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  • पति-पत्नी दोनों को मिलेंगे 51 हजार रुपये, मोदी सरकार ने दिया तोहफा, जानिए क्या है योजना


    न्यूज डेस्क: केंद्र सरकार सभी वर्गों के लिए कई सारे योजनाएं चला रही है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana) सीनियर सिटीजन के लिए चलाई गई है। इस योजना में लाभार्थियों को पेंशंस की शत-प्रतिशत गारंटी दी जाती है। यदि आप इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्सुक हैं तो 31 मार्च 2023 तक आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत पति पत्नी दोनों की उम्र 60 होनी चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं।

    यह एक सोशल सिक्योरिटी योजना है इसके तहत लाभार्थियों को लाभार्थियों को सालाना त्रैमासिक और मासिक पेंशन दिया जाता है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार के द्वारा लाया गया यह योजना एलआईसी द्वारा संचालित किया जाता है। इस योजना का हिस्सा बनने के लिए आवेदन कर्ता की उम्र 60 या उससे अधिक होना चाहिए।

    ऐसे मिलेंगे पैसे

    ऐसे मिलेंगे पैसे

    यदि पति-पत्नी दोनों इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो दोनों को करीब 1000 रुपये का निवेश करना होगा। इस स्कीम पर 7.40 फीसदी का सालाना ब्याज भी मिलता है। इस हिसाब से निवेशक की सालाना पेंशन 51 हजार 45 रुपये होगी। अगर आप यह पेंशन मासिक लेना चाहते हैं तो आपको हर महीने 4100 रुपये की राशि पेंशन के रूप में मिलेगी।

    10 साल बाद मिलेंगे सारे पैसे

    10 साल बाद मिलेंगे सारे पैसे

    इस योजना में आपका निवेश 10 साल के लिए है। आपको 10 साल तक सालाना या मासिक पेंशन दी जाएगी। अगर आप इस स्कीम में 10 साल तक बने रहते हैं तो 10 साल बाद आपका निवेश आपको वापस मिल जाएगा। इस प्लान में आप कभी भी सरेंडर कर सकते हैं।

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  • नालंदा जिला लीग मैच चैंपियनशिप 2022 का एस एस स्कूल को घोषित किया

    डिस्ट्रिक्ट फुटबॉल संघ लीग मैच डॉ आर इसरी अरशद ट्रॉफी फाइनल राजगीर वर्सेस एस एस स्कूल के बीच खेला गया जिसमें एसएस स्कूल ने दो गोल से जीत प्राप्त की नालंदा जिला लीग मैच चैंपियनशिप 2022 का एस एस स्कूल को घोषित किया गया जिसमें बेस्ट डिसिप्लिन टीम शांतिदूत इंटरनेशनल स्कूल बीएनसी फुटबॉल क्लब अटैक फुटबॉल क्लब को सम्मानित किया गया

    इस मौके पर मुख्य अतिथि मनोज कुमार ताती नारायण यादव जमाल मलिक मोहम्मद वसीम अहमद सचिव सरवर अरमान सनातन उपाध्याय राजगीर अनुमंडल फुटबॉल के कोच रजनी मलिक रेफरी छोटेलाल संतोष कुमार नीतीश कुमार नीतीश कुमार मौजूद थे

  • पपीते के बागों पर वायरस का हमला, किसानों को भारी नुकसान

    हैलो कृषि ऑनलाइन: वर्तमान में महाराष्ट्र का अधिकांश किसान पारंपरिक खेती के बजाय बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं। साथ ही कई जिलों में बागों का रकबा भी बढ़ रहा है। लेकिन पिछले सप्ताह से पपीते पर फंगल वायरस का हमला होने से बाग उजड़ने लगे हैं। बीड जिले के अधिकांश गांवों में पपीते के बागों पर इस वायरस का प्रसार तेजी से बढ़ रहा है। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

    सर्दियों में हर कोई ज्यादा से ज्यादा फल खाने पर ध्यान देता है। साथ ही पपीते की मांग भी बढ़ रही है। लेकिन पिछले एक हफ्ते से इस वायरस ने पपीते के बागों को पूरी तरह तबाह कर दिया है. हालांकि एक ओर बागों के क्षेत्रफल में वृद्धि हो रही है, वहीं किसानों का कहना है कि बगीचों को प्रभावित करने वाली बीमारियों से हमारे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

