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  • महज 10 रूपए का निवेश बना सकता है आपको करोड़पति, पढ़ें – स्कीम के बारे में..


    इस समय मार्केट में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) कम समय में बढ़िया रिटर्न का अच्छा विकल्प है। तो इस समय मार्केट का हाल देखते हुए आपको परंपरागत निवेश यानी की एफडी और आरडी (FD & RD) के बजाए म्यूचुअल फंड में निवेश के बारे में जरूर सोचना चाहिए।

    इसमें निवेश करने में बहुत आसानी होती क्योंकि इसमें आप एफडी तरह एक साथ निवेश भी कर सकते हैं और चाहें तो थोड़ा-थोड़ा करके भी पैसे लगा सकते हैं, जैसे सिर्फ 10 रुपये। हालांकि म्यूचुअल फंड्स में रिस्क भी होता है। पर बीते कुछ सालों में म्‍यूचुअल फंड का प्रदर्शन मार्केट में बेहद अच्छा रहा है। तब भी इसमें निवेश करने से पहले सभी पहलुओं को जरूर जान लें।

    करें केवल 10 रूपए से निवेश :

    करें केवल 10 रूपए से निवेश : इस समय जहां महंगाई चरम सीमा है पर है ऐसे में आपको बैंक ब्‍याज जैसे एफडी और बचत खाते से अच्छा रिटर्न नहीं मिलेगा। ऐसे में आपके लिए सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश का विकल्प अच्छा है। यदि आप रोज केवल 10 रूपए की भी बचत करें न तो कुछ सालों में आपको मोटा रिटर्न मिल सकता है।

    यहां आपको प्रतिदिन 10 रुपये निवेश करना होगा जिससे आप एक करोड़ से भी ज्यादा की कमाई बना सकते हैं। बता दें अब तकएसआईपी ने लोगों को 18% तक का रिटर्न दिया है। यानी अगर आप 35 साल तक डेली 10 रुपये एसआईपी में निवेश करते हैं तो आपको 35 साल बाद 1.1 करोड़ रुपये का रिटर्न मिलेगा।

    म्यूचुअल फंड में निवेश से मिलेगा शानदार र‍िटर्न :

    म्यूचुअल फंड में निवेश से मिलेगा शानदार र‍िटर्न : बीते सालों से म्यूचुअल फंड मार्केट में अच्छा विकल्प बन कर उभर रहा है। वैसे तो मार्केट में कई फंड ऐसे भी है जिन्‍होंने 12% से लेकर 25% तक का रिटर्न दिया है। तो इस गणित के आधार पर यदि आप प्रति माह 600 रुपए की म्यूचुअल फंड में SIP लेते हैं तो 35 से 40 साल में 10 करोड़ का फंड तैयार कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करके आप अपना भविष्‍य संवार सकते हैं।

    आपको बता दें कि शेयर बाजार में तेजी है या मंदी, म्यूचुअल फंड पर इसका कोई अंतर नहीं पड़ता। आप एसआईपी के थ्रू, म्यूचुअल फंड में निवेश जारी रख सकते हैं। इस तरह धीरे-धीरे आपके पास अच्‍छा खासा अमाउंट जमा हो जाएगा। साथ हीएसआईपी में इन्वेस्ट करने के कई फायदे होते हैं। आप जो राशि SIP में निवेश करते हैं, उसे अलग-अलग सेक्टर की बड़ी कंपनियों में लगाया जाता है। इसमें निवेश करने का यही फायदा होता है कि इससे आप ज्‍यादा मुनाफा कमा सकते हैं।

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  • Google CEO सुंदर पिचाई से पंगा लेना पाकिस्तानी फैन को पड़ा भारी, कर दी बोलती बंद…


    Google के CEO सुंदर पिचाई ने सोमवार को दिवाली के उपलक्ष्य में अपने चाहने वालों को ट्विटर पर बधाई दी। अपने इस ट्वीट में उन्होंने भारत बनाम पाकिस्तान मैच का भी जिक्र किया। एक खुराफाती पाकिस्तानी फैन ने सुंदर पिचाई को उनके इस पोस्ट के जरिए ट्रोल करने की भी कोशिश की मगर Google CEO ने कुछ ऐसा जवाब दिया जिससे उसकी बोलती ही बंद हो गई। सुंदर पिचाई के इस रिप्लाई को खूब पसंद किया जा रहा है और Twitter यूजर उनके इस सैवेज रिप्लाई का स्क्रीनशॉट लेकर वायरल भी कर रहे हैं।

    दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए सुंदर पिचाई ने यह ट्वीट किया ‘शुभ दिवाली! आशा है कि जश्न मनाने वाले सभी लोगों के पास आपके दोस्तों और परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। मैंने आज फिर आखिरी 3 ओवर देखकर जश्न मनाया, क्या खेल और प्रदर्शन था।’ सुंदर पिचाई ने यहां आखिरी 3 ओवर में भारत के रन चेज का जिक्र किया। पाकिस्तान के खिलाफ कोहली की क्लासिक पारी के दम पर भारत ने आखिरी गेंद पर शानदार जीत दर्ज की थी।

    सुंदर पिचाई की इस पोस्ट पर पाकिस्तान के मुहम्मद शाहजैब ने कमेंट करके ट्रोल करना चाहा। इस खुराफाती फैन ने आगे लिखा ‘आपको पहले 3 ओवर देखने चाहिए।’ मुहम्मद शाहजैब के इस कमेंट का रिप्लाई देते हुए सुंदर पिचाई ने लिखा ‘वो भी किया, भुवी और अर्शदीप का क्या शानदार स्पेल था

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  • वाहन चेकिंग के दौरान लोडेड कट्टा के साथ युवक गिरफ्तार

    मधेपुरा/बालमुकुन्द यादव

    मधेपुरा जिला के चौसा थाना क्षेत्र के लौआलगान पूर्वी पंचायत सरकार भवन के समीप से हथियार के साथ एक व्यक्ति गिरफ्तार किया है। थाना अध्यक्ष किशोर कुमार ने बताया कि  चौसा थाना क्षेत्र के लौआलगान पूर्वी पंचायत सरकार भवन के निकट देशी कट्टा व कारतूस के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया गया है

    किसी घटना को देने वाले थे अंजाम। थानाध्यक्ष ने बताया कि दिवाली व काली पूजा को लेकर विशेष वाहन चेकिंग अभियान चलाए जा रहे हैं। संध्या गस्ती के दौरान भागलपुर की ओर से आ रहे पुरैनी की तरफ़ जा रहे  कि वहा वाहन जांच शुरू की इसी क्रम में एक मोटरसाइकिल सवार युवक पुलिस को देख कर भागने लगे जवानों ने खदेड़ कर युवक को पकड़ कर त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए

    युवक की तलाशी लेने पर उनके पास से एक देशी कट्टा, एक जिन्दा कारतूस व मोबाइल और एक मोटरसाइकिल बरामद किया गया। गिरफ्तार युवक भागलपुर जिला के बरारी थाना क्षेत्र अंतर्गत कटहलवाड़ी निवासी बिंदेश्वरी यादव के पुत्र राहुल यादव है। बताया गया कि राहुल यादव का अपराधिक इतिहास रहा हैं। उसके खिलाफ़ कोतवाली थाना (बरारी) में कई अपराधिक ममला के तहत केस दर्ज है। थानाध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जानकारी दी मोके पर अंचलाधिकारी राकेश कुमार सिंह पुलिस बल मौजूद थे

  • दिवाली पर अचानक सस्ता हुआ Gold – अब महज 46100 रुपए में खरीदें एक तोला सोना..


    सर्राफा बाजार में इन दिनों जबरजस्त रौनक है. महापर्व दिवाली पर हर कोई जेवर आभूषण की खरीदी के लिए बेकरार है. दिवाली पर सोने-चांदी के सिक्के, भगवान की मूर्तियों, चांदी के बर्तनों की भी खासी डिमांड है. इस बार त्योहार पर सोने-चांदी के भाव आनुपातिक रूप से कम चल रहे हैं जिससे ग्राहकी काफी मजबूत हो गई है. सोने के दामों में तो जबरजस्त गिरावट दर्ज की जा रही है..

    इंदौरा सर्राफा में 22 कैरेट सोना 46100 रुपए प्रति तोले के भाव से बिका जबकि 24 कैरेट सोने के भाव 51500 रूपए प्रति 10 gmरहे. इस प्रकार भाव में करीब 5 हजार रूपए तोला का अंतर आ गया है. सस्ता होने से इस बार 22 कैरेट सोने के जेवर बनवाने में लोगों की अधिक रूचि दिख रही है.

