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  • बायसी में महादलितों को नहीं मिलता न्याय

     

    बायसी/मनोज कुमार

    पूर्णियाँ: सुशासन की सरकार का यह दावा है कि समाज के निचले पायदान के लोगो तक न्याय के साथ विकास हो रहा है। मगर यह न्याय और विकास बायसी प्रखंड आते आते दम तोड़ रही है।बायसी थाना क्षेत्र के चरैया मोहम्मदपुर  के बंगरोरा महादलितों को बंदोवस्त द्वारा मिला  जमीन पर दबंगो ने कब्जा कर लिया है। वहीं न्याय को लेकर थाना गए इन महादलितों को उल्टे थाना के हाजत में 24 घंटे के लिए बंद कर दिया गया।

    इस बाबत रामकिशुन मोची, जितनी देवी ने बताया कि सरकार द्वारा 1988 में बेनीबाड़ी मौज से 8 एकड़ जमीन 6 परिवारों को प्राप्त हुआ था। मगर पिछले 4 वर्षों से गाँव के ही अब्दुल राजिक द्वारा जमीन पर कब्जा कर रखा है। जब भी वे लोग जमीन पर जाते है तो उनलोगों के साथ मारपीट भी लिया जाता है और थाने में झूठा केस भी कर दिया जाता है। पीड़ितों ने बताया कि वे लोग जब भी थाना जाते है तो उनकी नहीं सुनी जाती है और थाने से भगा दिया जाता है।

    जनता दरबार के नोटिस पर थाना गए तो हाजत में किया बंदजमीनी विवाद सुलझाने के लिए हर शनिवार को थाना में जनता दरबार का आयोजन किया जाता है। वही बायसी के चरैया के बंगरोरा से थाना द्वारा भेजे गए नोटिस पर जनता दरबार मे उपस्थित हुए 4 महादलित, जिसमें 2 महिला और 2 पुरूष है को थानेदार ने पकड़कर हाजत में बंद कर दिया गया। पीड़ित महिला पार्वती देवी ने बताया कि उनलोगों को थाना से नोटिस भेजकर शनिवार को जनता दरबार मे हाजिर होने को कहा गया था, लेकिन जब पहुँचे तो सभी को हाजत में बंद कर दिया गया, फिर दूसरे दिन बेल पर छोड़ा गया। 107 के वारंट पर हुई गिरफ्तारी: थानाध्यक्षजनता दरबार मे आये महादलितों की गिरफ्तारी पर थानाध्यक्ष रमेश कांत चौधरी ने बताया कि सभी के ऊपर 107 के मामले में वारंट था। जिसे मजिस्ट्रेट महेश्वर प्रसाद रजक के माध्यम से बेल पर छोड़ दिया गया है। वही इस बाबत महादलितों ने बताया कि उन्हें कभी 107 का नोटिस प्राप्त होना तो दूर कभी 107 होने के बारे में पता भी नहीं चला।

    जमीन महादलितों की है न्याय मिलेगा: सीओ

    महादलित परिवारों को जमीन पर नहीं चढ़ने देने के संबंध में अंचलाधिकारी मो.इस्माइल ने बताया कि बंगरोरा के सभी 6 महादलित को बेनीबारी मोजामय 406 खाता 14 खेसरा 27 रखवा 08 एकड़ जमीन प्राप्त है। इस सबन्ध में अनुमंडल पदाधिकारी के पत्र के आलोक में अंचल अमीन को बंदोबस्त भूमि के नापी हेतु निर्देश भी दे दिए गए है। जल्द ही इस विवाद का निराकरण निकाल लिया जाएगा। वहीं जनता दरबार मे आये लोगो की गिरफ्तारी को उन्होंने गलत बताया।

  • निजी एजेंसियों के माध्यम से निगम टैक्स की वसूली गलत: प्रो. आलोक

    पूर्णिया/सिटिहलचल न्यूज़

    बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी सह राजद के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर आलोक कुमार ने बयान जारी कर नगर निगम प्रशासन द्वारा निजी एजेंसियों के माध्यम से निगम के टैक्स की वसूली के निर्णय को निगम पर अनावश्यक बोझ ठहराया है। निगम के अंतर्गत पूर्व से कार्यरत कर्मचारियों को कार्य से वंचित कर किसी निजी एजेंसियों के द्वारा सरकारी कर संग्रह को अवैध ठहराया है। क्योंकि नगर निगम का चुनाव नहीं होने के कारण किसी भी तरह के नीतिगत फैसला जो चुने गए जनप्रतिनिधियों को करना है उस कार्य को प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से कराना दोहरी नीति को दर्शाता है। पूर्व में भी इस तरह के निर्णय लिए गए थे ,जिनको बाद में चयनित बोर्ड के द्वारा निरस्त किया गया है। 

