Category: Bihar News

  • बिहार: पहले सरकार पर लगाए आरोप फिर विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा ने दिया इस्तीफा, जानें पूरा मामला

    लाइव सिटीज पटना: आख़िरकार बिहार में सियासी ड्रामे के बाद बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय सिन्हा ने फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि वे पहले ही सरकार गठन के बाद इस्तीफा देना चाहते थे. लेकिन उन पर विधायकों ने अनर्गल आरोप लगा दिए. ऐसे में उन्हें इन आरोपों पर जवाब देना था, इसलिए उन्होंने अब तक इस्तीफा नहीं दिया था. दरअसल स्पीकर विजय सिन्हा ने इस्तीफा नहीं दिया था, जिसको लेकर लेकर तमाम तरह की अटकलें थी. बुधवार को सदन शुरू होने से पहले मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा अध्‍यक्ष विजय कुमार सिन्‍हा से मुलाकात की. उपमुख्‍यमंत्री तेजसवी यादव भी स्‍पीकर से मिले. जिसके बाद विजय सिन्‍हा के अध्‍यक्षीय संबोधन पर सहमति बन गई. स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद मैं खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे देता. लेकिन मुझे पद से हटाने की कोशिश शुरू कर दी गई. मुझ पर सदस्यों ने मनमानी करने, तानाशाही करने का आरोप लगाया.

    सदन को संबोधित करते हुए स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि जब नई सरकार का गठन हो रहा था तभी 9 अगस्त को ही विधानसभा सचिव को मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की सूचना दे दी गई थी. इसलिए मैंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया, ताकि सदन में इसका जवाब दे सकूं. स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि मैं बहुमत से निर्वाचित हुआ था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शुक्रिया. अपने छोटे कार्यकाल में कई काम और कार्यक्रम किए. प्रयास किया कि सत्ता और विपक्ष को साथ लेकर चलूं. निष्पक्षता से सदन का दायित्व निभाया. स्पीकर ने कहा कि हमेशा विधानसभा के सभी सदस्यों की मान मर्यादा, सदन की गरिमा बढ़ाने की कोशिश की. अब नए राजनीतिक घटनाक्रम के तहत नया गठबंधन हुआ. बिहार में नई सरकार का गठन हो गया. बिना विवाद के शपथग्रहण हो गया, अपना काम करने लगी. इसी बीच स्पीकर को हटाने का प्रस्ताव आ गया.

    बता दें कि बिहार विधानसभा के स्पीकर पद से विजय सिन्हा ने इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के साथ ही विजय सिन्हा ने डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी के बदले नरेंद्र नारायण यादव का नाम लिया कि सदन की कार्यवाही आगे वो संचालित करेंगे. जिसको लेकर विवाद हो गया है, क्योंकि नियमानुसार स्पीकर नहीं तो डिप्टी स्पीकर को सदन की कार्यवाही को संचालित करते हैं. वहीं फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार विधानसभा के बाहर बीजेपी नेताओं ने प्रदर्शन किया. बीजेपी विधायकों ने नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की. विधायक हाथ में तख्तियां थामे हुए थे, जिनमें हिंदु देवी-देवताओं, जनादेश और तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा के नारे लिखे हुए थे. बता दें कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार के गठन के बाद आज यानी 24 अगस्‍त 2022 से बिहार विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो गया है. इस दौरान मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई वाली महागठबंधन सरकार सदन में अपना बहुमत साबित करेगी.

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  • लालू परिवार के खास सुनील सिंह समेत RJD के कई बड़े नेताओं के ठिकानों पर CBI की रेड, बिहार में बवाल

    लाइव सिटीज पटना: बिहार की सियासत से बड़ी खबर सामने आयी है. लालू परिवार के खास और आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह समेत राजद नेताओं के कई ठिकानों पर सीबीआई (CBI) ने एक साथ छापा मारा है. वहीं आरजेडी के एक राज्‍यसभा सदस्‍य फैयाज अहमद के आवास पर भी सीबीआई की छापेमारी चल रही है. पटना में ही राजद के एक अन्य बड़े नेता और राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के आवास पर भी सीबीआई की छापेमारी चल रही है. इसके अलावा आरजेडी के पूर्व विधान पार्षद सुबोध राय के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई है. बिहार विधानसभा में आज नीतीश कुमार विश्वास मत पेश करेंगे. ऐसे में इस कार्रवाई से बिहार में बवाल मचा हुआ है.

