Category: India

  • Indian Railway : अब रिजर्वेशन चार्ट बनने के बाद टिकट रद्द कराने पर भी मिलेगा रिफंड? ये है पूरा प्रोसेस..


    Indian Railway : प्रतिदिन देश में लाखों करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं।लंबी दूरी का सफर जिन्हें तय करना होता है उन्हें पहले से रिजर्वेशन कराना पड़ता है। रेलवे ने बीते कई सालों में अपने नियमों में कई बदलाव किए हैं। तो ऐसे में कई नई जानकारियां रखना बेहद जरूरी है। कई बार ऐसा भी होता है कि किसी आपात स्थिति की वजह से आपको रिजर्वेशन चार्ट तैयार होने के बाद भी टिकट रद्द कराना पड़ता है। लेकिन क्या उस स्थिति में आपको रिफंड मिलेगा? तो चलिए आपको बताएं रेलवे की नई अपडेट।

    भारतीय रेलवे का कहना है कि यदि चार्ट बनने के बाद आपको अपना टिकट किसी भी कारणवश कैंसिल करना है तो भी रिफंड का क्लेम किया जा सकता है। इस बारे में IRCTC ने आधिकारिक हैंडल से एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें बताया गया कि बिना यात्रा किए रेलवे टिकटों पर रिफंड देता है। अपना पैसा वापस पाने के लिए यात्री को डिपॉजिट रसीद (टीडीआर) ऑनलाइन जमा कराना होता है।

    ऐसे फाइल करें TDR

    ऐसे फाइल करें TDR

    असली डॉक्यूमेंट्स देने होंगे

    असली डॉक्यूमेंट्स देने होंगे
    ऑनलाइन TDR फाइल करने के बाद आपको इस पते पर ओरिजनल दस्तावेज भेजने होंगे। पता है- GGM IT, Indian Railway Catering and Tourism Corporation Ltd. 1st Floor, Internet Ticketing Centre IRCA Building, State Entry Road, New Delhi-110055

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  • देश में यहां धरती उगलती है तांबा, बिछी हैं भूमिगत रेल पटरियां…


    डेस्क : तांबे के उत्पादन में झुंझुनूं जिला राजस्थान में नंबर वन है। यहां की धरती तांबे उगलती है। हर दिन बड़ी मात्रा में ताम्बा निकाला भी जा रहा है। खेतड़ी ने कभी भारत को तांबे में आत्मनिर्भर बना दिया था। वर्तमान में यहां की जमीन से करीब 370 मीटर नीचे तक खनन हो रहा है।

    जहां भूमिगत रेल पटरियां बिछी हुयी हैं। KCC में अब माइनिंग व कंस्ट्रक्टर प्लांट को छोड़कर बाकी के प्लांट अन्य जगहों पर स्थानांतरित कर दिए हैं। अब यहां रॉ मटेरियल निकलता है। उसे ट्रकों में भरकर अलग-अलग जगह रिफाइनरियों में भेज भी दिया जाता है।

    हिस्ट्री :

    हिस्ट्री : साल 1975 से पहले रूस, चीन व अन्य देशों से भारत तांबा मंगवाता था, तब खेतडीनगर में तांबे के स्मेल्टर प्लांट की स्थापना भी हुई। हर माह यहां औसत साढ़े 3 हजार टन शुद्ध तांबे की सिल्लियां तैयार हो जाती थीं। यह सिलसिला 23 नवम्बर वर्ष 2008 तक चला। तांबे में भारत अब आत्मनिर्भर होने लगा। तांबे की खोज यहां साल 1960 से पहले से हो रही थी। तब यहां की खानें जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के ही अधीन थीं।

    हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) की स्थापना के बाद 9 नवंबर 1967 को खानें HCL के अधीन आ गईं। तब तांबे का खनन तेज हुआ। HCL की यूनिट खेतड़ी कॉपर कॉम्पलेक्स (KCC) की स्थापना हुई। 5 फरवरी 1975 से तांबे का उत्पादन शुरू कर दिया गया। इस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यहां आईं हुई थीं। उन्होंने ये प्लांट देश को समर्पित किया था। तब हर माह करीब साढ़े 3 हजार टन शुद्ध तांबे का उत्पादन होता था। करीब 11 हजार नियमित कर्मचारी-अधिकारी कार्यरत भी थे।

