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  • 57 करोड़ की लागत से सरकारी बस स्टैंड में 750 लोगों की क्षमता का बनेगा

    सरकारी बस स्टैंड में मल्टी परपस बिल्डिंग व आॅडोटारियम निर्माण के लिए एक बार फीर पहल शुरू की गई है। इसवार बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में आॅडोटाेरियम बनाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गया है। एनओसी के लिए परिवहन विभाग को प्रस्ताव भी भेजा गया है। सहमती मिलने के बाद टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस मल्टी परपस बिल्डिंग के कई प्रकार की सुविधाएं होगी। जो शहर के लिए काफी लाभकारी साबित होगा। लेकिन अभी तक परिवहन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। सरकारी बस स्टैंड का क्षेत्रफल काफी है लेकिन स्मार्ट सिटी द्वारा सिर्फ 1 एकड़ के लिए ही एनओसी मांगा जा रहा है।

    ताकि बड़े शहरों के तर्ज पर बिहारशरीफ में भी स्मार्ट मल्टी परपस बिल्डिंग तैयार किया जा सके। सीईओ विनोद कुमार ने बताया कि इसपर काफी दिनों से तैयार की जा रही थी। इस वार वोर्ड से सहमती दे दी गई है। परिवहन विभाग से एनअोसी मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जी प्लस फोर होगा बिल्डिंग सीईओ ने बताया कि सरकारी बस सटैंड का भवन जी प्लस फोर होगा। जिसमें कई प्रकार की सुविधा होगी। यहां करीब 750 लोगों के बैठने की क्षमता वाले आॅडोटोरियम तैयार किया जाएगा। इसके अलावे एक छोटा बैंकेट हॉल और एक बड़ा बैंकेट हॉल होगा जिसमें रूम की भी व्यवस्था होगी। जिसका प्रयोग शादी-विवाह व अन्य कार्यक्रमों के लिए प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावे इंडोर स्पोर्ट्स फैसिलिटी, जीम की भी व्यवस्था होगी। 1 एकड़ में होगा डेवलप उन्होंने बताया कि सरकारी बस स्टैंड में करीब 3.7 एकड़ जमीन है। जिसमें मात्र एक एकड़ में भवन बनाने के लिए एनओसी देने का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है। एक एकड़ में ही मल्टी परपस बिल्डिंग निर्माण किया जाएगा।

    एओसी मिलने की देरी है। जैसे ही परिवहन विभाग द्वारा एनओसी मिलता है। टेंडर कर प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। स्थल निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी सरकारी बस स्टैंड में मल्टीपरपरस ब्लिडिंग निर्माण के लिए एनओसी मिलने का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है। बुधवार को पथ परिवहन विभाग के प्रशासन मुख्य अनु कुमार बिहारशरीफ पहुंचे तथा बस स्टैंड का निरीक्षण किया और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के साथ बैठक की। स्मार्ट सिटी द्वारा प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी दी गई तथा जगह के बारे में भी बताया गया। सीईओ ने बताया कि नाला रोड या रांची रोड, दोनो तरफ जगह है। जिसमें किसी एक तरफ जमीन देने का प्रस्ताव दिया गया है। विभाग द्वारा इस वार एनओसी मिलने की पूरी उम्मीद है।

  • सोयाबीन रेट टुडे: लातूर मार्केट कमेटी में सोयाबीन को मिला सबसे ज्यादा दाम; आज के बाजार भाव देखें

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: आज शाम 5:00 बजे तक प्राप्त हुआ राज्य में (सोयाबीन रेट टुडे) विभिन्न कृषि उपज मंडी समितियों के सोयाबीन बाजार भाव के अनुसार आज सोयाबीन का अधिकतम भाव 6100 रुपये है।

    यह भाव लातूर कृषि उपज मंडी समिति को मिला और आज इस बाजार में 19458 क्विंटल पीला सोयाबीन प्राप्त हुआ (सोयाबीन रेट टुडे)। इसके लिए न्यूनतम कीमत 5300 रुपये, अधिकतम कीमत 6100 रुपये और सामान्य कीमत 5900 रुपये है।


