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  • 10 हजार रूपए में बन जाएं सरकार के बिजनेस-मैन पार्टनर


    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) INVIT के माध्यम से NCD (गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर) जारी करेगा। इसका कारोबार सिर्फ बीएसई और एनएसई पर होगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिस्टिंग पर खुशी जताई है।

    सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘आज एक ऐतिहासिक दिन है और मैं बहुत खुश हूं। दरअसल, केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में इनविट एनसीडी की लिस्टिंग के मौके पर यह बात कही। देश के आम नागरिकों को इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के अवसर मुहैया कराने के लिए सरकार इनवाइट एनसीडी लेकर आई है। इनमें से 25 फीसदी एनसीडी (गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर) खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित हैं।

    नितिन गडकरी ने ट्वीट किया :

    नितिन गडकरी ने ट्वीट किया : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इनविटी एनसीडी (गैर परिवर्तनीय डिबेंचर) आपके बैंकों की तुलना में 8.05 प्रतिशत अधिक रिटर्न प्रदान करते हैं और न्यूनतम निवेश सीमा केवल 10,000 रुपये है। नितिन गडकरी ने ट्वीट किया: “हम अंततः खुदरा निवेशकों (सेवानिवृत्त नागरिकों, वेतनभोगी व्यक्तियों, छोटे और मध्यम व्यापार मालिकों) को राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में भाग लेने का अवसर देने में सफल रहे हैं।

    नितिन गडकरी ने आगे कहा कि आमंत्रण के दूसरे दौर को इसके खुलने के केवल 7 घंटे के भीतर लगभग 7 गुना ओवरसब्सक्राइब किया गया है। उन्होंने कहा कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में इनविट एनसीडी की लिस्टिंग ऐतिहासिक है क्योंकि यह इंफ्रा फंडिंग में लोगों की भागीदारी के लिए एक नई सुबह का प्रतीक है। आम निवेशक भी अब इंफ्रा फंड में निवेश कर सकते हैं। कम से कम 8.05 फीसदी सालाना का रिटर्न पाने का यह शानदार मौका है।

    सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण :

    सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए आमंत्रण बांड एक अच्छा अवसर है।” बुनियादी ढांचे, विशेषकर सड़कों में भारी निवेश हमारे देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है और मुझे यकीन है कि अधिक निवेशक भाग लेंगे।

    इक्विटी फंड जैसी निवेश सुविधाएं :

    इक्विटी फंड जैसी निवेश सुविधाएं : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) InVIT के माध्यम से NCD (गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर) जारी करता है, जिसमें निवेशक रुपये के निवेश के साथ सरकार के व्यावसायिक भागीदार बन सकते हैं। INVIT में किसी भी अन्य इक्विटी फंड की तरह निवेश की सुविधा होगी। इसका कारोबार सिर्फ बीएसई पर होगा।

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  • किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उनके Loan का क्या होता है? किसे देने होते हैं बाकी पैसे..


    डेस्क : इस बढ़ते महंगाई के बीच लोगों के खर्च इतने बढ़ गए हैं कि आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया वाला स्थिति है। ऐसे में कई बड़े काम को करने या कुछ खरीदने के लिए लोन लेने की आवश्यकता पर जाती है। हालांकि आज के समय में आसानी से लोन मिल भी जाते हैं। ऐसे क्या कभी आपके मन मे ऐसा सवाल आया कि यदि लोन लेने वाले कि किसी कारणवश मौत हो जाती है तो ऋण या क्रेडिट कार्ड ल पैसा कोन चुकाएगा। बतादें कि कई लोग सोचते हैं कि अगर ऐसा हुआ तो परिवार वालों को तंग किया जाएगा। लेकिन असलियत कुछ ओर है। तो आइए जानते सभी लोन में इससे जुड़े क्या प्रावधान है।

    पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड :

    पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड : पर्सनल लोन लेने वाले किसी भी व्यक्ति की बिना ऋण चुकाए मौत हो जाने की स्थिति में बैंक उसके परिजन से पैसा नहीं मांग सकता है। दरअसल पर्सनल लोन को सिक्योर्ड लोन नहीं माना जाता है। इसलिए, ये ऋण असुरक्षित ऋण की श्रेणी में आते हैं। साथ ही बैंक कानूनी वारिस से पैसे चुकाने के लिए दवाब भी नहीं बना सकता है। अब बात करते हैं क्रेडिट कार्ड कि तो क्रेडिट कार्ड भी अनसिक्योर्ड लोन की श्रेणी में है। ऐसे में किसी क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता की बिना बिल चुकाए मृत्यु होने की स्थिति में बैंक मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी या परिजनों को बिल चुकाने के लिए नहीं कह सकता है।

    होम लोन में जाने क्या है प्रावधन :

    होम लोन में जाने क्या है प्रावधन : बता दें कि होम लोन सिक्योर्ड लोन होता है। इस लोन में लोन धारकों के अलावा एक को-एप्लिकेंट का नाम जोड़ा जाता। यदि लोन लेने वाले व्यक्ति की बिना लोन चुकाए मौत हो जाती है, को एप्लिकेंट से बकाया पैसा लिया जाता है। वहीं लोन लेते समय इंश्योरेंस का भी प्रावधान हैं, ताकि कोई अनहोनी होने पर बैंक अपना पैसा इंश्योरेंस ले सकें। इतना ही नहीं ग्राहक की मौत की स्थिति में बैंक संपत्ति बेचकर कर्ज की अदायगी भी कर लेता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो सरफेसी एक्ट के तहत बैंक कर्ज के एवज में ग्राहक की संपत्ति की नीलामी कर उसकी बकाया रकम वसूल कर लेता है।

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  • अब जमीन रजिस्ट्री कराने में नहीं लगेगा मनमाना पैसा – इन तरीकों से बचाएं लाखों रुपए…


    जमीन खरीदना एक सपना जैसा होता है। हर कोई अपने जीवन में जमीन और तमाम संपत्ति अरजना चाहता है। ऐसे में जमीन रजिस्ट्रेशन के समय कई सारे प्रक्रियाओं से गुजारना पड़ता है। इन प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए काफी खर्च भी होते हैं। मालूम हो कि जमीन खरीदने पर रजिस्ट्रेशन में भी काफी पैसे लगते हैं। आपके कुल संपत्ति में खर्च होने वाले राशि के 5 से 7% तक हो सकते हैं।

    ऐसे में यदि आप लाखों रुपए वाली जमीन खरीद रहे हैं। तो आप इसमें से करीब 3 से 4 लाख रुपए बचा सकते हैं। आज हम को ऐसे तरीके बताएंगे जिससे रजिस्ट्री पर लगने वाले शुल्क से राहत मिलेगी। तो आइए विस्तार से जानते हैं।

    बाजार मूल्य पर रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करें :

    बाजार मूल्य पर रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करें : स्टेट स्टांप एक्ट के तहत एक प्रावधान है, जिससे आप रजिस्ट्री पर कुछ पैसे बचा सकते हैं। इसके लिए आपको रजिस्टार या सब रजिस्टार से अपील करके स्टांप ड्यूटी पर छूट देने के लिए रिक्वेस्ट करना होगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी आपके रिक्वेस्ट को डीसी के पास भेजेगा जो कि बाजार मूल्य के मुताबिक स्टांप शुल्क का आकलन करते हुए आपको स्टांप ड्यूटी पर राहत प्रदान किया जाएगा।

    अविभाजित भूमि की रजिस्ट्री ;

    अविभाजित भूमि की रजिस्ट्री ; रजिस्ट्री पर होने वाले खर्च से बचने के लिए आप अविभाजित भूमि खरीद सकते हैं। इकोनॉमी टाइम्स के मुताबिक अविभाजित भूमि खरीदने पर रजिस्ट्री शुल्क पर राहत मिलता है। ऐसा करने पर आप करीब 2 से 3 लाख रुपए तक का बचत कर सकते।

    महिला के नाम पर छूट ;

    महिला के नाम पर छूट ; बता दें कि किसी भी महिला के नाम पर संपत्ति खरीदा जाता है तो उन्हें स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट दिया गया है। ये छूट कई राज्यों में दिया जा रहा है। इन राज्यों में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल है। दिल्ली सरकार का दावा है कि यदि कोई पुरुष अपने नाम पर रजिस्टर्ड जमीन को महिला के नाम पर 6 फीसदी और 4 फीसदी महिला के नाम पर रजिस्ट्री फीस भुक्तान करना होगा।

