Category: National news

  • प्यार का खौफनाक अंत! श्रद्धा के 35 टुकड़े तो आजमगढ़ में प्रेमी ने 6 हिस्सों में काटा प्रेमिका का शव


    क्या प्यार इस हद्द तक पहुंच सकता है कि जो कभी एक दूसरे के साथ जीने मरने की बातें किया करते थे वो एक दिन उसकी ही जीवन लीला समाप्त कर दे। देश के दो हिस्सों में हुई प्रेमिकाओं की हत्याओं ने लोगों को हैरानी में डाल दिया है। दिल्ली में लिव इन पार्टनर द्वारा श्रद्धा वॉकर की हत्या के बाद शव के 35 टुकड़े तो उत्तर प्रदेश आजमगढ़ में प्रेमी द्वारा ही प्रेमिका के शव के 6 टुकड़े कर देना बेहद खौफनाक है।

    आफताब ने 35 टुकड़ों में फ्रिज रखी श्रद्धा की लाश

    आफताब ने 35 टुकड़ों में फ्रिज रखी श्रद्धा की लाश

    राष्ट्रीय राजधानी के महरौली में 6 महीने पहले हुए श्रद्धा वॉकर हत्याकांड को अंजाम देने वाला और कोई नहीं बल्कि उसका लिव इन पार्टनर आफताब पूनावाला निकला। दिल्ली पुलिस ने आफताब को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कि तो हत्याकांड को लेकर कई हैरान करने वाली कड़ियों का खुलासा हुआ।

    महाराष्ट्र छोड़ दिल्ली आने से पहले श्रद्धा अपने पिता से लड़ाई करके आई थी। उसके पिता आफताब और उसके रिश्ते का अक्सर विरोध करते थे। लेकिन प्यार में डूबी और विश्वास से भरी श्रद्धा को क्या पता था जिसके लिए वह अपने पिता के खिलाफ जा रही है वहीं प्यार एक दिन उसे 35 टुकड़ों में काट देगा। दिल्ली आने के बाद श्रद्धा और आफताब पूनावाला के बीच अक्सर झगड़े हुआ करते थे। क्योंकि श्रद्धा आफताब पर शादी का दवाब बनाती थी।

    आफताब कई बार श्रद्धा के साथ मारपीट भी कर चुका था। श्रद्धा ने अपने दोस्तों और सहकर्मी को खुद से हुई मारपीट के बारे बातचीत की थी। जानकारी के मुताबिक उत्पीड़न के बाद 18 मई को श्रद्धा की हत्या कर दी गई थी। हत्या करने के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए आफताब ने शव के 35 टुकड़े कर फ्रिज में रख दिए। जो वह रात होते ही दिल्ली के जंगल में फेंकने जाता था।

    उसने लगभग 20 दिनों तक इसी क्रम को दोहराया। श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने ऑनलाइन खाना मंगाकर फिल्म देखी और बियर भी पी। पुलिस ने मामले में अब तक श्रद्धा के बरामद अवशेषों से डीएनए मिलान के लिए उसके पिता एवं भाई के रक्त के नमूने लिए गए हैं। पुलिस ने एक बयान में यह भी कहा कि आरोपी द्वारा दिए गए जवाबों की “भ्रामक प्रकृति” को देखते हुए, उसके नार्को टेस्ट के लिए एक आवेदन किया गया था और इसे अदालत ने मंजूरी दे दी है।

    प्रेमिका के किए 6 टुकड़े, सिर धड़ से अलग कर तालाब में फेंका

    श्रद्धा मर्डर केस जैसा ही मामला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से सामने आया है। शादी से मना करने पर एक युवक ने अपनी प्रेमिका की निर्मम हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी ने शव के 6 टुकड़े कर दिए। वहीं प्रेमिका का सिर धड़ से अलग कर तालाब में फेंक दिया। पुलिस ने मुठभेड़ में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, रावला थाना अंतर्गत पश्चिम पट्टी गांव के गौरी पूरा में एक कुएं में 5 टुकड़ों में 22 वर्षीय युवती की लाश बरामद हुई।

