Category: Bihar

  • Bihar के पहले एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू, इन सात जिलों से गुजरेगी सड़क.. जानें – रूट..


    डेस्क : देश के विकास में कनेक्टिविटी का बड़ा योगदान है। इसे में हर राज्य के सड़कों को तेजी से बनाया जा रहा है। इस कड़ी में बिहार में राज्य का पहला एक्सप्रेक्स वे बनने जा रहा है। बता दें कि अन्य राज्यों में कई एक्सप्रेस वे बनाए जा चुके हैं। लेकिन बिहार को अब एक एक्सप्रेस वे मिलने जा रहा है। बतादें कि 189 किमी लंबे आमस- दरभंगा एक्स्प्रेस वे का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू किया जायेगा।

    आधारशिला रखने आएंगे नितिन गडकरी

    आधारशिला रखने आएंगे नितिन गडकरी : आगामी 14 नवंबर को राज्य के बक्सर जिले में केन्द्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी संत समागम में भाग लेने पहुंच रहे हैं। इस दौरान आमस (औरंगाबाद) – दरभंगा एक्सप्रेस वे का आधारशिला रखने वाले हैं। इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है। इस सड़क का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जाएगा।

    आमस – दरभंगा एक्सप्रेस- वे का निर्माण

    आमस – दरभंगा एक्सप्रेस- वे का निर्माण : राज्य का यह पहला एक्सप्रेस-वे NH19 स्थित औरंगाबाद जिले के आमस से शुरू होकर दरभंगा जिले के नवादा गांव में NH-27 तक जाएगा। यह एक्सप्रेसवे अरवल, जहानाबाद, पटना, वैशाली और समस्तीपुर समेत राज्य के सात जिलों को पार करेगा। इस एक्स्प्रेस वे को 6000 करोड़ की लागत से बनाया जायेगा।

    साल 2024 तक दक्षिण बिहार की दूरी हो जाएगी आसान

    साल 2024 तक दक्षिण बिहार की दूरी हो जाएगी आसान : इस निर्माण कार्य को पूरा करने की समय सीमा वर्ष 2024 तक निर्धारित की गई है। इस एक्सप्रेसवे परियोजना के पूरा होने के बाद उत्तर से दक्षिण बिहार की यात्रा केवल चार घंटे की रह जाएगी। NHAI ने इस एक्सप्रेसवे को NH 119D के रूप में अधिसूचित किया है।

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  • सतर्क रहें! Bihar में कभी भी आ सकता है 1934 जैसा बड़ा भूकंप, डरें नहीं, बरतें एहतियात..


    डेस्क : बिहार में बीती रात को भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। इससे जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई, लेकिन इसने 1934 के 15 जनवरी की दोपहर में आए रिक्‍टर स्‍केल पर 8.5 की तीव्रता वाले उस भूकंप की याद जरूर दिला दी है, जिसने बिहार में 10 से 11 हजार तो नेपाल में 9 से 10 हजार लोगों की जान ले ली थी। वैज्ञानिकों की मानें तो प्रदेश में ऐसा भूकंप कभी भी आ सकता है। आज की घनी आबादी को देखते हुए ऐसे बड़े भूकंप से 2 लाख से अधिक लोगों की मौत भी हो सकती है।

    1934 में आये भूकंप से मची थी भारी तबाही

    1934 में आये भूकंप से मची थी भारी तबाही

    वर्ष 1934 के भूकंप का केंद्र नेपाल में था। उससे नेपाल व बिहार में भारी तबाही भी मची थी। राज्‍य के मुंगेर व सीतामढ़ी तबाह हो गए थे। चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, पूर्णिया, भागलपुर जिले आदि जिलों में तबाही का आलम था। इसके बाद फिर वर्ष 1988 में 6.6 की तीव्रता वाला भूकंप आया था। इस भूकंप की शक्ति 1934 के भूकंप से 750 गुना कम थी।

