चंडी (नालंदा दर्पण)।चंडी थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-431 पर सोमवार की संध्या धर्मपुर गांव के पास एक अज्ञात बस की चपेट में आने से एक मोटरसाइकिल सवार की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
मृतक की पहचान हेम नारायण चक उर्फ गौरी बीघा गांव निवासी ब्रह्म देव प्रसाद के 20 वर्षीय पुत्र पवन कुमार के रूप में की गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मृतक पवन कुमार अपने परिवार के निजी दवा दुकान नगरनौसा से कार्य कर अपने घर वापस लौट रहा था कि धर्मपुर पुल पर पहुंचते ही बिहारशरीफ की ओर से आ रही एक अज्ञात बस के चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई।
इस हादसे के बाद ग्रामीणों ने बिहटा सरमेरा मुख्य सड़क मार्ग को जाम कर दिया। जिससे दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतार लग गई।
स्थानीय ग्रमीणों ने चंडी प्रभारी थानाध्यक्ष अखिलेश झा पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई फोन किये लेकिन स्थानीय पुलिस सुध लेने नही आई।
इतना ही नहीं जिस समय दुर्घटना हुई उस वक़्त चंडी थाना पुलिस की गश्ती वाहन पास के ही पुल पर थी। लेकिन अनसुनी कर आगे निकल गए। खबर लिखे जाने तक जाम नहीं खुला था।
इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। इसलामपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में प्रखंड प्रमुख मीणा देवी के पति मिथलेश यादव के खिलाफ पंचायत समिति सदस्यों ने धरना दिया।
प्रखंड प्रमुख मीणा देवी के पति मिथलेश यादव…
पंचायत समिति सदस्यों ने कहा कि प्रखंड प्रमुख पति दबंग प्रवृति के है। प्रखंड के कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करते है। जिससे प्रखंड में भ्रष्टाचार चरम सीमा है और इनके द्वारा योजनाओं का चयन एंव क्रियान्वन में भी भारी पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही है।
पिछले वर्ष भी एक करोड़ से अधिक रुपये का मनमाने ढंग से योजनाओं का चयन और राशि खर्च की गयी। जिसका आज तक उपयोगिता शायद ही दी गयी है। इस वर्ष योजना के चयन में अपनी दबंगता दिखाते हुए विपक्षी पंचायत समितियों के पंचायत के पंचायत योजनाओं से वंचित करने का काम किया जा रहा है।
किसी पंचायत समिति को योजना भी दी गयी है तो राशि बहुत कम है। जिसकी शिकायत जिला उपविकास आयुक्त और जिला पदाधिकारी और अनुमंडलाधिकारी से पूर्व में किया जा चुका है। फिर भी कुछ नहीं हो सका है।
21 नवंबर को योजनाओं की जानकारी लेने हेतु वौरीडीह पंचायत समिति सदस्य प्रवीण कुमार प्रखंड के वीपीआरओ के कार्यालय पहुंचे।
इस बीच प्रमुख पति अपने सहयोगियों के साथ वीपीआरओ के साथ अभद्र व्यवहार किया और कहा कि तुम सभी सदस्यों को प्रखंड मे घुसने नहीं देगे। प्रखंड मेरा है। हम जो चाहेंगे। वही होगा।
प्रमुख पति द्वारा वीपीआरओ और कर्मचारियों को धमकाने और अभद्र व्यवहार की जाने से लोकतंत्र की हत्या व जनता की अधिकार का गला घोटने का काम किया जा रहा है।
इस प्रमुख पति के हिटलर शाही रवैया के कारण लोकतंत्र बचाने के लिए 26 पंचायत समिति सदस्यों मे 13 पंचायत समिति सदस्य धरना पर बैठे हैं। जिसमें पंचायत समिति सह उपप्रमुख सुरेंद्र कुमार, पंचायत समित सदस्य ववीता देवी, नीलम देवी, अमरीका देवी, शीला देवी, मुखिया पवन कुशवाहा आदि शामिल हैं।
इधर, प्रखंड प्रमुख पति मिथलेश यादव ने कहा कि लगाया जा रहा आरोप गलत है।
इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। इलामपुर नगर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय शिशू कल्याण केंद्र के छात्र-छात्राओं के द्वारा संविधान दिवस पर प्रभात फेरी निकाला गया, जो नगर के विभिन्न मुख्य मार्गों से होकर गुजरा।
प्रभात फेरी के दौरान बच्चे जन-जन ने ठाना है ऩशे को मिटाना है, भलाई का जिसमें है विधान वही है भारतीय संविधान, जो करेगा नशा उसका होगा दुर्दशा जैसे आदि नारे लगा रहे थे
