Category: nitish kumar

  • नीतीश कुमार सिर्फ दिखावे के मुख्यमंत्री, बिहार में एक नहीं 5 सुपर CM हैं, सम्राट चौधरी ने नाम भी बताया

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद से जेडीयू और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. महागठबंधन सरकार बनाने से बीजेपी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर पूरी तरह से हमलावर है. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कल तक बिहार में एक मुख्यमंत्री था, मगर आज पांच सुपर सीएम हैं- तेजस्वी यादव, लालू यादव, मीसा यादव, तेजप्रताप यादव और राबड़ी देवी. इस गठबंधन में कोई मेल नहीं है. सम्राट चौधरी ने कहा कि मैं 27 वर्षो से बिहार की राजनीति को देख रहा हूं, बीजेपी ने लंबे समय तक नीतीश कुमार को सहयोग किया है. बीजेपी और उसके कार्यकर्ताओं ने उनको बिहार का गार्जियन माना, लेकिन आरजेडी के साथ जाते ही नीतीश कुमार अप्रासंगिक हो चुके हैं, उनकी अहमियत खत्म हो गयी है.

    सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि जब से नीतीश कुमार ने बीजेपी से संबंध तोड़ा है, उस दिन से जंगलराज-3 की शुरुआत हो गयी है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को मैं याद दिलाना चाहता हूं कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जो घोषणा की थी, उसे वो पूरा करें. चाहे 10 लाख सरकारी नौकरी हो या नियोजित शिक्षक का मामला हो अपने वायदे को पूरा करें. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हमेशा अपने सभी सहयोगियों को बड़ा सम्मान किया है.

    वहीं पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि उनका 2024 में प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा नहीं होगा. उन्हें यूपीए को जानकारी देनी होगी कि उनकी सरकार में एक सीएम होंगे, और पांच सुपर सीएम होंगे. सम्राट चौधरी ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मिले जेड कैटगरी सुरक्षा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि तेजस्वी को बिहार की जनता की सुरक्षा की चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी ‘डरपोक’ हैं, इसलिए उन्होंने अपने आप को बुलेटप्रूफ किया है. पूरे बिहार में भय का माहौल बन गया है. एनआईए को जांच के लिए आना पड़ा.

    बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई महागठबंधन सरकार बन गई है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने हैं. नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • जंगल राज कहां रिटर्न आएगा, नीतीश कुमार सुशासन के प्रतीक, ‘जंगल राज’ तो बीजेपी वाले लाए थे, ललन सिंह का बड़ा बयान

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद से जेडीयू और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद ललन सिंह बीजेपी के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं. बीजेपी के कई नेता बार-बार कह रहे हैं कि बिहार में फिर भी जंगल राज वापस आ जाएगा. जिस पर ललन सिंह ने करारा जवाब देते हुए कहा कि जंगल राज कहां वापस आएगा, नीतीश कुमार सुशासन के प्रतीक हैं. ‘जंगल राज’ तो बीजेपी वाले लाए थे. साथ ही ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी के पहले के नेता अपने साथी का सम्मान करते थे जबकि अभी के नेता अपने साथियों की हत्या करने और पीठ पर पीछे से वार करने में विश्वास करता है.

    ललन सिंह ने बीजेपी के बिहार में पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा के तौर पर ‘जंगल राज’ की वापसी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जंगल राज कहां रिटर्न आयेगा, नीतीश कुमार सुशासन के प्रतीक हैं. जंगल राज तो बीजेपी वाले लाए थे. ललन सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने पहले साजिश करके जदयू का सीट 42 कर दिया. उसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि आप मुख्यमंत्री बन जाइये. फिर उसके बाद चार गो छुटभैया नेता को उकसाकर बयान दिलवाते थे और कहते हैं कि 2024 में 2025 दोनों में नीतीश कुमार NDA का नेतृत्व करेंगे और हम लोगों की पार्टी में एक एजेंट को बहाल कर लिए थे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने उसको पहचान लिया और विदा कर दिया और पार्टी से सड़क छाप कर दिया.

