Category: Farmers

  • बिजली बिल वसूली बंद, सुचारू बिजली आपूर्ति; हिंगोली में महावितरण कार्यालय के सामने शिवसेना का धरना

    हैलो कृषि ऑनलाइन: राज्य मेंकई इलाकों में महावितरण द्वारा बिजली कटौती के मामले सामने आ चुके हैं। किसानों की बिजली कटौती व अन्य मांगों को लेकर हिंगोली जिले में शिवसेना के ठाकरे गुट की ओर से ठिया आंदोलन किया गया. इस मौके पर शिवसैनिकों ने हिंगोली महावितरण कार्यालय के सामने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की

    क्या हैं प्रदर्शनकारियों की मांगें?

    – महावितरण की ओर से जिले में इस समय अनिवार्य बिजली बिल वसूली का काम चल रहा है। यह वसूली तत्काल बंद होनी चाहिए
    – बिजली आपूर्ति नियमित करने सहित अन्य मांगों को लेकर यह हड़ताल की गई थी।
    ऐसे में जिले में गैरां की जमीन से अतिक्रमण हटाने का फैसला स्थगित किया जाए।
    -कृषि के लिए दिन में बिजली देने की भी मांग की गई।

    इस विरोध प्रदर्शन में शिवसेना के जिलाध्यक्ष विनायक भिसे और शिवसेना ठाकरे के जिलाध्यक्ष संदेश देशमुख समेत कई शिवसैनिक शामिल हुए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस समय, राज्य सरकार को क्या करना चाहिए, इस तरह की घोषणाएँ की गईं। भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई। इसके साथ ही यह देखने में आया कि प्रदर्शनकारी जय भवानी, जय शिवाजी के नारे लगा रहे थे। इस आंदोलन में शिवसैनिकों के साथ बड़ी संख्या में किसान भी शामिल हुए। आंदोलन में भाग लेने वाले सभी शिवसैनिकों और किसानों का धन्यवाद किया गया।

  • PM Kisan : अगले महीने जारी हो सकती है 13वीं किस्त, जल्द खत्म करें ये काम

    हैलो कृषि ऑनलाइन: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना की 13वीं किस्त लंबित है खेतटैक्स के लिए अच्छी खबर है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 13वीं किस्त दिसंबर महीने में जारी हो सकती है. हालांकि सरकार ने इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन जिन किसानों ने इस योजना के लिए आवेदन नहीं किया है वे भी इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे। इसके लिए उन्हें पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यदि वे इसे ऑनलाइन नहीं कर सकते हैं, तो वे निकटतम सीएससी केंद्र पर जाकर योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।

    खास बात यह है कि रजिस्ट्रेशन कराते वक्त आपके पास जमीन के दस्तावेज, आधार कार्ड, बैंक डिटेल्स, एड्रेस प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो होना जरूरी है। अगर आपके पास ये सभी दस्तावेज (पीएम किसान) हैं तो आप घर बैठे आसानी से इस योजना में अपना नामांकन करा सकते हैं।

    (पीएम किसान) के रूप में रजिस्टर करें

    -पीएम किसान योजना (पीएम किसान) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं http://pmkisan.gov.in/
    – ‘Farmer’s Corner’ पर आपको ‘New Registration Option’ मिलेगा, उस पर क्लिक करें। अब एक नया पेज खुलेगा।
    – अब रूरल फार्मर रजिस्ट्रेशन या अर्बन फार्मर रजिस्ट्रेशन में से किसी एक को सेलेक्ट करें।
    – इसके बाद अपना आधार नंबर, मोबाइल नंबर और राज्य लिखें।
    – इसके बाद गेट ओटीपी पर क्लिक करें
    – अब बाकी डिटेल्स जैसे पता, जन्मतिथि, खसरा नंबर आदि भरें।
    -सभी विवरण सबमिट करें

    आवश्यक दस्तावेजों की सूची (पीएम किसान)

    -किसानों के स्वामित्व वाली भूमि का विवरण (पात्र लाभार्थी)
    -आधार कार्ड
    – मोबाइल नंबर
    – बैंक के खाते का विवरण

    योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों को अपना ई-केवाईसी (पीएम किसान) पूरा करना भी आवश्यक है अन्यथा वे योजना के लाभ से वंचित रह जाएंगे। किसान ई-केवाईसी ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें नजदीकी सीएससी या वसुधा केंद्र से पास होना होगा। यहां बायोमेट्रिक तरीके से ई-केवाईसी अपडेट करने के लिए 15 रुपये का शुल्क देना होगा।

  • बुलढाण्यात उद्या स्वाभिमानीचा एल्गार ! बळीराजासाठी सर्व क्षेत्रातील नागरिकांनी एकत्र येण्याचे आवाहन

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: सोयाबीन और कपास उत्पादकों की विविध मांगों के लिए स्वाभिमानी खेत(6) करी एसोसिएशन की ओर से बुलढाणा में एल्गर मोर्चा का आयोजन किया जाएगा। आज बलिराजा अकेला है और उसे आपके सहारे की जरूरत है। इसलिए रविकांत तुपकर ने शहर के सभी क्षेत्रों के नागरिकों जैसे डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, कर्मचारी, व्यापारी, बुद्धिजीवी, लेखक, दुकानदार से बलिराजा के पीछे खड़े होने की अपील की है।

    इस बारे में बात करते हुए तुपकर ने कहा, बलीराजा अब मुश्किल में हैं। भारी बारिश से उनकी फसल को नुकसान पहुंचा है। सरकार की गलत नीति के कारण जो फसल बच गई उसका कोई मूल्य नहीं है। इस साल सोयाबीन-कपास की उत्पादन लागत को कवर नहीं किया जाएगा। इस वर्ष एक क्विंटल सोयाबीन की उत्पादन लागत 6 हजार रुपये है। तो कीमत 4 हजार रुपये है। एक क्विंटल कपास की उत्पादन लागत 8 हजार 500 रुपये है और बाजार में कपास की कीमत केवल 6 से 7 हजार रुपये है। इससे आज किसान घाटे में है। इसके चलते किसान खुदकुशी कर रहे हैं। तुपकर ने कहा कि यह सभी के लिए चिंता का विषय है। किसानों का अब सब से विश्वास उठ गया है, जिसके चलते किसान, खेत मजदूर आत्महत्या जैसा घोर कदम उठा रहे हैं। तुपकर ने कहा कि हाल ही में किसानों की आत्महत्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।

    किसानों के साथ खड़े हों

    कल बलिराजा की सेना उनके पसीने की कीमत मांगने के लिए बड़ी संख्या में बुलढाणा में प्रवेश कर रही है। राज्यव्यापी आंदोलन हमारे बुलढाणा से शुरू हो रहा है। हमें इस ‘एल्गार मोर्चा’ में शामिल होकर स्वागत करना चाहिए, सम्मान देना चाहिए, उनके पीछे मजबूती से खड़े रहना चाहिए और उनके प्रति सहानुभूति प्रकट करनी चाहिए, किसानों से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहिए और बढ़त देनी चाहिए। रविकांत तुपकर ने कहा कि किसानों को आप शहरवासियों के सहयोग की जरूरत है।

    तुपकर ने कहा कि एल्गर मोर्चा में आपकी पीठ थपथपाने और समर्थन से किसान की आजीविका में सुधार होगा। उसके लिए अपनी पार्टी, जाति और धर्म के सभी झंडों को एक तरफ रख दें और एक किसान के रूप में एक साथ आएं। इस ‘एल्गार मोर्चा’ में भाग लेकर बलिराजा को अपने पेट में जाने वाले भोजन के हर टुकड़े के लिए कृतज्ञता व्यक्त करने का साहस दें। एक दिन हमें अपने कमाने वाले के लिए देना चाहिए। किसान, खेत मजदूर आपका इंतजार कर रहे हैं… जरूर आएं।”

    हमारी थाली में रखा अन्न और अन्न का दाना किसान के पसीने से पक गया है। अगर किसान अनाज उगाना बंद कर दें तो हम क्या खाएंगे? फिर भी टाटा बिड़ला अंबानी की फैक्ट्रियां भोजन का उत्पादन नहीं कर पाई हैं। खाद्यान्न उत्पादन की तकनीक विकसित नहीं हुई है। तुपकर ने कहा कि हम जीवित नहीं रह सकते हैं और देश किसानों द्वारा उगाए गए भोजन के बिना नहीं रह सकता है।

