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  • वीटा शिवारा में तेंदुआ? किसान ने तेंदुए को देखने का दावा किया

    नमस्कार कृषि ऑनलाइन : पथरी जिला प्रतिनिधि

    पाथरी तालुका के वीटा (बू) शिवरा में एक किसान ने एक तेंदुए को देखा, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया और स्थानीय नागरिकों और किसानों में दहशत फैल गई.


    पथरी तालुका के दक्षिणी भाग में गोदावरी नदी के किनारे के गाँवों में बड़े पैमाने पर गन्ने का उत्पादन खेतकरी ली जाती है। इस स्थान पर बड़ी मात्रा में वन्य जीव हैं क्योंकि बांध के कारण जल का बहुत अधिक भंडारण है और गन्ना छिपने का आधार है।

    शुक्रवार की सुबह करीब नौ बजे सोनपेठ तालुका के वनिसंगम निवासी किसान उमेश पैघन वीटा शिवरा स्थित खेत में गन्ने में पानी डालने गया था. इसी दौरान उन्हें खेत की बाड़ पर सोता एक तेंदुआ दिखाई दिया, वहीं उमेश पैघन ने देखा कि तेंदुआ उठकर गन्ने के खेत में चला गया है.


    उन्होंने गांव के नागरिकों व किसानों को बताया कि उक्त किसान काफी परेशान है. सोशल मीडिया के माध्यम से यह खबर क्षेत्र के सभी गांवों में पहुंच गई है और स्थानीय नागरिकों में भय का माहौल फैल गया है, खेतिहर मजदूर और खेतों में जाने वाले किसान दहशत में हैं और इस संबंध में सच्चाई का पता लगाने के बाद वहां स्थानीय ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग तत्काल तेंदुए की सुध ले।


  • प्रथम संस्था द्वारा नगरनौसा बीआरसी भवन में आँचल योजना तहत कार्यशाला का आयोजन – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा बीआरसी भवन में शुक्रवार के दिन प्रथम संस्था द्वारा महादलित, दलित, अतिपिछड़ा वर्ग के आँचल योजना तहत कोई बच्चा पीछे नहीं, माता-पिता छूटे नहीं कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

    कार्यक्रम का उद्घाटन केआरपी प्रेम प्रकाश व प्रथम संस्थान के डिविजनल ऑर्डिनेटर मनोज कुमार चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया।

    Organization of workshop under Aanchal Yojana at Nagarnausa BRC building by the first organization 1मौके पर केआरपी प्रेम प्रकाश ने कहा कि प्रखंड के सभी  शिक्षा सेवक वेहतर कार्य कर रहे हैं। समय पर बच्चों को शिक्षण एवं  महिलाओं को साक्षरता प्रदान करने कार्य मे लग्न पूर्वक लगे हुए हैं। नगरनौसा प्रखंड अंतर्गत कुल 44 शिक्षा सेवक कार्यरत है। शिक्षा सेवक शांतिपूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त किया।

    प्रथम संस्थान के डिविजनल ऑर्डिनेटर मनोज कुमार चौधरी ने कोई बच्चा पीछे नहीं माता-पिता छूटे नहीं के तहत बच्चों एवं माताओं को कक्षा संचालन पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया।

    प्रथम के डिवीजनल कॉर्डिनेटर द्वारा शिक्षा सेवकों के कार्य जैसे कोचिंग संचालन करना,बच्चों को विद्यालय पहुँचाकर उनकी देखरेख एवं असाक्षर महिलाओं के केंद्र संचालन की बिषय बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा कर जानकारी दिया।

    कार्यक्रम में लेखपाल आशीष कुमार, गौरब कुमार, सुनील कुमार, शिक्षा सेवक मिथलेश कुमार, अरविंद कुमार, लक्ष्मण कुमार, नीतीश कुमार, शोभा कुमारी, प्रमोद प्रसाद, रंजीत कुमार आदि उपस्थित थे।

     

  • Bihar में स्टेशन तक सुरंग बना रेल इंजन किया गायब – बरौनी से मुजफ्फरपुर तक ऐसा पहुंचाया..