    निजी एजेंसियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह का कार्य किया जा रहा है। बेरोजगार नौजवानों से आउटसोर्सिंग एजेंसियों द्वारा अवैध वसूली की जा रही है। प्रोफेसर आलोक ने टैक्स वसूली में अनियमितता का आरोप लगाकर सक्षम कर्मचारियों के मनोबल को नीचा दिखाना दर्शाता है। प्रोफेसर आलोक ने कहा कि पूर्व के सरकारी कर्मचारियों द्वारा जहां अनियमितता बरती गई है ,उसकी बिना जांच कराए मनमाने ढंग से निजी एजेंसी को बिना निविदा आमंत्रण के खास एजेंसी के द्वारा सिर्फ पूर्णिया नगर निगम में इस तरह का निर्णय लेना सरकार के दिशा निर्देशों का पूरी तरह अनदेखी की गई है।

     प्रोफेसर आलोक ने कहा कि इस निर्णय के विरुद्ध पूर्णिया के गणमान्य लोगों का एक शिष्टमंडल बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सह नगर  विकास मंत्री श्री तेजस्वी यादव से मिलकर ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया है। साथ ही स्थानीय प्रमंडलीय आयुक्त से पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के आयुक्त द्वारा लिए गए निर्णय को रोक लगाने की मांग किया है।

  • स्लम एरिया के बच्चों की प्रतिभा को मंच प्रदान करने के लिए किलाकरी की तैयारी जोरों पर

     

    पूर्णियाँ/सिटिहलचल न्यूज़

    स्लम एरिया के प्रतिभाशाली बच्चों को उनकी प्रतिभा के अनुकूल प्रशिक्षित करने और उनकी प्रतिभा के सम्मान के लिए उन्हें प्लेटफार्म प्रदान करने हेतु कृतसंकल्पित होकर पूरे बि हार में कार्य करने वाली किलकारी बिहार बाल भवन,अपने उद्देश्यों के अनुकूल पूर्णिया में भी प्रमंडल स्तर पर स्लम एरिया के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रही है और उनके बीच एक नए सांस्कृतिक परिवेश को कायम करते हुए समय-समय पर प्रतिभा के सम्मान में उन्हें मंच भी प्रदान कर रही है । इसी कड़ी में बाल दिवस के शुभ अवसर पर बाल भवन किलकारी के पूर्णिया प्रमंडल कार्यालय का प्रथम स्थापना दिवस मनाया जा रहा है,

     जिसमें बाल दिवस के आयोजन के साथ-साथ विशेष रूप से बाल वाटिका कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है और इस अवसर पर बिहार बाल भवन किलकारी से जुड़े सभी छात्र छात्राओं के बौद्धिक विकास के लिए, सांस्कृतिक आयोजन के साथ-साथ विलुप्त होते पारंपरिक खेल आधारित प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा ।दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में, विलुप्त होती खेलों की प्रतियोगिता के तहत हमारे पारंपरिक खेल पिट्टो, बुढ़िया कबड्डी, रिंग फेको, कित कित, रस्सी खींच और एक टंगा दौर के साथ-साथ उद्घाटन सत्र में बच्चों के द्वाराव्यंजन मेला का भी आयोजन किया जाएगा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। साथ ही किलकारी ब्रोशर का भी विमोचन किया जाएगा।

     इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारने वाले महानुभावों का सम्मानित भी किया जाएगा तथा बाल भवन किलकारी से जुड़े प्रशिक्षकों को भी कुशल प्रशिक्षक सम्मान, कुशल कर्मी सम्मान ,स्पार्क ऑफ किलकारी सम्मान एवं अभिभावकों को जागरूक अभिभावक सम्मान से नवाजा जाएगा। पूर्णिया प्रमंडल में संचालित बाल भवन किलकारी की यह पहल निश्चित तौर पर स्लम एरिया के बच्चों के लिए एक उज्जवल भविष्य का द्वार खोलेगी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में  पूर्णिया के प्रमंडल आयुक्त श्री गोरखनाथ तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में क्षेत्र शिक्षा उपनिदेशक, पूर्णिया प्रमंडल, श्री चंद्रशेखर प्रसाद शर्मा एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्णिया श्री शिवनाथ रजक शिरकत करेंगे। बाल भवन किलकारी के पूर्णिया प्रमंडल के कार्यक्रम समन्वयक रवि भूषण कुमार ने जानकारी देते बताया, कि बाल भवन किलकारी पूर्णिया के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी त्रिदीप शील,, सहायक लेखा अधिकारी, शिखा कुमारी, सहयक कर्मी यश्स्वी निधि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं।

