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  • अब घर बनाना हुआ सस्‍ता! पहले से आधी हो गई सरिया की कीमत, जानिए लेटेस्‍ट रेट..


    डेस्क : यदि आप भी इस साल की दिवाली से अपने सपनों के आशियाने का निर्माण करना चाहते हैं तो ये खबर आपको खुश कर देगी। दरअसल, मकान बनाने के लिए सबसे जरूरी और महंगी चीज सरिया की कीमत गिर गई है। सरिया की कीमत घटने से मकान बनाने के समय होने वाला खर्च भी घट जाएगा। बीते 6 महीनों में ही स्‍टील के दाम (TMT Bars Rate) 40 फीसदी तक घटे हैं।

    बता दें इसी साल के अप्रैल महीने में घरेलू बाजार में सरिया की कीमतों में भारी बढ़त देखी गई थी। जिसके बाद सरिया का भाव 85 हजार रुपये प्रति टन पहुंच गया था। अप्रैल में रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के बाद जून में सरिया की कीमत घटना शुरू हुई। जिसके बाद फिर से 10 जुलाई के बाद सरिया के रेट बढ़े। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अब एक बार फिर कीमतों में गिरावट हुई है और सरिया का भाव अधिकतम 55,200 रुपये प्रति टन तक आ गया है। इस पर खरीदार को 18 फीसदी जीएसटी भी चुकानी होती है।

    TMT Bars रेट :

    TMT Bars रेट : देश में सरिया की कीमत पर नजर रखने वाली वेबसाइट Ayronmart ने जारी किया है कि इस समय देश में सबसे सस्ता सरिया छत्‍तीसगढ़ के रायगढ में मिल रहा है। यहां सरिया 50,000 रुपये प्रति टन बिक रहा। उत्‍तर प्रदेश के कानपुर में सरिया का भाव देश में सबसे ज्‍यादा है और यहां यह 55,200 रुपये प्रति टन बिक रहा है। बता दे गाजियाबाद में सरिया का भाव 52,200 रुपये प्रति टन है। तेलंगाना के हैदराबाद में सरिया 52,00 रुपये प्रति टन मिल रहा है।

    दिल्‍ली में रेट 53,300 रुपये :

    दिल्‍ली में रेट 53,300 रुपये : वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में सरिया की कीमत 53,300 रुपये प्रति टन है। गुजरात के भावनगर में सरिया का भाव 54500 रुपये प्रति टन बिक रहा है। महाराष्‍ट्र के मुंबई में 55,100, नागपुर में 51,900 और जालना में 54000 प्रति टन बिक रहा है। राजस्‍थान के जयपुर में सरिया का भाव 53100 रुपये प्रति टन है तो उड़ीसा के राउरकेला में यह 51100 रुपये प्रति टन के दर से बिक रहा है। तमिलनाडू के चेन्‍नई में सरिया का भाव 54500 रुपये है। मध्‍यप्रदेश के इंदौर में सरिया इस समय 54,200 रुपये प्रति टन मिल रहा है।

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  • भवानीपुर थाना परिसर में आगामी दीपावली व छठ पूजा को लेकर शांति समिति का बैठक समापन हुआ

    भवानीपुर:-बमबम यादव

    भवानीपुर थाना परिसर में आगामी दीपावली एवं काली पूजा व लोकआस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर शांति समिति का बैठक समापन हुआ।प्रखंड के शहरी व ग्रामीणों क्षेत्रों में दीपावली और छठ पूजा को आपसी भाईचारे एवं शांतिपूर्ण तरीके से समापन कराने के उद्देश्य से शुक्रवार को भवानीपुर थाना परिसर में शांति समिति की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक की अध्यक्षता थाना अध्यक्ष सुजीत कुमार ने की। बैठक में बीडीओ आलोक कुमार शर्मा व एएसआई प्रकाश तांती मौजूद थे। बीडीओ आलोक कुमार शर्मा ने सभी जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य लोगों को संबोधित करते हुए

    कहा कि लोकआस्था का महापर्व छठ पूजा एवं दीपावली व काली पूजा त्यौहार को आपसी भाईचारे और सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाएं । वही थाना अध्यक्ष सुजीत कुमार ने बताया कि त्यौहार के दरम्यान कोई प्रकार की अप्रिय घटना न घटे इसके लिए भवानीपुर थाना क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में गश्ती दल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि पूजा में अशांति फैलाने वाले असमाजिक तत्वों व जुआरियों पर विशेष नजर रखी जाएगी । एवं डीजे बजाने पर रोक रहेगी। वही बीडीओ आलोक कुमार शर्मा ने बताया कि बुद्धिजीवियों के द्वारा जानकारी मिली कि कई छठ घाट की साफ सफाई करानी होगी, एवं छठ घाट की बेरिकेडिंग भी किया जाएगा