    महाविनाशकारी होगा 1934 जैसा ये भूकंप

    महाविनाशकारी होगा 1934 जैसा ये भूकंप

    IIT रुड़की के अर्थक्वेक इंजीनियरिंग विभाग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एमेरिटस डाक्‍टर आनंद एस आर्या की एक रिसर्च के मुताबिक भूकंप से होने वाला नुकसान जनसंख्‍या एवं क्षेत्र में हुए निर्माण कार्य पर निर्भर करता है। डाक्‍टर आर्या जनगणना के आंकड़ों के आधार पर यह बताते हैं कि हाल के वर्षों में तेज निर्माण कार्य व जनसंख्या वृद्धि के कारण वर्ष 1934 की तीव्रता वाला भूकंप एकदम महाविनाशकारी हो सकता है।

    कभी भी आ सकता है कोई भी बड़ा भूकंप

    कभी भी आ सकता है कोई भी बड़ा भूकंप

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  • Bihar के 6 जिले में बनकर तैयार हुआ ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक, बाकी इन जिलों में काम जोरों पर..


    न्यूज डेस्क : सरकार सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसके लिए राज्य के सभी जिलों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाए जाने को लेकर कार्य चरम पर है। बता दें कि प्रदेश के 6 जिलों में ट्रैक का काम संपन्न हो गया है।

    इसका उद्घाटन किया जाना बाकी है। इसके अलावा 8 जिलों में काम जोरों से चल रही है। वहीं सूबे की और 10 जिलों में ट्रैक बनाने को लेकर जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा। बता दें कि केवल वैशाली ही एक जिला ऐसा है जहां ट्रैक बनाने के लिए जमीन की व्यवस्था नहीं हो सकी।

    बीते दिनों ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की समीक्षा की गई थी। फिलहाल राज्य के पटना और औरंगाबाद में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से पहले परीक्षा की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। वहीं, मोतिहारी, भागलपुर, पूर्णिया, नवादा, बांका और कैमूर में इस तरह के ट्रैक पूरे हो चुके हैं। जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। सीतामढ़ी, कटिहार, दरभंगा, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, किशनगंज, नालंदा और मधुबनी में काम चल रहा है. वहीं सारण, बेतिया, समस्तीपुर, रोहतास, शिवहर, जहानाबाद, जमुई, लखीसराय, गया और मुंगेर में पटरियों के निर्माण के लिए जल्द टेंडर किया जाएगा।

    वहीं, वैशाली में ट्रैक बनाने के लिए परिवहन विभाग ने जिला प्रशासन से जमीन की जल्द तलाशी लेने को कहा है। ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के अभाव में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में तरह-तरह के खेल खेले जा रहे हैं. यातायात नियमों की जानकारी नहीं होने के कारण विभाग अंधाधुंध लाइसेंस जारी कर रहा है। ट्रैक पर कुशलता से वाहन चलाने वालों को ही लाइसेंस मिलेगा। इससे सड़क हादसों में भी कमी आएगी।

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  • गर्व! बेटी रोहिणी पिता Lalu Yadav देंगे अपनी किडनी, मिलेगा नया जीवनदान..


    डेस्क : राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव काफी समय से बीमार चल रहे हैं। वे दर्जनों बीमारी के चपेट में हैं। इसके लिए कई बड़े से बड़े डॉक्टरों से इलाज करवाए गए। लेकिन अब सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट करवाया जाएगा। बता दें कि लालू प्रसाद यादव को उनकी बेटी रोहिणी आचार्य किडनी देने का फैसला की है। इसको लेकर सिंगापुर के डॉक्टरों ने अपनी स्वीकृति दे दी है।

    लालू प्रसाद यादव को बेटी रोहिणी आचार्य की किडनी से जीवनदान मिलने जा रहा है। ये अपने परिवार से काफी जुड़ी हुई है। सोशल मीडिया पर राजद को लेकर काफी सक्रिय रहती है। विपक्ष पर इनका हमला हमेशा तैयार रहता है। बिहार की राजनीति में सोशल मीडिया के माध्यम से हस्तक्षेप करती रहती है। राजद प्रमुख के बीमार पड़ने पर रोनी आचार्य अपने पिता का इलाज सिंगापुर में करने के लिए परिवार से बात करती रही।

