Category: India

  • कांग्रेस ने लगाई RSS की चड्डी में आग, BJP ने ऐसे किया पलटवार


    अपनी भारत जोड़ो यात्रा के बीच कांग्रेस ने एक ऐसा ट्वीट कर दिया जिस पर सियासी बवाल खड़ा हो गया। अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए पोस्ट में कांग्रेस ने आरएसएस की निक्कर में आग लगी तस्वीर शेयर कर है। कांग्रेस ने इस तस्वीर के जरिए आरएसएस-भाजपा पर निशाना साधा है। भाजपा ने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को आग लगाओ यात्रा बता दिया।

    दरअसल, कांग्रेस ने अपनी पोस्ट में लिखा कि हम देश को नफरत के माहौल से मुक्त करने और आरएसएस-भाजपा द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई को पूरा करने के लक्ष्य की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इसके बाद एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें आरएसएस की निक्कर में आग लगी हुई नज़र आ रही है और उसमें से धुआं ने निकल रहा है।

    यह तस्वीर जैसे ही पोस्ट की गई, भाजपा भड़क गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह तस्वीर भाजपा और आरएसएस को प्रतिनिधित्व करते हुए कांग्रेस ने ट्वीट किया जिसमें आग जलते हुए दिखाया है। लोगों को उकसाने के लिए कांग्रेस ने यह ट्वीट किया है। इनकी भारत जोड़ो यात्रा, आग लगाओ यात्रा है और यह पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस ने इस तरह की तस्वीर ट्वीट की हो।

    इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर भाजपा के अन्य नेता भी इसके विरोध में उतर आए। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि राजनीतिक मतभेद स्वाभाविक और समझने योग्य हैं, लेकिन राजनीतिक विरोधियों को जलाने के लिए इस तरह की मानसिकता की आवश्यकता है क्या?सभी को नकारात्मकता और नफरत की इस राजनीति की निंदा करनी चाहिए।

    वहीं भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बेंगलुरु से सांसद तेजस्वी सूर्या ने लिखा कि दिल्ली को 1984 में कांग्रेस की आग ने जला दिया। फिर 2002 में गोधरा में 59 कार सेवकों को जिंदा जला दिया गया। फिर से उन्होंने हिंसा का आह्वान दिया है। अब कांग्रेस राजनीतिक दल नहीं रह गई है। राहुल गांधी सिर्फ भारत के खिलाफ लड़ रहे हैं।

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  • दिल्ली से जयपुर का 278 KM वाला Electric Highway बनकर हुआ तैयार- 500 KM तक का सफ़र होगा सस्ता


    इलेक्ट्रिक व्हीकल नेशनल हाईवे ने 2020-2021 में पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली से आगरा तक देश के पहले 500 किमी अंतरराज्यीय इलेक्ट्रिक हाईवे के 210 किमी पहले चरण को पूरा कर लिया है। 500 किमी का यह इलेक्ट्रिक हाईवे उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान से होकर गुजरता है। साथ ही, हमारी योजना 20 चार्जिंग स्टेशन और 10 इंका डिपो बनाने की है।दिल्ली से आगरा तक 210 किमी के अंतिम तकनीकी परीक्षण के बाद, आज 278 किमी के इस वाणिज्यिक परीक्षण ने देश के पहले 500 किमी इलेक्ट्रिक हाईवे का मार्ग प्रशस्त किया।

    उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया इलेक्ट्रिक वाहन उपयोगकर्ताओं, इलेक्ट्रिक वाहन यात्री स्टेशनों, टैक्सी सेवा ऑपरेटर स्टेशनों, बुनियादी ढांचे और बैंकिंग निवेशकों, राज्य और केंद्र सरकारों सहित सभी हितधारकों के हितों की रक्षा करती है। कहा। दिल्ली से जयपुर के बीच आज से शुरू हुए इस ट्रायल में चार अहम बातों की परीक्षा होगी. प्रदूषण को कम करना महत्वपूर्ण है, इलेक्ट्रिक बसों में सीटों की लागत, प्रति दिन इलेक्ट्रिक कारों की लागत, राष्ट्रीय राजमार्ग के एक किलोमीटर को इलेक्ट्रिक हाईवे में बदलने की लागत और उस पर चलने वाली सभी इलेक्ट्रिक कारों को बचाने के अलावा। साल।

