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  • शिक्षा समिति कि बैठक में बच्चों को विद्यालय में उपस्थित बढ़ाने पर जोर।

    नूरसराय प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय लोहड़ी में विधालय शिक्षा समिति कि बैठक वार्ड सदस्य प्रतिनिधि महावत प्रसाद उर्फ धनंजय सिंह के अध्यक्षता में हूमाना पिपुल टु पिपुल इंडिया के राजीव कुमार रंजीत कुमार के उपस्थिति में बच्चों को विद्यालय में उपस्थित बढ़ाने एवं अन्य कार्य के लिए सम्पन्न हुई। ईस बैठक में शामिल मानव सेवा केन्द्र लोहड़ी नूरसराय के सचिव पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि आज आमजनों को सुविधा उपलब्ध सरकार के द्वारा कराई जा रही है

    जिसमें बच्चों को विद्यालय में उपस्थित बढ़ाने में सहायक हो लेकिन बदले में बच्चों को विद्यालय में उपस्थित बढ़ाने के बजाय कम हो रही है इसके लिए जिम्मेदार अभिभावक है वो अपने बच्चे पर ध्यान नहीं दे कर दो बक्त कि रोटी के जुगाड़ में लगे रहते हैं इसलिए बच्चों को विद्यालय में उपस्थित कम हो जाती है जबकि बच्चे देश और समाज का आने वाले भविष्य हैं और आने वाले समय में ईनके कंधे पर देश परिवार और समाज कि जिम्मेदारीया होगा।

    हम सब मिलकर समाजिक सरोकार रखने वाले लोग सभी बच्चों को विद्यालय आंगनबाड़ी केंद्र पर भेजने कि कोशिश करें यही सच्चा प्रेम और पुजा है मंदिर मस्जिद चर्च गुरुद्वारा से बड़ा विद्यालय है इनमें सभी लोग शामिल भगवान रूप में है। राजीव कुमार हुमाना पिपुल टु पिपुल इंडिया के सहयोगी ने बताया कि विद्यालय में उपस्थित बढ़ाने एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए हम सब मिलकर समाजिक कार्यकर्ता तात्पर्य है अभिभावक का सहयोग मिलेगा तो बच्चे प्रगति कि ओर बढ़ेंगे। ईस कार्यक्रम में शामिल प्रधानाध्यापक कुमारी चंचला सिन्हा प्रति कुमारी सुधांशु कुमार अजय पांडेय अनिता देवी बिक्की कुमार के साथ अन्य लोग शामिल थे।

  • खुशखबरी! नीतीश सरकार देगी 10 लाख का Loan, जानें – कैसे कर सकते है अप्लाई..


    डेस्क : बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 8 हजार उद्यमियों का चयन लॉटरी सिस्टम से किया जाएगा. इसके लिए 1 दिसंबर से आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदकों को पोर्टल पर Online आवेदन देना होगा. इसकी आधिकारिक घोषणा उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक जी ने की है. इस वर्ष लॉटरी सिस्टम को प्रभावी किया जायेगा या नहीं, इसको लेकर भी तमाम कयास चल रहे थे.

    31 दिसंबर तक कर सकते हैं इसका आवेदन

    31 दिसंबर तक कर सकते हैं इसका आवेदन

    इस योजना के तहत इस साल 8 हजार नव उद्यमियों को 10-10 लाख रुपये के लोन दिया जाएगा. इस लोन में 5 लाख रुपये बतौर अनुदान होंगे. जिन्हें उद्यमी को लौटाना नहीं हैं. एक आधिकारिक जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के आवेदन 1 दिसंबर से ही लिये भीबजायेंगे. आवेदन 31 दिसम्बर 2022 तक लिए भी जाने हैं. आवेदन मात्र पोर्टल पर Online लिये जायेंगे.