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  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की जिला परिषद का बैठक संपन्न

    बिहारशरीफ के बड़ी पहाड़ी स्थित राहुल भवन में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सम्मेलन की तैयारी मैं कमेटी की बैठक कॉमरेड शिवलाल पंडित की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में राज्य कमेटी की ओर से राष्ट्रीय परिषद के सदस्य जानकी पासवान राज्य संगठन मंत्री कॉमरेड बीएन मिश्रा राज्य कार्यकारिणी सदस्य कॉमरेड अर्जुन प्रसाद सिंह भाग लिया बैठक को संबोधित करते हुए बीएन मिश्रा ने बताया कि जिस तरह से देश के अंदर बीजेपी कई राज्यों में सत्ता परिवर्तन मॉल जोल करके विधायकों को खरीद फरोख्त करके करोड़ों में सत्ता परिवर्तन किया था उसका बदला बिहार ने महागठबंधन के रूप में सरकार बना कर दिया हम लोग सरकार के साथ हैं सरकार में मंत्री बनना नहीं बनना यह कोई बात नहीं हम लोग मजबूत के साथ सरकार के साथ रहेंगे तथा 2024 के चुनाव में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की सख्त आवश्यकता है जिससे आज महंगाई चरम सीमा पर है बेरोजगारी चरम सीमा पर है भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है और खास करके जो राष्ट्रीय संपत्ति को बेच करके अपने कुछ चहेते इजारेदार को बांटने का काम किया है इस पर रोक रोक लगाने की अत्यंत आवश्यकता है बैठक में जिला सम्मेलन की तैयारी पर 12 एवं 13 सितंबर को कतरी सराय के कटौना गांव में होना है उसकी तैयारी के सवाल पर डॉ मनोज कुमार ने बताया कि हमारी तैयारी विराट रूप से चल रही है और हजारों प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे जिसकी व्यवस्था व खान-पान से लेकर ठहरने की व्यवस्था हमारी स्वागत समिति करेगी बैठक को संबोधित करते हुए खेत मजदूर यूनियन के राज्य मंत्री जानकी पासवान ने कहा कि मजदूरों और किसानों के हालात उनकी आर्थिक तथा सामाजिक अत्यंत कठिन परिस्थिति में गुजर रहा जो उनके ऊपर जुल्म और अत्याचार हो रहे हैं महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं उसको रोकने की आज सख्त आवश्यकता है और यह भी होगा जब हम कम्युनिस्ट पार्टी के संगठन को मजबूती से पूरे देश के अंदर मजबूत करेंगे बैठक को संबोधित करते हुए राज्य कार्यकारिणी सदस्य अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि कि यह सम्मेलन दिशा तय करेंगे पूरे देश के अंदर किस तरह से भाजपा के शासन को उखाड़ के फेंक देना है बैठक को सीबीआई के वरिष्ठ नेता राज किशोर प्रसाद ने संबोधित करते हुए बताया कि लाल झंडे की एकता एवं लाली को बरकरार रखते हुए हम सारी लड़ाई को जीतेंगे और देश के अंदर समाजवाद की स्थापना करेंगे तथा इसके अलावा जिला मंत्री नरेश प्रसाद राज किशोर प्रसाद सकलदेव प्रसाद यादव विजय पासवान शिव कुमार यादव रामप्रवेश सिंह मकसूदन पासवान राजेंद्र पंडित दिगंबर वकील हिमांशु मीना देवी अजय पासवान कॉमरेड अलाउद्दीन रामनरेश पंडित आदि ने संबोधित किया तथा संकल्प लिया कि इस जिला सम्मेलन में हम आगे की लड़ाई किसानों और मजदूरों की समस्याओं पर विचार करते हुए देश के अंदर जो फिरका परस्ती ताकते हैं जो समाज को बांटने की साजिश की जा रही है उससे लड़ाई को जीत कर के सत्ता किसान और मजदूरों के हाथ में सौंपने का काम करेंगे

  • मीडिया वालों को दारू नहीं मिल रहा है इसलिए नीतीश कुमार के खिलाफ, ललन सिंह के बयान पर बीजेपी का पलटवार

    लाइव सिटीज पटना: जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर के सांसद ललन सिंह अपने बयान की वजह से चर्चा में हैं. दरअसल उन्होंने मीडिया के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी नीति की प्रशंसा करते हुए ललन सिंह ने कहा कि मीडिया वालों को दारू नहीं मिल रहा है इसलिए नीतीश कुमार के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि अब दारू पीने के लिए नहीं मिल रहा है तो क्या करें, अब मुख्यमंत्री जी बिहार की जनता को देखें या आपका मौज मस्ती को देखें. वहीं ललन सिंह के इस बयान पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है.