    यहां हैं ताम्बे के प्रचुर भंडार :

    यहां हैं ताम्बे के प्रचुर भंडार : खेतड़ीनगर, कोलिहान, सिंघाना, खेतड़ी, बनवास, चांदमारी, धानी बासरी, बनीवाला की ढाणी, ढोलामाला, अकवाली, पचेरी, रघुनाथगढ़, माकड़ो, बागेश्वर, खरखड़ा, श्यामपुरा भिटेरा, जसरापुर, और मुरादपुर व भोदन इश्कपुरा जैसे इलाके। कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि यहां अगले 100 साल तक के लिए तांबे के भंडार हैं। नई तकनीक से खुदाई की जाए तथा नई तकनीक के प्लांट भी लगाए जाएं, तो ये धरती फिर से ताम्बे के भंडार भर सकती है। वर्तमान में कोलिहान व बनवास खान से तांबे का खनन हो अत्यधिक हो रहा हैं।

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  • रेलवे यात्रियों को तोहफा – अब ट्रेन में सफर के लिए नहीं चाहिए टिकट! जानिए – कैसे?


    Indian Railway : रेलवे में यात्रा करना लोगों की पहली पसंद होती है। ये अपने यत्रियों को कम पैसे में गंतव्य तक पहुंचाने में सक्षम है। वहीं यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे हमेशा लगा रहता है। ऐसे में यात्रियों के लिए एक बेहतरीन सुविधा शुरू की जा रही है। इसके तहत यदि आप बिना टिकेट के ट्रेन में चढ़े हैं और टीटीई फाइन लगा दे तो डिजीटल पेमेंट के जरिए आप पेनाल्टी भर सकते है। आइए जानते हैं कि बिना टिकेट कैसे कर सकेंगे यात्रा।

    दरअसल, कई बार ऐसा देखा जाता है कि अचानक से कई जाना पड़ता है। ऐसे में टिकट न बना हो तो मुश्किलें बढ़ जाती है। लेकिन इसको लेकर रेलवे ने एक नया कदम उठाया है। अब यात्री केवल प्लेटफार्म टिकट ले कर ट्रेन में चढ़ सकते है। उन्हे कोई नहीं रोकेगा। बस यात्री को निर्भीक हो कर टीटीई के पास कर अपने गंतव्य तक के लिए टिकट बनवा लेना होगा।

    टीटीई से टिकट बनवाते समय यदि वे फाइन काटने या टिकट के पैसे भूगतान करते समय आप डेबिट कार्ड से भी पेमेंट कर सकते हैं। फिलहाल रेलवे अधिकारियों के पास जो POS मशीन है उसमें 2G सिम है। इस कारण से कई क्षेत्रों में नेटरोक इश्यू रहती है। वहीं अब इसमें 4G सिम डाले जाएंगे। ऐसे में यात्रियों को भूगतान करने में सुविधा महसूस होगी। इसके अलावा अब यात्रियों को टिकट न रहने की स्थिति में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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  • देश की पहली Bullet Train को लेकर रेल मंत्री ने दिया बड़ा अपडेट, जानें – किस रूट पर दौड़ेगी गाड़ी..


    डेस्क : देश में बुलेट ट्रेन को लेकर काफी तेजी से तैयारियां भी चल रही हैं. बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को लेकर रेलवे की तरफ से समय-समय पर खास अपडेट भी दिए जाते हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्रीमोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बुलेट ट्रेन (Bullet Train Project) को लेकर के सर्वे किया जा रहा है.

    किस रूट से होकर गुजरेगी बुलेट ट्रेन :

    किस रूट से होकर गुजरेगी बुलेट ट्रेन : आपको बता दें कि वाराणसी के अलावा ये बुलेट ट्रेन ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, आगरा और प्रयागराज के बीच से होकर गुजरेगी. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बताया है कि बुलेट ट्रेन को लेकर काम जोरों से काम चल रहा है. हाई स्पीड ट्रेन रेल कॉरिडोर के कई खास स्टेशनों से होकर भी गुजरेगी.

