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  • भूल से गलत अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हो जाने पर वापस कैसा मिलेगा? जानें – क्या कहता है नियम –


    डेस्क : आपका क्या होगा अगर आपने गलती से गलत बैंक खाते में पैसे भेज दिए? तो क्या यह पैसे आपको वापस मिलेंगे? अगर मिलेंगे तो इसके लिए आपको क्या क्या करना होगा? इससे जुड़े नियम आखिर क्या हैं? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो आपके मन में कभी न कभी तो जरूर आया होगा. हो सकता है कि आपने या आपके किसी परिचित ने ऐसी गलती की हो और इसकी वजह से बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा हो. इस आर्टिकल में हम आपको आपको बताएंगे कि अगर आपने भूल से भी गलत बैंक खाते में पैसे भेज दिए हैं तो इस स्थिति में आपको क्या कदम उठाना चाहिए और इससे जुड़े RBI के नियम क्या कहते हैं.

    क्या हैं RBI के नियम :

    क्या हैं RBI के नियम : RBI के अनुसार, पेमेंट इंस्ट्रक्शन में लाभार्थी का खाता नंबर, इंफॉर्मेशन और अन्य सभी जानकारियां सही तरीके से भरना भेजने वाले (Remitter/Originator) की जिम्मेदारी होती है. इंस्ट्रक्शन रिक्वेस्ट में लाभार्थी के नाम की सही जानकारी देना जरूरी है. इसका मतलब यह है कि खाता नंबर सही भरना पैसे भेजने वाले की ही जिम्मेदारी है. हालांकि गलतियां तो किसी से भी हो ही सकती हैं. अगर आपने पैसे गलत एकाउंट में ट्रांसफर कर दिए हैं और खाता डिटेल्स अमान्य है, तो ऐसे में आपको फिक्र करने की जरूरत नहीं है. आपका पैसा अपने आप ही आपके अकाउंट में वापस आ जाएगा.

    अगर वैलिड खाता नंबर में पैसे ट्रांसफर हो गए तो क्या करें?

    अगर वैलिड खाता नंबर में पैसे ट्रांसफर हो गए तो क्या करें? RBIके मुताबिक, “बैंकों को ऑनलाइन/इंटरनेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म और फंड के ट्रांसफर रिक्वेस्ट फॉर्म में फंड ट्रांसफर स्क्रीन पर डिस्क्लेमर भी लगाना चाहिए, जिसमें कहा गया हो कि क्रेडिट पूरी तरह से लाभार्थी के खाता नंबर की जानकारी के आधार पर ही किया जाएगा. इसके लिए लाभार्थी के नाम की जानकारी का सही इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.” RBI की अधिसूचना में आगे कहा गया है, “बैंकों से आम तौर पर खाते में क्रेडिट करने से पहले लाभार्थी के नाम और खाते नंबर की जानकारी का मिलान करने की उम्मीद की जाती है.”

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  • आखिर Aadhar Card को आप कितनी बार अपडेट करवा सकते हैं? जान लीजिए वरना मुश्किल में पड़ जाएंगे..


    डेस्क : आधार कार्ड अब ऐसा पहचान पत्र यानी Identity Proof बन गया है जो की हर जगह इस्तेमाल किया जाने लगा है। आधार 12 नंबर वाला स्पेशल कार्ड है, जिसे UIDAI सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद भारत के नागरिकों को जारी करता है। चुकीं अब ये हर जगह इस्तेमाल होने लगा है यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आधार में जानकारी सटीक और अप-टू-डेट हो। हम अपनी रिपोर्ट में आपको बता रहे हैं की आधार को कितनी बार अपडेट कराया जा सकता है और आपको कितना खर्च होगा।

    ऑनलाइन आधार सेवाओं तक पहुंचने के लिए, एक रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की जरूरत होती है। हालांकि आप मोबाइल नंबर ऑनलाईन अपडेट नहीं कर सकते। इसके लिए, आपको निकटतम आधार सेवा केंद्र (एएसके) या आधार नामांकन अद्यतन केंद्र पर जाना होगा।

    अपडेट करने में कितना होगा खर्च

    अपडेट करने में कितना होगा खर्च

    कितनी बार बदल गया

    कितनी बार बदल गया

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  • आखिर दादा जी के संपत्ति पर पोते का कितना अधिकार रहता है, यहां – जानिए पूरी बात..


