Category: Bihar

  • कुदरत का करिश्मा! कुतिया ने दिया बकरी के बच्चों को जन्म, लोगों ने कहा- “भगवान का अवतार है”…


    बिहार के गोपालगंज जिले का एक गांव इस समय का चर्चा का विषय बना है। सिधवलिया प्रखंड के काशी टेंगराही पंचायत की वतिया टोला में चर्चा एक कुतिया के बच्चे को लेकर छिड़ी हुई है। उसके 8वें बच्चे पर गांव के लोग चढ़ावा चढ़ाने पहुंच रहे हैं। कुतिया ने बकरी की आकृति के बच्चे को जन्म भी दिया है। उसे देखने के लिए दूर-दराज से लोग गांव भी पहुंच रहे हैं। इसकी सूचना वन विभाग की टीम को भी दी गयी हैं

    कुतिया के बच्चे को देखने के लिए उमड़ा हुजूम

    कुतिया के बच्चे को देखने के लिए उमड़ा हुजूम

    प्राप्त जानकारी के अनुसार सिधवलिया प्रखंड के काशी टेंगराही पंचायत के वतिया टोला में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक कुतिया ने 8 बच्चों को जन्म दिया है, जिसमें 7 बच्चे की आकृति कुत्ते जैसी है। जबकि एक बकरी के जैसा दिखता है। वह बोलता भी मेमने के जैसा ही है। ग्रामीणों को जब इस बात का पता चला तो आसपास के सभी लोग इकट्ठा होने लगे। कुछ ही देर में कुतिया के बच्चे को देखने के लिए हुजूम उमड़ने लगा।

    आस्था से चढ रहा चढ़ावा

    आस्था से चढ रहा चढ़ावा

    दरअसल, वृतिया गांव के शंभू दास के घर के पास कुतिया ने कुल 8 बच्चों को जन्म दिया। उसके 7वें बकरी की जैसी आकृति वाले बच्चे को देखने के लिए सीमावर्ती कई गांवों के लोगों की भीड़ जुट रही है। वहां के लोग इसे आस्था मानकर उस पर चढ़ावा भी चढ़ा रहे हैं। एक ग्रामीण तेजेश्वर मिश्रा, पूर्व मुखिया विनय यादव सहित कई लोगों ने बताया कि कुत्ते के बकरी जैसा जन्मा बच्चा मेमना की तरह की बोल रहा है। उसकी आवाज अब एक कोतूहल का विषय बनी है। इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गयी है।

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  • मजदूर से सत्ता के केंद्र तक पहुँचने वाले बिहारी की कहानी, गिरमिटिया मजदूर से तय किया प्रधानमंत्री बनने तक का सफर


    बिहारियों को लेकर अक्सर कहा जाता है कि वह कहीं भी जाएं हर जगह को ही अपना बना लेते हैं। लेकिन किसी जगह पर मजदूरी के लिए जाना और वहां की सत्ता को परिवर्तित करके उसके केंद्र में अपनी जगह बना लेना कोई छोटी बात नहीं है। मॉरीशस जो कि आज मिनी इंडिया के नाम से जाना जाता है। इससे यह नाम देने में सबसे बड़ा योगदान बिहारियों का ही है जो कि एक गिरमिटिया मजदूर के तौर पर मॉरीशस लाए गए थे और आज उसी गिरमिटिया मजदूर परिवार के सदस्य मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ Pravind Jugnauth के तौर पर सत्तासीन है।