    काफी खास है यह प्रोजेक्ट :

    काफी खास है यह प्रोजेक्ट : मुंबई और अहमदाबाद के बीच पहली बुलेट ट्रेन (Bullet Train) प्रोजेक्ट को लेकर रेल मंत्री वैष्णव ने बताया है कि यह एक काफी खास प्रोजेक्ट है और इसके जरिए काफी नई चीजें सीखी जा रही हैं. देशभर में बुलेट ट्रेन कॉरिडोर भी बनाए जाएंगे.

    350 करोड़ रुपये हुए खर्च :

    350 करोड़ रुपये हुए खर्च : अश्विनी वैष्णव इस प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने के लिए वाराणसी गए हुए थे. यहां पर इस प्रोजेक्ट के आगे बढ़ाने और उसके विकास के लिए करीब 350 करोड़ रुपये खर्च किए गए. रेल मंत्री ने कहा कि इसका डिजाइन काशी की धार्मिक छवि को ध्यान में रखकर बनाया भी जाएगा.

    उन्होंने कहा कि काशी स्टेशन को हवाई और जल मार्ग से जोड़ने की भी तैयारी चल रही है और इसके डिजाइन पर काम किया जा रहा है. अश्वनी वैष्णव ने कहा कि एक बार डिजाइन को अंतिम रूप देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी से काम भी शुरू हो जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा में वाराणसी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. राजघाट पुल के निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गंगा पर चार रेलवे ट्रैक और 6 लेन का हाईवे वाला नया पुल भी बनाया जाएगा. यह कहते हुए कि रेलवे एक दिन में 12 KM की दर से ट्रैक बिछा रहा है, रेलवे मंत्री ने कहा कि जब नई पटरियां बिछाई जाएंगी तो नई ट्रेनें भी चलाई जाएंगी.

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  • Indian Railway : अब बिना टिकट ट्रेन में करें सफर, नहीं रोकेगा TT..


    Indian Railway : अगर आप भी ट्रेन से सफर करने वाले हैं और आपको टिकट नहीं मिल रहा है? अब आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. अगर आपको कभी अचानक यात्रा करना भी पड़ जाए और आपके पास टिकट नहीं हो तो अब आप बिना रिजर्वेशन (Reservation Rules) भी इसमें यात्रा कर सकते हैं.

    पहले ऐसी स्थिति में बस तत्काल टिकट (Tatkal Ticket Booking Rules) का ही एक विकल्प था. लेकिन उसमें भी अगर टिकट मिल जाए, तो ये जरूरी नहीं है. ऐसे में आपको रेलवे का एक खास नियम जानना बेहद जरूरी है. इस सुविधा के तहत अब आप बिना रिजर्वेशन के भी यात्रा कर सकते हैं.

    प्लेटफॉर्म टिकट पर ट्रेवेल :

    प्लेटफॉर्म टिकट पर ट्रेवेल : रेलवे के एक नियम के अनुसार, अगर आपके पास रिजर्वेशन नहीं है और आपको ट्रेन से कहीं जाना है तो आप सिर्फ प्लेटफॉर्म टिकट (Platform Ticket Rules) को लेकर ट्रेन में चढ़ सकते हैं. आप बेहद आसानी से टिकट चेकर के पास जाकर टिकट बनवा सकते हैं. यह नियम (Indian Railways Rules) रेलवे ने ही बनाया हुआ है. इसके लिए आपको प्लेटफॉर्म टिकट लेकर तुरंत ही TTE से संपर्क करना होगा. फिर TTE आपके गन्तव्य स्थल तक की पूरी टिकट बनाएगा. इतना ही नहीं आप रेलवे TTE को कार्ड पेमेंट भी कर सकते हैं.