    डेस्क : भारत में पैतृक संपत्ति (Property) का बंटवारा एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में देश के लाखों लोग सालों साल चले आ रहे मुकदमेबाजी का सामना करते रहते हैं और अपना कीमती समय भी बर्बाद करते हैं। इस हिसाब से जरूरी है कि आपको कुछ बातों की जानकारी भी होनी चाहिए।

    अगर बात दादा की संपत्ति पर नाती पोते के हक की करें तो उस पोते या पोती का दादा को विरासत में मिली संपत्ति पर जन्म के बाद से ही पूरा अधिकार होता है। इसमें से पोते/पोती के पिता या दादा की मृत्यु से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं है। कोई पोता-पोती अपने जन्म के साथ ही अपने दादा की संपत्ति में हिस्सेदार बन जाता है।

    दादा की पैतृक संपत्ति :

    दादा की पैतृक संपत्ति : ऐसी संपत्ति जो किसी भी पिता द्वारा अपने पिता, दादा या परदादा आदि से विरासत में मिली हो, पैतृक संपत्ति कही जाएगी है। पैतृक या पुश्तैनी संपत्ति में हिस्सेदारी का अधिकार जन्म से निर्धारित हो जाता है, जो विरासत के अन्य तरीके से बेहद अलग होता है। संपत्ति के अधिकार के अन्य तरीकों में वारिस का अधिकार प्रॉपर्टी मालिक की मृत्यु होने के बाद ही खुलता है।

    पैतृक संपत्ति में अधिकार :

    पैतृक संपत्ति में अधिकार : पैतृक या पुश्तैनी संपत्ति में अधिकार प्रति भूभाग के आधार पर ही निर्धारित किया जाता है, प्रति व्यक्ति के आधार पर नहीं। इसलिए हर पीढ़ी का हिस्सा पहले से ही निर्धारित किया जाता है और बाद में अगली पीढ़ी के लिए उस हिस्से का उप-विभाजन भी किया जाता है जो उनके पूर्ववर्तियों द्वारा विरासत में मिली हुई है।

    नाती-पोते का हक़ :

    नाती-पोते का हक़ : किसी पैतृक संपत्ति में नाती-पोते की समान हिस्सेदारी भी होती है। अगर कोई पोता दादा के नाती आदि को संपत्ति में हिस्सा देने से मना करता है तो नाती अंतरिम राहत के लिए कोर्ट में याचिका के साथ घोषणा और विभाजन के लिए एक दीवानी मामला भी दर्ज कर सकता है। कानून में दिए गए अधिकारों से किसी को भी वंचित नहीं किया जा सकता।

    दादा की खुद की कमाई गई संपत्ति पर :

    दादा की खुद की कमाई गई संपत्ति पर : एक पोते का अपने दादाजी की खुद की कमाई गई संपत्ति पर जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है। यदि दादा की वह संपत्ति पोते के पिता को परिवार के विभाजन के समय कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में आवंटित कर दी गयी हो तो, तब उस पर पोते का अधिकार भी बनेगा। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के तहत ही हमवारिस के तौर पर उसे इस बार पर दावा करने का हक नहीं है। दादा इस संपत्ति को किसी भी व्यक्ति को सौंप सकता है।

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  • जमीन रजिस्ट्री कराने से पहले जान ले महत्वपूर्ण बातें – बचेंगे लाखों रुपए..महिला खरीदार को छूट- जानिए


    डेस्क : जमीन का रजिस्ट्रेशन कराना बड़ी बात है। लेखन कई प्रकार के होते हैं। संपत्ति पंजीकरण के लिए भुगतान करने के लिए एक मोटी फीस भी है। ये शुल्क संपत्ति की कुल राशि के 5-7 प्रतिशत तक हो सकते हैं। अगर आप 50 लाख रुपये की संपत्ति रजिस्टर करने जा रहे हैं, तो आप कुछ आसान चरणों के साथ 2-5 लाख रुपये से 3.5 लाख रुपये बचा सकते हैं।