    पिछले वित्तीय वर्ष में करीब 16 हजार आवेदकों का चयन भी हुआ था

    पिछले वित्तीय वर्ष में करीब 16 हजार आवेदकों का चयन भी हुआ था

    विभागीय सूत्रों और जानकारों के मुताबिक आवेदन एकदम नि:शुल्क हैं. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में इस साल 5000 लोन सभी ट्रेड के आवेदकों को दिये जायेंगे. लोन कोटे में 2000 कपड़े-चमड़ा उद्योगों के लिए भी है. 1000 बियाडा औद्योगिक क्षेत्रों में कपड़े-चमड़े और फूड प्रॉसेसिंग के लिए लोन भी दिये जायेंगे. पिछले वित्तीय वर्ष में करीब 16 हजार आवेदकों का चयन लॉटरी सिस्टम से भी किया गया था.

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  • ई-रिक्शा पर सवार 5 यात्री गंभीर रूप से जख्मी हो गए

    अहले सुबह बिहारशरीफ अस्पताल चौराहा पर पिकअप वैन ने ई-रिक्शा को जबरदस्त ठोकर मार दी जिससे ई रिक्शा पर सवार 5 यात्री गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घटना के संबंध में सुबह में मॉर्निंग वॉक पर निकले चश्मदीदों ने बताया कि ई रिक्शा पर सभी यात्री रामचंद्रपुर की ओर जा रहे थे

    इसी दौरान अस्पताल चौराहा के समीप पिकअप वैन ने ठोकर मार दी। जिससे ई रिक्शा पर सवार 5 यात्री गंभीर रूप से जख्मी हो गए। आनन-फानन में स्थानीय लोगों की मदद से सभी घायलों को बिहार शरीफ सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायलो में मोहम्मद चांद जो कि बरबीघा का रहने वाला है और वह बिहारशरीफ में रहकर ई रिक्शा चलाता है।

  • राजगीर महोत्सव धर्म, संस्कृति और कला की जीवंत अभिव्यक्ति

    राकेश बिहारी शर्मा – राजगीर महोत्सव इतिहास, धर्म, कला और संस्कृति का एक सुंदर प्रतिनिधित्व है और न केवल बिहार में बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी प्रतिष्ठा है। इस त्योहार को मनाने की परंपरा 1986 से चली आ रही है और नालंदा और राजगीर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध विरासत को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। राजगीर कन्वेंशन सेंटर में मनाए जाने वाले इस तीन दिवसीय उत्सव में प्रसिद्ध गायकों और नर्तकियों की भागीदारी देखी गई है, जो दर्शकों के समान उत्साह के साथ प्रदर्शन करते हैं।

    प्राचीन काल से ही राजगीर उत्सवों एवं विद्वत सभाओं का प्रमुख केन्द्र रहा है और अनेक चिन्तन प्रवाहों का स्रोत भी जप, तप, यज्ञ और अन्य धर्म संस्कारों का पवित्र प्रतीक राजगीर में मलमास, मकर, शिवरात्रि, अमावस, पूर्णिमा, एकादशी छठ और उसे जैसे अवसरों पर विभिन्न धर्मावलबियों का जमघट होता रहा है; आज भी पूर्ववत जारी है।

    जब भारत आजाद हुआ तब नवीन भारत के स्वरूप नवीन प्रयासों से नवीनतम करने का सरकार ने संकल्प लिया उसी क्रम में नृत्य महोत्सव के रूप में किये गए। राजगीर महोत्सव का आयोजन एक सार्थक प्रयास है। ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थान के रूप में विख्यात राजगीर आज समस्त धर्मों के प्रति समभाव तथा सद्भाव का प्रतीक बन गया है। राम, रहीम, नानक, बुद्ध, महावीर या ईसा मसीह किसी का भी अनुयायी हो, वह निश्छल भाव से राजगीर की गरिमा से गौरवान्वित होता है, खासकर जैन और बौद्ध धर्म का यह अति पूज्य धरोहर के रूप में जाना जाता है फलस्वरूप, लाखों की संख्या में बौद्ध एवं जैन तीर्थ यात्री यहाँ आकर पूजन, अर्चन और वन्दन कर अपने को कृतार्थ मानते हैं चालीस के दशक के बाद तीर्थ यात्रियों के अतिरिक्त स्वास्थ्य सेवियों और पर्यटकों के लिए भी यह विशेष आकर्षण का केन्द्र बन गया है, खासकर बंगाल के पर्यटकों के लिए सबसे सहज, सुलभ और सस्ते शैलानी स्थल के रूप में सुप्रसिद्ध हो गया है। स्वस्थ वातवरण, बिल्कुल शांत और कोलाहल से दूर वनों और जंगलों से छनकर आती हुई वृद्धों में भी जवानी संचारित कर देने वाली मादक और शीतल हवा देशी-विदेशी पर्यटकों को आकृष्ट करने लगी है।

