Category: nitish kumar

  • नीतीश कुमार के साथ जाने का मन कैसे बनाया?, लालू यादव की गैरमौजूदगी में कैसे लिया फैसला, डिप्टी CM तेजस्वी ने सब बताया

    लाइव सिटीज पटना: नीतीश कुमार ने एक बार फिर लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई है. बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने बुधवार को आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव दूसरी बार बिहार के डिप्टी सीएम बने हैं. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव इस समय दिल्ली में अपनी बेटी के पास रहकर अपनी बीमारी का इलाज करा रहे हैं. ऐसे में जब बिहार में सत्ता का फेरबदल हो रहा था तो लालू यादव पटना में नहीं थे. बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बताया कि कैसे लालू यादव की गैरमौजूदगी में उन्होंने नीतीश कुमार के साथ जाने का मन बनाया. और अपने पिता की गैरमौजूदगी में उन्होंने इतना बड़ा फैसला कैसे लिया.

    नीतीश कुमार के साथ जाने को लेकर तेजस्वी यादव ने बताया कि हम लोगों की राजनीतिक परिस्थितियों पर पहले से ही नजर थी. लगातार खबरों के माध्यम से और जब हम सदन में सामने होते थे तो साफ दिखाई देता था कि नीतीश कुमार असहज महसूस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उप राष्ट्रपति चुनाव हुए, इसके बाद हम लोग सड़कों पर महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ मार्च कर रहे थे. उसके अगले दिन हमने बैठक बुलाई. क्योंकि खबरों से लगातार यह माहौल दिखाई दे रहा था कि शायद नीतीश कुमार जी नाराज हैं और कहीं ना कहीं कुछ बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं.

    नीतीश कुमार के साथ जाने का मन कैसे बनाया? इस सवाल के जवाब देते हुए तेजस्वी यादव ने बताया कि देश का जो माहौल है, हर तरफ सांप्रदायिक तनाव है और गंगा जमुनी तहजीब पर खतरा है. लोकतंत्र और संविधान पर खतरा है. देश में अराजकता का माहौल बना हुआ है. संवैधानिक संस्थाओं को तबाह किया जा रहा है. यह हम लोगों की ड्यूटी है कि किसी भी कीमत पर हम लोग समाजवादी लोगों का सहयोग करें. उन्होंने कहा कि जब बिहार में यह सब घटनाक्रम हुआ तो नीतीश कुमार जी राज्यपाल को इस्तीफा सौंपकर आए. और उन्होंने अपनी बात रखी. इसके बाद महागठबंधन में सब लोगों का उनके साथ जाने का मन बना.

    बता दें कि नीतीश कुमार ने साल 2015 में एनडीए का साथ छोड़ दिया था, जिसके बाद महागठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा था. और भारी बहुमत के साथ जीतकर नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री बने. हालांकि दो साल बाद ही 2017 में वे NDA में लौट आए. 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने केंद्र में भारी बहुमत से काबिज भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा. हालांकि जदयू को 243 सदस्यीय विधानसभा में 45 सीट पर ही संतोष करना पड़ा. जबकि आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं बीजेपी को भी जदयू से ज्यादा सीटें हासिल हुई.

    बतातें चलें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए नीतीश कुमार को 14 दिनों का समय दिया. बुधवार को ही नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक की. इस बैठक में फैसला हुआ कि 24 और 25 अगस्त को बिहार में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा. 24 अगस्त के दिन फ्लोर टेस्ट होगा. इससे पहले मंगलवार को जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था तो उन्हें 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी थी. इसमें सात पार्टियों के विधायक शामिल हैं. इसमें जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट और जीतन राम मांझी की हम पार्टी के विधायक शामिल है.

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  • सत्ता बदलते ही बदलने लगे अधिकारी!, दिनेश कुमार राय और मकसूद आलम होंगे CM नीतीश कुमार के PS

    
    

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. इस बीच बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी दिनेश कुमार राय और मकसूद आलम को सीएम नीतीश कुमार का आप्त सचिव यानी पर्सनल सेक्रेटरी बनाया गया है. दरअसल इससे पहले भी दिनेश राय और मकसूद आलम दोनों सीएम नीतीश के PS थे. सरकार बदलने के बाद एक बार फिर दोनों अधिकारियों पर सीएम नीतीश ने भरोसा जताया है. सीएम के पर्सनल सेक्रेटरी की नियुक्ति को लेकर सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है.

