Category: India

  • Cyrus Mistry : हादसे वाली कार का डाटा भेजा जाएगा जर्मनी, ऑटोप्सी रिपोर्ट में सामने आई ये बात, जानें


    जाने माने उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री Cyrus Mistry की मौत के बाद अब कई सवाल उठ रहे हैं. पुलिस एक-एक कर उन सवालों के जवाब की तलाश में जुट गई है. इसी कड़ी में एक सवाल उनकी कार से जुड़ा हुआ है. दरअसल, जिस मर्सिडीज कार से उनका हादसा हुआ था। उस कार की सेफ्टी फीचर्स क्या थे इसपर विचार हो रहा है. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक उनकी कार के डेटा को जर्मनी भेजा जाएगा.साथ ही बताया जा रहा है कि कंपनी से कार का पूरा डाटा तैयार करने को कहा गया है.

    आपको बता दें, हादसे के बाद जर्मन की लग्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज बेंज ने दुर्घटनाग्रस्त हुई उस कार के आंकड़े को इकट्ठा किया हैं जिसमें साइरस मिस्त्री बैठे थे और वाहन के डिवाइडर से टकराने के बाद उनकी मौत हो गई थी.पुलिस ने बताया है कि मर्सिडीज कार के आंकड़ों का विश्लेषण होगा. वहीं कार के टायर प्रेशर और ब्रेक लिक्विड की भी जांच भी होगी ताकि दुर्घटना के कारण का पता लगा सके.

    गौरतलब है कि साइरस मिस्त्री जिस कार में सवार थे वो बीते रविवार यानी 4 सितंबर को हादसे का शिकार हो गई. इस हादसे में मिस्त्री की जान चली गई थी. कार में मिस्त्री के साथ तीन और लोग मौजूद थे. लेकिन महाराष्ट्र के पालघर स्थिति सूर्या नदी के ऊपर बने पुल पर उनकी कार एक डिवाइडर से टकरा गई. इस हादसे में कार में पीछे बैठे मिस्त्री और जहांगीर की मौत हो गई थी.

    साइरस मिस्त्री और उनके दोस्त जहांगीर पंडोले को कार दुर्घटना में कई चोटें आई. ब्लंट थोरैक्स ट्रामा के कारण मौके पर ही उन दोनो की मौत हो गई थी. जेजे अस्पताल के एक चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि मिस्त्री को चोट के कारण शरीर के भीतर रक्तस्त्राव भी हुआ था. बता दें, स्त्री रोग विशेषज्ञ अनाहिता पंडोले कार चला रही थीं

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  • अब अखबार पर नहीं बिकेगा पोहा-समोसा – जारी किया गया आदेश..


    डेस्क : पोहा, समोसा, चाट जैसी अन्य खाद्य सामग्री को अब अखबार पर नहीं परोस सकेंगे। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने अखबार के कागज पर खाद्य सामग्री देने पर रोक लगा दी है। बीते सोमवार को इसका आदेश भी जारी कर दिया गया है। दुकानदारों को जागरुक करने के लिए एक हफ्ते तक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. इस अभियान के अंतर्गत दुकानदारों से इसके शपथ पत्र भी लिए जाएंगे। कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश पर ईट राइट चैलेंज 2 के तहत इसकी शुरूआत की गई है।

    मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे का कहना है कि इस अभियान से आम लोगों की ही सेहत को फायदा मिलेगा। वहीं स्ट्रीट वेंडर्स की तरफ से किये जा रहे अखबारी कागज पर भी रोक लगेगी। इस कैम्पेन के तहत ही सरकारी निजी हॉस्टल मेस का निरीक्षण कर भोजन से जुड़ी शिकायतें दूर करने के लिए भी व्यवस्था बनाई जाएगी।

    गौरतलब है कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण खाद्य पदार्थो के रख रखाव के लिए अखबार के लिफाफा के इस्तेमाल पर भी रोक लगा चुका है। अखबार की इंक को सेहत के लिए नुकसानदायक बताते हुए यह फैसला किया गया है। इसके अंतर्गत अखबार में खानपान की चीजों को परोसने या लपेटने या फिर पैक करके बेचने पर भी जेल हो सकती है, इसके साथ साथ भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा। अखबार की इंक में रसायन और मिनरल आयल समेत कई तरह के हानिकारक तत्व शामिल होते हैं। ये इंसान की सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित होते हैं। दूषित कागज के उपयोग से फैल रहाजैविक संक्रमण इसकी वजह से ज्यादातर बच्चे व बुजुर्ग पाचन रोग की समस्या से ग्रसित हो रहे हैं।

