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  • Duplicate Pan Card : अगर गुम हो गया है पैन कार्ड, तो इस तरीके से बनवा सकते हैं डुप्लीकेट कार्ड


    Duplicate Pan Card : लोग मूल दस्तावेज के स्थान पर उपयोग करने के लिए आईटी विभाग से डुप्लीकेट पैन कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। इस संबंध में कई लोगों को डुप्लीकेट कार्ड की वैधता पर संदेह है। यदि ऐसा है तो वे नए पैन के लिए नया आवेदन जमा कर सकते हैं। आपको पता होना चाहिए कि इस डुप्लीकेट दस्तावेज़ का मूल पैन कार्ड के समान कानूनी महत्व है।

    कार्डधारक बिना किसी समस्या के हर जगह इस दस्तावेज़ का उपयोग कर सकते हैं। वहीं, नए कार्ड के लिए आवेदन करने की तुलना में डुप्लीकेट पैन कार्ड प्राप्त करना बहुत आसान प्रक्रिया है।यहां डुप्लीकेट पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के तरीके के बारे में चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका दी गई है:

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  • आखिर क्या हैं Loan रिकवरी के नियम? जबरदस्ती कोई नहीं वसूल सकता..जानिए – गाइडलाइन..


    डेस्क : किसान को खेती बाड़ी करने के लिए ट्रैक्टर आदि खरीदने के लिए लोन की सुविधा दी जाती है लेकिन यह लोन उन्हें भारी पड़ जाता है। दरअसल झारखंड के एक किसान ने निजी फाइनेंस कंपनी से ट्रैक्टर खरीदने के लिए लोन लिया। लेकिन यह ट्रैक्टर किसान के बेटी की मौत का कारण बन गया। लोन वसूली करने आए रिकवरी एजेंट की शिकायत बराबर सामने आ रहे हैं। यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ रिकवरी एजेंट्स सभी हदें पार कर दिया। इसके बाद जब किसान के खेत से जबरन ट्रैक्टर ले जा रहा था तब किसान की बेटी ने लोन रिकवरी एजेंट को रोकने की कोशिश की इस दौरान रिकवरी एजेंटों ने किसान की बेटी, जो की गर्भवती थी उसके शरीर पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया।

    इस गर्भवती महिला महिला की कत्ल के जुर्म में लोन एजेंट पर पुलिस की कार्रवाई चल रही है। लेकिन क्या आपके मन में सवाल उठा कि रिकवरी एजेंट वास्तव में उस ट्रैक्टर को जप्त करने के अधिकारी थे? और ऐसा करने पर किसान को क्या करना चाहिए था तो आइए इन सभी बातों को विस्तार से जानते हैं।

    क्या है रिजर्व बैंक का नियम :

    क्या है रिजर्व बैंक का नियम : भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन रिकवरी एजेंटों के लिए सख्त नियम बनाया है। आरबीआई के मुताबिक लोन एजेंट्स किसी भी कर्ज दाता के घर सुबह 8 बजे से पहले और शाम के 7 बजे के बाद कॉल नहीं कर सकता है। इसके बाद भी कई नियमों को कई नियमों का पालन करना होता है।

    आरबीआई के नियमों के मुताबिक लोन रिकवरी एजेंट्स किसी भी कर्जदारों को प्रताड़ित नहीं कर सकते है। इसके अलावा कर्जदारों को अनुचित मैसेज ना भेजने की हिदायद दी है। ऐसा नहीं है कि आरबीआई ने पहली बार इस मुद्दे पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इससे पहले भी आरबीआई कर्ज वसूली से संबंधित दिशा-निर्देश जारी करता रहा है, लेकिन हाल ही में एक के बाद एक घटनाएं सामने आई हैं। इन्हीं को देखते हुए ये नए और बेहद सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

    जानिए कर्जदार के अधिकार :

    जानिए कर्जदार के अधिकार : आपको बता दें कि नियम के मुताबिक कोई भी लोन रिकवरी एजेंट वसूली करते समय पुलिस को भी साथ ले जाएं। इसके अलावा लोन रिकवरी एजेंट कर्जदारों की संपत्ति को जप्त करने के अधिकारी नहीं है। एजेंट का काम सिर्फ लोन की रकम वसूलना है वह भी अपने दायरे में रहकर। यदि कर्जदारों के साथ बदसलूकी या फिर किसी भी तरह की धमकी देने की कोशिश किया जा रहा है तो वह पुलिस में शिकायत कर सकते हैं।

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  • आखिर व्यक्ति के मृत्‍यु के बाद Aadhar Card का क्या होता है? जान लीजिए वरना झोल में पड़ जाएंगे..