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  • डिप्टी CM तेजस्वी यादव से मांझी के बेटे संतोष सुमन ने की मुलाकात, बाहर निकलकर कहा-खिसयानी बिल्ली खंभा नोंचे

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. अब ऐसे में नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट का विस्तार कब होगा और उसका स्वरूप कैसा होगा इसको लेकर चर्चा तेज हो गयी है. सीएम नीतीश ने बताया कि बिहार कैबिनेट का विस्तार 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस के बाद होगा. इस बीच तेजस्वी यादव से तमाम नेताओं का मिलने का सिलसिला जारी है. इस बीच जीतन राम मांझी के बेटे और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री संतोष मांझी उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलने उसके आवास पर पहुंचे थे. उन्होंने तेजस्वी यादव को नई भूमिका के लिए बधाई दी. माना जा रहा है कि हम पार्टी से मंत्री बनाए जाने को लेकर भी संतोष मांझी की तेजस्वी यादव से बात हुई होगी.

    उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलने के बाद जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने कहा कि हमारे पार्टी के जितने विधायक और नेता है, सबने तेजस्वी यादव को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने उन्हें यही शुभकामना दी कि बेहतर भविष्य के लिए बिहार को आपकी जरुरत है. आप युवा हैं, युवा सोच के साथ बिहार आगे बढ़ेगा. हमसब उनके साथ है. वहीं बीजेपी के हमले पर संतोष मांझी ने कहा कि जिनसे कुछ छीन जाता है वो नाराज होंगे ही, लेकिन नाराज होने से क्या होगा खिसियानी बिल्ली खंभा नोंचे. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता खुश है. जनता को अच्छी सरकार मिली है, जो गरीबों और पिछड़ों की सरकार है. सरकार सरकार चलेगी, बिहार विकास का नया मॉडल तैयार करेगा.

    बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार में जो कैबिनेट तय होगा, उसका फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. नीतीश सरकार में अधिकतम 36 मंत्री बनाये जा सकते हैं. राजद विधानसभा में 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. फॉर्मूले के तहत राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. जबकि कांग्रेस को 3 या 4 पद मिल सकता है, वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम पिछली सरकार की तरह ही इस सरकार में भी एक सीट लेने में सफल होगी. वहीं नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट में निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को भी फिर से मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है. बताया जा रहा है कि भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा.

    बता दें कि बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए नीतीश कुमार को 14 दिनों का समय दिया. बुधवार को ही नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक की. इस बैठक में फैसला हुआ कि 24 और 25 अगस्त को बिहार में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा. 24 अगस्त के दिन फ्लोर टेस्ट होगा. इससे पहले मंगलवार को जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था तो उन्हें 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी थी. इसमें सात पार्टियों के विधायक शामिल हैं. इसमें जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट और जीतन राम मांझी की हम पार्टी के विधायक शामिल है.

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  • महागठबंधन की सरकार बनने से पेट में दर्द हो रहा, अपने प्लान में फेल होने पर तिलमिलाने लगे, डिप्टी CM तेजस्वी का भाजपा पर प्रहार

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने से भाजपा के पेट में दर्द हो रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को नहीं तोड़ पाए और अपने प्लान में फेल होने पर तिलमिलाने लगे हैं. मंत्रिमंडल विस्तार पर डिप्टी सीएम तेजस्वी ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का अधिकार है,जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. वहीं सीबीआई-ED की कार्रवाई पर तेजस्वी यादव ने बीजेपी को चुनौती देते देते हुए कहा कि ED-CBI से हमलोग डरने वाले नहीं हैं. जितना दम लगाना है लगा लें. साथ ही उन्होंने कहा कि हम तो सीबीआई ED को न्यौता देते हैं कि आओ मेरे घर में दफ्तर खोल लो.

    डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी को नहीं तोड़ पाए और अपने प्लान में फेल होने पर बीजेपी के नेता तिलमिलाने लगे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के शीर्ष नेतृव की ओर से बिहार बीजेपी के नेताओं को टास्क दिया गया था. तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी के शीर्ष नेतृव ने नेताओं से कहा कि हमने तुम्हें नीतीश जी को खत्म करने का काम दिया था. समाजवादी, क्षेत्रीय दलों को खत्म करने का काम दिया था. विधायकों को तोड़ने का खरीदने का, तुमने वह काम क्यों नहीं किया. उससे नाराज होकर इन लोगों को झाड़ पड़ा है. जब झाड़ पड़ा है तो हाथ से लेकर सब हिल डोल रहा है. तेजस्वी ने कहा कि 2015 में जब सरकार में आने का मौका मिला तब हमलोगों ने 18 महीने में ही खूब किया हमारे किसी भी मंत्री पर एक भी दाग नहीं लगा.

    क्या तेजस्वी यादव को सीबीआई-ED से डर नहीं लगता है?. इस सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि जब हम पहली बार विधायक बने, डिप्टी सीएम बने जब हम बिहार के लिए काम कर रहे थे. जब नए-नए थे तब सीबीआई के लोगों ने मुकदमा किया. कितने साल हो गए, क्या हुआ, कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि कुछ गलती किए होते तो कोर्ट सजा दे ही ना देती. खैर इस चीज पर हमको टीका टिपण्णी नहीं करना है. इ सब मुकदमा किया, जब मेरा मूंछ भी नहीं हुआ था, जब हम क्रिकेट खेलते थे. हमने क्या गलत काम किया. साथ ही तेजस्वी यादव ने जांच एजेंसियों को चुनौती देते हुए कहा कि हम तो सीबीआई ED को न्यौता देते हैं कि आओ मेरे घर में दफ्तर खोल लो. तब जाकर शांति होगी अगर उससे भी शांति नहीं मिली तो हम क्या कर सकते हैं.

    बीजेपी के लोग आरजेडी के विधायाकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे?. इस सवाल पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि पूरे देश में क्या हो रहा है, आप लोगों को पता नहीं है. उन्होंने कहा कि हमलोग जनता के लिए चिंतित रहते हैं. काम में विश्वास करते हैं. जबकि बीजेपी हमेशा तोड़ने का काम करती है. कई राज्यों में क्या हुआ है, देख नहीं रहे हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि बीजेपी का चाल चरित्र और चेहरा उजागर हो गया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने पहले भी कहा है कि जो डरेगा उसके पीछे सीबीआई, इनकम टैक्स लगा दो और जो बिकेगा उसके लिए रकम फिक्स कर दीजिए. उन्होंने कहा कि ललन सिंह ने एक-एक कर सारी बातों को आप लोगों के सामने बताया ही है. आज बिहार के हर जनता के चहरे पर मुस्कान है.

    तेजस्वी यादव से जब यह पूछा गया कि गठबंधन टूटने से एक दिन पहले बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव लगातार आपको फोन कर रहे थे. इस पर तेजस्वी यादव ने इसका जवाब तो नहीं दिया लेकिन साफ तौर पर यह कहा कि अब हमारे नेता नीतीश कुमार हैं. महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार हैं और नीतीश कुमार जिस तरह से महागठबंधन को चलाएंगे, उस तरह से सारी बातें होंगी. इससे पहले तेजस्वी यादव ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि उम्मीद है कि वे हर बिहारवासी की उम्मीदों पर खरे उतर सकेंगे. गरीबों की समस्याओं का समाधान करने के प्रयास किए जाएंगे. वहीं डिप्टी सीएम पद की शपथ लेते ही तेजस्वी यादव ने ऐलान किया था कि राज्य में एक महीने के भीतर युवाओं के लिए बंपर नौकरियां निकाली जाएंगी.

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  • CM नीतीश के मन में PM बनने की अकुलाहट, आरोप लगाने वाले अपने गिरेबान में झांकें, जनता इनके साथ पलटी मारेगी, बीजेपी का हमला

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में एनडीए गठबंधन की सरकार टूटने के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. एनडीए गठबंधन टूटने के बाद अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. जेडीयू के आरोपों पर बीजेपी जवाब दे रही तो बीजेपी के आरोपों पर जेडीयू का जवाब आ रहा है. गुरुवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता तारकिशोर प्रसाद ने नीतीश कुमार और आरजेडी पर हमला बोला है. तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार के मन में जब-जब प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब आता है तब-तब इस तरह की बात करते हैं. क्योंकि प्रधानमंत्री बनने की एक अकुलाहट है.

    तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार पलटी मारते गए हैं ऐसे में आने वाले समय में बिहार की जो जनता है वो इनके साथ पलटी मारेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का सर्वांगीण विकास, सबका साथ सबका विकास अभियान चल रहा है. लगातार केंद्र का सहयोग इस राज्य को भी मिल रहा था. हम जिन मुद्दों को लेकर सरकार में हम आए बिहार की महान जनता के साथ जो हमारा कमिटमेंट है उसे अंजाम तक पहुंचाएंगे. इसके लिए सदन से सड़क तक विकास की बात करनी है. सड़क पर भी जाना होगा तो निश्चित तौर पर जाएंगे. सदन में भी मजबूती से अपनी बातों को रखेंगे.

    पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि आश्चर्य लगा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए गए. यह आरोप आधारहीन है. उल्टा उन्होंने जो हमारे तीन उम्मीदवार हैं उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए. गोह विधानसभा क्षेत्र में जिस तरह से उन्होंने मनोज शर्मा के खिलाफ रणविजय सिंह को उम्मीदवार बनाया, उसी प्रकार से कैमूर में रिंकी पांडेय के खिलाफ प्रमोद पटेल को उम्मीदवार बनाया. इसके अलावा बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र (गोपालगंज) से मिथिलेश तिवारी के खिलाफ में मंजीत सिंह को उम्मीदवार बनाकर उन्हें हराने का काम किया. आज ये तीनों जनता दल यूनाइटेड के राज्य और जिलों के पदाधिकारी बने हैं. तारकिशोर ने कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर जिस तरह से उन्होंने अपनी बात कही है उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.

    इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी के आरोपों पर कहा कि वह कभी उपराष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे. बिना बीजेपी का नाम लिए नीतीश ने कहा कि जिसको जो बोलना है, बोलने दीजिए. आपने एक आदमी (सुशील मोदी) को यह कहते सुना कि मैं उपराष्ट्रपति बनना चाहता था. क्या मजाक है! यह फर्जी है. मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी. क्या वे भूल गए कि हमारी पार्टी ने हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों में कितना समर्थन किया था? उन्हें मेरे खिलाफ बात करने दें. साथ ही सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष एकजुट होकर आगे बढ़ेगा. हम बिहार में जनता की सेवा करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि महागठबंधन मजबूती के साथ काम करेगी.

    बता दें कि नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • इस दिन होगा नीतीश-तेजस्वी मंत्रिमंडल का विस्तार, महागठबंधन की सरकार में सभी मंत्रियों के नाम लगभग तय, CM ने दी जानकारी

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. अब ऐसे में नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट का विस्तार कब होगा और उसका स्वरूप कैसा होगा इसको लेकर चर्चा तेज हो गयी है. इस बीच बिहार कैबिनेट के विस्तार को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने बड़ी जानकारी दी है. सीएम नीतीश ने बताया कि बिहार कैबिनेट का विस्तार 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस के बाद होगा. सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार संभवत: 16 अगस्त को या उसके बाद हो सकता है. ऐसे में माना जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद किसी भी दिन इस पर मुहर लग सकती है.

    सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष एकजुट होकर आगे बढ़ेगा. हम बिहार में जनता की सेवा करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि महागठबंधन मजबूती के साथ काम करेगी. सीएम ने बीजेपी के आरोपों पर कहा कि वह कभी उपराष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे. बिना बीजेपी का नाम लिए नीतीश ने कहा कि जिसको जो बोलना है, बोलने दीजिए. आपने एक आदमी (सुशील मोदी) को यह कहते सुना कि मैं उपराष्ट्रपति बनना चाहता था. क्या मजाक है! यह फर्जी है. मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी. क्या वे भूल गए कि हमारी पार्टी ने हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों में कितना समर्थन किया था? उन्हें मेरे खिलाफ बात करने दें.

    बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार में जो कैबिनेट तय होगा, उसका फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. नीतीश सरकार में अधिकतम 36 मंत्री बनाये जा सकते हैं. राजद विधानसभा में 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. फॉर्मूले के तहत राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. जबकि कांग्रेस को 3 या 4 पद मिल सकता है, वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम पिछली सरकार की तरह ही इस सरकार में भी एक सीट लेने में सफल होगी. वहीं नीतीश कुमार की नयी कैबिनेट में निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को भी फिर से मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है. बताया जा रहा है कि भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा.

