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  • राजगीर अंचल के दो राजस्व कर्मचारियों को नालंदा डीएम ने किया सस्पेंड, एक अन्य राजस्व कर्मचारी बर्खास्त – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    नालंदा दर्पण डेस्क।  राजस्व से संबंधित कार्यों में विभागीय नियमों की अनदेखी करने को लेकर भूमि सुधार उपसमाहर्ता राजगीर से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिलाधिकारी शशांक शुभांकर द्वारा राजगीर अंचल के दो राजस्व कर्मचारी  शैलेन्द्र कुमार एवं संजय कुमार सिन्हा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया तथा एक अन्य पुनर्नियोजित राजस्व कर्मचारी आनंद कुमार की सेवा समाप्त की गई है।

    इनके द्वारा राजगीर अंचल की कुछ विवादित भूमि के दाखिल खारिज की स्वीकृति हेतु प्रतिवेदित किया था जबकि उक्त मामले में स्वत्त्व वाद ( title suit) सक्षम न्यायालय में चल रहा है।

    साथ ही इनके द्वारा  रेलवे, पुरातत्व विभाग, जिला परिषद आदि से संबंधित भूमि को भी किसी अन्य रैयत के नाम पर दाखिल खारिज की स्वीकृति हेतु प्रतिवेदित किया गया। इनके विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित करते हुए विभागीय कार्यवाही भी शुरू की गई है।

    विदित हो कि इसी मामले में राजगीर अंचल अधिकारी संतोष कुमार चौधरी के विरुद्ध भी प्रपत्र ‘क’ गठित करते हुए विभाग से कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है।

    जिले में राजस्व संबंधी कार्यों यथा- दाखिल खारिज, परिमार्जन, अतिक्रमणवाद, RTPS सेवा आदि को निर्धारित नियम के तहत अपनाई गई प्रक्रिया के अनुसार निष्पादित करने का निदेश जिला पदाधिकारी, अपर समाहर्ता एवं राजस्व प्रभारी द्वारा बार बार दिए जाते रहे हैं।

    इसके लिए जिला स्तर पर “मानक प्रक्रिया” के अनुरूप प्रपत्र(SOP) भी सभी अंचलों में उपलब्ध कराया गया है। फिर भी कतिपय राजस्व कर्मचारी व अधिकारी द्वारा इनका पालन नहीं किया जाने पर दंडात्मक कार्रवाई की गईं है।

    जिलाधिकारी का स्पष्ट निदेश है कि विभिन्न परिवाद/वाद का नियमसंगत तरीके से समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित किया जाय।

     

  • आयुषी हत्याकांड : दूसरी जाति के लड़के से शादी करने पर नाराज था परिवार, लाश फेंकने मां गई थी साथ


    डेस्क : यमुना एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड पर मिले लाल सूटकेस के अंदर मिली लकड़ी की लाश की गुत्थी सुलझ चुकी है। सूटकेस से बरामद लड़की की पहचान दिल्ली की आयुषी यादव (21) के तौर पर हुई। आयुषी की हत्या उसके नाराज पिता ने ही की।

    इस हत्याकांड की वजह बनी आयुषी की दूसरे जाति के लड़की से शादी। इतना ही नहीं शादी के बाद से आयुषी अपने परिजनों के साथ ही रहती है और आये दिन उसका अपने माता-पिता से झगड़ा हुआ करता था। पुलिस ने ऑनर किलिंग के मामले का खुलासा करते हुए आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं अपराध में इस्तेमाल किए गए वाहन और हथियार को बरामद कर लिया गया है।

    झगड़े में पिता ने खोया आपा, फिर…(subhead)

    झगड़े में पिता ने खोया आपा, फिर…(subhead)

    बताया गया कि आयुषी ने परिवार की मर्जी के बगैर दूसरी जाति के प्रेमी छत्रपाल से आर्य समाज के मंदिर में शादी कर ली थी। बेटी की इस हरकत से परिवार काफी नाराज था। शादी के बावजूद आयुषी अपने परिवार के साथ दिल्ली में ही रह रही थी और आए दिन बिना बताए घर से बाहर चली जाती थी। इसको लेकर अक्सर उसका अपने माता-पिता से झगड़ा होता था। 17 नवंबर को भी बिना बताए घर से गई आयुषी जब वापस लौटी उसका अपने पिता नीतेश यादव से झगड़ा हुआ।

