Category: nitish kumar

  • बिहार की सियासत में भूचाल आने वाला है?, JDU और RJD के सभी विधायकों को तुरंत बुलाया गया पटना, मांझी भी कर रहें बैठक

    लाइव सिटीज पटना: आरसीपी सिंह के जेडीयू से इस्तीफे के बाद से बिहार की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. बिहार की पॉलिटिक्स में आने वाले कुछ दिन काफी महत्वपूर्ण होने वाला है. दरअसल जदयू और आरजेडी के सभी विधायकों को तुरंत पटना आने को कहा गया है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू सांसदों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद रहेंगे. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक में भी नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. वहीं दूसरी ओर आज यानी रविवार को जेडीयू नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि उनकी पार्टी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी. इसके बाद ललन सिंह ने भी कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल होने की क्या जरूरत है. 2019 में नीतीश कुमार का निर्णय था कि हम मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगे. ऐसे में बिहार के सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है. क्या बिहार की सियासत में भूचाल आने वाला है क्या.

    दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 9 अगस्त को जेडीयू सांसदों की बैठक बुलाई है. पार्टी के सभी सांसदों को सोमवार शाम तक पटना आने के लिए कहा गया है. इस बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद रहेंगे. बैठक का विषय अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है. हालांकि बताया जा रहा है कि बीजेपी का साथ गठबंधन के भविष्य को लेकर चर्चा हो सकती है. वहीं जदयू के साथ ही आरजेडी के सभी विधायकों को तुरंत पटना आने को कहा गया है. वहीं दूसरी ओर 9 अगस्त को HAM विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के आवास पर यह मीटिंग होनी है. बताया जा रहा है कि मौजूदा सियासी हालात को लेकर बैठक होगी.

    हाल ही में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने गठबंधन पर कहा कि आज हैं कल किसका भरोसा. उन्होंने कहा कि हम बीजेपी से गठबंधन की बात को नकार नहीं रहे हैं. मगर अभी इस पर बात करने का कोई मतलब नहीं है. जब चुनाव आएंगे तब देखा जाएगा. ललन सिंह ने कहा कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को लेकर एक साजिश रची गई थी, चिराग मॉडल. उसका क्या हश्न हुआ सबको पता है. ललन सिंह ने बीजेपी का नाम लिए बगैर तगड़ा निशाना साधा. उन्होंने कहा, साजिश कौन कर रहा है. सबको पता है. वक्त आएगा तो खुलकर बता देंगे. ललन सिंह ने चिराग मॉडल की तरह एक और मॉडल तैयार किया जा रहा था. जिसको समय रहते समझ कर सही कर लिया गया.

    बता दें कि नीतीश कुमार लगातार बीजेपी के रवैया से नाराज चल रहे हैं. उन्होंने BJP से दूरी बनानी शुरू कर दी. ऐसे कई मौके आए जब नीतीश कुमार को दिल्ली जाना था, लेकिन वे नहीं गए. पहला मौका उस समय आया जब गृह मंत्री अमित शाह ने सभी NDA शासित राज्यों के सीएम को तिरंगा झंडा फहराने के लिए दिल्ली बुलाया था, लेकिन वे नहीं गए. वहीं दूसरा मौका तब आया जब पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई समारोह में नीतीश कुमार को निमंत्रण दिया गया था, लेकिन वो नहीं गए. उसी तरह नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी नीतीश कुमार ने दूरी बनाए रखी. जबकि आज यानी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए. ऐसे में बिहार के सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है. क्या बिहार की सियासत में भूचाल आने वाला है क्या.

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  • बिहार NDA में घमासान, JDU के वार पर BJP का पलटवार, कहा-ये तो ललन सिंह ही बता सकते हैं

    लाइव सिटीज पटना: आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद से बिहार की सियासत और जदयू में घमासान मचा हुआ है. वहीं अब इसका असर एनडीए (NDA) गठबंधन पर भी पड़ने लगा है. आज जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिना नाम लिए बीजेपी पर हमला बोला. जिसके जवाब में बीजेपी की ओर से भी पलटवार किया गया है. बिहार बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि ललन सिंह किस पर आरोप लगा रहे हैं यह वही बता सकते हैं. हम लोग को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. दरअसल ललन सिंह ने चिराग मॉडल का जिक्र कर बीजेपी पर निशाना साधा है और बताया कि जदयू के साथ साजिश हुई थी.

    जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के बयान पर सवाल खड़ा करते हुए बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि अगर वो बीजेपी या किसी और पर आरोप लगा रहे हैं तो उनको ये बात स्पष्ट करनी चाहिए. क्या महाराष्ट्र के तर्ज पर बिहार में बीजेपी आरसीपी के जरिये कोई खेल करने की तैयारी में थी? अरविंद सिंह ने आगे कहा कि हां बिहार में बीजेपी खेल कर रही है. नीतीश को मुख्यमंत्री बनाकर विकास का खेल बिहार में कर रही है. विकास का इतिहास लिख रही है. पटना में मरीन ड्राइव बना. कई तरह के काम हो रहे हैं. बिहार में NDA के नेता नीतीश हैं. देश में नरेंद्र मोदी. ललन सिंह ने कहा कि जेडीयू डूबता हुआ जहाज नहीं, दौड़ता हुआ जहाज है. ये आने वाला समय बताएगा. नीतीश कुमार ने समय रहते भांप लिया और जहाज को ठीक कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश रची जा रही है.

    चिराग मॉडल का नाम लेकर बीजेपी पर हमला करते हुए ललन सिंह ने कहा कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को लेकर एक साजिश रची गई थी, चिराग मॉडल. उसका क्या हश्न हुआ सबको पता है. उन्होंने कहा कि ठीक उसी तरह से एक और मॉडल तैयार किया जा रहा था. जिसको समय रहते समझ कर सही कर लिया गया. ललन सिंह ने बीजेपी का नाम लिए बगैर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि साजिश कौन कर रहा है. सबको पता है. वक्त आएगा तो खुलकर बता देंगे. ललन सिंह ने कहा कि 2020 चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग पासवान के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था.

    बता दें कि ललन सिंह ने आरसीपी सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि जो कहते है, जदयू डूब जाएगी. आपको पता है, जब जहाज डूबता है तो सबसे पहले कौन भागता है. वो सत्ता के साथी है. इसलिए पार्टी को छोड़कर भाग गए. ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह कभी संघर्ष के साथ नहीं रहे. वह केवल सत्ता के साथी रहे. आरसीपी सिंह के आरोप पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने करारा जवाब देते हुए कहा कि आरसीपी सिंह को तो जाना ही था. क्योंकि उनका तन जदयू में था और मन कहीं और था. साथ ही ललन सिंह ने कहा कि 2020 चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग पासवान के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था.

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  • तेजस्वी, षड्यंत्र, ‘चिराग मॉडल’, JDU का एक ही मालिक, अभी ट्रेलर फिल्म बाद में, ललन सिंह आज खूब बोले, कई संकेत भी दिए

    लाइव सिटीज पटना: आरसीपी सिंह के जदयू छोड़ने के बाद बिहार का सियासी तापमान सातवें आसमान पर है. बिहार की सियासत में कहे या जदयू के अंदर घमासान मचा हुआ है. आरसीपी सिंह जेडीयू से इस्तीफा देने के बाद लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू पर हमलावर हैं. आरसीपी सिंह के आरोप पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने करारा जवाब दिया है. ललन सिंह ने पटना स्थित पार्टी दफ्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर षड्यंत्र, ‘चिराग मॉडल’, JDU का एक ही मालिक, अभी ट्रेलर फिल्म बाद देखिएगा इन तमाम मुद्दों पर खुलकर बात की. ललन सिंह ने कहा कि पार्टी का मालिक एक है, जिसका नाम नीतीश कुमार हैं. वहीं आरसीपी सिंह को लेकर कहा कि वह कभी संघर्ष के साथ नहीं रहे. वह केवल सत्ता के साथी रहे. साथ ही ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश रची जा रही थी.

    ललन सिंह ने कहा कि जदयू डूबता हुआ जहाज नहीं, दौड़ता हुआ जहाज है. ये आने वाला वक्त बताएगा. नीतीश कुमार ने समय रहते भाप लिया और जहाज को ठीक कर दिया. उन्होंने कहा, जो कहते है, जदयू डूब जाएगी. आपको पता है, जब जहाज डूबता है तो सबसे पहले कौन भागता है. वो सत्ता के साथी है. इसलिए पार्टी को छोड़कर भाग गए. केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू के शामिल होने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल होने की क्या जरूरत है. 2019 में नीतीश कुमार का निर्णय था कि हम मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगे. देश में महंगाई के मुद्दे को राजद के उठाने को लेकर ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी को लगता है यह जनता का मुद्दा है. उन्होंने उठाया है तो हम विरोध क्यों करें.

    ललन सिंह ने कहा कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को लेकर एक साजिश रची गई थी, चिराग मॉडल. उसका क्या हश्न हुआ सबको पता है. उन्होंने कहा, ठीक उसी तरह से एक और मॉडल तैयार किया जा रहा था. जिसको समय रहते समझ कर सही कर लिया गया. ललन सिंह ने बीजेपी का नाम लिए बगैर तगड़ा निशाना साधा. उन्होंने कहा, साजिश कौन कर रहा है. सबको पता है. वक्त आएगा तो खुलकर बता देंगे. आरसीपी सिंह के आरोप पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने करारा जवाब देते हुए कहा कि आरसीपी सिंह को तो जाना ही था. क्योंकि उनका तन जदयू में था और मन कहीं और था. साथ ही ललन सिंह ने कहा कि 2020 चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग पासवान के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था.

