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  • शेतकऱ्यांना तत्काळ मदत द्या, अन्यथा पाण्याच्या टाकीवरुन उड्या मारु, जनशक्ती शेतकरी संघटना आक्रमक





    शेतकऱ्यांना तत्काळ मदत द्या, अन्यथा पाण्याच्या टाकीवरुन उड्या मारु, जनशक्ती शेतकरी संघटना आक्रमक | Hello Krushi










































    हॅलो कृषी ऑनलाईन : राज्यात परतीच्या पावसामुळे ऐन काढणीला आलेल्या पिकांचे अतोनात नुकसान झाले आहे. परतीच्या पावसाचा सर्वाधिक फटका विदर्भ मराठवाड्याला बसला आहे. त्यामुळे शेतकऱ्यांच्या मधून ओला दुष्काळ जाहीर करण्याची मागणी प्रकर्षाने जोर धरू लागली आहे. औरंगाबादेत शेतकऱ्यांच्या प्रश्नावरून जनशक्ती शेतकरी संघटना आक्रमक झाल्याचे पाहायला मिळाले. शेतकऱ्यांना तातडीनं मदत करा या मागणीसाठी शेतकऱ्यांनी औरंगाबाद इथं पाण्याच्या टाकीवर चढून आंदोलन करण्यात आले आहे.

    याबाबत मिळालेली अधिक माहिती अशी की, औरंगाबाद जिल्ह्यात शेतकऱ्यांचे मोठे नुकसान झाले आहे. मात्र शेतकऱ्यांच्याकडे पाहण्यास कोणीही तयार नाही. शिवाय जिल्ह्याला पालकमंत्री संदिपान भुमरे हे औरंगाबादचे आहेत, कृषीमंत्री अब्दुल सत्तार हे औरंगाबाद जिल्ह्यातील असूनही शेतकऱ्यांनी न्याया मिळत नाही. एवढे आमदार खासदार मंत्री असतानाही शेतकऱ्यांना न्याय मिळत नाही. शेतकऱ्यांच्या नुकसानीचे पंचनामे होते नाहीत, मदत मिळत नाही त्यामुळं शेतकरी संकटात आहे. लाखो रुपये खर्चून शेतकऱ्यांच्या हातात काहीच नसल्याची खंत जनशक्ती शेतकरी संघटनेच्या कार्यकर्त्यांनी व्यक्त करीत पाण्याच्या टाकीवर चढून शोले स्टाईल आंदोलन केले.

    अद्याप नुकसानीचे पंचनामेही पूर्ण झाले नाहीत. दिवाळी जाऊनसुद्धा राज्य सरकारनं शेतकऱ्यांना काही मदत दिली नाही. त्यामुळंशेतकऱ्यांना सरकारनं तातडीनं मदत करावी अशी मागणी जनशक्ती शेतकरी संघटनेनं केली आहे. या मागणीसाठी औरंगाबाद येथील पाण्याच्या टाकीवर चढून जनशक्ती शेतकरी संघटनेच्या कार्यकर्त्यांनी आंदोलन केलं. पालकमंत्री आणि केंद्रीय मंत्र्यांच्या घराजवळ शोले स्टाईलनं हे आंदोलन करण्यात आलं. मदत न दिल्यास पाण्याच्या टाकीवरुन उड्या मारु असा इशारा देखील आंदोलकांनी दिला आहे.

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  • Twitter के मालिक बनते ही Elon Musk की मनमानी शुरू – भारतीय CEO पराग अग्रवाल को निकाला..


    Elon Musk : ट्विटर (Twitter) के अधिकारिक मालिक बनने के तुरंत बाद ही एलन मस्क (Elon Musk) ने बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने कंपनी के कई प्रमुख अधिकारियों को कंपनी से रफा दफा कर दिया है। सामने आई खबर के अनुसार आधिकारिक रूप से Twitter के कर्ता धर्ता एलन मस्क ने सीईओ पराग अग्रवाल, सीएफओ नेड सेगल, जनरल काउंसल सीन एडगेट और कानूनी नीति, ट्रस्ट और सुरक्षा के प्रमुख विजया गड्डे की छुट्टी कंपनी से कर दी है।

    बोली लगने ने बाद से ही Twitter के CEO पराग अग्रवाल और Elon Musk के बीच विवाद की खबरें थीं। साथ ही विजया गड्डे ने ही डोनाल्ड ट्रम्प को स्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला लिया गया। अब Elon Musk के ट्विटर को खरीदने के बाद इन लोगों की बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