    डेस्क : Aadhar Card को जरूरी दस्‍तावेज माना जाता है. आप सरकारी या प्राइवेट किसी भी काम को कराने जाते हैं, तोAaddhar Card की जरूरत जरूर पड़ती है. यही वजह है कि आज के समय में हर किसी के पास Aaddhar Card जरूर होता है. इसमें Aaddhar Card धारक की बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक जानकारी होने की वजह से इसे संभालकर रखना जरूरी है क्‍योंकि इसका गलत इस्‍तेमाल भी हो सकता है. लेकिन अगर किसी व्‍यक्ति की किन्‍हीं कारणों से मुत्यु हो जाए, उसके बाद Aaddhar Card का क्‍या होता है, इस बारे में क्‍या कभी आपने सोचा है? आइए आपको बताते हैं इस बारे में.

    Aaddhar Card को रद्द करने की नहीं है कोई व्‍यवस्‍था :

    Aaddhar Card को रद्द करने की नहीं है कोई व्‍यवस्‍था : Aaddhar Card को लेकर सबसे बड़ी दिक्‍कत ये है कि किसी की मौत के बाद भी इसे रद्द नहीं कराया जा सकता क्‍योंकि ऐसी कोई व्‍यवस्‍था ही नहीं है. ऐसे में परिवार के सदस्‍यों की ये जिम्‍मेदारी है कि वे उसके Aaddhar Card को बहुत संभालकर रखें, ताकि वो किसी गलत हाथों में न पड़े और उसका दुरुपयोग न हो सके. इसके अलावा अगर उस सदस्‍य के नाम पर कोई सब्सिडी भी मिल रही है या किसी योजना का लाभ लिया जा रहा है, तो संबन्धित विभाग को उसकी मौत की जानकारी देनी ही चाहिए, ताकि उसका नाम वहां से समय से हटाया जा सके.

    दुरुपयोग रोकने के लिए आधार कार्ड करें लॉक :

    दुरुपयोग रोकने के लिए आधार कार्ड करें लॉक : आप बेशक आधार कार्ड को रद्द नहीं करवा सकते, लेकिन आपके पास इसे लॉक करने का विकल्‍प हमेशा मौजूद रहता है. UIDAI की वेबसाइट पर जाकर आप अपने आधार कार्ड को लॉक कर सकते हैं. इससे भी आप आधार कार्ड के दुरुपयोग को काफी हद तक रोक सकते

    Aaddhar Card को लॉक करने का तरीका

    Aaddhar Card को लॉक करने का तरीका

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  • अब जमीन रजिस्ट्री कराने बचेंगे लाखों रुपए – जान लीजिए महत्वपूर्ण बातें..


    डेस्क : जमीन का रजिस्ट्रेशन कराना बड़ी बात है। जिसमे संपत्ति पंजीकरण के लिए भुगतान करने के लिए एक मोटी फीस भी है। ये शुल्क संपत्ति की कुल राशि के 5-7 प्रतिशत तक हो सकते हैं। अगर आप 50 लाख रुपये की संपत्ति रजिस्टर करने जा रहे हैं, तो आप कुछ आसान चरणों के साथ 2-5 लाख रुपये से 3.5 लाख रुपये बचा सकते हैं।

    घर खरीदने के पूरे बजट का ज्यादातर हिस्सा रजिस्ट्री पर ही खर्च हो जाता है। अगर इसमें कुछ पैसे बच गए हैं, तो यह आपके लिए एक प्लस पॉइंट होगा। उस पैसे का इस्तेमाल किसी और काम में किया जाएगा। आप आंतरिक सज्जा में पैसा निवेश कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्ज बचाने के 3 तरीके।

    1- बाजार मूल्य पर रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करें :