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  • कैसे होता है सैनिक स्कूल में चयन ? जानिए प्रवेश परीक्षा फीस और ये जरूरी नियम


    डेस्क : भारत में सैकड़ों युवा गर्व के साथ अपने देश की रक्षा के लिए सेना में शामिल होने का सपना देखते हैं। ऐसे में भारतीय सेना के सम्मान में सैनिक स्कूल खोले गए। यह देश के विभिन्न राज्यों में मौजूद है और इसे एक सैन्य स्कूल के रूप में जाना जाता है।इन स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन और पेशा चुनना सिखाया जाता है, क्योंकि सैकड़ों बच्चे सैन्य स्कूलों में पढ़ने का सपना देखते हैं। हालांकि, आर्मी स्कूल में प्रवेश लेना इतना आसान नहीं है क्योंकि छात्रों को विभिन्न चरणों से गुजरना पड़ता है।

    सैनिक स्कूल में प्रवेश की प्रक्रिया। सिनिक स्कूल प्रवेश प्रक्रिया : भारतीय सैन्य स्कूल में भर्ती होने के लिए, छात्रों को प्रत्येक वर्ष एनटीए द्वारा प्रशासित एक प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। यह परीक्षा फॉर्म उनके अक्टूबर से नवंबर के बीच जारी किया जाएगा और अगले जनवरी में पूरा किया जाएगा। परीक्षा फॉर्म सैनिक स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध हैं और इन्हें पूरा किया जाना चाहिए और ऑनलाइन जमा किया जाना चाहिए।

    इस फॉर्म में छात्र या उनके माता-पिता का मोबाइल फोन नंबर और ईमेल आईडी होना चाहिए। परीक्षा के बारे में एक संदेश बाद में आईआरएस द्वारा भेजा जाएगा। फॉर्म ऑनलाइन आवेदन करने के लिए, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों को 400 रुपये और सामान्य और ओबीसी वर्ग के छात्रों को 550 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। इस परीक्षा को पास करने से छात्रों को ग्रेड 6 और 9 में प्रवेश करने की अनुमति मिलती है। इस मामले में, अनिवार्य नामांकन आयु से है 10-12 से 13-15।

    इसके अलावा सैनिक स्कूलों में दाखिल छात्रों को दाखिले से पहले पिछली कक्षा पास करनी होगी। इस स्थिति में, वर्ष 6 में प्रवेश करने वाले छात्र को अपना वर्ष 5 उत्तीर्ण करना होगा, और वर्ष 9 में प्रवेश करने वाले छात्र को वर्ष 8 उत्तीर्ण करना होगा। एक बच्चे का आर्मी स्कूल में प्रवेश न केवल परीक्षा और पुस्तक ज्ञान पर आधारित होता है, बल्कि छात्र के पास इस स्कूल में पढ़ने के लिए उपयुक्त शारीरिक क्षमताएं होनी चाहिए। स्कूल में भर्ती होने वालों के स्वास्थ्य की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और अंतिम प्रवेश निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाएगा।

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  • चेक करें आखिर कौन से मेट्रो स्टेशन्स पर खुली हैं शराब की नई दुकाने


    डेस्क: राजधानी दिल्ली के आबकारी विभाग ने दिल्ली मेट्रो स्टेशन के परिसर में शराब की दुकान खोलना शुरू कर दिया है. उसके बाद और अधिक लोगों को बिक्री के लिए उपलब्ध। आबकारी कर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बादलपुर, द्वारका, करोल हे बाग, राजोली गार्डन और मुंखा जैसे बड़े परिसरों वाले मेट्रो स्टेशनों में छह से अधिक शराब की दुकानें खुल गई हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) से सरकारी कंपनियों ने दूसरे मेट्रो स्टेशनों में शराब की दुकान खोलने की अनुमति मांगी है.