    बीजेपी पर हमला करते हुए ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी का अभी का जो नेतृत्व है, वह अपने साथियों का अपने सहयोगियों का सम्मान करना नहीं जानती है. अपने साथियों के प्रति उनका ईमानदारी का भाव नहीं है. पहले के नेता अपने साथी का सम्मान करते थे अभी के नेता अपने साथियों की हत्या करने और पीठ पर पीछे से वार करने में विश्वास करता है. उन्होंने कहा कि एक तरफ बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व कह रहा है कि 2024 में 2025 दोनों में सीएम नीतीश कुमार NDA का नेतृत्व करेंगे. वहीं पटना में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कह रहे हैं कि क्षेत्रीय पार्टियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. ऐसे में आपकी मंशा साफ है. आप क्या करना चाहते हैं. ललन सिंह ने कहा कि 2014 में आप शासन में तब कितने लोग NDA में थे अब कितने बच गए हैं. अभी वाला जो नेतृत्व है जैसा करेगा वैसे भरेगा. जस करनी तस भोगाहूं ताता, नरक जात तो क्यों पछताता.

    बता दें कि इससे पहले ललन सिंह ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जब अटल जी बीजेपी का नेतृत्व कर रहे थे और 1996 में एनडीए अस्तित्व में आया, हम 2013 में इसका हिस्सा बने. 17 सालों में 17 सेकेंड के लिए भी एनडीए में मतभेद नहीं दिखा. लेकिन आज बीजेपी के लोग जो सरकार में हैं, वे अपने सहयोगियों को सम्मान देने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव में जदयू को हराने के षड्यंत्र में भाजपा के साथ आरसीपी सिंह भी मिले हुए थे. भाजपा नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगातार अपमानित किया जा रहा था.

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  • महागठबंधन सरकार बनते ही बिहार में सियासी हलचल तेज, पशुपति पारस की पार्टी में टूट?, तीन सांसद JDU में हो सकते हैं शामिल

    लाइव सिटीज पटना: बिहार की सियासत से बड़ी खबर सामने आ रही है. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बिहार में सियासी हलचल तेज है. इस बीच खबर आ रही है कि केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) टूट सकती है. RLJP के तीन सांसद जदयू में जा सकते हैं.
    पशुपति पारस की RLJP के तीन सांसद महबूब अली कैसर, वीणा देवी और चंदन सिंह जदयू में शामिल हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी की टूट के पीछे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का हाथ है. दरअसल बीते साल रामविलास पासवान की एलजेपी में फूट पड़ गई थी. पशुपति पारस समेत 5 सांसदों ने चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर दी थी. जिसके बाद चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों धड़ों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह और नामों का आवंटन किया था.

    जिन पांच सांसदों ने राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के खिलाफ बगावत की थी, वो हैं-पशुपति पारस पासवान (चाचा), प्रिंस राज (चचेरे भाई), चंदन सिंह, वीणा देवी, और महबूब अली कैसर. LJP में टूट के बाद पशुपति पारस ने कहा था कि हमारी पार्टी के 6 सांसद हैं. पार्टी के 5 सांसदों ने इसे बचाने की इच्छा जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी को नहीं तोड़ा है, इसे बचाया है. बता दें कि LJP में टूट के बाद चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों धड़ों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह और नामों का आवंटन किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान को हेलीकॉप्टर चुनाव चिन्ह के साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नाम की पार्टी का आवंटन किया गया है. वहीं चिराग के चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी है. पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को सिलाई मशीन चुनाव चिन्ह दिया गया है.

    बता दें कि बीते दिनों ही बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ है. नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़कर तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन की सरकार बनाई है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने हैं. नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • एक अनार कई बीमार, बिहार में कांग्रेस के 19 विधायक, 12 ने जताई मंत्री बनने की दावेदारी, बढ़ी टेंशन

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की नई सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शपथ ले ली है. लेकिन मंत्रिमंडल का विस्तार अभी नहीं हुआ है.ऐसे में सबके जेहन में एक ही सवाल है कि नीतीश कुमार की नई सरकार में कैबिनेट में कौन-कौन चेहरे होंगे. इसको लेकर मंथन का दौर जारी है. जदयू, राजद और कांग्रेस का मंथन लगातार चल रहा है कि किसे मंत्री बनाया जाए. तेजस्वी यादव मंत्रियों की लिस्ट लेकर लालू यादव के पास दिल्ली भी पहुंच चुके हैं. माना जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद नीतीश-तेजस्वी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या कांग्रेस के सामने है, जहां मंत्री पद के दावेदारों की संख्या सबसे ज्यादा है.

    महागठबंधन सरकार में कांग्रेस के हिस्से में तीन से चार मंत्री पद जा सकता है. क्योंकि कांग्रेस के पास केवल 19 विधायक है लेकिन हैरानी की बात यह है कि 19 में से 12 विधायकों ने मंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है. कांग्रेस के विधायकों ने मंत्री पद के लिए दावेदारी बिहार प्रभारी भक्त चरण दास, प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मदन मोहन झा से लेकर आलाकमान तक पेश की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह चुके हैं कि 15 अगस्त के बाद कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. मुख्यमंत्री की इस घोषणा के साथ ही महागठबंधन के दूसरे सहयोगी अपने-अपने कोटे के मंत्रियों का नाम फाइनल करने में लग गए हैं.

    बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 19 में से 12 विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष से लेकर प्रभारी मंत्री तक अपनी दावेदारी पेश कर दी है. जिन नामों ने दावेदारी पेश की है, उनमें राजापाकड़ से प्रतिमा दास तो बक्सर से मुन्ना तिवारी, करगहर से संजीव मिश्रा, खगड़िया से छत्रपति यादव, अररिया से अब्दुल रहमान के नाम प्रमुख तौर पर शामिल हैं. इनके अलावा दो विधान पार्षद भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं. ऐसे में एक साथ लगभग एक दर्जन दावेदारों के खड़ा होने से पार्टी में असमंजस की स्थिति बन गई है. तेजस्वी यादव से मिलने के बाद कांग्रेस बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने लालू यादव से भी मुलाकात की है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में बनी महागठबंधन की सरकार में हिस्सेदारी को लेकर बातचीत हुई है और उसके मंत्रियों की संख्या सम्मानजनक होगी.

    बता दें कि बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार में जो कैबिनेट तय होगा, उसका फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. नीतीश सरकार में अधिकतम 36 मंत्री बनाये जा सकते हैं. राजद विधानसभा में 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. फॉर्मूले के तहत राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. जबकि कांग्रेस को 3 या 4 पद मिल सकता है, वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम पिछली सरकार की तरह ही इस सरकार में भी एक सीट लेने में सफल होगी. वहीं नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट में निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को भी फिर से मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है. बताया जा रहा है कि भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा.

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  • ‘पुरानी लाठी निकलने लगी है, सतर्क रहिये’, पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने ऐसा क्यों कहा, जानें पूरा मामला

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद से जेडीयू (JUD) और बीजेपी (BJP) के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. गठबंधन और सत्ता से बाहर हुई बीजेपी लगातार नीतीश कुमार पर जनता को धोखा देने का आरोप लगा रही है. जदयू ने एनडीए से खुद को किनारे करते हुए महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनायी तो भाजपा के नेता विरोध प्रदर्शन करने मैदान में उतर गए हैं. बीजेपी के नेता अलग-अलग जगहों पर प्रदेश में धरना दे रहे हैं. इसी कड़ी में भागलपुर में धरना कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन नयी सरकार पर जमकर बरसे और जंगलराज पर निशाना साधा.

    शाहनवाज हुसैन ने कहा कि नीतीश कुमार ने राजद के जंगलराज के खात्मे के लिए पार्टी बनायी थी. इसलिए उन्हें बताना चाहिए कि राजद वाले तब ठीक थे या अब ठीक हैं. उन्होंने कहा कि पुरानी लाठी निकलने लगी है, इसलिए सभी को सचेत हो जाना चाहिए. पूर्व उद्योग मंत्री ने कहा कि तेजस्वी यादव युवाओं को 10 लाख नौकरी देने का वादा किए हुए हैं और उन्होंने कहा था कि वह अपने पहली साइन से 10 लाख बेरोजगार युवाओं को नौकरी देंगे. लेकिन अब कह रहे हैं की वह डिप्टी सीएम हैं. इससे साफ तौर पर लग रहा है कि सरकार में राजद जो सबसे बड़ी पार्टी है उसकी भी नहीं चल रही है. वहीं उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बिहार में फिर से क्राइम का ग्राफ बढ़ गया है और पिछले 2 दिनों के अंदर ही अपराध की बड़ी घटनाएं राज्य में देखी जा रही है. जिसको लेकर जनता में खौफ का माहौल पैदा हो गया है.

    इससे पहले बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर PFI से सांठगांठ कर सरकार बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जुलाई में पीएम मोदी के बिहार दौरे से पहले आतंकवादी हमले को अंजाम देने की साजिश का पता चला था, पीएफआई लिंक का पता तब चला, जब जांच एनआईए को सौंपी गई. बीजेपी नेता ने आगे यह भी कहा कि यह तब था, जब इन चरमपंथी संगठनों से जुड़े लोगों ने खुद को बचाने के लिए बीजेपी के साथ संबंध तोड़ना सबसे अच्छा समझा. उन्होंने तब तेजस्वी यादव को राजी किया और नीतीश कुमार के साथ हाथ मिलाया और डिप्टी सीएम पद के साथ समझौता किया.

    बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई महागठबंधन सरकार बन गई है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने हैं. नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • पूर्व मंत्री शमशेर जंग बहादुर सिंह का राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, CM नीतीश, डिप्टी सीएम तेजस्वी ने जताया दुख

    लाइव सिटीज पटना: बिहार सरकार में मंत्री व हवेली खड़गपुर से विधायक रहे समाजवादी नेता शमशेर जंग बहादुर सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ. गुरुवार की शाम उनका निधन हो गया था. शमशेर जंग बहादुर सिंह का निधन नगर के पुरानी चौक स्थित आवास पर 89 साल की आयु में हुआ. शमशेर जंग बहादुर सिंह 1977 में जनता पार्टी के कर्पूरी ठाकुर की सरकार में श्रम विभाग के मंत्री थे. पूर्व मंत्री के निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शोक व्यक्त किया. नीतीश कुमार ने पूर्व मंत्री का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराने की घोषणा की थी.

    पूर्व मंत्री शमशेर जंग बहादुर सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख जताते हुए कहा कि वे एक कुशल राजनेता एवं समाजसेवी थे. उन्होंने हवेली खड़गपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाने के बाद जनता पार्टी की सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी का कुशलतापूर्वक निवर्हन किया था. सामाजिक कार्यों में भी उनकी गहरी अभिरूचि थी. वे अपने क्षेत्र में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे. उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. वहीं मुख्यमंत्री ने स्व० शमशेर जंग बहादुर सिंह के पुत्र निरंजन सिंह से फोन पर बात कर उन्हें सांत्वना भी दी. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.

    पूर्व मंत्री शमशेर जंग बहादुर सिंह के निधन पर उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दुख जताते हुए कहा कि वे जाने-माने समाजवादी नेता थे उनकी पैठ समाज में बहुत मजबूत थी. वे कई बार विधायक बने,समाज एवं क्षेत्र की सेवा की. उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है. ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शांति दें. राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी शमशेर जंग बहादुर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है तथा उनकी आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से कामना की.

    बता दें कि समाजवादी नेता के रूप में प्रतिस्थापित शमशेर जंग बहादुर सिंह 1977 में जनता पार्टी के कर्पूरी ठाकुर की सरकार में श्रम विभाग के मंत्री थे. इससे पूर्व 1967 और 1969 में वे हवेली खड़गपुर से बिहार विधानसभा सदस्य चुने गए थे. सिंह ने खड़गपुर में एकमात्र अंगीकृत डिग्री कॉलेज हरि सिंह महाविद्यालय सहित नरेंद्र सिंह महाविद्यालय का स्थापना अपनी जमीन दान देकर की. वे लगभग 89 वर्ष के थे. अपने पीछे वह चार पुत्र तथा दो पुत्री, नाती पोता सहित भरा पूरा परिवार को छोड़कर ईश्वर के दिव्य चरणों मे चले गए. शमशेर जंग बहादुर सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी अत्यंत निकट थे और 1995 में समता पार्टी से हवेली खड़गपुर से चुनाव लड़े थे.

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  • लालू यादव से मिलकर गरजे ललन सिंह, बोले-40 सीटें हराएंगे, 2024 में नरेंद्र मोदी भाग जाएंगे

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दिल्ली में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की. ललन सिंह ने पंडारा पार्क स्थित मीसा भारती के आवास पर लालू यादव से मुलाकात की और उनका हाल जाना. साथ ही बिहार में हुए सियासी घटनाक्रम को लेकर जानकारी दी. लालू यादव से मिलने के बाद ललन सिंह प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की 40 सीटें घटानी है. इससे पहले सीएम नीतीश कुमार भी कह चुके हैं जो 2014 में थे वो 2024 में नहीं रह पाएंगे.

    दिल्ली में लालू यादव से मुलाकात के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि 1974 के छात्र आंदोलन से लालू यादव हमारे नेता रहे हैं. वो बीमार थे, उनसे मिलने के लिए आए, उनको देखने आए और उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना करने आए. उन्होंने कहा कि लालू जी से आशीर्वाद लिए हैं कि 2024 का चुनाव उखाड़ फेंकना है. 2024 में मोदी को बस 40 सीटों पर हराने का लक्ष्य निर्धारित करना है. अभी बीजेपी के पास 303 ही सीट है. जैसे ही हमलोग 40 सीट पर हरवाए इसके बाद पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी इनकी हार होगी. ललन सिंह ने कहा कि बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से ही इनका 40 सीट घटाना है. उन्होंने कहा कि 2024 में बीजेपी की 40 सीटें घटानी है.

