Category: Bihar

  • देश के नए उपराष्ट्रपति होंगे जगदीप धनखड़, 200 वोट भी नहीं पा सकीं विपक्ष की उम्मीदवार

    लाइव सिटीज पटना: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ देश के नए उपराष्ट्रपति होंगे. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया. धनखड़ को 528 वोट मिले, इसमें से 15 वोट अमान्य रहे. जबकि मार्गरेट अल्वा को 182 वोट पड़े. जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 346 मतों के अंतर से हराया. जगदीप धनखड़ 11 जुलाई को वह पद की शपथ लेंगे. मौजूदा उपराष्ट्रति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है. शनिवार को संसद में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 780 में से 725 सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर उनके नाम का औपचारिक ऐलान किया. हालांकि एनडीए उम्मीदवार धनखड़ का जीत तय माना जा रहा था.

    शनिवार को संसद में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 780 में से 725 सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. उपराष्ट्रपति चुनाव में एसपी, शिवसेना के दो और बीएसपी के एक सांसद ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. उधर टीएमसी के 34 सांसदों ने वोटिंग नहीं की. टीएमसी ने पहले ही वोटिंग से किनारे का ऐलान किया था. हालांकि पार्टी के आदेश के बावजूद टीएमसी के शिशिर अधिकारी और दिव्येंदु ने मतदान किया. भाजपा के दो सांसदों सनी देओल और संजय धोत्रे ने भी स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए वोटिंग से किनारा किया. उपराष्ट्रपति चुनाव में करीब 93 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. अधिकारियों ने बताया कि 50 से अधिक सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया.

    बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले संसद भवन पहुंचकर वोट डाला. पीएम मोदी के अलावा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने व्हील चेयर में पहुंचकर वोट डाला. सोनिया गांधी समेत कांग्रेस और सत्ताधारी पक्ष के सांसदों ने वोटिंग की. 71 वर्षीय जगदीप धनखड़ एक प्रसिद्ध वकील रहे हैं. उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय और देश के उच्चतम न्यायालय दोनों में वकालत की है. धनखड़ के जीतने के बाद एक अजीब संयोग बना है. लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति एक ही राज्य से हैं. वर्तमान में ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष हैं और वह राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.

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  • नीतीश कुमार के मन में क्या है?, एक महीने में दूसरी बार PM मोदी की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे CM नीतीश, अटकलें तेज

    लाइव सिटीज पटना: बिहार की सियासत में इन दिनों काफी कुछ हो रहा है. हाल के दिनों में बीजेपी और जेडीयू के बीच रिश्तों में तल्खी थोड़ी बढ़ गई है. कई मुद्दों पर बीजेपी और जेडीयू के सुर अलग-अलग रहे हैं. इस बीच खबर आ रही है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक में नीतीश कुमार शामिल नहीं होंगे. एक महीने के अंदर यह दूसरी बार होगा, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली बैठक में शामिल नहीं होंगे. ऐसे में बिहार के सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म है. आखिर नीतीश कुमार के मन में क्या चल रहा है. क्या बिहार में कोई बड़ा सियासी बदलाव होने वाला है क्या.

    दरअसल सोमवार, 8 अगस्त 2022, को पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की दिल्ली में बैठक होने जा रही है और इस बैठक में सीएम नीतीश शामिल नहीं होंगे. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक में डिप्टी सीएम तारकिशोर को भेजना चाहते थे लेकिन उनको बताया गया कि इस बैठक में केवल मुख्यमंत्री ही शामिल हो सकते हैं. बता दें कि नीतीश कुमार नीति आयोग की रैंकिंग से नाराज रहते हैं. नीति आयोग की रैंकिंग में बिहार को विकसित राज्यों में सबसे हमेशा नीचे रखा जाता है और इसे लेकर नीतीश कुमार ने अपनी नाराजगी भी जताई है.

    बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले महीने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए पीएम मोदी द्वारा आयोजित रात्रिभोज और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी नीतीश कुमार ने हिस्सा नहीं लिया था. नीतीश कुमार ने उस बैठक में राज्य के डिप्टी सीएम को भेजा था. बतातें चलें कि बीजेपी और जेडीयू के बीच काफी समय से शह मात का खेल हो रहा है. हालांकि इसमें अभी बड़े नेताओं की एंट्री नहीं हुई है. ना तो नीतीश कुमार करीबी बीजेपी की खिलाफत करते हैं ना ही बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व खुलेआम कुछ कहता है.