    राजगीर के झरनों में स्नान, पहाड़ों का परिदर्शन और दर्शनीय स्थलों का भ्रमणोपरान्त शाम को सो जाने का दिनचर्या से लोग उचने लगे। मानसिक भूख का अतृप्ति, नृत्य एवं संगीत की लालसा तथा मिलन और विचारों के आदान प्रदान से अछूता जीवन नीरस प्रतीत होने लगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए बौद्ध जगत के प्रख्यात बौद्ध भिक्षु श्री जगदीश कश्यप के निर्देशन में मगध सांस्कृतिक संघ नामक एक संस्था की स्थापना की गयी, जिसके संस्थापक सचिव श्री सुरेन्द्र प्रसाद ‘तरुण’ बनाए गए थे। स्थानीय एवं अतिथि कलाकारों के सहयोग से गीत-संगीत और नृत्य का नियमित संचालन मगध सांस्कृतिक संघ का प्रथम उद्देश्य घोषित किया गया। यहाँ आने वाले तीर्थ यात्रियों की सेवा, कलाकारों, पत्रकारों, साहित्यकारों और देशभक्तों के सम्मान में गोष्ठियों का निरन्तर आयोजन होते रहे हैं जिसमें देश विदेश के अनेक महापुरुषों ने भाग लिया।

    मगध सांस्कृतिक संघ के सचिव एवं तत्कालीन शिक्षा राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्र प्रसाद ‘तरुण राजगीर महोत्सव के लिए व्यापक आवश्यकता महसूस करने लगे। इसी बीच खजुराहो महोत्सव का प्रारंभ भी हुआ था, जिससे प्रेरित होकर बिहार में भी कुछ वैसा ही करने की भावधारा की तलाश होने लगी। राजगीर का यह संयोग या सौभाग्य कहिए कि तत्कालीन पर्यटन मंत्री श्रीमती उमा पाण्डेय के समक्ष तत्कालीन शिक्षा राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्र प्रसाद ‘तरुण’ ने खजुराहों के आधार पर राजगीर में भी महोत्सव करने का सुझाव रखा। श्रीमती उमा पाण्डेय ने बड़ी ईमानदारी, लगन, उत्साह के साथ इस प्रस्ताव को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री विन्देश्वरी दूबे के समक्ष उपस्थापित किया और यह प्रस्ताव को दूबे जी ने सहर्ष अनुमोदित करते हुए समारोह आयोजन करने का निदेश पर्यटन विभाग को दिया।

    राजगीर महोत्सव इतिहास, धर्म, कला और संस्कृति का एक सुंदर प्रतिनिधित्व है और न केवल बिहार में बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी प्रतिष्ठा है। इस त्योहार को मनाने की परंपरा 1986 से चली आ रही है। राजगीर कन्वेंशन सेंटर में मनाए जाने वाले इस तीन दिवसीय उत्सव में प्रसिद्ध गायकों और नर्तकियों की भागीदारी देखी गई है, जो दर्शकों के समान उत्साह के साथ प्रदर्शन करते हैं।