    ललन सिंह ने कहा कि सत्ता हाथ से चला गया, इसीलिए आरसीपी सिंह बौखला गए हैं. उन्होंने कहा कि 2020 चुनाव में एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था. षड्यंत्र रचने वालों की अब पहचाई हो गई है. ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार भूंजा खाते है उसमें भी आरसीपी को आपत्ति है. भूंजा खाकर ही इतना विकास कर दिए कि आज पूरी दुनिया में नीतीश कुमार के विकास की चर्चा हो रही है. राज्यसभा टिकट नहीं देने के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि राज्यसभा का टिकट नहीं भी मिला था तो संघर्ष करना चाहिए था. ललन सिंह ने दावा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश हुई थी. उसका भी खुलासा करेंगे. ललन सिंह ने कहा कि हमलोग केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल नहीं होंगे क्योंकि 2019 में सीएम नीतीश कुमार ने फैसला लिया था. 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का आरसीपी सिंह का फैसला था.

    बता दें कि जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. साथ ही उन्होंने जदयू के दो सीनियर लीडर ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा पर भी निशाना साधा है. आरसीपी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की है. शनिवार को जदयू ने अपने कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से जवाब मांगा था. जेडीयू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की गई.

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  • नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश रचने वालों की अब पहचान हो गई है, जल्द खुलासा किया जाएगा, ललन सिंह का बड़ा दावा

    लाइव सिटीज पटना: जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आरसीपी सिंह के आरोप पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने करारा जवाब दिया है. ललन सिंह ने पटना स्थित पार्टी दफ्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आरसीपी सिंह कभी संघर्ष के साथी नहीं रहे, वे सिर्फ सत्ता के साथी रहे हैं. आरसीपी सिंह कहते हैं जेडीयू डूबता जहाज है तो मैं बताना चाहता हूं कि जेडीयू डूबता हुआ जहाज नहीं दौड़ता हुआ जहाज है. ललन सिंह ने दावा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश हुई थी. उसका भी खुलासा करेंगे.

    ललन सिंह ने कहा कि 2020 चुनाव में एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था. षड्यंत्र रचने वालों की अब पहचाई हो गई है. जल्द खुलासा किया जाएगा, अभी ट्रेलर देखिए, फिल्म बाद में देखिएगा. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह के रूप में दूसरा चिराग मॉडल तैयार किया जा रहा था. ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार भूंजा खाते है उसमें भी आरसीपी को आपत्ति है. भूंजा खाकर ही इतना विकास कर दिए कि आज पूरी दुनिया में नीतीश कुमार के विकास की चर्चा हो रही है.

    आरसीपी सिंह के आरोप पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने करारा जवाब देते हुए कहा कि आरसीपी सिंह को तो जाना ही था. क्योंकि उनका तन जदयू में था और मन कहीं और था. साथ ही ललन सिंह ने कहा कि 2020 चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग पासवान के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था. RCP सिंह को आड़े हाथों लेते हुए ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जिसकी पहचान बनाई, वह नीतीश कुमार के बारे में इस तरह के बात कह रहा है. नीतीश कुमार ने हमें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया. हम पार्टी के केयरटेकर है. अगर कोई केयर टेकर अपने आपके मालिक समझता है तो यह उसकी भूल है, पार्टी के मालिक सिर्फ नीतीश कुमार ही हैं.

    ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह को जेडीयू का कोई ज्ञान नहीं है. वे जेडीयू को डूबता हुआ जहाज बताते हैं. आप तो जानते हैं कि जहाज डूबता है तो कौन पहले भागता है. लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि जेडीयू डूबता जहाज नहीं है. इसमें जो छेद हो रहे थे, उन्हें सही कर दिया गया है. अब नीतीश कुमार की जेडीयू दौड़ता जहाज है. आरसीपी सिंह को तो पार्टी छोड़कर जाना ही था क्योंकि उनका तन यहां था लेकिन मन कहीं और था. उनका मन कहां था इस सवाल का जवाब तो केवल आरसीपी सिंह ही दे सकते हैं. उनका जहां मन है, वो वहां जा सकते हैं.