हेडमास्टर मसुदूर रहमान ने बताया कि इस मौके पर विद्यालय में पेटिंग, रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और सफल छात्र छात्राओं के बीच कॉपी कलम आदि देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर शिक्षिक गाजी शाहनवाज, कुंती कुमारी, विमला कुमारी, नीता कुमारी, रंजू कुमारी, कुमारी प्रीति, शमा कुमारी, सलीना खातुन, शोभा कुमारी, संयुक्ता, माधुरी आदि मौजूद थे।
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा थाना परिसर में शनिवार को संविधान दिवस मनाया गया।
मौके पर पुलिस थानाध्यक्ष नारदमुनि सिंह ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा तथा सभी पदाधिकारियों एवं जवानों ने एक स्वर में प्रस्तावना को दोहराया।
उन्होंने सभी पदाधिकारियों एवं जवानों के साथ संविधान की शपथ ली और कहा कि संविधान में बनाए गए कानून के तहत ही हमलोग भी पुलिस की नौकरी करते हैं। हम सबको बखूबी संविधान का पालन करना चाहिए तथा आम लोगों को भी संवैधानिक नियमों से अवगत कराना हम सब का फर्ज बनता है।
उन्होंने पुलिस पब्लिक के बीच संवैधानिक तथ्यों के तहत मधुर संबंध बनाने की बात कही, ताकि लोगों में पुलिस प्रशासन पर अटूट आस्था हो सके।
उन्होंने पुलिसकर्मियों से अपील किया कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से सीख लें तथा इमानदारी पूर्वक काम करें। मौके पर कई पुलिस पदाधिकारी एवं जवान मौजूद थे।
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। 26 नवंबर वह दिन है। आज के ही दिन किसान तीन कृषि कानून के विरोध में राज्यों से लड़ते हुए दिल्ली के बॉर्डर तक आए और लगातार 13 महीने के आंदोलन करते हुए भारत सरकार के द्वारा बनाए गए कानून को प्रधानमंत्री के द्वारा वापस लेने को मजबूर कर दिया। यह किसानों की एकता और मजबूती को दिखाती है।
सभा को संबोधित करते हुए जिला सचिव धर्मेंद्र कुमार द्वारा सरकार से आगे मांग किया गया कि किसानों के द्वारा उठाए गए सभी अनाजों पर खरीद सुनिश्चित किया जाए एवं किसानों के अनाजों का मूल्य स्वामीनाथन आयोग के दिए गए फार्मूले के C2+50% के हिसाब से तय हो।
इस सभा में बिहारी कृषि परिवार के प्रखंड अध्यक्ष अर्जुन मुखिया, रामजतन सिंह, दिलीप कुमार, आनंदी प्रसाद, शिवनंदन प्रसाद, सुरेंद्र गांधी, सर्विस राम समेत कई किसान उपस्थित थे।
इस पुतला दहन के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के खिलाफ ओजपूर्ण स्वर में नारे लगाए गए
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा बीआरसी भवन में शुक्रवार के दिन प्रथम संस्था द्वारा महादलित, दलित, अतिपिछड़ा वर्ग के आँचल योजना तहत कोई बच्चा पीछे नहीं, माता-पिता छूटे नहीं कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन केआरपी प्रेम प्रकाश व प्रथम संस्थान के डिविजनल ऑर्डिनेटर मनोज कुमार चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
मौके पर केआरपी प्रेम प्रकाश ने कहा कि प्रखंड के सभी शिक्षा सेवक वेहतर कार्य कर रहे हैं। समय पर बच्चों को शिक्षण एवं महिलाओं को साक्षरता प्रदान करने कार्य मे लग्न पूर्वक लगे हुए हैं। नगरनौसा प्रखंड अंतर्गत कुल 44 शिक्षा सेवक कार्यरत है। शिक्षा सेवक शांतिपूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त किया।
प्रथम संस्थान के डिविजनल ऑर्डिनेटर मनोज कुमार चौधरी ने कोई बच्चा पीछे नहीं माता-पिता छूटे नहीं के तहत बच्चों एवं माताओं को कक्षा संचालन पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया।
प्रथम के डिवीजनल कॉर्डिनेटर द्वारा शिक्षा सेवकों के कार्य जैसे कोचिंग संचालन करना,बच्चों को विद्यालय पहुँचाकर उनकी देखरेख एवं असाक्षर महिलाओं के केंद्र संचालन की बिषय बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा कर जानकारी दिया।
कार्यक्रम में लेखपाल आशीष कुमार, गौरब कुमार, सुनील कुमार, शिक्षा सेवक मिथलेश कुमार, अरविंद कुमार, लक्ष्मण कुमार, नीतीश कुमार, शोभा कुमारी, प्रमोद प्रसाद, रंजीत कुमार आदि उपस्थित थे।
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा प्रखंड के तीनि लोदीपुर गांव में गुरुवार के संध्या आदर्श ग्रामीण सांस्कृतिक विकास केंद्र तीनी लोदीपुर 37 वां वर्षगांठ मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ क्लब के अध्यक्ष अभय नंदन पांडेय सचिव मनिंदर कुमार कोषाध्यक्ष अविनाश कुमार क्लब सलाहकार समिति सदस्य धर्मेंद्र कुमार महेंद्र कुमार मनीष कुमार सिंह अभिषेक कुमार दीपक प्रज्वलित एवं स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण किया।
