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  • अब पानी की बोतल बेचने पर भी लगेगा लाइसेंस – देने होगी ये जानकारियां..


    न्यूज डेस्क: देश में इन दिनों प्लास्टिक बैन है। हालांकि लोकल मार्केट में अभी भी लोग प्लास्टिक का उपयोग करते पाए जाते हैं। लेकिन सरकार इसे पूर्णतः बंद करने की दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में पानी की बोतल बनाने वाली कंपनियों को अब लाइसेंस लेना होगा। यह नियम प्लास्टिक की बोतल में पानी बेचने वाली कंपनियों के लिए है। लाइसेंस में उन्हें इस बात को जाहिर करना होगा कि वे प्लास्टिक निस्तारण के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।

    बता दें कि पानी सप्लाई करने वाली कंपनियों को IPR के दायरे में लाया जाएगा। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर नगर निगम आईपीएल लागू करने पर काम करेगा। यह नियम पानी के बोतल बेचने वाली कंपनियों के साथ-साथ सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रोडक्ट पर भी लागू होगा। इसके अलावा नगर निगम ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत एक दिसंबर से 75 जिलों में 75 घंटे अभियान बड़े पैमाने पर चलाने की घोषणा की है।

    कम्पोजिट मशीन होगा अनिवार्य

    कम्पोजिट मशीन होगा अनिवार्य

    इस संबंध में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कचरा प्रबंधन के लिए बड़े सरकारी, निजी और पीएसयू को अपने कचरे के निस्तारण के लिए कम्पोजिट मशीन लगाना अनिवार्य किया जाएगा। सफाई को लेकर नगर निगम ने सर्वे करवाया है। इनमें 30 प्रतिशत कचरा केंद्र व पीएसयू से, 30 प्रतिशत व्यवसायिक स्थलों से, 30 प्रतिशत घरों से तथा 10 प्रतिशत शहर में बागवानी से उत्पन्न हो रहा है। नगर निगम शहर में गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम करेगा। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर काम किया जाएगा। एनजीओ व अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर हर मोहल्ले में चलेंगे।

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  • कपास की फसल में कीट का प्रकोप; किसान संकट में, अन्य फसलों की ओर रुख करने की सोच रहे हैं

    हैलो कृषि ऑनलाइन: महाराष्ट्र में कपास उगाने वाले किसानों की समस्या खत्म नहीं हो रही है। बारिश ने पहले कपास की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया, इसके बाद सीजन की शुरुआत में किसानों को कम कीमत मिली। दूसरी ओर जहां कपास की कीमतों में मामूली सुधार दिख रहा है, वहीं फसलों पर पिंक बॉलवर्म का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। राज्य के खानदेश में करीब दो लाख हेक्टेयर कपास की रकबे को खाली कर दिया गया है। पिंक बॉलवर्म के प्रकोप, कपास की घटती गुणवत्ता और कीमतों में अनिश्चितता के कारण कई किसान इस सप्ताह की शुरुआत में फसल काट रहे हैं।

    इस वर्ष भी मध्यम भूमि के किसानों ने प्रति एकड़ चार से पांच क्विंटल ही उत्पादन किया है। किसानों का कहना है कि एक एकड़ में कपास उगाई जाती थी, लेकिन इस साल भारी बारिश के कारण कपास की गुणवत्ता में गिरावट आई है। उसके बाद किसान ने दूसरी बार खेती की और अब फसलों पर कीड़ों के हमले से फसलों को नुकसान हो रहा है। इससे किसान को भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए अधिकांश किसान अब अपने खेतों की सफाई कर रहे हैं और रबी सीजन के लिए फसल तैयार कर रहे हैं।


    किसान खर्चा भी नहीं निकाल पा रहे हैं

    राज्य के कई जिलों में भारी बारिश के कारण कपास की फसल काफी हद तक नष्ट हो गई। किसानों का कहना है कि खरीद लागत 20 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। एक मजदूर 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पांच से छह किलो कपास चुनता है। लागत बढ़ी है, वहीं दूसरी ओर कपास के दाम स्थिर नहीं हैं। इसलिए किसान दूसरी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं।

