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  • बिहार विधानसभा उप चुनाव का परिणाम तय करेगा बिहार किस दिशा में बढ़ रहा है

    1991 में रोसड़ा लोकसभा क्षेत्र से जनता दल से रामविलास पासवान और बीजेपी से कामेश्वर चौपाल चुनाव लड़ रहे थे ।कामेश्वर चौपाल राम जन्मभूमि का शिलान्यास किये थे इसलिए रोसड़ा लोकसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण हो गया था क्यों कि उस समय मंडल और कमंडल की राजनीति चरम पर था।

    कामेश्वर चौपाल के लिए संघ ,विहिप और बीजेपी अपनी पूरी ताकत झोंक दिया था और इतनी महंगी चुनाव मैंने आज तक नहीं देखा है ,उस दौर में पहली बार करोड़ों रुपये खर्च किये गये थे ।रामविलास पासवान का चार गाड़ी तो कामेश्वर चौपाल का 10 गाड़ी प्रचार में लगा हुआ था ।संशाधन में इतना बड़ा फर्क था लेकिन परिणाम आया तो कामेश्वर चौपाल का जमानत जप्त हो गया ।

    वो दौर था जब मैंं पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया था हालांकि उस राजनीति की उतनी समझ नहीं थी लेकिन चुनाव परिणाम आने बाद मुझे लगा कि संसाधन और सवर्ण के सहारे ही चुनाव नहीं जीता जा सकता है ।

    1998 के लोकसभा चुनाव में पहली बार एक पत्रकार के रूप में चुनाव कवर करने का मौका मिला और फिर यह सिलसिला शुरू हुआ वो अभी तक चला आ रहा है। बीजेपी को लेकर अभी भी धारणा यही है कि यह पार्टी सवर्ण और बनिया की पार्टी है। हिन्दू मुस्लिम नैरेटिव के बावजूद भी बिहार में बीजेपी अभी तक जातीय समीकरण में कोई बड़ी सेंधमारी नहीं कर पाई है ।वही 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार ऐसा देखा गया कि बनिया वोटर बीजेपी से दूरी बनाने लगे और ऐसी सीट जहां राजद बनिया को टिकट दिया वहां राजद एनडीए के कोर वोटर बनिया के वोट मे सेंधमारी करने में कामयाब रहा था ।

    ऐसे में कल मोकामा और गोपालगंज में जो उप चुनाव हुआ है उसमें राजद को बड़े मार्जिन से चुनाव जीतना चाहिए क्यों कि 2015 में जब नीतीश और लालू एक साथ चुनाव लड़ थे तो उस वक्त मोदी लहर के बावजूद बीजेपी का बिहार में सूपड़ा साफ हो गया था और इस बार तो सात सात पार्टी बीजेपी के खिलाफ एकजुट है।

    इसलिए यह चुनाव नीतीश ,तेजस्वी और बीजेपी तीनों के लिए लिटमस टेस्ट है क्यों कि महागठबंधन के बाद जिस तरीके से नीतीश का #Body language और संवाद करने के तरीके में जो बदल आया है उसकी भी परीक्षा इस चुनाव में होने वाली है ।

    इसी तरह राजद का यादव और मुसलमान समीकरण को साधु यादव और ओवैसी जैसे नेता सेंधमारी करने में कामयाब हो जाते हैं तो 2024 में ऐसे कई नेता के सहारे बीजेपी बिहार के इस मजबूत गठबंधन को ध्वस्त कर सकती है ।

    इसी तरह बिहार का जो चुनावी गणित दिख रहा है उसी तरीके का परिणाम रहा तो फिर बीजेपी के लिए बिहार में वापसी करना नामुमकिन हो जायेगा देखिए आगे आगे होता है क्या लेकिन चुनाव भले ही दो विधानसभा में हो रहा है लेकिन बिहार किसी दिशा में बढ़ रहा है इन दो विधानसभा चुनाव के परिणाम से साफ हो जायेंगा।

  • Mukesh Ambani अब सैलून बिजनेस में करेंगे एंट्री! जानें – पूरा प्लान..