    ललन सिंह ने कहा कि सत्ता हाथ से चला गया, इसीलिए आरसीपी सिंह बौखला गए हैं. उन्होंने कहा कि 2020 चुनाव में एक षड्यंत्र रचा गया था चिराग के रूप में और अब आरसीपी सिंह के रूप में रचा जा रहा था. षड्यंत्र रचने वालों की अब पहचाई हो गई है. ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार भूंजा खाते है उसमें भी आरसीपी को आपत्ति है. भूंजा खाकर ही इतना विकास कर दिए कि आज पूरी दुनिया में नीतीश कुमार के विकास की चर्चा हो रही है. राज्यसभा टिकट नहीं देने के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि राज्यसभा का टिकट नहीं भी मिला था तो संघर्ष करना चाहिए था. ललन सिंह ने दावा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार के खिलाफ साजिश हुई थी. उसका भी खुलासा करेंगे. ललन सिंह ने कहा कि हमलोग केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल नहीं होंगे क्योंकि 2019 में सीएम नीतीश कुमार ने फैसला लिया था. 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का आरसीपी सिंह का फैसला था.

    बता दें कि जदयू से इस्तीफा देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. साथ ही उन्होंने जदयू के दो सीनियर लीडर ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा पर भी निशाना साधा है. आरसीपी सिंह पर आरोप है कि उन्होंने परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की है. शनिवार को जदयू ने अपने कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से जवाब मांगा था. जेडीयू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की गई.

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  • RCP सिंह प्रकरण में CM नीतीश हुए एक्टिव, बुलाई बैठक, सभी को पटना में रहने का निर्देश, कुछ बड़ा होने वाला है क्या?

    लाइव सिटीज पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे से बिहार की सियासत में घमासान मचा हुआ है. इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला हैं. वहीं जदयू की ओर RCP सिंह को जवाब दिया गया है कि कल नीतीश कुमार के साथ थे, आज हमला कर रहे हैं. वहीं आरसीपी प्रकरण पर बीजेपी ने भी चुप्पी साध ली है. दरअसल जेडीयू द्वारा आरसीपी सिंह के खिलाफ अकूत संपत्ति बनाने का आरोप लगाकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. जिसके बाद उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से शनिवार देर शाम इस्तीफा दे दिया. हालांकि इस मामले में नीतीश कुमार का कोई बयान तो सामने नहीं आया है. लेकिन वह एक्टिव हो गए हैं. सीएम ने पार्टी के सभी सांसदों की बैठक बुलाई है.

    दरअसल आरसीपी प्रकरण में सीएम नीतीश कुमार एक्टिव हो गए हैं. सीएम नीतीश 9 अगस्त को पार्टी के सभी सांसदों के साथ बैठक करेंगे . जदयू के सभी सांसदों को पटना में रहने का निर्देश दिया गया है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत पार्टी के सभी सांसद इस बैठक में मौजूद रहेंगे. इस बैठक में सीएम क्या करने वाले हैं. इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. वहीं अब आरसीपी सिंह को जवाब देने के लिए खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सामने आ रहे हैं. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह आज दोपहर 4:00 बजे प्रेस कांफ्रेंस करने जा रहे हैं. यह बात लगभग तय मानी जा रही है कि ललन सिंह आरसीपी सिंह की तरफ से बोले गए हमलों का जवाब देंगे. आरसीपी सिंह पर ललन सिंह आज कई बड़े खुलासे कर सकते हैं. इस प्रेस कांफ्रेंस में जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा भी मौजूद रहेंगे.

    बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था. जेडीयू द्वारा आरसीपी सिंह के खिलाफ अकूत संपत्ति बनाने का आरोप लगाकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. जिसके बाद उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से शनिवार देर शाम इस्तीफा दे दिया. जदयू से इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार सात जन्म में भी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे. जेडीयू डूबता हुआ जहाज है, अब इस पार्टी में कुछ नहीं बचा है. वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों पर आरसीपी सिंह ने कहा कि सब कुछ का इलाज हो सकता है, ईर्ष्या का नहीं. आज मेरे ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है. मेरे या मेरी बेटी के नाम पर जो भी जमीन है उसके सारे दस्तावेज हैं. इनकम टैक्स के रिटर्न फाइल में सबका जिक्र है.

    बता दें कि शनिवार को जदयू ने अपने कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा था. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से जवाब मांगा था. जेडीयू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की गई. उमेश सिंह कुशवाहा ने सिंह को पत्र में लिखा है कि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे नेता (नीतीश कुमार) भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के साथ काम कर रहे हैं और वह अपने लंबे राजनीतिक करियर में बेदाग रहे हैं. वहीं जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह खुलासा करना उचित नहीं है कि आरोप किसने लगाए हैं. लेकिन स्पष्टीकरण मांगा गया है. पार्टी उनके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगी.