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  • LIC ने शुरू की नई पेंशन योजना, यहां जानिए पॉलिसी की पांच खास बातें


    भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने हाल ही में एक नई योजना शुरू की जिसे एलआईसी की नई पेंशन प्लस के नाम से जाना जाता है। आइए जानें क्या हैं इस योजना की पांच खास बातें।यह एक नोम पार्टिसिपेटिंग यूनिट-लिंक्ड, व्यक्तिगत पेंशन योजना है जो व्यवस्थित और अनुशासित बचत द्वारा कॉर्पस बनाने में मदद करती है, जिसे टर्म पूरा होने पर एक वार्षिकी योजना खरीदकर नियमित आय में परिवर्तित किया जा सकता है।

    योजना को या तो एकल प्रीमियम के रूप में या नियमित प्रीमियम भुगतान की आवृत्ति के रूप में खरीदा जा सकता है। नियमित प्रीमियम पॉलिसी के तहत प्रीमियम पॉलिसी की अवधि के दौरान देय होगा। पॉलिसीधारकों को प्रीमियम की न्यूनतम और अधिकतम सीमा, पॉलिसी अवधि और निहित आयु और पॉलिसी अवधि के अधीन देय प्रीमियम की राशि का चयन करने का विकल्प मिलेगा।

    पॉलिसीधारकों के पास कुछ शर्तों के अधीन मूल पॉलिसी के समान नियमों और शर्तों के साथ उस पॉलिसी के भीतर संचय अवधि या आस्थगन अवधि को बढ़ाने का विकल्प भी होगा।पॉलिसीधारकों के पास उपलब्ध चार प्रकार के फंडों में से किसी एक में प्रीमियम निवेश करने का विकल्प होता है। पॉलिसीधारक द्वारा भुगतान किया गया प्रत्येक प्रीमियम प्रीमियम आवंटन शुल्क के अधीन होगा। शेष राशि, आवंटन दर के रूप में जानी जाती है, प्रीमियम के उस हिस्से का गठन करती है जिसका उपयोग पॉलिसी में पॉलिसीधारक द्वारा चुने गए फंड की इकाइयों को खरीदने के लिए किया जाता है। एक पॉलिसी वर्ष में पैसे बदलने के लिए चार निःशुल्क स्विच उपलब्ध हैं।

    गारंटीकृत संस्करण एक लागू पॉलिसी के तहत वार्षिक प्रीमियम के प्रतिशत के रूप में देय होगा। गारंटी वृद्धि नियमित प्रीमियम पर 5% से 15.5% और कुछ पॉलिसी वर्षों के पूरा होने पर देय एकल प्रीमियम पर 5% तक होती है। गारंटीड एडीशन राशि का उपयोग चयनित फंड प्रकार के अनुसार यूनिट खरीदने के लिए किया जाएगा।

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  • Home Loan: फेस्टिव सीजन में लोन लेकर खरीद रहे हैं घर, इन बातों का रखें खास खयाल


    डेस्क: ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जिसका सपना खुद का घर लेना ना हो। अब चाहे वो व्यक्ति घर खरीदे या बनवाए, अपना घर तो अपना ही होता है। घर खरीदना या घर बनवाने के लिए अच्छी खासी सेविंग्स की जरूरत होती है। और आम आदमी के लिए एक बार में इतनी इतनी बड़ी राशि देकर घर खरीदना सरल नहीं है।

    जिसके होम लोन (Home Loan) आमतौर पर किसी व्यक्ति के लिए लंबी अवधि में शामिल सबसे बड़े मूल्य वाले लोन में शामिल होता है। वहीं फेस्टिव सीजन में भी लोग घर खरीदने की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं और लोन भी उठा रहे हैं। ऐसे में अगर होम लोन ले रहे हैं तो कुछ बातों का हमेशा ख्याल रखना चाहिए