    लालू यादव का किडनी ट्रांसप्लांट सिंगापुर के विख्यात अस्पताल सेंटर फॉर किडनी डिजीज में होगा। बता दें कि पहले तो लालू यादव अपनी बेटी से किडनी लेने के लिए तैयार नहीं थे। फिर काफी समझाने बुझाने के बाद पर मान गए। बताया जा रहा था कि परिवार वाले से किडनी लेने पर सफलता अधिक मिलती है। ऐसे में रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को किडनी लेने के लिए मना ही लिया। बीते 12 अक्टूबर को लालू यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बड़ी बेटी मीसा भारती सिंगापुर गई थी। वहां इलाज जारी किया गया।

    रोहिणी ने उस दिन भी एक इमोशनल ट्वीट किया था और लिखा था कि जिसने भी लोगों की आवाज उठाई वह आज दर्जनों बीमारियों से लड़ रहा है। रोहिणी आचार्य ने यह साबित कर दिया है कि सिंगापुर में रहने के बावजूद वह न केवल राजनीतिक रूप से बल्कि पारिवारिक स्तर पर भी सभी के साथ मजबूती से जुड़ी हुई हैं।

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  • अब Patna से Kolkata के बीच 350KM की स्पीड से चलेंगी Train, जानें – पूरा प्लान..


    डेस्क : बिहार की राजधानी पटना से दिल्ली और कोलकाता का सफर बड़ी जल्द ही आसान होने वाला है। दिल्ली-हावड़ा रूट पर प्रस्तावित हाईस्पीड रेल कॉरिडोर का बिहार में भी सर्वे पूरा हो गया है। पटना से कोलकाता और दिल्ली के बीच 350Kmph की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी। बिहार के 3 शहरों में हाईस्पीड ट्रेन के स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें पटना के अलावा बक्सर और गया शामिल हैं। इस रूट पर 2 चरणों में प्रोजेक्ट पूरा किया जाएगा। खास बात यह है कि हाईस्पीड ट्रेन का पूरा ट्रैक एलिवेटेड होगा

    पटना में स्टेशन के लिए बिहटा एयरपोर्ट और AIIMS के पास 3 जगहें चिह्नित की गई हैं। केंद्रीय टीम ने सर्वेश्रण करने के बाद सूबे के अधिकारियों के साथ DPR पर मंथन किया। अब एलिवेटेड ट्रैक के लिए जमीन अधिग्रहण की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। पटना में किस जगह स्टेशन बनेगा, इस पर भी मुहर जल्द लगा दी जाएगी।

    हाईस्पीड ट्रेन संचालित करने का मकसद प्रमुख राज्यों की राजधानियों और धार्मिक स्थल को जोड़ना भी है। इसलिए उसी के हिसाब से रूट तैयार किया जा रहा है। कम समय में ज्यादा दूरी तय करने के उद्देश्य से जापानी तकनीक पर आधारित रेलवे ट्रैक का निर्णय भी किया जाना है। अधिकारियों का यह कहना है कि रेलवे की तरफ से जैसे ही भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया जाएगा, काम भी शुरू हो जाएगा।

    दिल्ली से हावड़ा तक 2 चरणों में पूरा होगा प्रोजेक्ट

    हाईस्पीड ट्रेन के लिए दिल्ली से हावड़ा के बीच 2 चरणों में प्रोजेक्ट पूरा किया जाएगा। पहले चरण में दिल्ली से लखनऊ होते हुए वाराणसी तक 813 Km का ट्रैक बनाया जाएगा। यही रूट अयोध्या भी जाएगा, जिसकी दूरी बढ़कर 942 Km हो जाएगी। दूसरे चरण में वाराणसी से पटना होते हुए हावड़ा तक का काम भी होगा। ये ट्रैक 718 Km लंबा होगा। वाराणसी से बक्सर होते हुए पटना, गया, आसनसोल, धनबाद, दुर्गापुर और हावड़ा तक एलिवेटेड लाइनें बिछाई जाएगी। इस रूट पर 350 Kmph की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी।

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  • नीतीश चाचा सीने से गले लगाकर भतीजे तेजस्वी को दी जन्मदिन की बधाई, कहा – उम्मीदों पर खरे उतरेंगे..