    1834 से बिहारियों को मॉरीशस ले जाने का सिलसिला शुरू हुआ था

    1834 से बिहारियों को मॉरीशस ले जाने का सिलसिला शुरू हुआ था वर्तमान में प्रतिवर्ष सत्तर हजार लोग बिहार से मॉरीशस सिर्फ घूमने के लिए जाते हैं।लेकिन 18 वीं सदी का एक ऐसा वक्त था जब भारतीयों को मजबूरन या जबरदस्ती भारत से मॉरीशस ले जाया जाता था।वर्ष 1834-36 में बिहारी मजदूरों को बिहार से मॉरीशस मजदूरी करने के लिए पहली बार लेकर जाया गया था। 18 वीं सदी में बिहार में भयंकर अकाल और भूखमरी पड़ी थी। जिसके बाद ब्रिटिश सरकार ने बिहारियों से एक कॉन्ट्रैक्ट किया था कि 5 वर्ष के लिए बाहरी जगह पर उन्हें नौकरी दिलवाई जाएगी। जिसके तहत गिरमिट एग्रीमेंट साइन करवाए गया। इन पर हस्ताक्षर या निशान देने वाले मजदूरों को गिरमिटिया कहा गया था।

    वर्ष 1833 में गुलामी उन्मूलन अधिनियम आने के बाद से मजदूरों की स्थिति अत्यंत ही खराब हो चुकी थी

    वर्ष 1833 में गुलामी उन्मूलन अधिनियम आने के बाद से मजदूरों की स्थिति अत्यंत ही खराब हो चुकी थी पहली बार बिहार से 10 सितंबर 1834 को कोलकाता से मजदूर मॉरीशस के लिए रवाना हुए थे। जो कि 2 नवंबर 1834 को मारीशस पहुंच गए थे। जिसके बाद यह सिलसिला चलता ही गया और 1834 से लेकर 1910 तक 4,51,740 गिरमिटिया मजदूर बिहार से मॉरीशस पहुंच गए। वर्ष 1833 में गुलामी उन्मूलन अधिनियम लागू किया गया ।

    जिसके बाद से गुलामों का कारोबार बंद हो गया। परंतु इन्हें मॉरीशस ले जाने का तरीका बहुत ही भयावह इस वक्त हो चुका था क्योंकि मजदूरों को मॉरीशस जहाज से ले जाया जाता था । तो बीच समुद्र में अगर ऐसा प्रतीत होता था कि ब्रिटिश को पता चल सकता है कि गुलामों के जाने की खबर लग गई है तो मजदूरों को भी समुद्र में धक्का देकर मार दिया जाता था।

    वर्तमान में 70% से भी अधिक जनता मॉरिशस की भारतीयों से भरी है

    वर्तमान में 70% से भी अधिक जनता मॉरिशस की भारतीयों से भरी है मजदूरों को बिहार से मॉरीशस ले जाते जाते स्थिति यह हो गई थी कि वर्ष 1931 तक मॉरीशस की 68% जनता भारतीय मुख्यता बिहारियों से ही भर गई थी ।मॉरिशस को मिनी भारत कहा जाने लगा था जो कि आज तक कहा ही जा रहा है। वर्तमान में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण कुमार जगन्नाथ है। उनके परिवार को भी किसी वक्त गिरमिटिया मजदूर के तौर पर ही मॉरिशस ले जाया गया था। लेकिन वक्त ने परिवर्तन का दौर देखा और आज वह मॉरीशस के प्रधानमंत्री के तौर पर आसीन हो चुके हैं।

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  • KBC में फिर दिखी बिहार की प्रतिभा – अंजली ने सुनाई Amitabh Bachchan को दर्दभरी कविता..


    डेस्क: बिहार की इस ऐतिहासिक भूमि पर न इतिहास की कोई कमी है और न ही प्रतिभा की। समय-समय पर अलग क्षेत्राें में अपनी प्रतिभा से लाेगों को यहां के लोग झकझोरते रहे हैं। अब इसी क्रम में एक और नाम शामिल हो गया है। बीती रात सहरसा की रहने वाली अंजली कुमारी ने KBC में अमिताभ बच्चन के समक्ष सवालों का धारा प्रवाह उत्तर देकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। ये बात बीते दिन यानी बुधवार की है और अंजली ने अपनी प्रतिभा कौन बनेगा करोड़पति में साबित की है।