    किसान का लाखों का नुकसान हुआ

    बीड जिले के अरवी गांव के रहने वाले किसान सुरेश काले ने साढ़े तीन एकड़ में तीन लाख रुपए की लागत से पपीता लगाया। लेकिन अब इस बगीचे को कटाई के मौसम में ही काटना पड़ता है। क्‍योंकि पपीता फंगल वायरस से संक्रमित हो गया और जहां उसे बीस लाख रुपए कमाने की उम्‍मीद थी, वहीं अब उसे एक रुपए भी नहीं मिलेंगे।

    वहीं, शिरूर तालुका में इस फफूंद विषाणु का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और किसान रामेश्वर भोंसले के 2 एकड़ के पपीते के बगीचे के फल गिरने लगे हैं. इस विषाणु के कारण पपीते के फल पहले धब्बेदार और फिर सड़ने लगते हैं। इसलिए किसानों को लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए इन बागों को नष्ट करना पड़ रहा है।

    बेमौसम बारिश का नतीजा

    किसानों को पपीते से अच्छे लाभ की उम्मीद थी। लेकिन वापसी की बारिश ने पपीते के बागों को नष्ट कर दिया, अतिरिक्त पानी ने पेड़ों के तनों को सड़ दिया, जिसके परिणामस्वरूप रोगग्रस्त पपीते और फल सड़ गए। इसके परिणामस्वरूप एक फंगस जैसा वायरस पैदा हो गया है, और यही वह वायरस है जो अब पपीते के बागों को तबाह कर रहा है।

    जिन क्षेत्रों में मानसून के दौरान बगीचों को काट दिया गया है वहां वायरस के मामले बढ़ गए हैं। इसके लिए कई किसानों ने उपाय किए लेकिन बात नहीं बनी। इसके अलावा अनार और मौसम्बी जैसे फलों के बागों को भी बारिश की वापसी से तगड़ा झटका लगा है। अब एक बार फिर किसान सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

    बागबानी पर कीड़ों का हमला

    हालांकि पारंपरिक कृषि के बाधित होने से बागों का क्षेत्रफल बढ़ रहा है, लेकिन अगर बागों को लगाने से लेकर कटाई तक ठीक से प्रबंधित नहीं किया गया तो नुकसान होने की संभावना है। इसके अलावा लगातार बदलता माहौल, नई-नई बीमारियां और वायरस किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। लौटती बारिश ने सोयाबीन और कपास की पारंपरिक फसलों को नुकसान पहुंचाया है। भारी बारिश से किसानों को नुकसान हुआ है। अब अचानक आए इस वायरस के कारण बागवान भी आर्थिक संकट में हैं.

  • यूट्यूबर Aadarsh Anand की शूटिंग के दौरान हुई गोलीबारी – दो लोगों की चली गई जान..


    डेस्क : बिहार के भागलपुर जिले में हत्याओं (Bhagalpur Crime News) का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर अपराधियों ने 2 युवकों को गोली मारकर हत्या कर दी. दरअसल, फेमस यूट्यूबर आदर्श आनंद (Famous Youtuber Adarsh Anand) का वीडियो शूटिंग बरारी थाना क्षेत्र के कुप्पाघाट के नीचे मायागंज स्थित हथिया नाला के पास भी चल रही थी.

    इसी दौरान असामाजिक तत्वों के बीच शूटिंग देखने के लिए मारपीट और गोलीबारी भी हो गयी. मारपीट के क्रम में 2 युवकों को गोली लगी. जिसमें एक की मौके पर तो दूसरे की मौत अस्पताल पहुंचने पर (Two Youths Shot Dead In Bhagalpur) ही हो गयी.

    2 युवकों की गोली मारकर हुई हत्या :

    2 युवकों की गोली मारकर हुई हत्या : इस घटना को देख उस गुट के दूसरे युवक ने गोली मारने वाले युवक के सीने में भी गोली उतार दी. घटना में एक युवक की तत्काल घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. जबकि दूसरे युवक को आनन-फानन में मायागंज के अस्पताल भेजा गया. जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे भी मृत घोषित कर दिया. मृत युवकों की पहचान सनी पासवान और रोहित रजक के रूप में हुयी है. सनी पासवान रिफ्यूजी कॉलोनी के पीछे पासवान टोला का निवासी था. वहीं रोहित मायागंज गैस गोदाम के पास ही रहता था.