    सोयाबीन का आज का भाव

    बाजार समिति जाति/प्रतिलिपि आयाम आय न्यूनतम दर अधिकतम दर सामान्य दर
    10/11/2022
    लासलगांव – विंचूर क्विंटल 2542 3000 5800 5531
    औरंगाबाद क्विंटल 140 5000 5549 5274
    मजलगांव क्विंटल 2444 4200 5511 5300
    सिल्लोड क्विंटल 221 5100 5700 5500
    उदगीर क्विंटल 7500 5650 5801 5725
    फव्वारा क्विंटल 10000 5050 5800 5475
    परली-Vaijnath क्विंटल 2800 4651 5621 5251
    वैजापुर क्विंटल 50 4055 5500 5305
    मोर्शियो क्विंटल 860 5000 5500 5250
    रहना क्विंटल 129 4101 5680 5500
    धूल हाइब्रिड क्विंटल 94 5475 5525 5500
    सोलापुर स्थानीय क्विंटल 207 3500 5650 5470
    अमरावती स्थानीय क्विंटल 12372 5200 5442 5321
    नागपुर स्थानीय क्विंटल 3438 4500 5590 5317
    अमलनेर स्थानीय क्विंटल 70 5301 5500 5500
    हिंगोली स्थानीय क्विंटल 2525 5299 5850 5574
    अंबाद (वादी गोदरी) स्थानीय क्विंटल 135 4400 5616 5095
    लातूर पीला क्विंटल [19458[19458 5300 6100 5900
    जलना पीला क्विंटल 12575 4200 6000 5400
    अकोला पीला क्विंटल 6363 4100 6050 5400
    यवतमाली पीला क्विंटल 1594 5000 5980 5490
    मालेगांव पीला क्विंटल 103 4501 5571 5000
    बीड पीला क्विंटल 275 4001 5555 5284
    कमनुरी पीला क्विंटल 80 5000 5000 5000
    चालीसगाँव पीला क्विंटल 40 4400 5501 5100
    हिंगोली-खानेगांव चेकपॉइंट पीला क्विंटल 985 5100 5400 5250
    जिंतुरो पीला क्विंटल 231 5000 5555 5300
    मुर्तिजापुर पीला क्विंटल 5100 5005 5800 5485
    मल्कापुर पीला क्विंटल 942 4900 5705 5615
    snarky पीला क्विंटल 695 5350 5700 5585
    सावनेर पीला क्विंटल 111 4825 5614 5500
    गोरे पीला क्विंटल 267 4500 5475 4990
    गंगाखेड़ी पीला क्विंटल 27 5600 5700 5600
    तेलहारा पीला क्विंटल 1000 5100 5425 5230
    तलोदा पीला क्विंटल 42 4102 5630 5575
    पिंजरा पीला क्विंटल 469 5400 5600 5551
    मुंहासा पीला क्विंटल 898 4500 5930 5260
    उमरगा पीला क्विंटल 64 4500 5726 5500
    पूरा पीला क्विंटल 680 4302 5600 5498
    बरसी — तकली पीला क्विंटल 575 4850 5610 5325
    सफेद पीला क्विंटल 100 5400 5600 5550
    उमरखेड़ पीला क्विंटल 230 4750 5000 4850
    उमरखेड-डंकिक पीला क्विंटल 340 4750 5000 4850
    भंडार: पीला क्विंटल 1 5000 5000 5000
    कलांबा (यवतमाल) पीला क्विंटल 180 4700 5350 5200
    सोनपेठ पीला क्विंटल 1228 4299 5776 5550