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  • जदयू से इस्तीफा देते ही RCP सिंह ने नीतीश कुमार पर लगाए कई गंभीर आरोप, कहा-JDU डूबता हुआ जहाज, अब कुछ नहीं बचा

    लाइव सिटीज पटना: भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रह चुके आरसीपी सिंह ने जदयू से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने नया संगठन बनाने का संकेत दिया है. इससे पहले सुबह ही पार्टी ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा था. जदयू से इस्तीफा देते ही आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. अपने ऊपर लगे गंभीर आरोप पर आरसीपी सिंह ने कहा कि साजिश के तहत आरोप लगाया गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कार्यकर्ताओं से भी साथ चलने का आह्वान किया है.

    आरसीपी सिंह ने इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. तो नीतीश कुमार के पास कितने एमपी थे, उसके बावजूद भी उस पार्टी के लोगों ने इन्हें केंद्र में रेलवे मंत्रालय दिया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में बीजेपी की अहम भूमिका रही. अटल-आडवाणी की बदौलत ही नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. आरसीपी सिंह ने कहा कि आज बीजेपी की कृपा से ही नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं. 43 विधायक वाली पार्टी को बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनाया है.

    आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि राज्यसभा टिकट काटे जाने से पहले उन्होंने बात तक नहीं की. कोई कटसी भी नहीं निभाई, यह कहने की कि आपका टिकट काटा जा रहा है. आरसीपी सिंह ने कहा कि बार-बार यह कहा जा रहा था कि राज्यसभा में आरसीपी सिंह के दो टर्म हो चुके हैं. तो मैं पूछता हूं कि यह नियम तो और लोगों पर भी लागू होता है. सीएम नीतीश का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि खुद कितने टाइम से रह रहे हैं. नियम तो सभी पर बराबर लागू होगा.

    आरसीपी सिंह ने कहा कि मैंने सारी बातों पर सोच-विचार कर फैसला किया है. फिलहाल मैं मीडिया के माध्यम से इस्तीफा देने की घोषणा करता हूं, इसके तुरंत बाद में पार्टी को पत्र भी भेज दूंगा. मैंने पिछले कई महीनों से देखा है कि पार्टी में अब कुछ नहीं बच गया है. पार्टी में एक कार्यक्रम तक नहीं हो रहा. पिछला कार्यक्रम मैंने पिछले वर्ष 4 जुलाई को किया था. पार्टी कार्यकर्ताओं का क्या हाल बना कर रखा गया. आरसीपी सिंह ने कहा कि बिना कुछ सोचे-समझे पार्टी ने मुझे पत्र भेज दिया, मुझसे व्यक्तिगत रूप से पूछा भी जा सकता था. मगर पार्टी ने ऐसा नहीं किया.

    बता दें कि जदयू के कोटे से केन्द्र में मंत्री रहे आरसीपी सिंह को कुछ वक्त पहले ही मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. दरअसल पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं दिया और उनका कार्यकाल खत्म हो गया था. इतना ही नहीं वो पार्टी में लंबे समय से उपेक्षित भी थे. अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में उन पर अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया. ये उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश थी. राज्यसभा के लिए एक और कार्यकाल से इनकार से उनका मंत्री पद भी चला गया और पार्टी में उनके करीबी समझे जाने वाले नेताओं को बाहर कर दिया गया.

    बतातें चलें कि बिहार जेडीयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजकर अकूत संपत्तियों और अनियमितताओं पर जवाब मांगा है. उमेश कुशवाहा के द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित की गई है. इसमें कई तरह की अनियमितताएं नजर आ रही हैं. जदयू ने आरसीपी सिंह से पूछा कि आप इस बात से अवगत हैं कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं और इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता पर कभी कोई दाग नहीं लगा और ना उन्होंने कोई संपत्ति बनाई. इसलिए निर्देशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिंदुओं पर बिंदुवार अपनी राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएं.

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  • नीतीश कुमार के मन में क्या है?, एक महीने में दूसरी बार PM मोदी की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे CM नीतीश, अटकलें तेज

    लाइव सिटीज पटना: बिहार की सियासत में इन दिनों काफी कुछ हो रहा है. हाल के दिनों में बीजेपी और जेडीयू के बीच रिश्तों में तल्खी थोड़ी बढ़ गई है. कई मुद्दों पर बीजेपी और जेडीयू के सुर अलग-अलग रहे हैं. इस बीच खबर आ रही है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक में नीतीश कुमार शामिल नहीं होंगे. एक महीने के अंदर यह दूसरी बार होगा, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली बैठक में शामिल नहीं होंगे. ऐसे में बिहार के सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म है. आखिर नीतीश कुमार के मन में क्या चल रहा है. क्या बिहार में कोई बड़ा सियासी बदलाव होने वाला है क्या.