    आबकारी प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा, “सबवे स्टेशन बहुत से लोगों को आकर्षित कर रहे हैं और यह शराब उत्पादों तक पहुंच सुनिश्चित करने और उनसे अधिक आय उत्पन्न करने का एक अच्छा तरीका है।”एक बड़ा कारक है। कुछ प्रमुख मेट्रो स्टेशनों में स्टोर पहले से ही खुले हैं, और अन्य जल्द ही खुलने वाले हैं। व्यावसायिक शर्तों पर बनी दुकानों को लाइसेंस दिए जाते हैं।

    दिल्ली सरकार की चार कंपनियों- दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DTTDC), दिल्ली इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DCIIDC), दिल्ली सिविल गुड्स कॉर्पोरेशन (DSSCC) और DCCWS को सितंबर तक शहर में 500 शराब स्टोर खोलने का काम सौंपा गया है। बकाया। मैंने आदेश दिया।

    अधिकारियों ने कहा कि चारों संस्थान मिलकर साल के अंत तक 200 और शराब की दुकानें खोलेंगे। डीएमआरसी की मंजूरी से खुली दुकान अधिकारी ने कहा, “वाणिज्यिक मॉल, मॉल और मॉल को छोड़कर, भीड़भाड़ के कारण मेट्रो स्टेशन बंद हैं।” डीएमआरसी की मंजूरी के बाद जल्द ही अन्य मेट्रो भवनों में दुकानें खुलने की उम्मीद है।वर्तमान में, हमने शहर में संचालित इन चार संस्थानों द्वारा संचालित 350 से अधिक शराब दुकानों को लगभग 450 लाइसेंस जारी किए हैं।

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  • Sahara India : सहारा निवेशकों की बढ़ी मुश्किलें, चेयरमैन समेत 10 लोगों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी


    सहारा इंडिया के निवेशकों की मुसीबत बढ़ती नजर आ रही है। लंबे समय से निवेशकों के पैसे अटके हुए हैं। इसी बीच बलरामपुर (उत्तर प्रदेश),में बीते दिन यानी 4 सितंबर को सहारा चेयरमैन खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। बता दे ये शिकायत अदालत के आदेश पर सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत राय और उनकी पत्नी सहित 10 लोगों के खिलाफ नगर कोतवाली में धोखाधड़ी और साजिश करने सहित विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इस बारे में पुलिस द्वारा रविवार को जानकारी भी साझा की गई है।

    इस मामले में नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार दुबे ने मीडिया को बताया कि ‘अदालत के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच की शुरू कर दी गयी है। पुलिस ने अनुसार, नगर के सिटी पैलेस निवासी आशीष राजपूत सिंह ने यहां मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में अर्जी दी थी कि सहारा इंडिया द्वारा संचालित कम्पनी के कर्मचारियों ने उन्हें धन निवेश करने को प्रेरित किया गया था। जिससे प्रभावित होकर उन्होंने 25 हजार रुपये जमा कर दिए लेकिन समय पूरा हो जाने के बाद जब अपना पैसा वापस देने को कहा तो कम्पनी के लोग आनाकानी करने लगे।’

    आपको बता दें पुलिस द्वारा बताया गया है कि सिंह द्वारा की गई शिकायत और दस्तावेजों को देखने के बाद अदालत ने सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत राय उनकी पत्नी सहित दस लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश रचने और धमकी देने सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।

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  • बाबा बागेश्वर धाम में मौजूद ये चमत्कारी बाबा का आखिर क्या है असली नाम ? सीधे हनुमान जी से लगती है अर्जी


    बागेश्वर धाम मंदिर मध्य प्रदेश राज्य के छत्तरपुर जिले में स्थित है। आप भी यदि अपनी समस्याओं की अर्जी एवं दर्शन के लिए यहां आना चाहते हैं तो छत्तरपुर की खजुराहो पन्ना रोड पर स्थित गंज नामक छोटे से कसबे से आपको सड़क यात्रा करनी होगी। गंज से बागेश्वर धाम मंदिर की दुरी महज 35 किलोमीटर है।

    लगभग 3 किलोमीटर इस सड़क मार्ग पर आगे जाने के बाद गड़ा गाँव नाम की जगह पड़ती है।आपको यहाँ गड़ा गांव में एक भव्य मंदिर हनुमान बालाजी महाराज के दर्शन होते हैं। इसी मंदिर पर यहीं मंदिर के पुजारी एवं महाराज श्री धीरेन्द्र कृष्ण जी के द्वारा लोगों की समस्याएं सुनी जाती हैं और भगवान के सामने उनकी अर्जी लगायी जाती है।

