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हॅलो कृषी ऑनलाईन : देशासह राज्यांमध्ये लंपीचा कहर वाढत असल्यामुळे एकीकडे पशुपालक हे चिंतित असताना लंपीवरून आता राजकारण ही तापायला सुरुवात झाली आहे. :राजकीय अजेंडा सेट करण्यासाठी ‘गोधन खतरे मे है’ सांगणारे नेते आज गोधन खऱ्या अर्थाने संकटात असताना एक शब्दही बोलत नाहीत. अशी टीका राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्षाचे आमदार रोहित पवार यांनी केली आहे. याशिवाय केंद्रीय माध्यमांवर ही त्यांनी टीका करीत म्हंटले आहे की, “राजकारणासाठी ज्यांचा तिसरा डोळा क्षणार्धात उघडतो तो अद्यापही उघडलेला नाही. चित्ते रुळले असतील तर राष्ट्रीय मीडियानेही लम्पीकडं लक्ष केंद्रित करायला हरकत नाही”.
राजकीय अजेंडा सेट करण्यासाठी ‘गोधन खतरे मे’ सांगणारे नेते आज गोधन खऱ्या अर्थाने संकटात असताना एक शब्दही बोलत नाहीत. राजकारणासाठी ज्यांचा तिसरा डोळा क्षणार्धात उघडतो तो अद्यापही उघडलेला नाही. चित्ते रुळले असतील तर राष्ट्रीय मीडियानेही लम्पीकडं लक्ष केंद्रित करायला हरकत नाही. pic.twitter.com/izCCjJhPYF
— Rohit Pawar (@RRPSpeaks) September 22, 2022
लंपी बाबत केंद्र सरकरच्या कारभारावर टीका करणारी फेसबुक पोस्ट रोहित पवार यांनी लिहिली आहे. त्यांनी आपल्या पोस्टमध्ये म्हंटले आहे की, ” देशात ८२ हजार जनावरं लंम्पी आजाराने दगावली तर लाखो जनावरं लंम्पीग्रस्त असल्याने पशुधनावर आणि पर्यायाने बळीराजासमोर मोठं संकट उभं राहिलंय. राज्याचे पशुसंवर्धन मंत्री स्वतः जातीने लक्ष ठेवून असल्याने काही अंशी दिलासा नक्कीच मिळत आहे.
अतिरिक्त मदत मिळणं गरजेचं
मृत पावलेल्या पशुधनास NDRF निकषात असलेल्या मदतीप्रमाणे राज्यसरकार स्वतःच्या तिजोरीतून ३० हजार रुपयांची मदत देत आहे. परंतु सात वर्षे जुने NDRF निकष आणि दुधाळ जनावरांच्या वाढलेल्या किंमती बघता ही मदत पुरेशी नाही, ही वस्तुस्थिती आहे. त्यामुळं अतिरिक्त मदत मिळणं गरजेचं आहे.
केंद्र सरकारने लम्पी आजाराला साथीचा रोग म्हणून घोषित केल्यास SDRF मधील ‘आपत्ती निवारण आणि पुनर्वसन’ या सेक्शन अंतर्गत मदत देता येऊ शकते. असं झाल्यास शेतकऱ्यांना राज्य शासनाची ३० हजार आणि SDRF ची ३० हजार अशी एकूण ६० हजार रुपये पर्यंत मदत मिळू शकते. राज्यशासनाने या संदर्भात केंद्राकडे त्वरित पाठपुरावा करायला हवा.
राजकीय अजेंडा सेट करण्यासाठी ‘गोधन खतरे मे’ सांगणारे नेते आज गोधन खऱ्या अर्थाने संकटात असताना एक शब्दही बोलत नाहीत. राजकारणासाठी ज्यांचा तिसरा डोळा क्षणार्धात उघडतो तो अद्यापही उघडलेला नाही. चित्ते रुळले असतील तर राष्ट्रीय मीडियानेही लम्पीकडं लक्ष केंद्रित करायला हरकत नाही”. अशा पद्धतीने फेसबुक पोस्ट द्वारे त्यांनी केंद्र सरकारची कानउघाडणी केली आहे.
लाइव सिटीज पटना: विपक्ष एकता को मजबूत करने की मुहिम पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली गए हैं. अपने तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन नीतीश कुमार आज और कई नेताओं से मुलाकात करेंगे. पहले दिन सीएम ने राहुल गांधी और कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी से मुलाकात की थी.
मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने व्यंग्य करते हुए कहा कि अगर बिहार में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पचास सीट भी ले आते तो बहुत था. उन्होंने सीएम पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार बिहार को ही संभाल लेते अच्छे से तो वह काफी था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि अगर बिहार में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पचास सीट भी ले आते तो बहुत था. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर बिहार दौरे के दौरान सार्वजनिक मंच पर नीतीश कुमार का हाथ पकड़कर उन्हें बिठाया था इससे तो अब जगजाहिर हैं कि अब वह किसी तथाकथित प्रधानमंत्री से मिलेंगे और अकेले में ही मिलना पसंद करेंगे. नीतीश कुमार बिहार को ही संभाल लेते अच्छे से और कम से कम 50 सीट जीत जाते तो वही काफी था.
वहीं नीतीश कुमार के एक पुराने ट्वीट का स्क्रीनशॉट लगाते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने तंज कसा है कि इस ‘ठगबंधन’ में ‘चंदन’ कौन है और ‘भुजंग’ कौन?. संजय जायसवाल ने लिखा है कि नीतीश जी तब तो आपने नहीं बताया था, अब तो बता दीजिए. इस ‘ठगबंधन’ में ‘चंदन’ कौन है और ‘भुजंग’ कौन? एक अन्य ट्वीट में उन्होंने नीतीश कुमार से पूछा कि स्वघोषित भावी पीएम उम्मीदवार साहब यह भी बताएं कि ठगबंधन पार्ट-1 में विष किसने फैलाया था? आपने या तब आपको ‘जहर का घूंट’ कहने वालों ने? ठगबंधन पार्ट-2 में भी कोई ‘भुजंग’ है क्या? या आपने अपनी ‘कला’ से ‘विषदंत’ तोड़ दिए हैं?
बता दें कि विपक्ष एकता को मजबूत करने की मुहिम पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली गए हैं. सीएम नीतीश कुमार सोमवार को दिल्ली पहुंचे. दिल्ली पहुंचने पर सीएम ने देर शाम कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात की. अपने तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन नीतीश कुमार आज और कई नेताओं से मुलाकात करेंगे. नीतीश कुमार उन सभी दलों को एक मंच पर लाना चाहते हैं जो भाजपा के विरोधी हैं या उनके साथ मिलकर काम नहीं करते. इधर जेडीयू भी उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्ष के राष्ट्रीय चेहरे के तौर पर पेश कर रही है. नीतीश कुमार देश में वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. बीजेपी के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कवायद भी प्रारंभ हो गई है. इसी सिलसिले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचे हैं. जहां वह विपक्ष के नेताओं से मिलकर विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश करेंगे.
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लाइव सिटीज पटना: राजधानी पटना स्थित जदयू कार्यालय के कर्पूरी सभागार में जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक खत्म होने के बाद पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार का संबोधन ही JDU की गाइडलाइन है. उन्होंने कहा कि जदयू में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष या उपाध्यक्ष चाहे कोई भी हो, पर नेता नीतीश कुमार ही हैं और उनका संबोधन ही पार्टी की गाइडलाइन है. केसी त्यागी ने कहा कि बीजेपी ने अटल जी के गठबंधन को छोटा किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब बीजेपी से कभी नहीं मिलेंगे. वहीं जदयू प्रधान महासचिव ने कहा कि आरसीपी को बीजेपी एकनाथ शिंदे बनाना चाहती है.
बीजेपी के पलटूराम वाले आरोप पर पलटवार करते हुए जदयू प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि बीजेपी खुद पलटूराम है. इसका उदाहरण यूपी और जम्मू-कश्मीर को लिया जा सकता है. जिसमें विरोध करने वाली पार्टी के साथ गठबंधन किया और फिर उससे किनारा कर लिया. राष्ट्रीय परिषद में हुई चर्चा और नीतीश के संबोधन की चर्चा करते हुए केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश ने अब किसी भी हालत में बीजेपी के साथ नहीं जाने की बात कही है. 2019 तक बीजेपी के साथ सबुकछ ठीक-ठाक चला. 2019 में चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने सहयोगियों को साथ लेकर चलने के अटलजी के नीति को दरकिनार कर दिया.केन्द्रीय मंत्रिमंडल में संख्या के आधार पर भागेदारी नहीं दी.बीजेपी साथ रहते हुए उनकी पार्टी को तोड़ लिया. अरूणाचल,नागालैंड और मणिपुर इसका उदाहरण है.