मौके पर क्लब के अध्यक्ष अभय नंदन पांडे ने बताया कि क्लब का निर्माण 37 वर्ष पूर्व गांव एवं क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए किया गया था आज गांव के हर एक सामाजिक कार्य में लगा रहता है।
इस मौके पर अरुण कुमार राजेश कुमार सिद्धार्थ कुमार सुजीत कुमार रोशन कुमार एवं दर्जनों ग्रामीण उपस्थित रहे। उसके बाद क्लब सचिव महेंद्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन का कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा किया गया।
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। किसी भी क्षेत्र के विकास का आईना सड़क होती है। सड़क अच्छी हो तो घंटों की दूरी मिनटों में तय की जा सकती है सड़क गड्ढों से भरा हो तो मिनटों का सफर घंटे लगते हैं।
एक ओर सरकार गड्ढामुक्त सड़क होने का निरंतर दावा करती हैं लेकिन सरकार द्वारा किये जा रहे दावों के विपरीत धरातल पर यह असली नजारा रामघाट-रामपुर पथ का हैं। यह सड़क गड्ढे में तब्दील हो गया है। सड़क पर बने गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार आलाअधिकारियों व विभाग की नजरों से ओझल होने से यह सड़क अपनी बदहाल स्थित पर आंसू बहाते हुऐ मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण की बाट जोह रहा है।
रंजीत कुमार, मनीष कुमार, रामाशीष प्रसाद, रविशंकर कुमार, जितेंद्र चौधरी आदि ग्रामीणों ने बताया कि रामघाट-रामपुर मार्ग बेहद ही जर्जर हो गया है, जिसके चलते ग्रामीण दहशत के साए में यात्रा करने को मजबूर हैं। बार-बार जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायती पत्र सौंपने के बाद कार्रवाई नहीं हुई। सड़क में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण हादसे का खतरा बना रहता है।
रामघाट-रामपुर पथ से लगे आधा दर्जन से ज्यादा गांव के लोगों के लिए इस पर सफर करना चुनौती बन गया है। देखरेख के अभाव एवं गुणवत्ता में कमी के चलते ये सड़कें समय से पहले ही जर्जर हो गया है और अब ये जनता के लिए परेशानी का सबब बनकर आए दिन दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा हैं। मजबूरी में जनता इस बदहाल सड़कों पर जान जोखिम में डाल कर यात्रा करने को मजबूर है।
खास बात तो यह है कि इन सड़कों पर विकास का वादा करने वाले जनप्रतिनिधि भी यात्रा करते हैं। पर वे भी पद में आने के बाद अपने वादे भूल जाते हैं। इस मार्ग पर दो पहिया, चार पहिया वाहन चलते हैं। जहां यात्री व चालक यात्रा के पहले भगवान को याद करते हैं।
वहीं अधिकारी भी सड़क की हालत से भलीभांति परिचित हैं, फिर भी निर्माण कार्य की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सड़क की उपेक्षा से यह साबित हो जाता है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी ऐसे मामलों में कितने संवेदनशील हैं।
ये गांव हो रहे प्रभावितः रामघाट-रामपुर से बने सड़क में गढ्ढा होने से इस मार्ग से लगे लोदीपुर, जागो बिगहा, कुकहरिया, बमपुर, रामपुर, अजयपुर, लक्ष्मी बिगहा आदि गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इस मार्ग पर पिछले वर्षों से गड्ढों की भरमार ने लोगों का काफी परेशान कर दिया है।
बार-बार शिकायत के बावजूद सुधार की कवायद नहीं किए जाने से क्षेत्र के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। अधिकारियों को सूचित किए जाने बाद भी मार्ग का जायजा लेने भी कोई नहीं पहुंचा है। सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के मौसम में होता हैं। सड़क में गड्ढे होने के कारण बारिश के मौसम में जमा पानी सड़कों की गहराई का पता नहीं चल पाता है और वाहन चालक गड्ढा में फंस जाते हैं।
बाइक चालक तो गढ्ढे में फसने के बाद गिर जाते हैं, जिससे वाहन चालक गंभीर रूप से जख्मी हो जाते हैं अगर किन्ही को किसी आवश्यक काम से बाहर जाना होता है ऐसी स्थिति में ऐसे बाइक चालक को फिर से कपड़ा बदल कर आना पड़ता। ऐसे स्थित में वाहन चालकों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