    दरअसल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह दो दिवसीय दौरे पर लखीसराय पहुंचे थे. मंगलवार को उन्होंने सदर प्रखंड के अलग-अलग गांवों में जनसंवाद का कार्यक्रम किया. इसी दौरान प्रखंड क्षेत्र के महिसोना गांव में जनसंवाद के दौरान खुले मंच से ललन सिंह ने बिहार में शराबबंदी को लेकर CM की तारीफ कर रहे थे. इसी दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मीडिया और अखबार वाले आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ हैं. इसलिए कि उन्हें दारू पीने के लिए नहीं मिल रहा है. अब दारू पीने के लिए नहीं मिल रहा है तो क्या करें, अब मुख्यमंत्री बिहार की जनता को देखें या पत्रकारों की मौज-मस्ती को.

    ललन सिंह ने शराबबंदी का बखान करते हुए कहा कि महिलाओं की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी की थी. शराबबंदी से आज घरेलू हिंसा कम हुई हैं. सड़क पर शराब के नशे में लोग मारपीट नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार इकलौता राज्य है, जहां सामाजिक न्याय पर काम हुआ है. पिछड़े, अतिपिछड़े वर्ग और महिलाओं को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऊपर उठाने का काम किया है. साथ ही उन्होंने आम जनता से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत करने की अपील की.

    जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बयान पर बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि ललन सिंह तो खुद रोज दारू पीते हैं. उनके खून की जांच कराई जा सकती है. ललन सिंह सहित सभी मंत्रिमंडल के सदस्यों का ब्लड टेस्ट हो. बीजेपी विधायक ने कहा कि अब पत्रकार क्या, आम जनता उनसे बिगड़ चुकी है. खुद कहते हैं कि वो आम जनता की नहीं सुनते हैं, तो अब उनकी बात भी आम जनता नहीं सुनेगी. अब नीतीश कुमार का विनाश निश्चित है.

    ललन सिंह ने एक बार फिर आरसीपी सिंह पर हमला किया और कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार के पीठ में छुरा भोंकने का काम किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने ही उन्हें खादी का कुर्ता पायजामा दिया और पहनने के लिए सिखलाया भी. आरसीपी सिंह बताएं कि वह खादी का कुर्ता पजामा पहनना जानते थे. वहीं ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह का कोई चरित्र ही नहीं है. उनकी चरित्र की बात छोड़ दीजिए, कुछ है ही नहीं. वह हवा हवाई हैं. उन्हें दो बार राज्यसभा का सदस्य बनाया और अंतिम अभिलाषा मंत्री बनने की भी पूरी हो गई। अब वह जाएं, घूमें और आराम करें.

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  • गिरिराज सिंह की जुबान में जहर, इसलिए केंद्र सरकार में मंत्री, 100 ऐसे हो गए तो ‘जंगल राज’ आ जाएगा, RJD का हमला

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के गया के विष्णुपद मंदिर में मुस्लिम मंत्री इसराइल मंसूरी के जाने को लेकर बवाल मचा हुआ है. बीजेपी के नेता बारी-बारी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं. बीजेपी के तमाम नेता मंत्री बर्खास्त करने और सीएम से माफ़ी मांगने की मांग कर रहे हैं. हालांकि सत्ता पक्ष की ओर से पलटवार किया जा रहा है. खुद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि बड़का झूठा पार्टी की बात को कौन मानता है. इस बीच राजनीतिक बवाल के बीच आरजेडी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बहाने बीजेपी पर तीखा प्रहार किया है. आरजेडी सांसद ने तो यहां तक कह दिया कि गिरिराज सिंह जैसे 100 हो गए तो ‘जंगल राज’ आ जाएगा.

    आरजेडी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी जुबान में ही जहर है. वे केंद्र सरकार में मंत्री हैं और ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं. मनोज झा ने सवालिया लहजे में पूछा कि किया इसी भाषा की वजह से नरेंद्र मोदी ने इन्हें सरकार में रखा है? गिरिराज सिंह को चाहे कोई विभाग दिया जाए, उनका एक ही विभाग है समाज में जहर कैसे फैलाया जाए? जहर के कारोबारी अमृतकाल के महत्व को नहीं समझ सकते.

    मनोज झा ने नसीहत देते हुए कहा कि गिरिराज जी जितनी जल्दी इन बातों को समझ उतना अच्छा रहेगा. नहीं तो बेगूसराय की जनता उन्हें समझा देगी.वहीं बिहार में जंगलराज के मुद्दे पर मनोज झा ने कहा कि जंगलराज सबसे ज्यादा गिरिराज सिंह की जुबान से परिलक्षित होती है. आक्रामक मुद्रा में उन्होंने तंज कसा कि उनके जैसे 100 आदमी हो गए तो सही में जंगलराज आ जाएगा. दरअसल बीजेपी के नेता लगातार महागठबंधन सरकार पर जंगल राज का आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी नेताओं का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार ने जंगल राज वालों के साथ हाथ मिला लिया.