    1- बाजार मूल्य पर रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करें : कई बार देखा गया है कि सर्किल रेट ज्यादा होने पर प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू कम होती है। बाजार मूल्य पर कम स्टांप शुल्क का भुगतान करते हुए उच्च सर्किल दरों पर उच्च स्टांप शुल्क लगेगा। ऐसे मामलों में, आप रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार से अपील करके स्टांप ड्यूटी पर बचत कर सकते हैं। यह प्रावधान स्टेट स्टाम्प एक्ट के तहत किया गया है। यदि रजिस्ट्रार से बाजार मूल्य पर स्टांप शुल्क वसूलने की अपील की जाती है, तो बिक्री विलेख पंजीकरण के पूरा होने तक लंबित रहेगा। रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार आपके मामले को डीसी के पास भेजता है जो बाजार मूल्य के अनुसार स्टांप शुल्क का आकलन करता है। ऐसे में अगर आप खरीदार हैं तो आपको स्टांप ड्यूटी पर बचत का फायदा मिलेगा।

    2- अविभाजित भूमि की रजिस्ट्री :

    2- अविभाजित भूमि की रजिस्ट्री : ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य के निर्माण या निर्माणाधीन परियोजनाओं की अविभाजित भूमि रजिस्ट्री तक पहुंच है। इस स्थिति में, खरीदार बिल्डर के साथ दो समझौते करता है। बिक्री समझौते और निर्माण समझौते। बिक्री समझौता संपत्ति के अविभाजित हिस्से के लिए है, यानी आम क्षेत्र में खरीदार का हिस्सा। इसमें जमीन की कीमत और जमीन पर निर्माण की लागत शामिल है। अविभाजित भूमि खरीदना सस्ता है क्योंकि निर्मित क्षेत्रों के लिए कोई पंजीकरण शुल्क नहीं है। मान लीजिए कि एक अपार्टमेंट बनाने की लागत 50 लाख रुपये है और इसके पार्सल में अविभाजित भूमि 20 लाख रुपये है, पंजीकरण शुल्क और 20 लाख रुपये का स्टांप शुल्क देना होगा।

    3-महिला खरीदार को छूट :

    3-महिला खरीदार को छूट : यदि कोई महिला संयुक्त या एकल खरीद में संपत्ति की खरीद में शामिल है, तो कई राज्यों में स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट है। इनमें हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। दिल्ली सरकार के मुताबिक अगर कोई जमीन पुरुष के नाम पर रजिस्टर्ड है तो उसे महिला के नाम पर 6 फीसदी और 4 फीसदी रजिस्ट्री फीस देनी होगी. वहीं, आप आवासीय संपत्तियों के पंजीकरण की लागत पर एक साल में टैक्स में 150,000 रुपये तक की बचत कर सकते हैं।

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  • PM Kisan : अब पति-पत्नी दोनों को मिलेंगे 6,000 रुपये! जान लीजिए नया नियम –


    PM Kisan : पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार किसानों के खाते में 6000 रुपये यानी 2000 रुपये सालाना की तीन किस्तें भेजती है लेकिन, अब तक इस योजना में कई बदलाव किए जा चुके हैं। नियोजन से लेकर नियोजन तक, कभी आवेदन को लेकर तो कभी पात्रता को लेकर कई नए नियम बनाए गए हैं। अब इस योजना में पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पति-पत्नी दोनों को मिलने की बात हो रही है। तो आइए जानते हैं इसके नए नियम।

    कौन कौन ले सकेगा फायदा?

    कौन कौन ले सकेगा फायदा? पीएम किसान योजना के नियमों के मुताबिक पति-पत्नी दोनों पीएम किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान बेनिफिट) का लाभ नहीं ले सकते हैं। अगर कोई ऐसा करता है तो सरकार उसे फर्जी करार देते हुए उससे वापस ले लेगी। इसके अलावा कई ऐसे प्रावधान हैं जो किसानों को अपात्र बनाते हैं। अगर अपात्र किसान इस योजना का लाभ उठाते हैं तो उन्हें पूरी किश्त सरकार को लौटानी होगी। इस योजना के नियमों के अनुसार यदि किसान परिवार में कोई टैक्स देता है तो इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यानी अगर पति-पत्नी में से किसी ने पिछले साल आयकर का भुगतान किया है तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

    अपात्र कौन हैं?