पंचायत समिति सदस्या के लिखत शिकायत के बाद भी नहीं हुआ कार्रवाईः इस संबंध में रामपुर पंचायत समिति सदस्या सुशील कुमारी ने कहा कि कार्यपाल अभियंता आर,डब्लू,डी हरनौत को जनवरी में ही पत्र लिखकर सड़क मरम्मत कराने का आग्रह किया गया था लेक़िन दस माह बीत जाने के बाद भी अबतक सड़क मरम्मत कराने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं गया है।
उन्होंने बताया कि स्थानीय विधायक द्वारा भी सड़क मरम्मत करने को लेकर विभाग को लिखा गया लेकिन सिर्फ़ हरनौत व चंडी प्रखंड के ग्रामीण सड़कों का ही चयन किया गया। नगरनौसा प्रखंड के एक भी सड़को का चयन नहीं किया गया।
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नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा प्रखंड क्षेत्र में प्रतिबंध के बाबजूद भी किसान लगातार पराली जला रहे, लेक़िन फिर भी विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जा रहा।
बता दें कि किसानों द्वारा धान के फसल का हार्वेस्टिंग के बाद बचा पुआल को आग लगा रहे हैं। पुआल को जलाने से पर्यावरण के साथ-साथ खेतों पर भी इसका असर होता हैं।
मृदा में धान के पुआल को जलाने से मृदा स्वास्थ्य में गिरावट का सीधा प्रभाव फसल की वृद्धि एवं उसकी उत्पादकता पर पड़ता है। जब मृदा स्वास्थ्य खराब होता है तो भूमि पौधों को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराने में समर्थ नहीं होती एवं पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
भूमि के पोषक तत्वों पर कुप्रभावः पुआल को जलाने से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी होती है और कार्बनिक पदार्थों का संबंध सीधा मृदा स्वास्थ्य से होता है जो मृदा संरचना को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुआल को जलाने से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी होने से सूक्ष्म जीवों को पर्याप्त मात्रा में कार्बनिक पदार्थ नहीं मिल पाते।
इसका सीधा प्रभाव भूमि के पोषक तत्वों की उपलब्धता पर पड़ता है, क्योंकि इस अवस्था में सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों को अकार्बनिक पदार्थों में परिवर्तित करने में असमर्थ होते हैं।
खेत मे जलाई जा रही पुआलःप्रखंड क्षेत्र के अधिकांश जगहों पर सरकार के दिशा निर्देश के बावजूद भी कई किसान खेत में पुआल को आग के हवाले कर दे रहे है। इसके चलते मित्र जीव तथा लाभदायक जीवांश जलकर नष्ट हो रहे है।
इसके अतिरिक्त खेतों की मिट्टी तथा फसल पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। यही नहीं यह इसके धुआं से पर्यावरण तथा हवा में जहरीली गैस घुल जाने से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है।
पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य कारक हैं ये गैसःपुआल को जलाने से कई हानिकारक गैसेस निकलती जैसे विभिन्न ग्रीन हाऊस गैसें यथा कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बनडाइ ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, मिथेन है जो पर्यावरण भारी नुकसान पहुंचाती है। इससे बचना चाहिए। पुआल जलाने से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी होती है और इसका सीधा स्वास्थ्य पर पड़ रहा है
उर्वरा शक्ति नष्ट होने के साथ ही मानव जाति पर पड़ रहा विपरीत प्रभावः यदि इसी प्रकार खेतों की उपजाऊ शक्ति स्वत: नष्ट हो जायेगी खेतों मे फूंके जा रहे पुआल से क्षति के सिवा फायदा नहीं है।
खेतों में गिरा अनाज जिसे पशु व पक्षी चुग कर अपना पेट भरते थे वो जल जा रहे है। साथ ही खेतों व खरपतवारों में रहने वाले छोटे कीड़े मकोड़े जल कर मर जा रहे है। इसका विपरीत प्रभाव मानव जाति पर पड़ रहा है।
फिर भी लोग नहीं समझ रहे है। पानी का लेयर नीचे भागने से ठंडी के मौसम में ही चापाकल व ट्यूब वेल जवाब दे रहे है तो आने वाली गरमी में क्या होगा? किसान खेतों के पटवन के लिये परेशान है तो वहीं कुछ लोग खेत में पुआल फूंक धरती के टेम्प्रेचर को बढ़ाने मे लगे है।