  • PM Kusum Yojana : शेतकऱ्यांसाठी खुशखबर!! सौरपंप खरेदीवर 90% अनुदान; असा घ्या लाभ

    नमस्ते महाराष्ट्र ऑनलाइन: भारत हालांकि यह एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन देश के अधिकांश हिस्से पानी की कमी (पीएम कुसुम योजना) की समस्या से जूझ रहे हैं। पानी की किल्लत से फसलें सीधे तौर पर प्रभावित होती हैं। हर किसान सिंचाई के लिए महंगे उपकरण का उपयोग नहीं कर सकता। इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न सिंचाई योजनाएं लागू की जाती हैं। इसी पृष्ठभूमि में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में लोगों को संबोधित करते हुए कुसुम योजना का जिक्र किया जिसके जरिए किसान सिर्फ 10 फीसदी पैसा खर्च कर अपने खेतों में सोलर पंप लगा सकते हैं.

    क्या है पीएम कुसुम योजना?

    कुसुम योजना 2019 में बिजली मंत्रालय द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा 30% सब्सिडी, राज्य सरकार द्वारा 30% और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा 30% (पीएम कुसुम योजना) प्रदान की जाती है। इसमें किसानों को मात्र 10 प्रतिशत राशि ही देनी होगी। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसानों को बिजली और डीजल पर खर्च नहीं करना पड़ता है और बिजली पर उनकी निर्भरता भी कम हो जाती है। इस प्रकार खेती की लागत बहुत कम हो जाती है।

    कुसुम योजना के माध्यम से सरकार ने खर्च कम करने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इस पंप से किसान अपने खेतों की सिंचाई कर आय अर्जित कर सकते हैं। इससे बनने वाली बिजली भी किसान बिजली कंपनी को बेच सकेंगे। अगर आपके पास 4-5 एकड़ जमीन है तो आप सालाना काफी बिजली पैदा कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

    ऐसे करें अप्लाई

    इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए राज्यों की विभिन्न आधिकारिक वेबसाइटें जारी की गई हैं। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आप राज्य सरकार की आधिकारिक (पीएम कुसुम योजना) वेबसाइट पर जा सकते हैं। आप इस संबंध में सभी जानकारी https://mnre.gov.in/ से प्राप्त कर सकते हैं।

  • शेती प्रश्नांच्या संघर्षासाठी सज्ज व्हा..! स्वाभिमानीच्या एल्गार मोर्चात सहभागी होण्याचे तुपकरांचे अवाहन





    शेती प्रश्नांच्या संघर्षासाठी सज्ज व्हा..! स्वाभिमानीच्या एल्गार मोर्चात सहभागी होण्याचे तुपकरांचे अवाहन | Hello Krushi










































    हॅलो कृषी ऑनलाईन : शेतकऱ्यांच्या प्रश्नांवरून स्वाभिमानी शेतकरी संघटना चांगलीच आक्रमक झाली आहे. स्वाभिमानी शेतकरी संघटनेच्या वतीनं येत्या सहा नोव्हेंबरला बुलढाण्यात एल्गार मोर्चाचं आयोजन केलं आहे. या मोर्चामध्ये सहभागी होण्याचे आवाहन स्वाभिमानीचे नेते रविकांत तुपकर यांनी केले आहे. शेतकऱ्याच्या घरातल्या प्रत्येकाच्या डोळ्यात आज अश्रू आणि रोषही आहे. शेतकरी आत्महत्येच्या उंबरठ्यावर आहे. पण कुणीही खचून जाऊ नये, आपण रडून-हरुन मरण्यापेक्षा लढून मरू… संघर्षासाठी सज्ज व्हा..! असे आवाहन तुपकरांनी केलं आहे.