  • श्रृजन दिवस के मौके पर स्ट्रॉवेरी की खेती करने वाले किसान को किया

    जिला श्रृजन दिवस के मौके पर आत्म सभागार में कृषि विभाग द्वारा कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले में स्ट्रॉवेरी की सफल खेती करने वाले किसानों को सम्मानित किया गया साथ ही उर्वरक निरीक्षक को उनके अधिकार व कर्तव्यों के बारे में जानकारी भी दी गई। कृषक गोष्ठी के दौरान सबसे पहले कृषि के अधुनिक प्रणाली पर चर्चा की गई तथा किसानों को परम्परागत खेती के अलावे अन्य खेती करने के लिए जागरूक करने पर चर्चा की गई। डीएओ संजय कुमार व अन्य अधिकारियों ने स्ट्रॉवेरी की खेती शुरूआत करने वाले नगरनौसा प्रखंड के अनुप कुमार को सम्मानित किया तथा कहा कि किसी भी नई फसल की खेती के लिए किसानों को हिम्मत करनी होगी। शुरूआती दौर में परेशानी आती है लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। वर्तमान समय में जिस प्रकार मौसम में परिवर्तन हो रहा है उस अनुसार जलवाुय अनुकूल खेती की आवश्यकता है। विशेष परिस्थिति में सलाह देने के लिए कृषि विशेषज्ञ उपलब्ध है।

    उन्होंने कहा कि अनुप कुमार ने जिस प्रकार स्ट्रॉवेरी की खेती का जिले का नाम बढ़ाया है। इसने दुसरे किसानों को भी प्रेरणा लेने की जरूरत है। इस मौके पर सहायक कृषि पदाधिकारी संजय शर्मा, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण आनंद कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी आदि उपस्थित थे। अधिकार व कर्तव्यों की दी गई जानकारी कृषि समन्वयक को अब उर्वरक निरीक्षक की जिम्मेवारी दी गई है। इसके लिए सभी समन्वयकों को उनके अधिकार व कर्तव्यों की जानकारी दी गई। सहायक कृषि पदाधिकारी संजय शर्मा ने कहा कि जिरो टॉलरेंस नीति को धरातल पर उतारने के लिए अपलोगों की जिम्मेवारी बढ़ गई है। किसी भी दुकान से उर्वरक का नमुना लेने के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई के लिए अनुशंसा करने का अधिकारी है। कहीं से अगर उर्वरक कालेवारी की शिकायत मिलती है तो जांच का स्पष्टीकरण मांग सकते हैं। रबी में उर्वरक का डिमांड बढ़ने लगा है। इसलिए अपने-अपने क्षेत्र में किसानों को निर्धारित दर पर उर्वरक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।

  • डॉक्टर के आभाव में करीब 2 घंटा ओपीडी रहा बाधित, डीएस से संभाला मोर्चा

    बायोमेट्रीक सिस्टम से उपस्थिति दर्ज करने के लिए चिकित्सकों पर जब दवाब बढ़ने लगा तो परिणाम भी सामने आने लगे हैं। बुधवार को करीब 2 घंटा ओपीडी बाधित रहा। कोई डॉक्टर नहीं रहने के कारण मरीज पर्चा लेकर इधर से उधर घुमते नजर आए। सिस्टम से परेशान जब मरीजों से हल्ला करना शुरू किया तो डीएस ने ओपीडी संभला तब जाकर मरीज शांत हुए। जानकारी के मुताबकि जिन डॅक्टर की डियुटी थी वे एक दिन पहल तक ही ओवर डियुटी कर चले गए थे। एक चिकित्सक डॉ. राजशेखर डियुटी पर थे जो 9 बजे तक मरीज को देखकर प्रशिक्षण के लिए चले गए। इसके बाद 11 बजे तक ओपीडी खाली रहा। इसके बाद डीएस डॉ. कुमकुम प्रसाद ने 11 बजे के बाद ओपीडी का कमान संभाला।

    मिशन 60 दिन के तहत हर विभाग के लिए अलग-अलग ओपीडी शुरू करने की तैयारी की जा रही है लेकिन यहां एक ओपीडी संभलना प्रबंधन के लिए मुश्किल हो रहा है। बता दें कि बोयोमेट्रीक सिस्टम से उपस्थिति बनाने को लेकर पहले ही पांच डॉक्टर छुट्टी के नाम पर गायब हो गए हैं। अगर सिस्टम में सुधार नहीं किया गया और वर्तमान मे जो परिस्थिति बनती जा रही है ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरूस्त करना विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। डीएस डॉ. कुमुकम ने बताया कि डॉ. प्रिया अचानक छुट्टी पर चली गयी हैं। जबकि, डॉ. सावन मंगलवार की ड्यूटी करने के बाद बुधवार को नहीं आए। डॉ. राजशेखर प्रशिक्षण के लिए पटना गए हैं। इस कारण ओपीडी की सेवा बाधित रही।

  • सस्ता नहीं होगा 5G प्लान – 4G की तुलना में 15-20% मंहगा होगा टैरिफ प्लान, जानें – सबकुछ..