    सोना.चांदी की कीमतों में आयी कमी से इस त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली है। इंदौर सराफा बाजार में 22 कैरेट सोना 46100 रुपए प्रति 10 gm बिका। सर्राफा बाजार में 22 कैरेट सोना का यह भाव बिना GST के रहा. बाजार में GST पर 22 कैरेट सोने का भाव 47400 रुपए प्रति 10 gm रहा।

    व्यापारियों ने बताया कि कॉमेक्स पर गोल्ड ऊपर में 1629.30 डॉलर प्रति औंस जाने के बाद यह 1623.40 डॉलर प्रति औंस रहा। इसी प्रकार चांदी ऊपर में 18.65 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार किया था बाद में यह 18.34 डॉलर प्रति औंस पर रही। इंदौर सर्राफा बाजार बंद भाव में सोना कैडबरी -99.50- 51500 रुपए प्रति 10 gm रहा। इसी प्रकार चांदी एसए 56700 रुपए प्रति किलो रही। RTGS में सोना कैडबरी 51500 रुपए प्रति 10 gm रहा जबकि चांदी एसए चौरसा 56700 रुपए किलो रही।

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  • जहानाबाद मंदिर का सिंह यादव की पुण्यतिथि में पहुंचे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, नौकरी को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना

    डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव सोमवार को जहानाबाद पहुंचे थे। जहां उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन की सरकार में नौकरियों की भरमार है। अकेले स्वास्थ्य विभाग में डेढ़ लाख नौकरियां हैं ।वहीं अन्य दूसरे विभागों में भी नियुक्तियों को शुरू किया गया है।

    एक बार फिर तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार सरकार पर जमकर निशाना साधा। नरेंद्र मोदी की सरकार पर युवाओं को गुमराह करने और बेरोजगारी बढ़ाने का आरोप लगाया।

    2 दिन पहले जीतन राम मांझी के दिए बयान पर तेजस्वी यादव ने अनभिज्ञता जाहिर की। जब उनसे पूछा गया कि नीतीश कुमार अगर बीजेपी में जाते हैं तो जीतन राम मांझी उसका स्वागत करेंगे, तेजस्वी ने कहा कि यह मीडिया का शिगूफा है। हालांकि इस दरम्यान जीतन राम मांझी भी तेजस्वी के बगल में बैठे मंद मंद मुस्कुराते रहे।

    तेजस्वी यादव पूर्व मंत्री और स्थानीय विधायक मुंद्रिका सिंह यादव की पांचवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने जहानाबाद के नौरू गांव पहुंचे थे। जहां नौरू खेल मैदान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में आरजेडी और जेडीयू के कई मंत्री और विधायक शामिल हुए।

  • दिवाली पर सस्ता हुआ सरसों का तेल – नया MRP जान खुशी से झूम उठेंगे आप


    न्यूज डेस्क : दिवाली के मौके पर खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं, त्योहार में इस्तेमाल होने वाला हर सामान काफी महंगा हो रहा है। पूर्व में जारी उतार-चढ़ाव, उत्तर प्रदेश में सरसों का तेल 148 रूपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। वर्तमान में सरसों के तेल की कीमत 150 रुपये प्रति लीटर चल रही है।

    अभी दिवाली पर सरसों के तेल की कीमत सामान्य है। हालांकि बाजार के जानकारों का कहना है कि दिवाली के बाद तेल के दाम आसमान पर पहुंच सकते हैं। ऐसे में आपके लिए तेल खरीदने का यह बेहतर मौका है।

    देश भर में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें लंबे समय से स्थिर हैं, लेकिन इसके बावजूद घरेलू सामानों की कीमतें बढ़ रही हैं। इससे आम लोगों की जेब पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। विभिन्न राज्यों के बाजारों में सरसों तेल की कीमत भी सातवें आसमान पर है। जबकि यूपी में उलटफेर के बाद फिलहाल स्थिरता देखी जा रही है। उत्तर प्रदेश में सरसों तेल की कीमत अन्य राज्यों की तुलना में कम है। आज यानी 22 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में सरसों के तेल की कीमत 150 रुपये है।

    यूपी के वायदा बाजार में आज लगातार 12वें दिन कानपुर में सरसों तेल का उच्चतम भाव 22 अक्टूबर को 180 रुपये प्रति लीटर पर खुला। वहीं बीते 10 अक्टूबर को शाहजहांपुर स्थिति सरसों तेल की अधिकतम कीमत 151 रुपए रही। इससे पहले 9 अक्टूबर को सरसों के तेल की सबसे ज्यादा कीमत मुजफ्फरनगर में 147 रुपये और कानपुर में 8 अक्टूबर को 180 रुपये प्रति लीटर थी।

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  • दीपावली महज धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि अपने पुरखों को याद करने का पर्व है

     राकेश बिहारी शर्मा – भारत देश में अनेक प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है लेकिन उन सभी त्योहारों में सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली या दिवाली का त्यौहार है। यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। दीवाली अपने आगे पीछे कई त्योहारों को लेकर आती है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत में मनाया जाता है। दीपावली का अर्थ होता है ”दीप” और ”आवली” अर्थात यह दो शब्दों से मिलकर बना है। दीपावली के यह दोनों शब्द संस्कृत भाषा के शब्द है, जिसका मतलब होता है दीपों की श्रृंखला, दीपों की पंक्ति। दीपावली भारत देश के सभी सनातनी नागरिकों का खुशियों का त्यौहार है, दीपावली के शुभ अवसर पर प्रत्येक सनातनी घरों में भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। भारत देश के निवासी दिवाली के त्यौहार को किसी अन्य देश में रहने पर भी बड़े धूमधाम से मनाते है। दिवाली को भारत में दो दिन मनाया जाता है।