    अपात्र कौन हैं? नियम के अनुसार, अगर कोई किसान खेती कर रहा है, लेकिन खेत उसके नाम पर नहीं बल्कि उसके पिता या दादा के नाम पर है, तो उसे भी इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। यदि कोई किसान अपनी कृषि भूमि का उपयोग कृषि कार्य के लिए नहीं बल्कि अन्य कार्यों के लिए कर रहा है या दूसरों के खेतों में खेती का काम करता है, और खेत उसका नहीं है। इस मामले में भी किसान भी इस योजना का लाभ लेने के हकदार नहीं हैं।

    उन्हें भी लाभ नहीं मिलेगा :

    उन्हें भी लाभ नहीं मिलेगा : अगर कोई कृषि भूमि का मालिक है लेकिन वह सरकारी कर्मचारी है या सेवानिवृत्त, वर्तमान या पूर्व सांसद, विधायक, मंत्री है तो ऐसे लोग भी किसान योजना के लाभ के लिए अपात्र हैं। पेशेवर पंजीकृत डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट या उनके परिवार के सदस्य भी अपात्र सूची में आते हैं। आयकर देने वाले परिवारों को भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

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  • Gold Update : सोना 6300 रूपये हुआ सस्ता – खरीदारी में न करें देरी…


    Gold Price Update : नवरात्रि से पहले अगर आप भी सोने या सोने के गहने खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए एक अहम खबर है। पिछले कई दिनों से सोने-चांदी के भाव में उतार-चढ़ाव के चलते इस कारोबारी सप्ताह के चौथे दिन गुरुवार को चांदी के साथ-साथ सोने के भाव में भी तेजी दर्ज की गई.

    गुरुवार को यहां सोने और चांदी की कीमत :

    गुरुवार को यहां सोने और चांदी की कीमत : इस तेजी के बाद फिलहाल सोना 49894 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 57343 रुपये प्रति किलो के आसपास बिक ​​रही है. इतना ही नहीं, सोना अब तक के उच्चतम स्तर से 6300 रुपये और चांदी 22600 रुपये सस्ता हो रहा है। गुरुवार को सोना 288 रुपये प्रति दस ग्राम महंगा हो गया और 49894 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। जबकि बुधवार को अंतिम कारोबारी दिन सोना 238 रुपये प्रति दस ग्राम महंगा होकर 49606 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. वहीं चांदी 676 रुपये महंगी होकर 57343 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई। जबकि बुधवार को आखिरी कारोबारी दिन चांदी 313 रुपये प्रति किलो महंगी होकर 56667 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी।

    14 से 24 कैरेट सोने की नवीनतम कीमत :

    14 से 24 कैरेट सोने की नवीनतम कीमत : इस तरह गुरुवार को 24 कैरेट सोना 49894 रुपये, 23 कैरेट सोना 287 रुपये, 49694 रुपये, 22 कैरेट सोना 264 रुपये, 45703 रुपये, 18 कैरेट सोना 216 रुपये और 37421 रुपये और 14 कैरेट महंगा हो जाएगा। सोना 168 रुपये महंगा हुआ और 29188 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।

    सोना 6300 और चांदी 22600 अब तक के उच्चतम स्तर से सस्ता हो रहा है। :

    सोना 6300 और चांदी 22600 अब तक के उच्चतम स्तर से सस्ता हो रहा है। : सोना फिलहाल अपने अब तक के उच्चतम स्तर से 6306 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता बिक रहा है। आपको बता दें कि अगस्त 2020 में सोने ने अपना सर्वकालिक उच्च स्तर बनाया था। उस समय सोना 56200 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर तक चला गया था। वहीं चांदी अपने उच्चतम स्तर से करीब 22637 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सस्ती हो रही थी. चांदी का अब तक का उच्चतम स्तर 79980 रुपये प्रति किलो है।

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  • बैंक ग्राहकों की बल्ले-बल्ले! ये बैंक FD पर दे रहा 7.50% तक का ब्याज दरें, जानिए विस्तार से..


    डेस्क : कोलकाता का निजी बैंक, बंधन बैंक ग्राहकों को बल्क फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7.70 प्रतिशत तक ब्याज दे रहा है. लेकिन एक शर्त ये है कि बैंक एकाउंट को समय से पहले नहीं बंद किया जाएगा. अगर एकाउंट समय पूर्व बंद कर दिया जाए तो इतना ब्याज नहीं मिलेगा.