    दरअसल सोमवार, 8 अगस्त 2022, को पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की दिल्ली में बैठक होने जा रही है और इस बैठक में सीएम नीतीश शामिल नहीं होंगे. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक में डिप्टी सीएम तारकिशोर को भेजना चाहते थे लेकिन उनको बताया गया कि इस बैठक में केवल मुख्यमंत्री ही शामिल हो सकते हैं. बता दें कि नीतीश कुमार नीति आयोग की रैंकिंग से नाराज रहते हैं. नीति आयोग की रैंकिंग में बिहार को विकसित राज्यों में सबसे हमेशा नीचे रखा जाता है और इसे लेकर नीतीश कुमार ने अपनी नाराजगी भी जताई है.

    बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले महीने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए पीएम मोदी द्वारा आयोजित रात्रिभोज और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी नीतीश कुमार ने हिस्सा नहीं लिया था. नीतीश कुमार ने उस बैठक में राज्य के डिप्टी सीएम को भेजा था. बतातें चलें कि बीजेपी और जेडीयू के बीच काफी समय से शह मात का खेल हो रहा है. हालांकि इसमें अभी बड़े नेताओं की एंट्री नहीं हुई है. ना तो नीतीश कुमार करीबी बीजेपी की खिलाफत करते हैं ना ही बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व खुलेआम कुछ कहता है.

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  • RCP सिंह ने बेहिसाब संपत्ति बना ली, लेकिन ये मामला अभी तक सामने क्यों नहीं आया था?, एक और चौंकाने वाला खुलासा

    लाइव सिटीज पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह पर उनकी ही पार्टी ने गंभीर आरोप लगाते हुए नोटिस भेजा है. जेडीयू का आरोप है कि आरसीपी सिंह ने पार्टी में रहते हुए करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति अपने और अपने परिवार के नाम कर दी. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जिसे लेकर बिहार की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. वहीं इस मामले की पार्टी में शिकायत करने वाले और रहुई प्रखंड (नालंदा) के जेडीयू अध्यक्ष संजय कुमार पटेल उर्फ राकेश कुमार ने शनिवार को एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है.

    जब आरसीपी सिंह मामले को लेकर रहुई प्रखंड (नालंदा) के जेडीयू अध्यक्ष संजय कुमार पटेल उर्फ राकेश कुमार यानी शिकायतकर्ता से पूछा गया कि आखिर ये मामला अभी ही उन्होंने क्यों सामने लाया?. इस पर संजय कुमार ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई बार देना चाहा, लेकिन आरसीपी सिंह के आगे-पीछे रहने वाले लोग मिलने नहीं देते थे. इनके डर से हम लोग हिम्मत भी नहीं जुटा पाते थे. उन्होंने कहा कि कई बार हिम्मत जुटाई और लिखा भी था हम लोगों ने लेकिन किसी भी चीज का समय होता है. इसलिए अभी हुआ है. दरसल एक समय आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दाहिने हाथ थे. पार्टी में उनकी खूब चलती थी.

    बता दें कि रहुई प्रखंड (नालंदा) के जेडीयू अध्यक्ष संजय कुमार ने ही पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को लिखित में आरसीपी सिंह मामले में आवेदन दिया था. आवेदन के जरिए शीर्ष नेतृत्व को इसकी जानकारी दी गई कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने वर्ष 2013 से 2022 तक पार्टी में रहते हुए करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति अपने और अपने परिवार के नाम कर दी. जदयू नेता ने सबूत के साथ बताया कि आरसीपी सिंह ने नालंदा जिले के अस्थावां ब्लॉक में 40 बीघा, इस्लामपुर ब्लॉक में 30 बीघा, राजगीर और बिहार ब्लॉक में भी इनके नाम या इनके परिवार के नाम पर काफी जमीन है. जिसके बाद जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

    आरसीपी सिंह पर साल 2013-2022 तक प्रॉपर्टी अर्जित करने का आरोप है. जदयू ने आरसीपी सिंह को इस मामले में नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें बताया गया है कि आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति बनाई गई है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर विश्वास रखती है. सूचना मिलने पर उसी के आधार पर पार्टी ने नोटिस जारी किया है. पार्टी ने नोटिस जारी कर आरसीपी सिंह से पार्टी में शीर्ष स्तर पर रहते हुए जो भी संपत्ति अर्जित की उसके बारे में जानकारी देने को कहा है. पार्टी को उनके जवाब का इंतजार है, उसके बाद ही पार्टी आगे की कार्रवाई करेगी.

    बता दें कि बिहार जेडीयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजकर अकूत संपत्तियों और अनियमितताओं पर जवाब मांगा है. उमेश कुशवाहा के द्वारा भेजे गए पत्र सह नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित की गई है. इसमें कई तरह की अनियमितताएं नजर आ रही हैं. जदयू ने आरसीपी सिंह से पूछा कि आप इस बात से अवगत हैं कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं और इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता पर कभी कोई दाग नहीं लगा और ना उन्होंने कोई संपत्ति बनाई. इसलिए निर्देशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिंदुओं पर बिंदुवार अपनी राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएं.