    राजगीर पंच पहाड़ियों से घिरे नैसर्गिक वातावरण से आच्छादित ऐतिहासिक स्वर्णभंडार गुफा के मैदान में 4 अप्रैल 1986 को राजगीर नृत्य महोत्सव का आयोजन विधिवत प्रारंभ हो गया, जिसका उद्घाटन भारत सरकार के तत्कालीन पर्यटन मंत्री श्री एच के एल. भगत ने किया। समारोह में स्वयं मुख्यमंत्री श्री विन्देश्वरी दूबे, पर्यटन मंत्री श्रीमती उमा पाण्डेय तथा शिक्षा राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्र प्रसाद ‘तरुण’ ने उपस्थित होकर महोत्सव को और गरिमामय बनाने में अहम भूमिका अदा की। पर्यटन विकास निगम और भारतीय नृत्य कला मंदिर के संयुक्त प्रयास ने महोत्सव में चार चाँद लगा दिये। भारतीय नृत्य कला मन्दिर के निदेशक श्री हरि उप्पल ने स्वयं उपस्थित होकर प्रथम आयोजन का निर्देशन किया।

    यह महोत्सव 1989 तक स्वर्णभंडार परिसर में भव्य तरीकों से आयोजित होता रहा, किन्तु समय के थपेड़ों में तथा एकाध राजनीतिज्ञ की नासमझी के कारण आयोजन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। लगातार 6 वर्षों तक दूषित भावनाओं के ग्रहण से यह ग्रसित रहा, किन्तु 1995 में तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. दीपक प्रसाद के सद्प्रयास से महोत्सव को पुनः प्रारंभ किया गया और इसे विश्वशांति स्तूप के आयोजन से जोड़ दिया गया। यूथ होस्टल के परिसर में मुक्त आकाश के तले भव्य मंच का निर्माण कर खूब सजधज कर इसे पुर्नजीवित किया गया। इस अवसर पर ग्राम्यश्री मेला लगाकर विभिन्न प्रकार की झाँकियाँ प्रस्तुत की गई। विकास की गतिविधियों से भी परिचय कराया गया। स्थानीय जनता को भागीदार बनाकर टमटम दौड़, मल्लयुद्ध, स्वच्छता अभियान, सौंदर्य प्रतियोगिता, ग्रामीण गीत-गजल को जोड़कर इसे सार्वभौमिक बनाया गया।

    राजगीर महोत्सव में अभी तक देश के चोटी के कलाकरों ने भाग लिया, जिन्होंने देश ही नहीं, विदेशों में भी अच्छी ख्याति प्राप्त की है। उनमें फिल्मी अभिनेत्री श्रीमती हेमामालिनी, सिने तारिका मीनाक्षी शेषाद्री, नलिनी कामायनी, सोनल मानसिंह, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया, अनूप जलोटा, पद्मश्री पं. शिवकुमार शर्मा, पद्मश्री डॉ. भूपेन हजारिका, विश्व प्रसिद्ध गिटार वादक पं. विश्व मोहन भट्ट, सुश्री वसुन्धरा स्वामी, डॉ. मल्लिका साराभाई हैं। सुश्री अर्चना योगलेकर और नृतक मधुकर गंगाधर, माधवी मुद्गल ओडिसी नृत्यांगना एवं सुप्रसिद्ध गायक राजन मिश्र, साजन मिश्र के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

    नालंदा के साहित्यिक विकास के लिए आये लालबाबू और सुबोध कुमार

    नालंदा में साहित्यिक गतिविधि लगभग बंद हो चुका था। जिसे तत्कालीन सुचना एवं जनसम्पर्क पदाधिकारी लालबाबू सिंह तथा तत्कालीन जिला-भूअर्जन पदाधिकारी सुबोध कुमार सिंह ने एवं नालंदा जिला के साहित्यकार प्रखर पत्रकार आशुतोष कुमार आर्य साहित्यसेवी पत्रकार सुजीत कुमार वर्मा एवं पत्रकार प्रशांत सिंह, शंखनाद के महासचिव राकेश बिहारी शर्मा के सहयोग से नालंदा जिला के सभी साहित्यकार, साहित्य सेवी व कवि एक मंच पर बैठने की शुरुआत कर दिए। इन साहित्यसेवियों के प्रयास से साहित्यिक मंडली शंखनाद के बैनर तले अपनी साहित्य गतिविधि को आगे बढ़ाने लगे।