    गौरतलब है कि बीते दिन ट्विटर खरीदने के बाद एलन मस्क ने सोशल मीडिया मंच ट्विटर के ऑफिस में टहलते हुए अपना एक वीडियो अपलोड किया है। उन्होंने ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीदने के समझौते को पूरा करने के लिए शुक्रवार की समयसीमा से दो दिन पहले बुधवार को यह वीडियो साझा किया गया।

    इसके अलावा Elon Musk ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल में भी बदलाव किए हैं। अपने Bio यानी अपने निजी विवरण में उन्होंने ‘ट्वीट प्रमुख’ लिखा है। साथ ही अपनी प्रोफ़ाइल पर अपने स्थान को बदलकर उन्होंने ट्विटर मुख्यालय कर दिया है। मस्क को वीडियो में मुख्यालय के परिसर में एक ‘सिंक’ ले जाते हुए देखा जा सकता है।

    बीते कई महीनो से ट्विटर के अधिग्रहण को लेकर मस्क किंतु-परंतु में उलझे हुए थे। अमेरिकी कोर्ट ने उन्हें गुरुवार की तक ट्विटर का पूरा अधिग्रहण पूरा का डेडलाइन दी थी। यदि ऐसा नहीं होता तो मस्क को डेलावेयर की एक अदालत में मुकदमे का सामना करने की चेतावनी मिली थी। जिसके बाद शुक्रवार को मस्क ने तय डेडलाइन से पहले ही ट्विटर को अपने कब्जे में ले लिया।

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  • आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त की पूजा नालंदा जिला में धूमधाम से मनायी

    कायस्थों के आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त की पूजा नालंदा जिला में धूमधाम से मनायी गयी। शहर के भरावपर स्थित मंदिर में श्री चित्रगुप्त भगवान की पूजा वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ। इस अवसर पर कायस्थ परिवारों ने बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार भरावपर स्थित चित्रगुप्त मंदिर में आकर पूजा अर्चना की।

    उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जा रही है। उन्होंने कहा कि भगवान चित्रगुप्त से विनती है कि राज्य में अमन चैन शांति भाईचारा कायम रहे। बिहार राज्य तरक्की करें। ऐसी मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त मनुष्यों के कर्मों का लेखा जोखा रखते हैं। इस दिन कायस्थ परिवारों ने कलम और दवात की पूजा की। चित्रगुप्त भगवान को यमराज का सहयोगी माना जाता है।

  • यदि इस गांव का नाम आपने लिखा, तो Facebook से हो जायेंगे ब्लॉक, भूल के भी न करें ये काम


    डेस्क: कई बॉलीवुड फिल्मों में या किताबों में हमने पढ़ा या देखा है कि नाम में क्या है? पर आप आपको इस सवाल का जवाब जरूर मिल जायेगा। किसी देश, शहर, गांव इत्यादि के नाम के पीछे एक अलग इतिहास या उसकी कहानी होती है। जिस बारे में तो वहां के निवासियों के साथ साथ अन्य लोग भी गर्व से चर्चा करते हैं। पर ऐसी भी जगह है जहां का नाम लेने से पहले न केवल लोग शरमाते हैं बल्कि इसका नाम लेते ही सोशल मीडिया पर ब्लॉक होने का भी खतरा बना रहता है।

    आज अपनी इस रिपोर्ट में आपको बताता हैं एक ऐसे गांव के बारे में जिसका नाम लिखते ही आपका अकाउंट ब्लॉक हो जाएगा। Facebook पर इस गांव का नाम लिखते ही आपका अकाउंट Facebook द्वारा बंद कर दिया जाएगा।और तो और ऐसा कई लोगों के साथ हो चुका। हालत ऐसी की इस गांव के लोग इस अजीबोगरीब समस्या से तंग आ चुके हैं और इसका समाधान ढूंढने में जुटे हैं।

    मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ‘Sweden के इस अजीबोगरीब गांव का नाम फ्यूक यानी Fucke है। यहां के गामवासी इस नाम से परेशान हैं। सोशल मीडिया के जो तय नियम हैं, उसके मुतबिक इस शब्द को गाली के तौर पर शामिल किया गया है। इस करण से इस गांव के लोग फेसबुक पर अपने गांव तक का नाम नहीं लिख पाते हैं। ऐसा करने पर उन्हें ब्लॉक कर दिया जाता है।’