    जानकारी के अनुसार, परीक्षण के पहले चरण में इलेक्ट्रिक वाहनों को 30 मिनट के भीतर राजमार्गों पर आपातकालीन तकनीकी सहायता प्राप्त करने की अनुमति होगी, मोटर चालक 30% सस्ते वाहन खरीद सकेंगे, और चार्जिंग स्टेशनों की लागत में 3% की कमी आएगी। एक वर्ष में मूल्यह्रास होने की गारंटी। दिल्ली-आगरा और दिल्ली-जयपुर हाईवे को जल्द ही एक एचई ई-हाईवे में मिला दिया जाएगा। यह इसे सबसे लंबा इलेक्ट्रिक हाईवे बनाता है। इलेक्ट्रिक हाईवे बनने से लोगों का यात्रा करना भी सस्ता हो जाएगा। जब इलेक्ट्रिक बस और दिल्ली जयपुर की यात्रा शुरू होती है। औसतन, एक इलेक्ट्रिक कार की कीमत केवल 1 रे प्रति किमी है। उसके बाद, इलेक्ट्रिक सार्वजनिक वाहनों की लागत और किराए डीजल और पेट्रोल वाहनों की तुलना में आधे से भी कम होने की उम्मीद है।

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  • भारत में बच्चा गोद लेने के बदल गए नियम, जानिए – क्या है नया तरीका


    डेस्क : कहा जाता है कि किसी भी घर की खूबसूरती घर में खेलने वाला बच्चा होता है। हर कोई चाहता है कि उनके घर में बच्चों की किलकारियां गूंजे। कई स्थिति में बच्चों को गोद भी लिया जाता है। कई लोग किसी कारणवश बच्चे को जन्म नहीं दे पाते। ऐसे में वे गोद लेना पसंद करते हैं। भारत में इसकी प्रक्रिया काफी जटिल है। यदि कोई व्यक्ति बच्चें को गोद लेना चाहता है तो इस प्रक्रिया को पूरी करने में 3 से 4 सालों साल गुजर जाते हैं। ऐसे में कई लोग इन प्रक्रियाओं में नहीं पड़ना चाहते। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक आदेश जारी किया।

    बच्चों की देखभाल और गोद लेने से संबंधित मुद्दों पर जिला मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका बढ़ाने के लिए संशोधित कानून सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 1 सितंबर, 2022 से लागू हो गया है। इसका मतलब है कि स्थानीय अदालत के बजाय अब जिलाधिकारी (डीएम) बच्चे को गोद लेने का आदेश दे सकते हैं। दरअसल, सरकार ने पिछले साल बजट सत्र के दौरान किशोर न्याय अधिनियम संशोधन विधेयक, 2021 को संसद में पेश किया था और इसे मानसून सत्र में पारित कर दिया गया था. संसद द्वारा पारित होने के बाद, अधिनियम 1 सितंबर से राष्ट्रपति की सहमति से लागू हुआ।

    इस अधिनियम में संशोधन के बाद अब जिला मजिस्ट्रेट को गोद लेने की प्रक्रिया को पूरा करने और संकट में बच्चों के साथ सहयोग करने का अधिकार दिया गया है। इस अधिनियम के तहत बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) में सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में नियमों को फिर से परिभाषित किया गया है। इसके साथ ही बाल कल्याण समिति में कौन अपात्र है इसको लेकर भी कुछ मापदंड तय किए गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सीडब्ल्यूसी में सिर्फ सही योग्यता वाले लोगों को ही नियुक्त किया जा सके।

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  • रेल यात्रियों की तो निकल पड़ी! अब ट्रेन में खाना-पीना बिलकुल फ्री


    डेस्क : ट्रेन से यात्रा करने वाले सैकड़ों यात्रियों के लिए नदी राहत की खबर है। अब आप यदि ट्रेन से यात्रा करते हैं तो आपको खाना फ्री मिल सकता है। जी हां, अब ट्रेन के सफर में आपको खाने के लिए पैसे नहीं खर्चने होंगे। वैसे तो रेलवे की ओर से यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। पर कई बार उन सुविधाओं के बारे में अवगत नहीं होने की वजह से हम उनका फायदा नहीं उठा पाते हैं।

    ऐसे मिलेगा फ्री में खाना :

    ऐसे मिलेगा फ्री में खाना : ट्रेन में फ्री में मिलता है खाना-पानी और कोल्ड ड्रिंक, आपको मालूम होना चाहिए कि यदि आप ट्रेन से सफर करने वाले हैं तो IRCTC की तरफ से आपको फ्री खाना तो मिलेगा ही साथ ही आपको कोल्ड ड्रिंक और पानी के लिए भी कुछ खर्च नहीं करना होगा। पर ऐसा तभी होता है जब आपकी ट्रेन देर से चल रही हो। तब आईआरसीटीसी द्वारा ये भोजन आपको निशुल्क दिया जाएगा।