    याबाबत बोलताना तुएकर म्हणाले की, सहा नोव्हेंबरला जगदंबा माता मंदिर चिखली रोड बुलढाणा ते बुलढाणा जिल्हाधिकारी कार्यालयापर्यंत हा मोर्चा काडण्यात येणार आहे. या मोर्चात हातात रुम्हणं घ्यायचं… अन् दुपारी मोर्चात यायचं…असं आवाहन रविकांत तुपकर यांनी केलं आहे. संपूर्ण बुलढाणा जिल्ह्याचे बहुतांश अर्थकारण हे सोयाबीन-कापूस उत्पादक शेतकऱ्यांवर अवलंबून आहे. सध्य परिस्थितीत सोयाबीन-कापूस उत्पादक शेतकरी प्रचंड अडचणीत सापडला आहे. अशा परिस्थितीत शेतकऱ्यांना आधार देण्याची व त्यांच्या हक्कासाठी पेटून उठण्याची नितांत गरज असल्याचे तुपकरांनी सांगितले. त्यासाठी शेतकऱ्यांच्या न्याय मागण्या घेवून बुलढाण्यात मोर्चा काढणार असल्याचे ते म्हणाले.

    परतीच्या पावसाचा शेतकऱ्यांच्या पिकांना खूप मोठा फटका बसला आहे. शेतकऱ्यांच्या शेतात पाणी अन् डोळ्यातही पाणी आहे. अतिशय विदारक आणि मनाला चटका लावणारे दृष्य सर्वत्र दिसून येत आहे. आकधीही भरुन न निघणारे प्रचंड नुकसान झाले आहे. शासनाने शेतकऱ्यांना तत्काळ मदत करणे आवश्यक असल्याचेही तुपकर यावेळी म्हणाले. शेतकऱ्यांच्या संयमाचा बांध कधीही फुटू शकतो. शेतकरी आणि युवकच काय महिलांच्याही भावना देखील तीव्र आहेत. घरातल्या प्रत्येकाच्या डोळ्यात आज अश्रू आणि रोषही आहे. शेतकरी आत्महत्येच्या उंबरठ्यावर आहे. पण कुणीही खचून जाऊ नये, आपण रडून-हरुन मरण्यापेक्षा लढून मरू… संघर्षासाठी सज्ज व्हा..! असे आवाहन तुपकरांनी केलं आहे.

     

     

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  • गरज पडल्यास शेतकऱ्यांसाठी केंद्राकडे मदत मागू : अब्दुल सत्तार

    हॅलो कृषी ऑनलाईन : राज्यामध्ये परतीच्या पावसाने शेतकऱ्यांच्या ऐन काढणीस आलेल्या पिकांचे मोठे नुकसान झाले आहे. अशात विरोधी पक्षनेते, शेतकरी संघटना, आणि शेतकऱ्यांमधूनही ओला दुष्काळ जाहीर करण्याची मागणी करण्यात येत आहे. मात्र राज्य सरकारकडून अद्याप नुकसानीची पाहणी करण्यात येत आहे. राज्याचे कृषी मंत्री अब्दुल सत्तार परभणी जिल्ह्यातील नुकसानग्रस्त भागाची पाहणी करण्यासाठी गेले असता एक महत्वाची माहिती त्यांनी दिली आहे. शेतकऱ्यांच्या प्रश्नासाठी प्रसंगी केंद्राकडेही आम्ही मदतीसाठी जाणार आहोत. अशी माहिती त्यांनी दिली आहे.

    यावेळी बोलताना सत्तार म्हणाले की, राज्यात सर्वत्र मोठ्या प्रमाणावर शेतकऱ्यांचे नुकसान झालेलं आहे. मी स्वतः आणि माझे अधिकारी बांधावर जाऊन किती नुकसान झाले, याची माहिती गोळा करत आहोत. साधारणतः सात आठ दिवसांमध्ये ही माहिती आल्यानंतर मुख्यमंत्री आणि उपमुख्यमंत्री बसून कॅबिनेटमध्ये राज्यातील शेतकऱ्यांना मदतीचा जो काही निर्णय आहे तो घेतील. त्याचप्रमाणे केंद्राकडेही आम्ही मदतीसाठी जाणार आहोत. त्यांचेही पथक राज्यात पाहणीसाठी येईल, त्यानंतर केंद्र सरकार, राज्य आणि पीक विमा अशी तीन प्रकारची मदत शेतकऱ्यांना दिली जाईल. एकही शेतकरी पिक विमा पासून किंवा मदतीपासून वंचित राहणार नाही, याची काळजी आम्ही घेत आहोत. तसेच राज्यात ओला दुष्काळात संदर्भात परिस्थिती नाहीये, मी हे 4 वेळेला बोललो आहे. जी काय परिस्थिती आहे ती परिस्थिती आम्ही पाहून शेतकऱ्यांना मदत करणार असल्याचे सांगितले आहे.