    RJD कोटे से संभावित मंत्रियों की सूची:
    तेजप्रताप यादव, कुमार सर्वजीत, अख्तरुल इस्लाम शाहीन, आलोक कुमार मेहता, ललित यादव, अनिता देवी, जितेन्द्र कुमार राय, अनिल सहनी, चन्द्रशेखर, भाई वीरेन्द्र, भारत भूषण मंडल, शाहनवाज, समीर महासेठ, वीणा सिंह, रणविजय साहू, सुरेन्द्र राम, सुनील सिंह/केदार सिंह, बच्चा पांडेय/राहुल तिवारी, कार्तिक सिंह/सौरभ कुमार

    JDU कोटे से संभावित मंत्रियों की सूची:
    बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, उपेंद्र कुशवाहा, संजय झा, लेसी सिंह, सुनील कुमार, जयंत राज, जमा खान, अशोक चौधरी
    कांग्रेस कोटे से संभावित मंत्री:
    मदन मोहन झा, अजीत शर्मा, शकील अहमद खान, राजेश कुमार राम
    जीतनराम मांझी की पार्टी हम (से) कोटे से संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह भी एक बार फिर मंत्री बन सकते हैं.

    बता दें कि नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • पटना: एलएन मिश्रा प्रबंधन संस्थान में 12 अगस्त से नए सत्र की शुरुआत, विजय चौधरी होंगे मुख्य अतिथि

    लाइव सिटीज पटना: राजधानी पटना के बेली रोड स्थित एलएन मिश्रा आर्थिक विकास एवं प्रबंधन संस्थान में नए सत्र की शुरुआत आगामी 12 अगस्त से 2022 सत्र के छात्रों के इंडक्शन तथा ओरियेंटेशन के साथ होने जा रही है. सत्रीय उद्घाटन कार्यक्रम ‘आगाज-2022’ में विजय कुमार चौधरी मुख्य अतिथि होंगे. अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग बिहार सरकार व संस्थान के निदेशक डॉ० एम. सिद्धार्थ (भा.प्र.से.) तथा अन्य अतिथियों की उपस्थिति भी रहेगी. छात्रों में प्रबंधन के मूल्यों व बदलते समय में कंप्यूटर की विविधताओं से छात्रों को अवगत कराने तथा इसके माध्यम से उन्हें रोजगार दिलाने के क्रम में एल. एन. मित्र संस्थान राज्य का सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक है. संस्थान में एमबीए, एमबीए (आई.बी.), एमबीए (एच.आर.डी.). एमसीए, बीसीए तथा बीबीए पाठ्यक्रमों का अध्यापन होता है.

    कोविड महामारी के दौरान भी ऑनलाइन पद्धति से शिक्षा की गति लगातार बनाई रखी गई. जिस कारण सत्र 2020-22 के छात्रों का चयन नामी कंपनियों में हुआ. संस्थान से सर्वोच्च सालाना पैकेज 14 लाख पर 3 छात्रों का चयन हुआ, तो वहीं अधिकतर छात्र 5-6 लाख कीसालाना पैकेज पर चयनित हुए. संस्थान में छात्रों के समग्र विकास को भी ध्यान में रखा जाता है. यहां के छात्रों ने हाल में ‘आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की वित्तीय बाजार प्रश्नोत्तरी में इस्टर्न जोन में तीसरा स्थान प्राप्त किया.

    बता दें कि इस उपलब्धि को हासिल करने वाला एलएन मिश्रा बिहार का एकमात्र प्रबंधन संस्थान है. यहां के छात्र समय-समय पर आयोजित कला, खेल-कूद, वाद-विवाद आदि से जुड़े इंटर कॉलेज प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहते हैं और अक्सर अव्वल स्थान भी प्राप्त करते हैं. संस्थान के कई पूर्ववर्ती छात्र आज कई नामी कंपनियों में उच्च पदों पर आसीन हैं. वे इस संस्थान में एलुम्नाई एसोसिएशन के माध्यम से अनवरत जुड़े रहते हैं.