    दीपावली महज धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि अपने पुरखों को याद करने का पर्व है

    दीपावली क्यों मनाई जाती है- दीपावली पर्व का सम्बन्ध कई पौराणिक, ऐतिहासिक गाथाओं से है। पौराणिक कथा के अनुसार जब राजा बलि ने अन्य देवताओं के साथ-साथ लक्ष्मीजी को भी बंदी बना लिया था, तब भगवान् विष्णु ने वामन का रूप धारण कर इसी दिन लक्ष्मीजी को छुड़वाया था। नरकासुर इसी दिन मारा गया था। लंकापति रावण को मारकर जब भगवान् राम 14 वर्षों के वनवास की अवधि पूरी कर लक्ष्मणजी, सीताजी सहित अयोध्यापुरी पहुंचे थे, तब अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था। इसी दिन राज्याभिषेक होने पर अयोध्यावासियों ने दीपकोत्सव मनाकर रामजी का अभिनन्दन किया था सरस्वती और स्वामी रामतीर्थ ने अपने पवित्र शरीर का त्याग किया और सहस्त्रों मनुष्यों को ज्ञान का प्रकाश दिया। आज से लगभग ढाई हजार पूर्व में पावापुरी कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को महावीर ने निर्वाण प्राप्त किया था। उस अंधेरी रात में सुर, मनुष्य, नाग, गन्धर्व ने रत्नों के दीपक जलाये। इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में बुद्ध के प्रमुख शिष्य इन्द्राभूति गौतम ने ज्ञान लक्ष्मी प्राप्त की थी। दीपावली पर्व वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि दीपक के प्रकाश से वातावरण की वायु शुद्ध हो जाती है। वर्षा के प्रभाव से बीमारी फैलाने वाले कीटाणु, कीट-पतंगे जलकर मर जाते हैं।

    दीपावली में किसकी पूजा की जाती है – दीपावली के शुभ अवसर में सनातनी कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त होने के पश्चात भगवान् गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन के लिए की जाती है लक्ष्मी जी के आवागमन के लिए उस दिन घरों में रंगोली भी बनाई जाती है और लक्ष्मी जी की पूजा के लिए लक्ष्मी आरती की जाती है भगवान गणेश की पूजा करने के लिए गणेश आरती की जाती है। दीपावली त्यौहार देश में बच्चे और बड़े सभी लोगो का पसंदीदा त्यौहार है। दीपावली के बाद और उससे पहले अन्य प्रकार के त्यौहार भी भारत में मनाये जाते है। दीपावली अपने आगे पीछे कई त्योहारों को लेकर आती है।

    दीपावली महज धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि अपने पुरखों को याद करने का पर्व है

    दीपावली या लक्ष्मी पूजा – दीपावली में लक्ष्मी के साथ गणेशजी के पूजन का विधान इसलिए किया गया, क्योंकि केवल लक्ष्मी का आगमन मनुष्य को कुमार्ग पर भी ले जा सकता है। गणेशजी बुद्धि के देवता हैं। धन को बुद्धिपूर्वक उपयोग करने की प्रेरणा गणेशजी ही देते हैं। अतः दोनों को साथ-साथ पूजा जाता है। गणेशजी पार्वती माँ के पुत्र हैं तथा रामायण के अनुसार लक्ष्मीजी विष्णु पत्नी भगवान् श्रीराम का लंका विजय के पश्चात् अयोध्या में आगमन भी इसी दिन हुआ था। दीपावली के लिए तो साज-सज्जा पहले ही थी। भगवान् राम के स्वागत में तोपों की सलामी की तरह पटाखे चलाने की रीति और जुड़ गई। इस प्रकार दीपमाला सजाने तथा पटाखे छोड़कर स्वागत करने की परंपरा चलती आ रही है। इसी दिन महावीर स्वामी (जैन मत) तथा स्वामी दयानंदजी का निर्वाण दिवस भी मनाया जाता है। गुरुनानकजी का मुक्ति दिवस भी इसी दिन है। अतः समस्त सनातनी या हिंदू समाज इस पर्व को आनंदपूर्वक मनाता है।