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  • नीतीश सरकार ने खोला नौकरियों का पिटारा, इतने पदों पर होगी बहाली, बनाए गए नए पद, कैबिनेट का बड़ा फैसला

    लाइव सिटीज पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्य सचिवालय के कैबिनेट हॉल में हुई कैबिनेट की बैठक में रोजगार को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. राज्य में बढ़ती बेरोजगारी और युवाओं के गुस्से को देखते हुए नीतीश सरकार ने अब नौकरियों का पिटारा खोल दिया है. बिहार पुलिस सेवा के लिए 181 नए पद बनाए गए हैं. वहीं सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैफिक में 16 पद जबकि साइबर क्राइम को रोकने के लिए 405 नए पद बनाए हैं. कैबिनेट में यह भी बड़ा फैसला हुआ है कि बिहार में ट्रैफिक आईजी का भी पद होगा. वहीं बुडको में 178 इंजीनियर के पद को मंजूरी मिली है जबकि SDRF में 393 पदों को कैबिनेट की मंजूरी मिली है.

    आर्थिक अपराध इकाई में पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों के कुल 405 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से पुलिस महानिरीक्षक यातायात (ट्रैफिक आईजी) सहित उनके कार्यालय के लिए कुल 16 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. बिहार पुलिस सेवा संवर्ग के 181 अतिरिक्त नए पदों के सृजन एवं पदनाम के अनुमोदन की स्वीकृति दी गई है. वहीं एसडीआरएफ में प्रतिनियुक्ति के लिए बिहार विशेष सशष्त्र पुलिस में 20 निरीक्षक, 75 अवर निरीक्षक, 59 हेड कांस्टेबल, 14 हेड कांस्टेबल चालक एवं 225 कांस्टेबल सहित कुल 393 अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है.

    बिहार कैबिनेट में 23 एजेंडों पर लगी मुहर

    बिहार पुलिस सेवा संवर्ग में 181 पद सृजित
    कई प्रमुख जिलों में ग्रामीण एसपी की तैनाती
    ट्रैफिक में 16 पद, साइबर क्राइम में 405 पद
    बिहार में ट्रैफिक आईजी का भी होगा पद
    बुडको में 178 इंजीनियर के पद का सृजन
    SDRF में 393 पदों के सृजन को मंजूरी

    इसके अलावे बिहार कैबिनेट की बैठक में 23 एजेंडे पर मुहर लगी है. पटना उच्च न्यायालय के डिजिटाइजेशन कोषांग के गठन के लिए 5 वर्षों के लिए अस्थाई रूप से सृजित 62 पदों का अगले 5 वर्षों के लिए अवधि विस्तार किया गया है. स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर सजावार बंदियों को विशेष परिहार का लाभ देकर कारामुक्त करने की स्वीकृति दी गई है. वहीं सारण में पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय के भवन निर्माण के लिए ₹50 करोड़ 30 लाख 51000 की स्वीकृति दी गई है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक के अधीन गठित परियोजना निर्माण एवं अनुश्रवण इकाई का अवधि विस्तार किया गया है.

    बिहार में डुमरांव, अमरपुर, संपतचक, बिहटा, फतुहा, चनपटिया, लौरिया, शाहपुर पटोरी, मनिहारी, पातेपु,र बनमनखी में स्थाई रूप से नया अवर निबंधन कार्यालय खोले जायेंगे. साथ ही इन अवर निबंधन कार्यालयों में अवर निबंधक व अन्य कर्मियों के एक-एक पद के सृजन की स्वीकृति दी गई है. मद्ध निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग में प्रमंडल स्तर एवं मुख्यालय स्तर पर तकनीकी सहयोग के लिए बिहार निबंधन सेवा के जिला अवर निबंधक के दो एवं अवर निबंधक के 9 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. बिहार नगर पालिका अधिनियम के तहत पहाड़ी क्षेत्र, तीर्थ स्थल, पर्यटन स्थल या मंडी शहर के लिए पृथक जनसंख्या आधारित करने की स्वीकृति दी गई है. वहीं कृषि विभाग की ओर से डीजल अनुदान में बदलाव किया गया है. डीजल पर अनुदान को 60 रुपए से बढ़ाकर 75 रुपए प्रति लीटर किया गया है. डीजल के बढ़ते दाम को लेकर सरकार ने यह फैसला किया है.