केसी त्यागी ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने केंद्र की अग्निवीर योजना का भी विरोध किया है और सेना में पुरानी पद्धति लागू से करने की मांग की है. जेडीयू नेताओं ने आजादी के अमृत महोत्सव पर सवाल उठाते हुए कहा कि बापू महोत्सव मनाने से परहेज क्यों किया जा रहा है. वहीं सीएम नीतीश कुमार ने इस बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए खुद कहा कि वे खुद पीएम पद के उम्मीदवार नहीं है. उनका लक्ष्य केन्द्र की बीजेपी सरकार को हराना है. नीतीश कुमार ने कहा कि हमारा उद्देश्य सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करना है.सभी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो केन्द्र सरकार के खिलाफ सफलता हमें जरूर मिलेगी.
बता दें कि जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक खत्म होने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एक बार फिर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने दो सीट से शुरुआत की थी और अगले लोकसभा चुनाव में वहीं पर पहुंच जाएंगे. वहीं ललन सिंह ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि इस बार बिहार की 40 में 40 सीट महागठबंधन को मिलेगी. वहीं अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर ललन सिंह ने कहा कि अमित शाह अब आयेंगे और देशभर में और बिहार में सांप्रदायिक सद्भाव खराब करने का प्रयास करेंगे. बिहार के लोग सर्तक हैं, उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा.
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लाइव सिटीज पटना: राजधानी पटना में जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक खत्म होने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एक बार फिर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने दो सीट से शुरुआत की थी और अगले लोकसभा चुनाव में वहीं पर पहुंच जाएंगे. वहीं ललन सिंह ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि इस बार बिहार की 40 में 40 सीट महागठबंधन को मिलेगी. इससे पहले JDU की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक खत्म होने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनका लक्ष्य केन्द्र की बीजेपी सरकार को हराना है. सीएम नीतीश ने कहा कि हमारा उद्देश्य सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करना है. सभी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो केन्द्र सरकार के खिलाफ सफलता हमें जरूर मिलेगी.
बीजेपी कह रही है कि पीएम की वैकेंसी नहीं है. इस सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी ने दो सीट से शुरुआत की थी और अगले लोकसभा चुनाव में वहीं पर पहुंच जाएंगे. वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी के साथ थे तो बिहार में 40 में 39 सीट मिली थी, इस बार 40 में 40 सीट महागठबंधन को मिलेगी. अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर ललन सिंह ने कहा कि अमित शाह अब आयेंगे और देशभर में और बिहार में सांप्रदायिक सद्भाव खराब करने का प्रयास करेंगे. बिहार के लोग सर्तक हैं, उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा.
जदयू कार्यालय के कर्पूरी सभागार में जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक खत्म होने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनका लक्ष्य केन्द्र की बीजेपी सरकार को हराना है. दिल्ली जाने के सवाल पर सीएम नीतीश ने कहा कि वे दिल्ली जा रहें हैं और कई विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बातचीत होगी. साथ ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगे. वहीं कांग्रेस की दिल्ली में आज हुई हल्ला बोल रैली पर मुख्यमंत्री ने कहा यह अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि इस बार दिल्र्ली दौरे पर वे चार पार्टियों के नेताओं से बातचीत करेंगे. बीजेपी को 50 सीट पर रोकने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि हम संख्या और जीतने-हारने की बात नहीं कर रहे हैं. एक साथ सभी विपक्षी दल लड़ेंगे तो उन्हें जरूर सफलता मिलेगी.
बता दें कि राजधानी पटना में स्थित जदयू कार्यालय के कर्पूरी सभागार में जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक खत्म हो गई है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की अध्यक्षता में यह बैठक हुई. बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता, मंत्री और सांसद मौजूद रहे. इस बैठक में दो दर्जन राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और प्रतिनिधि भी शामिल हुए. बैठक में जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लिए गए फैसलों पर मुहर लगी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा संख्या कोई मायने नहीं रखती. विपक्ष को एकजुट करना सबसे महत्वपूर्ण है.
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लाइव सिटीज पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने की चर्चा तेज है. वहीं सीएम नीतीश ने भी कहा है कि एकजुट विपक्ष पर काम कर रहे हैं, हम भाजपा को 2024 में 50 सीटों पर ही समेट सकते हैं. इस बीच आरजेडी ने भी कह दिया है कि बीजेपी पूरे देश में 50 से ज्यादा सीट नहीं ला पाएगी. देश में 2024 में भाजपा की वाट लगने वाली है. वहीं आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने महागठबंधन सरकार पर हमलावर सुशील मोदी पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी का तो क्या बात करना, पता नहीं इन दिनों वह कहां-कहां से ढीला हो गए हैं.
आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की बैचेनी इन दिनों सातवें आसमान पर है. भाजपा के लोग पूछ रहे हैं उत्तराधिकारी कौन होगा. उन्होंने कहा कि समाजवादी विचारधारा वाले जो दल हैं, उनके उत्तराधिकारी होते हैं. उनके अंश और वंश, जो विचारों से लैस होते हैं. हाफ पैंट वाले लोग नहीं होते जो इन दिनों फुल पैंट पहनकर रहे हैं. शक्ति सिंह यादव ने कहा कि देश में 2024 में भाजपा की वाट लगने वाली है. सबको पता है, सब जान रहा है देश ने अंगराई ले लिया है. आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि देश से बीजेपी की विदाई तय है. 2024 में भाजपा 50 से ज्यादा सीट नहीं ला पाएगी.
बता दें कि जदयू की बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि 2014 और 2024 के देश के माहौल में काफी अंतर है. देशभर की विपक्षी पार्टियों अगर एक साथ आ जाएं तो बीजेपी को 50 सीटों पर रोका जा सकता है. वहीं सीएम नीतीश कुमार द्वारा बीजेपी को 50 सीटों पर रोकने के फार्मूले पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सभी विपक्षी एकता अगर एक साथ एक मंच पर आएगी, तो सब कुछ संभव है. हम सभी की सबसे पहली प्राथमिकता देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से बेदखल करना है. हालांकि उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री पद को लेकर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है.
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लाइव सिटीज पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनने की चर्चा जोरों पर है. जदयू और आरजेडी के नेता लगातार नीतीश कुमार को पीएम मटेरियल बता रहे हैं. वहीं यहां तक कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार लाल किले पर झंडा फहराए. इस बीच बिहार सरकार में मंत्री लेसी सिंह ने फिर दुहराया है कि नीतीश कुमार लाल किले पर झंडा क्यों नहीं फहराएंगे, इसमें क्या कमी है. सबको पता है वह बेदाग छवि के हैं. वहीं लेसी सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आठ वर्षों में जनता ऊब चुकी है. अब देश में सत्ता परिवर्तन होगा.
नीतीश कुमार लाल किले पर झंडा फहराएंगे क्या?, इस सवाल पर बिहार सरकार में मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि क्यों नहीं फहराएंगे, इसमें क्या कमी है. हमारे नेता बेदाग छवि के हैं और बिहार में उन्होंने विकास का जो नजीर पेश किया है वह देश के लिए एक नजीर है. लेसी सिंह ने कहा कि हर क्षेत्र में विकास हुआ है. नीतीश कुमार ने बिहार को शून्य से शिखर पर पहुंचाने का काम किया है. जब केंद्र में मंत्री थे तब पूरे देश में विकास करने का काम किया. लेसी सिंह ने कहा कि विपक्ष की सारी पार्टियों को गोलबंद किया जा रहा है. बीते दिनों इसी सिलसिले में तेलंगाना सीएम केसीआर पटना आए थे.
वहीं बीजेपी पर हमला करते हुए मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि अब केंद्र में तानाशाह सरकार है. महंगाई चरम पर है, बेरोजगारी है भूखमरी है. सिर्फ सांप्रदायिक उन्माद फैलाकर वोट लेना चाहते हैं, ये अब चलने वाला नहीं है. आठ वर्षों में जनता बीजेपी से ऊब चुकी है. बीजेपी द्वारा आरजेडी के साथ जदयू के जाने पर जंगल राज की बात कही जा रही है. इस सवाल पर लेसी सिंह ने कहा कि उनके साथ थे तो मंगल राज था, उनसे हटे तो जंगल राज हो गया. ये मुहावरा अपने मन से वो लोग फिट करते हैं इसलिए जनता सब देख रही है.
बता दें कि महागठबंधन की सरकार में शामिल लगभग हर पार्टी कमोबेश नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के लिए बेहतर मान रही है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी कई बार नीतीश कुमार को पीएम मेटेरियल कह चुके हैं. वहीं बुधवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने भी पटना में दिए बयान में नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के लिए सर्वोत्तम कहा था. दूसरी ओर बयानों से अलग देखें तो जदयू कार्यालय में लगाए गए पांच नए पोस्टर्स से यह दिख रहा है कि नीतीश कुमार को अगला पीएम उम्मीदवार बनाने की तैयारी जदयू जोर-शोर से कर रही है. एक पोस्टर पर मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ लिखा है कि प्रदेश में दिखा अब देश में दिखेगा.