    कपास की बढ़ती कीमत से किसानों को फायदा नहीं हो रहा है

    फिलहाल कई मंडियों में कपास के भाव में सुधार देखने को मिल रहा है। लेकिन किसानों का कहना है कि सभी किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि कई किसानों के पास कपास नहीं बचा है. बारिश के कारण गुणवत्ता खराब हो गई है। वहीं कपास पर कीड़ों का प्रकोप बढ़ रहा है। इससे परेशान किसानों को अपनी फसल खुद ही नष्ट करनी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि पिछले आठ से दस दिनों में फसल पर छिड़काव के बावजूद पिंक बॉलवर्म का प्रकोप बढ़ गया है।


    यहां सबसे अधिक कृषि की जाती है

    खानदेश में हर साल 9 से 9.5 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती होती है। इस वर्ष जलगांव जिले में 5 लाख 65 हजार हेक्टेयर, धुले में 2.5 लाख हेक्टेयर और नंदुरबार में 1.5 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई की गई। लगभग 1.52 लाख हेक्टेयर में प्री-सीजन कपास की फसल होती है। यह फसल कम से कम दो लाख हेक्टेयर में आई है। इसके साथ ही शुष्क क्षेत्रों में कपास की फसल पर पिंक बॉलवर्म का प्रकोप देखा जा रहा है। इस साल भी उत्पादन में कमी आने की संभावना है।


  • Toll Tax के नियमों में हो गया बड़ा बदलाव! हाइवे पर गाड़ी चलने वालों की हो गई मौज..


    डेस्क : हाइवे पर चलने वालों के लिए बहुत बड़ी खबर है. अगर आप भी हाइवे पर सफर करते हैं और फिर टोल टैक्स को लेकर परेशान हैं तो अब आपको बिल्कुल भी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने टोल टैक्स को लेकर बहुत बड़ा ऐलान किया है, जिसका करोड़ों वाहन चालकों पर असर भी पड़ेगा. नितिन गडकरी ने यह बताया है कि वर्ष 2024 से पहले देश में कुल 26 ग्रीन एक्सप्रेसवे बन जाएंगे और साथ ही टोल टैक्स के लिए नए नियम जारी किए जाएंगे.

    टोल टैक्स टेक्नोलॉजी में होगा अब बदलाव

    टोल टैक्स टेक्नोलॉजी में होगा अब बदलाव

    आपको बता दें ग्रीन एक्सप्रेस वे बनने के बाद से भारत सड़कों के मामलों में अमेरिका के बराबर हो जाएगा. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह बताया कि टोल टैक्स को वसूलने के लिए नियमों और टेक्नोलॉजी में बड़ा बदलाव होगा.

    टोल की वसूली के लिए अब 2 ऑप्शन्स बना सकती है सरकार

    टोल की वसूली के लिए अब 2 ऑप्शन्स बना सकती है सरकार

    सरकार आने वाले दिनों पर टोल टैक्स की वसूली के लिए 2 ऑप्शन देने पर प्लान बना रही है. इसमें पहला ऑप्शन कारों में ‘जीपीएस’ (GPS) प्रणाली अपनाई जा सकती है. वहीं, दूसरा ऑप्शन्स आधुनिक नंबर प्लेट से संबधित है. फिलहाल अभी इसके लिए प्लानिंग भी चल रही है.

    अभी नहीं है कोई सजा का कोई प्रावधान

    अभी नहीं है कोई सजा का कोई प्रावधान

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  • सरदार पटेल कॉलेज में 23 नवंबर से एनसीसी ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन

    बिहार शरीफ के सरदार पटेल कॉलेज में पिछले 23 नवंबर से एनसीसी ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है यह कार्यक्रम 30 नवंबर तक चलेगा जिसमें कुल 500 तक बच्चों के द्वारा ट्रेनिंग लिया जा रहा है। इस ट्रेनिंग के दौरान एनसीसी कैडेटों को परेड नक्शा प्रशिक्षण फायरिंग सामाजिक सुरक्षा हथियारों की जानकारी समेत कई अहम जानकारियां भी दी जा रही है। सोमवार को इसी ट्रेनिंग के दौरान अचानक 4 बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई।

    जिन बच्चों की तबीयत बिगड़ी जिसमें शिवम संटू कुमार अंशु कुमार और चंदन कुमार शामिल है। बताया जाता है कि यह पिछले 23 नवंबर से लगातार इस ट्रेनिंग कैंप में शामिल होकर फिज़िकल प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस ट्रेनिंग कैंप के अंदर बच्चों को फिजिकल की भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान जब यह बच्चे दौड़ लगा रहे थे। उसी दौरान 3 बच्चों की तबीयत फिजिकल समस्या आने के कारण अचानक बिगड़ गई जबकि चौथा बच्चा बुखार से पीड़ित था। तबीयत बिगड़ने के बाद सभी बच्चों को आनन फानन में बिहार शरीफ सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां चार एनसीसी कैडेट का इलाज चल रहा है और सभी सुरक्षित भी हैं।