    कृषिमंत्री अब्दुल सत्तार आज परभणी दौऱ्यावर होते. त्यांनी जिंतूर आणि असोला या ठिकाणी शेतीच्या नुकसानीची पाहणी केली. त्यानंतर जिल्हाधिकारी कार्यालयामध्ये एक आढावा बैठक घेऊन जिल्ह्यातील नुकसानीचाही त्यांनी आढावा घेतला. यानंतर पत्रकार परिषद घेऊन त्यांनी ही माहिती दिली आहे. दरम्यान, राज्याचे कृषिमंत्री अब्दुल सत्तार यांनी आज परभणीच्या जिंतूर तालुक्यातील मालेगाव परिसरातील नुकसानीची पाहणी केली. यावेळी तूर कापूस आदी पिकांची शेतात जाऊन पाहणी केली. यावेळी शेतकऱ्यांशी संवादही साधला तर लवकरच शेतकऱ्यांना मदत दिली जाईल, असेही सांगितलं. शिवाय शेतकऱ्यांना सक्षम करण्यासाठी सरकार कटिबद्ध असल्याचेही अब्दुल सत्तार यांनी यावेळी सांगितले.

  • शेतकऱ्यांना तत्काळ मदत द्या, अन्यथा पाण्याच्या टाकीवरुन उड्या मारु, जनशक्ती शेतकरी संघटना आक्रमक





    शेतकऱ्यांना तत्काळ मदत द्या, अन्यथा पाण्याच्या टाकीवरुन उड्या मारु, जनशक्ती शेतकरी संघटना आक्रमक | Hello Krushi










































    हॅलो कृषी ऑनलाईन : राज्यात परतीच्या पावसामुळे ऐन काढणीला आलेल्या पिकांचे अतोनात नुकसान झाले आहे. परतीच्या पावसाचा सर्वाधिक फटका विदर्भ मराठवाड्याला बसला आहे. त्यामुळे शेतकऱ्यांच्या मधून ओला दुष्काळ जाहीर करण्याची मागणी प्रकर्षाने जोर धरू लागली आहे. औरंगाबादेत शेतकऱ्यांच्या प्रश्नावरून जनशक्ती शेतकरी संघटना आक्रमक झाल्याचे पाहायला मिळाले. शेतकऱ्यांना तातडीनं मदत करा या मागणीसाठी शेतकऱ्यांनी औरंगाबाद इथं पाण्याच्या टाकीवर चढून आंदोलन करण्यात आले आहे.

    याबाबत मिळालेली अधिक माहिती अशी की, औरंगाबाद जिल्ह्यात शेतकऱ्यांचे मोठे नुकसान झाले आहे. मात्र शेतकऱ्यांच्याकडे पाहण्यास कोणीही तयार नाही. शिवाय जिल्ह्याला पालकमंत्री संदिपान भुमरे हे औरंगाबादचे आहेत, कृषीमंत्री अब्दुल सत्तार हे औरंगाबाद जिल्ह्यातील असूनही शेतकऱ्यांनी न्याया मिळत नाही. एवढे आमदार खासदार मंत्री असतानाही शेतकऱ्यांना न्याय मिळत नाही. शेतकऱ्यांच्या नुकसानीचे पंचनामे होते नाहीत, मदत मिळत नाही त्यामुळं शेतकरी संकटात आहे. लाखो रुपये खर्चून शेतकऱ्यांच्या हातात काहीच नसल्याची खंत जनशक्ती शेतकरी संघटनेच्या कार्यकर्त्यांनी व्यक्त करीत पाण्याच्या टाकीवर चढून शोले स्टाईल आंदोलन केले.