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लाइव सिटीज पटना: बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी जेडीयू को डैमेज करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. दरअसल बिहार में भाजपा से नाता तोड़कर जेडीयू अब लगातार केंद्रीय स्तर की राजनीति में भी अपनी अहम भूमिका निभाने की ओर अग्रसर दिख रहा है. पार्टी का पूरा फोकस आगामी लोकसभा चुनाव 2024 पर है. सीएम नीतीश कुमार पूरे विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी में हैं. वहीं जदयू नेशनल पार्टी बनने की ओर भी सारा जोर लगाती आ रही है लेकिन दूसरी ओर भाजपा जदयू को लगातार डैमेज करती ही आ रही है. जिससे जेडीयू की मुश्किलें बढ़ती जा रही है.
दरअसल मणिपुर में बीजेपी ने जदयू को बड़ा झटका दिया है. पिछले ही महीने अगस्त में मणिपुर जदयू के लिए अच्छी खबर आई थी. जब जेडीयू को मणिपुर में राज्य पार्टी का दर्जा मिला था. लेकिन ठीक एक महीने बाद ही अब सितंबर में बीजेपी ने जदयू के 6 में 5 विधायकों को अपने खेमे में मिला लिया है. जदयू मणिपुर में अब एक विधायक वाली पार्टी बनकर रह गयी है. लोकसभा व विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए निर्वाचन आयोग ने इलेक्शन सिंबल्स आदेश के प्रावधानों के तहत जदयू को राज्य पार्टी का दर्जा दिया था.
बता दें कि जदयू को चार राज्यों में राज्य पार्टी का दर्जा मिलते ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा. ऐसे में जदयू कई राज्यों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है. लेकिन बीजेपी उनको लगातार डैमेज कर रही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी इस ओर तैयारी को प्राथमिकता बताते हुए आगे की बात अक्सर करते आए हैं. लेकिन भाजपा लगातार जदयू को डैमेज करती जा रही है. इस ओर जदयू को अब विशेष तौर पर ध्यान देने की जरुरत है. बीजेपी ने मणिपुर से पहले अरुणाचल प्रदेश में भी जदयू को बड़ा झटका दिया था. 2019 में अरुणाचल विधानसभा चुनाव में जदयू के सात प्रत्याशी जीतकर आए थे जिनमें से छह पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके थे. वहीं पिछले 24 अगस्त को बाकी बचे एकमात्र जदयू विधायक को भी भाजपा ने अपने खेमे में मिला लिया था.
बतातें चलें कि चुनाव आयोग के अनुसार किसी दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए कुछ शर्तें हैं. इसके तहत 3 शर्तें तय हैं जिनमें कम के कम एक शर्त पूरा करने पर किसी पार्टी को राष्ट्रीय होने का दर्जा मिलता है. कोई पार्टी तीन राज्यों के लोकसभा चुनाव में 2 फीसद सीटें जीते, 4 लोकसभा सीटों के अलावा कोई पार्टी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 6 फीसद वोट पाए या कोई पार्टी चार या इससे अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रखे. इन तीन शर्तों में जो पार्टी एक शर्त भी पूरा करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है.
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लाइव सिटीज पटना: नीतीश सरकार ने वारंट के विवादों में चल रहे कानून मंत्री कार्तिक सिंह को अब गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है. जिसको लेकर बीजेपी ने सीएम पर जमकर निशाना साधा है. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार की जीरो टॉलरेंस की यह नई नीति है जिसमें वही फंसाते हैं और वही बचाते हैं. उन्होंने सीएम पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश ही हैं जो लालू, तेजस्वी, अनंत सिंह, आनंद मोहन सबको फंसाते हैं और जब यही लोग उनकी शरण में आ जाते हैं तब वही उन्हें बचाते हैं.
मंत्री कार्तिक सिंह को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए संजय जायसवाल ने कहा कि सीएम नीतीश ने अच्छी तरीके से जानते हुए भी एक अपराधी को कानून मंत्री बनाया और अब उन्हें गन्ना विभाग दिया गया है. वहीं जो गन्ना विभाग के मंत्री थे उनको कानून मंत्री बनाया गया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह नीतीश कुमार की नई नीति है कि आप कितने भी बड़े अपराधी हों हम अगर आपको फर्जी केस से जेल भेज सकते हैं तो हम ही आपके व्यक्ति को कानून मंत्री बनाकर आपको जेल जाने से बचा सकते हैं. संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार की विधि व्यवस्था और शासन व्यवस्था जिस तरह से गिर रही है नीतीश कुमार केवल और केवल लालू यादव परिवार के आदेश पालक की भूमिका में हैं.