    बंधन बैंक ने FD की दरों में भी बदलाव किया है और नयी दरें बुधवार से लागू की गई हैं. इन दरों में संशोधन के बाद बंधन बैंक प्रीमैच्योर विड्रॉल फैसिलिटी के साथ बल्क FD पर 3.25 फीसदी से 7.25 फीसदी तक ब्याज दे रहा है. अगर बल्क FD पर प्रीमैच्योर विड्रॉल की सुविधा न ली जाए तो ब्याज दर 7.7 फीसद तक मिल रही है.

    साल भर की FDपर इतना ब्याज :

    साल भर की FDपर इतना ब्याज : साल भर की FD अगर बिना प्रीमैच्योर विड्रॉल सुविधा के चलाई जाए तो बंधन बैंक उस पर 7.7 प्रतिशत ब्याज दे रहा है. बल्क FD की नई ब्याज दर 2 करोड़ से 50 करोड़ तक की जमा राशि पर लागू है. प्रीमैच्योर फैसिलिटी के साथ सबसे अधिक ब्याज 7.25 फीसदी तक दिया जा रहा है. यह दर 365 दिन से 15 महीने की मैच्योरिटी वाली FD पर दी जा रही है, जबकि 91 दिन से 364 दिन की FD पर 6 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. 15 महीने से लेकर 5 साल तक की FD पर भी यही दर मिल रही है.

    जमाकर्ता 46 दिनों से लेकर 90 दिनों तक की अवधि की एफडी पर 5.05 फीसदी तक और 5 साल से 10 साल की सबसे अधिक अवधि वाली FD पर 5 फीसदी तक ब्याज कमा सकता है. 7 दिनों से लेकर 45 दिनों तक की छोटी अवधि में इन FD पर ब्याज दर 3.25 फीसदी से 3.75 फीसदी के बीच है. FD पर दरें 2 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये और उससे अधिक तक भी समान हैं.

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  • LPG Gas Cylinder ग्राहकों को मिलता है 50 लाख का फायदा, जानें – कैसे उठा सकते हैं लाभ..


    LPG Gas Cylinder : आज अधिकतर घरों में गैस सिलेंडर मौजूद है। गैस सिलेंडर हमारी जरूरत बन गया हैं इसका उपयोग बहुत ज्यादा सावधानी के साथ किया जाना चाहिए, एक छोटी सी भी गलती बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। ऐसे में यह समझना बेहद जरूरी है कि LPG का उपयोग करते समय क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और दुर्घटना होने पर क्या करना चाहिए। साथ ही यह भी जानना जरूरी है कि यदि LPG गैस सिलेंडर फट जाता है या गैस रिसाव दुर्घटना का कारण भी बनता है तो एक ग्राहक के रूप में आपके अधिकार क्या हैं।

    50 लाख रुपये का है बीमा :

    50 लाख रुपये का है बीमा : पेट्रोलियम कंपनियां LPG यानी LPG कनेक्शन खरीदने वाले ग्राहकों को व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा देती हैं। यह बीमा गैस रिसाव या LPG सिलेंडर से विस्फोट के कारण हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की स्थिति में 50 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता के तौर पर मिलते है। इस दुर्घटना बीमा मुहैया कराने के लिए पेट्रोलियम कंपनियों ने बीमा कंपनियों के साथ साझेदारी की है।

    नुकसान की स्थिति में भुगतान सिलेंडर देने से पहले ही , खुद डीलर को यह सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण करना चाहिए कि यह सही स्थिति में है या नही। व्यक्तिगत दुर्घटना कवर ग्राहक के घर पर LPG सिलेंडर के कारण जीवन या संपत्ति के नुकसान की स्थिति में फायदा दिलाता है। दुर्घटना होने पर ग्राहक की संपत्ति/घर को नुकसान होने की स्थिति में प्रति दुर्घटना 2 लाख रुपये तक का बीमा क्लेम भी किया जा सकता है।

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  • 1 अक्टूबर से बदल जाएगा LPG Cylinder से जुड़ा नियम – एक बार फिर से आपके जेब पर पड़ेगा असर ?