    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण अपने गांव का नाम बदलना चाहते हैं। इसके लिए स्थानीय कोर्ट में एक याचिका भी डाली गई है, जिसपर फैसला आना बाकी है। आपको बता दें कि स्वीडन में गांव का नाम बदलने को लेकर एक एक्ट बना हुआ है। वहीं, इस बारे में गांव के लोग कहते हैं कि उनका गांवी काफी खुशहाल और शांत है। परेशानी केवल इसके नाम से है। इसे बदलने के लिए सारे प्रयास किए जा रहे हैं।

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  • बिहार का ऐसा मंदिर जो है विश्व का पहला राम जानकी मंदिर साथ ही साथ जो शाप मुक्ति स्थल के नाम से भी प्रसिद्ध है


    बिहार अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक समृद्धि के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्धि प्राप्त करता रहा है। लेकिन यहां की खासियत के ऊपर खुश हुआ जाए या दुर्दशा पर रोया जाया। बहुत बड़ा प्रश्न है। विहार सनातन धर्म के प्रति आस्था रखने वाले लोगों के लिए एक से पूजनीय स्थलों की कृतियों को संजोए हुए है। लेकिन इनके जीर्णोद्धार का वादा प्रतिवर्ष किया जाता है। बिल्कुल चुनावी वादों की तरह लेकिन काम के नाम पर कुछ भी नहीं होता। ऐसा ही एक धार्मिक स्थल है जिसे की शाप मुक्ति स्थल साथ ही साथ भारत के पहले राम जानकी मंदिर के नाम से जाना जाता है।

    कमतौल की अहिल्या नगरी में है पहला राम जानकी मंदिर अवस्थित

    कमतौल की अहिल्या नगरी में है पहला राम जानकी मंदिर अवस्थित यह मंदिर दरभंगा जिले के कमतौल की अहिल्या नगरी क्षेत्र में है जो अब जर्जर स्थिति में पहुंच जाने की वजह से किसी खंडहर जैसा आभास देता है। यहां एक देवी दरबार सजा रहता है जहां हमेशा ही कुछ लोग पूजा पाठ करते हैं ।यह मंदिर करीब 400 वर्ष पुराना है जो अपने अंदर हजारों किस्से कहानियों को समेटे हुए हैं। लेकिन रखरखाव के अभाव में चार सादिया देखने के बाद अब यह खंडहर में तब्दील होने जा रहा है। यहां की पौराणिक वस्तुएं भी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई है।

    दरभंगा के राजा छत्र सिंह ने करवाया था मंदिर निर्माण

    दरभंगा के राजा छत्र सिंह ने करवाया था मंदिर निर्माण इस मंदिर के निर्माण के बारे में कहा जाता है कि तत्कालीन दरभंगा महाराज छत्र सिंह को जब पता चला कि अहिल्या माता का उद्धार स्थान दरभंगा में है तो इन्होंने वहां जाकर दर्शन करने की इच्छा जताई। मंदिर के स्थान पर उस वक्त घना जंगल था।

    राजा रात्रि में विश्राम के लिए वहीं पर रुके और उन्होंने स्वप्न में देखा की माता अहिल्या और गौतम ऋषि जे स्वप्न में आकर उन्हें आदेश दिया कि उस स्थान पर तारणहार राम का मंदिर बनवा कर उसमें प्रभु श्री राम सीता माता लक्ष्मण जी हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की जाए । राजा ने तब मंदिर का निर्माण करवाया और यहां पर सभी प्रतिमाओं के साथ-साथ संरक्षण में अहिल्या माता और गौतम ऋषि की प्रतिमाएं भी स्थापित करवाई।

    वक़्त की मार से अब मंदिर खंडहर में तब्दील होता जा रहा ह

    वक़्त की मार से अब मंदिर खंडहर में तब्दील होता जा रहा ह वर्तमान में जो संरचना मंदिर की है वह महाराजा छत्र सिंह और महाराज रूद्र सिंह के शासनकाल 1662 और 1682 के बीच बनवाई गई थी। इसी को भारत का पहला राम जानकी मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर की वास्तुकला और खूबसूरती सहेजने योग्य है, परंतु उसे ना तो सहेजा जा रहा है और ना ही इसके जीर्णोद्धार के लिए कोई कदम उठाया जा रहा है। वक़्त की मार को झेलते झेलते यह मंदिर जर्जर होते हुए अब खंडहर में तब्दील होने की स्थिति में आ गया है।

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  • भारतीय मूल के पहले पीएम हैं Rishi Sunak, जानिए उनके जीवन से जुड़ी अनजान बातें