    शूटिंग देखने के लिए हुई मारपीट: एक जानकारी के मुताबित यह घटना तब घटी जब कुप्पाघाट के नीचे हथिया नाला के नजदीक यूट्यूबर आदर्श आनंद की शूटिंग चल रही थी. शूटिंग को देखने के लिए स्थानीय लोगों की काफी भीड़ भी जुट गयी. जिसमें कुछ असामाजिक तत्व भी शामिल हो गए. इसी दौरान 2 युवकों के गुट के बीच शूटिंग देखने के लिए मारपीट भी हो गयी. देखते-देखते यह मामला गोलीबारी तक पहुंच गया. इसी दौरान एक युवक ने कमर से पिस्टल निकालकर दूसरे गुट के एक युवक को गोली मार दी

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  • ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में लगे पाकिस्तान के नारे? पुलिस ने ले लिया बड़ा एक्शन..


    डेस्क : कांग्रेस (Congress) की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) के दौरान कथित रूप से पाकिस्तान (Pakistan) के समर्थन वाले नारे लगाए जाने के मामले में मध्य प्रदेश पुलिस की ने कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. खरगोन के SP धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि सनावद पुलिस थाने में शनिवार को अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा- 153(B) और 188 के तहत केस दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच जारी है, इसलिए फिलहाल इस मामले में कोई ज्यादा जानकारी साझा नहीं की जा सकती.

    पाकिस्तान के समर्थन में लगे हैं नारे?

    पाकिस्तान के समर्थन में लगे हैं नारे?

    आपको बताते चलें कि 2 दिन पहले सोशल मीडिया पर 21 सेकंड का एक यह वीडियो वायरल हुआ. करीब 21 सेकंड के इस विवादित वीडियो में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ पैदल चलते हुए दिखाई रहे हैं. इस वीडियो के अंत में कथित रूप से ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए जाने की आवाज भी सुनाई देती है.

    25 नवंबर का बताया जा रहा है ये वीडियो

    25 नवंबर का बताया जा रहा है ये वीडियो

    बताया यह जा रहा है कि यह वीडियो 25 नवंबर की सुबह का है, जब कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) खरगोन जिले के सनावद क्षेत्र के भनभरड गांव से गुजर रही थी. अब ये यात्रा मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में प्रवेश कर चुकी है. इस वीडियो के सामने आने के बाद से BJP और कांग्रेस में राजनीति तेज हो चुकी है. कांग्रेस (Congress) का कहना है कि यह एक फर्जी वीडियो है, जिसके जरिए बीजेपी (BJP) राहुल गांधी के नेतृत्व वाली इस पदयात्रा को बदनाम करने की कोशिश भी कर रही है.

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  • बेगुसराय : मुंगेर पुल के सुरक्षा तटबंध पर मंडराया खतरा, गंगा नदी का कटाव लगातार जारी..


    डेस्क : बेगूसराय जिले में गंगा का कटाव लगातार जारी है। धीरे-धीरे यह प्रचंड रूप लेता दिख रहा है। आपको बता दें कि साहेबपुर कमाल प्रखंड के छर्रापट्टी, मल्हीपुर, खरहट, फूलमालिक सहित दर्जनो गांव के समीप गंगा नदी का भीषण कटाव हो रहा है। इस कटाव की समस्या से स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।

    वही, इस भीषण कटाव को चलते बेगूसराय- खगड़िया को मुंगेर से जोड़ने वाली श्री कृष्ण सेतु पर खतरा उत्पन्न होने लगा है। लगातार हो रहे कटाव के कारण नदी और सुरक्षा तटबंध की दूरी मात्र 30 फीट रह गई है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि गंगा नदी में कटाव जिस प्रकार से हो रहा है, समय रहते सरकार के द्वारा कटाव निरोधी कार्य नहीं किया गया तो सुरक्षा तटबंध (गाईड बांध) सहित दर्जनों गांव गंगा में विलीन हो जाएगा।

