Category: Karthik Singh

  • ‘सुशील मोदी को BJP ने इज्जत ही नहीं दिया’, कार्तिक सिंह के बेल रिजेक्ट होने पर CM नीतीश का बड़ा बयान

    लाइव सिटीज पटना: लगातार विवादों में चल रहे बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रहे कार्तिक सिंह की जमानत याचिका ख़ारिज हो गई है. अपहरण के मामले में दानापुर कोर्ट ने पूर्व मंत्री की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है. वहीं इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने
    बेल रिजेक्ट होने पर कार्तिक सिंह की गिरफ्तारी की मांग की है. वहीं इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार का भी बयान सामने आया है. सीएम ने कहा कि जानकारी के हिसाब से अब तक सब काम हुआ है.

    पूर्व मंत्री कार्तिक सिंह के बेल रिजेक्ट होने पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि कैबिनेट से कार्तिक सिंह का इस्तीफा कल ही हो चुका है. जानकारी के हिसाब से अब तक सब काम हुआ है. वहीं सुशील मोदी के तंज पर नीतीश कुमार ने कहा कि सुशील मोदी को BJP ने इज्जत ही नहीं दिया है. अब बयान देकर इज्जत पाने की कोशिश में हैं. सीएम ने कहा कि अगर उन्हें दिल्ली में कुछ मिल जाए तो अच्छा है. दरअसल कार्तिक सिंह के मंत्री पद से इस्तीफे पर सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार पहले ओवर में ही क्लीन बोल्ड हो गए. अभी तो कार्तिक कुमार का पहला विकेट गिरा है अभी और कई विकेट गिरेंगे. जिस पर ललन सिंह ने पलटवार किया है.

    वहीं बीपीएससी की परीक्षा पैटर्न पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि अब एक बार में ही परीक्षा का आयोजन होगा, मुझे कल ही जानकारी मिली थी, जिस पर तुरंत मीटिंग कर निर्णय लिया गया है. दरअसल बिहार सरकार ने बीपीएससी की परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है. बीपीएससी परीक्षा पूर्व की तरह एक दिन और एक ही पाली में होगी. इससे पहले परीक्षा के पैटर्न को लेकर बदलाव किया गया था, जिसके बाद छात्रों ने आंदोलन और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज के बाद खुद सीएम नीतीश कुमार ने पूरे मामले पर संज्ञान लिया था और आज मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और आयोग के चेयरमैन के साथ सीएम खुद बैठक भी की.

    बता दें कि लगातार विवादों में चल रहे बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रहे कार्तिक सिंह की जमानत याचिका ख़ारिज हो गई है. अपहरण के मामले में दानापुर कोर्ट ने पूर्व मंत्री की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है. दरअसल विवादों में घिरने के बाद कार्तिक़ सिंह को बुधवार को कानून मंत्री पद से हटाकर गन्ना विभाग दिया गया, लेकिन बिहार सरकार के मंत्री कार्तिक सिंह ने बुधवार देर शाम मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. जिसको लेकर सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार पहले ओवर में ही क्लीन बोल्ड हो गए. अभी तो कार्तिक कुमार का पहला विकेट गिरा है अभी और कई विकेट गिरेंगे. जिस पर ललन सिंह ने पलटवार किया है.

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  • बिहार के पूर्व मंत्री कार्तिक सिंह की जमानत याचिका ख़ारिज, कोर्ट से लगा बड़ा झटका, अब जाएंगे जेल?

    लाइव सिटीज पटना: लगातार विवादों में चल रहे बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रहे कार्तिक सिंह की जमानत याचिका ख़ारिज हो गई है. दानापुर कोर्ट ने पूर्व मंत्री की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है. अब उन्हें जेल जाना पड़ेगा. वारंट को लेकर विवाद और अपहरण के मामले में कार्तिक सिंह पर दर्ज मामले में गुरुवार को दानापुर कोर्ट में सुनवाई हुई. हालांकि पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह दानापुर कोर्ट नहीं पहुंचे. उनकी अनुपस्थिति में उनके वकील के द्वारा कोर्ट के सामने पक्ष रखा गया. फैसला साढ़े बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया गया था. शाम में इस मामले में फैसला आया. जिसमें कार्तिक सिंह की अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

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  • पटना: पूर्व मंत्री कार्तिक सिंह को मिलेगी सजा?, सुनवाई पूरी, बस कुछ ही समय में आएगा फैसला

