Category: Railway News

  • अब सभी रेल यात्रियों को मिलेगा Confirm Ticket – ये रही पुरी जानकारी..


    न्यूज डेस्क : भारतीय रेलवे देश में पहला और दुनिया में चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। रेलवे से लाखों लोग रोजाना यात्रा करते हैं। रेलवे ऐसा साधन है जो गांव देहात को शहर से जोड़ने का काम करता है। लोग इस से यात्रा करना कई कारणों से पसंद करते हैं।

    इनमें बेहतर सुविधा और कम किराया शामिल है। सबसे बड़ा नेटवर्क होने के बाद भी कई बार यात्री को टिकट मिलना मुश्किल हो जाता है। दरअसल अचानक से प्लान बनने पर कोई भी व्यक्ति तत्काल टिकट का सहारा लेता है। लेकिन टिकट कंफर्म होना अपने आप में महाभारत है। इसके लिए कई सावधानी बरतनी पड़ती है। तो आइए जानते हैं क्या करें की तत्काल टिकट कंफर्म मिल जाए।

    इस समय टिकट करें बुक

    इस समय टिकट करें बुक

    आपको ध्यान रखना होगा कि एसी तत्काल टिकट की बुकिंग सुबह 10 बजे होती है, जबकि स्लीपर क्लास की बुकिंग सुबह 11 बजे शुरू होती है। तत्काल टिकट बुक करने के लिए समय का ध्यान रखना होता है। अगर आप कुछ सेकंड की भी देरी करते हैं तो आपको टिकट नहीं मिलता है। ऐसे में आपको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन अगर आप समय से टिकट बुक कराते हैं तो आपको कंफर्म टिकट मिलने के चांस ज्यादा रहते हैं।

    यदि आप टिकट बुक करते समय नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं तो भूल जाइए कि आपको कन्फर्म टिकट मिलेगा। इसलिए आपको कन्फर्म टिकट के लिए यूपीआई पेमेंट ऑप्शन का इस्तेमाल करना चाहिए। यह भुगतान को बहुत आसान और त्वरित बनाता है। यह भुगतान विकल्प बहुत तेज़ है, इसलिए टिकट मिलने की संभावना अधिक है।

    ये है कुछ खास बातें

    ये है कुछ खास बातें

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  • भागलपुर से आनंद विहार जाने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस फरवरी तक रहेंगी कैंसिल, जानें – डिटेल…


    न्यूज डेस्क : देश में ठंड काफी बढ़ गई है। इसका कहर देश के कई राज्यों समेत बिहार में काफी है। जिससे धुंध की समस्या बढ़ती जा रही है। इस कारण रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया है। वहीं, कई ट्रेनों के फेरे भी कम कर दिए गए हैं। कोहरे को ध्यान में रखते हुए पूर्व रेलवे ने दो जोड़ी ट्रेनों को रद्द करने के साथ ही दो ट्रेनों के फेरे भी कम कर दिए हैं। इससे रेलवे को होने वाले नुकसान से ज्यादा लोग चिंतित हैं।

    ये ट्रेनें हुई रद्द

    ये ट्रेनें हुई रद्द

    इन रद्द किए जाने वाले ट्रेनों में न्यू देहली-मालदा टाउन एक्सप्रेस (14004), मालदा टाउन-न्यू देहली एक्सप्रेस (14003),कामख्या-गया सप्ताहिक एक्सप्रेस(15620), गया-कामख्या सप्ताहिक एक्सप्रेस (15619) शामिल है। इसके अलावा कई ट्रेनों की ट्रिप में भी कमी को गई है।