    वही, इस कटाव को लेकर स्थानीय विधायक ललन यादव ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रेम प्रकाश, सहायक अभियंता मनीष कांत, कनीय अभियंता निरंजन कुमार एवं रेलवे के आई डब्ल्यू की टीम के साथ कटाव स्थल निरीक्षण किया। इसके बाद विधायक ने इस समस्या को लेकर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा को पत्र लिखकर सुरक्षा तटबंध के समीप कटाव निरोधक कार्य शुरू करने का अनुरोध किया है।

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  • 4475 करोड़ की लागत से गंगा जल आपूर्ति योजना का लोकार्पण

    4475 करोड़ की लागत से गंगा जल आपूर्ति योजना का लोकार्पण बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के द्वारा लोकार्पण किया गया। इस दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ग्रामीण विकास मंत्री सरवन कुमार सांसद कौशलेंद्र कुमार के अलावे कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। गंगाजल उद्वह परियोजना के तहत बिहार के नालंदा के अलावा गया, बोधगया और नवादा को गंगाजल की आपूर्ति की जानी है। इन सभी जगहों पर गंगाजल को शुद्ध कर पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाना है। इस योजना को तीन चरणों में पूरा किया जाना है। पहले चरण के तहत इस योजना पर पहले 2836 करोड़ रुपये खर्च किये जाने थे, लेकिन कोरोना की वजह से विलंब होने से लागत बढ़कर ₹ 4475 करोड़ कर दिया गया है। गंगा उद्वह योजना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना है।इस गंगा जल आपूर्ति योजना के लोकार्पण के मौके पर सीएम नीतीश ने कहा कि रोजाना नवादा नालंदा गया जिले के लोगो को रोजाना 135 लीटर गंगाजल मुहैया कराया जाएगा।लगातार जलसंकट को देखते गंगाजल आपूर्ति योजना एक रामबाण साबित होगा क्योंकि गंगा जल से लोगो को जल की आपूर्ति की जाएगी तो जलसंकट दूर होगा और भूगर्भ का जलस्तर भी बरकरार रहेगा। जलवायु परिवर्तन में कारण नवादा नालंदा गया जिले में लगातार जलस्तर में गिरावट आ रही है।सुखाड़ बाढ़ की त्रासदी का दंश भी झेलना पड़ता था। हमने लगातार राजगीर में विकास करने का काम किया है।राजगीर के सारे इतिहास को जिंदा रखने का काम किया शेष राजगीर में बचे हुए जरासन्ध अखाड़े का काम बच गया है जरासन्ध अखाड़े के आस पास के जमीन पर जरासन्ध का स्मारक का निर्माण किया जाएगा।हमने सबका साथ सबका विकास की राह पर चलकर लोगों की सेवा करने का काम किया है। इस दौरान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के कार्यों को सराहा। इस मौके पर डिप्टी सीएम तेजश्वी यादव ने कहा कि गंगाजल को गया राजगीर नवादा में लाना वाकई कल्पना से परे है। दक्षिण बिहार की जो जिले हैं जैसे गया,नालंदा,नवादा इन इलाकों में वाटर लेवल काफी कम है इन इलाकों में गंगाजल पहुंचना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदृष्टि सोच है। इस योजना का पूरा श्रेय बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि इस योजना का समय पर धरातल पर उतारना यह साबित करता है कि नीतीश कुमार बोलने में नहीं बल्कि काम करने में विश्वास रखते हैं।

  • भारत के साहित्य प्रेमी थे मुग़ल बादशाह -औरंगजेब, फिर भी संगीत पर लगाई थी पाबंदी, जानिए कारण


    भारतीय इतिहास में औरंगजेब को काफी क्रूर शासक कहा गया। सत्ता में रहते हुए वो किसी तानाशाह से कम नहीं था। इसके अलावा उसे सत्ता हासिल करने की इतनी इक्षा थी इस नशे में उसने पिता को कैद करवा दिया और भाई का सर धर से अलग करवा दिया। न जाने कितने मासूमों के क़त्ल उसके हाथों से हुआ है। अपनी पूरी जिंदगी उसने ताउम्र लोगों से क्रूरता से बर्ताव किया, पर अपने जीवन के आखिरी दौर में उसे अपने गलतियों का एहसास हुआ। जिसके बाद उसे इस तरह पश्चाताप हुआ कि अपनी वसीयत में कब्र पर छांव न करने की बात तक लिखी।