    डेस्क : अगर आपको लगता है कि 4G के रेट में ही 5G(5G service) प्लान मिल जाएगा और आप सेकंडों में पूरी मूवी डाउनलोड कर लेंगे, तो ऐसा बिल्कुलनहीं है. अपने मोबाइल में 5G नेटवर्क चलाने के लिए आपको 4G की तुलना में अधिक जेब ढीली करनी होगी.

    तब जाकर आपको 5G का आनंद मिलेगा और अल्ट्रा हाई स्पीड इंटरनेट का मजा ले पाएंगे. 5G सर्विस को रोलआउट करना यानी कि 5G मोबाइल सर्विस की लॉन्चिंग भी इतनी आसान नहीं. इसमें करोड़ों रुपये का खर्च भी होना है जिसके लिए सभी टेलीकॉम कंपनियां दिन-रात माथापच्ची भी कर रही हैं. माना जा रहा है कि 5G सर्विस के रोलआउट का खर्च निकालने के लिए टैरिफ रेट बढ़ाए बिना दूसरा कोई भी विकल्प नहीं हैं.

    5G सर्विस को शुरू करने के लिए मोबाइल कंपनियां अपने टैरिफ में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती हैं. पिछली बढ़ोतरी नवंबर माह 2021 में हुई थी. यह लगभग साल भर पूरा होने को है जिससे टैरिफ बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गयी है. कई महीनों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि मोबाइल कंपनियां अपना घाटा पाटने और 5G सर्विस को शुरू करने के लिए टैरिफ बढ़ा सकती हैं. इसके पीछे तर्क यह दिया जाता है कि पूरी दुनिया में मोबाइल टैरिफ भारत में ही सबसे किफायती है जबकि इस्तेमाल में भारत ने अच्छे-अच्छे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है.

    5G रोलआउट में देरी

    5G रोलआउट में देरी

    टेलीकॉम कंपनियों ने 5G सर्विस का रोलआउट भी शुरू कर दिया है और कई शहरों में दिवाली से पहले इसका ट्रायल रन लॉन्च भी हो चुका है. देश के 8 शहरों में यह सेवा शुरू कर दी गयी है, हालांकि सबको यह सुविधा नहीं मिल रही बल्कि चुनिंदा ग्राहक इसका फायदा उठा रहे हैं. अब पूरे देश में 5G सर्विस शुरू होने जा रही है जिस पर करोड़ों रुपये का खर्च भी आएगा. इसके लिए कंपनियों ने लोन भी लिया है और निवेशकों से भी पैसे लिए हैं. माना जा रहा है कि 5G सर्विस शुरू करने के लिए कंपनियों को 1.5 से 2 लाख करोड़ पर का निवेश करना भी होगा. यह काम बिना लोन, निवेश और टैरिफ बढ़ोतरी के बिल्कुल संभव नहीं है.

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  • कर्जमाफी की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े किसान का ‘शोले स्टाइल’ का विरोध

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: कर्जमाफीऔरंगाबाद में एक किसान ने घोषणा के बावजूद अभी तक कर्जमाफी नहीं मिलने के कारण पानी की टंकी पर चढ़कर शोले शैली का विरोध प्रदर्शन किया। यह घटना औरंगाबाद के पैठण तालुका में तहसील कार्यालय के परिसर में हुई। कई बार अधिकारियों को बयान देने के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया तो किसान सीधे पानी की टंकी पर चढ़ गया। हालांकि इससे प्रशासन खासा नाराज था।

    मिली जानकारी के अनुसार इस किसान का नाम तीर्थराज दत्तात्रेय गिरगे है. नायगांव जिला पैठन, औरंगाबाद जिला है। गिरगे ने 2016 में महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक की पैठण शाखा से कृषि के लिए 97,000 का कर्ज लिया था। सरकार ने दो ऋण माफी योजनाओं की घोषणा की, अर्थात् छत्रपति शिवाजी महाराज ऋण माफी शेतकर सम्मान योजना और महात्मा ज्योतिबा फुले शेतकारी ऋण माफी योजना। जबकि ये दोनों कर्ज माफी योजना के लिए पात्र हैं, गिरगे ने आरोप लगाया है कि उनका नाम संबंधित बैंक से कर्ज माफी सूची में शामिल नहीं था।