    इस बैठक में मौजूद जाबे पंचायत के पूर्व मुखिया मोहम्मद शमीम आलम, मोहम्मद सलाम, अमन सिंह, पूर्व जिला परिषद पति मोहम्मद आजाद , समाजसेवी शोभाकांत यादव, जाबे पंचायत के वार्ड सदस्य संघ के अध्यक्ष मोहम्मद खुर्शीद आलम,भवानीपुर पश्चिम पंचायत के पूर्व सरपंच  मंटू यादव,आलोक गुप्ता,नीतीश पासवान,जाबे पंचायत के सरपंच निशामूल,समाजसेवी मकुनी मंडल,समाजसेवी मोहम्मद जावेद,एवं दर्जनों जनप्रतिनिधि व बुद्धिजीवी लोग मौजूद थे।

  • संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव के दौरान मातृ एवं मृत्यु दर के अनुपात को कम करना पहली प्राथमिकता

    पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

    पूर्णिया : स्वास्थ्य विभाग बिहार के सभी अस्पतालों में संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव के दौरान होने वाली मातृ एवं मृत्यु दर के अनुपात को कम करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण रणनीति के तहत कार्य कर रहा है। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में गुणात्मक व उत्तरोत्तर सुधार को बनाये रखने के लिए निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण राज्य स्तरीय टीम द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी का स्वास्थ्य विभाग की ओर से नामित यूनिसेफ़ के राज्य मातृ स्वास्थ्य सलाहकार डॉ पवन सिंह जसोत्रिया द्वारा जांच की गई। इस अवसर पर अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी के एमओआईसी डॉ प्रिंस कुमार सुमन, अस्पताल प्रबंधक अभिषेक आनंद, बीएचएम अविनाश कुमार, बीसीएम राजेश कुमार व यूनिसेफ़ के तनुज कौशिक सहित अस्पताल के अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे

    सभी अस्पतालों में मातृ एवं शिशुओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध: डीपीएम 

    जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गर्भवती महिलाओं को प्रसव के बाद जननी बाल सुरक्षा योजना से जोड़ा जाता हैं। ताकि लाभार्थियों को उसका लाभ मिल सके। इसके साथ ही प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत प्रत्येक महीने के 9 एवं 21 को गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच एक अभियान के तहत कराई जाती है। जिसमें गर्भवती महिलाओं का गर्भधारण से लेकर प्रसव पूर्व तक पूर्ण जांच राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल से लेकर ज़िले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर की जाती है

    एसडीएच बनमनखी सभी तरह के मानकों पर उतरा खरा: डॉ पवन सिंह

    यूनिसेफ़ के राज्य मातृ स्वास्थ्य सलाहकार डॉ पवन सिंह  जसरोतिया ने एसडीएच का निरीक्षण के बाद बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) के तहत जिला अस्पताल के बदले एसडीएच बनमनखी का सुदृढीकरण एवं 24 गुणा 7 की तर्ज पर कार्य करने के लिए मिशन 60 डेज के तहत किया गया है। जिसमें वार्ड एवं बाहर की साफ.सफाई, नाले की उड़ाही, शौचालयों की सफाई, पेयजल की उपलब्धता, भवन की रंगाई व पुताई, अस्पताल में बिजली की आपूर्ति के साथ ही फिडर की उपलब्धता, सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरा, ओपीडी, प्रसव कक्ष, एसएनसीयू, इमरजेंसी रूम, एंबुलेंस व टेलीफोन की उपलब्धता के अलावा प्रसव पूर्व जांच के साथ ही हर तरह की सुख सुविधाओं को सुनिश्चित करना हैं

    गर्भावस्था के दौरान अनिवार्य रूप से प्रसव पूर्व जांच कराना चाहिए: एमओआईसी

    अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रिंस कुमार सुमन ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के संबंध में बताया कि प्रसव पूर्व जांच के बाद गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे नवजात शिशुओं की जानकारी मिल जाती हैं। हालांकि गर्भावस्था के दौरान अनिवार्य रूप से रक्त जांच, ब्लड प्रेशर, रक्त की मात्रा एवं अल्ट्रासाउंड जैसे पांच तरह की जांच कराना आवश्यक होता है। वहीं गर्भावस्था में 7 ग्राम से कम रक्त की कमी, गर्भावस्था में मधुमेह का होना, एड्स संक्रमित, अत्यधिक वजन का होना, पूर्व में सिजेरियन प्रसव का होना, उच्च रक्तचाप की शिकायत होने की शिकायत को उच्च जोख़िम गर्भधारण माना गया है।