    यह दो खास ट्रेनों के ट्रिप में भी फेरबदल

    यह दो खास ट्रेनों के ट्रिप में भी फेरबदल

    गरीब रथ सप्ताह में एक बार और विक्रमशिला एक्सप्रेस दोनों दिशाओं में दो दिन नहीं चलेगी। आनंद विहार टर्मिनल से चलने वाला गरीब रथ प्रत्येक बुधवार और प्रत्येक गुरुवार को भागलपुर से रद्द रहेगा। विक्रमशिला एक्सप्रेस हर मंगलवार और गुरुवार को भागलपुर और हर बुधवार और शुक्रवार को आनंद विहार टर्मिनल से रद्द रहेगी।

    इसके अलावा कई ट्रेनों को रद्द किया गया है आप आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं इस वक्त किसी भी यात्रा पर निकलने के लिए रेलवे के आधिकारिक वेबसाइट आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर चेक कर लेना बुद्धिमानी साबित होगा दरअसल इन ट्रेनों के रद्द होने पर यात्रियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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  • आखिर रेलवे हर तीसरे दिन कर्मचारी को नौकरी से क्यो निकल रहा है ? सामने आई बड़ी वजह..


    डेस्क : इंडियन रेलवे (Indian Railways) देश में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने के मामले में दूसरे नंबर है. केवल रक्षा क्षेत्र ही नौकरियां देने में इंडियन रेलवे से आगे है. लोग रेलवे की नौकरी पाने के लिए सालों तक कड़ी मेहनत करते हैं, परीक्षाएं देते हैं.

    ऐसे में लोगों को अगर यह पता चले कि इस समय रेलवे हर 3 दिन में अपने एक कर्मचारी को नौकरी से निकाल रहा है तो उन्हें काफी झटका लगना लाजिमी है. और ये बात सच भी है. रेलवे वाकई में अपने कर्मचारियों को निकालने में लगा हुआ है. खबरों के मुताबिक पिछले 16 महीने में ही रेलवे ने हर तीसरे दिन कम से कम एक कर्मचारी को निकाला है.

    रेलवे के कर्मचारी क्यों निकाले जा रहे?

    रेलवे के कर्मचारी क्यों निकाले जा रहे?

    बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन रेलवे ने ये कदम विभाग में परफॉर्मेंस को आधार बनाते हुए उठाया है. इसके तहत पिछले 16 महीने में औसतन हर तीसरे दिन कम से कम एक कर्मचारी को निकाला गया है. अब तक रेलवे ने कुक 139 अफसरों को वॉलेंट्री रिटायरमेंट (VRS) लेने को कहा है. वहीं कुल 38 कर्मचारियों को नौकरी से ही हटा दिया है. इन कर्मचारियों, अधिकारियों में से कई लोगों को काम में ‘खराब प्रदर्शन’ के आधार पर निकाला गया है. वहीं कुछ की नौकरी भ्रष्टाचार के चलते बर्खास्त कर दी गयी है.

    कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडियन रेलवे ने 2 सीनियर ग्रेड के अधिकारियों को भी नौकरी से निकाल दिया है. इनमें से एक बड़े अधिकारी को CBI ने पकड़ा भी था. उसे हैदराबाद में 5 लाख की घूस लेते हुए पकड़ा गया था. दूसरे अधिकारी को रांची में 3 लाख रुपये की घूस लेते हुए धरा गया था.

    DOPT के नियम के तहत लिया गया फैसला

    DOPT के नियम के तहत लिया गया फैसला

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  • Vande Bharat के बाद अब रेलवे में एल्युमीनियम मालगाड़ी शामिल, रेल मंत्री ने दिखाई हरी झंडी


    डेस्क : वंदे भारत ट्रेन के बाद भारतीय रेलवे ने एक और बड़ा काम किया है। रेलवे के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित एल्युमिनियम फ्रेट रेक को भुवनेश्वर, ओडिशा से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह रेक पहले की तुलना में हल्का है लेकिन इसमें माल ढोने की क्षमता अधिक है। रेलवे ने कहा कि बेस्को लिमिटेड वैगन डिवीजन और एल्यूमीनियम क्षेत्र की प्रमुख हिंडाल्को के सहयोग से निर्मित वैगन का वजन कम करने के लिए प्रति क्विंटल कार्बन फुटप्रिंट कम है।

    रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस रेक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रेलवे के अनुसार, यह रेक मौजूदा स्टील रेक की तुलना में 180 टन हल्का है, जिसके परिणामस्वरूप समान दूरी और कम बिजली की खपत के लिए गति में वृद्धि हुई है। यह पारंपरिक रेकों की तुलना में प्रति ट्रिप 180 टन अतिरिक्त पेलोड ले जा सकता है और कटाव प्रतिरोधी होने के कारण इसकी रखरखाव लागत भी कम होगी।

    सामान्य रेक की तुलना में 10 वर्ष अधिक चलने की क्षमता

    सामान्य रेक की तुलना में 10 वर्ष अधिक चलने की क्षमता : रेलवे अधिकारियों ने कहा कि नए रेक का पुनर्विक्रय मूल्य 80 प्रतिशत है और यह सामान्य रेक से 10 साल अधिक रहता है। हालाँकि, इसकी निर्माण लागत 35 प्रतिशत अधिक है, क्योंकि अधिरचना पूरी तरह से एल्यूमीनियम का है।

    ट्रेनों का आधुनिकीकरण कर रही सरकार

    ट्रेनों का आधुनिकीकरण कर रही सरकार : गौरतलब है कि भारतीय रेलवे स्वदेश में बनी ट्रेनों के आधुनिकीकरण पर जोर दे रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। अब रेल मंत्री ने एल्युमीनियम फ्रेट रैक भेज दिया है। सरकार ट्रेनों के आधुनिकीकरण पर जोर दे रही है।

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  • रेलवे ला रहा सबसे तेज मालवाहक वंदे भारत ट्रेन, दिल्ली से मुंबई के बीच चलेगी यह ट्रेन


    डेस्क : देश में तेज रफ्तार से यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वंदे भारत ट्रेन शुरू कर दी गई है। यह देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन भी है। देश में अभी तक केवल चार वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। अब रेलवे सबसे तेज रफ्तार से पार्सल सेवा मुहैया कराने के लिए कार्गो वंदे भारत ट्रेन लाने जा रहा है।

    दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पहली सबसे तेज मालवाहक वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारी चल रही है। रेलवे देश में माल ढुलाई के मामले में सबसे बड़े वाहक के रूप में काम कर रहा है। अब रेलवे तेज रफ्तार ट्रेन वंदे भारत का कार्गो वर्जन लाने की तैयारी कर रहा है ताकि तेज रफ्तार से हल्का और भारी सामान, सामान आदि सुपरफास्ट तरीके से पहुंचाया जा सके। पहली कार्गो वंदे भारत ट्रेन के दिल्ली एनसीआर क्षेत्र और मुंबई क्षेत्र तक पहुंचने की उम्मीद है।

    फ्रेट ईएमयू के नाम से सुपरफास्ट पार्सल सेवा शुरू करने के लिए भारतीय रेलवे लंबे समय से काम कर रहा है। इससे उच्च मूल्य और समय के प्रति संवेदनशील कार्गो खेपों की डिलीवरी में मदद मिलेगी। इस संबंध में रेलवे बोर्ड को 11 अक्टूबर को पत्र लिखा जा चुका है। कहा जा रहा है कि इससे संवेदनशील सामान की जरूरत के हिसाब से समय पर डिलीवरी की जा सकेगी।

    वंदे भारत ट्रेन को माल ढुलाई ईएमयू के लिए कार्गो संस्करण में परिवर्तित किया जाएगा। इसके लिए चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में बड़ी संख्या में वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया जा रहा है। इधर मालवाहक पोत वंदे भारत का वर्जन भी तैयार किया जा रहा है। रेलवे के मुताबिक हर महीने 8 वंदे भारत ट्रेनें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें पैसेंजर और कार्गो वर्जन होंगे।