    जब जहांगीर सत्ता में थे तब 3 नवंबर, 1618 को औरंगजेब का जन्म हुआ था। वो अपने पिता यानि शाहजहाँ का तीसरा बेटा था। उसे बचपन से ही साहित्य से लगाव था, खासकर इस्लामिक धार्मिक साहित्य। बीतते समयके साथ साहित्य के उसकी रूचि बढ़ती गई। साथ ही साथ उसने तुर्की साहित्य भी पढ़ी। साथ ही उसने हस्पलिपि विद्या में भी हाथ आजमाया और अपनी मेहनत के दम पर उसमें महारत तक हासिल की।

    चूँकि उसके शुरू साहित्य से विशेष लगाव था जिसकी वजह से उसे धाराप्रवाह हिन्दी आती थी। पर उसमें खामी भी थी जिस कारन से वो दूसरे मुग़लों से अलग था। कुछ किस्सों के बारे में बताते हुए कई इतिहासकारों ने अपनी किताब में यह बात साफतौर पर लिखी है कि ‘औरंगजेब को किस हद तक संगीत नापसंद था। संगीतकारों और कलाकारों को लेकर औरंगजेब की सोच काफी अलग थी।’ तो आपको बताते हैं की साहित्य के शौकीन औरंगजेब को संगीत से परेशानी क्यों थी?

    ख़राब हो गई थी संगीतकारों की हालत : औरंगजेब के शासन काल में एक ऐसा काल भी मुगल सल्तनत ने देखा कि संगीतकारों के भूखे मरने के लिए आ गए। तमाम वाद्ययंत्रों पर धूल की पर्त चढ़ने लगी। अपने दौर में औरंगजेब ने संगीत पर ऐसी पाबंदी लगाई जो कभी मुगलों के इतिहास में नहीं हुआ। इस बात का जिक्र इतालवी पर्यटक मनूची ने अपने संस्मरण में किया है, ‘वो लिखते हैं-एक ऐसा दौर भी आया जब संगीतकार उनके इस प्रतिबंध से तंग आ गए और विरोध प्रदर्शन निकालने की योजना बनाई।’

    इस कारन से लगाई पाबंदी : संगीत के विरोध के लिए एक दिन तय किया गया। तमाम तैयारियां शुरू की गईं। करीब 1000 संगीतकार दिल्ली के जामा मस्जिद के पास एकत्रित हुए।प्रदर्शनकारियों ने ऐसे रोना शुरू किया मानों जनाजा निकाला जा रहा है। यह वो वक्त था जब औरंगजेब मस्जिद से नमाज पढ़कर निकलते थे। मस्जिद से निकलते वक्त उसे लोगों के रोने की आवाज सुनाई दी तो पूछा ऐसा क्यों कर रहे हो।

    तब जाकर प्रदर्शनकारियों ने उत्तर दिया, आपने हमारे संगीत का कत्ल कर दिया है उसे ही दफनाने जा रहे हैं। यह बात सुनने के बाद औरंगजेब ने कहा, तो फिर कब्र जरा गहरी खोदना। इतिहासकारों ने कहा है कि औरंगजेब बेहद कट्टर शासक था। उसने अपने शासनकाल में कट्टर इस्लाम को लागू किया। औरंगजेब का मानना था कि कलाकार इस्लाम में बताए गए नियमों को नहीं मानते। वो उसका पालन नहीं करते। यही कारण था कि संगीत को लेकर उसका नजरिया हमेशा से नकारात्मक रहा और अपने शासनकाल में उसने इस पर पाबंदी लगा डाली।

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  • Bihar के सभी सरकारी स्कूलों को मिली सोलर पावर, अब रोशनी से चमकेंगे स्कूल..