    डेस्क : मुकेश अंबानी की Reliance Retail रिटेल अब सैलून बिजनेस में एंट्री करने वाली है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस की चेन्नई स्थित नेचुरल्स सैलून एंड स्पा में लगभग 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत चल रही है। रिलायंस रिटेल 49 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करके एक ज्वाइंट वेंचर बना सकती है।

    बातचीत शुरुआती चरण में हैं :

    बातचीत शुरुआती चरण में हैं : इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से यह बताया गया है कि नेचुरल्स सैलून एंड स्पा के भारत में लगभग 700 आउटलेट हैं और Reliance इसे चार-पांच गुना बढ़ाना चाहता है। ये बातचीत अभी शुरुआती चरण में है। आपको बता दें कि नेचुरल सैलून एंड स्पा चलाने वाली कंपनी ग्रूम इंडिया सैलून एंड स्पा है। इस कंपनी की हिंदुस्तान यूनिलीवर के लैक्मे ब्रांड और एनरिक सहित क्षेत्रीय ब्रांडों के साथ में प्रतिस्पर्धा चल रही है।

    20,000 करोड़ रुपये का हैं बिजनेस :

    20,000 करोड़ रुपये का हैं बिजनेस : भारत में 20,000 करोड़ रुपये के सैलून उद्योग में ब्यूटी पार्लर और नाई की दुकानों वाले लगभग 6.5 मिलियन लोग जुड़े हुए हैं। यह Covid-19 महामारी के दौरान सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक था।

    क्या कहा CEO ने : नेचुरल्स सैलून एंड स्पा के CEO सीके कुमारवेल ने कहा- Covid ने हर व्यवसाय को प्रभावित किया और सैलून शायद सबसे अधिक प्रभावित हुआ। लेकिन पिछले 7 महीनों में व्यापार मजबूत रहा है। हालांकि, हम हिस्सेदारी कम कर रहे हैं तो इसकी वजह Covid नहीं है। वहीं, Reliance Retail के एक प्रवक्ता ने इस पर कोई जानकारी नहीं दी है। कम्पनी के प्रवक्ता ने कहा कि एक नीति के रूप में हम मीडिया की अटकलों और अफवाहों पर टिप्पणी नहीं करते हैं।

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  • Flower Cultivation: ‘या’ फुलांची शेती तुम्हाला मिळवून देईल चांगला नफ; जाणून घ्या

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: फूल इंसान को प्रकृति का सबसे खूबसूरत तोहफा है। इनसे निकलने वाली सुगंध मन को तरोताजा कर देती है और शांति का अहसास कराती है। इसीलिए महान विचारकों ने अपनी रचना (फूलों की खेती) में फूलों के वैभव की प्रशंसा की है। फूलों का उपयोग पूजा, त्योहारों, आयोजनों, समारोहों में किया जाता है। सौंदर्य प्रसाधन, इत्र और दवा उद्योगों में फूलों की खेती की हमेशा मांग रहती है। जिससे किसानों को उनकी फसल का मूल्य मिल सके। सामान्य ज्ञान वाला कोई भी किसान फूलकृषिव्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

    कमल की खेती

    कम कीमत पर बंपर मुनाफा! आमतौर पर यह माना जाता है कि यह तालाबों या कीचड़ में खिलता है, लेकिन आधुनिक कृषि विज्ञान का उपयोग करके आप आसानी से अपने खेतों में कमल उगा सकते हैं।


    कमल को बीज और कलम दोनों द्वारा प्रचारित किया जा सकता है। कमल (फूलों की खेती) की फसल के लिए पर्याप्त सिंचाई की आवश्यकता होती है, इसलिए खेत को हर समय जलभराव में रखें। तीन से चार महीने में कमल की फसल तैयार हो जाती है।

    गुलाब की खेती

    कम कीमत पर बंपर मुनाफा! आमतौर पर यह माना जाता है कि यह तालाबों या कीचड़ में खिलता है, लेकिन आधुनिक कृषि विज्ञान का उपयोग करके आप आसानी से अपने खेतों में कमल उगा सकते हैं। ऐसे करें कमल का पौधा- कमल की खेती के लिए नम मिट्टी सबसे अच्छी होती है। बीज बोने से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई कर लेनी चाहिए। कमल को बीज और कलम दोनों द्वारा प्रचारित किया जा सकता है। चूंकि कमल की फसल को पर्याप्त सिंचाई की आवश्यकता होती है, इसलिए खेत को हर समय जलमग्न रखें। तीन से चार महीने में कमल की फसल तैयार हो जाती है।