    उठाएं फ्री सुविधा का लुत्फ :

    उठाएं फ्री सुविधा का लुत्फ : तो अब आपको कुछ सोचने की जरूरत नहीं है। आप रेलवे द्वारा दी जा रही इस सुविधा का लुत्फ आसानी से उठा सकते हैं। ये आपके अधिकारों में से एक है। इंडियन रेलवे के नियमों के मुताबिक, ट्रेन के लेट होने पर आईआरसीटीसी की कैटरिंग पॉलिसी के तहत यात्रियों को नाश्ता और हल्‍का भोजन दिया जाता है।

    कब मिलेगी ये सुविधा?

    कब मिलेगी ये सुविधा? IRCTC के नियमों के मुताबिक, यात्रियों को मुफ्त मील की सुविधा मिलती है। पर ध्यान रहे ये सुविधा आपको तभी मिलेगी जब आपकी ट्रेन 2 घंटे या उससे ज्यादा लेट हो। यह सुविधा एक्सप्रेस ट्रेन के यात्रियों को दी जाती है। यानी कि शताब्दी, राजधानी और दुरंतो जैसी एक्सप्रेस ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए यह खबर बेहद जरूरी और काम की साबित हो सकती है।

    क्या दिया जाता है नाश्ते में :

    क्या दिया जाता है नाश्ते में : बताते चलें ट्रेन में नाश्ते में आपको चाय-कॉफी और बिस्किट भी मिलते हैं। शाम के नाश्ते की बात करें तो चाय या कॉफी और चार ब्रेड स्लाइस (ब्राउन/व्हाइट), एक बटर चिपलेट दिया जाता है। फिर दोपहर में यात्रियों को रोटी, दाल और सब्जी आदि फ्री में मिलती हैं। कई बार इसमें पूरी भी दी जाती हैं। अगर आपकी ट्रेन 2 घंटे लेट चल रही है तो 2 घंटे से अधिक की देरी पर आप नियम के अनुसार खाना मंगवा सकते हैं।

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  • रेल यात्रियों की बल्ले-बल्ले – अब ट्रेन में Free मिलेगा खाना-पानी, IRCTC ने बनाया नया प्लान..


    Indian Railway : ट्रेन से सफर करने वाले लाखों यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अगर आप भी अभी ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं तो आपको मुफ्त खाना मिलता है। हाँ… अब अगर आप ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो आपको खाने के लिए पैसे नहीं देने होंगे। रेलवे की ओर से यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं, लेकिन कई बार हमें सुविधाओं की जानकारी नहीं होती तो हम उनका फायदा नहीं उठा पाते.

    मुफ़्त भोजन और पानी और ठंडे पेय उपलब्ध हैं :

    मुफ़्त भोजन और पानी और ठंडे पेय उपलब्ध हैं : आपको बता दें कि अगर आप ट्रेन से सफर कर रहे हैं तो आपको आईआरसीटीसी की ओर से मुफ्त खाने के साथ-साथ कोल्ड ड्रिंक्स और पानी के लिए भी कोई पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है, लेकिन यह तभी होगा जब आपकी ट्रेन में देर हो जाएगी.. तुम छी से भाग रहे हो? यह भोजन आईआरसीटीसी आपको बिल्कुल मुफ्त प्रदान करता है।

    आप इस सुविधा का मुफ्त में आनंद ले सकते :

    आप इस सुविधा का मुफ्त में आनंद ले सकते : इस मामले में, आपको कुछ भी सोचने की ज़रूरत नहीं है। ऐसी रेलवे सुविधाओं का आप आसानी से आनंद ले सकते हैं। यह आपका अधिकार है। भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार, ट्रेन में देरी की स्थिति में यात्रियों को आईआरसीटीसी खानपान नीति के तहत नाश्ता और हल्का भोजन प्रदान किया जाता है।

    यह सुविधा कब उपलब्ध होगी :

    यह सुविधा कब उपलब्ध होगी : यात्रियों को आईआरसीटीसी के नियमों के अनुसार मुफ्त मील की पेशकश की जाती है। मान लीजिए कि यह सुविधा तब आपको दी जाती है। जब आपकी ट्रेन 2 घंटे या उससे ज्यादा लेट हो जाती है। एक्सप्रेस ट्रेन के यात्रियों के लिए यह सुविधा दी गई है। दूसरे शब्दों में, शताब्दी, राजधानी और दुरंतो जैसी एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह खबर बहुत उपयोगी साबित हो सकती है।