    न्यूज डेस्क : बिहार से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। आपने राज्य के कई हिस्सों में चोरी के कई बड़े वारदात के बारे में सुना होगा। लेकिन चोरों की इस कारनामे को सुन आप चौंक जाएंगे। चोरों के एक ग्रुप ने रेल इंजन चुराने के लिए बरौनी से मुजफ्फरपुर तक एक लंबी सुरंग खोद दी। पुलिस ने बताया कि चोरों ने सुरंग के जरिए बरौनी स्तिथ गरहारा यार्ड में रिपेयरिंग के लिए लाए गए ट्रेन के डीजल इंजन को ही चोरों ने उड़ा लिया।

    स्टेशन तक बनाया सुरंग

    स्टेशन तक बनाया सुरंग

    इस संबंध में जानकारी तब मिली जब पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया। इनसे मिली जानकारी के बाद पूछताछ में पुलिस ने मुजफ्फरपुर की प्रभात कॉलोनी स्थित कबाड़ के गोदाम से 13 बोरी इंजन के पुर्जे बरामद किए. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘इससे ​​भी ज्यादा आश्चर्य की बात यह थी कि हमें यार्ड के पास एक सुरंग मिली, जिसके माध्यम से चोर आते थे और इंजन के पुर्जों को चुराकर गनी बैग में भरकर ले जाते थे। इसके बारे में पता ही नहीं चला।

    रेल इंजन की पूर्णिया में हुई थी चोरी

    रेल इंजन की पूर्णिया में हुई थी चोरी

    मालूम हो कि इससे पहले पूर्णिया में ठगों ने एक पूरा विंटेज स्टीम इंजन बेचा था. देखिए किस हद तक इंजन को लोकल रेलवे स्टेशन पर पब्लिक डिस्प्ले के लिए रखा गया था. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इसमें एक रेलवे इंजीनियर भी शामिल है। ऐसी ही एक और घटना हाल ही में सामने आई जब एक अन्य गिरोह ने बिहार के अररिया जिले में सीताधार नदी पर बने लोहे के पुल का ताला तोड़ दिया. इसके बाद मजबूरन पुलिस को एफआइआर दर्ज करनी पड़ी और उसकी सुरक्षा के लिए एक कांस्टेबल तैनात करना पड़ा।

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  • शिक्षा विभाग के अफसरों की मिलीभगत से फर्जी सर्टिफिकेट धारी को शिक्षक बना देता है यह मास्टर माइंड – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    बेन  (रामावतार कुमार)। नालंदा  जिले के बेन प्रखंड में दर्जनों ऐसे व्यक्ति हैं जो फर्जी सर्टिफिकेट पर सरकारी शिक्षक बने हैं। जिसमे कई पकड़े गए हैं और उनपर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी भी दर्ज हुई है। फर्जी सर्टिफिकेट धारियों को नौकरी दिलाने के पीछे जिस मास्टर माइंड का हाथ रहा वो कोई और नहीं एक शिक्षक हीं है।

    ★ क्या है मामला:

    फर्जी शिक्षक बहाली मामले में मनीष कुमार, उ० मध्य विद्यालय रामगंज, निरंजन कुमार, मध्य विद्यालय एकसारा, रीना कुमारी, प्रा० विद्यालय रसुल्ला, सत्या कुमारी, प्राथमिक विद्यालय लालगंज की गिरफ्तारी के बाद अन्य फर्जी शिक्षकों में खलबली मच गई थी।

    बीआरसी से लेकर प्रखंड क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया। चर्चा यह भी होने लगा कि फर्जी बहाली में बीआरसी का एक शिक्षक हीं मुख्य सरगना है। जो दर्जनों फर्जी सर्टिफिकेट धारी को शिक्षक बना दिया और अकूत संपत्ति बना ली।

    इतना हीं नहीं प्रखंड क्षेत्र में शिक्षक बहाली मामले में भारी गड़बड़ी की शिकायत है। सूत्रों की मानें तो अभी भी मनीष कुमार जैसे दर्जनों से अधिक फर्जी शिक्षक ड्यूटी कर रहे हैं और वेतन उठा रहे हैं।