    घर खरीदने के पूरे बजट का ज्यादातर हिस्सा रजिस्ट्री पर ही खर्च हो जाता है। अगर इसमें कुछ पैसे बच गए हैं, तो यह आपके लिए एक प्लस पॉइंट होगा। उस पैसे का इस्तेमाल किसी और काम में किया जाएगा। आप आंतरिक सज्जा में पैसा निवेश कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्ज बचाने के 3 तरीके।

    1 बाजार मूल्य पर रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करें :

    1 बाजार मूल्य पर रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान करें : कई बार देखा गया है कि सर्किल रेट ज्यादा होने पर प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू कम होती है। बाजार मूल्य पर कम स्टांप शुल्क का भुगतान करते हुए उच्च सर्किल दरों पर उच्च स्टांप शुल्क लगेगा। ऐसे मामलों में, आप रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार से अपील करके स्टांप ड्यूटी पर बचत कर सकते हैं। यह प्रावधान स्टेट स्टाम्प एक्ट के तहत किया गया है। यदि रजिस्ट्रार से बाजार मूल्य पर स्टांप शुल्क वसूलने की अपील की जाती है, तो बिक्री विलेख पंजीकरण के पूरा होने तक लंबित रहेगा। रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार आपके मामले को डीसी के पास भेजता है जो बाजार मूल्य के अनुसार स्टांप शुल्क का आकलन करता है। ऐसे में अगर आप खरीदार हैं तो आपको स्टांप ड्यूटी पर बचत का फायदा मिलेगा।

    2 अविभाजित भूमि की रजिस्ट्री :

    2 अविभाजित भूमि की रजिस्ट्री : ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य के निर्माण या निर्माणाधीन परियोजनाओं की अविभाजित भूमि रजिस्ट्री तक पहुंच है। इस स्थिति में, खरीदार बिल्डर के साथ दो समझौते करता है। बिक्री समझौते और निर्माण समझौते। बिक्री समझौता संपत्ति के अविभाजित हिस्से के लिए है, यानी आम क्षेत्र में खरीदार का हिस्सा। इसमें जमीन की कीमत और जमीन पर निर्माण की लागत शामिल है। अविभाजित भूमि खरीदना सस्ता है क्योंकि निर्मित क्षेत्रों के लिए कोई पंजीकरण शुल्क नहीं है। मान लीजिए कि एक अपार्टमेंट बनाने की लागत 50 लाख रुपये है और इसके पार्सल में अविभाजित भूमि 20 लाख रुपये है, पंजीकरण शुल्क और 20 लाख रुपये का स्टांप शुल्क देना होगा।

    3 महिला खरीदार को छूट :

    3 महिला खरीदार को छूट : यदि कोई महिला संयुक्त या एकल खरीद में संपत्ति की खरीद में शामिल है, तो कई राज्यों में स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट है। इनमें हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। दिल्ली सरकार के मुताबिक अगर कोई जमीन पुरुष के नाम पर रजिस्टर्ड है तो उसे महिला के नाम पर 6 फीसदी और 4 फीसदी रजिस्ट्री फीस देनी होगी. वहीं, आप आवासीय संपत्तियों के पंजीकरण की लागत पर एक साल में टैक्स में 150,000 रुपये तक की बचत कर सकते हैं।

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  • PNB में Account है तो मिलेगा 20 लाख का फायदा, जानिए – कौन ले सकता है.


    डेस्क : पंजाब नेशनल बैंक में अगर आप भी यह खाता खुलवाते हैं तो आपको पूरे 23 लाख रुपये का फायदा मिलेगा. आप अगर नौकरी करते हैं तो आप बैंक में ये खाता फटाफट खुलवा लीजिए. इस खाते का नाम पीएनबी माई सैलरी अकाउंट है. बैंक की तरफ से इसमें ग्राहकों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. आइए इस खाते के बारे में आपको डिटेल में बताते हैं.