    अद्याप नुकसानीचे पंचनामेही पूर्ण झाले नाहीत. दिवाळी जाऊनसुद्धा राज्य सरकारनं शेतकऱ्यांना काही मदत दिली नाही. त्यामुळंशेतकऱ्यांना सरकारनं तातडीनं मदत करावी अशी मागणी जनशक्ती शेतकरी संघटनेनं केली आहे. या मागणीसाठी औरंगाबाद येथील पाण्याच्या टाकीवर चढून जनशक्ती शेतकरी संघटनेच्या कार्यकर्त्यांनी आंदोलन केलं. पालकमंत्री आणि केंद्रीय मंत्र्यांच्या घराजवळ शोले स्टाईलनं हे आंदोलन करण्यात आलं. मदत न दिल्यास पाण्याच्या टाकीवरुन उड्या मारु असा इशारा देखील आंदोलकांनी दिला आहे.

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  • शेतकऱ्यांच्या विकासासाठी कृती आराखडा तयार करणार: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

    हॅलो कृषी ऑनलाईन : पंतप्रधान पीक विमा योजनेतील मध्य हंगामातील प्रतिकूल परिस्थितीमुळे झालेल्या नुकसानीसाठी राज्यातील  जिल्ह्यात सहा तालुक्यांतील आठ मंडळात 73 हजार 814 सोयाबीन उत्पादक शेतकऱ्यांना 40 कोटी 71 लाख 12 हजार रुपये एवढी अग्रीम विमा भरपाई मंजूर करण्यात आली आहे. लाभार्थी शेतकऱ्यांच्या बँक खात्यावर विमा रक्कम जमा करण्यास कंपनीकडून सुरुवात करण्यात आली असल्याची माहिती जिल्हा अधीक्षक कृषी अधिकारी विजय लोखंडे यांनी दिली आहे. नाशिक सहकारी साखर कारखाना लि. पळसे संचलित मे.दीपक बिल्डर्स अण्ड डेव्हलपर्स २०२२-२३ च्या गळीत हंगामाचा प्रारंभ मुख्यमंत्री शिंदे यांच्या हस्ते करण्यात आला. या वेळी ते बोलत होते.

    परभणी तालुक्यातील तीन मंडळांचा समावेश

    खरीप हंगाम 2022 ऑगस्ट महिन्यात परभणी जिल्ह्यातील आठ महसूल मंडळात 26 दिवस पावसाचा खंड पडला होता. त्यामुळे जिल्हाधिकारी श्रीमती आंचल गोयल यांनी 6 सप्टेंबरला शासकीय अधिकारी व विमा कंपनीचे प्रतिनिधींना सोयाबीनच्या नुकसानीसंदर्भात संयुक्त पंचनामे करण्याचे आदेश दिले. त्यानुसार या मंडळातील मागील 7 वर्षातील सरासरी उत्पादकतेच्या तुलनेत यंदा सरासरी उत्पादनात 50 टक्क्यापेक्षा अधिक घट झाली असल्याचे आढळून आले. यामध्ये सर्वाधिक परभणी तालुक्यातील तीन मंडळांचा समावेश आहे.

    पीक विमा योजनेतील प्रतिकूल परिस्थिती मुळे झालेले नुकसान या जोखीम बाबीअंतर्गंत या आठ मंडळातील शेतकऱ्यांना संभाव्य विमा भरपाईपैकी 25 टक्के अग्रीम रक्कम महिन्याभरात देण्याचे आदेश जिल्हाधिकारी गोयल यांनी आयसीआयसीआय लोम्बार्डं जनरल विमा कंपनीला 9 सप्टेंबर रोजी दिले होते. त्यानुसार या आठ मंडळातील सोयाबीनसाठी विमा संरक्षण घेतलेल्या सर्व 73 हजार 814 शेतकऱ्यांना 40 कोटी 71 लाख 12 हजार रुपये एवढी अग्रीम विमाभरपाई महसूल मंडळनिहाय मंजूर करण्यात आली. यासाठी प्रधान सचिव एकनाथ डवले, कृषी आयुक्त धिरज कुमार, संचालक विस्तार विकास पाटील व मुख्य सांख्यिकी विनय आवटे यांच्या मदतीने ही रक्कम मिळाली.

    तालुक्यानुसार किती मिळणार मदत ?