    वहीं तालाब से युवती का सिर बरामद हुआ। इस मामले में पुलिस ने मुठभेड़ के प्रिंस यादव नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से पुलिस को एक हथियार भी बरामद हुआ है। जानकारी के मुताबिक, मृतका और आरोपी के बीच 2 साल से प्रेम संबंध था।

    इसी बीच युवक नौकरी के लिए खाड़ी देश चला गया और बीच लड़की के परिजनों ने उसका रिश्ता किसी और से कर दिया। जब युवक को इसकी जानकारी हुई तो वह वापस आया और लड़की से शादी की बात कहने लगा। लेकिन, जब लड़की ने शादी से इनकार कर दिया तो वह भड़क गया और इस हत्याकांड को अंजाम दे दिया।

    [rule_21]

  • Gujarat Assembly Election : आसान नहीं होगा हार्दिक के लिए ‘वीरमगाम’ सीट से जीत हासिल करना


    गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हार्दिक पटेल को वीरमगाम विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। साल 2015-16 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे हार्दिक के लिए वीरमगाम तक पहुंचने की राह आसान नहीं रहने वाली।

    बीजेपी शासित राज्य की वीरमगाम सीट पर पिछले दो बार से कांग्रेस का कब्जा है। राजनीति छुआछूत से मुक्त वीरमगाम से हर समुदाय और जाति के नेता प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वहीं हार्दिक पटेल का ये पहला विधानसभा चुनाव है। हार्दिक का जन्म और पालन-पोषण अहमदाबाद के वीरमगाम शहर में ही हुआ। बावजूद उनके लिए इस सीट से जीत हासिल करना आसान नहीं रहने वाला।

    आगामी विधानसभा चुनाव में हार्दिक का सामना कांग्रेस के मौजूदा विधायक लाखभाई भारवाड़ से होगा, जिन्होंने 2017 में बीजेपी की तेजश्री पटेल को 6,500 से अधिक मतों के अंतर से हराया था। कांग्रेस के पूर्व नेता और मौजूदा कांग्रेस विधायक के बीच ये मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है।

    कब और कैसे हुए हार्दिक का ‘उदय’ :

    कब और कैसे हुए हार्दिक का ‘उदय’ : साल 2015 में पाटीदार आंदोलन का आगाज हुआ था। इस आंदोलन का मकसद पाटीदारों को आरक्षण दिलाना था। आंदोलन के दौरान अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड में एक सभा आयोजित हुई जिसमें 5 लाख लोग शामिल हुए। एक साथ किसी आंदोलन में इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एकत्रित होने अपने आप में रिकॉर्ड था।

    इसी आंदोलन में हार्दिक पटेल नाम के युवा नेता का उदय हुआ जिसने इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। और आज वही नेता खुब चर्चा में बना हुआ है। इस आंदोलन के दौरान 14 लोगों की मौत हुई थी और यहीं से हार्दिक को राजनीति में मजबूती मिली। जाति के लिए शुरू हुआ सामाजिक आंदोलन कब राजनीतिक आंदोलन बन गया पता ही नहीं चला।

    इस आंदोलन के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी और विजय रूपानी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद से सम्मानित किया गया। जिसके बाद हार्दिक पटेल सरकार को घेरने के लिए विपक्ष का प्रमुख हथियार बन गए। नतीजन वह देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के खास बन गए।

    इसकी सबसे बड़ी वजह थी की पार्टी के सीनियर नेताओं को हार्दिक रास नहीं आ रहे थे। तो दूसरी तरफ पाटीदार आंदोलन के दौरान राज्य में अलग-अलग हिस्सों में हार्दिक पर दर्ज हुए मामले हार्दिक के गले की फांस बनते जा रहे थे जिसके चलते हार्दिक पटेल सत्ताधारी बीजेपी के करीब आने लगे और 2022 में जब राज्य में चुनाव की आहट सुनाई पड़ी तो हार्दिक बीजेपी में शामिल हो गए।

    [rule_21]