    बता दें कि सोमवार को गया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विष्णुपद मंदिर में सोमवार को पूजा-अर्चना की. उनके साथ सूबे के सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्री मो. इसराइल मंसूरी भी मंदिर में गए. सीएम के साथ मुस्लिम मंत्री इसराइल मंसूरी के मंदिर में प्रवेश को लेकर हंगामा मचा हुआ है. बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने मंत्री को यह कहते हुए बर्खास्त करने की मांग कर डाली कि मंदिर के बाहर जब लिखा तो मंसूरी क्यों गर्भ में चले गए. वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार ने मुसलमान मंत्री को मंदिर में ले जाकर हिंदुओं का अपमान किया है क्योंकि उन्हें हिंदुओं को अपमानित करने में मजा आता है. जबकि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार को नास्तिक बताते हुए राज्य में हिंदुत्व को असुरक्षित करार दे दिया.

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  • स्पीकर कुर्सी छोड़ ही नहीं रहें, मंत्री विजय चौधरी ने कह दिया-विजय सिन्हा को जबरन हटाया जाएगा, फिर क्या होगा?

    लाइव सिटीज पटना: बिहार विधानसभा में कल यानी बुधवार को एक अजीब तरह का राजनीतिक संकट खड़ा होने वाला है. विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा ने इस्तीफा देने से मना कर दिया है. साथ ही सत्ता पक्ष के विधायकों के द्वारा खुद के खिलाफ दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया है. विधानसभा का विशेष सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है जिसमें पहले दिन नीतीश सरकार को बहुमत साबित करना है. विजय सिन्हा को एनडीए सरकार में स्पीकर चुना गया था, जो बीजेपी के टिकट पर विधायक हैं. ऐसे में सत्ता परिवर्तन के बाद नियम के मुताबिक विजय सिन्हा को स्पीकर का पद छोड़ देना चाहिए लेकिन महागठबंधन की ओर से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि जो उन्हें नोटिस दी गई है वह नियमों और प्रावधान के खिलाफ है.

    विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा के इस्तीफा नहीं देने पर सत्ता पक्ष की ओर से हमला तेज हो गया है. विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा संसदीय कार्यमंत्री व वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि अगर इस्तीफा नहीं देंगे तो नियम के अनुसार उनको हटाया जाएगा. सदन के अधिकांश सदस्यों का उनमे विश्वास नहीं है. उनको हटाने के लिए नियम उपलब्ध है हमलोग उसका उपयोग करेंगे. विजय चौधरी ने कहा कि अच्छा तो होता कि वह इस्तीफा दे देते अगर इस्तीफा नहीं देंगे तो नियमानुसार वह हटाए जाएंगे. विजय चौधरी ने कहा कि स्थापित परंपरा और नियमों के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सत्र की शुरुआत का सबसे पहला एजेंडा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे में अपने ही खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान स्पीकर खुद सदन का संचालन नहीं कर सकते. उनकी जगह डिप्टी स्पीकर सत्र की अध्यक्षता करेंगे.

    डिप्टी स्पीकर औरजेडीयू विधायक महेश्वर हजारी ने कहा कि अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर स्पीकर विजय सिन्हा को सदन के आसन पर नहीं बैठना चाहिए. विजय सिन्हा को ससंदीय परंपरा के तहत इस्तीफा दे देना चाहिए था क्योंकि उनके पास बहुमत नहीं है. महेश्वर हजारी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस नियमों के तहत ही दिया गया है और उसके हिसाब से ही 14 दिन बाद सत्र बुलाया गया है. डिप्टी स्पीकर ने कहा कि लोकतंत्र बहुमत से चलता है और उनके पास बहुमत नहीं है इसलिए उनको पद पर नहीं बने रहना चाहिए. साथ ही उन्होंने इसको जिद बताते हुए सवाल उठाया कि वो कैसे नोटिस खारिज कर सकते हैं.

    विजय सिन्हा ने कहा कि वो स्पीकर के पद से इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि सदन की बात सदन में करेंगे. मुझे मिला नोटिस नियमों और प्रावधान के खिलाफ है. लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ व्यवस्था नहीं है. विगत दिनों सत्ता को बचाए रखने के लिए जो कुछ भी हुआ उसपर इस समय कुछ भी कहना उचित नहीं था. विजय सिन्हा ने कहा कि दांव पर सब कुछ लगा है, रूक नहीं सकते, टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते. हालांकि सदन में उनके लिए टीक पाना संभव नहीं दिख रहा है. अध्यक्ष के समर्थन में भाजपा के 76 सदस्य हैं. जबकि सत्ता पक्ष के 164 विधायक उनके खिलाफ एकजुट हैं.