  • काली पूजा एवं छठ पूजा को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित

    पूर्णिया/प्रितेश कुमार

    श्रीनगर:- सहायक थाना परिसर श्रीनगर,  में काली पूजा एवं छठ पूजा के त्योहार को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी शमशेर मल्लिक, अंचलाधिकारी विद्यानंद झा एवं थाना अध्यक्ष कुंदन कुमार के अध्यक्षता में शांति समिति बैठक का आयोजन किया गया

    इस मौक़े पर बीडीयो शमसेर मल्लिक ने मौजूद सभी जन प्रतिनिधियों व आम जन से कहा शांति, सद्भावना एवं सौहार्द के लिए मनाए जाने वाला यह पावन पर्व के मौक़े पर सभी समुदाय के लोगों को साथ मिलकर त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मनाएँ 

    बैठक में प्रखंड के पंचायत प्रतिनिधि सुनील कुमार पासवान , पंकज गोस्वामी, नंदजी महतो, संजय शर्मा, रमेश राय, सरवन विश्वास , कासीम, ध्रुव कुमार , आज़ाद आलम, अखिलेश कुमार, असलम खान, संतोष कुमार, ऐनुल आलम, लक्ष्मण महतो आदि शामिल हुए।

  • पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में 28 मामलों की हुई सुनवाई

     

    पूर्णिया/सिटी हलचल न्यूज़

    बरहरा कोठी थाना के मुरबल्ला बस्ती की एक औरत शादी के 40 वर्षों के पश्चात अपने पति के खिलाफ यह शिकायत लेकर पुलिस परिवार परामर्श केंद्र पहुंची कहीं कि उसका पति जबसे सौतन लाया है, तबसे उसके साथ  दुर्व्यवहार कर रहा है। प्रतिवादी पति ने कहा इससे पूछा जाए की वह बेटा लेकर क्यों भागी थी? भागने के बाद लौटकर क्यों नहीं आई? ऐसी अवस्था में मैंने 30 साल पहले दूसरी शादी की। वादिनी ने कहा सौतन के लाने के बाद से मुझ पर अत्याचार करता है

    मुझे घर में रहने नहीं देता है। बातचीत से पता चला कि उसे 4 पोता 5 नाती है फिर भी इस उम्र में तकरार जारी है। समझाने बुझाने पर इस बात पर सहमति बनी की पति अपनी पहली पत्नी को एक घर देगा उसके रहन सहन और भरण पोषण की व्यवस्था करेगा।कस्बा थाना कमल फूल एक पत्नी की शिकायत थी शराब पीकर उसका पति उसके साथ मारपीट करता है। तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं, उसकी पढ़ाई लिखाई नहीं करता है। मां की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है जिस कारण से वहां बच्चों की पढ़ाई नहीं हो रही है। पति द्वारा गलती फिर से नहीं दोहराने का आश्वासन पाकर पत्नी केंद्र से ही विदा हो जाती है

    मधेपुरा जिला के उदाकिशनगंज की पत्नी की शिकायत थी कि उसे प्रताड़ित किया जाता है। समझा-बुझाकर दोनों को मिला दिया गया। आज इस केंद्र में 28 मामलों की सनवाई की गई जिसमें से 10 मामले निष्पादित किए गए 4 परिवार को समझा-बुझाकर मिला दिया गया, वही 6 परिवार अपनी जिद के कारण नहीं मिल सके तो उन्हें थाना अथवा न्यायालय जाने की सलाह दी गई। मामला को निष्पादित करने में केंद्र के संयोजिका सह महिला थाना अध्यक्ष किरण बाला सदस्य दिलीप कुमार दीपक स्वाति वैश्ययंत्री,बबीता चौधरी जीनत रहमान रविंद्र शाह एवं कार्यालय सहायक नारायण गुप्ता ने अहम भूमिका निभाई।

  • डीएम ने मवेशियों में लंपी त्वचा रोग को लेकर की बैठक, दिए कई अहम निर्देश – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। मवेशियों के बीच लंपी त्वचा रोग का मामला संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी शशांक शुभंकर में आज पशुपालन विभाग के पदाधिकारियों के साथ हरदेव भवन सभागार में बैठक की।

    लंपी त्वचा रोग एक विषाणुजनित रोग है, जो गो एवं भैंस जाति के पशुओं में होता है। इस रोग के विषाणु मच्छर, टिक्स, बाइटिंग फ्लाई  इत्यादि द्वारा फैलते हैं।