    डेस्क: ब्रिटेन की सत्ता में बड़ा तख्तापलट देखा गया। भारतीय मूल के ऋषि सुनक Rishi Sunak अब ब्रिटिश के प्रधानमंत्री बने गए हैं। किसी जमाने में वो अंग्रेज हम पर राज करते थे आज इसी मिट्टी के ऋषि सुनक उस ब्रिटेन पर राज करेंगे। हमारे देश पर राज करने वाला ब्रिटेन देश अब एक भारतीय के द्वारा चलाया जायेगा।

    कौन हैं ऋषि सुनक

    कौन हैं ऋषि सुनक ऋषि सुनक (Rishi Sunak) एक भारतीय राजनेता है, जो साल 2020 में ब्रिटिश साम्राज्य के वित्त मंत्री बनाए गए थे। ऋषि ब्रिटिश कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य है और काफी लोकप्रिय भी है। ऋषि 2015 से उत्तरी यॉर्कशायर में रिचमंड (यॉर्क) से सांसद है। पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद ऋषि सुनक ने गद्दी संभाली है।

    ऋषि सुनक का राजनीतिक जीवन

    ऋषि सुनक का राजनीतिक जीवन ब्रिटिश सरकार में 13 फरवरी 2020 को ऋषि सनक को राजकोष का चांसलर नियुक्त किया गया था। इसके पहले वो 24 जुलाई 2019 से 13 फरवरी 2020 तक ट्रेजरी के मुख्य सचिव और 9 जनवरी 2018 से 24 जुलाई 2019 तक आवास, समुदाय और स्थानीय सरकार मंत्रालय में संसदीय अपर सचिव रह चुके हैं।

    ऋषि सुनक के बारे में रोचक तथ्य

    ऋषि सुनक के बारे में रोचक तथ्य
    ऋषि सुनक की दो बेटियां है, जिनकी शादी हो चुकी है।
    ब्रिटेन का यूरोपियन यूनियन से निकलने के पक्ष में ऋषि ने उस समय वोट किया था।
    ऋषि सुनक ने 2001 से 2004 तक निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स के लिए एक विश्लेषक के रूप में काम किया।
    इनकी पत्नी ब्रिटेन की सबसे धनी महिलाओ में से एक है।
    ऋषि सुनक के भाई संजय मनोवैज्ञानिक हैं। उनकी बहन राखी विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में मानवीय, शांति निर्माण, संयुक्त राष्ट्र के फंड और कार्यक्रमों के प्रमुख के रूप में काम करती हैं।

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  • अनोखा गांव ! Facebook पर लिखा तो हो जाएंगे ब्लॉक, बताने में भी आती है शर्म..


    डेस्क : विलियम शेक्सपीयर की एक मशहूर लाइन है कि नाम में क्या रखा है? इस खबर को पढ़ने के बाद आपको इसका जवाब भी मिल जाएगा। जी हां! किसी देश, शहर, गांव इत्यादि के नाम का अपना इतिहास और उसकी अपनी कहानी होती है। लोग उसके बारे में गर्व से चर्चा करते रहते हैं। लेकिन एक ऐसा भी गांव है, जिसका नाम लेने से लोग ना सिर्फ शर्माते हैं, बल्कि सोशल मीडिया के इस दौर में ब्लॉक होने का भी खतरा बना ही रहता है।

    इस गांव का नाम Facebook पर लिखने पर आपका अकाउंट ब्लॉक हो जाएगा। कई लोगों के साथ ऐसा हो भी चुका है। इस गांव के लोग इस अजीबोगरीब समस्या से अब तंग आ चुके हैं और इसका समाधान ढूंढने में जुटे हैं।

    Daily Star की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीडन के इस अजीबोगरीब गांव का नाम फ्यूक यानी Fucke है। यहां के ग्रामवासी इस नाम से बेहद परेशान हैं। सोशल मीडिया के जो भी तय नियम हैं, उसके मुतबिक इस शब्द को गाली के तौर पर शामिल किया गया है। इस वजह से इस गांव के लोग Facebook पर अपने गांव तक का नाम नहीं लिख पाते हैं। ऐसा करने पर उन्हें Facebook कम्युनिटी द्वारा ब्लॉक कर दिया जाता है।

    एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये ग्रामीण अपने गांव का नाम बदलना चाहते हैं। इसके लिए स्थानीय कोर्ट में एक याचिका भी डाली गयी है, जिसपर फैसला आना अभी बाकी है। आपको बता दें कि स्वीडन में गांव का नाम बदलने को लेकर एक Act बना हुआ है।

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  • क्या आप इसका मतलब जानते हैं कि चेक काटते समय कोनों पर दो रेखाएं क्यों खींची जाती हैं?