    गेंदे की खेती

    गेंदा की खेती के लिए भारत की जलवायु अच्छी मानी जाती है। इसकी खेती कम लागत में भी अच्छा मुनाफा देती है। गेंदे का उपयोग धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में किया जाता है। गेंदा को दो वर्गों में बांटा गया है, हजारिया और अफ्रीकी गेंदा।

    ऐसे करें गेंदे की फसल- गेंदे की फसल किसी भी (फूल की खेती) मिट्टी में उगाई जा सकती है। बुवाई से पहले खेत की सामान्य जुताई कर देनी चाहिए। अब निंबोली के आटे को गाय के गोबर में मिलाकर 2-3 बार हल चला लें। अब खेत को छोटे-छोटे क्यारियों में बांट लें। एक एकड़ भूमि के लिए 600-800 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। अब इन बीजों को तैयार खेत की भाप पर छिड़कें। किसान यूरिया और पोटाश का उपयोग उर्वरक के रूप में कर सकते हैं। सर्दियों में फसल को न्यूनतम सिंचाई की आवश्यकता होती है।


    गुलाब की खेती

    गुलाब की खेती पूरे भारत में की जाती है। फूलों की रंग-आकार-सुगंध के अनुसार, विशेषज्ञों ने गुलाब की किस्मों (फूलों की खेती) को पांच वर्गों में विभाजित किया है, हाइब्रिड चाय, फ्लोरिबुंडा, पोलिन्था क्लास, क्रीपर क्लास और मिनिएचर क्लास।

    गुलाब की खेती की विधि- गुलाब की खेती के लिए मिट्टी की मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। बुवाई से पहले सड़ी हुई खाद, यूरिया सिंगल सुपर फास्फेट और म्यूरेट ऑफ पोटाश को खेत में डालें। अब खेत की जुताई करें और पैड डालें। अब खेत को छोटे-छोटे क्यारियों में बांट लें। गुलाब की खेती आमतौर पर कलमों द्वारा की जाती है। इसके लिए नर्सरी में तैयार पौधों से कटिंग का चयन किया जाता है। तीन सप्ताह के अंतराल पर लगातार पानी देने से पौधों पर कलियाँ और फूल बनेंगे। गुलाब की प्रमुख किस्में फ्लेमिंगो, जवाहर, मृगालिनी पिंक, गंगा व्हाइट और पर्ल हैं।


    मटर की खेती

    यह फूल अपनी मीठी सुगंध के लिए जाना जाता है। देश में आम की खेती पंजाब, हरियाणा और दक्षिणी राज्यों में की जाती है। इसकी महक के कारण परफ्यूम-डिटर्जेंट और कॉस्मेटिक उद्योगों में इसकी हमेशा मांग रहती है।

    मोगरा की खेती – इस फूल के बीज दोमट, दोमट मिट्टी में अच्छे से उगते हैं। जुताई के बाद खेत को खरपतवार से मुक्त करने के लिए एक या दो बार निराई-गुड़ाई करनी चाहिए। खेत को तैयार करने के लिए खाद को मिट्टी में मिलाना चाहिए। अब खेत को छोटे-छोटे क्यारियों में बांट लें। बेला की बुवाई के लिए सितंबर से नवंबर का महीना अच्छा होता है। बीजों को तैयार खेत में 10-15 सें.मी. की गहराई पर बोएं। बेहतर फसल वृद्धि के लिए समय-समय पर निराई करें।


  • पटना हाईकोर्ट में गोपालगंज से आरजेडी के उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता के विरुद्ध दायर रिट याचिका पर अब सुनवाई 7 नवंबर,2022 को दोपहर सवा दो बजे सुनवाई की जाएगी

    स्थानीय मतदाता दीपू कुमार सिंह द्वारा दायर रिट याचिका पर जस्टिस मोहित कुमार शाह करेंगे।