    डेस्क : आज बिहार के युवा डिप्टी सीएम व आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव का जन्मदिन था। इस दौरान कई दिग्गज नेता व परिवार के लोगों ने बधाइयां दी। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने अनोखे ढंग से भतीजे तेजस्वी को जन्मदिन की बधाई पेशकश की। आपको बता दे की CM नीतीश ने तेजस्वी को गले लगाकर जन्मदिन की बधाई दी।

    मालूम हो की उपमुख्यमंत्री तेजस्वी आज अपना 33वां जन्मदिन मना रहे हैं। महागठबंधन की सरकार में डिप्टी सीएम बनने के बाद ये पहला मौका है जब तेजस्वी CM नीतीश के साथ अपना बर्थडे माना रहे हैं। वही, तेजस्वी यादव के अपने जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया।

    बताते चलें कि तेजस्वी यादव के लिए इस साल का जन्मदिन कई मायनों में खास है। क्योंकि शादी के बाद जहां वह पहली बार अपना जन्मदिन मना रहे हैं तो वहीं इस साल वह बतौर उपमुख्यमंत्री भी अपना जन्मदिन मना रहे हैं। डिप्टी सीएम तेजस्वी के जन्मदिन के मौके पर उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने मंगलवार की रात 12 बजे उनसे केक कटवाया और जन्मदिन की बधाई दी. इस मौके पर उनकी मां राबड़ी देवी भी मौजूद रहीं. तेजस्वी ने मां और बड़े भाई का पैर छूकर आशीर्वाद लिया और उन्हें केक खिलाया।

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  • नितीश बाबू..CO साहब मांगते है पैसा..कहते है CM तक जाता है, जनता दरबार में बोला फरियादी..


    डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में एक ऐसा मामला आया जिसे सुनकर नीतीश कुमार हैरान रह गए. इसके तुरंत बाद राजस्व विभाग के मुख्य सचिन को फोन लगाया और कहा जल्द से जल्द इस मामले को देखा जाए. दरअसल सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार में शामिल हुए थे.

    छठ और दीपावली पर्व के बाद पहली बार जनता दरबार का आयोजन किया गया था. इस दौरान जनता दरबार में कई फरियादी अपनी फरियाद लेकर पहुंचे हुए थे. मधुबनी से आया एक फरियादी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिकायत की सीओ यानि अंचलाधिकारी दाखिल खारिज करने के पैसे मांग रहे है. नहीं देने पर कहता है कि ‘नहीं नहीं करेंगे दाखिलखारिज. पैसा दीजिए तभी दाखिल खारिज हो पाएगा. पैसा ऊपर तक भी जाता है’

    फरियादी ने कहा कि हमने जब दाखिल खारिज करने के लिए पैसे नहीं दिये तब बाहर निकाल दिया और कहा कि ‘जाइये, नहीं करेंगे दाखिलखारिज. पैसा दीजिएगा तभी दाखिल खारिज होगा. पैसा ऊपर तक जाता है सीएम तक नीचे से पैसा जाता है, DM साहब को पैसा जाता है. जहां जाना है जाइये.नहीं करेंगे दाखिल खारिज.’

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  • न्यूज नालंदा – इंजीनियरिंग छात्र ने बनाया अनोखा हेलमेट, जानें इसकी खूबियां …..