    इस दौरान नाराज पिता ने आपा खो दिया और बहस के बीच बेटी को अपनी पिस्तौल से दो गोलियां मार दीं। गोली लगने से घायल हुई आयुषी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। गुस्से में हुए कांड के बाद पिता ने बेटी की लाश को ठिकाने लगाने का सोचा। इस पूरी वारदात में आयुषी की मां ब्रजबाला यादव ने साथ दिया। शव को हाईवे तक फेंकने के लिए मां खुद साथ गई थी। हत्या की रात उन्होंने बेटी का शव अपने घर (बदरपुर, दिल्ली के मोड़बंद गांव) में रखा और इसके बाद लाल रंग के ट्रॉली बैग में लाश को पैक करके अपनी कार से तड़के 3 बजे घर से निकले। फिर करीब 150 किलोमीटर दूर मथुरा जिले के राया इलाके में यमुना एक्सप्रेस वे की सर्विस रोड पर फेंककर वापस दिल्ली लौट आए।

    18 नवंबर की सुबह 11 बजे यमुना एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड पर कृषि अनुसंधान केंद्र के पास झाड़ियों में लाल रंग के ट्रॉली बैग में खून से लथपथ शव मिला था। जब बेग खोला गया तो अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए। मामले की जांच आगे बढ़ी तो मामले की परते खुलती चली गई। मृतका के पिता नितेश यादव और मां ब्रजबाला यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उन पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के साक्ष्य को गायब करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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  • सारी तैयारियां पूरी आज से लगेगा पटेल कॉलेज में एनसीसी का कैंप

    38 बिहार बटालियन एनसीसी के तत्वाधान में संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन सरदार पटेल मेमोरियल कॉलेज उदंतपुरी बिहार शरीफ नालंदा में होने जा रहा है जिसकी तैयारी का जायजा कमान अधिकारी कर्नल राजीव बंसल एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर महेश प्रसाद सिंह ने लिया। पत्रकार को संबोधित करते हुए कमान अधिकारी कर्नल बंसल ने बताया कि 38 बिहार बटालियन के लगभग 550 एनसीसी कैडेट्स इस प्रशिक्षण शिविर में भाग लेंगे एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर महेश प्रसाद सिंह ने कहा की एनसीसी का प्रशिक्षण लेने वाले कैडेट्स समाज एवं अन्य गतिविधियों में काफी अब्बल रहते हैं।

    उन्होंने कहा एनसीसी सेना की एक लघु इकाई है और हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि यह वार्षिक प्रशिक्षण शिविर का मेजबानी करने का अवसर हमारे महाविद्यालय को प्राप्त हुआ है इसके लिए हम कमान अधिकारी कर्नल बंसल जी के साथ-साथ एनसीसी से जुड़े सभी लोगों को अपनी ओर से धन्यवाद देते हैं। सरदार पटेल मेमोरियल कॉलेज हर क्षेत्र में खेल हो एनसीसी हो या अन्य सामाजिक गतिविधियां सभी में आगे बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और अपना परचम लहराते हैं।

    आज हमारा देश काफी मजबूत हो रहा है जिसमें इसमें कुछ योगदान हमारे एनसीसी कैडेट्स का होता है जो आगे चलकर भारत के सेना या अन्य अर्ध सैनिक बलों से जुड़कर देश की सेवा करते हैं। मौके पर सरदार पटेल मेमोरियल कॉलेज के एनसीसी पदाधिकारी लेफ्टिनेंट डॉ शशिकांत कुमार टोनी, सूबेदार मेजर शुक्रर सवैया, सूबेदार भरत गुरुंग करनैल सिंह शंकर जाधव, धर्मेंद्र भारद्वाज धनंजय कुमार ,संजीव कुमार, थमन गुरुंग, जीवन थापा बलवीर कुमार नीतीश कुमार आदि उपस्थित थे