    सहरसा जिला मुख्यालय गौतमनगर गंगजला निवासी रविंद्र झा फूल के छोटे बेटे माधवानंद की पत्नी अंजली कुमारी KBC में हॉट सीट पर बैठ कर सवालों का बखूबी जवाब दे रही हैं। इतना ही नहीं, अंजली ने शो के दौरान सदी के महानायक को अपनी दर्द भरी एक कविता भी सौंपी। उनकी कविता ‘ये हम किस विकास की डगर जा रहे हैं, ‘दर्द होता जब घर की सारी उम्मीदें टूट जाती हैं, पलभर की मुस्कान के बाद, खुशियां भी रूठ जाती हैं’ को खुद अमिताभ बच्चन ने पढ़ा और उसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर करने की बात भी की। सामने आई जानकारी के अनुसार अंजली 50 लाख रुपये जीत भी गई हैं।

    कविता की ये है कहानी

    कविता की ये है कहानी
    अपनी कविता को लेकर अंजली ने अमिताभ बच्चन को बताया कि ‘साल 2017 में हमारा एक घर बना था, बाद में उसका आधा हिस्सा हाइवे में चला गया। उस समय हमारे घर में खाना तो बना होता था, परंतु चिंता के कारण किसी को निवाला अच्छा नहीं लगता था।’ इस कविता की तारीफ अमिताभ बच्चन ने खूब की है।

    अभी भी खेल रही हैं अंजली

    अभी भी खेल रही हैं अंजली
    पूर्णियां जिलावासी मिलानाथ रूपौली निवासी राजीव रंजन झा की बेटी अंजली पूर्णिया विवि से राजनीतिशास्त्र के स्नातकोत्तर विषय की टापर रह चुकी है। KBC में उन्होंने अपना टैलेंट बखूबी दिखाया। अंजली के साथ कार्यक्रम में पति माधवानंद झा, जेठ राघव कुमार झा व श्वसुर रविंद्र झा उर्फ फूल बाबू भी मौजूद थे। टीवी पर अंजली के इस शो को देखने के लिए सहरसा व कोसी के लोग बेहद उत्सुक रहे। बुधवार की रात चार सवालों का जवाब दिया तब तक समय पूरा हो गया।

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  • न्यूज नालंदा – व्यापार मंडल अध्यक्ष चुनाव 4 को, मतदाता सूची में गड़बड़ी…

    व्यापार मंडल अध्यक्ष का चुनाव चार नवम्बर निर्धारत है। इसके लिए बनायी मतदाता सूची में गड़बड़ी सामने आई है। बिहारशरीफ प्रखंड के वियवानी पंचायत के व्यापार मंडल के उम्मीदवार विनोद कुमार यह आरोप लगा रहे हैं। बताया कि चुनाव चार को होना है। इसमें कुल 525 मतदाता है। इन मतदाताओं में 143 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिनके पिता का नाम नहीं है। ऐसे में यह प्रतीत होता है कि व्यापार मंडल अध्यक्ष द्वारा बनाए गए सूची में गड़बड़ी की गई है। इसकी शिकायत जिलाधिकारी, एसपी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, बिहार राज्य निर्वाचन पदाधिकारी पटना को पत्र लिखकर की गई है। पूर्व में भी ऐसी घटना हुई है। जिसमें अध्यक्ष व प्रबंधक पर अपराधिक मुकदमा दर्ज करने का निर्देश आया था। लेकिन उस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।

    न्यूज नालंदा – व्यापार मंडल अध्यक्ष चुनाव 4 को, मतदाता सूची में गड़बड़ी…

  • बिहार के छात्र-छात्राओं की बल्ले बल्ले! साइकिल और पोशाक की राशि Account में होंगे ट्रांसफर.. जानें –


    न्यूज डेस्क : आज के समय में हर किसी के पास बैंक खाता है। बैंक खाते से पैसे रखने के अलावा कई सारे फायदे लिए जा सकते हैं। वर्तमान में जितने भी सरकारी स्कीम के द्वारा मिलने वाले पैसे हैं सभी बैंक खाते में आते हैं। ऐसे में बैंक में खाता होना आवश्यक हो गया है। वहीं कई लोग कई सारे बैंक खाते खुलवा कर रखते हैं। इसके अपने फायदे और नुकसान है। यदि आप भी एक से अधिक बैंक खाता खुलवा कर रखे हैं तो आपके लिए काम की खबर है। तो आइए एक से अधिक बैंक खाते रहने के फायदे नुकसान के बारे में जानते हैं।