    इस बीमारी के लक्षण 2 से 3 दिन तक हल्का बुखार होना, छोटे-छोटे गोलाकार गांठ पूरे शरीर की चमड़ी पर  होना, मुंह- श्वासनली एवं गले में घाव, लिंफ नोड का बढ़ा होना,  पैरों में सूजन, दूध उत्पादन में कमी आदि है।

    इस बीमारी का उपचार पशु चिकित्सक की सलाह के अनुरूप ही किया जाना चाहिए। पशु चिकित्सक की सलाह पर 5 से 7 दिन तक चिकित्सा किया जाना चाहिए। त्वचा पर एंटीसेप्टिक दवाओं, जिसमें मक्खी/मच्छर भगाने की क्षमता हो, का उपयोग तथा मल्टीविटामिन औषधि का उपयोग किया जाना चाहिए।

    यह यह संक्रामक रोग है जिसका संक्रमण सिर्फ एक मवेशी से दूसरे मवेशी के बीच ही हो सकता है। इस बीमारी के प्रसार के रोकथाम के लिए उपयुक्त जानकारी एवं सुरक्षा से संबंधित उपायों का अनुपालन ही सबसे सुरक्षित एवं कारगर तरीका है।

    संक्रमित एवं रोगग्रस्त पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना चाहिए। पशु स्थल को नियमित रूप से विसंक्रमित करना चाहिए। प्रभावित पशुओं की देखभाल करने वाले को ग्लव्स एवं मास्क का उपयोग करना चाहिए।

    पशुओं की मृत्यु की स्थिति में पशु शव को गहरे गड्ढे में स्वच्छता उपायों के साथ दफन करना चाहिए। प्रभावित संक्रमण क्षेत्रों में रोग की पुष्टि होने पर 10 किलोमीटर के क्षेत्र में जीवित पशुओं के व्यापार, पशु मेला इत्यादि में भाग लेने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

    प्रभावित क्षेत्रों गौशालाओं एवं आसपास के क्षेत्रों को मच्छर/टिक्स/ फ्लाई इत्यादि से मुक्त करने हेतु कीटनाशक का उपयोग किया जाना चाहिए।

    रोग ग्रसित पशुओं को रखने की जगह एवं उपयोग में लाए गए वाहन को डिसइनफेक्ट करने हेतु फिनोल, सोडियम हाइपोक्लोराइट एवं क्वॉटरनरी अमोनियम कंपाउंड का निर्धारित अनुपात में उपयोग किया जाना चाहिए।

    लंपी त्वचा रोग से ग्रसित पशुओं का उपयोग प्रजनन कार्य के लिए नहीं किया जाना चाहिए। प्रायःलक्षण के अनुसार चिकित्सा से पशु 2 से 3 सप्ताह में ठीक हो जाता है, परंतु दूध उत्पादन में कमी की समस्या कई सप्ताह तक बनी रह सकती है। इस रोग से पशुओं में मृत्यु दर काफी कम है।

    पशुपालन विभाग द्वारा बीमारी के प्रसार के रोकथाम को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया एसओपी जारी किया गया है। इससे संबंधित पोस्टर मुद्रित कराया गया है। इस पोस्टर का प्रदर्शन प्रत्येक पंचायत एवं गांव स्तर पर सुनिश्चित करने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया।

    प्रचार वाहन के माध्यम से ऑडियो संदेश द्वारा भी बचाव के उपाय का व्यापक प्रचार-प्रसार सभी पशुपालकों के बीच सुनिश्चित कराने को कहा गया। अन्य माध्यमों से भी पशुपालकों को जागरूक कराने का निर्देश दिया गया।

    सभी टीवीओ को अपने प्रखंड अंतर्गत इस बीमारी से प्रभावित पशुओं की जानकारी गांव/ पंचायतवार संकलित रखने को कहा गया।

    विभाग द्वारा निर्गत एसओपी का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। 3 दिनों के अंदर सभी टीवीओ को एसओपी का अनुपालन करा कर स्पष्ट प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

    वरीय पदाधिकारियों के क्षेत्र भ्रमण के क्रम में एसओपी के अनुपालन का स्थल जांच भी किया जाएगा। स्थल जांच के क्रम में अगर अनुपालन नहीं पाया जाएगा तो संबंधित टीवीओ के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

  • Indian Railway : रेल यात्रियों को बड़ा झटका- अब देना पड़ रहा तिगुना किराया


    दिवाली और छठ बस आने वाले हैं, ऐसे में ट्रेन से घर जाने वाले यात्रियों को रेलवे द्वारा लिए गए फैसले से दिक्कतें हो रही हैं। असल में तीन में टिकट नहीं मिल रही और वेटिंग की लिस्ट भी बेहद लंबी है। परेशानी की बात है कि जिन ट्रेनों में वेटिंग कम है वहां किराया बहुत अधिक है। राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और तेजस जैसी डायनामिक फेयर सिस्टम वाली गाड़ियों में त्योहार के समय में 2 से 3 गुना ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है।