  • अम्बा पंचायत के वार्ड नं03 में नहीं पहुंच रहा नल-जल का पानी।

    रहुई(नालंदा): रहुई प्रखंड के अम्बा पंचायत के वार्ड नं 03 पेंदापुर गांव अम्बा गांव के दो टोले में बटे होने के कारण लगभग 80 से 90 घर अम्बा गांव में रहने कारण पानी के बिना वहां के लोग वंचित है। बताते चलें कि वर्तमान में अम्बा गांव के वार्ड नं03 में बड़ा बोरिंग पीएचईडी से पानी मिल रहा था। लेकिन पीएचडी के द्वारा यह हवाला देकर वार्ड नं3 में पानी बंद कर दिया गया कि हमें मात्र वार्ड नं04,05,06 को ही पानी देना है वहीं वार्ड नं03 में पानी देने के कारण वार्ड नं04 में पानी की पूर्ती ठीक से नहीं हो पा रही है इसी को लेकर वार्ड नं03 में पानी का कनेक्शन काट दिया गया। वार्ड नं03 के ग्रामीणों के द्वारा इसकी सूचना अम्बा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि को दिया गया।

    मौके पर पहुंचे मुखिया प्रतिनिधी ने ग्रामीणों की बात सुनी और इसकी सूचना प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी अशोक कुमार को दिया। इसकी सूचना मिलने पर बीपीआरओ अम्बा पंचायत के वार्ड नं 03 का जायजा लिया और नीरिक्षण कर मुखिया प्रतिनिधी और वार्ड सदस्य को कहा गया कि जिनके-जिनके घर में पानी नहीं पहुंच रही है उनका लिस्ट बनाकर एक आवेदन दें। वहीं उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द ही इस समस्या का हल कर दिया जाएगा। इस मौके पर मुखिया प्रतिनिधी अविनाश प्रसाद सिंह, मिथुन कुमार सिंह, धर्मेंद्र कुमार उर्फ धारो सत्येंद्र यादव के अलावे अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

  • संचालक शिव नन्दन प्रसाद को सम्मानित किया गया।

    बिहारशरीफ बिहार राज्य मत्यजीवी सहकारी संघ लिमिटेड के पटना प्रमंडल से निर्विरोध निर्वाचित होने पर सोमवार को स्थानीय कार्गील चौक स्थित एक सभागार में कुशवाहा सेवा समिति द्रारा समारोह आयोजित कर मोहनपुर मत्य हैचरी के संचालक शिव नन्दन प्रसाद को सम्मानित किया गया। इस मौके पर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ चंदेश्वर प्रसाद ने कहा की श्री प्रसाद को बिहार राज्य मत्यजीवी सहकारी संघ के पटना प्रमंडल के निदेशक पद पर निर्वाचित होना समाज के लिए गौरव की बात है। उन्होने कहा कि उन्होने अपनी मेहनत व कार्यकुशलता के बल पर मत्स्य पालन के क्षेत्र में यह मुकाम हासिल करने में कामयाब रहे हैं। इस मौके पर मगंलास्थान स्थित डैफोडिल पब्लिक स्कूल के निदेशक डा रविचंद कुमार ने कहा कि अगर हौसला वुलंद तथा इरादा सही हो तो सफलता हमेशा मिलता है।

    उन्होने कहा कि श्री प्रसाद अपने मेहनत के बदौलत 2015 में स्टेट अवार्ड तथा 2017 में नेशनल अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं। इस मौके पर पटना प्रमंडल के नवनिर्वाचित निदेशक श्री प्रसाद ने कहा मैने 1090 में मात्र 25 हजार रूपये से मोहनपुर में मछली पालन का कार्य की सुरूआत किया था । जिसमें पत्नी सरीता देवी सहित परिवार के सदस्यों ने मुझे देने का काम किया तथा धिरे धिरे इस व्यवसाय को वृहत किया ।