    किसी व्यक्ति के एक से अधिक बैंक खाता होने पर उसे कई सारे फायदे का लाभ मिलता है। इसमें बैंक के विभिन्न ऑफर्स, डिस्काउंट प्रीमियम डेबिट कार्ड तक शामिल है। जाहिर सी बात है कि किसी भी व्यक्ति का एक से अधिक बैंक खाता होगा तो उसमें पैसा भी जरूर रखेगा। इसके कई सारे फायदे और नुकसान भी है। कई लोगों का तो सैलरी अकाउंट अलग और पर्सनल अकाउंट अलग से होता है। इसके अलावा भी कई सारे अकाउंट खोल सकते हैं। इसमें यदि आप मिनिमम बैलेंस मेंटेन कर सकते हैं तो आपके लिए एक से अधिक बैंक में अकाउंट होना हानिकारक नहीं है।

    वहीं अगर सिंगल अकाउंट की बात करें तो यह कहीं ना कहीं लाभदायक है यदि आप एक ही बैंक में खाता खुलवा कर रखे हैं। तो आपको मिनिमम बैलेंस एक ही बैंक में मेंटेन करना होगा। पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक खाता खुलवाना ही फायदे का सौदा है। एक खाते से उनका काम भी हो जाएगा और ज्यादा झमेला भी नहीं चलना पड़ेगा।

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  • न्यूज नालंदा – रेस्टोरेंट संचालक को जख्मी कर तोड़फोड़-लूट, पुलिस बता रही आपसी विवाद…

    दीपनगर थाना अंतर्गत करगिचल चौक के समीप मंगलवार की रात बदमाशों ने तोड़फोड़ करते हुए रेस्टोरेंट संचालक को मारपीट कर जख्मी कर दिया। जख्मी मिर्ची होटल के मालिक प्रशांत प्रकाश को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। पीड़ित 10 हजार रंगदारी नहीं देने पर बट से पिटाई और एक लाख रुपए लूट का आरोप लगा रहे हैं। प्रारंभिक जांच में पुलिस आपसी विवाद में घटना बता रही है।
    संचालक ने बताया कि रात साढ़े नौ बजे करीब दो दर्जन बदमाश दुकान में आकर उनसे दस हजार रंगदारी मांगने लगा। रुपया नहीं देने पर बदमाश तोड़फोड़ करते हुए बट से पीटकर उन्हें जख्मी कर दिया। बीच बचाव पर कर्मियों को भी पीटा गया। मारपीट के बाद एक लाख नगदी लूटकर बदमाश फरार हो गया। थानाध्यक्ष सुनील कुमार जायसवाल ने बताया कि प्रारंभिक जांच से प्रतीत होता है कि आपसी विवाद में मारपीट हुई। केस दर्ज कर पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई में जुट गई है।

    न्यूज नालंदा – रेस्टोरेंट संचालक को जख्मी कर तोड़फोड़-लूट, पुलिस बता रही आपसी विवाद…

  • न्यूज नालंदा – काल ने पांच को लीला, जानें कैसे गई जान…

    दीपनगर थाना अंतर्गत देवधा गांव के समीप ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गयी। मृतक की लहेरी थाना क्षेत्र के भरावपर मोहल्ला निवासी धुरी महतो का 30 वर्षीय पुत्र कारू महतो है ।परिजन ने बताया कि लक्ष्मी जी की प्रतिमा विसर्जन को लेकर बीती शाम मोहल्ले के लोगों के साथ कोसुक घाट गया था। देर रात तक वापस घर लौट कर नहीं आया। सुबह पुलिस से मौत की खबर मिली। दीपनगर थानाध्यक्ष सुनील कुमार जायसवाल ने बताया कि युवक ट्रैक पर बैठ बात कर रहा था। उसी दौरान ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई।