    बता दें कि इसी महीने 10 अगस्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़कर सात पार्टी के महागठबंधन के साथ मिलकर प्रदेश में नई सरकार बना ली थी. नई सरकार के गठन के तुरंत बाद महागठबंधन के 40 से अधिक विधायकों ने विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. बिहार के 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन के 164 विधायक हैं, जहां अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक साधारण बहुमत की आवश्यकता है. दरअसल बिहार विधानसभा का विशेष सत्र 24 अगस्त को बुलाया गया है. दो दिनों का यह विशेष सत्र होगा. 24 अगस्त को विधानसभा और 25 अगस्त को बिहार विधान परिषद की कार्यवाही होगी. हागठबंधन की नई सरकार को विश्वास मत हासिल करने के लिए 24 अगस्त को विधानसभा की बैठक सुबह 11 बजे से बुलाई गई है. इस एक दिवसीय सत्र की कार्ययोजना मौजूदा अध्यक्ष को ही बनानी है. विधानसभा में दो ही कार्य किये जाने हैं. पहला सरकार का बहुमत हासिल करना और दूसरा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान.

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  • जिला पदाधिकारी के अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की वैठक

    आयोजित हुई।पावर पॉइंट से समीक्षा की शुरुआत सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के साथ की गई।
    कबीर अंत्येष्ठि योजना में इस बर्ष अब तक कुल 1993 लोगों को लाभान्वित किया गया है।प्रखंड बार समीक्षा में पाया गया कि कतरीसराय सबसे खराब स्थिति में है तथा इस्लामपुर में सबसे ज्यादा लोगों को लाभ दिया गया है।
    पंचायत वार समीक्षा में पाया गया कि सिलाव के 10 पंचायतों,नूरसराय के 8 तथा हिलसा के 4 पंचायतों में शून्य लाभ दिया गया है। राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना में अब तक कुल 434 लोगों को लाभान्वित किया गया है।
    सरमेरा,सिलाव तथा राजगीर में शून्य प्रगति होने पर यहां के प्रखंड विकास पदाधिकारी से स्पस्टीकरण पूछा गया।
    मुख्यमंत्री परिवार लाभ योजना में अब तक कुल 350 लोगों को लाभान्वित किया गया है।