    ★ क्या है पूरा मामला:

    cruption 1पंचायती राज व्यवस्था में सरकार ने नियोजित शिक्षकों की बहाली करने का जिम्मा पंचायत सचिव, बीडीओ, बीईओ, प्रमुख एवं मुखिया को दिया गया था। लेकिन प्रखंड के पदाधिकारियों, नियोजन इकाईयों एवं सरगना शिक्षक के इशारे पर शिक्षा विभाग की आंखों में धूल झोंक अयोग्य अभ्यर्थियों को सरकारी शिक्षक बना दिया और मोटी रकम लेकर फर्जी सर्टिफिकेट धारी को गुरुजी बना दिया।

    बीडीओ, बीईओ, प्रमुख, पंचायत सचिव एवं अन्य समिति में शामिल लोगों ने मनीष कुमार समेत दर्जनों की बहाली कर दी। जब वर्ष 2019 में फर्जी सर्टिफिकेट धारियों की रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रमण्डलीय आयुक्त पटना को दी गई तो जांच में पाया गया कि मनीष कुमार एवं अन्य का प्रमाणपत्र किसी दूसरे व्यक्ति का है।

    तत्पश्चात पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने मनीष कुमार, सत्या कुमारी, निरंजन कुमार एवं रीना कुमारी के विरुद्ध बेन थानें में कई सुसंगत धाराओं 420, 467, 468, 471, 477A, 193, 120 बी के तहत 134/19 प्राथमिकी दर्ज कराई गई। गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया।लेकिन आज के दिनों में पुनः फर्जी प्रमाण पत्र धारी मनीष कुमार सरकारी शिक्षक बन बैठा है।

    ★ इन शिक्षकों पर हुआ मामला दर्ज:

    1.मनीष कुमार, प्रखंड शिक्षक उ० म० विद्यालय, रामगंज, बेन थाना।

    2.निरंजन कुमार, प्रखंड शिक्षक मध्य विद्यालय एकसारा, बेन थाना।

    3.सत्या कुमारी, पंचायत शिक्षिका प्राथमिक विद्यालय लालगंज, बेन थाना।

    4.रीना कुमारी, पंचायत शिक्षक प्राथमिक विद्यालय, रसुल्ला, बेन थाना।

    इस संबंध में जब बीडीओ अजमल परवेज से बात की गई तो कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के ज्ञापांक 1457 दिनांक 5/8/2022 के आदेशानुसार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को अग्रतर कार्रवाई के लिए भेजा गया।

    वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किरण ने बताया कि न्यायालय के आदेशानुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी के ज्ञापांक 1457 दिनांक 5/8/22 के आलोक में ज्ञापांक 359 दिनांक 8/8/22 निर्गत कर प्रधानाध्यापक को योगदान लेने का निर्देश दिया गया है।

     

     

  • बेन अंचल में सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ करते दलाल, देखिए वीडियो – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    बेन (रामावतार कुमार)। बेन अंचल कार्यालय में अंचलाधिकारी के संरक्षण में अनाधिकृत व्यक्ति (दलाल) कर्मचारी के दायित्वों का निर्वहन करते नजर आते हैं। मजबूरी में लोगों को अपने कार्य के लिए इन दलालों का हीं सहारा लेते हैं।

    सबसे बड़ी  बात यह है कि हरेक कर्मचारी एक-एक दलाल रखते हैं। यह सब कार्य अंचलाधिकारी के अधिनस्थ कर्मचारी के रूप में होता है। जाहिर है कि इन्हें वेतन तो सरकार देती नहीं, भ्रष्टाचार कर ये लोग मोटी रकम वसूलते और आम आदमी का काम बिना पैसे का नहीं होता।

    हद तो यह है कि राजस्व कर्मचारी भी सरकारी दस्तावेजों को दलालों को सौंप देते हैं। जिसके कारण अनाधिकृत व्यक्ति, गैर जिम्मेदार लोग सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करते हैं।

    दलालों को सरकारी दस्तावेज से छेड़छाड़ करने का हक देना कैसे न्याय संगत है। इन सारे सवाल पर अंचलाधिकारी कुछ नहीं बता पाते तो दूसरी ओर जिले एवं अनुमंडल के पदाधिकारियों द्वारा संज्ञान नहीं लिया जाता।