    गौरतलब है कि कल गोपालगंज विधानसभा चुनाव क्षेत्र के उपचुनाव में मतदान हो चुका है।6 नवंबर,2022 को मतगणना हो कर परिणाम आ जाएगा। पिछली सुनवाई में भारत के चुनाव आयोग के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने इस रिट याचिका को सुनवाई करने के योग्य नहीं माना था।

    उनका कहना था कि चुनाव परिणाम के बाद इसके विरुद्ध चुनाव याचिका दायर की जा सकती है।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एस डी संजय ने कहा था कि आर जे डी उम्मीद्वार ने अपने विरुद्ध मामलें को छुपा कर नामांकन किया।ये सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का खुला उल्लंघन हैं।

    Patnahighcourt

    वरीय अधिवक्ता एस डी संजय ने बताया कि याचिकाकर्ता ने राज्य में होने जा रहे विधानसभा के उप चुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता उर्फ मोहन प्रसाद के नामांकन की जांच कर रद्द करने की माँग किया गया है।इसके लिए मुख्य चुनाव अधिकारी को आदेश देने का अनुरोध किया गया था।

    याचिका में ये आरोप लगाया गया था कि रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा इनके नामांकन को गलत और अनुचित तरीके से स्वीकार किया गया है।इसमें तथ्यों को छुपा कर गलत हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया है। ये भी आरोप लगाया गया है कि उक्त आरजेडी के उम्मीदवार द्वारा भरे गए फॉर्म सी- 4 में लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में गलत सूचना दिया है।उनके विरुद्ध लंबित आपराधिक मामलों के संबंध में गलत जानकारी दी गई है।

  • Electric Car में अब नहीं लगेगी आग, आ गया सेफ्टी के धांसू नियम..


    डेस्क : इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग मार्केट में तेजी से बढ़ रही है। लोग बढ़ती पेट्रोल डीजल की कीमतों के चलते इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना अधिक पसंद कर रहे हैं। लेकिन लोगों के मन में एक डर है कि गाड़ी में कहीं आग न लग जाए। ऐसी घटनाएं सामने आई है जिसमें इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग गई। इसे गाड़ी के नुकसान होने के साथ-साथ वाहन चालक भी झुलस गए।

    ऐसे में सरकार इस पर नियंत्रण पाने के लिए एक सख्त कदम उठाई है। अब सरकार ने ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए सेफ्टी टेस्ट चेक लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट पर खड़े उतरने वाले कंपनियों को ही इलेक्ट्रिक व्हीकल पर सब्सिडी दी जाएगी। अब EV मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को सरकार से तभी सब्सिडी मिलेगी जब वह सेफ्टी टेस्ट को पास करेगा। सेफ्टी टेस्ट के नियम 2023 के अप्रैल महीने से लागू होंगे। मंत्रालय के द्वारा इस संबंध में एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।

    इस प्रकार होगी टेस्टिंग :

    इस प्रकार होगी टेस्टिंग : बैटरी सेल के परीक्षण में ऊंचाई उत्तेजना और तापमान चक्रण होगा। इसमें चेंबर का तापमान बढ़ाकर देखा जाएगा कि लिथियम आयन सेल में क्या रिएक्शन हो रहा है। ऊंचाई उत्तेजना के दौरान, यह परीक्षण किया जाएगा कि दबाव या उच्च तापमान में रखे जाने पर सेल में आग लग जाती है या नहीं।

    इसके अलावा बैटरी पैक के 5 नए टेस्ट और बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम के 11 तरह के टेस्ट होंगे। बैटरी को ऊंचाई से गिराने से भी यह देखा जाएगा कि यह प्रभाव के कारण आग नहीं पकड़ती है। इसके साथ ही कई अन्य तकनीकी परीक्षण भी नए नियमों में शामिल हैं जो ईवी की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

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  • बुजुर्गों की जागी किस्मत! ये Bank FD दे रहा 8% का ब्याज रिटर्न, जानिए – विस्तार से..