    गंगाखेड तालुक्यातील माखणी मंडळातील 13,626 शेतकऱ्यांना 6697 प्रति हेक्टरीप्रमाणे 5.26 कोटी
    जिंतूर तालुक्यातील दुधगाव मंडळातील 9,184 शेतकऱ्यांना 6,421 प्रमाणे 5.16 कोटी
    मानवत तालुक्यातील रामपुरी मंडळातील 6,063 शेतकऱ्यांना 6248 प्रति हेक्टरीप्रमाणे 3.99 कोटी
    परभणी तालुक्यातील जांब मंडळातील 10,953 शेतकऱ्यांना 6392 प्रतिहेक्टरी प्रमाणे 6.40 कोटी
    परभणी तालुक्यातील सिंगणापूर मंडळातील 8,063 शेतकऱ्यांना प्रतिहेक्टरी 6,363 प्रमाणे 4.80 कोटी
    झरी मंडळातील 10,537 शेतकऱ्यांना 6,193 प्रतिहेक्टरी याप्रमाणे 6.01 कोटी
    पुर्णा तालुक्यातील चुडावा मंडळातील 8,778 शेतकऱ्यांना 7,018 प्रतिहेक्टरीप्रमाणे 4.31 कोटी रुपये
    सोनपेठ मंडळातील 6,005 शेतकऱ्यांना 6,763.85 प्रतिहेक्टरी प्रमाणे 4.16 कोटी

    रुपयांची विमा भरपाई देण्यात येत असून 73 हजार 814 शेतकऱ्यांच्या खात्यावर 40.71 कोटी रुपये जमा होत असल्याचे जिल्हा अधीक्षक कृषि अधिकारी यांनी कळविले आहे.

     

  • प्रशासनाच्या लेखी आश्वासनानंतर पाथरीतील शेतकऱ्यांचे उपोषण सहाव्या दिवशी मागे

    हॅलो कृषी ऑनलाईन : पाथरी ता. प्रतिनिधी

    पिक विमा व ओला दुष्काळ जाहीर करावा या मागणीसाठी मागील सहा दिवसांपासून सुरू असलेले परभणी जिल्ह्यातील पाथरी तहसील कार्यालयासमोर शेतकऱ्यांचे आंदोलन सहाव्या दिवशी उपजिल्हाधिकारी शैलेश लाहोटी यांनी लेखी आश्वासन दिल्यानंतर मागे घेण्यात आले आहे.

    पाथरी तहसील कार्यालयासमोर मागील आठवड्यात 15 ऑक्टोबर पासून चालू असलेले शेतकरी बेमुदत उपोषण व आंदोलन प्रशासनाकडून गुरुवार 20 ऑक्टोबर रोजी लेखी आश्वासन देण्यात आल्यानंतर तात्पुरत्या स्वरूपात वापस घेण्यात आले आहे. प्रशासनाकडून उपजिल्हाधिकारी शैलेश लाहोटी व तहसीलदार सुमन मोरे यांनी उपोषणकर्त्यांना पाथरी येथील उपविभागीय कार्यालया मध्ये चर्चेसाठी बोलावले होते. त्यानंतर त्यांनी उपोषण स्थळी येत उपोषणकर्त्या शेतकऱ्यांना येत्या 25 तारखेपर्यंत तालुक्यातील तीनही महसूल मंडळांमध्ये झालेल्या खरीप पिक नुकसानीचे पंचनामे करत अनुदानासाठी अहवाल सादर करणार असल्याचे लेखी पत्र दिल्यानंतर आंदोलनकर्त्यांनी उपोषण मागे घेण्याचा निर्णय घेतला आहे.

    यावेळी आंदोलक शेतकरी पांडुरंग शिंदे ,अमोल भाले पाटील, संदीप टेंगसे ,महेश कोल्हे, विष्णु काळे ,पांडुरंग सोनवणे ,बापूराव कोल्हे , श्याम धर्मे,परमेश्वर नवले, ऋषीकेश नाईक ,सिद्धेश्वर इंगळे ,अविराज टाकळकर , पिंकू शिंदे ,प्रताप शिंदे , गोपाळ साखरे , माऊली गिराम, विष्णु उगले , नकुल गायकवाड , पिन्टू घुंबरे ,पंकज नाईक,भारत फुके ,महारुद्र वाकणकर ,शाहरुख सत्तार , सुनिल पितळे , माऊली काळे ,अरुण काळे , सुनिल काळे , नरेश फुके , रणजित शिंदे, यांच्यासह शिवसेना उपजिल्हाप्रमुख रवींद्र धर्मे ,राष्ट्रवादी युवक काँग्रेसचे श्रीकांत विटेकर ,कॉम्रेड दीपक लिपणे ,भोगावचे प्रगतीशील शेतकरी अर्जुन साबळे ,तुकाराम हरकळ , विजय कोल्हे ,आदींची उपस्थिती होती .दरम्यान प्रारंभी उपोषण पाठींबा देण्यासाठी शिवसेना (ठाकरे गट ) जिल्हाप्रमुख विशाल कदम यांनी भेट दिली होती .