    ट्रेन में नाश्ते के लिए क्या मिलता है :

    ट्रेन में नाश्ते के लिए क्या मिलता है : यह भी उल्लेखनीय है कि ट्रेन में नाश्ते में चाय, कॉफी और बिस्कुट शामिल हैं। बटर चिपोटल की बात करते हुए शाम का नाश्ता, चाय या कॉफी और ब्रेड के चार स्लाइस (ब्राउन/व्हाइट) परोसे जाते हैं। इसके अलावा दोपहर में यात्रियों को मुफ्त में रोटी, दाल और सब्जियां मिलती हैं। कभी-कभी उन्हें पूरा दिया जाता है। अगर आपकी ट्रेन 2 घंटे लेट चल रही है तो 2 घंटे से ज्यादा लेट होने पर आप नियमानुसार खाना ऑर्डर कर सकते हैं.

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  • आदमियों का शौक़ीन था दिल्ली की कुर्सी पर राज करने वाला अलाउद्दीन खिलजी, 1000 दीनार में खरीद लेता किसी को भी


    डेस्क : इतिहासकार चित्तौड़गढ़ की रानी पद्मावती को लेकर अलग-अलग अलग-अलग बातें कहते हैं। कोई कहता है कि ‘पद्मावती’ नाम की कोई रानी थी ही नहीं थी तो वहीं कोई कहता है कि ये केवल कोरी कल्पना है। हालांकि मशहूर कवि मलिक मोहम्मद जायसी की किताब ‘पद्मावत’ में पद्मावती का जिक्र जरुर मिलता है। लेकिन अल्लाउद्दीन खिलजी की एक प्रेम कहानी ऐसी है, इतिहासकारों को जिसे लेकर कोई शक नहीं है।

    ये कहानी है खिलजी के ही एक गुलाम मलिक काफूर (किन्नर) के साथ प्यार की। दिल्ली सल्तनत के उस दौर के प्रमुख विचारक और लेखक जियाउद्दीन बरनी ने जिसका जिक्र किया था। अपनी मशहूर किताब “तारीख-ए-फिरोजशाही” में बरनी ने खिलजी और काफूर के प्यार का खुला जिक्र है। अपने चाचा को मारकर 1296 ईस्वीं में दिल्ली सल्तनत का दूसरा सुल्तान बनने वाले अलाउद्दीन खिलजी के बारे में इतिहास की किताबों में दर्ज है अय्याश खिलजी और मलिक काफूर के बीच के रिश्ते का सच। जी हां जिस दौर में आधे से ज्यादा हिंदुस्तान पर खिलजी का शासन था, उसी दौर में खिलजी का सबसे खासमखास मलिक काफूर नाम का एक किन्नर हुआ करता था।

    ऐसा माना जाता है कि खिलजी के सिपहसालार नुसरत खान ने 1297 में गुजरात फतेह के बाद मलिक काफूर को एक हजार दीनार में खरीदा था। इसीलिए काफूर का एक नाम ‘हजार दिनारी’ भी था। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि हिन्दू परिवार में जन्मा काफूर जन्म से किन्नर था, लेकिन वहीं ज्यादातर इतिहासकार मानते हैं कि काफूर को खिलजी ने नपुंसक बनाकर उसे मुसलमान बनवाया था। बहरहाल काफूर केवल खिलजी का प्रेमी नहीं था बल्कि वो एक बहादुर योद्धा भी था। उसने खिलजी के लिए मंगोलों के साथ और दक्षिण भारत में महत्वपूर्ण युद्धों में हिस्सा लिया।

    इतिहास की किताबों में दर्ज है खलनायक सुल्तान खिलजी के नायब ने भारत में दक्षिण जमकर मार-काट मचाई और कई हिंदू राज्यों पर कब्जे के लिए लगातार आक्रमण करता गया। दक्षिण भारत के कई मंदिरों को मलिक काफूर ने नुकसान पहुंचाया। अलाउद्दीन खिलजी के भरोसेमंद मलिक काफूर ने मदुरे के पौराणिक और मशहूर मीनाक्षी मंदिर को भी तहस-नहस कर दिया था और लूट की मोटी रकम के साथ दिल्ली लौट गया था। लेखक जियाउद्दीन बरनी के मुताबिक काफूर से खिलजी को इतना प्यार था कि काफूर को उसने अपनी सल्तनत में दूसरा सबसे अहम ओहदा मलिक नायब का दिया था।

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  • LNMU में अब परीक्षा देंगे PM नरेंद्र मोदी? जारी हुआ एडमिट कार्ड, जानें – पूरा मामला..