     वहीं बच्चों को संगीत का प्रशिक्षण देने के लिए, संगीत गुरु पंडित अमरनाथ झा, चांदनी शुक्ला व मुकेश कुमार मनोनीत हैं,जबकि नृत्य के प्रशिक्षण के लिए अनमोल कुमार और रचना जी को नियुक्त किया गया है । वही बच्चों को नाटक की तैयारी करवाने के लिए अभिनव आनंद और राहुल कुमार को जवाबदेही दी गई है । यह सभी प्रशिक्षक के रूप में बाल भवन किलकारी में कार्यरत हैं और.इन्हें साज सज्जा में सहयोग प्रदान कर रहे है सागर कुमार, जूही प्रकाश कुमारी, प्रकाश भारती और गोविंद, जबकि विलुप्त होती खेल परंपरा को संरक्षित करने के लिए अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं आदित्य कुमार और वरुण कुमार। बाल भवन किलकारी के इस पूरे कार्यक्रम को समृद्ध स्वरूप प्रदान करने के लिए पूर्णिया के वरिष्ठ रंगकर्मी एवं शिक्षक एस.के रोहितश्व पप्पू अपना विशेष सहयोग प्रदान कर रहे हैं ।

  • अगर आपके पास भी PAN CARD है तो एक झटके में लग जाएगा 10 हजार का जुर्माना, जानें – कैसे ?


    डेस्क : PAN CARD आज के समय में एक अनिवार्य डॉक्यूमेंट है. इस कार्ड के बिना कई और महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो सकते हैं. इसकी जरूरत हर वित्तीय ट्रांजेक्शन करने और बैंक में एकाउंट खुलवाने के लिए करनी होती है. PAN CARD को अब आधार और सभी जगह लिंक करवा अनिवार्य कर दि गया है. इसी के साथ आपको बता दें कि PAN CARD से जुड़ी एक गलती से आपको 10 हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है.

    2 कार्ड होने पर होगी ये बड़ी दिक्कतें :

    2 कार्ड होने पर होगी ये बड़ी दिक्कतें : PAN CARD पर दिए गए 10 अंकों के पैन नंबर को बिल्कुल सावधानी से भरें. इसमें कोई भी स्पेलिंग मिस्टेक या नंबर का इधर उधर होना आपको भारी पेनाल्टी भी लगवा सकता है. इसके साथ ही, अगर आपके पास 2 पैन कार्ड हैं तो भी आपको बड़ा जुर्माना भरना पड़ सकता है. इससे आपका बैंक एकाउंट फ्रीज हो सकता है. इसलिए अगर आपके पास भी 2 पैन कार्ड है तो तुरंत अपना दूसरा PAN CARD विभाग के पास सरेंडर करना होगा. इनकम टैक्‍स एक्‍ट 1961 के सेक्‍शन 272B में इस बात का प्रावधान भी दिया है.

    ऐसे करें दूसरा PAN CARD सरेंडर :

    ऐसे करें दूसरा PAN CARD सरेंडर : PAN CARD सरेंडर करने की प्रक्रिया आसान है. इसके लिए कॉमन फॉर्म भी हैं. इसे आप इनकम टैक्‍स वेबसाइट से डाउनलोड भी कर सकते हैं. इसके लिए आप वेबसाइट पर ‘Request For New PAN Card Or/ And Changes Or Correction in PAN Data’ लिंक पर क्लिक करखे फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं.

    इसके बाद फॉर्म भरकर किसी भी NSDL दफ्तर में जाकर इसको जमा कर दें. दूसरा PAN CARD सरेंडर करते समय फॉर्म के साथ उसे भी जमा करें. ऐसा आप Online भी कर सकते है. आपको बता दें कि एक ही पते पर एक ही व्यक्ति के नाम आए 2 अलग-अलग PAN CARD इस श्रेणी में आते हैं. अगर आपके पास भी 2 पैन कार्ड हैं तो एक को सरेंडर करना होगा.