    सीट खाली न होने पर भी है विकल्प :

    सीट खाली न होने पर भी है विकल्प : ट्रेन में अगर सीट खाली नहीं होने पर TTE आपको रिजर्व सीट देने से मना कर सकता है. लेकिन, यात्रा करने से बिल्कुल नहीं रोक सकता. अगर आपके पास रिजर्वेशन नहीं है ऐसी स्थिति में यात्री से 250 रुपए पेनाल्टी चार्ज के साथ आप यात्रा का कुल किराया देकर अपना टिकट बनवा लें. रेलवे का यह जरूरी नियम जो आपको जरूर जानना चाहिए.

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  • सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलता रहेगा 10% आरक्षण – सुप्रीम कोर्ट का बडा फैसला..


    डेस्क : सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग EWS के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाले 103वें संवैधानिक संशोधन को बरकरार रखने का फैसला किया है. आपको बता दें कि ये अनारक्षित कैटेगरी से अलग कैटेगरी है. सुप्रीम कोर्ट ने 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के फैसले को आज सही ठहराया है. 5 न्यायाधीशों में से 3 ने EWS आरक्षण के सरकार के फैसले को संवैधानिक ढांचे का उल्लंघन न मानते हुए ये फैसला दिया.

    इसका मतलब ये हुआ है कि EWS कैटेगरी के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण मिलना अब जारी रहेगा. CJI मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS आरक्षण के खिलाफ फैसला सुनाया है. हालांकि इसके अलावा जस्टिव दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने इस 10 फीसदी आरक्षण के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है.

    सुप्रीम कोर्ट में दी गयी थी चुनौती :

    सुप्रीम कोर्ट में दी गयी थी चुनौती : आपको बता दें कि सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. 3 वर्ष पहले जनवरी 2019 में संविधान संशोधन के तहत शिक्षा और नौकरी में EWS आरक्षण को लागू किया गया था, जिसके बाद तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK समेत कई अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ चुनौती दायर की थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की डिविजनल बेंच ने इस पर अपना फैसला आज सुनाया है. इस बेंच में CJI मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित भी शामिल थे.

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  • आखिर पराली जलाकर क्‍यों फैला रहे प्रदूषण ? अब सरकार की मदद से होगी लाखों में कमाई..


    डेस्क : पराली जलाने की घटनाएं फिर से बढ़ने लगी हैं और दिल्‍ली सहित आसपास के शहरों का दम भी घुट रहा है. सुप्रीम कोर्ट और सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद न तो पराली जलने की घटनाओं पर लगाम लग रही है और न ही प्रदूषण घटने का नाम ही ले रहा है. हालांकि, अगर आप पराली जलाने के बजाए उसका प्रबंधन और मोनेटाइजेशन करना चाहते हैं तो सरकार की मदद से सालाना 20 लाख रुपये तक कमाई भी कर सकते हैं.

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने हाल में ही एक रिपोर्ट जारी कर बताया था कि पराली जलाने की घटनाएं अब करीब 13 फीसदी बढ़ गई हैं और दिल्‍ली-NCR में हवा जहरीली हो गई है. ICR का कहना है कि देश में पराली बड़ी समस्‍या बन गया है. हर साल करीब 700 मीट्रिक टन एग्रीकल्‍चर वेस्‍ट भी निकलता है, जिसमें से अभी सिर्फ 0.03 फीसदी का वेस्‍ट का ही इस्‍तेमाल हो पा रहा है.

    इससे पता चलता है क‍ि यह समस्‍या कितनी बड़ी है और इसमें अवसर भी कितना ज्‍यादा है. पंजाब और हरियाणा में ही हर साल लगभग 2 करोड़ टन से ज्यादा धान की पराली पैदा होती है. इसमें से लगभग 64 लाख टन का प्रबंधन नहीं हो पाता है और इसे आग भी लगा दी जाती है.

    कहां करें इसकी supply :

    कहां करें इसकी supply : यह बात तो लगभग सभी को पता है कि देश में बिजली की ज्‍यादातर मांग अभी कोयले के जरिये ही पूरी की जाती है. एक तो इसका उत्‍पादन करना कठिन होता है, दूसरे कि इससे भी प्रदूषण फैलता ही है. ऐसे में सरकार ने बिजली संयंत्रों से पराली का इस्‍तेमाल जैव कोयले के रूप में करने का सुझाव भी दिया है. इतना ही नहीं सरकार ने तो कोयला संयंत्रों में 5 फीसदी बायो वेस्‍ट इस्‍तेमाल करना जरूरी भी बना दिया गया है.