    गोवर्धन पूजा (अन्नकूट ) – दीपावली के अगले दिन कार्तिक शुक्ला प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का पर्व होता है। कभी यह इंद्रपूजा के रूप में था। श्री कृष्णजी ने ब्रजवासियों से गोवर्धन पर्वत पुजवाया तथा स्वयं प्रत्यक्ष होकर सब प्रकार के व्यंजनों का भोग ग्रहण किया। तब से इंद्र पूजा की जगह गोवर्धन पूजा होने लगी। इस दिन घरों में गोबर से मानव आकृति बनाकर उसकी पूजा तथा परिक्रमा श्रीकृष्ण मानकर करते हैं। मंदिरों में कढ़ी, चावल, पूरी, सब्जी (सब मिलाकर) मिष्ठान आदि छप्पन प्रकार के व्यंजन मिलाकर प्रसाद वितरण किया जाता है। इसे अन्नकूट भी कहा जाता है।
    भैया दूज पूजा – कार्तिक शुक्ला द्वितीया तिथि को भैया-दूज का त्योहार मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। भाई-बहनों के घर जाकर टीका करवाते हैं। भाई यथाशक्ति दक्षिणा भेंट करते हैं। यम और यमुना (नदी) दोनों सूर्य के पुत्र पुत्री हैं। यम को बहन यमुना के घर आने की कभी फुरसत नहीं मिलती थी। एक बार यम इसी द्वितीया को यमुना के पास आए। यमुना ने भाई का जोरदार स्वागत किया। तिलक लगाकर नारियल भेंट किया। अपने हाथ से तरह-तरह के व्यंजन बनाकर खिलाए। प्रसन्न यमराज ने बहन से वरदान माँगने को कहा। यमुना ने यह वरदान माँगा कि भैया-दूज को प्रतिवर्ष आप अवश्य मेरे घर आएँ तथा मेरा आतिथ्य स्वीकार करें। जो भी बहने अपने भाइयों को टीका करें, वे सभी बहन-भाई यम यातना से संतृप्त न हों। मथुरा में यम घाट पर इस दिन साथ-साथ स्नान करने पर भाई-बहन पुनर्जन्म में भी भाई-बहन ही बनें। यमराज ने बहन को वरदान दे दिया। यमराज से यह वरदान पाकर यमुना ने सभी बहन-भाइयों का उपकार किया।

    दीपावली महज धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि अपने पुरखों को याद करने का पर्व है

    दीपावली का प्रतीकात्मक महत्त्व- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा भी जाता रहा है कि लक्ष्मी देवी इस दिन भ्रमण करते हुए जिस भी स्थान को स्वच्छ, सुन्दर व आकर्षक देखती हैं, वहीं निवास करती हैं। गन्दे मलिन स्थानों की ओर वह ताकती भी नहीं। यह सत्य है कि समृद्धि और सम्पन्नता का वास स्वच्छ स्थानों पर होता है। प्रतीकात्मक रूप से हमारे देश में समाज में व्याप्त दरिद्रता का कारण बाहरी वातावरण में व्याप्त वह गन्दगी है, जो घुस आयी है हमारे शरीर में मानस में विकृतियों के रूप में, असत्य कपटाचरण. भ्रष्टाचार की वह गन्दगी, जो हमें श्रीहीन अकर्मण्य बना रही है। यदि हमारा शरीर स्वच्छ नहीं, तो स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ेगा ही, रोग उत्पन्न होंगे, शरीर आलस्य व प्रमाद से भरा होगा, क्रियाशीलता का अभाव होगा, कुछ मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी होंगे। दीपावली में की जाने वाली स्वच्छता का महत्त्व आन्तरिक एवं बाह्य दोनों प्रकार से है। नरकासुर के मारे जाने का अर्थ गन्दगी के असुर के मारे जाने से है।

    दीपावली सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और आर्थिक महत्व का पर्व – इसी दौरान धनवंतरी की पूजा यानि औषधि का आह्वान बैल-हल की पूजा यानि खेती-किसानी की तैयारी पौष्टिक भोजन यानि शरीर को मेहनत के लिए तैयार करना-कुल मिला कर दीपावली का पर्व एक सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और आर्थिक महत्व का पर्व है। यह जान लें कि दीपावली पर परंपराओं के नाम पर कुछ घंटे जलाई गई बारूद कई-कई साल तक आपकी ही जेब में छेद करेगी, जिसमें दवाइयों व डॉक्टर पर होने वाला व्यय प्रमुख है। इसकी मूल आत्मा सभी के कल्याण की है और आतिशबाजी का प्रयोग समाज, प्रकृति और परिवेश को नुकसान पहुंचाने वाला है। दुनियाभर में दीपावली भारतीयता का पर्व है, न कि किसी जाति-धर्म का। देश की अस्मिता यहां के लोक, पर्यावरण और आस्था में निमित्त है। जरूरत है कि आम लोग दीपावली की मूल भावाना को समझें और आडंबर रहित, सर्वकल्याणक और अपनी आय में समाज के अंतिम छोर में खड़े व्यक्ति की हिस्सेदारी की मूल परंपराओं की तरफ लौटें।