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  • BJP से सत्ता फिसलकर तेजस्वी के हाथों में कैसे आ गई, ज्वालामुखी की तरह फटा बिहार का सियासी शोला, जानें 3 दिन में कब क्या-क्या हुआ

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 4 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि BJP से सत्ता फिसलकर तेजस्वी के हाथों में आ गई. बिहार में पिछले 3 दिन में जो कुछ हुआ, वह न सिर्फ राज्य की दिशा बल्कि पार्टियों के भविष्य को भी तय करेगा. आइये जानते हैं आखिर पिछले तीन दिन में क्या-क्या हुआ?

    7 अगस्त : दिन रविवार

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 7 अगस्त को हुई नीति आयोग की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. यह एक महीने में चौथा मौका था, जब नीतीश कुमार केंद्र सरकार के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे. इसके बाद अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. कयास लगाए जाने लगे कि आखिर नीतीश के मन में क्या चल रहा है. ऐसे माना जाने लगा कि नीतीश कुमार बीजेपी से दूरी बना रहे हैं. वे जल्द ही बीजेपी के साथ अपना नाता तोड़कर आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं. हालांकि जदयू और बीजेपी की ओर से कोई बयान नहीं आया. 

    8 अगस्त: दिन सोमवार

    8 अगस्त यानी सोमवार को नीतीश कुमार के बीजेपी से गठबंधन तोड़ने की चर्चा के बीच राज्य की सभी पार्टियां एक्टिव हो गईं. जहां नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने विधायकों, एमएलसी और सांसदों की 9 अगस्त को बैठक बुलाई. वहीं आरजेडी, कांग्रेस, हम और लेफ्ट पार्टियों ने भी अपने नेताओं, विधायकों और सांसदों से पटना आने को कहा. यहीं से हलचल तेज हो गई कि क्या बिहार कोई खेला होने वाला है. क्या बिहार सरकार बदलने का मौसम आ गया है. इसके बाद 9 अगस्त को सभी पार्टियों ने बैठक बुलाई. उधर बीजेपी वेट एंड वॉच की स्थिति में बनी रही. बीजेपी के नेता यह कहते रहे कि राज्य में एनडीए में सब कुछ ठीक चल रहा है. जदयू और बीजेपी की सरकार 2025 तक का कार्यकाल आसानी से पूरा करेगी. वहीं जदयू और आरजेडी के नेता भी कहते रहे कि यह सामान्य बैठक है.

    उधर सोमवार को दोपहर होते होते खबर आने लगी कि सीएम नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से बात की है. हालांकि यह जानकारी सामने नहीं आई कि नीतीश कुमार ने सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की है या नहीं. नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरों के बीच बीजेपी नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की. बताया जा रहा है कि कई बीजेपी नेताओं ने नीताश कुमार से फोन पर बात और उन्हें एनडीए में ही रहने को कहा. लेकिन नीतीश कुमार नहीं माने. खबर ये भी आई कि सोमवार देर रात गृह मंत्री अमित शाह ने भी फोन पर नीतीश कुमार से बात की. लेकिन वे भी उन्हें नहीं मना पाए. 

    9 अगस्त: दिन मंगलवार

    9 अगस्त यानी मंगलवार का दिन बिहार सत्ता परिवर्तन का दिन रहा. अब बिहार में बैठकों का दौर शुरू हुआ. जदयू ने विधायकों, एमएलसी और सांसदों की बैठक बुलाई. ये बैठक नीतीश कुमार के आवास पर हुई. इस दौरान नीतीश कुमार ने अपने नेताओं से कहा कि बीजेपी ने हमें कमजोर करने की कोशिश की, हर मौके पर हमें अपमानित किया. इस दौरान जदयू के नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार जो भी फैसला लेंगे, सभी उसका समर्थन करेंगे. बैठक में बीजेपी के साथ नाता तोड़ने का भी फैसला हो गया. उधर पटना में राबड़ी देवी के आवास पर राजद नेताओं की बैठक हुई. इस दौरान राजद नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव जो फैसला करेंगे, वे सभी उसका समर्थन करेंगे. इतना ही नहीं राबड़ी देवी के आवास पर कांग्रेस और लेफ्ट के विधायक भी पहुंचे और उन्होंने समर्थन का पत्र तेजस्वी यादव को दिया. 