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  • अब किसान हैं किसान! मैं किसी भी मोर्चे में शामिल नहीं होना चाहता : राजू शेट्टी

    हैलो कृषि ऑनलाइन: सकलेन मुलानी कराडो

    स्वाभिमानी शेतकर संगठन के अध्यक्ष पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने बड़ा बयान दिया है. मैं भविष्य में किसी गठबंधन में शामिल नहीं होना चाहता। अब मैं सिर्फ एक किसान, एक किसान रहूँगा। तो अब मुझे और कुछ नहीं चाहिए… मैं कोई राजनीतिक संन्यास नहीं लूंगा। शेट्टी ने यह भी कहा। वह कराड में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।


    राजनीति की गुणवत्ता खराब हो गई है

    इस अवसर पर आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, राजनीति का मौजूदा स्तर बहुत कम है. एक प्रकार जो लोकतंत्र को शोभा नहीं देता, वह वर्तमान में राजनीति में चल रहा है। अभी ऐसा नहीं है कि राजनीतिक नेता भाषा का इस्तेमाल करते हैं या एक-दूसरे के प्रति नफरत का इजहार करते हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार इसका एक उदाहरण महिलाओं का सम्मान करने की हमारी संस्कृति है। उन्होंने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया वह गलत है और महाराष्ट्र की संस्कृति के लिए अशोभनीय है। उन्होंने यशवंतराव चव्हाण और शालिनिताई पाटिल के उस समय की याद ताजा की जब वे युवा थे, भले ही वे विपक्षी दल से थे।
    शालिनिता ने यशवंतराव चव्हाण की आलोचना की थी। लेकिन यशवंतराव चव्हाण ने उन्हें इसका उल्टा जवाब नहीं दिया। शेट्टी ने उदाहरण देते हुए कहा कि इसे परिष्कार कहते हैं।

    मुझे पसंद आया राहुल गांधी का रोल

    राहुल गांधी की पदयात्रा के बारे में पूछे जाने पर राजू शेट्टी ने कहा कि राहुल गांधी की पदयात्रा का स्वागत है. मैंने ऐसी कई सैर की हैं। इसलिए जमीनी स्तर पर लोगों से सीधा संपर्क है। जानिए क्या है असल जिंदगी। उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को भी समय निकालना चाहिए और इस तरह की पदयात्रा निकालनी चाहिए. राजू शेट्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चुनौती दी कि उन्होंने दुनिया देखी है और अब वह देश भी देख सकते हैं। राजू शेट्टी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के इस रोल ने मुझे कायल कर दिया है। उन्होंने कहा कि गन्ना आंदोलन से मुक्त होने के बाद वह भारत जोड़ी यात्रा पर जाएंगे और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं उनकी पदयात्रा महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी जा सकता हूं।


  • कर्मचारी के लिए जरूरी खबर – अब खत्म होगी पेंशन और ग्रेच्‍युटी, जानें – सबकुछ..


    डेस्क : केंद्रीय कर्मचारियों को DA और बोनस की राशि मिलने के बाद केंद्र सरकार ने एक सख्‍त चेतावनी जारी की है. इसकी अनदेखी करने पर केंद्रीय कर्मचारियों को अपने रिटायरमेंट के बाद पेंशन व ग्रेच्‍युटी से अब वंचित होना पड़ेगा. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद केंद्रीय कर्मचारी आक्रोशित हैं. सरकार के नये फैसले पर उनका क्या रियेक्शन होगा यह तो बाद में पता चलेगा.

    सरकार ने बदला हैं नियम :

    सरकार ने बदला हैं नियम : केंद्र सरकार ने अभी कुछ दिन पहले सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल 2021 के तहत एक नोटिफिकेशन जारी किया है.इसके तहत CCS (पेंशन) नियम 2021 के रूल 8 में बदलाव करते हुए इसमें नए प्रावधान को जोड़ा गया है. इस नोटिफिकेशन में यह कहा गया है कि अगर केंद्रीय कर्मचारी अपने सेवाकाल के दौरान किसी गंभीर अपराध या लापरवाही में दोषी पाए जाएंगे तो रिटायरमेंट के बाद उनकी ग्रेच्‍युटी और पेंशन को रोक दिया जाएगी.