  • प्रखंड प्रमुख पति के दबंगई को लेकर प्रखंड कार्यालय पर उप प्रमुख समेत 13 पंसस का धरना – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    इसलामपुर (नालंदा दर्पण)। इसलामपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में प्रखंड प्रमुख मीणा देवी के पति मिथलेश यादव के खिलाफ पंचायत समिति सदस्यों ने धरना दिया।

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    प्रखंड प्रमुख मीणा देवी के पति मिथलेश यादव…

    पंचायत समिति सदस्यों ने कहा कि प्रखंड प्रमुख पति दबंग प्रवृति के है। प्रखंड के कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करते है। जिससे प्रखंड में भ्रष्टाचार चरम सीमा है और इनके द्वारा योजनाओं का चयन एंव क्रियान्वन में भी भारी पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही है।

    पिछले वर्ष भी एक करोड़ से अधिक रुपये का मनमाने ढंग से योजनाओं का चयन और राशि खर्च की गयी। जिसका आज तक उपयोगिता शायद ही दी गयी है। इस वर्ष योजना के चयन में अपनी दबंगता दिखाते हुए विपक्षी पंचायत समितियों के पंचायत के पंचायत योजनाओं से वंचित करने का काम किया जा रहा है।

    किसी पंचायत समिति को योजना भी दी गयी है तो राशि बहुत कम है। जिसकी शिकायत जिला उपविकास आयुक्त और जिला पदाधिकारी और अनुमंडलाधिकारी से पूर्व में किया जा चुका है। फिर भी कुछ नहीं हो सका है।

    21 नवंबर को योजनाओं की जानकारी लेने हेतु वौरीडीह पंचायत समिति सदस्य प्रवीण कुमार प्रखंड के वीपीआरओ के कार्यालय पहुंचे।

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    इस बीच प्रमुख पति अपने सहयोगियों के साथ वीपीआरओ के साथ अभद्र व्यवहार किया  और कहा कि तुम सभी सदस्यों को प्रखंड मे घुसने नहीं देगे। प्रखंड मेरा है। हम जो चाहेंगे। वही होगा।

    प्रमुख पति द्वारा वीपीआरओ और कर्मचारियों को धमकाने और अभद्र व्यवहार की जाने से लोकतंत्र की हत्या व जनता की अधिकार का गला घोटने का काम किया जा रहा है।

    इस प्रमुख पति के हिटलर शाही रवैया के कारण लोकतंत्र बचाने के लिए 26 पंचायत समिति सदस्यों मे 13 पंचायत समिति सदस्य धरना पर बैठे हैं।  जिसमें पंचायत समिति सह उपप्रमुख सुरेंद्र कुमार, पंचायत समित सदस्य ववीता देवी, नीलम देवी, अमरीका देवी, शीला देवी, मुखिया पवन कुशवाहा आदि शामिल हैं।

    इधर, प्रखंड प्रमुख पति मिथलेश यादव ने कहा कि लगाया जा रहा आरोप गलत है।

     

  • झाड़ू लगाकर कलाकारों ने दिया स्वच्छता का संदेश।

    नालन्दा मोहनपुर के रविदास टोला में सृजन के कार्यकर्ता व कलाकारों के द्वारा ग्रामीणों के सहयोग से रविदास टोला के प्रत्येक गली व सड़कों पर झाड़ू लगाकर कचड़ों का सही जगह निष्पादन कर विलिचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया तथा ग्रामवासियो को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया । मौके पर उपस्थित सृजन कला मंच के संयोजक अरविंद कुमार ने कहा कि कला के माध्यम से राजगीर, सिलाव तथा नालन्दा में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगो को जागरूक करने का काम हम सृजन के कलाकारो ने किया परन्तु हम जहाँ रहते है उस मुहल्ले में काफी गंदगी रहती है इस लिए हम लोगो ने निर्णय लिया कि सबसे पहले अपने मुहल्ले के सफाई होनी चाहिए।