    उक्त अतिदेय ऋण की वसूली के लिए बैंक ने एक वकील के माध्यम से गिरगे को नोटिस भेजा है और अतिदेय राशि का भुगतान नहीं करने पर अदालत में मामला दर्ज करने की धमकी दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि दोनों योजनाओं का कर्जमाफी का लाभ लेने के लिए निर्धारित आवेदन जमा करने के बाद भी उन्हें लाभ नहीं मिला. तीर्थराज गिरगे ने यह भी आरोप लगाया है कि बैंक ने इस बारे में बार-बार शिकायत की है, लेकिन बैंक ने अस्पष्ट जवाब देकर मुझे कर्ज माफी से वंचित कर दिया है।


  • पुरानी गाड़ी वालों की बल्ले बल्ले! महज 500 रुपए देकर मस्ती से वाहन चलाएं, नहीं टोकेगी पुलिस..


    डेस्क : अगर आप दिल्ली एनसीआर में गाड़ी चलाते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि अब पुरानी कार मालिकों को स्पीड के चलते ज्यादा पैसे देने की जरूरत नहीं है। नए नियम के तहत परिवहन विभाग ने केवल 500 रुपये के प्रमाण पत्र पर वाहन चालकों को राहत दी है।

    इसके लिए अब तक 3500 से 4000 रुपये का भुगतान करना पड़ता था। अब दिल्ली सरकार ने स्पीड गवर्नर सर्टिफिकेट के लिए सिर्फ 500 रुपये देने को कहा है। जिससे दिल्ली के लाखों वाहन मालिकों को फायदा होने वाला है। हालांकि, इसमें कुछ शर्तें रखी गई हैं। इसके साथ ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने भी लोगों से लोक अदालत के जरिए स्पीड ड्राइविंग का भुगतान करने की अपील की है।

    दरअसल, मोटर रूल एक्ट के मुताबिक जब वाहन परिवहन विभाग के पास जाता है तो उसमें स्पीड गवर्नर होना जरूरी होता है। कानून के मुताबिक स्पीड गवर्नर का सर्टिफिकेट होना भी अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2000 से व्यावसायिक वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य है। वाहनों की गति निर्धारित करने के लिए यह व्यवस्था की गई है, ताकि वाहन ज्यादा तेज गति से न चल सकें। लेकिन हाल ही में लोगों को राहत देते हुए नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं। जिसके बाद आप 500 रुपये के सर्टिफिकेट के साथ भी दिल्ली की सड़कों पर गाड़ी चला सकते हैं।

    यह आदेश हाल ही में परिवहन विभाग के उपायुक्त ने जारी किया है। जिसमें बस एंड कार कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया की मोटर व्हीकल एक्ट कमेटी के चेयरमैन सरदार गुरमीत सिंह ने कहा है कि वह पिछले कई सालों से पत्र के जरिए इस समस्या को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने रख रहे हैं. इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वाहन मालिकों को लाभ देने के लिए यह कदम उठाया है. अब स्पीड गवर्नर के नाम पर वाहन मालिकों से मिलने वाला पैसा बहुत कम होगा. इससे कई वाहन मालिकों को फायदा होगा।

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  • खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान ने खाद केंद्र में ही किया आत्महत्या का प्रयास; पढ़िए कहां हुई थी घटना?

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में भी खेतबैंकों के सामने खाद की समस्या सुलझने का नाम नहीं ले रही है. इससे किसान काफी परेशान हैं। जिले के साथ ही संसाधन सहकारी समितियों में उर्वरक की कोई उपलब्धता नहीं है। अब जब आलू के साथ गेहूं की बुआई हो गई है तो किसानों को खाद की सख्त जरूरत है। लेकिन स्थिति यह है कि खाद की एक बोरी के लिए किसानों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के कई हिस्सों में किसान ज्यादा परेशान हैं, जिससे कुछ घटनाएं भी सामने आ रही हैं.