    दीपावली महज धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि अपने पुरखों को याद करने का पर्व है

    दीपावली का सन्देश और पनपते गलत परम्परा – उत्तर वैदिक काल में शुरू हुई आकाश दीप की परंपरा को कलयुग में दीवाली के रूप में मनाया जाता है। श्राद्ध पक्ष में भारत में अपने पुरखों को याद करने के बाद जब वे वापस अपने लोकों को लौटते थे, तो उनके मार्ग को आलोकित करने के लिए लंबे-लंबे बांसों पर कंदील जलाने की परंपरा बेहद प्रचीन रही है। फिर द्वापर युग में राजा राम लंका विजय के बाद अयोध्या लौटे तो नगरवासियों ने अपने-अपने घर के दरवाजों पर दीप जला कर उनका स्वागत किया। हो सकता है कि किसी सैनिक परिवार ने कुछ आग्नेय अस्त्र-शस्त्र चलाए हों, लेकिन दीपावली पर आतिशबाजी चलाने की परंपरा के बहुत पुराना होने के कोई प्रमाण मिलते नहीं हैं। हालांकि अब तो उच्चतम न्यायालय ने इस साल भी कड़ा संदेश दे दिया कि दूसरों के जीवन की कीमत पर आतिशबाजी दागने की छूट नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हम जश्न मनाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम दूसरों के जीवन की कीमत पर जश्न नहीं मना सकते हैं। पटाखे फोड़कर, शोर और प्रदूशण करके उत्सव मनाया जाए? हम बिना शोर-शराबे के भी जश्न मना सकते हैं। जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने सांसद मनोज तिवारी की याचिका पर स्पष्ट कर दिया कि अकेले दीवाली ही नहीं, छट, गुरूपर्व और नए साल पर भी आतिशबाजी पर पूरी पाबंदी रहेगी, यहां तक कि ग्रीन आतिशबाजी भी नहीं। विदित हो अदालत के जरिये आतिशबाजी पर रोक की कोशिशें कई साल से चल रही हैं, अदालतें कड़े आदेश भी देती हैं, कुछ लोग खुद ब खुद इससे प्रभावित हो कर पटाखों को तिलांजलि भी दे रहे हैं, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है जो कुतर्क और अवैज्ञानिक तरीके से अदालत की अवहेलना करते हैं। यह कड़वा सच है कि पुलिस या प्रशासन के पास इतनी मशीनरी है नहीं कि हर एक घर पर निगाह रख सके। असल में हमारा प्रशासन ही नही चाहता कि अदालत के आदेशों से वायुमंडल शुद्ध रखने की कोशिश सफल हो। विभिन्न धार्मिक ग्रंथों से यह स्पष्ट हो चुका है कि बारूद के पटाखे चलाना कभी भी इस धर्म या आस्था की परंपरा का हिस्सा रहा नहीं है। लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि समाज व संस्कृति का संचालन कानून या अदालतों से नहीं, बल्कि लोक कल्याण की व्यापक भावना से होता रहा है और यही इसके सतत पालन व अक्षुण्ण रहे का कारक भी है। दीपावली की असल भावना को ले कर कई मान्यताएं हैं और कई धार्मिक आख्यान भी। यदि सभी का अध्ययन करें तो उनकी मूल भावना भारतीय समाज का पर्व-प्रेम, उल्लास और सहअस्तित्व की अनिवार्यता है। विडंबना है कि आज की दीपावली दिखावे, परपीड़न, परंपराओं की मूल भावनाओं के हनन और भविष्य के लिए खतरा खड़ा करने की संवेदनशील औजार बन गई है।