    लाइव सिटीज पटना: लगातार विवादों में चल रहे बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रहे कार्तिक सिंह की गुरुवार को अपहरण के एक मामले में कोर्ट में पेशी हुई. हालांकि पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह दानापुर कोर्ट नहीं पहुंचे. उनकी अनुपस्थिति में उनके वकील के द्वारा कोर्ट के सामने पक्ष रखा गया. व्यवहार न्यायालय दानापुर पटना के ADJ 3 श्री सत्यनारायण शेवहारे के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. इस मामले में सुनवाई पूरी हो गई है और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. बताया जा रहा है कि आज शाम 4:00 से 4:30 के बीच फैसला आ सकता है. दरअसल दानापुर कोर्ट ने कार्तिक सिंह की अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए 1 सितंबर तक राहत दी थी.

    अपहरण मामले में पूर्व मंत्री कार्तिक सिंह की सुनवाई पूरी हो गई है. कार्तिक सिंह की ओर से सरकारी वकील ने अपनी बात रखने का समय मांगा. जज ने उन्हें आज शाम तक अपनी बात रखने का समय दिया है. कोर्ट ने जजमेंट सुरक्षित रखा है. सरकारी वकील की बात सुनने के बाद शाम 4:00 से 4:30 के बीच जज अपना फैसला सुनाएंगे. इससे पहले 16 अगस्त को ही कार्तिक सिंह को कोर्ट में पेश होना था. लेकिन वो बिहार में नई सरकार के गठन के बाद उसी दिन मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इस बीच दानापुर कोर्ट के 12 अगस्त की आदेश की कॉपी सामने आई, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए.

    दरअसल विवादों में घिरने के बाद कार्तिक़ सिंह को बुधवार को कानून मंत्री पद से हटाकर गन्ना विभाग दिया गया, लेकिन बिहार सरकार के मंत्री कार्तिक सिंह ने बुधवार देर शाम मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. बिहार में महागठबंधन की सरकार में कानून मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले कार्तिक कुमार ने 22 दिन बाद नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह के करीबी कार्तिक कुमार साल 2014 के अपहरण के एक मामले में आरोपी हैं. इस केस को लेकर आज दानापुर कोर्ट में सुनवाई हुई.

    बता दें कि नीतीश मंत्रिमंडल में कानून मंत्री बनते ही कार्तिक सिंह विवादों में घिर गए थे. उनके ऊपर आरोप लगा था कि उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. दरअसल 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था, इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिक सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया था. इसको लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहा था कि जिनके खिलाफ खुद गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चुका हो, उसे विधि विभाग का मंत्री कैसे बनाया जा सकता है.

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  • कार्तिक सिंह को कानून मंत्री से हटाए जाने पर बीजेपी का CM नीतीश पर हमला, कहा-जीरो टॉलरेंस की यह नई नीति है

    लाइव सिटीज पटना: नीतीश सरकार ने वारंट के विवादों में चल रहे कानून मंत्री कार्तिक सिंह को अब गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है. जिसको लेकर बीजेपी ने सीएम पर जमकर निशाना साधा है. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार की जीरो टॉलरेंस की यह नई नीति है जिसमें वही फंसाते हैं और वही बचाते हैं. उन्होंने सीएम पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश ही हैं जो लालू, तेजस्वी, अनंत सिंह, आनंद मोहन सबको फंसाते हैं और जब यही लोग उनकी शरण में आ जाते हैं तब वही उन्हें बचाते हैं.

    मंत्री कार्तिक सिंह को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए संजय जायसवाल ने कहा कि सीएम नीतीश ने अच्छी तरीके से जानते हुए भी एक अपराधी को कानून मंत्री बनाया और अब उन्हें गन्ना विभाग दिया गया है. वहीं जो गन्ना विभाग के मंत्री थे उनको कानून मंत्री बनाया गया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह नीतीश कुमार की नई नीति है कि आप कितने भी बड़े अपराधी हों हम अगर आपको फर्जी केस से जेल भेज सकते हैं तो हम ही आपके व्यक्ति को कानून मंत्री बनाकर आपको जेल जाने से बचा सकते हैं. संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार की विधि व्यवस्था और शासन व्यवस्था जिस तरह से गिर रही है नीतीश कुमार केवल और केवल लालू यादव परिवार के आदेश पालक की भूमिका में हैं.