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  • RCP सिंह ने बेहिसाब संपत्ति बना ली, लेकिन ये मामला अभी तक सामने क्यों नहीं आया था?, एक और चौंकाने वाला खुलासा

    लाइव सिटीज पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह पर उनकी ही पार्टी ने गंभीर आरोप लगाते हुए नोटिस भेजा है. जेडीयू का आरोप है कि आरसीपी सिंह ने पार्टी में रहते हुए करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति अपने और अपने परिवार के नाम कर दी. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जिसे लेकर बिहार की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. वहीं इस मामले की पार्टी में शिकायत करने वाले और रहुई प्रखंड (नालंदा) के जेडीयू अध्यक्ष संजय कुमार पटेल उर्फ राकेश कुमार ने शनिवार को एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है.

    जब आरसीपी सिंह मामले को लेकर रहुई प्रखंड (नालंदा) के जेडीयू अध्यक्ष संजय कुमार पटेल उर्फ राकेश कुमार यानी शिकायतकर्ता से पूछा गया कि आखिर ये मामला अभी ही उन्होंने क्यों सामने लाया?. इस पर संजय कुमार ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई बार देना चाहा, लेकिन आरसीपी सिंह के आगे-पीछे रहने वाले लोग मिलने नहीं देते थे. इनके डर से हम लोग हिम्मत भी नहीं जुटा पाते थे. उन्होंने कहा कि कई बार हिम्मत जुटाई और लिखा भी था हम लोगों ने लेकिन किसी भी चीज का समय होता है. इसलिए अभी हुआ है. दरसल एक समय आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दाहिने हाथ थे. पार्टी में उनकी खूब चलती थी.

    बता दें कि रहुई प्रखंड (नालंदा) के जेडीयू अध्यक्ष संजय कुमार ने ही पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को लिखित में आरसीपी सिंह मामले में आवेदन दिया था. आवेदन के जरिए शीर्ष नेतृत्व को इसकी जानकारी दी गई कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने वर्ष 2013 से 2022 तक पार्टी में रहते हुए करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति अपने और अपने परिवार के नाम कर दी. जदयू नेता ने सबूत के साथ बताया कि आरसीपी सिंह ने नालंदा जिले के अस्थावां ब्लॉक में 40 बीघा, इस्लामपुर ब्लॉक में 30 बीघा, राजगीर और बिहार ब्लॉक में भी इनके नाम या इनके परिवार के नाम पर काफी जमीन है. जिसके बाद जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

    आरसीपी सिंह पर साल 2013-2022 तक प्रॉपर्टी अर्जित करने का आरोप है. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें बताया गया है कि आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति बनाई गई है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर विश्वास रखती है. सूचना मिलने पर उसी के आधार पर पार्टी ने नोटिस जारी किया है. पार्टी ने नोटिस जारी कर आरसीपी सिंह से पार्टी में शीर्ष स्तर पर रहते हुए जो भी संपत्ति अर्जित की उसके बारे में जानकारी देने को कहा है. पार्टी को उनके जवाब का इंतजार है, उसके बाद ही पार्टी आगे की कार्रवाई करेगी.

    बता दें कि बिहार जेडीयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजकर अकूत संपत्तियों और अनियमितताओं पर जवाब मांगा है. उमेश कुशवाहा के द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित की गई है. इसमें कई तरह की अनियमितताएं नजर आ रही हैं. जदयू ने आरसीपी सिंह से पूछा कि आप इस बात से अवगत हैं कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं और इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता पर कभी कोई दाग नहीं लगा और ना उन्होंने कोई संपत्ति बनाई. इसलिए निर्देशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिंदुओं पर बिंदुवार अपनी राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएं.

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  • अकूत संपत्ति बनाने के मामले में जदयू ने RCP सिंह को भेजा नोटिस, चिराग पासवान ने CM नीतीश पर उठाए सवाल, कह दी बड़ी बात

    लाइव सिटीज पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह पर उनकी ही पार्टी ने गंभीर आरोप लगाते हुए नोटिस भेजा है. आरसीपी सिंह पर जदयू में रहते हुए अकूत संपत्ति बनाने का आरोप है. RCP सिंह पर साल 2013-2022 तक प्रॉपर्टी अर्जित करने का आरोप है. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जिसे लेकर बिहार की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. आरसीपी सिंह को लेकर जेडीयू के भीतर छिड़ी इस जंग ने विपक्षी दलों को उनपर हमला करने का एक मौका दे दिया है. इस बीच चिराग पासवान ने आरसीपी सिंह को नोटिस जारी किए जाने पर जेडीयू और सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.

