Category: National

  • भ्रष्टाचार, परिवारवाद, देश के लुटेरे, पंच प्रण, 5G, लाल किले की प्राचीर से PM मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें

    लाइव सिटीज पटना: 15 अगस्त 2022 को देश 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. लाल किले की प्राचीर से नौवीं बार जब वो देश को संबोधित कर रहे थे तो बार-बार 130 करोड़ जनता की सामूहिक चेतना और ताकत का जिक्र हुआ. वहीं नरेंद्र मोदी ने साफ संकेत दे दिए कि देश को लूटने वाले भ्रष्टाचारी बच नहीं पाएंगे. राजनीति में परिवारवाद नहीं चलेगा. 80 मिनट से ज्यादा के भाषण में पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद, देश के लुटेरे, पंच प्रण और महिलाओं के सम्मान से लेकर कई बातों का जिक्र किया. दिल्ली के प्रतिष्ठित लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश ही नहीं, दुनिया के हर कोने में आन-बान और शान के साथ तिरंगा लहरा रहा है. वहीं स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सम्मान की बात की. उन्होंने देशवासियों को महिलाओं का अपमान न करने का संकल्प दिलवाया. आइये आगे जानते हैं लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें.

    लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें

    1.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले-डिजिटल ट्रांजैक्शन जिस तेजी से बढ़ा है, उससे पता चलता है कि हम कितनी तेजी से बदल सकते हैं. डिजिटल इंडिया का सपना गांव से पूरा होगा. जल्दी ही वहां 5 जी जाएगा. आज चार लाख कॉमन सर्विस सेंटर चल रहा है. ये प्रमाण है कि हम डिजिटल हब बन सकते हैं ये देशक टेक्नोलॉजी का होने वाला है और हमें अपने युवाओं को इसके लिए तैयार रहना चाहिए. हमारे पास काफी अवसर है.

    2.पीएम मोदी ने कहा-हम जीव में भी शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं जो पौधे में परमात्मा देखते हैं. ये हमारा सामर्थ्य है, जब विश्व के सामने खुद गर्व करेंगे तो दुनिया करेगी.

    3.पीएम मोदी बोले-दो बीमारियों का जिक्र करना चाहूंगा-भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद. एक तरफ रहने के लिए घर नहीं है और दूसरी तरफ चोरी का माल रखने के लिए जगह नहीं है. हमें भ्रष्टाचार को खत्म करना है. हमने डीबीटी के जरिए 2 लाख करोड़ रुएप गलत हाथों में जाने से बचाए हैं, हमारी कोशिश है जिसने देश को लूटा है वो लौटाएगा भी. बचने नहीं देंगे. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जीत हो, मुझे इसका 130 करोड़ लोगों से आशीर्वाद चाहिए, ताकत चाहिए. ये दीमक है। देश को खा रहा है.

    4.पीएम मोदी बोले-परिवारवाद हमारी अनेक संस्थाओं को अपने लपेटे में ले चुका है. मैं देशवासियों से कहता हूं हम देश को परिवारवाद से मुक्ति दिलाएं. राजनीति में भी परिवारवाद ने नुकसान पहुंचाया है. भाई भतीजावाद के खिलाफ लड़ाई में आपका साथ और आशीर्वाद चाहता हूं.

    5.पीएम मोदी बोले-जब दुनिया भर में कोरोना वैक्सीन पर शक हो रहा था तब हमारे गांव देहात से लेकर शहरों तक 200 करोड़ डोज लेकर दुनिया को चौंका दिया

    6.पीएम मोदी बोले-अब राज्य हो या केंद्र, कोई सरकार को उन्हें युवाओं की आकांक्षाओं के लिए काम करना होगा. वो इंतजार के मूड में नहीं हैं. 75 साल के सपने को अपनी आंखों के सामने पूरा होते हुए देखना चाहते हैं.

    7.पीएम मोदी बोले-आइए आज पांच प्रण लेते हैं, पंचप्रण ताकि आजादी के दीवानों के सारे सपने पूरे हो सकें पहला-विकसित भारत, दूसरा-गुलामी के सारे अंश को दूर कर दें, तीसरा-अपने विरासत पर गर्व करना सीखिए, चौथा प्रण- एकता और एकजुटता, पांचवां प्रण-नागरिकों का कर्तव्य, और इससे पीएम-सीएम भी बाहर नहीं है.

    8.पीएम मोदी बोले-आने वाले 25 साल में हमें कोई ताकत विकसित भारत बनाने से रोक नहीं सकती. आज जो युवा 20-25 साल के हैं वो जब देश आजादी का 100 साल मना रहा होगा तब 50-55 के होंगे. वो आज मेरे साथ संकल्प लेकर चलें. ये बीच वाला समय उनके लिए ही नहीं देश के लिए स्वर्ण काल होगा.