    बहरहाल आप भी देख सकते हैं कि संध्या काल में नाजीर संतोष कुमार के कक्ष में एवं अंचल कार्यालय में किस प्रकार दलाल पप्पू कुमार नामक व्यक्ति रजिस्टर टू एवं अन्य दस्तावेजों को उलटफेर करते हैं।

    इस बाबत एकसारा पंचायत के खेदुविगहा निवासी सतेन्द्र सिंह, खैरा पंचायत के विवेक कुमार व अन्य ने कहा कि अंचल में ज्यादातर कार्य दलालों के माध्यम से हीं होता है।

    उन्होंने अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा सरकारी कार्य किए जानें पर भी आपत्ति जताई और कहा कि अवैध तरीके से इन लोगों द्वारा कार्य किया जाना रजिस्टर से छेड़छाड़ किया जाना कतई उचित नहीं है।

    देखिए वीडियो…

     

  • अब बिहार में दौड़ेगी हाई स्पीड Vande Bharat Train – ये रही रूट और किराएं की जानकारी..


    डेस्क : रेल यात्रियों के लिए एक बेहद अच्छी खबर है. भारतीय रेलवे 2 वंदेभारत एक्‍सप्रेस को अलग-अलग राज्यों में पटरी पर दौड़ाने की तैयारी में जुट गया है. हम आपको बता दें कि इन दोनों राज्‍यों में अभी तक वंदेभारत एक्‍सप्रेस नहीं है, इसलिए यहां इसे चलाने की पूरी योजना है. यह दोनों ही राज्य बेहद व्यस्त रूट्स में आते हैं. हम आपको बता दें कि इस समय मौजूदा समय देश में कुल 5 वंदेभारत एक्‍सप्रेस का सफल संचालन हो रहा है.

    किस रूट पर दौड़ेगी यह नई वंदे भारत?

    किस रूट पर दौड़ेगी यह नई वंदे भारत?

    रेलवे मंत्रालय की तरफ से दी गई एक जानकारी के अनुसार दिसंबर माह तक अगली वंदे भारत एक्‍सप्रेस यहां ट्रैक पर आ सकती है. हालांकि नई वंदे भारत एक्‍सप्रेस के रूट को लेकर अभी तक रेलवे मंत्रालय की तरफ से कोई ऐलान नहीं किया गया है. रेलवे मंत्रालय ने बताया कि नई वंदेभारत एक्‍सप्रेस का निर्माण ICF चेन्‍नई में तेजी से किया जा रहा है, जिसमें 2 वंदे भारत जल्‍द तैयार होकर पटरी पर आ जाएंगी. यह बताया जा रहा है कि इनमें से एक वंदे भारत देश के तेलंगाना और दूसरी बिहार राज्य में चलाई जा सकती है.

    इन रूटों पर चल रहा है अभी मंथन

    इन रूटों पर चल रहा है अभी मंथन

    हम आपको बता दें कि अभी तक इन दोनों राज्‍यों में वंदेभारत एक्‍सप्रेस का संचालन अभी नहीं हुआ हैं, ऐसे में रेल मंत्रालय का मन्जिना है कि जिस रूट पर यात्रियों की संख्‍या अधिक होगी, वहां इसे पहले चलाया जाएगा. आपको बता दें कि देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन यानी वंदे भारत एक्सप्रेस वर्तमान में कुल 5 रूटों पर चल रही है. पहली वंदेभारत नई दिल्ली से वाराणसी के बीच, दूसरी नई दिल्ली से श्री वैष्णो देवी माता कटरा, तीसरी गांधीनगर से मुंबई, चौथी नई दिल्ली से अंब अंदौरा स्टेशन हिमाचल और 5 वीं चेन्‍नई-मैसूरू के बीच चल रही है, जो कि दक्षिण भारत की पहली वंदेभारत एक्सप्रेस है.

    जाने क्या है इस ट्रेन की खासियत?

    जाने क्या है इस ट्रेन की खासियत?