    उन्होने कहा कि मछली का व्यवसाय वेरोजगारों के लिए बरदान साबित हो रहा है ।श्री प्रसाद ने कहा कि मछली का बाजार हर जगह उपलव्ध रहने से मांग में कमी नही रहता है तथा सरकार द्रारा भी इस व्यवसाय के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। उन्होने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि मछली से जुङे कई प्रकार के व्यवसाय है जिसे करके अपना जीवन यापन करते हुए अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। इस मौके पर विन्देश्वरी प्रसाद वर्मा, अमर वर्मा, डा विपिन कुमार सिन्हा, संजीव कुमार मौर्या, संजय आजाद, श्रवण कुमार, आलोक कुशवाहा ,रणविजय कुमार सिन्हा उर्फ राजेश सिन्हा, आशीष रंजन, मनोज कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे।

  • रबी की ज्वार, मक्का, गेहूँ की फसल में आप कौन-सी खाद देंगे? पता लगाना

    हैलो कृषि ऑनलाइन: खेतकरी दोस्तो ज्वार और मक्का दोनों की खेती रबी सीजन में की जाती है। इसके अलावा, इन दोनों फसलों को चारा फसलों के रूप में उगाया जाता है। आज के इस लेख में आइए जानें इन दोनों फसलों के उर्वरक प्रबंधन के बारे में। इसके लिए वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय, परभणी में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा योजना की विशेषज्ञ समिति ने कृषि मौसम के आधार पर कृषि सलाह निम्नानुसार दी है।

    1) मक्का : रबी मक्का की फसल नवंबर तक बोई जा सकती है। बुआई 60X30 सें.मी. के फासले पर करनी चाहिए। बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 15 किलोग्राम बीज का प्रयोग करना चाहिए। बोने से पूर्व बीजोपचार अवश्य कर लेना चाहिए। मक्का की बुआई के समय 75 किग्रा नत्रजन, 75 किग्रा फास्फोरस तथा 75 किग्रा0 पलाश प्रति हेक्टेयर तथा 75 किग्रा नत्रजन बुवाई के एक माह बाद देना चाहिए, इसके लिए 289 किग्रा 10:26:26 + यूरिया 100 किग्रा अथवा 500 किग्रा 15:15:15 अथवा 375 किग्रा 20 :20:00:13 अथवा यूरिया 163 किग्रा + 469 किग्रा सिंगल सुपर फास्फेट + 126 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति हेक्टेयर एवं 163 किग्रा यूरिया प्रति हेक्टेयर बुवाई के एक माह बाद।
    मक्के की फसल में आर्मी वर्म का प्रकोप दिखाई देने पर इममेक्टिन बेंजोडायजेपाइन 5 प्रतिशत 4 ग्राम या स्पिनैटोरम 11.7 एससी 4 मिली प्रति 10 लीटर पानी में उपरोक्त कीटनाशकों का बारी-बारी से छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव करते समय इस प्रकार छिड़काव करें कि कीटनाशक थैले में गिर जाए।


    2) ज्वार : रबी की ज्वार की फसल में पहली बिजाई बुवाई के 15 से 20 दिन बाद करनी चाहिए। संरक्षित पानी बुवाई के 25 से 30 दिन बाद देना चाहिए।
    रबी की ज्वार की फसल में आर्मी वर्म का प्रकोप दिखाई देने पर इममेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत 4 ग्राम या स्पिनैटोरम 11.7 एससी 4 मिली प्रति 10 लीटर पानी में उपरोक्त कीटनाशकों का बारी-बारी से छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव करते समय इस प्रकार छिड़काव करें कि कीटनाशक थैले में गिर जाए। यदि रबी की ज्वार की फसल की बुवाई के 30 दिन बाद नत्रजन की आधी दर 87 किग्रा यूरिया प्रति हेक्टेयर देना चाहिए।

    3) सूरजमुखी : यदि रबी सूरजमुखी की फसल की बुवाई के 20 दिन बीत चुके हों तो पहली बुवाई कर देनी चाहिए।