    पीएनबी के मुताबिक़ अपनी Salary को बेहतर manage करना चाहते हैं, तो PNB MySalary Account को खुलवाएं। इसके साथ ही आपको व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा के साथ ओवरड्राफ्ट यानी अधिक निकासी किया हुआ और स्वीप सुविधा का लाभ भी आपको मिलेगा. इंश्‍योरेंस कवर समेत कई तरह के फायदे PNB अपने सैलरी अकाउंट होल्‍डर्स को दे रहा है. कस्‍टमर को जीरो बैलेंस और जीरो क्‍वाटर्ली एवरेज बैलेंस की सुविधा वाले पीएनबी माई सैलरी अकाउंट खुलवाने पर 20 लाख रुपये का पर्सनल एक्‍सीडेंट कवर दिया जा रहा है.

    यहां इस खाते में सिल्वर कैटेगिरी में 10 हजार से लेकर 25 हजार प्रति माह तक सैलरी वालों को रखा गया है

    यहां इस खाते में सिल्वर कैटेगिरी में 10 हजार से लेकर 25 हजार प्रति माह तक सैलरी वालों को रखा गया है

    25001 रुपये से लेकर 75000 वालों को गोल्ड की कैटेगिरी में रखा गया है.

    25001 रुपये से लेकर 75000 वालों को गोल्ड की कैटेगिरी में रखा गया है.

    वहीं 75001 रुपये से लेकर 150000 रुपये वालों को प्रीमियम कैटेगिरी में रखा गया है.

    वहीं 75001 रुपये से लेकर 150000 रुपये वालों को प्रीमियम कैटेगिरी में रखा गया है.

    इसके अलावा 150001 रुपये से अधिक सैलरी वालों को प्लैटिनम कैटेगिरी में रखा गया है.

    इसके अलावा 150001 रुपये से अधिक सैलरी वालों को प्लैटिनम कैटेगिरी में रखा गया है.

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  • देश की आर्थिक हालत पर निर्मला सीतारमण ने दी बड़ी खुशखबरी – जानकर खुशी से झूम उठेंगे आप..


    डेस्क : पिछले वर्ष देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई थी। जीडीपी माइनस पर पहुंच गई। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया जीडीपी में सुधार होता रहा। इसी बीच अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। देश की जीडीपी में बढोतरी की उम्मीद है। इस बात की जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी है।

    जीडीपी में बढ़ोतरी :

    जीडीपी में बढ़ोतरी : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीद जताई है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ दहाई अंक में रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत अन्य देशों की तुलना में मजबूत स्थिति में है। इतना ही नहीं जरूरतमंद तबकों की मदद के लिए भी भारत जिम्मेदार है। यहां संवाददाताओं से बात करते हुए सीतारमण ने जीडीपी वृद्धि को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया।

    जानिए कितनी बढ़ी अर्थव्यवस्था :

    जानिए कितनी बढ़ी अर्थव्यवस्था : इस साल जीडीपी ग्रोथ के दहाई अंक में रहने की उम्मीद के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि ऐसा होगा।’ हम इसके लिए काम करेंगे। यदि आप मंदी के कगार पर खड़े नहीं हैं तो यह आत्मविश्वास देता है। आप जरूरतमंद तबकों की मदद और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं…” हालही में एक आधिकारिक आंकड़ा जारी किया गया जिसके मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी में 13.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

    मंत्री ने सरकारों द्वारा बांटे जा रहे मुफ्त उपहारों से जुड़े एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा, ‘हमें इस चर्चा में जरूर हिस्सा लेना चाहिए क्योंकि अगर आप किसी को कुछ मुफ्त दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि कोई और बोझ उठा रहा है। मंत्री ने सुझाव दिया कि सत्ता में आने वाली किसी भी सरकार को अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करने के बाद मुफ्त के लिए वित्तीय प्रावधान करना चाहिए। बतादें कि देश की अर्थव्यवस्था सुधरने पर आमजनों को महंगाई से लेकर कई चीजों में राहत मिलेगी।

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  • Gold Price : 7वें आसमान से औंधे मुँह गिरे Gold के दाम, सोना 5600 रुपये, तो चांदी 27500 रु तक हुई सस्ती