    ब्याज दर और ईएमआई

    ब्याज दर और ईएमआई : कभी भी आप होम लोन ले रहें हो तो उसकी ब्याज दर और ईएमआई का पता जरूर करें। इसके साथ ही साथ ही देखें कि क्या आप वो ब्याज दर और EMI चुकाने में समर्थ हैं या नहीं। बता दें ब्याज दर फिक्स्ड या फ्लोटिंग होती हैं। इसके साथ कई बैंकों की ब्याज दरों का मूल्यांकन भी करें। ऐसा इसलिए ब्याज दर में एक छोटा-सा अंतर भी EMI को काफी हद तक प्रभावित करता है।

    लोन की अवधि

    लोन की अवधि : लोन (Home Loan) के लिए अधिकतम उपलब्ध अवधि लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे हर महीने दी जाने वाली EMI की राशि घट जाती है। साथ ही कम समय के लिए यदि आप लोन लेते हैं तो EMI की राशि बढ़ जाएगी। तभी लोन की अवधि भी सोच-समझकर चुननी चाहिए।

    डॉक्यूमेंट्स

    डॉक्यूमेंट्स : होम लोन(Home Loan) लेने के लिए बैंक में कई दस्तावेज भी जमा करने होते हैं। इन दस्तावेजों में आय दस्तावेजों, केवाईसी दस्तावेजों और घर से जुड़े दस्तावेज शामिल होते हैं। ऐसे में अपने दस्तावेजों को भी पूरी तरह से तैयार रखने चाहिए, ताकी लोन जल्दी मिल जाए।

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  • SBI दे रहा कमाई करने का शानदार तरीका, हर महीने कमाएं 80,000 रूपए


    डेस्क : यदि आप भी अपनी नौकरी छोड़ बिजनेस करना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छा विकल्प है। अपनी इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं एक शानदार बिजनेस आइडिया के बारे में  जिसकी मदद से आप घर बैठे आसानी से 80 हजार रुपये महीना कमा सकते हैं। खास बात ये की आप ये बेहद सुरक्षित तरीका है। और तो और ये मौका देश का सबसे बाद सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक SBI (State Bank of India) की ओर से दिया जा रहा है।

    SBI की ATM फ्रेंचाइजी

    SBI की ATM फ्रेंचाइजी
    स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एटीएम फ्रेंचाइजी (SBI ATM Franchise) के जरिए आप तगड़ी कमाई कर सकते हैं वो भी बेहद आसानी से। बता दें बैंक का एटीएम कोई भी बैंक अपनी तरफ से नही लगती, इसके लिए अलग कंपनी होती है। बैंक की ओर से इसका कॉन्ट्रैक्ट दिया जाता है जो जगह-जगह एटीएम लगवाने का काम करती हैं।

    SBI ATM की जरूरीशर्ते

    SBI ATM की जरूरीशर्ते

    1. एसबीआई एटीएम की फ्रेंचाइजी लेने के लिए आपके पास 50-80 स्‍क्‍वॉयर फुट की जगह अनिवार्य है
    2. दूसरे एटीएम से कम से कम 100 मीटर की दूरी जरूरी
    3. एटीएम की जहमगाह यह स्‍पेस ग्राउंड फ्लोर और गुड विजिबिलिटी वाली होनी चाहिए
    4. यहां 24 घंटे पावर सप्‍लाई होनी चाहिए इसके अलावा 1 किलोवाट का बिजली कनेक्‍शन भी जरूरी है
    5. इस एटीएम से प्रतिदिन करीब 300 ट्रांजैक्‍शन की क्षमता होनी चाहिए
    6. ATM की जगह में कंक्रीट की छत होनी चाहिए
    7. वी-सैट लगाने के लिए सोसायटी या अथॉरिटी से नो ऑब्‍जेशन सर्टिफिकेट चाहिए

    एटीएम की फ्रेंचाइजी के लिए ये दस्तावेज ज़रूरी

    एटीएम की फ्रेंचाइजी के लिए ये दस्तावेज ज़रूरी

    1. आईडी प्रूफ – Aadhaar Card , Pan Card , Voter Card
    2. एड्रेस प्रूफ – राशन कार्ड, इलेक्ट्रिसिटी बिल
    3. बैंक अकाउंट और पासबुक
    4. फोटोग्राफ, ई-मेल आईडी, फोन नंबर
    5. अन्य डॉक्युमेंट्स
    6. जीएसटी नंबर
    7. फाइनेंशियल डॉक्युमेंट्स