    4) बागवानी गेहूँ : गायती गेहूँ की पछेती बिजाई 15 दिसम्बर तक की जा सकती है। 154 किग्रा 10:26:26 + यूरिया 54 किग्रा या 87 किग्रा डायमोनियम फास्फेट + यूरिया 53 किग्रा + 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश या 87 किग्रा यूरिया + सिंगल सुपर फास्फेट 250 किग्रा + 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति हेक्टेयर गेहूं की बुआई के समय देना चाहिए . शेष आधा भाग बुवाई के 25 से 30 दिन बाद 87 किग्रा यूरिया प्रति हेक्टेयर की दर से देना चाहिए।


  • कबीना मंत्री श्रवण कुमार के बेन का बीरबल बिगहा प्रा. विद्यालय, जहाँ यूँ पेड़ के उपर-नीचे पढ़ते हैं मासूम बच्चें – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    नालंदा दर्पण डेस्क। नालंदा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार और उनके कुनबे के विकास आसमान छू रहा हो, लेकिन उस क्षेत्र में शिक्षा की हालत काफी दयनीय है।

    Cabinet Minister Shravan Kumars son Birbal Bigha Pvt. School where innocent children study up and down the tree 1प्राप्त जानकारी के अनुसार मंत्री का गृह प्रखंड बेन के एकसारा पंचायत के बीरबल विगहा गांव में प्राथमिक विद्यालय का भवन ही नहीं है।

    यहाँ मासूम बच्चे पेड़ के नीचे खुले आसमान के नीचे बैठ कर शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं। इन बच्चों को धूप और बरसात का भी सामना करना पडता है।

    स्कूल के प्रभारी अजय पटेल ने बताया कि इस स्कूल में 53 बच्चों का नामांकन है और मात्र एक शिक्षक है। स्कूल की भवन बनवाने के लिए कई बार विभाग से गुहार लगाया है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो सका है।

    ग्रामीण बेबी देवी ,नयनतारा देवी, रामाश्रय कुमार बार्ड पार्षद ब्रजेश कुमार आदि ने बताया कि स्कूल का जमीन उपलब्ध है। लेकिन भवन निर्माण को लेकर कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। इसका खामियाजा मासूम बच्चों के साथ शिक्षक को भुगतना पड़ रहा है।

    हालत यह है कि यहाँ सरकारी स्तर पर सामुदायिक भवन भी नहीं बनवाया गया है। जिस भवन में बैठकर बच्चें पढ़ सके। मिड डे मिल भी यहाँ खुले में ही बनाए-खिलाए जाते हैं….

    Cabinet Minister Shravan Kumars son Birbal Bigha Pvt. School where innocent children study up and down the tree 5 Cabinet Minister Shravan Kumars son Birbal Bigha Pvt. School where innocent children study up and down the tree 4 Cabinet Minister Shravan Kumars son Birbal Bigha Pvt. School where innocent children study up and down the tree 3

    खबर का असरः बुल्ला बिगहा रा. प्रा. विद्यालय अब उ. म. विद्यालय अमिया से संबंद्ध

    सरकारी योजनाओं का जायजा लेने पहुंचे नालंदा डीएम से ग्रामीणों ने लगाई गुहार

    बाइक की डिक्की तोड़कर 1 लाख रुपए नगद समेत 18 लाख रुपए के जेवरात ले उड़े चोर

    चंडी के गौरी बिगहा गाँव में ग्रामीणों ने देसी कट्टा के साथ नशे में धुत 3 युवक को पकड़कर पुलिस को सौंपा

  • आफताब ने नशे में की थी श्रद्धा की निर्मम हत्या, शव के पास बैठकर रात भर पिया था गांजा..


    डेस्क : चर्चित श्रद्धा वाकर हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक आफताब को गांजा पीने की लत है.इसको लेकर उसका श्रद्धा के साथ अक्सर झगड़ा भी होता था. आफताब पूनावाला का गांजा पीना प्रेमिका श्रद्धा को पसंद नहीं आता था. आफताब ने पुलिस को पूछताछ में यह बताया है कि जिस दिन उसने अपनी प्रेमिका श्रद्धा की हत्या की थी, उस दिन भी वह गांजे के नशे में ही था. उसने बताया है कि हत्या के बाद वह पूरी रात शव के पास बैठकर ही गांजा फूंकता रहा था. वहीं दिल्ली पुलिस का यह कहना है कि वह हत्या की कड़ियों को जोड़ने के लिए उत्तराखंड के देहरादून भी जा सकती है.