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  • मचान की खेती के हैं कई फायदे, ऐसे उगाएं सब्जियां

    हैलो कृषि ऑनलाइन: भारत की कृषि इन प्रथाओं का हजारों वर्षों का इतिहास है, जिसका सबसे पहला प्रमाण सिंधु सभ्यता के स्थलों जैसे हरियाणा में भिरदाना और राखीगढ़ी, गुजरात में धोलावीरा में मिलता है। विविधता भारतीय जीवन शैली के विभिन्न क्षेत्रों में प्रसिद्ध रूप से मनाई जाती है और कृषि कोई अपवाद नहीं है।

    भारत में मांडव या मचानों पर बहुत सी सब्जियां उगाई जाती हैं, जिन्हें भारतीय किसान स्थानीय भाषा में ‘मांडव’ कहते हैं। भारत में मचान, मांडव या जाली पर उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों में परवल, करली, दूधी, डोडका, खीरा और टमाटर आदि शामिल हैं। ‘ट्रेलिस’ के स्थानीय नाम भारत में सब्जियों की संख्या के रूप में विविध हैं।

    हमें धान की खेती क्यों करनी चाहिए?

    हमारे पास बड़ी मात्रा में वील सब्जियां हैं। यदि इन लताओं से अधिक उत्पादन की इच्छा होती है तो इन लताओं को सहारा देना पड़ता है। इन लताओं को सहारा देने के लिए ज्यादातर रस्सियों का इस्तेमाल किया जाता है। ताकि वे जमीन को स्पर्श न करें। इस पद्धति का फसलों पर उनके प्राकृतिक रूप में उच्च उपज और न्यूनतम अपव्यय के साथ महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

    स्टेकिंग के फायदे

    -फसलों को अधिक और बेहतर धूप मिल सके।

    – अधिक परागण होता है।

    -फंगल रोगों के संपर्क को कम करता है, कीड़ों और कीटों को रोकता है और वायु परिसंचरण पौधों को बढ़ाता है।

    – कम जगह में भी फसलों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

    – फल की गुणवत्ता में प्रभावी ढंग से सुधार करता है।

    स्टेकिंग के प्रकार

    आमतौर पर दो प्रमुख प्रकार की ट्रेलिस फार्मिंग संरचनाओं का उपयोग किया जाता है:

    1) निश्चित प्रकार – जैसा कि नाम से पता चलता है कि ये संरचनाएं स्थायी होती हैं और इन्हें गड्ढों को खोदकर और लकड़ी के खंभे लगाकर बनाया जाता है, ऐसी संरचनाओं को उत्पादन के लिए लगभग 3-4 वर्षों तक रखा जा सकता है।

    2) पोर्टेबल और अस्थायी -इनका निर्माण पोल से ही किया जाता है, लेकिन पोल को जमीन में नहीं गाड़ा जाता है। वे आसानी से हटाने योग्य, पोर्टेबल और कभी-कभी पुन: प्रयोज्य होते हैं।

     

     

  • दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में बिहार के अनिल अग्रवाल हुए शामिल..


    डेस्क : बिहार की राजधानी पटना के सरकारी स्कूल में पढ़े बिहार के लाल अनिल अग्रवाल देश के 100 सबसे अधिक धनी लोगों की सूची में शामिल हो गए हैं. विश्‍व प्रसिद्ध पत्रिका FORBES ने इनकी संपत्ति 2.5 बिलियन तक बताई है.FORBES के मुताबिक अनिल अग्रवाल भारत के सबसे धनी लोगों में 97वें नंबर पर जबकि विश्व में 728वें नंबर पर हैं. ऐसे में इन दिनों एक बार फिर से बिहार के लालअनिल अग्रवाल की चर्चा तेज हो गयी गई है. अनिल अग्रवाल के बारे में कहा जाता है कि वह अपने हर बड़े काम से पहले दही और शक्कर जरूर खाते हैं.

    बिहार की इस प्राचीन परंपरा को अनिल अग्रवाल काफी पहले से मानते रहे हैं. इन दिनों भारत का यह अरबपति उद्योगपति काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. खास बात ये है कि यह उद्योगपति औद्योगिक तौर पर बेहद पिछड़े माने जाने वाले देश के एक अहम राज्य बिहार से आते हैं. इस बड़े उद्योगपति की पढ़ाई बिहार की राजधानी पटना के एक सरकारी स्‍कूल मिलर हाई स्‍कूल से ही हुई है. अब इनका कारोबार भारत के साथ ही विश्व के तमाम दूसरे देशों में भी है.