    इससे पहले बिहार के नव नियुक्त उप-मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव गुरुवार की शाम दिल्ली के लिए रवाना हो गये हैं. यहां वह अपने पिता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से आशीर्वाद लेंगे. साथ ही अपनी बड़ी बहन और राज्य सभा सांसद मीसा भारती सहित अन्य बहनों से वह राखी भी बंधवायेंगे. उप-मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद तेजस्वी यादव पहली बार अपने पिता से मिलेंगे. इस दौरान वह संभावित कैबिनेट के मंत्रियों के नाम पर भी चर्चा कर सकते हैं. दरअसल अभी तक राजद अपने संभावित मंत्रियों के नाम तय नहीं कर सका है. इस पर अभी काफी कशमकश चल रही है. बताया जा रहा है कि वह दिल्ली में कांग्रेस के बड़े नेताओं से भी मिल सकते हैं.

    बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. अब ऐसे में नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट का विस्तार कब होगा और उसका स्वरूप कैसा होगा इसको लेकर चर्चा तेज हो गयी है. बिहार कैबिनेट के विस्तार को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार कैबिनेट का विस्तार 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस के बाद होगा. सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार संभवत: 16 अगस्त को या उसके बाद हो सकता है. ऐसे में माना जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद किसी भी दिन इस पर मुहर लग सकती है.

    बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार में जो कैबिनेट तय होगा, उसका फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. नीतीश सरकार में अधिकतम 36 मंत्री बनाये जा सकते हैं. राजद विधानसभा में 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. फॉर्मूले के तहत राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. जबकि कांग्रेस को 3 या 4 पद मिल सकता है, वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम पिछली सरकार की तरह ही इस सरकार में भी एक सीट लेने में सफल होगी. वहीं नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट में निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को भी फिर से मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है. बताया जा रहा है कि भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा.

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  • सुशील मोदी का तेजस्वी यादव पर तगड़ा अटैक, पूछा-बुलेटप्रूफ गाड़ी, Z प्लस क्यों ली, किससे डर गए, CM नीतीश पर भी बरसे

    लाइव सिटीज पटना: नीतीश कुमार ने एक बार फिर लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई है. एनडीए का साथ छोड़ते ही महागठबंधन के सहयोग से मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर बीजेपी ने हमले करने शुरू कर दिए हैं. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने एक बार फिर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर हमला बोला है. सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिनका राजपाट आते ही जनता सहम जाती है, भला उनको किससे इतना खतरा है कि सुरक्षा बढ़ायी जा रही है?. दरअसल बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के उप-मुख्यमंत्री बनते ही राज्य सरकार ने जेड कैटेगरी का सुरक्षा कवर दिया है. तेजस्वी के पास नेता विरोधी दल के नाते अब तक वाई कैटेगरी की सिक्योरिटी थी जिसे सरकार ने अपग्रेड कर दिया है.

    बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला है. सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि बिहार में 12 साल तक उप मुख्यमंत्री रहा, लेकिन सरकार को न मुझे बुलेट प्रूफ गाड़ी देने की जरूरत महसूस हुई, न जेड-प्लस सुरक्षा की. मामूली सुरक्षा के बीच मैंने 1, पोलो रोड के सरकारी आवास से लंबे समय तक जनता की सेवा की. उन्होंने लिखा कि जिनका राजपाट आते ही जनता सहम जाती है, भला उनको किससे इतना खतरा है कि सुरक्षा बढ़ायी जा रही है?. सुशील मोदी ने आगे लिखा कि अब के डिप्टी सीएम पहले ही कार्यकाल में 5, देशरत्न मार्ग वाले सरकारी आवास में 46 एसी लगवा चुके हैं. गरीबों के मसीहा ने पद से हटने के बाद भी आलीशान बंगला न छोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी, लेकिन दाल नहीं गली.

    सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि तेजस्वी यादव को लगता था कि जो बंगला एक राजकुमार के लायक बनाया गया, उसमें दूसरा कैसे रह सकता है? उन्हें एनडीए का डिप्टी सीएम तो बीपीएल स्तर की सुविधा के लायक लगता था. वहीं नीतीश कुमार पर हमला करते हुए सुशील मोदी ने लिखा कि मुख्यमंत्री जी अपने नौजवान डिप्टी सीएम को जिस आदर और विनम्रता के साथ उनका हाथ पकड़ कर कुर्सी तक ले जाते दिखे, उससे साफ है कि डी-फैक्टो सीएम कौन है और कौन एहसान तले दबा हुआ. कुर्सी तो वही होती है, लेकिन बैठने वाले का भाग्य अलग-अलग होता है.