    आज के दिन में नालंदा जिला के सभी साहित्यकार अपनी अपनी लेखनी से साहित्य की सेवा कर रहे हैं, और लालबाबू, सुबोध बाबू जी का मार्गदर्शन मिलता रहता है। इनके अथक प्रयास से 30 नवम्बर 2017 को राजगीर महोत्सव के अंतिम दिन आयोजन स्थल अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के उप सभागार में हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें देश के नामचीन कवियों ने भाग लिया। उसकेबाद उनके ही प्रयासों से 27 नवम्बर 2018 को राजगीर महोत्सव के अंतिम दिन आयोजन स्थल अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के उप सभागार में हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया शंखनाद के सौजन्य से।

    2019 से राजगीर महोत्सव में कवि सम्मेलन बंद हो गया। गत वर्ष राजगीर महोत्सव कोरोना के गाल में समा गया। राजगीर महोत्सव लगातार तीन दिनों तक खूब शानदार तरीके से मनाया जाता है, जिसमें राज्य सरकार के पर्यटन विभाग, पर्यटन निगम, जिला प्रशासन तथा स्थानीय जनता की सहभागिता अतुलनीय है। मुझे प्रसन्नता है कि वर्तमान युवा, कर्मठ और कर्तव्यनिष्ठ जिलाधिकारी अपनी निष्ठा एवं तत्परता के साथ राजगीर महोत्सव को सफल बनाने के लिए कृतसंकल्प है।

  • राम लखन सिंह वेद की 44 वी पुण्यतिथि के मौके पर उनके आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लाव लश्कर के साथ अपने पैतृक गांव हरनौत प्रखंड के कल्याण विगहा पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्मृति वाटिका में अपने अपने पिता स्वर्गीय कविराज राम लखन सिंह वेद की 44 वी पुण्यतिथि के मौके पर उनके आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर कल्यानबीघा के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई थी।

    माल्यार्पण के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पैतृक आवास भी गए और उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के बारे में रूबरू हुए। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल्याण बीघा गांव का भ्रमण किया। अतिथि के मौके पर बिहार सरकार के कई मंत्रिब,सांसद कौशलेंद्र कुमार, हरनौत विधायक हरिनारायण सिंह,हिलसा विधायक प्रेम मुखिया,अस्थावां विधायक डॉ जितेंद्र कुमार समेत कई जदयू कार्यकर्ता व अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

  • खुशखबरी! अब आधी कीमत में मिलेगी LPG Cylinder – सरकार ने बनाया दमदार प्लान..


    डेस्क : देश की आम जनता को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार जल्द ही गैस की कीमतों LPGको लेकर फैसला ले सकती है. केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा जल्द ही गैस LPG सस्ती करने के लिए खास प्लान बना रही है. इससे खाना बनाने वाली गैस समेत CNG की कीमतों में गिरावट आएगी. इस समय LPG की कीमतों (LPG Price) में तेजी देखने को मिल रही है. पिछले महीने भी कॉमर्शियल गैस (Commercial Gas) की कीमतों में तेजी भी देखने को मिली थी. जिससे आम लोगों की जेब पर खर्च का बोझ गया है.

    तय हो सकती है गैस की मूल्य की सीमा :

    तय हो सकती है गैस की मूल्य की सीमा : गैस LPG की कीमतों की समीक्षा करने वाली कमेटी की तरफ से एक प्लानिंग भी की जा रही है, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के ओल्ड फील्ड से निकलने वाली प्राकृतिक गैस की मूल्य सीमा तय करने करने का फैसला भी लिया जा सकता है. इसको लेकर सिफारिश भी की जा सकती है. सरकार के इस फैसले से CNG और PNG दोनों की ही कीमतों में गिरावट आएगी. जिससे आम जनता को काफी राहत मिल मिलेगी.

    एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारेख की अध्यक्षता वाली कमेटी अपनी मीटिंग पर कार्य कर रही है और इसको आखिरी रूप भी दे रही है. माना यह जा रहा है कि समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट बनाकर सरकार को पेश कर सकती है.