    आरसीपी सिंह को नोटिस जारी किए जाने पर चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये वही आरसीपी सिंह है जो नीतीश के सबसे करीबी थे. तो क्या नीतीश कुमार एक ऐसे भ्रष्टाचारी को सालों तक अपने करीब रखे रहे. चिराग ने आगे कहा कि यह इस वजह से हो रहा है क्योंकि आरसीपी सिंह अब बीजेपी के करीब है और जेडीयू में दो धड़े हैं. एक जो बीजेपी के ज्यादा करीब और एक जो दिखाने को तो बीजेपी के करीब है लेकिन हकीकत में उतना है नहीं. चिराग पासवान का मानना है कि जेडीयू में सबकुछ ठीक तो नहीं है यह तो साफ दिख रहा है.

    इससे पहले आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जदयू ने आरसीपी सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. और नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. ये बात लगातार तेजस्वी यादव कह रहे थे कि भ्रष्टाचार हो रहा है. उन्होंने RCP टैक्स नाम दिया था भ्रष्टाचार का RCP टैक्स के नाम से वसूली हो रहा है. आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव के आरोप में दम था. जो सही साबित हुआ, जदयू खुद ही इसको स्वीकार कर रही है अब नीतीश कुमार इसकी जांच कराए और दूध का दूध और पानी का पानी करे. भ्रष्टाचार का खेल किस तरह हुआ है. इसका खुलासा जरुरी है. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि उस समय तेजस्वी की बात पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया लेकिन देर सवेर जदयू ने अपने नेता को नोटिस दिया है.

    आरसीपी सिंह पर साल 2013-2022 तक प्रॉपर्टी अर्जित करने का आरोप है. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें बताया गया है कि आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति बनाई गई है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर विश्वास रखती है. सूचना मिलने पर उसी के आधार पर पार्टी ने नोटिस जारी किया है. पार्टी ने नोटिस जारी कर आरसीपी सिंह से पार्टी में शीर्ष स्तर पर रहते हुए जो भी संपत्ति अर्जित की उसके बारे में जानकारी देने को कहा है. पार्टी को उनके जवाब का इंतजार है, उसके बाद ही पार्टी आगे की कार्रवाई करेगी.

    बता दें कि बिहार जेडीयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजकर अकूत संपत्तियों और अनियमितताओं पर जवाब मांगा है. उमेश कुशवाहा के द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित की गई है. इसमें कई तरह की अनियमितताएं नजर आ रही हैं. जदयू ने आरसीपी सिंह से पूछा कि आप इस बात से अवगत हैं कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं और इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता पर कभी कोई दाग नहीं लगा और ना उन्होंने कोई संपत्ति बनाई. इसलिए निर्देशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिंदुओं पर बिंदुवार अपनी राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएं .

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  • छपरा पहुंचे पप्पू यादव, लड़कियों की शादी के लिए मदद का किया ऐलान, कहा-MP-MLA को पता नहीं दारू कहां मिलता है

    लाइव सिटीज पटना: छपरा के मकेर में जहरीली शराब कांड में 11 लोगों की मौत से बिहार में हड़कंप मचा हुआ है. जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्‍या में लोगों की मौत के बाद पूरा प्रशासनिक अमला सकते में है. लापरवाही को लेकर जिले के एसपी ने मकेर थानेदार नीरज मिश्रा एवं फुलवरिया भाथा के चौकीदार को सस्‍पेंड कर दिया है. दोषियों की धर-पकड़ के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है. वहीं इस घटना पर राजनीति भी शुरु हो गई है. विपक्ष के द्वारा सरकार पर सवाल उठाया जा रहा है. वहीं सरकार की और से कार्रवाई की बात कही जा रही है. इस बीच जाप सुप्रीमो पप्पू यादव मकेर थाना क्षेत्र के भाथा नोनिया टोली पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और घटना के बारे में जानकारी ली. साथ ही पप्पू यादव ने आर्थिक मदद का ऐलान भी किया.

    जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने छपरा जहरीली शराब कांड के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और आर्थिक मदद का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अभी हमने यहां मृतकों के परिजनों को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक मदद की है, क्योंकि उनकी माली हालत ठीक नहीं है. वहीं और जो बच्ची है, उसकी शादी के लिए 25-25 हजार बच्ची को अलग से दिया जाएगा. इस मौके पर पप्पू यादव ने इस घटना के लिए नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा. जाप सुप्रीमो ने कहा कि सरकार से मेरा सीधा सवाल यह है कि इसकी जिम्मेदारी किसकी है.