    कैसे की श्रद्धा वाकर की हत्या

    कैसे की श्रद्धा वाकर की हत्या

    इस हत्याकांड की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने आफताब पूनावाला को बीते शनिवार को हिरासत में लिया था. इसके बाद अदालत ने उसे 5 दिन की पुलिस हिरासत में सौंप दिया था. दिल्ली के साकेत की एक अदालत ने गुरुवार को आफताब को फिर से 5 दिन के लिए पुलिस को सौंप दिया. पुलिस को उससे कत्ल और शव के टुकड़े करने में इस्तेमाल हथियार और श्रद्धा के शव के टुकड़ों की भी तलाश करनी है.

    पूछताछ के दौरान इस मामले के आरोपी आफताब पूनावाला ने दिल्ली पुलिस के सामने कई तरह के खुलासे भी किए हैं. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक हत्यारे आफताब बताया है कि वह गांजा पीने का आदी है. उसने बताया है कि गांजे पीने को लेकर श्रद्धा अक्सर टोका-टाकी करती रहती थी . इसी बात पर अक्सर उन दोनों में झगड़ा भी होता था. आफताब पूनावाला ने पुलिस को यह बताया है कि श्रद्धा वाकर का जिस दिन कत्ल हुआ यानी 18 मई के दिन भी वो गांजे के नशे में ही था.

    शव के पास बैठकर रातभर फूंका गांजा

    शव के पास बैठकर रातभर फूंका गांजा

    आफताब ने पुलिस को यह बताया है कि पहले घर का खर्च चलाने और फिर मुंबई से कुछ सामान दिल्ली कौन लाएगा इस बात पर उसकी और श्रद्धा की लड़ाई हुई थी. इसी बात पर दोनों दिन भर लड़ते रहे थे. इसके बाद आफताब घर के बाहर गया और गांजे की सिगरेट पीकर वापस आ गया. आफताब पूनावाला ने बताया वो उसने गांजे के नशे में श्रद्धा का गला इतनी तेज दबाया कि उसने सांस लेना ही बंद कर दिया. उसने बताया है कि 18 मई को रात 9 से 10 बजे के बीच उसने गला दबाकर श्रद्धा वाकर की हत्या की थी. हत्या के बाद वह रात भर श्रद्धा वाकर के शव के पास ही बैठा रहा और गांजे से भरी सिगरेट पीता रहा.

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  • नालंदा विश्वविद्यालय से भी प्राचीन है तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय – Nalanda Darpan – गाँव-जेवार की बात।

    नालंदा दर्पण डेस्क। नालंदा की धरती ने पूरी दुनिया को अपने ज्ञान से आलोकित किया है। उदंतपुरी, तेल्हाड़ा, तथा नालंदा विश्वविद्यालय ये अकूत ज्ञान के पुंज रहे हैं।

    तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय 2यही कारण है कि यहां की मिट्टी का तिलक लगाकर लोग आज भी स्वयं को धन्य समझते हैं। तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय का अपना गौरवशाली इतिहास रहा। जिला मुख्यालय बिहारशरीफ से 35 किलोमीटर पश्चिम एनएच 33 पर स्थित इस विश्वविद्यालय का इतिहास नालंदा विश्वविद्यालय से भी पुराना माना जाता है।

    चीनी यात्री इत्सिग ने तेल्हाड़ा का भ्रमण किया था। अपने यात्रा वृतांत में उन्होंने तेल्हाड़ा की विशालता का जिक्र करते हुए लिखा है कि यह शिक्षा का बड़ा केन्द्र रहा। जहां लोग रिसर्च को यहां आते थे। यहां तीन बड़े टेंपल तथा मठ थे, जो तांबे जड़ित थे। इन मंदिरों में टंगी घंटियां हवा के झोंकों के साथ झंकृत होती थी, जो अद्भुत था।