    बिहार के माटी लाल इंजीनियरिंग के एक छात्र राजा कुमार केसरी ने एक अनोखा हेलमेट का निर्माण का निर्माण किया है । जिसे पहनने के बाद ही बाइक स्टार्ट होगा । इससे बाइक चोरी का खतरा भी नहीं रहता है । राजा पटना जिले के रहने वाले हैं । फिलहाल वे हाजीपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में थर्ड सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं । पढ़ाई के दौरान ही उन्होनें इस तकनीक का इजात किया है । यातयात पुलिस की मदद से बिहारशरीफ के अस्पताल चौक पर बुधवार को लोगों के बीच हेमलेट और तकनीक के बारे में लोगों को जानकारी दी । उन्होनें बताया कि हेमलेट के अंदर एक चीप सेट किया जाता है इसके साथ ही एक डिवाइस को बाइक में जोड़ा जाता है । इसके बाद ये काम करना शुरू कर देता है । इसमें तीन तरह की खूबियां पाई जा रही है। पहली खूबी यह है कि डुप्लीकेट चाभी से बाइक चोरी करना चाह रहा हैं तो बाइक स्टार्ट ही नहीं होगा । इससे बाइक चोरी पर भी विराम लगेगा । दूसरी खूबी यह है कि अगर कोई व्यक्ति शराब का सेवन कर बाइक चलाना चाहेंगे तो उसमें लगा सेंसर के कारण बाइक अपने आप बंद हो जाएगी।तीसरी खूबी यह है कि अगर आप मोटरसाइकिल पर ट्रिपल लोडिंग चलने की सोच रहे हैं तो बाइक में लगा डिवाइस स्टार्ट होने ही नहीं देगा। इन सभी खूबियों को परिवहन विभाग के द्वारा खूब सराहा जा रहा है। गोवा में 17 से 19 नवंबर तक लगने वाले अंतरराष्ट्रीय आईएनएक्स प्रर्दशनी में ये अपने मॉडल का प्रदर्शन भी करेगें इस प्रदर्शनी में 30 देशों के होनहार छात्र शामिल होगें । अगर हम खर्च की बात करें तो बाजारों में डिवाइस के साथ यह हेलमेट महज 15 सौ से 2000 रुपए तक में आसानी से मिल जाएगा । इस मौके पर यातायात डीएसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर लोगों के बीच जानकारी देने के लिए ये पटना से यहाँ आए हैं। इस हेलमेट के कई फायदे हैं इससे सड़क दुर्घटना जान माल का खतरा कम होगा । साथ ही बाइक चोरी पर भी अंकुश लगाया जा सकता है । फिलहाल यह लोगों के बीच जाकर डेमो दिखा रहे हैं और जो भी खामियां लोगों द्वारा बताया जा रहा है उसे दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। इनके इस तकनीक को मान्यता मिलने के बाद ही बाजार में उपलब्ध हो सकेगा । इस मौके पर यातायात थानाध्यक्ष संदीप कुमार मौजूद थे ।

    न्यूज नालंदा – इंजीनियरिंग छात्र ने बनाया अनोखा हेलमेट, जानें इसकी खूबियां …..

  • न्यूज नालंदा – सुबह सुबह किशोर की बेरहमी से हत्या , धारदार हथियार से वार कर तोड़ा……

    दीपनगर थाना क्षेत्र के महानंदपुर गांव में मंगलवार की देर रात बदमाशों द्वारा एक किशोर को धारदार हथियार से वार और गला दबाकर बेरहमी से हत्या किए जाने की सनसनीखेज घटना घटी है । मृतक राजेश शर्मा का 18 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार है ।

    न्यूज नालंदा – सुबह सुबह किशोर की बेरहमी से हत्या , धारदार हथियार से वार कर तोड़ा……

    शव को देखने से प्रतीत होता है कि युवक को बेरहमी से पिटायी करने के बाद धारदार हथियार से पेट और सिर में वार कर गला दबाकर हत्या किया गया है । पिटाई के कारण उसका दाहिना हाथ भी टूटा हुआ है ।

    घटना की जानकारी मिलते ही दीपनगर थाना पुलिस गांव पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल लायी । थानाध्यक्ष एस के जायसवाल ने बताया कि हत्या किस कारण से की गई है कारण स्पष्ट नहीं पता चल पा रहा है । परिजन दुश्मनी की बाद से भी इंकार कर रहे हैं । परिवार वालों द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर छानबीन में जल्द ही मामले का खुलासा कर लिया जाएगा । फिलहाल शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दी गई है ।

  • बिहार में है देश का पहला Butterfly Park, जानें – क्या है खास?