    यात्री करते हैं तिगुना किराया भुगतान को :

    यात्री करते हैं तिगुना किराया भुगतान को : दिल्ली से पटना जाने वाली पूर्वा एक्सप्रेस में थर्ड एसी का किराया 1,350 रुपये है। लेकिन दिल्ली से पटना जाने वाली राजधानी ट्रेन में थर्ड एसी का किराया 2,370 रुपये और तेजस राज में 3,415 रुपये है। जिसका मतलब ट्रेनों के मुकाबले इन ट्रेनों में किराया ढाई से तीन गुना ज्यादा है। यानी यात्रियों को इसके लिए ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं।

    मालूम हो डायनामिक फेयर सिस्टम केवल राजधानी, शताब्दी और दुरंतो गाड़ियों में लागू है। इन गाड़ियों की गति बाकी गाड़ियों से ज्यादा होती है तभी इनमें डायनामिक फेयर सिस्टम लागू होता है। डायनामिक फेयर सिस्टम होने की वजह से इन गाड़ियों में न सिर्फ किराया ज्यादा होता है, बल्कि त्योहार के चलते इनमें टिकटों की बुकिंग का किराया और बढ़ता ही जाता है।

    क्या डायनामिक फेयर सिस्टम?

    क्या डायनामिक फेयर सिस्टम? अब क्या है ये टिकट सिस्टम? मालूम हो केंद्र सरकार द्वारा साल 2016 के सितंबर महीने में रेलवे डायनामिक फेयर सिस्टम लेकर आई थी। ये सिस्टम शताब्दी, राजधानी और दुरंतो जैसी 150 से ज्यादा प्रीमियम गाड़ियों पर लागू किया जाता है।

    इसके मुताबिक जैसे जैसे टिकटों की बुकिंग होगी वैसे वैसे उनका किराया बढ़ता जायेगा। यदि ट्रेन की 5% टिकट बुक हो गई तो 10% की दर से किराया भी बढ़ जायेगा। अगर 20% टिकट बुक हो गई तो भी किराया 10% और ज्यादा लगेगा। यानी, हर 10% टिकट की बुकिंग के साथ किराया बढ़ता रहता है। और इस बढ़ोतरी का सिलसिला तब तक चलता है जब तक 50% टिकट बुक नहीं होती

    कुछ यूं बढ़ता है किराया
    टिकट बिक्री किराया
    10% से कम 1000 रुपये
    10 से 20% 1100 रुपये
    20 से 30% 1210 रुपये
    30 से 40% 1330 रुपये
    40 से 50% 1460 रुपये
    50% से ज्यादा 1460 रुपये

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  • दिवाळी आधीच नुकसान भरपाई न मिळाल्यास आंदोलनाचा इशारा

    हॅलो कृषी ऑनलाईन : यवतमाळ

    अतिवृष्टीग्रस्त शेतकऱ्यांना राज्य शासनाने दिलेली तुटपुंजी भरपाई खात्यात जमा झालेली नाही. त्यामुळे शेतकऱ्यांची दिवाळी अंधारात जाणार आहे. प्रशासनाने तातडीने पर्यायी व्यवस्था न केल्यास व भरपाई दिवाळी आधी शेतकऱ्यांच्या खात्यात जमा न झाल्यास सरकार विरोधात आंदोलन करण्याचा इशारा शेतकरी संघर्ष समितीने दिला आहे.

    याबाबतचे निवेदन शेतकरी संघर्ष समितीच्या वतीने जिल्हाधिकारी अमोल येडगे यांना देण्यात आले. यंदा पावसाने कधी नव्हे, इतकी शेतकऱ्यांची पाठ धरल्यामुळे शेतपिकांचे प्रचंड नुकसान झाले. शेतकऱ्यांनी विविध स्तरांवर आवाज उठविल्याने नव्या सरकारने कशीबशी नुकसानभरपाई जाहीर करून शेतकऱ्यांच्या तोंडाला पाने पुसली. जिल्ह्याला निधीही आला. राज्य सरकारने अनेक दिवस निधी वाटपाच्या सूचनाच दिल्या नाहीत.

    ऐनदिवाळीच्या तोंडावर निधी वाटपाचे नियोजन राज्य सरकारने तलाठी, कृषी सहायक व ग्रामसेवक यांच्याकडे दिले. मात्र, ग्रामसेवक संघटनेच्या आदेशानुसार ग्रामसेवकांनी निधी वाटप प्रक्रियेवर बहिष्कार टाकला आहे. जिल्ह्यातील जवळपास एक तृतीयांश गावांतील शेकडो कोटी रुपयांचे वाटप रखडले आहे.