    न्यूज नालंदा – काल ने पांच को लीला, जानें कैसे गई जान…

    इसी तरह इसी तरह वेन थाना इलाके के वभनियावां गांव में पानी भरे पईन में डूबने से युवक की मौत हो गयी। मृतक बड़ी आंट निवासी वार्ड सदस्य छोटू मोची का पुत्र चिकू कुमार है। पिता ने बताया कि उनका पुत्र लोहंडा के दिन प्रसाद खाने का निमंत्रण देने निकला था। जिसके बाद नहीं लौटा। अंदेशा है कि डूबकर उसकी मौत हुई। युवक मानसिक रोगी बताया जा रहा है। थानाध्यक्ष ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार के हवाले कर दिया गया।

    इसी तरह दीपनगर थाना क्षेत्र के राणा बिगहा गांव के पास मंगलवार अज्ञात वाहन से कुचलकर महिला की मौत हो गई। मृतका स्व. बृजनंदन प्रसाद की 60 वर्षीया पत्नी बसंती देवी हैं। सड़क पार करने में हादसा हुआ। थानाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस अग्रेतर कार्यवाही में जुट गई है।
    उधर, हरनौत थाना क्षेत्र के धरमपुर गांव में मंगलवार को शौच गए बच्चे की तालाब में डूबकर मौत हो गई। मृतक सुधीर यादव का 10 वर्षीय पुत्र 5वीं कक्षा में पढ़ाई करता था। थानाध्यक्ष देवानंद शर्मा ने बताया कि बच्चे के मौत की सूचना मिली है।

  • न्यूज नालंदा – डिक्की की तलाशी लेने पर पुलिस हैरान, बाइक सवार गिरफ्तार…

    रहुई थाना पुलिस ने मंगलवार को गुप्त सूचना के आधार पर मंदिलपुर गांव के समीप कार्रवाई करते हुए 5 किलो गांजा के साथ बाइक सवार तस्कर को गिरफ्तार कर लिया। सदर डीएसपी डॉ शिब्ली नोमानी ने बताया कि रहुई पुलिस को गुप्त सूचना प्राप्त हुई की एक तस्कर मोटरसाइकिल से गांजा लेकर जा रहा है। इसी सूचना के अवलोकन में वरीय अधिकारियों को इस बात से अवगत कराते हुए वाहन जांच के क्रम में एक मोटरसाइकिल सवार को रोका गया। जांच के क्रम में मोटरसाइकिल की डिक्की से 5 किलो गांजा बरामद किया गया। इसके तुरंत बाद ही मोटरसाइकिल सवार को हिरासत में लेते हुए पूछताछ के लिए थाना लाया गया। तस्कर की पहचान थाना क्षेत्र के भंडारी गांव निवासी विजय यादव के पुत्र रमेश यादव के रूप में की गई है। तस्कर से पूछताछ के आधार पर पुलिस अग्रेतर कार्रवाई में जुटी है।

    न्यूज नालंदा – डिक्की की तलाशी लेने पर पुलिस हैरान, बाइक सवार गिरफ्तार…

  • अमेरिका से बिहार आई अजीबोगरीब मछली, बढ़ी वैज्ञानिकों की चिंता, जानें-


    न्यूज डेस्क: भारत नदियों का देश माना जाता है। देश के हर राज्य में कई महत्वपूर्ण नदियां है। इन नदियों को बचाने की के लिए तमाम कोशिशें की जाती है। ऐसे में बिहार के गोपालगंज के गंडक नदी में एक ऐसी मछली पाई गई, जिसने वैज्ञानिकों की परेशानी बढ़ा दी है।

    इस अजीबोगरीब मछली का नाम सकर माउथ कैटफिश बताया जा रहा है। यह अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाने वाली मछली है। यह मछली गंडक नदी में पहले भी पाई जा चुकी है। वहीं दोबारा पाई जाना चिंता का विषय है। दरअसल यह मछली मांसाहारी प्रवृत्ति की होती है। जो मछली और जलीय जीवो का भक्षण कर जीवित रहती है। ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि यह नदी के पर्यावरण तंत्र को बिगाड़ सकती है।