    दही शक्कर खा कर ही देते है भाषण

    दही शक्कर खा कर ही देते है भाषण

    वेदांता रिसोर्सेस लिमिटेड के चेयरमैन और बिहार के लाल अनिल अग्रवाल अपने हर खास काम से पहले दही और शक्कर खाते रहे हैं. आज भी बिहार और यूपी के तमाम घरों में दही शक्कर खाकर किसी भी शुभ काम की शुरुआत करना बेहद शुभ माना जाता है. अपने Facebook और Twitter पर सक्रिय रहने वाले अनिल अग्रवाल ने हाल ही में एक तस्‍वीर साझा करते हुए बताया था कि किसी भी बड़े भाषण से पहले वह दही और शक्कर जरूर खाते हैं. यह उनका लकी और बेहद पुराना तरीका रहा है. उन्‍होंने यह कहा था कि मेरी मां ने बचपन में मुझे यह चीज सिखलाई थी. उन्‍होंने लिखा- मेरे लिए यह केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि मेरी मां का आशीर्वाद भी है.

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  • आदर्श ग्रामीण सांस्कृतिक विकास केंद्र तीनी लोदीपुर ने मनाया 37वां वर्षगांठ – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नगरनौसा प्रखंड के तीनि लोदीपुर गांव में गुरुवार के संध्या आदर्श ग्रामीण सांस्कृतिक विकास केंद्र तीनी लोदीपुर 37 वां वर्षगांठ मनाया गया।

    कार्यक्रम का शुभारंभ क्लब के अध्यक्ष अभय नंदन पांडेय सचिव मनिंदर कुमार कोषाध्यक्ष अविनाश कुमार क्लब सलाहकार समिति सदस्य धर्मेंद्र कुमार महेंद्र कुमार मनीष कुमार सिंह अभिषेक कुमार दीपक प्रज्वलित एवं स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण किया।

    मौके पर क्लब के अध्यक्ष अभय नंदन पांडे ने बताया कि क्लब का निर्माण 37 वर्ष पूर्व गांव एवं क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए किया गया था आज गांव के हर एक सामाजिक कार्य में लगा रहता है।

    इस मौके पर अरुण कुमार राजेश कुमार सिद्धार्थ कुमार सुजीत कुमार रोशन कुमार एवं दर्जनों ग्रामीण उपस्थित रहे। उसके बाद क्लब सचिव महेंद्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन का कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा किया गया।

  • सरकारी विकास का दावा खोखला, दुर्घटना का पर्याय बनी गढ्ढों में तब्दील रामघाट-रामपुर मार्ग – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। किसी भी क्षेत्र के विकास का आईना सड़क होती है। सड़क अच्छी हो तो घंटों की दूरी मिनटों में तय की जा सकती है सड़क गड्ढों से भरा हो तो मिनटों का सफर घंटे लगते हैं।

    एक ओर सरकार गड्ढामुक्त सड़क होने का निरंतर दावा करती हैं लेकिन सरकार द्वारा किये जा रहे दावों के विपरीत धरातल पर यह असली नजारा रामघाट-रामपुर पथ का हैं। यह सड़क गड्ढे में तब्दील हो गया है। सड़क पर बने गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार आलाअधिकारियों व विभाग की नजरों से ओझल होने से यह सड़क अपनी बदहाल स्थित पर आंसू बहाते हुऐ मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण की बाट जोह रहा है।

    रंजीत कुमार, मनीष कुमार, रामाशीष प्रसाद, रविशंकर कुमार, जितेंद्र चौधरी आदि ग्रामीणों ने बताया कि रामघाट-रामपुर मार्ग बेहद ही जर्जर हो गया है, जिसके चलते ग्रामीण दहशत के साए में यात्रा करने को मजबूर हैं। बार-बार जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायती पत्र सौंपने के बाद कार्रवाई नहीं हुई। सड़क में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे  होने के कारण हादसे का खतरा बना रहता है।

    Claim of government development hollow Ramghat Rampur road turned into potholes synonymous with accident 1