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  • Indian Railway : रेल टिकट बुकिंग के नियमों में होगाबदलाव! रेलवे ने दी बड़ी जानकारी


    Indian Railway : भारतीय रेलवे समय-समय पर यात्रियों की सुविधा के लिए सुविधाएं प्रदान करता रहता है। इसी क्रम में अब रेलवे टिकट बुकिंग सिस्टम को अपडेट करने में लगा है। भारतीय रेलवे (Indian Railway) कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) की ऑनलाइन यात्री टिकट बुकिंग प्रणाली को अपग्रेड करने के लिए काम कर रहा है ताकि यात्री टिकट कटौती के साथ-साथ यात्रा सुविधा का लाभ उठा सकें। साथ ही यात्रियों की मांग भी पूरी की जा सकती है.

    रेलवे ने दी बड़ी जानकारी

    रेलवे ने दी बड़ी जानकारी : रेलवे ने जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय रेलवे (Indian Railway) की यात्री आरक्षण प्रणाली पर रेलवे की स्थायी समिति की आठवीं रिपोर्ट में निहित टिप्पणियों या सिफारिशों को सरकार द्वारा की गई कार्रवाई में साझा किया गया था। रेल मंत्रालय ने कहा कि टिकट प्रक्रिया को आधुनिक बनाने के लिए उसने समय-समय पर कई कदम उठाए हैं। दरअसल,कई बार यात्रियों को ऑनलाइन टिकट लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वह ऑनलाइन टिकट की प्रक्रिया को और आसान और सुविधाजनक बनाने पर काम कर रही है।

    जानिए एक मिनट में कितने टिकट बुक होते हैं?

    जानिए एक मिनट में कितने टिकट बुक होते हैं? : रेलवे ने कहा कि ‘नेक्स्ट जेनरेशन ई-टिकटिंग (NGET) सिस्टम को लगातार अपग्रेड किया गया है। इस बात का अंदाजा आप इस आंकड़े से लगा सकते हैं कि 2016-17 में प्रति मिनट 15 हजार टिकट कट रहे थे,वहीं साल 2017-18 में 18,000 टिकट प्रति मिनट और 2018-19 में 20 हजार टिकट प्रति मिनट काटे जा रहे हैं। रेलवे ने बताया कि फिलहाल आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर प्रति मिनट 25,000 से ज्यादा टिकट बुक करने की क्षमता है।

    वहीं अब तक के रिकॉर्ड की बात करें तो 5 मार्च 2020 को एक मिनट में रिकॉर्ड 26,458 टिकट बुक हुए थे। दरअसल, 5 मार्च, 2020 को टिकट बुकिंग में उछाल देखने को मिला क्योंकि यह रिकॉर्ड उस साल होली से पहले बेहिसाब आखिरी मिनट की बुकिंग के कारण बना था।

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  • Indian Railway : 3 गुना महंगा हुआ प्लेटफॉर्म टिकट – भीड़ कम करने के लिए लिया फैसला…


    Indian Railway : त्योहारों के बीच महंगाई का एक और झटका जनता को लगा है. यह झटका उन यात्रियों के परिजनों के लिए है जो अपने परिवार को स्टेशन तक छोड़ने जाते हैं. त्योहारों में ट्रेन में बिठाने के लिए सगे संबंधी प्लेटफॉर्म तक न जाएं इसके लिए रेलवे ने कुछ खास इंतजाम किया है. उसके मद्देनजर रेलवे ने त्योहार के दौरान यात्रियों को ही प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दे दी है. अपने सगे संबंधियों को ट्रेन में बिठाने के लिए अब प्लेटफॉर्म टिकट 3 गुना महंगा खरीदना पड़ेगा.