    डेस्क : IDBI बैंक ने “आजादी का अमृत महोत्सव” थीम पर विशेष जमा योजनाएं पेश की थी। इस थीम के तहत बैंक ने एक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) योजना भी शुरू की थी। यह विशेष FD स्कीम 700 दिनों के मैच्योरिटी पिरियड के साथ लॉन्च हुई थी। ये बैंक इस योजना में निवेश करने वाले सामान्य नागरिकों को 7 फीसदी का ब्याज दर ऑफर कर रही है।

    इस योजना के तहत बैंक वरिष्ठ नागरिकों को 700 दिनों के समय अवधि के FD के लिए 7.5 फीसदी का बेहतरीन ब्याज दर की पेशकश करता है के के बाद अब बैंक ने एक और विशेष फिक्स्ड डिपॉजिट FD योजना पर वरिष्ट नागरिकों के लिए ब्याज दर बढ़ा दिया है। IDBI बैंक ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए 555 दिनों के समय अवधि वाले सावधि जमा के लिए ब्याज दर को बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है। बैंक का कहना है कि यह ऑफर सीमित समय के लिए और 2 करोड़ रुपये से कम के फिक्स्ड डिपॉजिट FD के लिए मान्य है।

    IDBI बैंक ने बढ़ाया है ब्याज दर

    IDBI बैंक ने बढ़ाया है ब्याज दर

    IDBI बैंक ने भी अपनी सावधि जमा योजनाओं के लिए ब्याज दरों में बदलाव किया है। नई ब्याज दरें 1 नवंबर, वर्ष 2022 से लागू हैं। अब बैंक 46 से 90 दिनों के बीच मैच्योर होने वाली FD पर 4.25 फीसदी का ब्याज देगा। 91 दिनों और 6 महीने के बीच परिपक्व होने वाली जमा राशि पर ग्राहकों को 4.5 फीसदी की ब्याज दर मिलेगी।

    6 महीने से एक दिन से लेकर 270 दिनों के बीच मैच्योर होने वाली FD पर ग्राहकों को 5.25 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा। 271 दिनों से लेकर 1 वर्ष से कम के बीच परिपक्व होने वाली सावधि जमा पर 5.5 फीसदी की ब्याज दर मिलेगी। 1 साल से 3 साल से कम की मैच्योरिटी अवधि वाली जमाओं पर ब्याज दर 6.25 फीसदी होगी। बैंक 3 साल से 10 साल में मैच्योर होने वाली एफडी पर 6.10 फीसदी ब्याज दर की पेशकश कर रहा

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  • पाथरी तालुक्यात 686 हेक्टर वर रब्बीच्या पेरण्या…

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन : पथरी टी. प्रतिनिधि

    अक्टूबर में लगातार बारिश की वापसी ने खरीफ सोयाबीन को नुकसान पहुंचाया, और क्षतिग्रस्त फसलों की कटाई के बाद, जमीन को खेती के लिए साफ कर दिया गया। खेतइलाज में समय लगता है। कृषि विभाग की 1 अक्टूबर की रिपोर्ट के अनुसार, तालुक के शेतशिवार में किसानों द्वारा प्रस्तावित क्षेत्र में केवल 686 हेक्टेयर में ही बुवाई की गई है।


    इस साल जब खरीफ सीजन जोरों पर है, बारिश ने अगस्त से सितंबर के महीने में एक बड़ा ब्रेक दिया। उसके बाद बारिश ने भारी रूप धारण कर लिया लेकिन अक्टूबर के महीने में आइन की फसल के समय, भारी बारिश के साथ बारिश लगातार होती रही। सोयाबीन और कपास की फसल को भारी नुकसान हुआ है। एक ओर जहां किसान कटी हुई जगह पर रबी बोने में जल्दबाजी कर रहे हैं वहीं खरीपा की फसल की कटाई हो रही है.