  • अतिवृष्टिबाधितांना रब्बी पेरणीसाठी बियाणे, खते मोफत उपलब्ध करून देण्याची मागणी

    हॅलो कृषी ऑनलाईन : परभणी

    अतिवृष्टी व सततच्या पावसामुळे शेतकऱ्यांच्या पिके नष्ट झाल्यामुळे परभणी जिल्हा दुष्काळग्रस्त घोषित करून दुष्काळग्रस्तांच्या योजना मंजूर कराव्या, शेतकऱ्यांना भरीव आर्थिक मदत करावी, रब्बी पेरणीसाठी बियाणे, खते मोफत उपलब्ध करून द्यावीत, आदी मागण्या राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्षातर्फे (NCP) जिल्हा प्रशासनाकडे करण्यात आली.

    राष्ट्रवादी काँग्रेसचे जिल्हाध्यक्ष आमदार बाबाजानी दुर्राणी, माजी आमदार विजय भांबळे, विजय गव्हाणे, परभणी तालुकाध्यक्ष संतोष देशमुख, प्रसाद बुधवंत आदींच्या शिष्टमंडळाने जिल्हाधिकारी आंचल गोयल यांच्याकडे मागण्यांचे निवेदन दिले. त्यात शेतकऱ्यांचे कर्ज वसुल करू नये., शेती, उद्योगाचे वीज बिल माफ करावे, वीज कनेक्शन तोडून नयेत, रोजगार हमीची कामाकरिता सवलत विद्यार्थ्यांची फी माफ करणे, महसूल माफ करणे, शेतकऱ्यांना रोजगार उपलब्ध करून देणे आदी उपाययोजना कराव्यात.

    शेती पिकांचे पंचनामे करण्याचा सोपस्कार न करता जिरायती पिकास सरसकट १० हजार रुपये प्रती एकरी तर फळपीकास २५ हजार रुपये प्रति एकरी मदत शासनाने मंजूर करावी. पीक कापणी प्रयोगाची अट न ठेवता पीकविमा योजनेचा लाभ विशेष बाब म्हणून मंजूर करावा. पीकविमा तत्काळ द्यावा, विहित केलेल्या तारखेनंतर महसूल विभागाचे तलाठी यांनी पीकपेरा नोंद करावी आदी मागण्यांचा समावेश आहे.

     आंचल गोयल यांनी केली ई-पिक पाहणी

    जिल्ह्यात मागील काही दिवसापासून होत असलेल्या अतिवृष्टी व सततच्या पावसामुळे बाधीत झालेल्या पिकांची १८ ऑक्टोबर रोजी जिल्हाधिकारी आंचल गोयल यांनी ई-पीक पाहणी या पथदर्शी प्रकल्पातंर्गत महाराष्ट्र शासनाने विकसित केलेल्या मोबाईल अप्लिकेशनद्वारे पिकांची नोंदी घेण्यासाठी सेलू आणि जिंतूर तालुक्यातील गावातील शेतीच्या बांधावर प्रत्यक्ष जाऊन प्रात्यक्षिक द्वारे कामकाजाची पाहणी केली. ज्या शेतकऱ्यांचे नुकसान झाले, त्या सर्वांची ई-पिक पाहणी करुन अहवाल सादर करण्याच्या सूचना संबंधितांना त्यांनी यावेळी दिल्या. तसेच शेतकऱ्यांशी संवाद साधून त्यांना ई-पिक पाहणी करण्यास प्रशासनाला सहकार्य करण्याचे आवाहन यावेळी जिल्हाधिकारी गोयल यांनी केले.