    डेस्क : त्योहारों के मौसम की शुरुआत अब हो चुकी है। दुर्गापूजा और दिवाली जैसे त्योहार भी आने वाले हैं। ऐसे में अगर आप भी सस्ता गोल्ड-चांदी खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास एक बढ़ियां मौका है। गोल्ड पिछले 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। सोना पिछले 3 हफ्तों में लगातार गिरते हुए 2050 रुपए तक सस्ता हो चुका है।

    गोल्ड की कीमतों में पिछले कुछ हफ्तों से ये गिरावट की स्थिति बनी हुई है। 3 हफ्तों में सोने के हाजिर भाव में जहां कुल 2050 रुपए की गिरावट आई है तो वहीं सिल्वर की कीमत लगभग 6700 रुपए प्रति किग्रा गिर गई है। फिलहाल गोल्ड 50584 रुपये प्रति 10 gm और चांदी 52472 रुपये प्रति किग्रा के करीब बिक रही है। इतना ही नहीं गोल्ड अपने ऑलटाइम हाई से करीब 5600 और चांदी 27500 रुपये जाकर सस्ता मिल रही है।

    शनि रवि को नहीं जारी होता है रेट :

    शनि रवि को नहीं जारी होता है रेट : ये गौरतलब है कि इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोशिएशन (IBJA) की ओर से केंद्र सरकार द्वारा घोषित छुट्टियों के अलावा शनिवार और रविवार को रेट जारी नहीं किए जाते हैं। पिछले कारोबारी हफ्ते के पांचवें और आखिरी दिन शुक्रवार को सोना (Gold Price) 175 रुपये प्रति 10 gm की दर से महंगा होकर 50584 रुपये प्रति 10 gm के स्तर पर बंद हुआ। जबकि पिछले कारोबारी दिन गुरुवार को गोल्ड (Gold Rate) 50409 रुपये प्रति 10 gm के स्तर पर जाकर बंद हुआ था। वहीं चांदी (Silver Price) 450 रुपये महंगा होकर 52472 रुपये प्रति किग्रा पर जाकर बंद हुई। जबकि पिछले कारोबारी दिन गुरुवार को चांदी (Silver Rate) 52022 रुपये प्रति किलो पर जाकर बंद हुई थी।

    14 से 24 कैरेट गोल्ड का ताजा भाव :

    14 से 24 कैरेट गोल्ड का ताजा भाव : इस तरह शुक्रवार को 24 कैरेट वाला गोल्ड 50584 रुपये, 23 कैरेट वाला गोल्ड 50381 रुपये, 22 कैरेट वाला गोल्ड 46335 रुपये, 18 कैरेट वाला गोल्ड 37938 रुपये और 14 कैरेट वाला गोल्ड 29592 रुपये प्रति 10 gm के स्तर पर जाकर बंद हुआ था।

    ऑलटाइम हाई से गोल्ड 5600 और चांदी 27500 रुपये मिल रहा है सस्ता : गोल्ड फिलहाल अपने ऑलटाइम हाई से करीब 5616 रुपये प्रति 10 gm रुपये सस्ता बिका रहा है। आपको बता दें कि गोल्ड ने अगस्त 2020 में अपना ऑलटाइम हाई बनाया था। उस वक्त गोल्ड 56200 रुपये प्रति 10 gm के स्तर तक चला गया था। वहीं चांदी अपने उच्चतम स्तर से करीब 27508 रुपये प्रति किग्रा की दर से सस्ता मिल रहा था। चांदी का अबतक का उच्चतम स्तर 79980 रुपये प्रति किग्रा है।

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  • ये 1 रूपए का नोट कर देगा आपको मालामाल – ऐसे बेच कर घर बैठे कमाएं करोड़ो रूपए


    डेस्क : आधुनिक समय में ऑनलाइन मीडिया लोगों के लिए कमाई के कई अवसर लेकर आया है। इस वजह से सभी ने अपने लिए कुछ अतिरिक्त पैसे कमाने की सोची है। हालाँकि, इसके लिए आपको कुछ भी नहीं करना होगा और आप काफी अच्छे पैसे कमा सकते हैं। जी हां अपने बिल्कुल सही सुना इधर आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है, बस घर पर उस एक रुपए के सिक्के की तलाश करें।