    इस साफ सफाई अभियान का नेतृत्व नगर पंचायत सिलाव एवम नगर परिषद राजगीरके ब्रांड एम्बेसडर लोक गायक भैया अजीत ने किया।मुहल्ला वासियों को संबोधित करते हुवे कहा कि एक दिन झाड़ू लगाने से गली मोहल्ले की सफाई या बीमारियों को नही भगाया जा सकता है बल्कि हम मुहल्ला वासियो को आपने अपने घर के साथ गली की सफाई पर भी ध्यान देना होगा तथा कूड़ा कचड़ा को सही जगह निष्पादन करना होगा ।

    जिस तरह सृजन के कलाकारों व कार्यकर्ताओं ने सफाई कर जगह जगह विलिचिंग पाउडर का छिड़काव किया है ठीक उसी प्रकार गन्दे जगहों को सफ़ाई कर विलिचिंग पाउडर का छिड़काव करना होगा तथा जल जमाव को हटाकर डेंगू जैसे बीमारियों से निजात पा सकते है भैया अजीत ने सृजन के कलाकारों, कार्यकर्ताओं,बुद्धिजीवी,समाजसेवी तथा मुहल्ला वासियो को धन्यवाद देते हुवे कहा कि ये स्वच्छता अभियान निरन्तर चलाने की आवश्यकता है मुहल्ला वासियों के जो मांग है बड़ा कूड़ेदान की।

    मैं जरूर नगर पंचायत नालन्दा में जाकर निवेदन करुगा ताकि लोग कूड़ा कचड़ा यत्र तत्र न फेके कूड़ा कचड़ा का सही जगह निष्पादन हो सके ।मौके पर उपस्थित समाजसेवी शैलेन्द्र कुमार, नलिन कुमार, शिक्षक नवीन कुमार ने अपना अपना विचार दिया। इस अभियान मे राधा कुमारी,ज्योति कुमारी, अंजली कुमारी,कृपा कुमारी,सुजाता कुमारी दिनेश कुमार, रौशन कुमार, राहुल कुमार, सोनु कुमार,विजय रविदास,सुकर,रविदास,सरन रविदास,अजय रविदास तथा सभी मुहल्लावासी शामिल थे।

  • Pan Card धारक ध्यान दें! अब लगेगा ₹1000 का जुर्माना – जारी हुआ नया नियम..


    डेस्क : अगर आप भी पैन कार्ड (Pan Card) का इस्तेमाल करते हैं तो आपको लिए ये जानकारी बेहद आवश्यक है. आपने अभी तक अपने PAN CARD के आधार कार्ड (Aadhar Card) से लिंक नहीं कराया है तो जल्दी से लिंक करा लें. नहीं तो आपका PAN CARD निष्क्रिय कर दिया जाएगा और फिर आपको भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता हैं.

    अगर आप अपना PAN CARD 31 मार्च 2023 तक आधार कार्ड से लिंक नहीं कराते हैं, तो आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा आपका PAN CARD निष्क्रिय (Pan Card Inactive) कर दिया जाएगा. इसके साथ ही वह आप पर 1000 रुपए तक का जुर्माना भी लगा सकता है. जिससे आपको इसके लिए भी पैसे भी खर्च करने पड़ सकते हैं.

    आयकर विभाग (Income Tax) ने बताया था कि 31 मार्च 2022 तक PAN CARD धारकों को आधार कार्ड के साथ दस्तावेज को जोड़ने में विफल रहने पर 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. हालांकि ऐसे कार्डधारकों को मार्च 2023 तक PAN CARD का उपयोग करने की अनुमति होगी, लेकिन मार्च 2023 के बाद इसे इनएक्टिव कर दिए जाएंगे. इसलिए आप 1000 रुपए जुर्माना देकर आधार कार्ड को PAN CARD से लिंक भी करा सकते हैं.

    आपको हम बता दें कि PAN CARD को आधार कार्ड से लिंक करने की डेडलाइन को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कई बार बढ़ा भी चुका है. महत्वपूर्ण दस्तावेजों को लिंक करने की वर्तमान अंतिम तिथि 31 मार्च 2022 थी. CBDT ने कहा है कि जिन व्यक्तियों को 1 जुलाई 2017 तक PAN CARD आवंटित किया गया है और आधार संख्या प्राप्त करने के लिए पात्र हैं, उन्हें 31 मार्च 2023 तक या उससे पहले अपने AADHAR CARD को निर्धारित प्राधिकारी को सूचित करना आवश्यक है.