    डेस्क : बिहार के बोधगया में स्थित जयप्रकाश उद्यान में राज्य का इकलौता तितली पार्क है। इस पार्क में आपको सैकड़ों की संख्या में रंग-बिरंगी तितलियां अठखेलियां करती नजर आएंगी। इस पार्क में अब 80 से भी ज्यादा प्रजाति की तितलियां आपको मिल जाएंगे।

    बिहार सरकार के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अंतर्गत बटरफ्लाई पार्क में तितलियों को पालने के लिए रेयरिंग लैब की व्यवस्था भी की गई है। जिससे तितलियों की संख्या में वृद्धि हो और को पर्यावरण में सतुलन बना रहे। ये ऐसा पहला पार्क है जहां तितलियों का संरक्षण के साथ प्रजनन तक कराया जाता है।

    विलुप्त तितलियों को किया गया संरक्षित

    विलुप्त तितलियों को किया गया संरक्षित
    इस पार्क में आप ऐसी कई तितलियों को देख पाएंगे जो लगभग विलुप्त होने की कगार पर हैं। यहां मौजूद प्रमुख तितलियां स्पॉटेड पैरट, काॅमन क्रो, प्लेन टाइगर, लाइन ब्लू, डिंगी स्विफ्ट, बलका पेरट, कॉमन कैस्टर, कॉमन ग्लास यलो, कॉमन जे, डेनेड एगफ्लाई और लैमन मिगरेंट हैं। इन तितलियों की प्रजातियों को यहां संरक्षण दिया जा रहा है। यहां आने वाले पर्यटक न केवल तितलियों को देखते हैं बल्कि उनके जीवन चक्र से जुड़ी तमाम जनकारी भी प्राप्त करते हैं। जिसके लिए विभाग द्वारा दो कर्मी को प्रतिनियुक्त किया है, जो पर्यटकों की तितलियों के बारे में बताए।

    80 से अधिक प्रजातियां संरक्षित

    80 से अधिक प्रजातियां संरक्षित
    आपको बता दें इस पार्क में विभाग द्वारा पर्यटकों को कई सुविधाएं दी जा रही हैं। पार्क के अंदर सबसे ज्‍यादा आकर्षण का केन्द्र तितली पार्क हैं जहां 80 से अधिक प्रजाती के तितलियां अठखेलियां करते नजर आ जाएंगी।साथ ही घूमने और आकर्षण के लिए लोगों की सुविधा का ध्यान रखते हुए फव्‍वारे और जगह-जगह बेंच लगाए गए हैं। बोधगया घूमने आने वाले सैलानी जब थक जाते हैं तो इस पार्क में जाकर कुछ समय व्यतीत करते हैं और तितली पार्क में सेल्फी का आनंद उठाते हैं।

    एक साल पहले हुआ था स्थापित

    एक साल पहले हुआ था स्थापित
    इस पार्क का निर्माण एक साल पहले हुआ था। हालांकि शुरुवात में यहां केवल 10- 12 प्रजातियों की तितलियां ही मौजूद थीं। पर फिर विभाग ने यहां कई तरह के पेड़ लगाए और फिर तितलियों को संख्या बढ़ती गई। और अब यहां तितलियों की प्रजाति 80 तक पहुंच गई है। बटरफ्लाई पार्क में तीन प्रमुख काम हो रहे हैं। पहला तितलियों का संरक्षण करना, दूसरा उन पर रिसर्च करना और तीसरा इन्हें बंद रख प्रजनन करना। प्रजनन के चलते ही तितलियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

    पर्यावरण के लिए भी तितलियां है फायदेमंद

    पर्यावरण के लिए भी तितलियां है फायदेमंद
    पर्यावरणविद तथा मगध यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर मो. दानिश मसरुर ने बताया कि ‘तितलियां हमारे पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद है और इससे हमारा पर्यावरण संतुलित रहता है। बोधगया तितली पार्क में लगभग 80 प्रजाति के तितलियां पाई गई है और यहां पर कई तितलियों की प्रजाति का संरक्षण किया जाता है। तथा उनका प्रजनन भी कराया जा रहा है। तितलियों का संरक्षण सरकार का एक बेहतरीन कदम है और ऐसे पार्क राज्य के सभी जिलों में खोले जाने चाहिए।’

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