    न्यूज डेस्क: बिहार के सरकारी स्कूलों में कई तरह के सुविधाओं पर काम किया जा रहा है। हालांकि राज्य के शिक्षा व्यवस्था पर हमेशा से सवाल उठते आ रहे हैं। इसी बीच सरकार की एक योजना के तहत काफी अच्छा काम किया जा रहा है।

    दरअसल, जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत राज्य के 1890 स्कूलों में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए। यह प्लांट स्कूलों की छत पर grid-connected है। विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इसमें कहा गया कि इन सभी स्कूलों में 1230 स्कूल ऐसे भी हैं जिनका सुकृत विद्युत भार 2 किलोवाट पीक रहा है।

    कनेक्शन करेगा ब्रेडा

    कनेक्शन करेगा ब्रेडा

    बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जिन जिलों में शिक्षा भवन का निर्माण हो चुका है, वहां बेसिक स्कूलों और कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों की छतों पर सोलर पावर प्लांट लगाये जायेंगे। ब्रेडा निदेशक ने बताया कि जिन भवनों में स्वीकृत बिजली लोड का कनेक्शन पांच किलोवाट पीक से ऊपर है, वहां थ्री फेज कनेक्शन लेना अनिवार्य है। ब्रेडा संबंध बनाएगी।

    इस बैठक में निर्णय लिया गया कि डायट के प्रशासनिक भवनों में 15 किलोवाट पीक का हाईब्रिड सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा। इसके अलावा अन्य भवनों पर भी ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप पावर प्लांट लगाए जाएंगे। बैठक में ब्रेडा के निदेशक ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से अनुरोध किया कि जिन स्कूलों में दो किलोवाट से कम पीक का बिजली लोड कनेक्शन है। वहां उपभोक्ता संख्या का उल्लेख किया जाना चाहिए। ताकि जिला एजेंसी को बताया जा सके।

    IIT पटना करेगा विज्ञान लैब स्थापित

    IIT पटना करेगा विज्ञान लैब स्थापित

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  • औरतें बिना कपड़ो के अच्छी लगती हैं – विवादित बयान देकर फंसे बाबा रामदेव


    योग शिक्षक और पतंजलि आयुर्वेद के रामदेव की महिलाओं के पहनावे पर अभद्र टिप्पणी कर दी है। जिसके बाद एक नया सियासी बवाल खड़ा हो गया है। महाराष्ट्र के ठाणे में आयोजित एक कार्यक्रम में रामदेव ने कहा कि महिलाएं साड़ी, सलवार कमीज या बिना कुछ पहने भी किसी भी चीज में अच्छी दिख सकती हैं। उनकी टिप्पणियों की निंदा करते हुए, दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा कि रामदेव को “देश से माफी मांगनी चाहिए”।

    एक भाषण में बाबा रामदेव ने बयान दी। हालांकि इस वीडियो में उनके साथ मंच पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस भी थीं. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे भी मौजूद थे।

    मुस्कुराते हुए बाबा रामदेव बोले “देख रहा हूँ सब बहुत खुश लग रहे हैं। तुम्हारी भी किस्मत अच्छी है। आगे वालों को साड़ी पहनने का मौका मिल गया। पीछे वालों को तो मौका ही नहीं मिला। शायद घर से साड़ी बांधकर ले आए लेकिन बदलने की फुर्सत नहीं थी।”

    “आप साड़ी में खूबसूरत लगती हैं। आप भी अमृता जी की तरह सलवार सूट में अच्छी लगती हैं। और अगर मेरी तरह कोई इसे नहीं पहनता है, तो वह भी अच्छा लगता है।”। इस बात पर कैमरामैन मैन ने कैमरे को दर्शकों की ओर घुमाया तो महिलाएं एक-दूसरे को घबराहट में देख रही थीं।

    बाबा रामदेव ने हंसते हुए कहा”आप सामाजिक मानदंडों के लिए कपड़े पहनते है, बच्चों को कुछ भी पहनने की जरूरत नहीं है। हम आठ या 10 साल की उम्र तक नग्न घूमते थे। केवल इन दिनों बच्चे पांच परतों वाले कपड़े पहनते हैं।”

    सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो चुका है। वीडियो शेयर करते हुए मालीवाल ने अपने ट्वीट में कहा “स्वामी रामदेव द्वारा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की पत्नी के सामने महिलाओं पर की गई टिप्पणी अशोभनीय और निंदनीय है। इस बयान से सभी महिलाएं आहत हुई हैं, बाबा रामदेव जी को माफी मांगनी चाहिए।” उन्होंने कहा इस बयान के लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।

    जहां विपक्ष ने इस मामले को गंभीर रूप से पकड़ लिया है। वहीं, भाजपा ने टिप्पणियों का जवाब नहीं दिया है। रामदेव या पतंजलि की ओर से भी कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है।

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