    इनएक्टिव हो जाएगा PAN CARD

    CBDT ने कहा कि PAN CARD को आधार कार्ड से लिंक करने में विफल रहने पर यह इनएक्टिव हो जाएगा और PAN CARD की आवश्यकता वाली सभी प्रक्रियाओं को रोक दिया जाएगा. विभाग ने कहा कि निर्धारित शुल्क के भुगतान के बाद ही निर्धारित प्राधिकारी को आधार की सूचना देने पर PAN CARD को फिर से एक्टिव किया जाएगा

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  • रामविलास का 23 वां स्थापना दिवस लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं ने केक काटकर मनाया।

    बिहारशरीफ के आय में हॉल के सभागार में लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास का 23 वां स्थापना दिवस लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं ने केक काटकर मनाया। इसके पूर्व सभी कार्यकर्ताओं ने दिवंगत नेता रामविलास के तैलिय चित्र पर पुष्प अर्पित कर पार्टी का 23 वां स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत की गई। इस मौके पर पूर्व विधायक नरेश प्रसाद ने कहा कि 33 वर्षों में यह बिहार में साबित हो चुका है बिहार का कल्याण ,कायाकल्प लालू मॉडल और नीतीश मॉडल नहीं कर सकते हैं। अगर बिहार के अंदर बदलाव तस्वीर और सूरत बदलनी है तो बिहार के अंदर दोनों मॉडल को धक्का मार कर एक नया मॉडल चिराग मॉडल को स्थापित करना होगा।

    इसीलिए आज पूरे सुबह में लाखों पार्टी के कार्यकर्ता स्थापना दिवस के मौके पर यह संकल्प ले रहे हैं आने वाले चुनाव 2024 और 2025 में बिहार का तस्वीर और तकदीर बदलने का काम करेंगे। इतना ही नहीं बिहार के अंदर नेतृत्व चिराग पासवान के हाथों में होगा और बिहार के मुख्यमंत्री चिराग पासवान ही होंगे। वहीं लोजपा नेता रजनीश कुमार सिंह और सत्येंद्र मुकुट ने कहा कि आज पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर हमारे पार्टी के स्थापनाकर्ता स्वर्गीय रामविलास पासवान की कमी को महसूस कर रहे हैं।

    आज इस मौके पर हमने पार्टी को और मजबूत करने का संकल्प लिए हैं ताकि बिहार का नेतृत्व हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के हाथों में हो। बिहार के अंदर जुल्मी सरकार को स्थापना दिवस के मौके कार्यकर्ताओं ने उखाड़ फेंकने की भी संकल्प लिया गया। बिहार में लोकतंत्र पूरी तरह से खतरे में है आज इस लोकतंत्र के मंदिर में बालू माफिया शराब माफिया भू माफिया चुनाव जीतकर जा रहे हैं।

  • लग्न के सीजन में 7वें आसमान से गिरा Gold – अब महज ₹39,495 में खरीदे एक तोला सोना..


    न्यूज डेस्क: अभी सीजन शादी विवाह का चल रहा है। लोग अपने अपने हिसाब से सोने चांदी खरीद रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए अच्छी खबर है। बता दें कि मार्केट में सोना चांदी अपने ऑलटाइम से सस्ता चल रहा है। बीते कारोबारी सप्ताह में जहां सोना सस्ता हुआ, वहीं चांदी की कीमत में तेजी देखने को मिली। पिछले कारोबारी सप्ताह में सोना 293 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हुआ, जबकि चांदी 509 रुपये प्रति किलोग्राम महंगी हुई। इस समय सोना अपने अब तक के उच्चतम स्तर से 3540 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 18151 रुपये प्रति किलोग्राम सस्ती हो रही है।

    अब शुक्रवार 25 नवंबर को सोना 52660 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 61829 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। वहीं, पिछले कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन 18 नवंबर 2022 (शुक्रवार) को सोना 52953 रुपये और चांदी 61320 रुपये पर बंद हुई थी।

    जारी होगा आज नया रेट

    दरअसल आज से नए कारोबारी सप्ताह की शुरुआत हो रही है। आज नए कारोबारी सप्ताह का पहला दिन है। इससे पहले बीते कारोबारी सप्ताह में सर्राफा बाजार में सोने के साथ-साथ चांदी की कीमत में भी नरमी देखने को मिली थी। ऐसे में आज सबकी निगाहें इस बात पर होंगी कि नए कारोबारी सप्ताह के पहले दिन भारतीय सर्राफा बाजार में सोना और चांदी की चाल कैसी रहती है।