    जब भी भुगतान चेक द्वारा किया जाता है, तो प्राप्तकर्ता का नाम, बैंक विवरण के साथ अंतरित की जाने वाली राशि दी जाती है और हस्ताक्षर किए जाते हैं। इसके अलावा, चेक के कोनों पर दो रेखाएँ खींची जाती हैं।

    जब भी आप किसी बैंक में खाता खोलते हैं तो आपको बैंक की ओर से एक पासबुक और एक चेक बुक दी जाती है। पासबुक में आपके लेन-देन की जानकारी होती है और आप चेकबुक से चेक लेकर भुगतान के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। जब भी भुगतान चेक द्वारा किया जाता है, तो प्राप्तकर्ता का नाम, बैंक विवरण के साथ अंतरित की जाने वाली राशि दी जाती है और हस्ताक्षर किए जाते हैं। इसके अलावा, चेक के कोनों पर दो रेखाएँ खींची जाती हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि ये रेखाएं क्यों खींची जाती हैं? मैं आपको बता दूँ।

    दो समान रेखाएँ क्यों खींची जाती हैं: चेक के बाएँ कोने पर खींची गई दो समान रेखाएँ किसी डिज़ाइन के लिए नहीं खींची जाती हैं, लेकिन उनका एक निश्चित अर्थ होता है। इन पंक्तियों का अर्थ है कि खाता प्राप्तकर्ता का अर्थ केवल यह है कि खाते में जमा की गई राशि केवल उसी व्यक्ति द्वारा प्राप्त की जानी चाहिए जिसके नाम पर चेक काटा गया है। चेक पर खींची गई इन पंक्तियों के बीच कई बार लोग अकाउंट पे या ए/सी पे भी लिख देते हैं। एकाउंट पेयी चेक किसी और के द्वारा भुनाया नहीं जा सकता। चेक में भुगतान की गई राशि ही उस व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर की जाएगी जिसके नाम से चेक काटा गया है।

    चेक एंडोर्समेंट क्या है: यदि चेक के कोने में खींची गई रेखाओं के बीच A/C Payee नहीं लिखा होता है, तो इस चेक को क्रॉस चेक कहा जाता है। क्रास्ड चेक के पीछे हस्ताक्षर करके चेक एंडोर्सिंग में मदद की जा सकती है। हालाँकि, चेकों को भुगतानकर्ता द्वारा लिखे जाने के बाद पृष्ठांकित नहीं किया जा सकता है। वास्तव में, यदि चेक का प्राप्तकर्ता बैंक जाने की स्थिति में नहीं है, तो वह किसी अन्य व्यक्ति को धन प्राप्त करने के लिए अधिकृत भी कर सकता है। इस प्रक्रिया को चेक एंडोर्समेंट कहा जाता है और इन चेकों को एंडोर्स्ड चेक कहा जाता है। जब चेक का समर्थन किया जाता है, तो उस पर हस्ताक्षर किया जाना चाहिए और पीछे भुगतान किया जाना चाहिए। ऐसे में चेक की मदद से पैसा पाने वाला व्यक्ति दूसरे खाते में भी पैसे ट्रांसफर करवा सकता है.

    उदाहरण देकर समझाएं: मान लीजिए रोहित ने राहुल को उसके नाम पर एक क्रॉस चेक दिया। ऐसे में चेक का पैसा राहुल के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. लेकिन अगर राहुल चेक का पैसा अपने खाते में नहीं लेना चाहता है तो वह वैभव या किसी तीसरे व्यक्ति के लिए उस चेक के पीछे अपना हस्ताक्षर करके पैसे का समर्थन कर सकता है। ऐसे में चेक का पैसा उसके बैंक खाते में नहीं जाएगा और वैभव के खाते में जाएगा. दूसरे शब्दों में, राहुल चेक के पीछे हस्ताक्षर करके वैभव को अपने नाम से पैसे निकालने का अधिकार दे सकता है।

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  • आपका बैंक खाता खाली होने पर भी निकाल सकते हैं 10,000 रुपये, जानिए क्या है ओवरड्राफ्ट की सुविधा


    अगर आपको अचानक पैसे की जरूरत है और आपका बैंक खाता खाली है तो भी आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आपका बैंक आपको एक ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान करता है, जिससे आप मुश्किल समय में 10,000 रुपये तक निकाल सकते हैं, भले ही आपके खाते में पैसा न हो। ओवरड्राफ्ट एक बैंक द्वारा ग्राहकों को दी जाने वाली एक वित्तीय सुविधा है, जो आपको अपने बैंक खाते से पैसे निकालने की अनुमति देती है, भले ही उसमें पैसा न हो।