    जिला पदाधिकारी के अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की वैठक  सिलाव में शून्य प्रगति बतायी गयी। मुख्यमंत्री परिवार लाभ योजना में रहुई में सबसे ज्यादा 56 आवेदन प्राप्त हुए हैं जबकि सबसे कम गिरियक में 03 तथा कतरीसराय में 04 आवेदन प्राप्त होने की बात बताई गई जिस पर जिला पदाधिकारी द्वारा नाराजगी जाहिर की गई। बिभिन्न सामाजिक पेंशन योजनाओं में डाटा एंट्री ऑपरेटर स्तर तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी स्तर से लंबित आवेदनों पर फटकार लगायी गई। मुख्यमंत्री अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना में मात्र 7 प्रखंडों में आवेदन प्राप्त हुए । इसी प्रकार मुख्य मंत्री निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना में बिहारशरीफ में सबसे ज्यादा 5 आवेदन प्राप्त हुए हैं।हिलसा,बिंद तथा बेन प्रखंड में शून्य आवेदन प्राप्त हुए।इन प्रखंडों में गत बर्ष भी शून्य आवेदन आये थे।
    भरण पोषण से संबंधित 17 मामले बिहारशरीफ अमुमण्डल में लंबित पाए गए। शिक्षक नियोजन के संबंध में पाया गया कि अब तक कुल 1749 शिक्षकों का नियोजन हो पाया है। परिवहन विभाग के समीक्षा के क्रम में पाया गया कि अब तक कुल 35 एम्बुलेंस क्रय हो पाया है।मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना में एकंगरसराय में सबसे कम क्रय व भुगतान हुआ है जहां 17 मामले लंबित हैं।बिहारशरीफ तथा हरनौत प्रखंड में 05-05 आवेदन लंबित पाए गए।
    अनुमंडल स्तर पर वाहन मेला आयोजित कर लक्ष्य पूरा करने का निदेश जिला परिवहन पदाधिकारी को दिया गया।
    सड़क दुर्घटना में हुए मृत्यु के आये 113 आवेदन के विरुद्ध 34 आवेदन का भुगतान हो पाया है।
    जिला निबंधन परामर्श केंद्र के समीक्षा में पाया गया कि कुशल युवा कार्यक्रम में कुल 63202 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 57089 आवेदकों को प्रशिक्षित किया गया।
    आपूर्ति विभाग के समीक्षा में पाया गया कि नए राशन कार्ड स्वीकृत आवेदन में कुल 1636 आवेदन लंबित हैं,जिसमें सबसे ज्यादा बिहारशरीफ में 677,अस्थावां में 285 तथा हरनौत में 278 आवेदन लंबित हैं।
    जिला विधि शाखा के समीक्षा में एम जे सी के तथा सी डब्लू जे सी के लम्बित मामलों में शीघ्र एस ओ एफ बनाने के निदेश दिए गए।
    116 अर्द्ध निर्मित आंगनवाड़ी केंद्रों के समीक्षा में कतरीसराय,हिलसा तथा हरनौत के 3-3 अभिलेख के हस्तांतरण नहीं हो पाने की जानकारी दी गयी।
    आंगनवाड़ी केंद्र उत्क्रमण हेतु उपलब्ध कराए गए राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र के लंबित रहने तथा सेविका/सहायिका के लंबित चयन की भी समीक्षा की गई।
    जल-जीवन-हरियाली के तहत चिन्हित कुल 2352 कुओं के विरुद्ध 1919 कुओं की पूर्णता की जानकारी दी गई।
    इसी प्रकार चिन्हित कुल 1904 सोख्ता के विरुद्ध 1458 सोख्तों के निर्माण पूर्ण होने की जानकारी दी गई।
    थरथरी,विन्द और सिलाव के प्रखंड पंचायती राज पदधिकारी से खराब प्रदर्शन पर स्पस्टीकरण पूछा गया।कार्य में शिथिलता बरतने के कारण रहुई के प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी से भी स्पस्टीकरण पूछा गया।
    नल-जल में सबसे खराब प्रदर्शन करने बाले प्रखंड नूरसराय,वेन तथा सिलाव पाए गए।नल-जल से आच्छादित बसावट के नए योजना में कुल 102 योजनाओं के विरुद्ध 34 के पूर्णता की जानकारी दी गई।इस योजना में नगरनौसा,राजगीर तथा थरथरी क्रमशः 1,2 तथा 3 रैंक पर आए जबकि सबसे खराब प्रदर्शन कतरीसराय,सिलाव तथा वेन के रहे।
    वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति में कतरीसराय,अस्थावां तथा राजगीर क्रमशः 1,2 तथा 3 रैंक पर रहे जबकि वेन, नूरसराय तथा सरमेरा सबसे नीचे स्थान पर रहे।
    आवास प्लस में हिलसा,सरमेरा तथा कतरीसराय सबसे अच्छे स्थान पर तो बिहारशरीफ,राजगीर तथा नूरसराय सबसे खराब स्थान पर रहे।
    उप विकास आयुक्त श्री वैभव श्रीवास्तव ने आवास योजना,आवास योजना के प्रथम,द्वितीय तथा तृतीय किश्त के भुगतान की स्थिति तथा मनरेगा द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की तथा खराब प्रदर्शन करने बालों को कड़ी फटकार लगाई।

  • बिहार: कैमूर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, मोहनिया में 4 हजार लीटर से ज्यादा विदेशी शराब जब्त, तस्कर भी गिरफ्तार

    कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे): कैमूर जिले के मोहनिया शहर के समेकित चेकपोस्ट पर एंटी लीकर टास्क फ़ोर्स की टीम ने एक डीसीएम ट्रक से 447 पेटी में रखे गये 12,375 बोतल शराब जब्त किया. डीसीएम ट्रक पर भूसी लोड था और उसी भूसी के बीच में छिपाकर शराब ले जाया जा रहा था. जिसे एंटी लीकर टीम ने समेकित चेकपोस्ट से शराब लदे डीसीएम ट्रक को जब्त करते हुए चालक को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार चालक राजस्थान के साइयो का तला आडेल गांव निवासी रूपा राम का बेटा इसरा राम बताया जाता है.

    शराब लदे डीसीएम ट्रक का नंबर यूके 05 सीए 0831 है. यूपी की ओर से आ रही ट्रक को जब एंटी लिकर टास्क फ़ोर्स एवं मोहनिया थाना द्वारा जांच किया गया तो पाया गया कि ट्रक में भूसी लोड है. जिसके बाद बाद पुलिस ने ट्रक के भूसी के अंदर जांच किया तो पाया ट्रक के अंदर शराब है. जांच में आईबी ब्रांड के 447 पेटी शराब पाया गया. 447 पेटी में 12 हजार 375 बोतल शराब लोड पाया गया. जिसके बाद डीसीएम ट्रक के चालक को गिरफ्तार कर मोहनिया थाना को सौंप दिया गया.