    इस बीच देश के ऊपरी हिस्से में वफ्सा होने के कारण रबी की बुआई शुरू हो गई है. तराई क्षेत्रों में, खेती अभी भी मुश्किल है और बोना विफल स्थिति में है। पथरी तालुका कृषि विभाग को उम्मीद है कि तालुक के किसान इस रबी सीजन में औसतन 17 हजार 73 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की बुवाई करेंगे। 1 अक्टूबर की रिपोर्ट के अनुसार, तालुक के किसानों ने 257 हेक्टेयर में ज्वार, 423 हेक्टेयर में चना और 06 हेक्टेयर में ज्वार की बुवाई की है। फिलहाल इतनी ठंड नहीं है जितनी होनी चाहिए, लेकिन ज्वार और चना की बुवाई के लिए माहौल अनुकूल है, लेकिन अगले कुछ दिनों में ठंड बढ़ने के बाद किसान कह रहे हैं कि ज्वार की बुवाई करना मुश्किल होगा. खरीफ से हुए नुकसान के बाद स्थानीय किसानों को रब्बी हंगामा से काफी उम्मीदें हैं।


  • अब गरीबी के दिन खत्म! E-Shram Card धारकों को मिलेगा 2 लाख रुपये, जल्दी करें पंजीकरण..


    न्यूज डेस्क : सरकार की ओर से श्रमिकों के लिए ई – श्रम कार्ड योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मजदूरों को 500 रूपये की मदद के साथ-साथ कई और लाभ दिए जाते हैं। योजना में श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ भी मिलता है। जिसमें कार्ड धारकों को 2 लाख रुपए तक के बीमा की सुविधा मिलती है। यानी श्रमिक की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को 2 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा विकलांग होने की स्थिति में 1 लाख रुपए की राशि दी जाती है।

    श्रम कार्ड योजना के तहत मिलने वाली सुविधाओं में राशि के साथ साथ मुफ्त साइकिल, सिलाई मशीन, बच्चों को स्कॉलरशिप आदि शामिल है। बता दें कि ई- श्रम कार्ड धारकों को घर बनाने के लिए आसानी से लोन मिल सकता हैं। दिहाड़ी मजदूर है तो यह श्रम कार्ड बनवा लें। इस योजना का लाभ फल वाले, सब्जी बेचने वाले, रिक्शा चलाने वाले, दिहाड़ी मजदूरी करने वाले और मकान निर्माण करने वाले आदि को मिलता है।

    E-Shram कार्ड बनाने हेतु आवश्यक कागजात

    E-Shram कार्ड बनाने हेतु आवश्यक कागजात

    • आधार से लिंक नंबर
    • आधार कार्ड, बैंक खाता
    • इनकम टैक्स सर्टिफिकेट
    • डॉमिशियल सर्टिफिकेट
    • पासपोर्ट साइज फोटो और राशन कार्ड

    इस प्रकार करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

    श्रम योजना के तहत अपना नाम जुड़वाने के लिए आपको श्रम की आधिकारिक वेबसाइट
    eshram.gov.in पर जाना होगा। अब सेल्फ रजिस्ट्रेशन सेक्शन के विकल्प में जाकर आधार कार्ड नंबर दर्ज कर दें। इसी सेक्शन में अपनी विवरण भी करनी होगी। इसके बाद आपका नाम ई – श्रम कार्ड योजना में जुड़ जाएगा। बता दें कि इस पोर्टल पर आपको एडिट का ऑप्शन भी मिलता है। किसी प्रकार की भूल चूक हुई हो तो इसे सुधार भी सकते हैं।

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  • आता पीक नुकसान भरपाईचे टेन्शन नाही, इथे करा तक्रार, लवकरच मिळतील पैसे

    नमस्ते कृषि ऑनलाइन: खेतकरी हमेशा प्रकृति पर निर्भर करती है। एक ओर जहां समय पर बारिश नहीं होने से किसानों को परेशानी होती है, वहीं दूसरी ओर बाढ़ से फसल बर्बाद हो जाती है. ऐसे में किसान हर तरफ से कुचला जा रहा है. फसल के नुकसान के साथ-साथ उसे आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। लेकिन अब किसानों को चिंता की कोई बात नहीं है। यदि वे फसल क्षति की खबर समय पर सरकारी तंत्र को देते हैं, तो उन्हें मुआवजे की राशि आसानी से मिल जाएगी। इसके लिए उन्हें सरकारी कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। साथ ही उन्हें किसी अधिकारी को रिश्वत नहीं देनी होगी। क्योंकि सरकार ने फसल को हुए नुकसान की रिपोर्ट देने के लिए कई इंतजाम किए हैं.