    सरकार की मदत से बनाएं संयंत्र :

    सरकार की मदत से बनाएं संयंत्र : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने पिछले दिनों यह कहा था कि सरकार टॉरफेक्‍शन और पेलेटाइजेशन संयंत्र स्‍थापित करने में मदद कर रही है. इसके जरिये न ही सिर्फ पराली की समस्‍या को दूर किया जा सकता है, बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ायी जा सकती है. इस प्‍लांट में फसल के अवेशेषों को जैव कोयले में बदला भी जाता है और इसे लगाने में सरकार मदद भी करेगी

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  • महज 5 घंटे में Patna से पहुंचेंगे New Delhi – 200 Km की रफ्तार से दौड़ेगी नई Vande Bharat Express..


    डेस्क : देश में इस समय 3 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं. वंदे भारत एक्सप्रेस गांधीनगर और मुंबई के बीच चलने वाली ये तीसरी ट्रेन है. इस श्रेणी की पहली ट्रेन नई दिल्ली-वाराणसी रूट पर भी चलाई गई, जबकि ट्रेन दूसरी नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा रूट पर चल रही है. वंदे भारत ट्रेन की रफ्तार 180 KMPH बताई जा रही है.

    कहा जाता है कि यह ट्रेन 200 Km की रफ्तार से भी जा सकती है. गति और आरामदायक यात्रा के मामले में यह ट्रेन कितनी ताकतवर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया भी जा सकता है कि तीसरी यानि नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन ने ट्रायल के दौरान महज 52 सेकेंड में 100 Kmph की रफ्तार पकड़ ली. और बुलेट ट्रेन का रिकॉर्ड टूट गया.

    आपको बता दें कि बुलेट ट्रेन इस रफ्तार को हासिल करने में कुल 54.6 सेकेंड का समय लेती है. कई रिपोर्ट्स में ये अंदाजा लगाया जा रहा कि अगले साल तक बिहार में भी यह ट्रेन दौड़ सकती है. दरअसल, इंडियन रेलवे की अगले साल 15 अगस्त तक 75 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बनाने की योजना और यही वजह है कि कयास लगाया जा रह है की नई दिल्ली से पटना के बीच वंदे भारत ट्रेन दौड़ेगी.

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  • Electricity Subsidy: फ्री बिजली आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई गई, जानिए कैसे करें अप्लाई


    अगर आप मुफ्त बिजली की आपूर्ति प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको आवेदन करना होगा। दिल्ली सरकार ने मुफ्त बिजली के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 15 दिन बढ़ा दी है। दिल्ली में नागरिकों को मुफ्त बिजली या सब्सिडी के साथ बिजली की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को निर्धारित समय के भीतर आवेदन करना होगा।

    दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ‘दिल्ली फ्री बिजली योजना’ चला रही है। इसके तहत 200 यूनिट बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली की आपूर्ति की जाती है। वहीं, 201 से 400 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करने वालों को बिल में 50 फीसदी की छूट दी जाती है। यह योजना दिल्ली में 30 सितंबर 2022 तक लागू थी लेकिन, इसे आगे बढ़ा दिया गया है।

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि कुछ लोग ‘दिल्ली फ्री बिजली योजना’ के तहत मुफ्त बिजली नहीं लेना चाहते हैं। इसलिए अब दिल्ली में उन्हीं लोगों को सब्सिडी वाली बिजली मिलेगी जो इसके लिए आवेदन करेंगे। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता योजना का लाभ लेने के लिए 15 नवंबर 2022 तक आवेदन करें।

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लगभग 35 लाख परिवारों ने सब्सिडी के साथ बिजली आपूर्ति का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है, जबकि अब बड़ी संख्या में लोग आवेदन कर रहे हैं। आवेदकों को सुविधा देते हुए अंतिम तिथि 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 15 नवंबर 2022 कर दी गई है।

    आवेदन कैसे करें :