    दीपावली महज धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि अपने पुरखों को याद करने का पर्व है
    दीपावली हमारे लिए कर्मठता और जागरूकता का सन्देश भी लाती है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति लक्ष्मीजी का पूजन नहीं करता, आलस्य व प्रमाद में रमा रहता है, उसके घर लक्ष्मी नहीं आतीं। लक्ष्मी के वास के लिए जहां आन्तरिक, बाह्य शुद्धता का महत्त्व है, वहीं लक्ष्मी प्राप्त करने के लिए न्याय एवं श्रमपूर्वक उसकी उपासना भी करनी होती है। पूजा-पाठ की स्वच्छता के साथ नित्यापयोगी वस्तुओं की शुद्धता का ध्यान रखना, मन को छल-कपट, द्वेष-दम्भ, मिथ्या एवं घृणित प्रवृत्तियों से दूर रखना, यह सब आवश्यक है। जब समुद्र मन्थन से लक्ष्मीजी प्रकट हुई थीं, तब उनके साथ कुछ बुराइयों का समावेश भी था। जैसे-चन्द्रमा के साथ टेढ़ापन, उच्चैश्रवा: घोड़े के साथ चंचलता, कालकूट के साथ मोहनी शक्ति मदिरा से मद और कौस्तुभ मणि के साथ निष्ठुरता थी। अतः लक्ष्मी के आगमन के साथ-साथ मानव चित्त में यह बुराइयां समाविष्ट हो सकती हैं, अतः ऋषियों ने लक्ष्मीजी के साथ शुद्धता का दृष्टिकोण रखा। हमें अपने घर के साथ-साथ गली, गुहल्ले और सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता पर भी ध्यान देना चाहिए, जो समाज व राष्ट्र के लिए भी उपयोगी होगी; क्योंकि समृद्धि और सम्पन्नता शुचिपूर्ण, स्निग्ध वातावरण में ही फैलती है। हमारे देश में दीनता, दरिद्रता का जो वास है, उसका कारण पूर्णरूपेण आन्तरिक एवं बाह्य अस्वच्छता से है, गन्दगी से है। जनमानस में फैली हुई अनैतिकता व धूल-कचरे को हटाना होगा। दीपावली का त्योहार आर्थिक उत्थान का सामूहिक प्रयत्न भी है। इस दिन सभी व्यापारी साल भर में होने वाले लाभ-हानि का विचार करते हैं। लाभकारी योजनाएं बनाते हैं। धन समाज व राष्ट्र का मेरुदण्ड है। इस प्रकार दीपावली पर्व ही नहीं पर्व पुंज है। लगातार त्योहार सारे समाज को उत्साहित करते हैं और खुशी की लहर दौड़ाते हैं। कुछ लोग इस त्योहार पर जुआ खेलकर इसकी पवित्रता को नष्ट करते हैं। जुआ और शराब जैसी बुरी आदत कभी भी कल्याणकारी नहीं होती। हमें ऐसी बुरी आदतों से सदा दूर रहना चाहिए। अपने परिवार और मित्रों को भी इस सामाजिक पाप से बचाना चाहिए।

  • कैसे लें Free बिजली योजना का लाभ, ये रहा स्टेप बाय स्टेप गाइड


    दिल्ली में रहने वाले लोगों को फ्री बिजली (Free Electricity) का लाभ दिया जाता है. इसके लिए सरकार सब्सिडी भी देती है. दिल्ली सरकार ने 2019 में फ्री बिजली योजना की शुरुआत की थी. इस स्कीम के तहत दिल्ली के लोग हर महीने 200 यूनिट से कम बिजली पर 100 फीसदी तक सब्सिडी पाते हैं. इसका अर्थ यह हुआ कि कोई व्यक्ति अगर महीने में 200 यूनिट तक बिजली खपत करता है, तो उसे एक भी रुपये का बिल नहीं देना होगा. इसी तरह महीने में 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले लोगों को 50 फीसदी सब्सिडी (800 रुपये तक) दी जाती है.

    अब दिल्ली सरकार ने एक नयी स्कीम वॉल्यूंटरी सब्सिडी स्कीम यानी कि VSS की शुरुआत की है. इस स्कीम के तहत अगर किसी को सब्सिडी का लाभ लेना है तो उसे इसके लिए अप्लाई करना होगा. नया नियम इसी साल 1 अक्टूबर, 2022 से शुरू हो गया है. इसका मतलब हुआ कि आपका बिजली बिल 0 नहीं आएगा या बिजली बिल पर सब्सिडी अपने आप लग कर नहीं आएगी बल्कि उसके लिए पहले आपको अप्लाई करना होगा.

    Whatsapp से ऐसे करें अप्लाई :

    .Whatsapp से ऐसे करें अप्लाई :

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  • सतर्क रहें! CNG गाड़ियों में भी झुलस रही आग, भूलकर भी न करें ये गलतियां


    इस समय CNG गाड़ियां मार्केट में नई पसंद बनी हुई हैं। इसकी बड़ी वजह है CNG का काम खर्च होना। पर CNG गाड़ियों की सही देख रेख भी उतनी ही ज़रूरी है। ऐसा इसीलिए क्योंकि छोटी सी लापरवाही बड़ा खतरा बुला सकती है। कुछ ऐसा ही हाल में नोएडा में घटित हुआ है।