    पार्टी नेताओं के साथ बैठक करने के बाद नीतीश कुमार ने शाम चार बजे राज्यपाल से मिलने का समय मांगा. नीतीश कुमार ने शाम 4 बजे राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा. इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि सब लोगों की इच्छा थी कि बीजेपी से अलग हो जाना चाहिए. विधायकों और सांसदों की सहमति के बाद फैसला लिया.  इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार सीधे राबड़ी आवास पहुंचे, जहां उन्होंने राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से मुलाकात की. इस दौरान नीतीश ने कहा कि अब बिहार में फिर से साथ में काम किया जाएगा. जो हुआ भूल जाइये. इसके बाद नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुन लिया गया. नेता चुनने के बाद नीतीश कुमार ने कहा है कि अब वे नई शुरुआत करने जा रहे हैं. नीतीश, तेजस्वी यादव के साथ राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया.  नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • अभी भी साफ नहीं हुई है नीतीश-तेजस्वी मंत्रिमंडल की तस्वीर, जानें बिहार में कितने मंत्री बन सकते हैं, सबसे बड़ा पेंच क्या था?

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. इस फार्मूले के तहत महागठबंधन के सबसे बड़े दल आरजेडी के सबसे अधिक मंत्री बन सकते हैं. इस बीच आरजेडी विधायक ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार में स्पीकर आरजेडी कोटे से बनेगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी होंगे विधानसभा के स्पीकर हो सकते हैं.

    इस नए गठबंधन की सरकार में सबसे बड़ा पेंच यह था कि मुख्यमंत्री कौन होगा, लेकिन अब नीतीश कुमार के नाम पर सहमति बन गई और उन्होंने शपथ ले ली है तो अब माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल के गठन में कोई बड़ा पेंच नहीं फंसेगा. बताया जा रहा है कि महागठबंधन में शामिल नेताओं को यह पता है किसके कितने मंत्री बनेगे और किसके खाते में कितनी सीटें आएंगी. अब सवाल यह है कि बिहार में कितने विधायक मंत्री बन सकते हैं. दरअसल बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं. किसी राज्य की विधानसभा की सीटों के 15 फीसदी ही मंत्री बन सकते हैं. इस तरह बिहार मंत्रिमंडल में कुल 36 विधायक मंत्री बन सकते हैं. जिसमें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ ले ली है. इस तरह अब बिहार कैबिनेट में 34 मंत्रियों की जगह खाली है.

    अगर विधायकों की संख्या देखें तो सबसे अधिक 79 विधायक आरजेडी के पास हैं. वहीं जदयू के पास 45 और कांग्रेस के 19 विधायक हैं. इसलिए विधायकों की संख्या के आधार पर सबसे अधिक मंत्री आरजेडी के कोटे से ही बनेंगे. वहीं अगर पिछली सरकार की बात करें तो उसमें सबसे बड़ी बार्टी बीजेपी थी. इस वजह से सरकार में उसके दो उपमुख्यमंत्री और 16 मंत्री शामिल थे. बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार की कैबिनेट में जगह का फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. ऐसे में विधानसभा में 79 विधायकों वाली पार्टी राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. कांग्रेस के हिस्से में तीन से चार मंत्री पद जा सकता है. 12 विधायकों वाली CPI(ML) ने सरकार में शामिल होने पर अभी कोई फैसला नहीं किया है. वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम को एक मंत्री पद मिल सकता है. भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा. महागठबंधन की सरकार में मंत्रियों के नाम तय करने में सामाजिक समीकरण का पूरा ख्याल रखा जायेगा. सबसे अधिक यादव विधायक चुनाव जीत कर आये हैं. ऐसे में यादव, अल्पसंख्यक और वैश्य व कुशवाहा जाति के मंत्रियों की संख्या अधिक होगी.

    नीतीश कैबिनेट के संभावित मंत्री

    RJD कोटे से– तेजप्रताप यादव, आलोक कुमार मेहता, अनिता देवी, जितेन्द्र कुमार राय, चन्द्रशेखर, कुमार सर्वजीत, बच्चा पांडेय, भारत भूषण मंडल, अनिल सहनी, शाहनवाज, अख्तरुल इस्लाम शाहीन,समीर महासेठ, भाई वीरेन्द्र, ललित यादव, कार्तिक सिंह, वीणा सिंह, रणविजय साहू, सुरेन्द्र राम

    JDU कोटे से– विजय कुमार चौधरी, विजेन्द्र प्रसाद यादव, अशोक चौधरी, उपेन्द्र कुशवाहा, शीला कुमारी, श्रवण कुमार, मदन सहनी, संजय कुमार झा, लेशी सिंह, सुनील कुमार, जयंत राज, जमा खान

