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति की भागिदारी जो विगत वर्ष लगभग 11 प्रतिशत थी, इस वर्ष उल्लेखनीय प्रगति हुई है तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में यह 18 प्रतिशत है.

    अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति की भागिदारी को वर्षान्त तक बढ़ाकर 30 प्रतिशत किये जाने का आश्वासन जिलों से प्राप्त हुआ. इसी प्रकार महिलाओं की भागीदारी जो विगत वर्ष में 54 प्रतिशत था में भी वृद्धि दर्ज करते हुये 55 प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त हुई है. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति तथा महिलाओं की भागिदारी को क्रमशः 30 प्रतिशत एवं 60 प्रतिशत किये जाने के संबंध में जिला द्वारा विस्तृत कार्य योजना की प्रस्तुतीकरण की गयी.

    स्वीकृत श्रम बजट को 15 करोड़ से बढ़ाकर 27.26 करोड़ किये जाने का प्रस्ताव ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार को समर्पित किया गया है. इस वित्तीय वर्ष में 1.61 करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य के विरुद्ध अबतक 89.50 लाख पौधे लगाये जाने के संबंध में जिलो द्वारा प्रतिवेदित किया गया तथा लक्ष्य अनुरुप पौधारोपण 15 सितम्बर 2022 तक पूर्ण कर लिये जाने का आश्वासन जिलो द्वारा दिया गया.

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  • तेजस्वी के सलाहकार जो मॉल बनवा रहे थे, वह किसका है?, तेज प्रताप के आरोप का जवाब दें डिप्टी सीएम: सुशील मोदी

    लाइव सिटीज पटना: गुरुग्राम के मॉल पर हुई छापेमारी और उसमें खुद की हिस्सेदारी बताए जाने को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसे बीजेपी का षड्यंत्र करार दिया है. इस मामले पर अब पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव से सवाल पूछा है. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि पिछले साल राजद के बड़े राजकुमार तेज प्रताप यादव ने गुरुग्राम में जिस मॉल के बनवाने में तेजस्वी प्रसाद यादव के सलाहकार संजय यादव के लगे होने की बात कही थी, वह किसका है? उन्होंने कहा कि तेज प्रताप यादव ने संजय यादव को दुर्योधन और प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद को शिशुपाल बताते हुए जिस मॉल का जिक्र किया था. उस पर डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव ने चुप्पी क्यों साध ली?.

    सुशील मोदी ने कहा कि सीबीआई ने गुरुग्राम वाले मॉल के स्वामित्व को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है , लेकिन यदि मीडिया एक वर्ग ने मॉल से उनका नाम जोड़ कर खबर चलायी है, तो उन्हें उस मीडिया के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दर्ज कराना चाहिए. मोदी ने कहा कि यदि लालू प्रसाद के कार्यकाल में रेलवे को मुनाफा हुआ, तो उस समय रेलवे के होटल बेचने और रेलवे की नौकरी के बदले लोगों की कीमती जमीन लिखवाने के मामले क्यों सामने आए?

    सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव इसका जवाब दें कि रेलवे में चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी हृदयानंद चौधरी ने पटना की 70 लाख रुपये मूल्य की 7.76 डिसमल जमीन बहन हेमा यादव को क्यों दान कर दी? उन्होंने कहा कि सीबीआई ने एक दर्जन से अधिक लोगों पर मामले दर्ज किये हैं, जिनमें रेलवे की नौकरी देने के बदले जमीन लिखवा लेने के सबूत हैं. मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद के मंत्री रहते रेलवे की क्या हालत हुई थी और कितना फायदा हुआ, इस पर पूर्व रेलमंत्री नीतीश कुमार ही बेहतर जानकारी दे सकते हैं.

    बता दें कि बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरजेडी नेताओं के यहां हो रही छापेमारी को लेकर सीबीआई पर तंज कसा और चुनौती भी दी. साथ ही बीजेपी पर जमकर हमला बोला. तेजस्वी यादव ने कहा कि गुरुग्राम मॉल में उनका नाम घसीटा जा रहा था. उनका इस मॉल से कोई लेना देना नहीं है. अब मैंने सबूत दे दिए हैं, अब जाकर वहां रेड कीजिए. तेजस्वी यादव ने कहा कि कुछ चैनल कहते हैं व्हाइटलैंड प्राइवेट लैंड का मॉल बन रहा है. कहते हैं कि तेजस्वी यादव का है. उन्होंने कहा कि जिस मॉल पर छापेमारी की बात आई वो मेरा मॉल नहीं हैं. अगर मेरा मॉल होगा तो आधा गरीबों को दान कर दूंगा.

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  • बहुजन सेना के नवगठित जिला कमेटी के सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं

    बिहारशरीफ के नाला रोड स्थित सामुदायिक भवन में दिन बुधवार तिथि 24/8/ 2022 को बहुजन सेना का जिला स्तरीय बैठक की गई। इस मौके पर नालंदा जिला में संगठन को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य 11 सदस्य जिला कमेटी का गठन किया गया।
    जिला कमेटी में जिलाअध्यक्ष सुबोध पंडित को , जिला महासचिव बाल्मीकि पासवान, शाहनवाज को जिला उपाध्यक्ष, हरिहरनाथ, कल्याण कुमार, भगवान पासवान को जिला सचिव महिंद्र प्रसाद, रविशंकर दास, अनिल क्रांति को जिला प्रवक्ता अवधेश पंडित को एवं जिला कोषाध्यक्ष अमोद कुमार को बनाया गया।
    जिला कमेटी गठन होने पर बहुजन सेना के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष रेहड़ी पटरी फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष संयुक्त किसान मोर्चा के जिला प्रवक्ता रामदेव चौधरी ने नवगठित सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी सदस्यों के कंधों पर जो पदभार मिला है उसे सही तरीके से निर्वाह करेंगे तथागत महात्मा बुद्ध डॉक्टर भीमराव अंबेडकर शाहू जी महाराज सावित्रीबाई फुले ज्योतिबा बाई फुले पेरीयार एवं अन्य महापुरुषों के संदेश एवं विचारधारा को नालंदा जिला के कोने कोने तक पहुंचाने का काम करेंगे जिसे बहुतजनों को जगाया जा सके गरीबों एवं दबे कुचले के लिए हक एवं समानता के अधिकार की लड़ाई को और मजबूती के साथ लड़ा जा सके जिसके लिए वो हकदार हैं
    डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान जल कल्याण संघ एक आवाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र पासवान भीम आर्मी के जिला प्रभारी रंजीत कुमार चौधरी अखिल भारतीय पासी समाज के राजगीर प्रखंड के अध्यक्ष मनोहर कुमार चौधरी अधिवक्ता आशुतोष कुमार मुखर्जी उमराव प्रसाद निर्मल टाउन लेवल फेडरेशन के सचिव मुन्ना कुमार ने सभी नवगठित सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी इन लोगों ने कहा कि बहुजनों के बेहतर के लिए यह कमेटी बनाई गई है जो उनके अधिकारों के लिए काम करेगी एवं लड़ाई लड़ेगी