    डेस्क : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU) ने स्नातक तृतीय खंड की परीक्षा के लिए परीक्षार्थी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) का फोटो लगा एडमिट कार्ड जारी किया है। एडमिट कार्ड एस एम जे कॉलेज मधुबनी की छात्रा गुड़िया कुमारी के नाम पर जारी किया गया है। परीक्षा केंद्र वी एस जे कॉलेज मधुबनी बनाया गया है।

    ज्योग्राफी से ऑनर्स कर रहे गुड़िया कुमारी की अंतिम वर्ष की परीक्षा 14 सितंबर से 01 अक्टूबर तक होगी। तथा रोल नंबर 203191094745 है। अपने कारनामों के लिए चर्चित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU) से जारी यह एडमिट कार्ड वायरल हो रहा है। छात्रों का कहना है कि जब देश के प्रधानमंत्री के फोटो के साथ ऐसा हो रहा है, तो आखिर छात्र कहां जाएं।

    वही, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तेघड़ा नगर इकाई अध्यक्ष अंकेश कश्यप एवम नगर मंत्री गोविंद कुमार ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कमीशन के चक्कर में अनुभवहीन नया एजेंसी को काम दिये जाने से छात्रों के भविष्य के साथ मजाक किया जा रहा है। आगे उन्होंने बताया कि यह कोई नयी बात नहीं है, एजेंसी बदले जाने के बाद छात्रों के साथ लगातार ऐसी हरकत हो रही है, जिससे परेशान छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हो जाते हैं।

    वही, विद्यार्थी परिषद् के जिला एसएफएस संयोजक रोहित राज एवम आरबीएस कॉलेज तेयाई अध्यक्ष शुभम कुमार ने कहा कि बिहार का गौरव रहा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय अब अपने कुव्यवस्था को लेकर चर्चा में है। बिहार के राज्यपाल का मजाक उड़ाया जा रहा है। इसके अलावा भी कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जिसमें एडमिट कार्ड में भारी गड़बड़ी है, आरसीएस कॉलेज मंझौल के चंदन कुमार के एक विषय की परीक्षा तिथि 16 सितंबर 2024 दी गयी है, तो एसबीएसएस कॉलेज बेगूसराय के छात्र प्रिंस कुमार के एक विषय की परीक्षा की तिथि 24 सितंबर 2026 दी गयी है. आरबीएस कॉलेज, तेयाई के छात्र सत्यम कुमार के तीन विषय की परीक्षा इसी सितंबर माह में देगी, लेकिन एक विषय की परीक्षा एक अक्तूबर 2023 को होगा

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  • सेंट्रल विस्टा जाने वालों सरकार हुई मेहरबान, दिन रात मिलेगी ये सुविधा


    डेस्क : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम को लगभग 3 किमी लंबे कार्टाविया दर्रे का उद्घाटन करेंगे, जिसे पहले लार्ज पास के नाम से जाना जाता था। विजय चौक और इंडिया गेट, राजपथ को जोड़ने वाली सड़क अब इतिहास के पन्नो में छिप कर रह जाएगी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के मध्य में स्तिथ सेंट्रल विस्टा के एक हिस्से को देश को समर्पित करने की योजना बना रहे हैं।

    उसके बाद शुक्रवार से जनता इसे देख सकेगी। इसी वजह से दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने भी एक बड़ा फैसला लिया है। डीएमआरसी अगले दिन शुरू होगी। एच. सेंट्रल विस्टा के उद्घाटन के बाद 9 सितंबर को, दिल्ली मेट्रो इंडिया गेट/सेंट्रल विस्टा के आगंतुकों के लिए बस सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी।

    इस सुविधा के तहत, 6 बसें बायरन रोड से नेशनल स्टेडियम सी के गेट नंबर 1 तक चलेंगी। शुरुआत में, यह सेवा आधिकारिक चैनलों के माध्यम से एक सप्ताह के लिए शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक लोगों के लिए उपलब्ध होगी।

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  • Indian Railway : टिकट में वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी फिर से रियायत, होगा बड़ा बदलाव..