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  • Weather Update : तापमान में बढ़ोतरी जारी रहेगी

    हैलो कृषि ऑनलाइन: राज्य में वर्तमान में नागरिक उकद्य (मौसम अपडेट) का अनुभव कर रहे हैं। ओस बिंदु कम हो गया है और गर्मी बढ़ गई है और दोपहर में सूरज की गर्मी महसूस की जा रही है। न्यूनतम और अधिकतम तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है। प्रदेश में अधिकतम तापमान 28 से 35 डिग्री के पार पहुंच गया है। विदर्भ के गोंदिया में राज्य में सबसे कम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि धुले के कृषि महाविद्यालय में 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

    मौसम की स्थिति

    दक्षिण पूर्व अरब सागर में समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर तक चक्रवाती स्थितियां कम हो गई हैं। जबकि पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी (मौसम अद्यतन) में समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर चक्रवाती हवाएं चल रही हैं। प्रदेश में आसमान साफ ​​हो रहा है। न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी के कारण ओसांक में कमी आई है और दोपहर में धूप अभी भी बनी हुई है।


    तापमान कहाँ है? (मौसम अपडेट)

    24 घंटों के दौरान सोमवार (28) सुबह तक राज्य के विभिन्न स्थानों पर अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया, न्यूनतम तापमान कोष्ठक में (डिग्री सेल्सियस में):

    पुणे 31.9 (17.1), जलगांव 31.8 (12.7), धुले 30.5 (10.0), कोल्हापुर 30.6 (-), महाबलेश्वर 24.4 (16.7), नासिक 30 .9 (13.3), निफाड 30.8 (11.1), सांगली 31.8 (21.3), सतारा 27.6 (21.3), सोलापुर 33.8 (20.0), सांताक्रुज 34 .3 (20.0), दहानू 29.8 (18.0), रत्नागिरी 32.5 (23.5), औरंगाबाद 31.4 (12.2), नांदेड़ – (15.4), उस्मानाबाद – (17 .4) ), परभणी 31.4 (14.5), अकोला 33.0 (14.0), अमरावती 32.0 (12.4), बुलढाणा 30.0 (14.5), ब्रह्मपुरी 31.2 (13.0), चंद्रपुर 28.6 (13.4), गढ़चिरौली 31.2 (10.4), गोंदिया 28.6 (9.6) ), नागपुर 29.9 (11.3), वर्धा 30.9 (12.0), यवतमाल 30.0 (11.5)।


  • Indian Railway : वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में मिलेगी भरी छूट, जानें – रेलवे का नई घोषणा..


    डेस्क : रेल में सफर करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक अच्छी खबर है। इंडियन रेलवे जल्द ही उनके लिए रियायतें बहाल करने की योजना भी बना सकता है। इसके अलावा, इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए उनके लिए पात्रता मानदंड में भी कुछ बदलाव हो सकते हैं।

    कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इंडियन रेलवे बोर्ड वरिष्ठ नागरिकों के लिए उम्र सीमा में बदलाव करने की भी योजना बना रहा है और रियायत को केवल कुछ श्रेणियों के टिकटों तक सीमित करने की भी योजना बना रहा है। आपको बता दें कि पहले, सभी वर्गों के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये रियायत उपलब्ध थी।

    इस उम्र के लोगों को मिलेगा अब फायदा

    इस उम्र के लोगों को मिलेगा अब फायदा

    कुछ रिपोर्टों के अनुसार, रेलवे बोर्ड उन वरिष्ठ नागरिकों को रियायत देने की भी योजना बना रहा है जो सामान्य और स्लीपर क्लास के लिए 70 वर्ष या उससे अधिक के उम्र के हैं। इंडियन रेलवे ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए सब्सिडी बरकरार रखते हुए इन रियायतों की लागत को कम करने का भी विचार है। हालांकि अभी तक नियम और शर्तें तय नहीं हुई हैं।

    इतनी मिलती थी आयु छूट :