    तलाठी व कृषी सहायक यांच्याकडे असलेल्या गावांतील निधीवाटपाची प्रक्रिया पूर्ण होत आलेली असताना ग्रामसेवक वर्गाकडे असणाऱ्या गावांतील शेतकरी मात्र, वाटच पाहत आहेत. त्यामुळे या गावांतील शेतकऱ्यांची दिवाळी अंधारातच जाणार आहे. प्रशासनाने त्वरित मार्ग काढून शेतकऱ्यांच्या खात्यात दिवाळी आधी पैसे जमा करावेत, असे न झाल्यास शेतकरी संघर्ष समिती उपोषणाचा मार्ग अवलंबले, असा इशारा शेतकरी संघर्ष समितीचे नेते तथा मुंबई बाजार समितीचे संचालक प्रवीण देशमुख, बालू पाटील, आनंद जगताप, प्रा. घनश्याम दरणे आदींनी जिल्हाधिकारी यांना निवेदनाद्वारे दिला आहे.

     

  • Soybean Bajar Bhav today -21-10-22 In Maharashtra





    Soybean Bajar Bhav today -21-10-22 In Maharashtra








































    हॅलो कृषी ऑनलाईन : आज सायंकाळी पाच वाजेपर्यंत प्राप्त झालेल्या राज्यातील विविध कृषी उत्पन्न बाजार समितीमधील सोयाबीन बाजारभावानुसार (Soybean Bajar Bhav) आज सोयाबीनला सर्वाधिक 5305 रुपयांचा कमाल भाव मिळाला आहे.

    हा भाव सोलापूर कृषी उत्पन्न बाजार समिती इथे मिळाला असून आज सोलापूर कृषी उत्पन्न बाजार समितीमध्ये 755 क्विंटल सोयाबीनची आवक झाली. याकरिता किमान भाऊ 3200 कमाल भाव 5305 आणि सर्वसाधारण भाग 4900 इतका मिळालाय.

    तर सर्वाधिक आवक ही अमरावती कृषी उत्पन्न बाजार समिती (Soybean Bajar Bhav) येथे झाली असून ही आवक दहा हजार चारशे चार क्विंटल इतकी झाली आहे याकरिता किमान 3750, कमाल भाव 4750 आणि सर्वसाधारण भाव 4250 इतका मिळाला आहे.

    राज्यामध्ये झालेल्या परतीच्या पावसामुळे सोयाबीन पिकाचं मोठ्या प्रमाणात नुकसान झाला आहे अनेक ठिकाणी सोयाबीनचे पीक हे भिजलं असून त्याला कोंब आले आहे त्यामुळे शेतकऱ्यांचं मोठं नुकसान झालं आहे.

    आजचे सोयाबीन बाजारभाव (Soybean Bajar Bhav) 