    तेल्हाड़ा की खुदाई से मिले अवशेषों के आधार पर कहा जा सकता है कि तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय से भी पुराना रहा है। तेल्हाड़ा के विभिन्न स्थलों की खुदाई से यहां पर तिलाधक महाविहार के अवशेष होने की जानकारी प्राप्त हुई है।

    ह्वेनसांग ने अपनी यात्रा वृतांत में महाविहार की स्थापना बिम्बिसार के वंशजों के द्वारा किया जाना बताया है।

    पुरातत्वविदों ने तेल्हाड़ा में अपनी खुदाई अभियान में उस ईंट को भी खोज निकाला है, जिसे इस प्राचीन विश्वविद्यालय की नींव के रूप में इस्तेमाल किया गया था। इस ईंट की साइज लंबाई में 42 चौड़ाई में 32 और ऊंचाई में 6 सेंटीमीटर है।

    ईंट के इस आकार से पहली शताब्दी के कुषाण काल के प्रभाव का खुलासा होता है। खुदाई स्थल एक बहुत बड़े टीले के रूप में था।

    तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय 1

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर वर्ष 2009 में खुदाई किया गया तो कई रहस्य खुलकर सामने आए। इसकी खुदाई के वक्त हीरे-जवाहरात एवं सोने के कई सिक्के भी मिले थे।

    इस खंडहर की बनावट भी बिल्कुल अलग थी। इसके अंदर से कंकाल भी मिले हैं । इस जगह का उल्लेख आईन-ए-अकबरी में तिलदाह के रूप में भी किया गया है।

    संरक्षण के अभाव में नष्ट हो रहा धरोहर अपने अंदर ज्ञान का भंडार समेटे इस भग्नावशेष का सही तरीके से संरक्षण नही होने के कारण, यह नष्ट होता जा रहा है।

    हालांकि, बिहार सरकार ने इस स्थल को राजकीय धरोहर की सूची में रखा है। इसके बावजूद इसके दीवारों का गिरना विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्न चिन्ह है। इस स्थल की खुदाई के 10 साल से अधिक हो गए हैं, लेकिन आज तक खुदाई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं कर सकी।

  • स्कूल फील्ड पर सरकारी भवन बनवाने का मामला राजनीतिक तूल पकडा

    बिहार प्रखंड के राणाबीघा कौसुक स्कूल फील्ड के जमीन पर सरकारी भवन बनवाने का मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है, तभी तो मंगलवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले एक विशाल प्रदर्शन नालंदा जिला अधिकारी के समक्ष किया गया।

    यह प्रदर्शन श्रम कल्याण के मैदान से शुरू होकर नालंदा जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर समाप्त हुआ। इस विशाल प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राणाबीघा स्थित कोसुक का फील्ड 1957 ईस्वी से खेल के मैदान के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन अचानक अभी खेल के मैदान पर कमीशन खोरी के फेर में स्कूल फील्ड पर सरकारी भवन बनाने की योजना जारी कर दिया है।

    इस फील्ड के लिए हमारे पूर्वज लोग जमीदर से संघर्ष करके सर्च के आधार पर रजिस्ट्री कराने का काम किया लेकिन आज जिला प्रशासन बलपूर्वक अवैध तरीके से कब्जा कर उसपर सरकारी भवन का निर्माण कराना चाहते हैं इसीलिए राणाविघा सिपाह और कोसुक गांव के लोग एकत्रित होकर जिलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकारी भवन का जो प्रस्ताव है उसे अभलंब वापस लिया जाए और इस फील्ड को सरकारी स्तर पर सौंदर्यीकरण करने करने का काम करें। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर प्रशासन का यही रवैया रहा तो हम लोग कलेक्ट्रेट को चलने नहीं देंगे। फील्ड में किस नियम के तहत सरकारी भवन का निर्माण किया जा रहा है|

    इसका जवाब जिला प्रशासन देने का काम करें। अगर स्थानीय प्रशासन इस योजना को वापस नहीं लेती है तो 3 गांव के लोग आगे भी चरणबद्ध तरीके से उग्र आंदोलन करने का काम करेंगे। इतना ही नहीं नेशनल हाईवे को भी परमानेंट जाम कर देंगे।