    प्रत्येक ग्राहक के लिए एक ओवरड्राफ्ट सीमा निर्धारित है। यह सीमा बैंक और ग्राहक के बीच संबंधों पर निर्भर करती है। आइए जानें इस फीचर के बारे में बैंक खाताधारकों को मिलती है यह सुविधा: सभी निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपने ग्राहकों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा प्रदान करते हैं। इस रकम पर आपको ब्याज दर भी चुकानी होगी। हालांकि, आवेदकों यानी बैंक खाताधारकों के लिए ब्याज दर अलग-अलग होती है। कई निजी बैंक वेतन खाते और बचत खाताधारकों को यह सुविधा प्रदान करते हैं। ओवरड्राफ्ट ऋण राशि, ब्याज, सीमा आपके खाते के इतिहास, भुगतान रिकॉर्ड और क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करती है।

    मुझे कितना लोन मिल सकता है:बैंक खाता वार ओवरड्राफ्ट सुविधा बैंक खाते और खाताधारक और बैंक के बीच संबंधों पर निर्भर करती है। आरबीआई के अनुसार, चालू खातों और नकद क्रेडिट खातों में 50,000 रुपये से अधिक की ओवरड्राफ्ट सुविधा नहीं है। जन धन खातों पर 10,000 रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा उपलब्ध है। मूल बचत और वेतनभोगी खातों पर ओवरड्राफ्ट भी उपलब्ध हैं।

    फायदे और नुकसान क्या हैं: ओवरड्राफ्ट सुविधा आपको जरूरत पड़ने पर जरूरत पड़ने पर धन प्राप्त करने में मदद करेगी। यह सुविधा व्यापारी को नकदी प्रवाह का प्रबंधन करने में मदद करती है। इस ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत उपयोग की गई राशि पर ही ब्याज का भुगतान किया जाता है। कम कागजी कार्रवाई के साथ अल्पकालिक ऋण। इसके लिए किसी गारंटी की आवश्यकता नहीं है। इस फीचर के कई नुकसान भी हैं। ओवरड्राफ्ट सुविधा उच्च ब्याज दरों को आकर्षित करती है। ब्याज दरों में बदलाव के अनुसार ब्याज शुल्क अलग-अलग होते हैं। यह सुविधा लंबी अवधि के वित्त के लिए उपयुक्त नहीं है।

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  • न्यूज नालंदा – यम द्वितीया को यमराज ने तीन को लीला, जानें घटना…

    दीपनगर थाना अंतर्गत चोरा बगीचा मोड़ के समीप बुधवार की शाम बेलगाम ट्रैक्टर ने अधेड़ को कुचल दिया। जिससे उनकी मौत हो गई। मृतक राणा बिगहा गांव निवसी सत्यवान प्रसाद हैं। परिवार ने बताया कि अधेड़ पैदल गांव की ओर जा रहे थे। उसी दौरान बेलगाम ट्रैक्टर उन्हें कुचलते हुए फरार हो गया। ग्रामीणों के सहयोग से जख्मी को निजी क्लिनिक ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मौत के बाद परिजन शव को लेकर गांव लौट गए। थानाध्यक्ष सुनील कुमार जायसवाल ने बताया कि घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई है।

    न्यूज नालंदा – यम द्वितीया को यमराज ने तीन को लीला, जानें घटना…

    वहीं, बिहार थाना क्षेत्र के गढ़पर मोहल्ला में गुरुवार को कमरे में फंदे के सहारे बेड पर विवाहिता की खड़ी लाश मिली। मृतका धर्मेंद्र कुमार की 24 वर्षीया पत्नी रुचि रानी है। ससुराली परिवार घरेलू कलह में घटना को खुदकुशी बता रहा है। कारणों पर परिवार चुप्पी साधे हैं। हालांकि, साक्ष्य उसके विपरीत है। मृतका का दोनों पैर बेड पर था। मृतका का मायके पटना जिला के बेलछी थाना क्षेत्र के मुर्तजापुर गांव है। दो साल पहले उसकी शादी हुई थी।थानाध्यक्ष विरेंद्र यादव ने बताया कि मायके के परिजनों से पूछताछ के बाद मामला स्पष्ट होगा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार के हवाले कर दिया गया।