    कांग्रेस कोटे से-मदन मोहन झा, अजीत शर्मा, शकील अहमद खान, राजेश कुमार
    हम (से) कोटे से- संतोष कुमार सुमन

    बता दें कि महागठबंधन के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और मुख्य सचिव मौजूद रहे. 24 और 25 अगस्त को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. वहीं 25 अगस्त को विधान परिषद् की कार्यवाही होगी. सदन में नए स्पीकर का चुनाव होगा और विधानसभा में महागठबंधन सरकार अपना बहुमत साबित करेगी. राजभवन में शपथ लेने के बाद सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक की. इस बैठक में विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया है. दरअसल मंगलवार को एनडीए से इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव और महागठबंधन के नेताओं के साथ मिलकर बिहार में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया. नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

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  • नीतीश कुमार CM तो तेजस्वी ने डिप्टी सीएम पद की ली शपथ, मुकेश सहनी बोले-बिहार विकास के पथ पर सरपट दौड़ेगा

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने. विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी दोनों नेताओं को बधाई देते हुए आशा व्यक्त किया है कि आपके नेतृत्व में अब बिहार विकास के पथ पर सरपट दौड़ेगा. सहनी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को अनुभवी और युवा की जोड़ी बताते हुए कहा कि आज देश विकट परिस्थितियों से गुजर रहा है, जिसमें सभी विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत है. आज इन दोनों नेताओं ने देश के विपक्षी दलों को राह दिखाई है.

    मुकेश सहनी ने कहा कि आज संविधान, लोकतंत्र को ही नहीं आजादी के मूल्यों और सपनों पर भी लगातार हमले किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1977 में आपातकाल से देश को छुटकारा मिला, आज एकबार फिर देश में चल रहे अघोषित आपातकाल के खिलाफ मुहिम की शुरूआत बिहार से हो गई है. ’सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से चर्चित सहनी ने कहा कि भाजपा के निशाने पर दलित, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा इन लोगों के वाजिब हक भी नहीं देना चाहती.

    आठवीं बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद बीजेपी को चुनौती देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जिनको 2014 में जनादेश मिला है उनको 2024 में मिलेगा क्या. सीएम नीतीश ने कहा कि 2020 का चुनाव हुआ उसमें जेडीयू के साथ सही नहीं हुआ. सारे लोग उसी समय से हमें बोल रहे थे. अब जो लोग 2015 में साथ थे वो फिर से साथ हुए हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग विपक्ष के खत्म होने की बात कह रहे हैं, लेकिन विपक्ष खत्म नहीं होगा, लोगों को जो करना है वो करते रहेंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष में हम पहले भी थे, आगे भी रहेंगे और साथ रहेंगे. दरअसल बिहार दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि आने वाले दिनों में क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएगी और सिर्फ बीजेपी बचेगी.

    इससे पहले तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद ऐलान किया है कि अगले एक महीने में राज्य के गरीबों और युवाओं को बंपर रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह इतना भव्य होगा, जैसा किसी और राज्य में अबतक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बिहार ने वह किया है, जिसे देश को जरूरत थी. हमने उन्हें एक रास्ता दिखाया है. हमारी लड़ाई बेरोजगारी के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गरीबों और युवाओं के दर्द को महसूस करते हैं. तेजस्वी ने कहा कि हमने नीतीश कुमार से बात की वो सभी बातों पर सहमत हैं. हम जल्द ही दो से तीन महीनों में युवाओं को रोजगार देने की कवायद शुरू करेंगे.

    बता दें कि बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाई है. नीतीश कुमार को आरजेडी के अलावा कांग्रेस, वाम दल, हम का समर्थन मिला है. उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है. नीतीश कुमार ने बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस समारोह में तेजस्वी यादव ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा. इसपर चर्चा जारी है. इस बीच आरजेडी विधायक ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार में स्पीकर आरजेडी कोटे से बनेगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी होंगे विधानसभा के स्पीकर हो सकते हैं. वहीं नीतीश कुमार की नई सरकार में 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार मंत्रियों की संभावित लिस्ट तैयार हो चुकी है. बस औपचारिक ऐलान बाकी है.

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