    पकड़ी गयी शराब में आइबी ब्रांड के 750 एमएल का 150 पेटी, आइबी ब्रांड के 375 एमएल के 147 पेटी एवं आइबी ब्रांड के 180 एमएल के 150 पेटी शराब है. कुल कुल 12 हजार 375 बोतल शामिल है. पुलिस को गिरफ्तार चालक ने बताया कि चेकपोस्ट पार करने के बाद बताया जाता कि शराबा लदे ट्रक को कहां लेकर जाना है. यह ट्रक इलाहबाद से ट्रक लेकर आ रहा था. जिस पर बोरी में भूसी लोड किया गया था.

    चारपहिया वाहन से 11 पेटी शराब जब्त

    कैमूर जिले के मोहनिया शहर के डडवा ओवरब्रिज पर यूपी 65 एसी 4500 नंबर की मारूती सुजकी वैगनार एलएक्स एक लग्जरी वाहन से मोहनिया थाने की पुलिस ने 11 पेटी शराब जब्त किया गया है. 11 पेटी में पुलिस ने 495 बोतल शराब जब्त किया. वहीं अंधेरे का फायदा उठाकर वाहन का चालक मौके से फरार हो गया. वहीं चारपहिया वाहन देशी शराब का 11 कार्टून पकड़ा गया. इस दौरान चालक भागने में सफल रहा.

    बता दें कि एंटी लीकर एवं मोहनिया पुलिस को सूचना मिली कि एक लग्जरी वाहन से शराब लेकर चेकपोस्ट पार किया है और वह मोहनिया शहर में प्रवेश किया है. जिसके बाद वाहन का पीछा किया गया. जिसके बाद चारपहिया वाहन डड़वा के ओवरब्रिज के पास पकड़ाया. जब तक पुलिस वाहन को पकड़ती तब तक चालक भागने में सफल रहा. जब्त किये गये शराब पेटी में लेमन ब्लू देशी शराब के 200 एमएल का 11 कार्टून शराब बरामद किया गया. पेटी में 495 पीस शराब है.

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  • गया: मंदिर में मुस्लिम मंत्री को ले जाना हिंदू आस्था का सुनियोजित अपमान, माफी मांगें नीतीश कुमार, सुशील मोदी का हमला

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के गया के विष्णुपद मंदिर में मुस्लिम मंत्री इसराइल मंसूरी के जाने को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री व बीजेपी से राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि गया विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में किसी गैर हिंदू को साथ ले जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिंदू धर्म का सुनियोजित अपमान किया है. इसके लिए उन्हें हिंदू श्रद्धालुओं से माफ़ी मांगनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि सबकुछ जानते हुए भी मंदिर की मर्यादा भंग कर मुख्यमंत्री किसको खुश करना चाहते हैं?.

    सुशील मोदी ने कहा कि विष्णुपद मंदिर में नीतीश कुमार पहले भी कई बार गए हैं और उन्हें पता है कि उसके गर्भगृह में केवल सनातन धर्म में आस्था रखने वालों को प्रवेश देने का नियम है. गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित होने की सूचना भी लिखी है. मोदी ने कहा कि भाजपा ने पैगम्बर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले पार्टी के विधायक या प्रवक्ता किसी को नहीं बख्शा, तुरंत कार्रवाई की. लेकिन नीतीश कुमार ने गया मंदिर में प्रवेश करने वाले मंत्री इस्माइल मंसूरी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की?

    बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि महागठबंधन-2 का मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार मौनी बाबा बन गए हैं. वे शिक्षक भर्ती की मांग करने वालों पर लाठीचार्ज, कारतूस-प्रेमी शिक्षा मंत्री और वांटेड अभियुक्त को कानून मंत्री बनाने जैसे गंभीर मुद्दों पर भी चुप्पी साधे हुए हैं. इससे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि विष्णुपद मन्दिर में जानबूझकर मुख्यमंत्री ने अपने मंत्री को प्रवेश करवाया है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. हिन्दुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के लिए नीतीश कुमार ने ऐसा काम किया है जो कि उचित नहीं है.