    डेस्क : सितंबर का महीना आधा बीत चुका हैं और त्योहारों का महीना अक्टूबर शुरू होने वाला है। ऐसे में अगर credit card rules आपने बैंक, क्रेडिट कार्ड, PM KISAN KYC से जुड़े इन नियमों को नहीं जाना है तो PNB KYC आपको भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें अगर आप क्रेडिट-कार्ड उपयोग करते हैं ये तो ये नियम आपको जानना बहुतजरूरी हैै। क्योंकि आगामी 1 अक्टूबर से इन सभी नियमों में अब बदलाव होने जा रहा है।

    क्या होंगे ये बदलाव रसोई गैस की कीमतें :

    क्या होंगे ये बदलाव रसोई गैस की कीमतें : हर बार पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा हर महीने की पहली तारीख को रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें तय की जाती है।। इसी के तहत 1 अक्टूबर को भी सरकारी ऑयल मार्केटिंक कंपनिया गैस सिलेंडर का दाम या तो बढ़ सकती हैं या कम कर सकती हैं। या फिर इसके दाम को स्थिर भी रखा जा सकता है। बीते महीने भी गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी थी हो सकता है इस बार फिर आम जनता को महंगाई का झटका महीने की शुरूआत मेें ही लग जाये।

    पेट्रोल डीजल की कीमतों में परिवर्तन :

    पेट्रोल डीजल की कीमतों में परिवर्तन : अक्टूबर महीना शुरू होते ही पेट्रोलियम कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी तय करती हैं। ऐसे में हो सकता है कि अक्टूबर महीना शुरू होते ही या तो कीमतों में वृद्धि हो जाए या कोई भी परिवर्तन न हो। आपको बता दें बीतें कुछ दिनों से भले ही कच्चे तेल की कीमतों में कमी आयी हो लेकिन तेल कंपनियों द्वारा आम जनता को राहत देते हुए किसी भी प्रकार से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई छूट नही की गई है।

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  • पिता के मृत्यु के बाद अपने भाई में संपत्ति का बंटवारा कैसे होता है? जानिए – क्या हैं नियम..


    न्यूज डेस्क : हर घर में एक न एक बार बटवाड़ा जरूर होता है। इस बंटवारे के दौरान कई बार कई बड़े विवाद सामने आते हैं। परिवार के मुखिया की मृत्यु होने की स्थिति में यह समस्या बनी रहती है। इन दिनों भाई- भाई में विवाद का यह बड़ा कारण माना जा रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसके लिए भी कई नियम बनाए गए हैं जिससे इन विवादों से बचा जा सके।

    यदि घर के मुखिया स्वर्गवास से पूर्व ही वसीयत तैयार किए होते हैं तो उस स्थिति में विवाद होने की संभावना ना के बराबर होती है। बतादें कि वसीयत में परिवार का मुखिया अपने बच्चों अथवा किसी आत्माजन को अपनी संपत्ति सौंपकर जाता है। ऐसे में झगड़ा लड़ाई की स्थिति ना के बराबर पैदा होती है। क्योंकि संपति पहले से ही किसके हिस्से में किया गया होता है।

    हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम,1956 :

    हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम,1956 : यदि आपसी सहमति से बटवाड़ा ना हो तब उत्तराधिकारी अधिनियम 1956 के तहत किया जाता है। इस अधिनियम के तहत परिवार के मुखिया की मृत्यु होने की स्थिति में उनके संपत्ति का हकदार उत्तराधिकारी को माना जाता है। संपति बंटवारे के संबंध में कई कानूनी समस्याएं सामने आते हैं। इस स्थिति में लोग आपसी सहमति और जानकारों की मदद से जमीन को उलझाने लेना पसंद करते हैं।

    संपति बंटवारे से जुड़े कई ऐसी बातें हैं जिस पर ध्यान देना और जरूरी हो जाता है। सभी वारिस को यह देख लेना चाहिए कि जमीन पर कोई कर्ज या लेनदेन तो नहीं है। अगर ऐसी स्थिति बनती है तो सभी को मिलकर पहले इसे चुका देना चाहिए, ताकि किसी एक पर इसका बोझ ना पड़े। इन कानूनों को अपनाने से पहले किसी एक्सपर्ट से लड़ाई जरूर लेनी चाहिए। हालांकि ग्रामीण इलाकों में लोग अमीन की मदद से जमीन का बंटवारा बराबर बराबर कर लेते हैं।

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