    14 से 24 कैरेट तक की कीमत

    इस तरह शुक्रवार को 24 कैरेट सोना 53,52660 रुपये, 23 कैरेट सोना 53 रुपये सस्ता होकर 52,449 रुपये, 22 कैरेट सोना 48 रुपये, 48,237 रुपये, 18 कैरेट सोना 40 रूपये सस्ता होकर 39,495 रुपये और 14 कैरेट सोना 31 रुपये सस्ता होकर 30806 रुपये पर रहा।

    अब तक के उच्चतम स्तर की बात करें तो सोना की कीमत अभी 3540 रूपये 10 ग्राम पर चल रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2020 के अगस्त महीने में सोना ऑल टाइम हाई पर चला गया था उस वक्त सोने सोने की कीमत 56200 रूपये प्रति 10 ग्राम रहा। वहीं चांदी की बात करें तो ऑल टाइम हाई सेट से 18151 रुपये प्रति किलोग्राम पर रहा।

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  • कीड़ों के हमले से खतरे में सुपारी की खेती, मुख्यमंत्री ने की 10 करोड़ की सब्सिडी देने की घोषणा

    हैलो कृषि ऑनलाइन: मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक में पान के पेड़ों पर हमला करने वाले कीड़ों को फैलने से रोकने के लिए 10 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया है। वास्तव में, मीलीबग्स, स्केल और स्पाइडर माइट्स जैसे कीट कर्नाटक में सुपारी के पेड़ों पर हमला कर रहे हैं। इससे सुपारी की फसल बर्बाद हो गई है। ऐसे में किसानों को उत्पादन घटने का डर सता रहा है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कीट प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि जारी की है ताकि खेतकरी सुपारी के पेड़ों पर कीटनाशक रसायनों का छिड़काव कर सकते हैं।

    कृषिविदों के अनुसार, सबसे आम कीट जो सुपारी को नुकसान पहुंचाते हैं, वे मीलीबग्स, स्केल्स और स्पाइडर माइट्स हैं। ये तने और पत्तियों से रस चूसकर पौधे को दागदार बना देते हैं। अगर इसकी तुरंत देखभाल न की जाए तो पान के पत्ते पीले पड़ जाते हैं और धीरे-धीरे पेड़ सूख जाता है। विशेष रूप से, जारी की गई राशि का उपयोग चिकमंगलूर, शिवमोग्गा और मलनाड जिलों में कीट संक्रमण के खिलाफ निवारक उपायों को लागू करने के लिए किया जाएगा।
    रविवार को हरिहरपुरा हेलीपैड पर पहुंचने पर बोम्मई ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने कीड़ों का अध्ययन करने के लिए विश्वविद्यालय की एक टीम भेजी है।

    प्रसार को नियंत्रित करने के लिए निवारक उपाय

    उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के विशेषज्ञों की एक टीम पहले ही चिकमंगलूर में एक अध्ययन कर चुकी है क्योंकि बारिश और हवा के कारण कीड़े पेड़ से पेड़ तक फैल रहे थे। ऐसे में फंगस को दूर करने के लिए कीटनाशक का छिड़काव किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वैज्ञानिकों द्वारा की गई सभी सिफारिशों का पालन करेगी. साथ ही कीट प्रकोप से बचाव के उपाय भी किए जा रहे हैं।

    सरकार उचित कार्रवाई करेगी

    इससे पहले 15 नवंबर को बसवराज बोम्मई ने कहा था कि राज्य सरकार व्यावसायिक फसलों में कीटों के हमलों से निपटने के लिए तैयार है और इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। सीएम बोम्मई के मुताबिक, सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नुकसान के लिए किसानों को दी जाने वाली इनपुट सब्सिडी को दोगुना कर दिया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि मलनाड क्षेत्र में सुपारी पर एक विशिष्ट कीट ने हमला किया है और केंद्र सरकार और संबंधित एजेंसियां ​​इस कीट का समाधान खोजने के लिए काम कर रही हैं। भाजपा नेता ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा समस्या की जड़ का पता लगाने के बाद सरकार उचित कार्रवाई करेगी।