    आवेदन कैसे करें : उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी लेने के लिए ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन तरीके भी बताए गए हैं। पहली विधि के अनुसार बिजली बिल के साथ एक फॉर्म आएगा। फॉर्म भरकर बिजली कार्यालय में जमा करें, जिसके बाद मुफ्त बिजली मिलती रहेगी।

    दूसरी विधि के तहत आपको सरकार द्वारा जारी मोबाइल नंबर 70113111111 पर एक मिस्ड कॉल देनी होगी, जिसके बाद आपके व्हाट्सएप नंबर पर एक फॉर्म आएगा और उसमें मांगी गई जानकारी भरकर आपको वापस भेजना होगा। इसके बाद 3 दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन हो जाएगा और संबंधित उपभोक्ता को मुफ्त बिजली मिलती रहेगी।

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  • बिजली बिल के नाम पर हो रही है ठगी- एक गलती से लोगों का बैंक अकाउंट हो रहा है खाली


    अगर आप अपने बिजली बिल का ऑनलाइन भुगतान करते हैं, तो आपको पहले से कहीं ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। बाजार में बिजली बिल के नाम पर ठगी का नया तरीका सामने आया है। दरअसल जालसाज बिजली बिल भरने के नाम पर बिजली उपभोक्ताओं को मैसेज कर अपना शिकार बना लेते हैं। इस बिजली बिल घोटाले से बचने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने ग्राहकों से सावधान रहने को कहा है। साथ ही चेतावनी दी कि किसी भी तरह के बिजली बिल भुगतान के नाम पर आने वाले मैसेज पर कॉल बैक या लिंक पर क्लिक न करें।

    बिजली बिल घोटाला करने वाले जालसाज बड़ी चतुराई से बिजली बिल उपभोक्ता के फोन नंबर या वाट्सएप नंबर पर मैसेज करते हैं। मैसेज में लिखा है कि ग्राहक आज रात से आपकी बिजली काट देगा। क्योंकि आपने पिछले महीने के बिल का भुगतान नहीं किया है। कृपया इस नंबर पर तुरंत संपर्क करें। जिस पर ग्राहक कॉल बैक करते हैं। जिसके बाद जालसाज बकाया बिजली बिल के भुगतान के नाम पर उपभोक्ता से उसके बैंक खाते की जानकारी लेता है। जिसके बाद उपभोक्ता के खाते में सारा पैसा गायब होकर बिजली बिल गायब हो जाता है।

    बिल धोखाधड़ी से कैसे बचें :

    बिल धोखाधड़ी से कैसे बचें : SBI ने बिजली बिल घोटाले से बचने का सबसे आसान तरीका सुझाया है। सबसे पहले आपको प्राप्त संदेश को ध्यान से पढ़ना चाहिए। उसके बाद उस नंबर की पहचान करें जिससे यह मैसेज आया है। अगर वह नंबर किसी जालसाज का है तो वह किसी पर्सनल नंबर से आया होगा। जबकि मूल बिल भुगतान संदेश आधिकारिक नंबर से आता है।

    दूसरा तरीका यह है कि जालसाज तुरंत बिजली बिल का भुगतान करने के लिए कहते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो वे आप में दहशत पैदा करते हैं कि आपके घर की बिजली कट जाएगी। ताकि आप जल्द से जल्द भुगतान प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें। ताकि जालसाज ठगी को अंजाम दे सके। तीसरा तरीका है व्हाट्सएप और फोन एसएमएस के जरिए मिलने वाले बिजली भुगतान संदेश को ध्यान से पढ़ना। अगर आप मैसेज को ध्यान से पढ़ेंगे तो उसमें कई ग्रामर और स्पेलिंग की गलतियां नजर आएंगी। जो उनके फर्जी मैसेज होने का एक और सबूत है।

    चौथा तरीका है किसी भी रैंडम इनकमिंग मैसेज पर भरोसा न करना। साथ ही उस मैसेज में दिए गए नंबर पर कॉल बैक न करें। अंत में, किसी भी प्रकार के बिजली बिल का भुगतान करने से पहले, आपको यह देखना चाहिए कि आप किस स्रोत का भुगतान करने जा रहे हैं।

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