    यदि आप सड़क मार्ग से मंदिर धाम आने की सोच रहे हैं तो अपने क्षेत्र के बस अड्डे जाकर पहले यह पता जरूर कर लें की आपके यहां मध्य प्रदेश छत्तरपुर के लिए बस चलती है या नहीं।आप बस के अलावा अपनी कार से भी बागेश्वर मंदिर धाम की यात्रा कर सकते हैं।

    लेकिन यात्रा करने से पूर्व यह ज़रूर ध्यान रखें की आपके पास आल इंडिया परमिट से संबंधित दस्तावेज होने चाहिए और आपके वाहन में फ़ास्टटैग होना भी जरूरी है। फास्टटैग ना होने पर आपको टोल पार करते हुए अधिक चार्ज का भुगतान करना पड़ सकता है। वहीं यदि आप ट्रेन के द्वारा मंदिर धाम जाने की सोच रहे हैं तो दिल्ली से मध्य प्रदेश के भोपाल तक कई सारी ट्रेनों चलती हैं।

    हवाई मार्ग से यदि आप धाम मंदिर की यात्रा करने की सोच रहे हैं तो बागेश्वर धाम के सबसे नजदीक पड़ने वाले एयरपोर्ट आपको खजुराहो एयरपोर्ट की फ्लाइट टिकट बुक करानी होगी। हवाई यात्रा करने से पूर्व यह देख लें कि खजुराहो एयरपोर्ट के लिए आपके क्षेत्र के एयरपोर्ट से फ्लाइट टिकट बुक होते हैं की नहीं।

    आप वहीँ अगर दिल्ली जैसे बड़े शहर में रहते हैं तो डायरेक्ट आप दिल्ली से खजुराहो की फ्लाइट टिकट बुक कर सकते हैं। लेकिन और दूसरे शहरों से आपको खजुराहो की डायरेक्ट फलाइट ना मिले इसके लिए आप ग्वालियर एयरपोर्ट तक फ्लाइट से यात्रा कर उसके बाद खजुराहो एयरपोर्ट तक यात्रा कर सकते हैं। आप इसके बाद बस या टैक्सी अथवा कार के माध्यम से सड़क यात्रा कर बागेश्वर धाम मंदिर पहुँच सकते हैं।

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  • क्या आप जानते हैं नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़कर बनाया गया था जामा मस्जिद, कोर्ट में पेश किए साक्ष्य..


    डेस्क : अब उत्तर प्रदेश में मथुरा और काशी के बाद बदायूं की जामा मस्जिद के मालिकाना हक के लिए कोर्ट में एक वाद दाखिल किया गया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन फर्स्ट के यहां वाद दाखिल किया गया है, जिसमें नीलकंठ महादेव मंदिर जामा मस्जिद को बताया गया है। कोर्ट में इसके साक्ष्य भी प्रस्तुत किए गए हैं। इस मामले में कोर्ट ने अब अगली तारीख 15 सितंबर लगा दी है।

    बदायूं जिले सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला सोथा के जामा मस्जिद के नीलकंठ महादेव का मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। मामले को लेकर सिविल जज के यहां पर वाद दायर किया गया है जो मुकेश पटेल, हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक हैं, उन्होंने कोर्ट में कई साक्ष्य उपलब्ध कराते हुए प्रस्तुत किया है। इसमें नीलकंठ महादेव का मंदिर जामा मस्जिद को बताया गया है। अब इस केस की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट ने 15 सितंबर को तय की है। वहीं मस्जिद की इंतजामिया कमेटी को कोर्ट ने नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।

    वहीं मस्जिद और मन्दिर की मामले को लेकर एडवोकेट वेद प्रकाश साहू ने कहा कि भगवान नीलकंठ महादेव बनाम जामा मस्जिद के नाम से हमारा मुकदमा सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में दाखिल हुआ। सुनवाई की तिथि 15 सितंबर लगाई गई है। वहीं सूचना और जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित कराई जाने वाली पुस्तक में दिए गए इतिहास में भी इसके तथ्य के होने का तर्क रखा है। कई अन्य तथ्य देश पर आक्रमण करने वाले राजाओं के इतिहास के बारे में जानकारियों समेत प्रेषित किए हैं।

    वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील अनवर खान का कहना है कि यह कभी शिव मंदिर नही था। हमेशा से यह जामा मस्जिद है और इसका अस्तित्व नहीं है और कोई कागज दाखिल नही किया गया है। इतिहास की जानकारी याचिकाकर्ता को नहीं है। उन्होंने कहा है कि मंदिर मुगल आक्रांताओं ने तोड़ा। जबकि गुलामवंश के राजा समसुदीन एलतुतमश ने यह बनवाई है। गजेटियर दाखिल किया गया है, लेकिन गजेटियर अभी पढ़ा नही है। उसमें इतना जरूर लिखा है कि तोड़ कर मस्जिद बनाई है, लेकिन यह नहीं लिखा गया है कि यह मंदिर था। प्राइमरी आब्जेक्सन हमने कर दिया है। 15 सितंबर की तारीख लगी है।

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  • भारत में यहां बन रहा है देश का पहला Electric Highway – वाहन मालिकों को मिलेगी ये आधुनिक सुविधा


    डेस्क : हाल ही में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह घोषणा की थी कि देश का पहला E-हाईवे दिल्ली और मुंबई के बीच बनाया जाएगा। साथ ही इस हाईवे को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के साथ ही एक नये लेन पर बनाया जा सकता है। जब से यह घोषणा हुई है तब से लोग इलेक्ट्रिक हाइवे पर मिलने वाले फायदे और सुविधाओं के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहते हैं। आइये आसान भाषा में समझते हैं इस इलेक्ट्रिक हाइवे के फायदे।

    सबसे पहले हम आपको बता दें, इलेक्ट्रिक हाइवे पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होगी, जहां पूरी हाइवे पर तार को बिछाया जाएगा ताकि इस हाइवे पर बिजली की कोई भी कमी महसूस न हो। इस पर केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही चलेंगे। केंद्र सरकार इसके लिए स्वीडन की कंपनियों से बात कर रही है। पूरी तरह तैयार होने के बाद ये देश का पहला E-हाईवे होगा।

    लोगों को क्या होगा E हाइवे से फायदा

    लोगों को क्या होगा E हाइवे से फायदा

    बैटरी स्वापिंग की पॉलिसी लागू होने के बार जगह-जगह बैटरी चेंज करने वाली मशीन की भी सुविधा भी उपलब्ध होगी। E हाइवे पूरी तरह से ईको फ्रेंडली साबित होगा, क्योंकि इलेक्ट्रिक गाड़ियां डीजल-पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में पर्यावरण के लिए बेहद कम हानिकारक होती हैं। यह इलेक्ट्रिक हाइवे नॉर्मल हाइवे से थोड़ा एडवांस हाइवे है, जिस पर इलेक्ट्रिक व्हील यूजर्स के लिए कई जरूरी सुविधाएं भी दी गई हैं। इस हाइवे पर चार्जिंग प्वाइंट्स, चार्जिंग स्टेशंस, खराब EV गाड़ियों को बैकअप देने की सुविधा, पूरे रास्ते में इंटरनेट की व्यवस्था आदि भी शामिल है।

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  • बेकार नहीं जायेगा Twin Tower का मलबा, ये कंपनी करेगी रीसाइकल..


    डेस्क : करीब 103 मीटर ऊंचे गगनचुंबी इमारत Twin Tower को गिरे हुए अब एक हफ्ता हो गया है। इस विध्वंश से करीब हजारों टन मलबा निकला है और वहीं जमा है। पर यह मलबा बेकार नहीं जाएगा। इसे हटाने और इसे रिसाइकल करने का काम वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी रि-सस्टेनेबिलिटी (Re Sustainability) करेगी। मालूम हो ये Twin Tower के मलबे को ये कंपनी इस्तेमाल इको फ्रेंडली तरीके से नये मकान, पब्लिक पार्क और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े अन्य कामों में करेगी।

    पर्यावरण सेवाएं एवं अवसंरचना समाधान देने वाली कंपनी रि-सस्टेनेबिलिटी ने Twin Tower के बारे में बताया कि “सुपरटेक के ध्वस्त किये गए ट्विन टावरों के कचरे में से 30,000 टन कचरे का पुनर्चक्रण (रि-साइकिल) वह अगले सप्ताह से शुरू कर सकती है। सुपरटेक के ट्विन टावरों के विध्वंस से उत्पन्न कचरे को अगले तीन महीनों में रि-साइकिल करने के लिए नोएडा प्राधिकरण से ठेका मिला है। कचरे को निर्माण सामग्री में बदला जाएगा।”