    बाजार समिती जात/प्रत परिमाण आवक कमीत कमी दर जास्तीत जास्त दर सर्वसाधारण दर
    21/10/2022
    जळगाव क्विंटल 57 4750 5000 4850
    औरंगाबाद क्विंटल 70 3300 4370 3835
    माजलगाव क्विंटल 2558 3800 4929 4600
    कारंजा क्विंटल 8000 3900 5000 4650
    तुळजापूर क्विंटल 375 5000 5000 5000
    मालेगाव (वाशिम) क्विंटल 94 4100 4700 4500
    राहता क्विंटल 23 4200 4476 4351
    सोलापूर लोकल क्विंटल 755 3200 5305 4900
    अमरावती लोकल क्विंटल 10404 3750 4750 4250
    नागपूर लोकल क्विंटल 4076 4300 5111 4908
    अमळनेर लोकल क्विंटल 70 4700 4866 4866
    लासलगाव – निफाड पांढरा क्विंटल 663 3101 5291 4851
    अकोला पिवळा क्विंटल 2351 2710 5010 4195
    यवतमाळ पिवळा क्विंटल 1019 4700 5080 4890
    चिखली पिवळा क्विंटल 723 3700 5250 4500
    चाळीसगाव पिवळा क्विंटल 15 4000 4900 4500
    भोकर पिवळा क्विंटल 1114 3500 5100 4300
    हिंगोली- खानेगाव नाका पिवळा क्विंटल 658 4000 4800 4400
    जिंतूर पिवळा क्विंटल 53 4300 4801 4626
    मलकापूर पिवळा क्विंटल 4060 3650 5200 4250
    गेवराई पिवळा क्विंटल 198 4000 4859 4500
    परतूर पिवळा क्विंटल 243 4126 4700 4670
    गंगाखेड पिवळा क्विंटल 15 5000 5100 5000
    देउळगाव राजा पिवळा क्विंटल 85 3000 4700 4200
    तळोदा पिवळा क्विंटल 34 4926 50551 5000
    केज पिवळा क्विंटल 435 4800 5300 5000
    उमरी पिवळा क्विंटल 550 4000 5100 4550
    मुरुम पिवळा क्विंटल 81 4000 5047 4523
    बाभुळगाव पिवळा क्विंटल 390 4305 5170 4650
    आष्टी- कारंजा पिवळा क्विंटल 195 4200 5000 4650
    सिंदी(सेलू) पिवळा क्विंटल 1394 4450 5100 5000
    20/10/2022
    येवला क्विंटल 2030 3900 5000 4550
    लासलगाव क्विंटल 3537 3000 5351 5160
    लासलगाव – विंचूर क्विंटल 4267 3000 5400 5100
    जळगाव क्विंटल 176 4600 4800 4750
    शहादा क्विंटल 1125 3500 5101 4699
    औरंगाबाद क्विंटल 61 3500 4200 3850
    माजलगाव क्विंटल 2283 3800 4850 4500
    चंद्रपूर क्विंटल 304 3350 5085 4800
    नंदूरबार क्विंटल 883 4275 5160 4700
    कळवण क्विंटल 150 4200 5101 4851
    सिल्लोड क्विंटल 196 4100 4700 4500
    उदगीर क्विंटल 2100 5150 5200 5175
    कारंजा क्विंटल 7500 4050 5200 4550
    श्रीगोंदा क्विंटल 14 5000 5000 5000
    परळी-वैजनाथ क्विंटल 500 4250 5150 4650
    सेलु क्विंटल 221 3700 4750 4200
    तुळजापूर क्विंटल 425 5000 5000 5000
    मोर्शी क्विंटल 960 4200 4700 4450
    मालेगाव (वाशिम) क्विंटल 114 4200 4800 4500
    धुळे हायब्रीड क्विंटल 20 3500 4915 4800
    अमरावती लोकल क्विंटल 8844 3700 4750 4225
    नागपूर लोकल क्विंटल 3770 4250 5021 4828
    अमळनेर लोकल क्विंटल 100 4400 4811 4811
    हिंगोली लोकल क्विंटल 999 4290 5191 4740
    कोपरगाव लोकल क्विंटल 604 3850 5153 4640
    मेहकर लोकल क्विंटल 1720 4000 5200 4750
    परांडा नं. १ क्विंटल 2 5000 5000 5000
    ताडकळस नं. १ क्विंटल 242 4100 4950 4500
    लासलगाव – निफाड पांढरा क्विंटल 526 3701 5300 4800
    लातूर पिवळा क्विंटल 8351 4652 5240 5050
    धर्माबाद पिवळा क्विंटल 1480 3940 5130 4550
    जालना पिवळा क्विंटल 8361 2700 5000 4550
    अकोला पिवळा क्विंटल 2763 3200 4995 4300
    यवतमाळ पिवळा क्विंटल 604 4700 5150 4925
    परभणी पिवळा क्विंटल 380 4300 5000 4600
    चोपडा पिवळा क्विंटल 300 4500 5022 4781
    चिखली पिवळा क्विंटल 832 4175 5025 4600
    बीड पिवळा क्विंटल 173 3401 4971 4249
    पैठण पिवळा क्विंटल 5 4500 4500 4500
    उमरेड पिवळा क्विंटल 3206 3500 5250 5150
    वर्धा पिवळा क्विंटल 485 4375 4800 4620
    भोकर पिवळा क्विंटल 235 3333 4800 4067
    हिंगोली- खानेगाव नाका पिवळा क्विंटल 567 4100 4800 4450
    जिंतूर पिवळा क्विंटल 58 4250 4957 4500
    मुर्तीजापूर पिवळा क्विंटल 5100 4350 5065 4695
    खामगाव पिवळा क्विंटल 8416 4000 5100 4550
    मलकापूर पिवळा क्विंटल 3560 4125 5115 4650
    वणी पिवळा क्विंटल 515 3900 5230 4300
    सावनेर पिवळा क्विंटल 145 3900 4401 4240
    परतूर पिवळा क्विंटल 221 3800 5000 4741
    गंगाखेड पिवळा क्विंटल 21 5000 5200 5100
    वरूड-राजूरा बझार पिवळा क्विंटल 38 3699 4799 4498
    देउळगाव राजा पिवळा क्विंटल 110 3500 4600 4000
    वरोरा पिवळा क्विंटल 1528 3850 4375 4100
    तळोदा पिवळा क्विंटल 23 5150 5245 5231
    नांदगाव पिवळा क्विंटल 127 2700 4892 4651
    आंबेजोबाई पिवळा क्विंटल 100 4350 4950 4820
    केज पिवळा क्विंटल 514 4751 5200 4800
    चाकूर पिवळा क्विंटल 44 4441 5150 4754
    औराद शहाजानी पिवळा क्विंटल 196 4350 5060 4705
    उमरी पिवळा क्विंटल 500 4200 5000 4600
    मुरुम पिवळा क्विंटल 661 4010 5140 4575
    उमरगा पिवळा क्विंटल 155 4321 5030 4900
    बसमत पिवळा क्विंटल 1511 3700 5150 4373
    सेनगाव पिवळा क्विंटल 125 4000 4900 4400
    मंगरुळपीर पिवळा क्विंटल 4091 4100 5300 4750
    मंगळूरपीर – शेलूबाजार पिवळा क्विंटल 1342 4000 5240 4800
    नांदूरा पिवळा क्विंटल 1500 3000 5171 5171
    उमरखेड पिवळा क्विंटल 590 5000 5200 5100
    उमरखेड-डांकी पिवळा क्विंटल 1110 5000 5200 5100
    राजूरा पिवळा क्विंटल 120 3090 4625 3930
    भिवापूर पिवळा क्विंटल 2410 3400 4800 4400
    कळमेश्वर पिवळा क्विंटल 150 4000 4790 4500
    काटोल पिवळा क्विंटल 86 3001 4850 4450
    आष्टी- कारंजा पिवळा क्विंटल 145 4200 5000 4550
    सिंदी(सेलू) पिवळा क्विंटल 1443 4450 5100 5050
    देवणी पिवळा क्विंटल 27 4646 4650 4648
    बोरी पिवळा क्विंटल 39 4100 4200 4150