    उसके बाद, आप इसे ऑनलाइन बेचें। दरअसल, आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में पुराने सिक्कों और नोटों की काफी मांग है। पुराने और पुराने नोट और सिक्के बहुत ऊंचे दामों पर बेचे जाते हैं। हमारे देश में ऐसी कई वेबसाइट हैं जहां आप इन दुर्लभ सिक्कों और नोटों को बेचकर आसानी से सैकड़ों-हजारों रुपये कमा सकते हैं।

    तो आप 1 रुपए में 700,000 रुपए कमा सकते हैं :

    तो आप 1 रुपए में 700,000 रुपए कमा सकते हैं : आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1 रुपये के नोट की कीमत 7 रुपये रखी जाती है। अगर आपके पास भी है वो पुराना 1 रुपए का नोट, तो आप घर बैठे इसकी जगह 700,000 रुपए कमा सकते हैं। वहीं अगर आपके पास 1935, 1957 या 1967 में जारी किए गए 1 रुपये के बैंक नोट हैं, तो आप और भी ज्यादा पैसा कमा सकते हैं।

    1 रुपये में आप 50 करोड़ रुपये कमा सकते हैं :

    1 रुपये में आप 50 करोड़ रुपये कमा सकते हैं : 1 रुपये का नोट ब्रिटिश सरकार ने 1935 में जारी किया था। इस बिल पर गवर्नर जेडब्ल्यू केली के भी हस्ताक्षर हैं। नोटबुक पर ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम की तस्वीर छपी है। आप 1 रुपये का सिक्का बेचकर लाखों रुपये कमा सकते हैं।

    दरअसल, यह सिक्का 1885 में ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी किया गया था। वहीं, 1 रुपये के सिक्के की जगह वह आसानी से 500 मिलियन रुपये जीत सकता है।

    दुर्लभ सिक्के और बैंकनोट ऑनलाइन कैसे बेचे :

    दुर्लभ सिक्के और बैंकनोट ऑनलाइन कैसे बेचे : आप ईबे जैसी साइटों को तेजी से एक्सेस कर सकते हैं। यहां आपको एक विक्रेता के रूप में पंजीकरण करना होगा। उसके बाद आपको दिए गए स्थानों पर अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दर्ज करना होगा। फिर यहां अपने बैंकनोट या सिक्के की स्पष्ट फोटो अपलोड करें। आपका विज्ञापन इस वेबसाइट पर प्रदर्शित होगा और जो लोग खरीदना चाहते हैं वे आपसे संपर्क करेंगे।

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  • रेलवे कर्मचारियों के लिए बुरी खबर! सैलेरी बढ़ने के बजाय और घटेगी, ये है कारण..


    डेस्क : न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक रेलवे बोर्ड के चेयरमैन V K त्रिपाठी ने तिमाही समीक्षा बैठक में पाया कि ऑपरेशंस से जुड़े खर्चे काफी अधिक हो रहे हैं। चालू वित्त वर्ष में मई तक 7 जोन में यह रेलवे के पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 26 फीसदी औसत वृद्धि से भी कहीं ऊपर चला गया है। रेलवे के मुताबिक ऑपरेशंस खर्च को लेकर वर्ष 2022-23 के लिये कुल बजटीय अनुमान लगभग 2.32 लाख करोड़ रुपये है। चूंकि इन खातों का ऑडिट होना अभी बाकी है, इससे संबंधित यह आंकड़े अस्थायी हैं।

    मीडिया सूत्रों ने यह बताया कि बैठक के दौरान रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को अपने खर्च को कम करने के लिये तत्काल कदम उठाने के निर्देश भी दिया और महाप्रबंधकों को इस संदर्भ में कार्ययोजना बनाने को भी कहा। पूर्व रेलवे (ER), दक्षिणी रेलवे (SR), पूर्वोत्तर रेलवे (NER) और उत्तर रेलवे (NR) जैसे जोन को किमी भत्ते को नियंत्रित करने की भी आवश्यकता है।

    यह भत्ता ट्रेन को संचालित करने वाले कर्मचारियों को दिया जाता रहा है। वहीं दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे (SECR), पूर्व-मध्य रेलवे (ECR) और पूर्व तटीय रेलवे (ECOR) को नाइट ड्यूटी भत्ते पर अपने खर्च को कम करने के लिये भी कहा गया है।

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  • TCS-HCL-Infosys जैसी कंपन‍ियों के ऑफर लेटर का सच आया सामने, जानकर हैरान रह जाएंगे आप..