    बता दें कि सोमवार को गया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विष्णुपद मंदिर में सोमवार को पूजा-अर्चना की. उनके साथ सूबे के सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्री मो. इसराइल मंसूरी भी मंदिर में गए. सीएम के साथ मुस्लिम मंत्री इसराइल मंसूरी के मंदिर में प्रवेश को लेकर हंगामा मचा हुआ है. मंत्री के प्रवेश के बाद दोपहर में भगवान को भोग लगाने से पहले मंदिर को धुलवाया गया. बताया जा रहा है कि इस मंदिर में गैंर हिंदूओं का प्रवेश वर्जित है और यह मंदिर के बाहर स्पष्ट शब्दों में लिखा हुआ है, इसके बाद भी मंत्री का यहां प्रवेश हुआ और अब इसका विरोध हो रहा है. बीजेपी नेताओं ने इसराइल मंसूरी को बर्खास्त करने की मांग की है. वहीं सीएम नीतीश कुमार को माफी मांगने की बात भी कही है.

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  • बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा CM नीतीश को चुनौती देंगे, इस्तीफा नहीं, कहा-यह नियम के विरुद्ध, सियासी हलचल तेज

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में एक बार फिर सियासी हलचल बढ़ गई है. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है. महागठबंधन की ओर से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि जो उन्हें नोटिस दी गई है वह नियमों और प्रावधान के खिलाफ है. यह नियम के विरुद्ध है और जो आरोप लगाए गए हैं वह पूरी तरह से गलत हैं. अविश्वास प्रस्ताव को मैं अस्वीकार करता हूं और मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. दरअसल इसी महीने 10 अगस्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़कर सात पार्टी के महागठबंधन के साथ मिलकर प्रदेश में नई सरकार बना ली थी. नई सरकार के गठन के तुरंत बाद महागठबंधन के 40 से अधिक विधायकों ने विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. बिहार के 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन के 164 विधायक हैं, जहां अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक साधारण बहुमत की आवश्यकता है.

    दरअसल बिहार विधानसभा का विशेष सत्र 24 अगस्त को बुलाया गया है. दो दिनों का यह विशेष सत्र होगा. 24 अगस्त को विधानसभा और 25 अगस्त को बिहार विधान परिषद की कार्यवाही होगी. आज विशेष सत्र को लेकर मुख्य सचिव, डीजीपी और आला अधिकारियों के साथ स्पीकर विजय सिन्हा ने बैठक की और सुरक्षा और अन्य इंतजामों को लेकर सख्त निर्देश भी दिए. विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि विधायकों के साथ कोई बाहरी आदमी भी ना आ जाए इस पर नजर रखा जाए. वहीं डीजीपी एसके सिंघल ने बताया कि सारी तैयारियां कर ली गई हैं. कहीं से कोई दिक्कत की बात अबतक सामने नहीं आई है. मीटिंग के बाद तैयारियां और बढ़ा दी जाती हैं.

    बता दें कि महागठबंधन की नई सरकार को विश्वास मत हासिल करने के लिए 24 अगस्त को विधानसभा की बैठक सुबह 11 बजे से बुलाई गई है. इस एक दिवसीय सत्र की कार्ययोजना मौजूदा अध्यक्ष को ही बनानी है. विधानसभा में दो ही कार्य किये जाने हैं. पहला सरकार का बहुमत हासिल करना और दूसरा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान. सत्तापक्ष ने पहले ही अध्यक्ष के खिलाफ नो कंफिडेंस मोशन नोटिस दे चुका है, इसलिए वह सभा का संचालन अध्यक्ष की जगह उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी से कराना चाहेगा. हालांकि इसे दूसरे नम्बर पर लिए जाने की स्थिति में सरकार के विश्वास मत हासिल करने की प्रक्रिया का संचालन विजय सिन्हा ही करेंगे (यदि इसके पूर्व उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो).

    बतातें चलें कि महागठबंधन की सरकार पिछले कई दिनों से विजय सिन्हा को नैतिकता का पाठ पढ़ा रही थी लेकिन कुछ काम नहीं आया. इस्तीफे से इनकार करने के बाद सिन्हा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इस्तीफा देने से मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचेगी. ऐसे में विजय सिन्हा द्वारा इस्तीफा देने से इंकार के बाद विधानसभा का सत्र हंगामेदार हो सकता है. माना जा रहा है कि 79 विधायकों वाली सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी अपने दिग्गज नेता अवध बिहारी चौधरी को संवैधानिक पद के लिए नामांकित करते हुए अध्यक्ष पद के लिए दावा पेश करेगी. वहीं बिहार विधान परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं बीजेपी नेता अवधेश नारायण सिंह को भी बदला जा सकता है. ऐसे में जदयू इस पद के लिए देवेश चंद्र ठाकुर नाम पर विचार कर रहा है.

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