    डेस्क : देश में रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों की कमी नहीं है। लोग ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं। ऐसे में रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल सीनियर सिटीजन को फिर से रेल किराए में छूट (Concessional Ticket) देने पर विचार चल रही है। इस नियम को लागू किए जाने के बाद वरिष्ठ नागरिकों और अन्य कोटा के तहत यात्रियों को टिकट पर छूट मिलेगी। हालांकि इसके नियमों में कुछ बदलाव किया जाएगा।

    हो सकता है ये बड़ा बदलाव :

    हो सकता है ये बड़ा बदलाव : मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे टिकट की कीमत में फिर से छूट देने के लिए आयु सीमा के मानदंड में बदलाव कर सकता है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार 70 साल से अधिक उम्र के लोगों को रियायती किराये की सुविधा मुहैया कराए। पहले यह सुविधा 58 साल की महिलाओं और 60 साल की उम्र पूरी कर चुके पुरुषों के लिए थी।

    इस वजह से रद्द हुई थी ये व्यवस्था :

    इस वजह से रद्द हुई थी ये व्यवस्था : दरअसल रेलवे की ओर से मार्च 2020 तक 58 साल और उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं को किराए में 50 फीसदी और 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के पुरुषों को 40 फीसदी की छूट दी जाती थी। यह छूट किसी भी श्रेणी में ट्रेन से यात्रा करने के लिए उपलब्ध थी। लेकिन कोरोना काल के बाद ट्रेनों की आवाजाही बहाल होने पर यह सुविधा बंद कर दी गई। उस वक्त रेलवे के इस फैसले की लोगों ने काफी आलोचना की थी।

    इस योजना पर रेलवे कर रहा विचार :

    इस योजना पर रेलवे कर रहा विचार : रेलवे सभी ट्रेनों में ‘प्रीमियम तत्काल’ योजना शुरू करने पर भी विचार कर रहा है। इससे अधिक राजस्व प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस नियम के लागू होने से रेलवे के लिए रियायतों का बोझ उठाना आसान हो जाएगा। फिलहाल यह योजना करीब 80 ट्रेनों में लागू है। प्रीमियम तत्काल योजना रेलवे द्वारा गतिशील किराया मूल्य निर्धारण के साथ कुछ सीटों को आरक्षित करने के लिए शुरू किया गया एक कोटा है।

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  • Indian Railways : मेड इन इंडिया से जुड़ी भारतीय रेलवे, देश में ही बनेंगे ट्रेन के पहिए


    Indian Railways : पहिया कारखाना लगाने के लिए रेलवे द्वारा टेंडर जारी किया गया है। जिसके बाद इस कारखाने में प्रति वर्ष लगभग 80,000 पहियों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही रेल पहियों का निर्यातक बनने के लिए खाका तैयार किया गया है। इस बारे में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने पहली बार रेल पहिया प्लांट लगाने के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित किया है।

    इस ‘मेक इन इंडिया’ संयंत्र में तेज रफ्तार वाली ट्रेनों और यात्री कोच के किए पहिए यानी चक्के बनेंगे। यहां बनने वाले 80,000 पहियों को प्रति वर्ष 600 करोड़ रुपये मूल्य में सुनिश्चित खरीद ली जाएगी। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब रेलवे ने पहिये के विनिर्माण के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया है।

    अभी इंडियन रेलवे को हर साल करीब दो लाख पहियों की जरूरत होती है। इस योजना के मुताबिक, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जहां एक लाख पहियों का विनिर्माण करेगी वहीं बाकी एक लाख पहिये इस नए ‘मेक इन इंडिया’ संयंत्र में बनाए जाएंगे। जिसका प्रभाव निश्चित रूप से रोजगार पर पड़ेगा।

    इस निविदा की शर्त ये है कि इस संयंत्र में को रेल पहिए बनेंगे उन्हे भी निर्यात किया जायेगा। मालूम हो यह निर्यात यूरोपीय बाजार को किया जाएगा। निविदा में यह प्रावधान भी किया गया है कि संयंत्र को 18 महीनों के भीतर स्थापित हो जाएगा।

    वर्तमान की बात करें तो रेलवे बड़े पैमाने पर यूक्रेन, जर्मनी और चेक गणराज्य से पहिये आयात करता है। पर यूक्रेन और रूस के वॉर की स्थिति के बाद से पहियों की खरीद अटक गई है। जिस कारण से रेलवे को विकल्प तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ा है। मालूम हो मैं में रेलवे द्वारा वंदे भारत ट्रेनों के लिए 39,000 पहियों की आपूर्ति का 170 करोड़ रुपये का ठेका चीन की एक कंपनी को दिया था।

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