    टावर गिरने से कुल 80,000 टन का मलबा निकला है। 28 अगस्त को 103 मीटर ऊंचे Twin Tower को ध्वस्त किया गया था। इन्हें ध्वस्त करने में 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल को टॉवर के विभिन्न जगहों पर लगाया गया था। साथ ही उन्हें ध्वस्त करने में करीब 20 करोड़ रुपए भी खर्च हुए थे। रि-सस्टेनेबिलिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मसूद मलिक ने मीडिया को बताया था कि, “हमें 30,000 टन कचरे को रेत, एग्रीगेटर और टाइल जैसी निर्माण सामग्री में बदलने का काम मिला है। कंपनी अगले सप्ताह से पुनर्चक्रण का काम शुरू कर सकती है और इस प्रक्रिया को पूरा करने में तीन महीने का समय लगेगा।

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  • Tata के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री खरबपति परिवार से रखते थे ताल्लुक, जानें – उनके पर्सनल डिटेल्स..


    डेस्क : देश के जाने माने टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का 54 वर्ष की आयु में एक भयानक सड़क हादसे में निधन हो गया है। ये हादसा मुंबई के पालघर में हुआ है। और ये इतना भयानक हादसा था कि उसी दौरान उनकी मृत्यु हो गई। साल 2012 में साइरस मिस्त्री टाटा ग्रुप के छठे चेयरमैन के रूप में कार्यरत हुए थे। मिस्त्री को खुद रतन टाटा ने टाटा ग्रुप का चेयरमैन पद सौंपा था। पर आज भयावह एक्सीडेंट की वजह से वो हमारे बीच नहीं रहे। उनके असमय निधन को बिज़नेस सेक्टर के लिए काफी बड़ी हानि बताया जा रहा है।

    खरबपति परिवार से जुड़ा है नाम :

    खरबपति परिवार से जुड़ा है नाम : साइरस मिस्त्री का नाम किसी सामान्य परिवार से जुड़ा नहीं था। वह भारतीय मूल के चर्चित खरबपति पलोनजी शापूरजी मिस्‍त्री के सबसे छोटे बेटे हैं। पलोनजी मिस्‍त्री ने आयरिश महिला से शादी की जिसके बाद वो आयरलैंड के नागरिक हो गए। यही कारण रहा कि पलोनजी शापूरजी के बेटे साइरस मिस्‍त्री का जन्‍म भी आयरलैंड में हुआ है।

    परिवार की सूची :

    परिवार की सूची : पलोनजी शापूरजी के दो बेटे और दो बेटियां हैं- शापूर और साइरस मिस्‍त्री, लैला और अल्‍लू हैं। पलोनजी शापूरजी की बेटी अल्‍लू की शादी नोएल टाटा से हुई है, जो रतन टाटा के ही सौतेले भाई हैं। इस बात से साफ है की टाटा परिवार के साइरस मिस्‍त्री ने पारिवारिक संबंध हैं।

    ये है कारोबार :

    ये है कारोबार : 90 साल के पालोनजी मिस्त्री का भारतीय मूल के सबसे सफल और ताकतवर कारोबारी में आते हैं। इनके नियंत्रण में एक ऐसा कंस्ट्रक्शन साम्राज्‍य है जो भारत, पश्चिम एशिया और अफ्रीका तक फैला हुआ है। अपने बेटों के साथ मिलकर उनकी टाटा संस में भी 18.5 फीसदी हिस्सेदारी है।

    आपको बता दें पलोनजी मिस्‍त्री ग्रुप का बिजनेस कपड़े, रियल एस्टेट, हॉस्पिटेलिटी बिजनेस ऑटोमेशन में फैला हुआ है। एसपीजी समूह (SPG Group) में शापूरजी पालोनजी इंजीनियरिंग ऐंड कंस्ट्रक्शन, एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, फोर्ब्स टेक्सटाइल्स, गोकक टेक्सटाइल्स, यूरेका फोर्ब्स, फोर्ब्स एंड कंपनी, एसपी कंस्ट्रक्शन मटीरियल ग्रुप, एसपी रियल एस्टेट और नेक्स्ट जेन जैसी कई कंपनियों का समूह है। संपत्ति की बात करें तो पलोनजी मिस्‍त्री के पास 15.7 बिलियन डॉलर संपत्ति का अनुमान लगाया गया है।

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