    दरअसल अपहरण से जुड़े एक मामले में कार्तिक सिंह पर कोर्ट में मामला चल रहा है. कोर्ट ने उन्हें मामले में जमानत नहीं दी है लेकिन 1 सितम्बर तक के लिए नो कोरसिव यानी गिरफ्तारी या किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक का आदेश दिया था. 16 अगस्त को मंत्री पद की शपथ लेने के बाद यह मामला सामने आया तो विपक्ष नीतीश कुमार पर हमलावर हो गया कि उन्होंने एक फरारी आरोपी को मंत्री बना दिया और कानून मंत्री का प्रभार दे दिया. हालांकि नो कोरसिव अदालती आदेश होने की बात सामने आने पर मामला ठंडा पड़ गया.

    बता दें कि वारंट के विवादों में चल रहे कानून मंत्री कार्तिक सिंह को अब गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है. वहीं गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद को कानून मंत्री की जिम्मेदारी मिली है. दोनों नए मंत्रियों के विभागों में बदलाव को लेकर कैबिनेट सचिवालय से आदेश भी जारी कर दिया है. दोनों नए मंत्रियों के विभागों में बदलाव को लेकर मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने राज्यपाल के आदेश से अधिसूचना जारी की है. कार्तिक सिंह उस वक्त सुर्खियों में आए जब कानून मंत्री बनते ही उनके खिलाफ वारंट जारी हो गया था. जिस पर बीजेपी ने हमला करते हुए मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी.

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  • बिहार: नीतीश कुमार ने बदल दिया कानून मंत्री कार्तिक सिंह का विभाग, अब मिली ये जिम्मेदारी मिली, जानें वजह

    लाइव सिटीज पटना: बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी के नेता कार्तिक सिंह का विभाग बदल गया है. वारंट के विवादों में चल रहे कानून मंत्री कार्तिक सिंह को अब गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है. वहीं गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद को कानून मंत्री की जिम्मेदारी मिली है. दोनों नए मंत्रियों के विभागों में बदलाव को लेकर कैबिनेट सचिवालय से आदेश भी जारी कर दिया है. कार्तिक सिंह उस वक्त सुर्खियों में आए जब कानून मंत्री बनते ही उनके खिलाफ वारंट जारी हो गया था. जिस पर बीजेपी ने हमला करते हुए मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी.

    दोनों नए मंत्रियों के विभागों में बदलाव को लेकर मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने राज्यपाल के आदेश से अधिसूचना जारी की है. जिसमें बताया गया है कि संविधान के अनुच्छेद 166 (3) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एवं संविधान के अधीन बनी कार्यपालिका नियमावली के नियम 6 (1) एवं 7 (1) के अनुसार मुख्यमंत्री की सलाह से राज्यपाल के आदेश पर कार्तिक कुमार को विधि विभाग के स्थान पर गन्ना उद्योग विभाग एवं गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री डॉ शमीम अहमद विधि विभाग का कार्य आवंटित किया गया है.

    दरअसल कार्तिक सिंह उस वक्त सुर्खियों में आए जब कानून मंत्री बनते ही उनके खिलाफ वारंट जारी हो गया था. जिस पर बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया था. भाजपा ने कार्तिक सिंह पर यह आरोप लगाते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी कि उनके खिलाफ 2014 के अपहरण के एक मामले में गिरफ्तारी वारंट लंबित है. कार्तिक कुमार राजद कोटे से मंत्री बने हैं जो कि अनंत सिंह के काफी खास माने जाते हैं. कार्तिक कुमार राजद के एमएलसी हैं. कार्तिक कुमार पटना स्थानीय निकाय से 2022 में एमएलसी बने. मोकामा के रहने वाले कार्तिक शिक्षक भी रह चुके हैं इसकी वजह से समर्थकों के बीच ‘कार्तिकेय मास्टर’ के नाम से मशहूर हैं.

    बता दें कि कानून मंत्री बनते ही कार्तिक सिंह विवादों में आ गए थे. जिस पर बीजेपी ने जमकर निशाना साधा था और इस्त्फिए की मांग की थी. इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है तो वहीं राजद ने भी सफाई दी थी. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा था कि अपराध, भ्रष्टाचार के खिलाफ महागठबंधन सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है. न बेवजह किसी को फंसाया जाएगा और न किसी दोषी को बचाया जाएगा. शक्ति यादव ने कहा था कि मंत्री कार्तिकेय कुमार दोषी पाए जाएंगे तो सरकार कार्रवाई करेगी.

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