    इससे पहले सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनना चाहते थे और उनके पार्टी के कई बड़े नेताओं ने बीजेपी के बड़े नेताओं से संपर्क भी किया था. भाजपा के लिए ऐसा करना मुमकिन नहीं था. पार्टी की ओर से ऑफर नहीं मिलने के बाद से नीतीश कुमार ने गठबंधन से अलग होने के रोड मैप तैयार कर लिया था. सुशील मोदी के इस आरोप पर नीतीश कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि एक आदमी (सुशील मोदी) ने कहा कि मैं उपराष्ट्रपति बनना चाहता था. क्या मजाक है! यह फर्जी है. मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी, क्या वे भूल गए कि हमने उन्हें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों में कितना समर्थन दिया.

    बता दें कि नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • तेजस्वी यादव दिल्ली रवाना, लालू से मिलकर तय करेंगे कौन-कौन बनेंगे मंत्री?, लेंगे पिता का आशीर्वाद और बंधवायेंगे बहन से राखी

    लाइव सिटीज पटना: नीतीश कुमार ने एक बार फिर लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई है. बिहार के नव नियुक्त उप-मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव गुरुवार की शाम दिल्ली के लिए रवाना हो गये हैं. यहां वह अपने पिता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से आशीर्वाद लेंगे. साथ ही अपनी बड़ी बहन और राज्य सभा सांसद मीसा भारती सहित अन्य बहनों से वह राखी भी बंधवायेंगे. उप-मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद तेजस्वी यादव पहली बार अपने पिता से मिलेंगे. इस दौरान वह संभावित कैबिनेट के मंत्रियों के नाम पर भी चर्चा कर सकते हैं. दरअसल अभी तक राजद अपने संभावित मंत्रियों के नाम तय नहीं कर सका है. इस पर अभी काफी कशमकश चल रही है. बताया जा रहा है कि वह दिल्ली में कांग्रेस के बड़े नेताओं से भी मिल सकते हैं.

    पटना से दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि पिता लालू यादव से आशीर्वाद तो लेंगे ही, साथ में रक्षाबंधन भी है. एक हमारी बहन सिंगापुर में रहती है और बाकी 6 बहनें दिल्ली में रहती है. जो मुहूर्त है, वह सुबह तक का ही है. ऐसे में रात में जाकर राखी बंधवायेंगे. आशीर्वाद के साथ ही पिता लालू यादव से मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चा होगी. बिहार में पिछले तीन दिनों के भीतर हुए सियासी उलटफेर के बीच सियासत के सबसे बड़े धुरंधर लालू प्रसाद यादव स्वास्थ्य कारणों से दिल्ली में ही रह रहे हैं. वह अपनी बेटी मीसा भारती के आवास पर प्रवास कर रहे हैं. हालांकि वे दिल्ली से ही बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए थे.

    बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. अब ऐसे में नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट का विस्तार कब होगा और उसका स्वरूप कैसा होगा इसको लेकर चर्चा तेज हो गयी है. बिहार कैबिनेट के विस्तार को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार कैबिनेट का विस्तार 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस के बाद होगा. सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार संभवत: 16 अगस्त को या उसके बाद हो सकता है. ऐसे में माना जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद किसी भी दिन इस पर मुहर लग सकती है.

    बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार में जो कैबिनेट तय होगा, उसका फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. नीतीश सरकार में अधिकतम 36 मंत्री बनाये जा सकते हैं. राजद विधानसभा में 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. फॉर्मूले के तहत राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. जबकि कांग्रेस को 3 या 4 पद मिल सकता है, वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम पिछली सरकार की तरह ही इस सरकार में भी एक सीट लेने में सफल होगी. वहीं नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट में निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को भी फिर से मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है. बताया जा रहा है कि भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा.

    बतातें चलें कि नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • सत्ता परिवर्तन के बाद दिल्ली में लालू यादव से मिलने पहुंचे ललन सिंह, मंत्रियों की लिस्ट समेत इन मुद्दों पर चर्चा, बिहार में हलचल तेज

    लाइव सिटीज पटना: नीतीश कुमार ने एक बार फिर लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई है. बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह दिल्ली में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मिलने पहुंचे हैं.

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