    खाद न मिलने पर किसान इतना नाराज हो गया कि उसने पेड़ पर चढ़कर आत्महत्या करने की धमकी दी। एक किसान के पेड़ पर चढ़ने के इस हाई वोल्टेज ड्रामा का पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.


    किसान का वीडियो वायरल

    यह पूरा मामला बाराबंकी की रामनगर तहसील के त्रिलोकपुर कस्बे की साधना सहकारी समिति का है. खाद वितरण के समय सैकड़ों की संख्या में अनियंत्रित किसान जमा हो गए. हालात ऐसे बने कि किसानों को संभालना कर्मचारियों और पुलिस के लिए चुनौती बन गया। खाद वितरण शुरू होते ही साधन सहकारी सोसायटी त्रिलोकपुर के पास रहने वाले भरत रावत नाम के शख्स ने खाद न मिलने पर हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू कर दिया. वह पास ही एक नीम के पेड़ पर चढ़ गया। जब तक पेड़ के नीचे खड़े लोगों को कुछ समझ में आया, वह पेड़ पर चढ़ने लगा और आत्महत्या करने की धमकी देने लगा। एक किसान का खाद के लिए पेड़ पर चढ़ने का एक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

    किसान बहुत परेशान

    सूचना मिलते ही मसौली थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और यह नजारा देखकर उसके हाथ-पैर भी फूल गए। नीम के पेड़ पर चढ़ रहे किसान भरत रावत को किसी तरह पुलिस ने खींच लिया और अपने साथ थाने ले गए। दरअसल, जिले की विभिन्न सहकारी समितियों से फिलहाल किसानों को खाद नहीं मिल रही है. ऐसे में समितियों पर किसानों को खाद के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. कई बार किसान आपस में झगड़ जाते हैं। किसानों का कहना है कि बारिश से उनकी धान की फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी है और खर्च का भुगतान नहीं किया जा रहा है. साथ ही अगली फसल बोने पर उन्हें खाद नहीं मिलती है।


    खाद उपलब्ध नहीं है

    इस संबंध में बाराबंकी इफको केंद्र के उर्वरक वितरकों व अन्य समिति निदेशकों का कहना है कि जब भी खाद आती है तो नियमानुसार किसानों को बांट दी जाती है. कभी-कभी उर्वरकों की अनुपलब्धता या सर्वर नहीं होने के कारण किसानों को समस्या का सामना करना पड़ता है, इसलिए किसानों को उर्वरक नहीं मिलता है।


  • करीब 57 करोड़ की लागत से सरकारी बस स्टैंड में 750 लोगों की क्षमता का बनेगा ऑडोटोरियम

    बिहारशरीफ सरकारी बस स्टैंड में मल्टी परपस बिल्डिंग व आॅडोटारियम निर्माण के लिए एक बार फीर पहल शुरू की गई है। इसवार बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में आडोटाेरियम बनाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गया है। एनओसी के लिए परिवहन विभाग को प्रस्ताव भी भेजा गया है। सहमती मिलने के बाद टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस मल्टी परपस बिल्डिंग के कई प्रकार की सुविधाएं होगी। जो शहर के लिए काफी लाभकारी साबित होगा। लेकिन अभी तक परिवहन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। सरकारी बस स्टैंड का क्षेत्रफल काफी है लेकिन स्मार्ट सिटी द्वारा सिर्फ 1 एकड़ के लिए ही एनओसी मांगा जा रहा है। ताकि बड़े शहरों के तर्ज पर बिहारशरीफ में भी स्मार्ट मल्टी परपस बिल्डिंग तैयार किया जा सके। सीईओ विनोद कुमार ने बताया कि इसपर काफी दिनों से तैयार की जा रही थी। इस वार वोर्ड से सहमती दे दी गई है। परिवहन विभाग से एनअोसी मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

    जी प्लस फोर होगा बिल्डिंग
    सीईओ ने बताया कि सरकारी बस सटैंड का भवन जी प्लस फोर होगा। जिसमें कई प्रकार की सुविधा होगी। यहां करीब 750 लोगों के बैठने की क्षमता वाले आॅडोटोरियम तैयार किया जाएगा। इसके अलावे एक छोटा बैंकेट हॉल और एक बड़ा बैंकेट हॉल होगा जिसमें रूम की भी व्यवस्था होगी। जिसका प्रयोग शादी-विवाह व अन्य कार्यक्रमों के लिए प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावे इंडोर स्पोर्ट्स फैसिलिटी, जीम की भी व्यवस्था होगी।