    ऐसे करें आवेदन

    ये है ऑफिशियल वेबसाइट
    Tata Indicash – www.indicash.co.in
    Muthoot ATM – www.muthootatm.com/suggest-atm.html
    India One ATM – india1atm.in/rent-your-space

    कर सकते हैं इतनी कमाई

    कर सकते हैं इतनी कमाई
    इन कंपनियों में सबसे बड़ी और पुरानी कंपनी टाटा इंडिकैश है। इन सबमें सबसे बड़ी और पुरानी कंपनी टाटा इंडिकैश है। टाटा इंडिकैश 2 लाख की सिक्यॉरिटी डिपॉजिट पर फ्रेंचाइजी देती है जोकि पूरी तरह से रिफंडेबल होती है। बता दें इसके लिए आपको 3 लाख रुपए तक का वर्किंग कैपिटल जमा करने होंगे। इस विधि में आपको 5 लाख का निवेश करना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर यदि कमाई पर नजर डाला जाए तो ट्रांजैक्शन पर 8 रुपये और नॉन कैश ट्रांजैक्शन पर 2 रुपये मिलते हैं। यानी सालाना आधार पर रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट 33-50 फीसदी तक है।

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  • शादी के बाद PAN Card में कैसे बदले सरनेम? जानिए – पूरा प्रोसेस ..


    डेस्क : जिस तरह नागरिकों का आधार कार्ड होना बेहद ही जरूरी हैं। उसी प्रकार नागरिकों के पास PAN कार्ड होना भी बहुत जरूरी हैं। PAN कार्ड एक ऐसा जरूरी दस्तावेज हैं जो हर जगह मददगार साबित होता हैं। संपत्ति खरीदने से लेकर बैंक एकाउंट खोलने और आयकर रिटर्न दाखिल करने में भी PAN कार्ड बेहद जरूरी हैं। हालांकि बहुत सारे लोग हैं जो अपनी शादी के बाद अपना सरनेम बदल लेते हैं, तो फिर चलिए आज हम आपको बताएंगे कि अपने PAN कार्ड में अपना उपनाम कैसे बदल सकते हैं।

    NSDL के मुताबिक, स्थायी खाता संख्या (PAN) जो हैं। जैसा की नाम पता चलता हैं कि एक स्थाई संख्या हैं जो कभी भी बदल नहीं सकती हैं। मगर हां यदि आप उपनाम को बदलते हैं। तो एक नया बदलाव जरूर आता हैं। इसी लिए ITD के पैन डेटाबेस को अद्यतन किया जा सकता है, ऐसे जो परिवर्तनों की जो सूचना है। उसको ITD को दी जानी चाहिए।

    PAN डाटा में सुधार के लिए फॉर्म को पूरा करके ऑनलाइन जमा किया जा सकता हैं नए PAN कार्ड के लिए अनुरोध करना हैं या PAN डाटा में परिवर्तन करना या सुधार करने के लिए फॉर्म को पूरा करके कार्ड में बदलाव को लेकर आगे बढ़ सकता है। यह जो फार्म हैं उसको NSDL E-GOV-TIN वेबसाइट या किसी TIN-FC पर ऑनलाइन जमा किया जा सकता हैं।

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  • सीनियर सिटीजन को इस FD पर मिल रहा 8.4% ब्याज, जानें – विस्तार से..


    डेस्क : यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक दिवाली के मौके पर नई सावधि जमा योजना शुरू कर रहा है। यह योजना आम जनता और वरिष्ठ नागरिकों दोनों से बढ़ती रुचि को आकर्षित कर रही है। इस सावधि जमा योजना की ब्याज दर मुद्रास्फीति की दर से अधिक है।

    सितंबर में जहां महंगाई दर 7.41% थी, वहीं वरिष्ठ नागरिकों को इन FD में 8.4% ब्याज मिल रहा है. बता दें कि यह फिक्स्ड डिपॉजिट ऑफर सिर्फ अक्टूबर महीने के लिए है। ऐसे में ग्राहक के पास अगले पांच दिन बचे हैं। इस दिवाली स्पेशल FD पर बुजुर्गों के लिए 8.4% तक की ब्याज़ दरें दी जा रही हैं जबकि आम जनता के लिए ब्याज़ दर 7.9% तय की गई है.

    यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक (Unity SFB) की इस एफडी योजना को शगुन 501 कहा जाता है। यह जमा योजना 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलाई जा रही है। एफडी योजना की अवधि 501 दिन है। सरकारी गारंटी योजना के तहत शगुन 501 योजना DICGC के पास 5 लाख रुपये का बीमा जमा है। यानी बैंक बंद होने पर भी ग्राहक के 5 लाख रुपये कहीं नहीं जाएंगे। योजना में जमा 5 लाख रुपये किसी भी परिस्थिति में उपलब्ध होंगे। इस योजना में यूनिटी एसएफबी आम जनता को 7.9 फीसदी और बुजुर्गों को 8.4% ब्याज दे रही है।

    किस अवधि के लिए कितना ब्याज :

    किस अवधि के लिए कितना ब्याज : इस योजना की खास बात यह है कि यूनिटी एसएफबी ने दिवाली से ठीक पहले 22 अक्टूबर को अपनी ब्याज दर में संशोधन किया था। नई दरें 21 अक्टूबर, 2022 से लागू हो गई हैं। 2 साल से 5 साल की योजनाओं के लिए ब्याज दरें 7.65 प्रतिशत हैं, जबकि एक साल की एफडी योजनाओं के लिए ब्याज दर 500 दिन और 502 दिन से 18 महीने तक है। 7.35% निर्धारित किया गया है। यदि योजना 501 दिनों के लिए चलाई जाती है जैसा कि कहा जाता है – शगुन 501, ग्राहक को 7.90 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।

    18 महीने से 2 साल तक की जमा राशि पर 7.40 फीसदी और 5 साल से 10 साल की जमा राशि पर 7 फीसदी ब्याज तय है. 181 दिनों से 364 दिनों की अवधि के लिए ब्याज दर 6.75 प्रतिशत तय की गई है। यूनिटी एसएफबी एफडी 7 दिनों से 180 दिनों तक के दिनों के लिए 4.5 प्रतिशत से 5.75 प्रतिशत तक की ब्याज दरों की पेशकश कर रहे हैं।

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  • Bank Holiday : नवंबर में 10 दिन बंद रहेंगे बैंक, यहां – देखें पूरी लिस्ट..


    डेस्क : साल का दसवां महीना यानी अक्टूबर माह खत्म होने वाला है, साथ ही नवंबर माह की शुरुआत होने वाली है. नवंबर माह शुरू होने में बस कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. अगर आप नवंबर माह में बैंक से जुड़ा कोई काम करने का प्लान कर रहे हैं, तो आपको नवंबर माह में बैंक में पड़ने वाली छुट्टी (Bank Holiday in November) के बारे जरूर आपको पता कर लेना चाहिए. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नवंबर 2022 (Bank Holidays In November 2022) की छुट्टियों की लिस्ट भी जारी कर दी है. इस लिस्ट के अनुसार नवंबर माह में कुल 10 दिन बैंक बंद रहने वाले हैं.

    रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) RBI लोगों की सुविधा के लिए हर महीने बैंक हॉलिडे (Bank Holiday List) की लिस्ट जारी करता है. इस लिस्ट को आप केंद्रीय बैंक RBI की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं. अगर आपको बैंक में कोई जरूरी काम करना है, तो आप इसे 1 दिन पहले ही निपटा लें. साथ ही आप नेट बैंकिंग (Net Banking), एटीएम (ATM), डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) के जरिए भी अपने काम को कर सकते हैं.

    3 कैटेगरी में बांटी गई छुट्टियां :

    3 कैटेगरी में बांटी गई छुट्टियां : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंक हॉलीडे लिस्ट को 3 कैटेगरी में बांटा है. (Bank Holidays In November 2022) इसमें Negotiable Instruments Act, Real Time Gross Settlement Holiday और Banks Closing of Accounts भी शामिल हैं. राष्ट्रीय छुट्टियों के अलावा, कुछ राज्य-विशिष्ट छुट्टियां हैं, जिनमें सभी रविवार के साथ-साथ महीने के दूसरे और चौथे शनिवार भी शामिल हैं. आपको बता दें कि कई बार लोगों को महीने में किस-किस दिन बैंक बंद है, इस बात की कोई जानकारी नहीं रहती है. इस जानकारी के अभाव में वह बैंक पहुंच जाते हैं और उनके जरूरी काम फिर अटक जाते हैं. ऐसे में अगर आप इस परेशानी से बचना चाहते हैं, तो यह जान लें कि नवंबर महीने कुल 10 दिन बैंक बंद रहने वाले हैं.