    डेस्क : इन दिनों आईटी में मूनलाइटिंग (Moonlighting) काफी प्रचल‍ित टर्म बन गया है। ये शब्द अब हर आम और खास इस चर्चा में दिख जाएगा। बड़ी-बड़ी आईटी कंपनियों के सीईओ समेत सीनियर एग्‍जीक्‍यूट‍िव इस बहस में शाम‍िल हो गए हैं। आईटी कंपन‍ियों के द‍िग्‍गज ऑफ‍िसर इसे गलत बता रहे हैं। अलग अलग कंपनियां द्वारा इस बारे में अपने अपॉइंटमेंट लेटर में भी इस बारे में लिखा है।

    एक ब‍िजनेस वेबसाइट द्वारा बड़ी कंपनियों द्वारा जारी ने अप्वाइंटमेंट लेटर के बारे में जानकारी दी है। ये बड़ी कंपनियां के अनुसार ‘जॉब कॉन्ट्रैक्ट’ में मूनलाइटिंग को सही नहीं है। मूनलाइटिंग मतलब यदि आप क‍िसी कंपनी में फुल टाइम जॉब करते हैं और आप ऑफ‍िस के बाद के समय में किसी दूसरी कंपनी का कोई फ्रीलांस काम भी कर रहे हो। तो इस बारे में अलग-अलग कंपनी के अप्वाइंटमेंट लेटर में क्या लिखा होता है आइए आपको बताएं

    टीसीएस :

    टीसीएस : देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्व‍िसेज (TCS) कर्मचरियों को नौकरी के साथ साथ मूनलाइटिंग करने की इजाजत नहीं देती। यदि कोई कर्मचारी अलग से काम करना चाहता है तो इसके ल‍िए उसे लिखित मंजूरी लेनी होगी। कंपनी के सीईओ गणपति सुब्रमण्यम का कहना है इससे मूनलाइटिंग करने वाले को तात्‍काल‍िक फायदा म‍िल जाता है लेक‍िन यह लंबे समय में नुकसान देता है।

    इंफोसिस :

    इंफोसिस : इंफोसिस भी मूनलाइटिंग का सहयोग नहीं करती। कंपनी द्वारा अपनी शर्तों में साफ तौर से अंकित किया गया है कि “आप इस पर सहमत हैं कि इंफोसिस की सहमति के ब‍िना आप कोई फुल टाइम या पार्ट टाइम जॉब नहीं करेंगे।” हालांकि इसमें कंपनी के पूर्व डायरेक्‍टर मोहनदास पई मूनलाइटिंग को सही मानते हैं। वह कहते हैं ऑफ‍िस टाइम‍िंग के बाद कोई क्‍या करता है, यह उसकी मर्जी है।

    विप्रो :

    विप्रो : विप्रो द्वारा अपने लेटर में साफ तौर पर लिखा है कि कर्मचारियों को पूरी तरह कंपनी के लिए काम करना होगा।किसी अन्य काम के ल‍िए कर्मचारी को बिजनेस यूनिट हेड से परमिशन लेना होगा। विप्रो के एग्‍जीक्‍यूट‍िव चेयरमैन ने इसे गलत बताया और कंपनी के साथ चीटिंग का नाम दिया।

    टेक महिंद्रा :

    टेक महिंद्रा : टेक महिंद्रा के एग्रीमेंट लेटर में ये क्लॉज होता है कि में अगर यद‍ि आपने कंपनी की मंजूरी के ब‍िना कोई काम उठाया तो आपको बिना कारण बताए नौकरी से बर्खास्त कर दिया जायेगा। पर इस मामले में कंपनी के चीफ एग्‍जीक्‍यूट‍िव ऑफिसर सीपी गुरनानी ने अलग मत रखा है। उन्होंने कहा यद‍ि कर्मचारी ने अपने हिस्से का काम निपटा द‍िया है तो वह फ‍िर दूसरा काम कर सकता है।

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