    1 एकड़ में होगा डेवलप उन्होंने बताया कि सरकारी बस स्टैंड में करीब 3.7 एकड़ जमीन है। जिसमें मात्र एक एकड़ में भवन बनाने के लिए एनओसी देने का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है। एक एकड़ में ही मल्टी परपस बिल्डिंग निर्माण किया जाएगा। एओसी मिलने की देरी है। जैसे ही परिवहन विभाग द्वारा एनओसी मिलता है। टेंडर कर प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। स्थल निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी

    सरकारी बस स्टैंड में मल्टीपरपरस ब्लिडिंग निर्माण के लिए एनओसी मिलने का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है। बुधवार को पथ परिवहन विभाग के प्रशासन मुख्य अनु कुमार बिहारशरीफ पहुंचे तथा बस स्टैंड का निरीक्षण किया और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के साथ बैठक की। स्मार्ट सिटी द्वारा प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी दी गई तथा जगह के बारे में भी बताया गया। सीईओ ने बताया कि नाला रोड या रांची रोड, दोनो तरफ जगह है। जिसमें किसी एक तरफ जमीन देने का प्रस्ताव दिया गया है। विभाग द्वारा इस वार एनओसी मिलने की पूरी उम्मीद है।

  • श्रृजन दिवस के मौके पर स्ट्रॉवेरी की खेती करने वाले किसान को किया सम्मानित

    जिला श्रृजन दिवस के मौके पर आत्म सभागार में कृषि विभाग द्वारा कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले में स्ट्रॉवेरी की सफल खेती करने वाले किसानों को सम्मानित किया गया साथ ही उर्वरक निरीक्षक को उनके अधिकार व कर्तव्यों के बारे में जानकारी भी दी गई। कृषक गोष्ठी के दौरान सबसे पहले कृषि के अधुनिक प्रणाली पर चर्चा की गई तथा किसानों को परम्परागत खेती के अलावे अन्य खेती करने के लिए जागरूक करने पर चर्चा की गई। डीएओ संजय कुमार व अन्य अधिकारियों ने स्ट्रॉवेरी की खेती शुरूआत करने वाले नगरनौसा प्रखंड के अनुप कुमार को सम्मानित किया तथा कहा कि किसी भी नई फसल की खेती के लिए किसानों को हिम्मत करनी होगी।

    शुरूआती दौर में परेशानी आती है लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। वर्तमान समय में जिस प्रकार मौसम में परिवर्तन हो रहा है उस अनुसार जलवाुय अनुकूल खेती की आवश्यकता है। विशेष परिस्थिति में सलाह देने के लिए कृषि विशेषज्ञ उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि अनुप कुमार ने जिस प्रकार स्ट्रॉवेरी की खेती का जिले का नाम बढ़ाया है। इसने दुसरे किसानों को भी प्रेरणा लेने की जरूरत है। इस मौके पर सहायक कृषि पदाधिकारी संजय शर्मा, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण आनंद कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।

    अधिकार व कर्तव्यों की दी गई जानकारी कृषि समन्वयक को अब उर्वरक निरीक्षक की जिम्मेवारी दी गई है। इसके लिए सभी समन्वयकों को उनके अधिकार व कर्तव्यों की जानकारी दी गई। सहायक कृषि पदाधिकारी संजय शर्मा ने कहा कि जिरो टॉलरेंस नीति को धरातल पर उतारने के लिए अपलोगों की जिम्मेवारी बढ़ गई है। किसी भी दुकान से उर्वरक का नमुना लेने के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई के लिए अनुशंसा करने का अधिकारी है। कहीं से अगर उर्वरक कालेवारी की शिकायत मिलती है तो जांच का स्पष्टीकरण मांग सकते हैं। रबी में उर्वरक का डिमांड बढ़ने लगा है। इसलिए अपने-अपने क्षेत्र में किसानों को निर्धारित दर पर उर्वरक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।