दरअसल अपहरण से जुड़े एक मामले में कार्तिक सिंह पर कोर्ट में मामला चल रहा है. कोर्ट ने उन्हें मामले में जमानत नहीं दी है लेकिन 1 सितम्बर तक के लिए नो कोरसिव यानी गिरफ्तारी या किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक का आदेश दिया था. 16 अगस्त को मंत्री पद की शपथ लेने के बाद यह मामला सामने आया तो विपक्ष नीतीश कुमार पर हमलावर हो गया कि उन्होंने एक फरारी आरोपी को मंत्री बना दिया और कानून मंत्री का प्रभार दे दिया. हालांकि नो कोरसिव अदालती आदेश होने की बात सामने आने पर मामला ठंडा पड़ गया.
बता दें कि वारंट के विवादों में चल रहे कानून मंत्री कार्तिक सिंह को अब गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है. वहीं गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद को कानून मंत्री की जिम्मेदारी मिली है. दोनों नए मंत्रियों के विभागों में बदलाव को लेकर कैबिनेट सचिवालय से आदेश भी जारी कर दिया है. दोनों नए मंत्रियों के विभागों में बदलाव को लेकर मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने राज्यपाल के आदेश से अधिसूचना जारी की है. कार्तिक सिंह उस वक्त सुर्खियों में आए जब कानून मंत्री बनते ही उनके खिलाफ वारंट जारी हो गया था. जिस पर बीजेपी ने हमला करते हुए मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी.
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लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार पर बीजेपी हमलावर हैं. इस बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बड़ा हमला करते हुए नीतीश कुमार को रबर स्टांप मुख्यमंत्री बताया. वहीं उन्होंने आरजेडी नेताओं के घर हुई सीबीआई रेड पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने CBI रेड की जानकारी पहले ही RJD के नेताओं को दे दी थी. संजय जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी यादव ने जानकारी मिलते ही सभी नेताओं को सचेत कर दिया था. सीएम नीतीश तेजस्वी के हाथों की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं.
बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम नीतीश कुमार पर सीबीआई और ईडी की सूचनाएं लीक करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार लालू परिवार के रबर स्टांप मुख्यमंत्री हैं. जिस दिन बिहार में सीबीआई और ईडी की रेड होने वाली थी. उसकी जानकारी सिर्फ और सिर्फ सीएम नीतीश कुमार को थी. क्योंकि उन्हीं के हाथों में गृह विभाग है, उन्होंने इसकी सूचना डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को दे डाली. इसके बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपनी सभी पार्टी के नेताओं को यह सूचना दी कि अपने-अपने दो नंबर के पैसे छुपा ले. क्योंकि बिहार में ईडी और सीबीआई का छापा पड़ने वाला है.
संजय जायसवाल ने सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब सिर्फ लालू परिवार के ऊपर जितने सीबीआई और ईडी के मामले दर्ज हैं. उन सब मामलों में लीपापोती करेंगे. तेजस्वी इसीलिए उनको मुख्यमंत्री बनाए हैं. सीएम नीतीश कुमार लालू परिवार के संरक्षक के रूप में मुख्यमंत्री बनाए गए हैं और वह सिर्फ और सिर्फ लालू परिवार के रबर स्टांप हैं. सीबीआई की रेड के एक दिन पहले शक्ति यादव ने ट्वीट किया था कि सीबीआई के लोग आ गए हैं. सब सावधान हो जाइये.
इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार पीएम तो दूर की बात सीएम भी नहीं रह पाएंगे. लालू यादव जब चाहेंगे जदयू को तोड़ कर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना देंगे. उन्होंने जहानाबाद के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कई राज्यों के मुख्यमंत्री पीएम बनने का सपना देख रहे हैं परंतु उनका सपना पूरा नहीं होने वाला है. सुशील मोदी ने कहा कि राजद कभी भी नीतीश कुमार को झटका दे सकती है और अपना मुख्यमंत्री बना सकती है. क्योंकि बिहार विधानसभा का अध्यक्ष राजद का है और जदयू को तोड़कर राजद अपना मुख्यमंत्री बना लेगी.
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