    कैसे होगी इसपर कार्रवाई

    कैसे होगी इसपर कार्रवाई

    कौन करेगा इसपर कार्रवाई

    कौन करेगा इसपर कार्रवाई

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  • चीनी आयुक्त ने गन्ना काटने के साथ परिवहन का खर्चा भी घोषित किया, अधिक पैसा लेने वाली फैक्ट्रियों पर होगी कार्रवाई

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: राज्य में गन्ना पेराई सत्र शुरू हो गया है। ऐसे में चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने एक अहम फैसला सुनाया है. चीनी कारखानागन्ने की कटाई व ढुलाई का खर्च घोषित कर दिया गया है कि किसी भी फैक्ट्री से तय राशि से अधिक शुल्क वसूला जाएगा. तो गन्ना किसानों को राहत मिलेगी।

    इस संबंध में आगे जानकारी यह है कि किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि राज्य में सहकारी समितियां और निजी चीनी मिलें गन्ना श्रमिकों को गन्ना काटने के लिए भेज रही हैं और इसे चूर्ण बनाने के लिए ले जा रही हैं. इस पर होने वाला खर्च किसानों के गन्ना बिल से काट लिया जाता है। हालांकि, चीनी मिलें कटाई और परिवहन की लागत में इजाफा करती हैं। इसी पृष्ठभूमि में चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने प्रदेश की 200 चीनी मिलों के लिए गन्ना कटाई एवं प्रति मीट्रिक टन परिवहन मूल्य सूची की घोषणा की है. फैक्ट्रियां इस टैरिफ में उल्लिखित राशि को ही किसानों के बिलों से काट सकेंगी। वहीं, अगर किसान अपना गन्ना काट कर चीनी कारखाने में पहुंचाना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी गई है.


    कौन सा कारखाना दर अधिक है?

    प्रदेश की 200 चीनी मिलों की गन्ना कटाई एवं परिवहन की मूल्य सूची की घोषणा कर दी गयी है. नासिक जिले में धाराशिव चीनी कारखाने में गन्ना काटने और परिवहन लागत दर (प्रति मीट्रिक टन) सबसे अधिक है। उस खरखाने की कीमत 1 हजार 109 रुपए है। उसके नीचे, औरंगाबाद के सिल्लोड में खड़कपूर्णा एग्रो फैक्ट्री की दर 1 हजार 102 रुपये है। इसलिए, सबसे कम दर सांगली जिले के वलवा तालुका के डॉ क्रांतिवीर हैं। नागनाथ नायकवाड़ी हुतात्मा किसान अहीर फैक्ट्री रेट है। वह रेट 571 रुपए है जबकि कोल्हापुर जिले में भोगवती शुगर फैक्ट्री का रेट 595 रुपए है। किसान संगठन आरोप लगा रहे हैं कि चीनी मिलों की कटाई और ढुलाई का खर्चा ज्यादा है। इस पृष्ठभूमि में किसानों को पेराई के लिए गन्ने की आपूर्ति करते समय निकटतम कारखाने का चयन करना चाहिए, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आने वाले मौसम में कारखानों की लागत उचित हो। यदि यह लागत अधिक पाई गई तो किसान कारखाने के कार्यक्रम के अनुसार पेराई के लिए गन्ना ले सकेंगे।


  • कोढ़ा थाना परिसर में लगे जनता दरबार में ऑन द स्पॉट 5 मामले का निष्पादन

    कोढ़ा/ शंभु कुमार 

    कोढ़ा थाना परिसर में शनिवार को थानाध्यक्ष रूपक रंजन सिंह व अंचलाधिकारी विक्रम भास्कर झा कोढा की अध्यक्षता में जनता दरबार परामर्श सभा का आयोजन किया गया। जिसमें कि पुर्व का लंबित आवेदन 32 व शनिवार को कुल प्राप्त आवेदन 16 आवेदन कुल 48 आवेदनों में से कुल 5 मामले का निष्पादन साक्ष्य आधारित व आपसी समझौते के अधार पर किया गया। 43आवेदन से संबंधित मामला लंबित रहा।

    जिसको लेकर अग्रतर कार्यवाही हेतु नोटिस भेज कर सूचना दी जाएगी।वही इस जनता दरबार परामर्श सभा में अंचल प्रधान लिपिक जगदीश झा,  राजस्व कर्मचारी ,   पीएलभी प्रधान कुमार सिंह,  मनखुश मिश्रा, दुर्गेश कुमार झा व कयी पंचायतों से आये फरियादी मौजूद थे।

  • Train Ticket खो जाए तो न हों परेशान – रेलवे देता है डुप्लीकेट टिकट, जानें – कैसे मिलेगा?