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  • पटना हाईकोर्ट ने बिहार नगरपालिका एक्ट, 2007 में; मार्च, 2021 में राज्य सरकार को द्वारा किए गए संशोधनों को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया

    21 अक्टूबर 2022 ।  पटना हाईकोर्ट ने बिहार नगरपालिका एक्ट, 2007 में मार्च, 2021 में राज्य सरकार को द्वारा किए गए संशोधनों को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया। इसकी वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोर्ट ने 13अक्टूबर,2022 सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा लिया था।

    चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने डा आशीष कुमार सिन्हा व अन्य की याचिकाओं पर महत्वपूर्ण फैसला देते हुए स्पष्ट किया कि निगम के सी और डी श्रेणी की नियुक्ति का अधिकार पूर्ववत निगम के अधिकार क्षेत्र में होगा।

    कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शक्ति प्राप्त स्टैंडिंग कमिटी एक स्वतन्त्र निर्वाचित संस्था है।उसे राज्य सरकार या कोई अन्य संस्था उनका निरीक्षण नहीं कर सकती हैं।कोर्ट ने ये भी कहा कि 74वें संवैधानिक संशोधन के बाद नगर निकाय सांविधानिक हैसियत रखती हैं।उनकी शक्ति को कम करना या। खत्म करना असंवैधानिक होगा।

    यह मामला नगरपालिका में संवर्ग की स्वायत्तता से जुड़ा हुआ है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को याचिकाकर्ताओं की अधिवक्ता मयूरी ने बताया कि इस संशोधन के तहत नियुक्ति और तबादला को सशक्त स्थाई समिति में निहित अधिकार को ले लिया गया है। यह अधिकार अब राज्य सरकार में निहित हो गया है।

    अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट को बताया था कि अन्य सभी राज्यों में नगर निगम के कर्मियों की नियुक्ति नियमानुसार निगम द्वारा ही की जाती है। उनका कहना था कि नगर निगम एक स्वायत्त निकाय है, इसलिए इसे दैनिक क्रियाकलापों में स्वयं काम करने देना चाहिए।

    कोर्ट को आगे यह भी बताया गया था कि चेप्टर 5 में दिए गए प्रावधान के मुताबिक निगम में ए और बी केटेगरी में नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार को है। जबकि सी और डी केटेगरी में नियुक्ति के मामले में निगम को बहुत थोड़ा सा नियंत्रण दिया गया है।

    31 मार्च को किये गए संशोधन से सी और डी केटेगरी के मामले में भी निगम के ये सीमित अधिकार को भी मनमाने ढंग से ले लिये गए है।

    कोर्ट ने इस संशोधन को रद्द करते हुए सी और डी श्रेणी के कर्माचारियों की नियुक्ति का अधिकार नगर निगमों को पहले की भांति दे दिया हैं।