    रामघाट-रामपुर पथ से लगे आधा दर्जन से ज्यादा गांव के लोगों के लिए इस पर सफर करना चुनौती बन गया है। देखरेख के अभाव एवं गुणवत्ता में कमी के चलते ये सड़कें समय से पहले ही जर्जर हो गया है और अब ये जनता के लिए परेशानी का सबब बनकर आए दिन दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा हैं। मजबूरी में जनता इस बदहाल सड़कों पर जान जोखिम में डाल कर यात्रा करने को मजबूर है।

    खास बात तो यह है कि इन सड़कों पर विकास का वादा करने वाले जनप्रतिनिधि भी यात्रा करते हैं। पर वे भी पद में आने के बाद अपने वादे भूल जाते हैं। इस मार्ग पर दो पहिया, चार पहिया वाहन चलते हैं। जहां यात्री व चालक यात्रा के पहले भगवान को याद करते हैं।

    वहीं अधिकारी भी सड़क की हालत से भलीभांति परिचित हैं, फिर भी निर्माण कार्य की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सड़क की उपेक्षा से यह साबित हो जाता है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी ऐसे मामलों में कितने संवेदनशील हैं।

    Claim of government development hollow Ramghat Rampur road turned into potholes synonymous with accidentये गांव हो रहे प्रभावितः रामघाट-रामपुर से बने सड़क में गढ्ढा होने से इस मार्ग से लगे लोदीपुर, जागो बिगहा, कुकहरिया, बमपुर, रामपुर, अजयपुर, लक्ष्मी बिगहा आदि गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इस मार्ग पर पिछले वर्षों से गड्ढों की भरमार ने लोगों का काफी परेशान कर दिया है।

    बार-बार शिकायत के बावजूद सुधार की कवायद नहीं किए जाने से क्षेत्र के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। अधिकारियों को सूचित किए जाने बाद भी मार्ग का जायजा लेने भी कोई नहीं पहुंचा है। सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के मौसम में होता हैं। सड़क में गड्ढे होने के कारण बारिश के मौसम में जमा पानी सड़कों की गहराई का पता नहीं चल पाता है और वाहन चालक गड्ढा में फंस जाते हैं।

    बाइक चालक तो गढ्ढे में फसने के बाद गिर जाते हैं, जिससे वाहन चालक गंभीर रूप से जख्मी हो जाते हैं अगर किन्ही को किसी आवश्यक काम से बाहर जाना होता है ऐसी स्थिति में ऐसे बाइक चालक को फिर से कपड़ा बदल कर आना पड़ता। ऐसे स्थित में वाहन चालकों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।

    पंचायत समिति सदस्या के लिखत शिकायत के बाद भी नहीं हुआ कार्रवाईः इस संबंध में रामपुर पंचायत समिति सदस्या सुशील कुमारी ने कहा कि कार्यपाल अभियंता आर,डब्लू,डी हरनौत को जनवरी में ही पत्र लिखकर सड़क मरम्मत कराने का आग्रह किया गया था लेक़िन दस माह बीत जाने के बाद भी अबतक सड़क मरम्मत कराने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं गया है।

    उन्होंने बताया कि स्थानीय विधायक द्वारा भी सड़क मरम्मत करने को लेकर विभाग को लिखा गया लेकिन सिर्फ़ हरनौत व चंडी प्रखंड के ग्रामीण सड़कों का ही चयन किया गया। नगरनौसा प्रखंड के एक भी सड़को का चयन नहीं किया गया।

     

    मना के बावजूद खेतों में पराली जला खुद का नुकसान कर रहे हैं किसान

    मोटी कमाईः नालंदा के मगही पान पर ही चढ़ाया जा रहा बनारसिया रंग

    नालंदा डीएम-एसपी ने अवैध शराब-खनन की रोकथाम को लेकर की वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग

    रामचन्द्रपुर बस स्टैंड में वर्चस्व को लेकर हुई रोड़ेबाजी और फायरिंग में कई जख्मी

    दिल्ली पुलिस ने ओला कंपनी के नाम पर 55 करोड़ की ठगी के आरोपी को कतरीसराय से दबोचा