    जहां एक सीएनजी कार चालक सीएनजी गैस भरवा कर निकला ही था कि उसकी गाड़ी से धुंआ निकलने लगा। और क्षण भर में गाड़ी ने आज पकड़ ली। हालांकि, कार चालक ने वक्त रहते कार से बाहर कूद कर अपनी जान बचा ली। तो यदि आपके पास भी CNG गाड़ी है या आप नई नई सीएनजी कार खरीदना चाह रहे हैं तो इससे जुड़ी सावधानियों को जरूर ध्यान दे। आज इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं की आपको किन बातों का ध्यान रखना है।

    ऑटो मोड को रखें ऑन :

    ऑटो मोड को रखें ऑन : जब भी आप अपनी गाड़ी को CNG पर स्विच करते हैं तो इस बात का खास ख्याल रखें कि कम से कम पहले 4-5 किलोमीटर कार पेट्रोल पर चले, तभी उसे CNG पर चलाएं। वहीं फैक्टरी फिटेड सीएनजी कारों में सीएनजी स्विच के पास ऑटो मोड होता है। हमेशा कोशिश करें कि यह ऑटो मोड ऑन रहे ताकि इंजन के गर्म होने के बाद खुद गाड़ी सीएनजी पर स्विच कर सके।

    लीक का रखें बराबर ध्यान :

    लीक का रखें बराबर ध्यान : सीएनजी गैस के लीक होने के संकेत कई बार मिलते हैं। यदि ऐसा होता है तो बिलकुल भी न घबराएं, आप इसे खुद से ठीक करने के बजाय फौरन किसी मैकेनिक से संपर्क करें। रिपेयर वर्क के लिए मैकेनिक कार की लोकेशन पर पहुंच लीक को ठीक कर सकता है।

    गाड़ी के अंदर न रहें :

    गाड़ी के अंदर न रहें : जब भी आप अपनी गाड़ी में CNG भरवाएं गाड़ी से बाहर आ जाएं। यदि गाड़ी का इंजन चालू है तो उसे बंद कर दें। ऐसा देखा गया है कि यदि गाड़ी का इंजन चालू है तो उस स्थिति में गाड़ी में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही ये भी ध्यान रखें कि गैस भरवाते समय आसपास कोई स्मोक न कर रहा है। सीएनजी आग जल्दी पकड़ती है इसलिए जरा से चिंगारी भी बड़ी मुसीबत को बुलावा दे सकती है।

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  • स्वदेशी कंपनी Mahindra ला रही देश की सबसे दमदार Electric Car, Tata-Maruti की बढ़ने लगी टेंशन!


    भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में EV का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। अब इलेक्ट्रिक कारें ट्रेंड में भी आ रही है तो लगभग हर कार निर्माता कम्पनी अब अपना ध्यान EV मॉडल बनाने में लगा रही हैं। जिसका आलम है की वाहन निर्माता कंपनियां ग्राहकों के लिए एक से बढ़ के एक नई इलेक्ट्रिक कारों को पेश कर रही हैं। साल 2023 में भी वाहन निर्माता कंपनियां भारत की सड़कों पर दौड़ाने के लिए नई इलेक्ट्रिक कारें पेश करने वाली हैं। इस कड़ी में टॉप नाम है महिंद्रा और टाटा मोटर्स का।

    Tata Tiago EV :

    Tata Tiago EV : टाटा मोटर्स ने अपना तीसरा EV का मॉडल टियागो ईवी को मार्केट में उतार दिया है। भारतीय बाजार में ये गाड़ी सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार में से एक है। इसे 8.49 लाख रुपये की कीमत पर लॉन्च किया है। इस कार को दो बैटरी पैक विकल्प के साथ लॉन्च किया गया है। बता दें 24 किलोवॉट की बैटरी के साथ कार सिंगल चार्ज में 315 किलोमीटर तक की रेंज देने में सक्षम है। इस गाड़ी की डिलीवरी अगलेबाल जनवरी से शुरू होगी।

    Mahindra XUV400 :

    Mahindra XUV400 : बीते महीने महिंद्रा ने भी XUV 400 को लोगों से रूबरू करवाया था। बता दें इस मॉडल को 2023 जनवरी से लॉन्च किया जाएगा। इस EV में महिंद्रा ने 39.4 किलोवॉट की बैटरी दी है। खबरों की माने तो माना जा रहा है कि महिंद्रा की नई ईवी 15-20 लाख की रेंज में आएगी।

    Tata Punch EV :

    Tata Punch EV : हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है की टाटा अपनी एक और नई EV भी मार्केट में उतरेगी। खबर है कि अगले साल 2023 में टाटा मोटर्स की एसयूवी कार पंच का इलेक्ट्रिक वर्जन बाजार में पेश हो सकता है।

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