    पप्पू यादव ने कहा कि सात सालों में इतनी बड़ी बड़ी घटनाएं घटी. कोई थानेदार जेल क्यों नहीं गया, कोई नेता जेल क्यों नहीं गया. उन्होंने नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सांसद और विधायक को पता नहीं दारू कहां मिलता है. पप्पू यादव ने कहा कि गुजरात मॉडल हो या बिहार, हर जगह जहरीली शराब से लोगों का मरना सरकार के शराबबंदी पर गंभीर सवाल खड़ा करता है. छपरा में जहरीली शराब पीने से 11 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. आखिर कौन है इसका जिम्मेदार? सत्ता और विपक्ष दोनों से शराब माफिया को संरक्षण हासिल है. अधिकारी शराब बिकवा रहे हैं. तभी बिहार में शराब बंदी फेल हुई है.

    बता दें कि बिहार के छपरा के मकेर में हुई जहरीली शराब कांड में मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. मकेर थाना क्षेत्र के भाथा नोनिया टोली व भेल्दी थाना क्षेत्र के सोनहो भाथा गांव में जहरीली शराब पीने से अब तक 11 लोगों की मौत हो गई है. इनमें नौ की मौत पीएमसीएच में जबकि एक की मौत छपरा से पटना ले जाने के दौरान हो गई. वहीं एक अन्‍य की मौत छपरा में ही हो गई. इस घटना से पूरे बिहार में हड़कंप मचा है. लापरवाही को लेकर जिले के एसपी ने मकेर थानेदार नीरज मिश्रा एवं फुलवरिया भाथा के चौकीदार को सस्‍पेंड कर दिया है. दोषियों की धर-पकड़ के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है. सारण के एसपी संतोष कुमार ने बताया कि पुलिस अभी तक 100 से ज्‍यादा लोगों को हिरासत में ले चुकी है. गिरफ्तारी के साथ ही बड़ी मात्रा में अवैध शराब भी बरामद की गई है.

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  • सीतामढ़ी में सड़क हादसे का कहर, तेज रफ्तार कार ने बाइक सवार दो लोगों को मारी टक्कर

    लाइव सिटीज, सीतामढ़ी: बिहार में सड़क हादसे का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन लोग तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आकर असमय ही मौत के शिकार हो रहे हैं, बावजूद इसके पुलिस प्रशासन इन घटनाओं पर रोक लगाए जाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है. बिहार के सीतामढ़ी में सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है.

    जिले के डुमरा थाना क्षेत्र में तेज रफ्तार कार ने बाइक सवार दो लोगों को टक्कर मार दी. हादसे में दो लोगों की कुचलकर मौत हो गई है. वहीं, घटना के बाद चालक कार छोड़कर फरार हो गया. उधर, सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है और मामले की छानबीन में जुट गई है. घटना जिले में एनएच 77 के पास लालू चौक की है.

    दरअसल जिले के डुमरा थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति अपनी बेटी के ससुराल से भैंस की खरीदारी करने गया था. वह व्यक्ति ज्यादा शाम होने के बाद अपनी बेटी के घर में ही रुक गया. अहले सुबह उठकर वहां से अपने बाइक पर सवार होकर अपने गांव के लिए निकला. इसी दौरान एनएच 77 पर लालू चौक के पास तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई है. वहीं एक मृतक की पहचान वीरेंद्र कुमार के रूप में हुई है और अभी तक दूसरे मृतक की पहचान नहीं हो पाई है.

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  • जेडीयू के आरसीपी सिंह पर लगा करप्शन का बड़ा आरोप, जानें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा

    लाइव सिटीज, पटना: जेडीयू ने अपने ही कद्दावर नेता और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर करप्शन का बडा आरोप लगा दिया है. कभी पार्टी के सर्वेसर्वा रहे आरसीपी सिंह को प्रदेश अध्यक्ष ने नोटिस भेजा है. नोटिस में कहा गया है-आरसीपी सिंह जी, आपके परिवार ने नाम पिछले 9 साल में 58 प्लॉट की रजिस्ट्री हुई. यानि कुल 40 बीघा की जमीन की खरीद हुई. इसमें भ्रष्टाचार साफ साफ झलक रहा है. आप बताइयें, इतनी संपत्ति कहां से अर्जित की.

    इस मामले में बिहार की सियासत तेज होने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का बयान सामने आया है.  पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि ये पार्टी के अंदर की बात है. कोई भी पार्टी के कार्यकार्ता और पदाधिकारी कभी भी किसी पर आरोप लगाते है तो हमलोग उसकी जानकारी लेते हैं. और जांच करवाते हैं. ये सम्मान प्रक्रिया है. जांच होने के बाद हमलोग एक्शन लेते हैं. जांच में जो तथ्य आती है, उस तथ्य के आधार पर हमलोग कार्रवाई करते हैं.  

    पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खरीदी गई ज्यादातर जमीन आरसीपी सिंह की पत्नी गिरजा सिंह और दोनों पुत्रियों लिपि सिंह और लता सिंह के नाम पर है. एक आरोप यह भी है कि आरसीपी सिंह ने 2016 के अपने चुनावी हलफनामे में इसका जिक्र नहीं किया है. आरोप है कि 9 साल में 58 प्लॉट आरसीपी सिंह के परिवार ने खरीदा है, नालंदा जिले के दो प्रखंड अस्थमा और इस्लामपुर में 2013 से अब तक 40 बीघा जमीन खरीदने का आरोप है और इन सब का जवाब उमेश कुशवाहा ने पत्र के माध्यम से मांगा है. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा इस मामले में कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहे हैं. पार्टी का कोई भी नेता इस मामले में कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहा है.

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  • पूर्णिया में शादी के बाद विवाहिता की संदिग्ध मौत, ससुराल वालों पर हत्या का आरोप

    लाइव सिटीज, पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में विवाहित महिला की संदिग्ध हालत में मौत हो गई है. जिले के बायसी थाना क्षेत्र में इलेक्ट्रिशियन इकबाल पर प्रेम जाल में फंसाकर पहले नाबालिग से शादी करने और अब उसकी हत्या करने का आरोप लगा है. वहीं सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजकर मामले की छानबीन में जुटी है.

     दरअसल यह मामला बायसी थाना क्षेत्र के हाथीबंदा गांव का है. जहां एक नाबालिग चमन नूरी (16 वर्ष) को कुम्हरवा गांव निवासी इकबाल से प्यार हो गया. जिसके बाद इकबाल ने नाबालिग चमन नूरी से शादी कर लिया. मृतक के परिजनों का आरोप है कि शादी के बाद वह अपनी पत्नी को दिल्ली लेकर गया. दिल्ली से लौटने के बाद उसने पत्नी को कटिहार जिला के तेलता थाना के बालूगंज गांव में अपने खाला के घर पर लाकर उसकी हत्या करने के बाद सॉकर से लगे फंदे से लटका दिया. जिससे किसी को ये खबर न हो कि इसकी हत्या की गई है.

    मृतक महिला के मायके वालों ने पति इकबाल, उसके पिता मंसूर, मां नरगिस, मौसी अनवरी खातून, भाई नबूवत और इकबाल की पहली पत्नी बबली पर तेलता थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया है. वहीं एफआईआर दर्ज करने के बाद तेलता थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया और मामले की छानबीन कर रही है.

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  • बड़ी खबर: दानापुर में अवैध बालू से लदे नाव पर विस्फोट, चार लोगों की मौत

    लाइव सिटीज, दानापुर: इस वक्त की बड़ी खबर राजधानी पटना से सटे दानापुर से आ रही है, जहां एक बड़ी विस्फोट हुआ है. दानापुर के पास मनेर में सिलेंडर विस्फोट से चार लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है. मनेर का गंगा घाट पर अवैध बालू से लदे नाव पर सिलेंडर विस्फोट हो गया है. इस बड़ी हादसे में चार लोगों की मौत हो गई है.

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  • पुलिस और एसएसबी की संयुक्त कार्रवाई, 22 वर्षों से वांछित कुख्यात नक्सली भरदुल यादव गिरफ्तार

    लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: नौहट्टा प्रखंड के पहाड़ी गांव से पुलिस और एसएसबी की संयुक्त कार्रवाई में एक कुख्यात नक्सली को गिरफ्तार किया गया है. सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार नक्सली चुटिया थाना क्षेत्र के बेलदूरिया गांव निवासी भरदुल यादव बताया जा रहा है. उसे पुलिस ने उसके गांव से ही गिरफ्तार किया है. यह कई नक्सली कांडों का आरोपित है. हालांकि पुलिस इस मामले में कुछ भी खुलकर बोलने से परहेज कर रही है.

    पुलिस सूत्रों के मुताबिक नक्सली भरदुल यादव वर्ष 2001 में पुलिस टीम पर हमला करने का आरोपित है तथा इस मामले में यह पिछले 22 वर्षों से पुलिस का वांछित है. सूत्रों के अनुसार इसी मामले में इसके गिरफ्तार होने की संभावना जताई जा रही है.

    पुलिस सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार नक्सली भरदुल यादव के पिता का नाम पुलिस के पास नहीं होने की वजह से यह कई बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो चुका है. मई 2020 को सीआरपीएफ ने कैमूर पहाड़ी के सड़की के जंगल से गिरफ्तार किया था. इसके बाद वर्तमान में वह जमानत पर जेल से बाहर था तथा फिर से नक्सल गतिविधियों में जुट गया था.

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