    अक्सर यह देखा गया है कि जानकारी के अभाव में किसान फसल के नुकसान के बाद मुआवजे का दावा नहीं कर पाते हैं। वे यह भी नहीं जानते कि प्राकृतिक फसल के नुकसान के बाद सरकारी सहायता प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए। ऐसे में सूखे, बाढ़ या आग से फसल बर्बाद होने के बाद किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है. वे धीरे-धीरे कर्ज में डूब जाते हैं। हालांकि, केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी फसल खराब होने की स्थिति में किसानों की मदद के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रही हैं।

    केंद्र सरकार किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चला रही है। इस योजना की विशेषता यह है कि प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ व्यक्तिगत नुकसान की स्थिति में किसानों को मुआवजे का भुगतान किया जाता है। हालांकि पूर्व में प्राकृतिक आपदाओं में नष्ट हुई फसलों पर सामूहिक स्तर पर ही लाभ मिलता था।

    यहां रिपोर्ट करें

    – बाढ़, सूखा और आग जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बड़े पैमाने पर फसलों के नुकसान की स्थिति में किसानों को 72 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करनी चाहिए।
    – किसान फसल बीमा एप पर जाकर फसल नुकसान की रिपोर्ट कर सकते हैं।
    – साथ ही किसान चाहें तो टोल फ्री नंबर पर कॉल कर शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।
    -इसके अलावा किसान अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर फसल क्षति की रिपोर्ट कर सकते हैं।
    -विशेष रूप से, केवल किसान क्रेडिट कार्ड वाले किसान ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं।

  • राजगीर में नवनिर्मित विशाल गुरुद्वारा के दर्शन के लिए विदेशों से पहुंच रहे श्रद्धालु – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    राजगीर (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले से जहां विश्व प्रसिद्ध स्थल राजगीर में भी विशाल गुरुद्वारा बनकर तैयार हो गया है। गुरुनानक देव जी के 554 वें प्रकाश पर्व के मौके पर 3 दिवसीय उत्सव का आयोजन किया गया है, जिसमें देश विदेश से कई श्रद्धालु शामिल हुए हैं।

    बता दें कि राजगीर के शीतल कुंड स्थित गुरुद्वारा निर्माण का कार्य पूरा हो गया है। पिछले साल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया था जिसका निर्माण कार्य आज पूरा हो गया।

    Devotees arriving from abroad to visit the newly built huge Gurudwara in Rajgir 1गुरुनानक देव जी के 554 वे प्रकाश पर्व को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतजाम किया गया है ताकि आने वाले श्रद्धालु को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो।

    बता दें कि भूतल पर कार पार्किंग है। वहीं प्रथम तल्ले पर लंगर हाल, किचेन व स्टोर का निर्माण हुआ है। उसके ऊपर अद्भुत रूप में गुरुद्वारा का निर्माण हुआ है।

    परिसर में 28 डीलक्स आवास का निर्माण, पदाधिकारियों का कार्यालय, बिस्तर घर, जोड़ा घर तथा प्रतीक्षालय बनाया गया। गुरुद्वारा के चारों ओर पहाड़ व हरियाली दिखेगी। पूरी इमारत उजले रंग की है।

    गुरुनानक देव जी के 554 वें प्रकाश पर्व के मौके पर 3 दिवसीय उत्सव का आयोजन किया गया है, जिसमें देश विदेश से कई श्रद्धालु शामिल हुए हैं।

    उल्लेखनीय है कि गुरुनानक ने अपने प्रवास के दौरान गर्म कुंड को अपने यश से शीतल किया जिसे गुरुनानक शीतल कुंड के नाम से जाना जाता है। गुरुद्वारे में एक कुंड है। जिसके बारे में कहा जाता है कि गुरुनानक देव ने धरती पर तीर मारकर यहां से पानी की धार निकाली थी।

    कहा जाता है कि रजौली से भागलपुर जाने के क्रम गुरुनानक देव राजगीर में रुके थे। देश-विदेश से आने वाले सिख श्रद्धालु राजगीर पहुंचते हैं और शीतलकुंड गुरुद्वारा में मत्था टेकना नहीं भूलते हैं।