    9.पीएम मोदी बोले-हमें देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए, चाहे हमें वो भाषा आती हो या नहीं. हम सोचे कि हमारे पूर्वजों ने ही इसे दुनिया को दिया है जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे तभी आगे बढ़ेंगे.

    10.पीएम मोदी बोले-हम वो लोग हैं जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हर कंकड़ में शंकर देखते हैं, नदी में माँ देखते हैं, घर में भी बेटे-बेटी एक समान हों. इसके बिना एकता नहीं हो सकती. हमें सारे भेद दूर कर इंडिया फर्स्ट एप्रोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए.

    1. पीएम मोदी बोले-आज मेरी सेना के जवानों के जितना सैल्यूट करूं कम है. मौत को मुट्ठी में लेकर चलता है ये जवान. सेना के अधिकारियों को भी सैल्यूट है जिन्होंने तय कर लिया कि 300 साजो सामान हम बाहर से नहीं खरीदेंगे. इसे भारत में ही बनाने पर जोर दिया. मैं छोटे बच्चों को भी सैल्यूट करता हूं जो कह रहे हैं कि उन्हें विदेशी खिलौना नहीं चाहिए.

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  • देश की बहुत उम्मीदें बेटियों पर, कड़ी मेहनत कर हम बने भाग्य विधाता, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का देश के नाम पहला संबोधन

    लाइव सिटीज पटना: आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ से एक दिन पहले आज यानी 14 अगस्त को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली बार देश को संबोधित किया. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि एक स्वाधीन देश के रूप में भारत 75 साल पूरे कर रहा है. 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे देश की बहुत सी उम्मीदें हमारी बेटियों पर टिकी हुई हैं. समुचित अवसर मिलने पर वे शानदार सफलता हासिल कर सकती हैं. हमारी बेटियां फाइटर पायलट से लेकर स्पेस साइंटिस्ट होने तक हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं. दरअसल स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले प्रत्येक साल राष्ट्रपति देश को संबोधित करते हैं.

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के नाम अपने पहले संबोधन में कहा कि 15 अगस्त 1947 के दिन हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था. उस दिन हमने अपनी नियति को नया स्वरूप देने का निर्णय लिया था. उस शुभ-दिवस की वर्षगांठ मनाते हुए हम लोग सभी स्वाधीनता सेनानियों को सादर नमन करते हैं. उन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया ताकि हम सब एक स्वाधीन में सांस ले सकें. उन्होंने कहा कि भारत की आजादी हमारे साथ-साथ विश्व में लोकतंत्र के हर समर्थक के लिए उत्सव का विषय है. जब भारत स्वाधीन हुआ तो अनेक अंतरराष्ट्रीय नेताओं और विचारकों ने हमारी लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली की सफलता के विषय में आशंका व्यक्त की थी. लेकिन भारतवासियों ने उन लोगों की आशंकाओं को गलत साबित कर दिया. भारत की मिट्टी में लोकतंत्र की जड़ें लगातार गहरी और मजबूत होती गईं.

    द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में वोट देने का अधिकार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था. लेकिन हमारे गणतंत्र की शुरुआत से ही भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया. उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि वर्ष 2047 तक हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरी तरह साकार कर लेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमने देश में ही निर्मित वैक्सीन के साथ मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया. पिछले महीने हमने दो सौ करोड़ वैक्सीन कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया है. इस महामारी का सामना करने में हमारी उपलब्धियां विश्व के अनेक विकसित देशों से अधिक रही हैं. जब दुनिया कोरोना महामारी के गंभीर संकट के आर्थिक परिणामों से जूझ रही थी तब भारत ने स्वयं को संभाला और अब पुनः तीव्र गति से आगे बढ़ने लगा है. इस समय भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक है.

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक से मेरा अनुरोध है कि वे अपने मूल कर्तव्यों के बारे में जानें, उनका पालन करें, जिससे हमारा राष्ट्र नई ऊंचाइयों को छू सके. भारत के नए आत्म-विश्वास का स्रोत देश के युवा, किसान और सबसे बढ़कर देश की महिलाएं हैं. उन्होंने कहा कि महिलाएं अनेक रूढ़ियों और बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं. समाजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं में उनकी बढ़ती भागीदारी निर्णायक साबित होगी. आज हमारी पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या चौदह लाख से कहीं अधिक है. द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे देश की बहुत सी उम्मीदें हमारी बेटियों पर टिकी हुई हैं. समुचित अवसर मिलने पर वे शानदार सफलता हासिल कर सकती हैं. हमारी बेटियां फाइटर पायलट से लेकर स्पेस साइंटिस्ट होने तक हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं.

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