    Indian Railway : भारत में रोजाना लाखों लोग रेल में सफर करते हैं. इसीलिए रेल को भारत की जीवन रेखा कहा जाता है. इंडियन रेलवे कम किराए में लोगों को उनके गंतव्‍य तक पहुंचाता है. लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए तो आज यह भारतीयों का सबसे पसंदीदा साधन भी है. रेलगाड़ी में यात्रा करने के लिए टिकट लेना अनिवार्य है. बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी जुर्माना भी भरना पड़ता है. बहुत से रेलयात्रियों के साथ ऐसा भी होता है कि वो टिकट तो लेते हैं, लेकिन वो गुम हो जाता है.

    अगर आपका भी रेल टिकट कही खो जाए तो आपको ज्‍यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. टिकट गुम होने पर रेलवे यात्री को डुप्‍लीकेट टिकट भी जारी करता है. अलग-अलग श्रेणी के लिए डुप्‍लीकेट टिकट बनवाने के नियम और फीस भी अलग-अलग हैं. टिकट गुम होने पर सबसे पहले यात्री को टिकट चेकर के पास जाना चाहिए और उसे टिकट गुम होने की सूचना भी देनी चाहिए. यात्री टिकट काउंटर पर जाकर भी डुप्‍लीकेट टिकट (Duplicate Rail Ticket) बनवा सकता है.

    देनी होगी ये फीस

    देनी होगी ये फीस

    मनीकंट्रोल वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट indianrail.gov.in पर डुप्‍लीकेट टिकट बनवाने की प्रक्रिया को बड़े विस्‍तार से बताया गया है. डुप्‍लीकेट टिकट को बनवाने के लिए यात्री को पैसे देने पड़ते हैं. सेकेंड क्लास और स्लीपर क्लास के लिए डुप्लीकेट टिकट आपको 50 रुपये में मिल जाएगा. इनसे ऊपर की श्रेणी के लिए के डुप्‍लीकेट टिकट बनवाने के लिए आपको 100 रुपये तक देने होंगे. अगर रिजर्वेशन चार्ट बनने के बाद कंफर्म टिकट गुम हो जाता है तो किराये का 50 प्रतिशत भुगतान करना होता है.

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  • पशुपालकों के लिए खुशखबरी! अब देश में नहीं होगी चारे की कमी, केंद्र ने लिया बड़ा फैसला

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: देश में पशुपालन से जुड़े लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उन्हें पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। देश में चारे की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इस वित्तीय वर्ष में केंद्र द्वारा 100 चारा केंद्रित खेतराष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को करी उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है।

    दरअसल, 2020 में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने चारा केंद्रित एफपीओ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। इसके साथ ही दुग्ध मंत्रालय ने कृषि मंत्रालय से केंद्रीय योजना “10,000 नए एफपीओ का निर्माण और संवर्धन” के तहत ऐसे एफपीओ को अनुमति देने का अनुरोध किया था। इसके बाद आखिरकार कृषि मंत्रालय ने 4 नवंबर को आदेश जारी कर दिया।


    100 एफपीओ बनाने का काम सौंपा

    आदेश में यह भी कहा गया है, “कृषि और किसान कल्याण विभाग में सक्षम प्राधिकारी ने 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के निर्माण और प्रचार के लिए योजना के तहत कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में एनडीडीबी के नामांकन को मंजूरी दे दी है ताकि एफपीओ, मुख्य रूप से चारे पर ध्यान केंद्रित किया, और पशुपालन गतिविधियों को बढ़ावा दिया।” जा सकते हैं

    अधिकारियों ने बताया कि पिछले महीने चारा संकट पर समीक्षा बैठक के बाद मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि एक सामान्य वर्ष में देश में चारे की कमी 12-15 फीसदी, 25-26 फीसदी और 36 फीसदी होती है. . नुकसान मुख्य रूप से मौसमी और क्षेत्रीय कारकों के कारण होते हैं। हालांकि, चारे में मौजूदा मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति गेहूं की फसल में गिरावट और डीजल जैसी इनपुट लागत में वृद्धि के कारण है। चारे का कुल क्षेत्रफल फसल क्षेत्र के 4.6 प्रतिशत तक सीमित है और पिछले चार दशकों से स्थिर है। वहीं, केंद्र सरकार के इस फैसले से पशुपालक खुश हैं. उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले से चारे की महंगाई कम होगी.