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  • Bank Privatization : SBI को छोड़ सभी बैंक होंगे प्राइवेट! जानिए – निजीकरण पर सबसे बड़ा अपडेट


    डेस्क : देश में निजीकरण को लेकर सरकार बहुत तेजी कार्य रही है. सरकार जल्दी ही 2 सरकारी बैंकों का निजीकरण भी करने जा रही है, जिसकी तैयारी भी लगभग पूरी ही हो चुकी है. इसके अलावा कई सरकारी कंपनियां ऐसी भी हैं जिन्हें निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. इस बीच देश के 2 प्रमुख अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सरकार को भारतीय स्‍टेट बैंक SBI को छोड़कर सभी सरकारी बैंकों को प्राइवेट हाथों में अब सौंप देना चाहिए.

    सभी बैंको का होगा अब निजीकरण :

    सभी बैंको का होगा अब निजीकरण : देश में सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध के बीच देश के 2 बड़े अर्थशास्त्री ने कहा है कि भारतीय स्‍टेट बैंक SBI को छोड़कर सभी सरकारी बैंकों का निजीकरण होना चाहिए. नीति आयोग के पूर्व उपाध्‍यक्ष और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अरविंद पनगढिया (Professor Arvind Panagariya) और NCER की डायरेक्‍टर जनरल और प्रधानमंत्री को आर्थिक विषयों पर सलाह देने वाली परिषद की सदस्‍य पूनम गुप्‍ता (Poonam Gupta) ने सरकार को यह बड़ी सलाह भी दी है.

    इंडिया पॉलिसी फोरम में पेश अरविंद पनगढिया और गुप्‍ता ने एक पॉलिसी पेपर में कहा है, ‘सरकारी बैंकों का निजीकरण सब के हित में है. अधिकतर बैंकों के प्राइवेट सेक्टर में जाने से भारतीय रिजर्व बैंक RBI पर भी दबाव बढ़ेगा कि वह पूरी प्रक्रिया, नियमों और कानूनों को सुव्यवस्थित करे, ताकि इसका अच्छा नतीजा भी निकल सके.’

    SBI नहीं है लिस्ट में :

    SBI नहीं है लिस्ट में : ncaer.org की तरफ से दी गई रिपोर्ट के अनुसार, इस पॉलिसी पेपर में यह कहा गया है कि सैद्धांतिक रूप से भारतीय स्‍टेट बैंक SBI सहित सभी सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाना चाहिए. लेकिन भारत के आर्थिक और राजनीतिक ढांचे में कोई सरकार यह नहीं चाहेगी कि उसके पास कोई सरकारी बैंक न हो. इसे देखते हुए फिलहाल लक्ष्य SBI को छोड़कर बाकी सभी बैंकों का निजीकरण करना होना चाहिए. अगर कुछ साल बाद माहौल अनुकूल दिखे तब SBI का निजीकरण भी किया जाना चाहिए. यानी दोनों ही अर्थशास्त्री बैंकों के प्राइवेट होने पर अपना पूर्ण समर्थन भी दे रहे हैं.

    सरकार की क्या है स्किम?

    सरकार की क्या है स्किम? गौरतलब यह है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2022 में IDBI बैंक के साथ 2 सरकारी बैंकों का निजीकरण की घोषणा की थी. इसके अलावा, नीति आयोग (NITI Aayog) ने प्राइवेटाइजेशन के लिए दो PSU बैंक को भी शॉर्टलिस्ट भी कर लिया है. लगातार हो रहे विरोध के बावजूद सरकार निजीकरण को लेकर अपना पक्ष पहले से ही साफ कर चुकी है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा भी था कि चालू वित्त वर्ष में एक बीमा कंपनी को भी बेचा जाएगा.

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