    इस मछली के रूप रंग देख मछुआरे हैरान रह गए। इसके चार आंखें और एक एरोप्लेन की तरह पंख है। यह मछली गोपालगंज में बहने वाली गंडक नदी में पहले भी मिल चुकी है। दोबारा से मिलने पर वैज्ञानिकों सहित स्थानीय की चिंता बढ़ गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिधवलिया प्रखंड के डुमरिया गांव में बीते मंगलवार को मछुआरे ने नदी में जल बिछाया जाल बिछाया।

    इस जाल में तमाम मछलियों के बीच एक सकर माउथ कैटफिश मिली। इस अजीबोगरीब दिखने वाली मछली को मछुआरे ने पकड़ कर घर ले आया। मछुआरे इस मछली को घर लाने के बाद एक नाद में डाल कर रख दिया। इसके बाद एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी वायरल होने लगा। जिसके बाद अगल बगल के गांव से लोगों की भीड़ बढ़ने लगी।

    मत्स्य विकास अधिकारी रोहित शर्मा का ने बताया कि मछली पर्यावरण तंत्र को बिगाड़ देगी। तमाम जानकारों के मन में भी एक सवाल उठने लगा कि हजारों किलोमीटर दूर अमेरिका के अमेज़न नदी में पाए जाने वाली मछली गोपालगंज के गंडक नदी में कैसे आई। फिलहाल इस मछली को लेकर चर्चा जोरों पर है।

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  • अब 5 घंटे में Patna से पहुंचे New Delhi – 180 KM की रफ्तार से दौड़ेगी वंदे भारत एक्स्प्रेस..


    Indian Railway : पटना वासियों के लिए अच्छी खबर है। पटना से दिल्ली जाने में कई घंटे सफर में गुजर जाते हैं। ऐसे में लोगों का समय काफी जाया होता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। दरअसल भारतीय रेलवे की ओर से उन्हें वंदे भारत एक्सप्रेस का सौगात मिलने वाला है। अब बिहार के रहने वाले पटना से महज कुछ ही घंटों में दिल्ली पहुंच सकेंगे। भारतीय रेलवे पटना- काशी- दिल्ली रूट पर ट्रेन का परिचालन करने जा रही है। इन रूटों पर यात्रियों का काफी दबाव देखा जाता है। इस वजह से वंदे भारत एक्सप्रेस की परिचालन इस रूट पर शुरू किया जाएगा।

    इन रूटों पर यात्रियों की संख्या अधिक होती है। ऐसे में पहले से भी कई ट्रेन है। इसमें तेजस राजधानी और संपूर्ण क्रांति आदि ट्रेनें शामिल है। ऐसे में यात्रियों के दबाव को देखते हुए एक और विशेष सुविधा वाली ट्रेन वंदे भारत का परिचालन किया जाएगा। इस ट्रेन के परिचालन से लोगों को एक और विकल्प मिल जाएगी। इससे लोगों को विशेष सुविधा मिलने के साथ-साथ टाइम का भी काफी बचत होगा। इस ट्रेन से सफर करने वाले यात्री चार से 5 घंटे में दिल्ली पहुंच जाएंगे।

    बंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन पीएम मोदी के द्वारा साल 2019 के फरवरी महीने में किया गया था। इसके बाद व्यावसायिक परिचालन 2019 से शुरू हो गई। फिलहाल इस ट्रेन का परिचालन कुछ ही रूटों पर किया जा रहा है। जिसे आने वाले समय में विस्तार किया जाएगा। सबसे पहली वंदे भारत ट्रेन दिल्ली से वाराणसी रूट में शुरू हुई थी। वर्तमान में दिल्ली- जम्मू रूट में भी परिचालन हो रहा है। बता दें कि अंबाला रूट पर ट्रायल किया जा रहा है। इसके साथ ही अहमदाबाद और मुंबई के मध्य भी बंदे भारत एक्सप्रेस के परिचालन पर निर्णय लिया गया है।

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