    इतनी मिलती थी आयु छूट : साल 2020 में कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से पहले, 58 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिला यात्रियों और 60 साल और उससे अधिक उम्र के पुरुषों के लिए वरिष्ठ नागरिक रियायतें उपलब्ध थीं।

    इंडियन रेलवे की योजना के अनुसार, महिला यात्रियों को सभी श्रेणियों में टिकट की कीमत पर 50 फीसदी की छूट और पुरुषों को 40 फीसदी की छूट तय गई थी। कोरोना महामारी फैलने के बाद, इंडियन रेलवे ने रियायती दरों को वापस ले लिया।

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  • पुष्प फसल प्रतियोगिता में किसानों का अच्छा प्रतिसाद

    हैलो कृषि ऑनलाइन : सक्कले मुलानी कराड

    स्वर्गीय यशवंतराव चव्हाण कृषि औद्योगिक एवं कुक्कुट प्रदर्शनी में शनिवार को पुष्प फसल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में किसानों को सहज प्रतिक्रिया मिली। कोरोना काल के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कृषि प्रदर्शनी आयोजित करने के कारण इस प्रदर्शनी को किसानों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।

    शनिवार को हुई इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान का बंटवारा हुआ। इसमें कराड से अशोक पचुंडकर, प्रशांत गरुड़ विंग, प्रतिभा घरपुर रेठेरे बुद्रुक दूसरे स्थान पर बंटे रहे। इसमें सविता चांगदेव मोरे ससुर्वे तालुका कोरेगांव, गणपति विष्णु मोरे ससुर्वे, अजीत कुमार जयवंत माली गिरेवाडी तालुका पाटन, तृतीय रैंक बांटा गया. इनमें महेश जाधव चिमनगांव, दत्ताजी चव्हाण पर्ले, उद्धव माली मसोर,
    किसान शामराव घोलप कवठे, प्रवीण ताते अवार्डे, दीपाली पाटिल तांबवे, आदर्श पाटिल तांबवे, संजय कांबले उम्ब्रज ने प्रचार में सफलता हासिल की।

    परीक्षक के रूप में कृषि विभाग के अधिकारियों और प्रगतिशील किसानों ने काम किया। शनिवार, रविवार और सोमवार को कृषि प्रदर्शनी को अच्छा रिस्पॉन्स मिला।

  • 16 लाख में बिक रही Arijit Singh की Live Concert Ticket, लोग बोले, – भाई ये क्या है..


    डेस्क : बॉलीवुड के मशहूर गायक अरिजीत सिंह आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. अपनी दमदार और दिल को छू लेने वाली मखमली आवाज से आज वो देश के सबसे बेहतरीन प्ले बैक सिंगर बन चुके हैं. यही वजह है कि उनकी एक झलक पाने, उन्हें लाइव सुनने के लिए उनके फैंस बेकरार हो उठते हैं. अब जल्द ही अरिजीत सिंह का लाइव कॉन्सर्ट पुने में होने जा रहा है जिसे लेकर वो काफी चर्चा में हैं. चर्चा में होने का एक अन्य कारण इस लाइव कॉन्सर्ट की टिकट की कीमत भी है जो 16 लाख तक बताई जा रही है.

    टिकट के दाम सुनकर उड़े लोगों के होश

    टिकट के दाम सुनकर उड़े लोगों के होश

    सिंगर अरिजीत सिंह के इस लाइव कॉन्सर्ट के टिकट की कीमतों के बारे में जो भी कोई सुन रहा है वो हैरान रह जाता है. दरअसल, खबर यह है कि लाइव शो के प्रीमियम लाउंज की कीमत 16 लाख तक है और सोशल मीडिया पर इसे लेकर खूब बातें भी हो रही हैं. कुछ इसे लेकर मजाक भी उड़ा रहे हैं तो कुछ इतनी महंगी टिकट होने के कारण इस शो से दूरी बनाने की भी बात कह रहे हैं.

    27 जनवरी को अरिजीत सिंह का ये लाइव कंसर्ट महाराष्ट्र के पुणे में होने वाला है जहाँ टिकटों की कीमत 999 से लेकर 16 लाख तक हैं।

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