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  • पुलिस सेवा के लिए 181 नए पद, सड़क दुर्घटना और साइबर क्राइम को रोकने के लिए बड़ा फैसला, बिहार कैबिनेट में 23 एजेंडों पर लगी मुहर

    लाइव सिटीज पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्य सचिवालय के कैबिनेट हॉल में हुई कैबिनेट की बैठक में 23 एजेंडे पर मुहर लगी है. कैबिनेट ने अनुवांशिक बीमार के लिए 6 लाख की मदद देने का फैसला लिया है. वहीं बिहार पुलिस सेवा के लिए 181 नए पद बनाए गए हैं. जबकि कई प्रमुख जिलों में ग्रामीण एसपी की तैनाती की जाएगी. सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैफिक में 16 पद बनाए जबकि साइबर क्राइम को रोकने के लिए 405 नए पद बनाए हैं. कैबिनेट में यह भी बड़ा फैसला हुआ है कि बिहार में ट्रैफिक आईजी का भी पद होगा. वहीं बुडको में 178 इंजीनियर के पद को मंजूरी मिली है जबकि SDRF में 393 पदों को कैबिनेट की मंजूरी मिली है.

    आर्थिक अपराध इकाई में पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों के कुल 405 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से पुलिस महानिरीक्षक यातायात सहित उनके कार्यालय के लिए कुल 16 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. बिहार पुलिस सेवा संवर्ग के 181 अतिरिक्त नए पदों के सृजन एवं पदनाम के अनुमोदन की स्वीकृति दी गई है. एसडीआरएफ में प्रतिनियुक्ति के लिए बिहार विशेष सशष्त्र पुलिस में 20 निरीक्षक, 75 अवर निरीक्षक, 59 हेड कांस्टेबल, 14 हेड कांस्टेबल चालक एवं 225 कांस्टेबल सहित कुल 393 अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है.

    बिहार कैबिनेट में 23 एजेंडों पर लगी मुहर

    डीजल अनुदान 60 से बढ़कर 65 रुपए हुआ
    अनुवांशिक बीमार के लिए 6 लाख की मदद
    बिहार पुलिस सेवा संवर्ग में 181 पद सृजित
    कई प्रमुख जिलों में ग्रामीण एसपी की तैनाती
    ट्रैफिक में 16 पद, साइबर क्राइम में 405 पद
    बिहार में ट्रैफिक आईजी का भी होगा पद
    बुडको में 178 इंजीनियर के पद का सृजन
    SDRF में 393 पदों के सृजन को मंजूरी

    पटना उच्च न्यायालय के डिजिटाइजेशन कोषांग के गठन के लिए 5 वर्षों के लिए अस्थाई रूप से सृजित 62 पदों का अगले 5 वर्षों के लिए अवधि विस्तार किया गया है. स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर सजावार बंदियों को विशेष परिहार का लाभ देकर कारामुक्त करने की स्वीकृति दी गई है. वहीं सारण में पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय के भवन निर्माण के लिए ₹50 करोड़ 30 लाख 51000 की स्वीकृति दी गई है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक के अधीन गठित परियोजना निर्माण एवं अनुश्रवण इकाई का अवधि विस्तार किया गया है.

    बिहार में डुमरांव, अमरपुर, संपतचक, बिहटा, फतुहा, चनपटिया, लौरिया, शाहपुर पटोरी, मनिहारी, पातेपु,र बनमनखी में स्थाई रूप से नया अवर निबंधन कार्यालय खोले जायेंगे. साथ ही इन अवर निबंधन कार्यालयों में अवर निबंधक व अन्य कर्मियों के एक-एक पद के सृजन की स्वीकृति दी गई है. मद्ध निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग में प्रमंडल स्तर एवं मुख्यालय स्तर पर तकनीकी सहयोग के लिए बिहार निबंधन सेवा के जिला अवर निबंधक के दो एवं अवर निबंधक के 9 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. बिहार नगर पालिका अधिनियम के तहत पहाड़ी क्षेत्र, तीर्थ स्थल, पर्यटन स्थल या मंडी शहर के लिए पृथक जनसंख्या आधारित करने की स्वीकृति दी गई है.

    कृषि विभाग की ओर से डीजल अनुदान में बदलाव किया गया है. डीजल पर अनुदान को 60 रुपए से बढ़ाकर 75 रुपए प्रति लीटर किया गया है. डीजल के बढ़ते दाम को लेकर सरकार ने यह फैसला किया है. बीते दिनों राज्य में अनियमित मानसून, सूखे और अल्प वृष्टि को देखते हुई फसलों की सिंचाई के लिए डीजल अनुदान योजना के लिए 29 करोड़ 95 लाख रुपये की कैबिनेट बैठक में स्वीकृति दी गयी है. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया था कि सूखे से निपटने के लिए किसानों को सरकार ने डीजल सब्सिडी देने का फैसला लिया है. 60 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से किसानों को मदद दी जाएगी.

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