    3 गुना तक बढ़ गया टिकट का दाम :

    3 गुना तक बढ़ गया टिकट का दाम : उत्तर रेलवे ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसे दिल्ली से सभी बड़े स्टेशन पर लागू कर दिया है. जो कि 5 नवंबर तक लागू रहेगा मौजूदा नोटिफिकेशन के मुताबिक 10 रुपये वाली प्लेटफॉर्म टिकट के दाम को अब 30 रूपये कर दिए गए हैं. दिल्ली के DRM ने इसे 5 अक्टूबर से लागू करने का आदेश दिया है.

    इन स्टेशनों पर महंगा होगा टिकट :

    इन स्टेशनों पर महंगा होगा टिकट : DRM के मुताबिक दुर्गापूजा के साथ ही दिल्ली से बाहर जाने वालों को दिल्ली NCR के स्टेशनों पर काफी भीड़ लग जाती है इसी को ध्यान में रखते हुए 5 अक्टूबर से नयी दिल्ली, पुरानी दिल्ली, सराय रोहिल्ला, हजरत निजामुद्दीन, गाजियाबाद और आनंदविहार स्टेशन पर प्रवेश के लिए अब 30 रुपये खर्च करना पड़ेगा. हालांकि कोरोना काल में भी टिकट दर को 50 रुपये तक कर दिया गया था ताकि बेवजह भीढ़ न लगे.

    त्योहारों के लिए लिया गया हैं फैसला :

    त्योहारों के लिए लिया गया हैं फैसला : रेलवे ने दीपावली से लेकर छठ पर्व की भीड़ को देखते हुए फिर से प्लेटफार्म टिकट महंगा करने का फैसला ले लिया है. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के लखनऊ, वाराणसी, बाराबंकी, अयोध्या कैंट, अयोध्या, अकबरपुर, शाहगंज, जौनपुर, सुलतानपुर, रायबरेली, जंघई, भदोही, प्रतापगढ़ और उन्नाव स्टेशनों पर प्लेटफार्म टिकट की बिक्री का मूल्य अब 10 रुपए की जगह 30 रुपए प्रति व्यक्ति होगा. इन स्टेशनों पर यह व्यवस्था 2 अक्टूबर से लागू हो गई हैं जो कि 5 नवंबर तक यही व्यवस्था बनी रहेगी.

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  • राजधानी, शताब्दी और दूरंतो जैसी ट्रेनों का किराया होगा कम! रेल मंत्री ने दी बड़ी जानकारी


    डेस्क : ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए एक अहम खबर है। सरकार अब यात्रियों के लिए एक बड़ा कदम उठाने पर विचार कर रही है। दरअसल, कोरोना काल के बाद रेलवे ने काफी बदलाव किए हैं। अभी तक कोरोना काल से पहले ट्रेनों में यात्रियों को मिलने वाली कई रियायतें बहाल नहीं की जा सकी हैं, जिससे ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में भी काफी कमी देखने को मिली है।

    कम होगा प्रीमियम ट्रेनों का किराया!

    कम होगा प्रीमियम ट्रेनों का किराया! : अब रेलवे यात्रियों को लुभाने के लिए राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में डायनेमिक किराया खत्म करने पर विचार कर रहा है। दरअसल, रेल मंत्री ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है। लोकसभा में एक सवाल पूछा गया कि क्या नकारात्मक प्रतिक्रिया और यात्रियों की संख्या में कमी को देखते हुए सरकार डायनेमिक फेयर सिस्टम को वापस लेने पर विचार किया जा रहा है? इसके जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि फिलहाल सरकार की फ्लेक्सी फेयर पॉलिसी को वापस लेने की कोई योजना नहीं बन रही है।

    रेल मंत्री ने दी जानकारी

    रेल मंत्री ने दी जानकारी : रेल मंत्री ने कहा,’रेलवे डायनेमिक फेयर सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें मांग के मुताबिक किराया तय किया जाता है। इसके तहत 10 फीसदी सीटों की बुकिंग से किराए में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाती है। जैसे-जैसे सीटों की संख्या घटती जाती है, किराया बढ़ता जाता है। हालांकि, यह सभी प्रकार की ट्रेनों में लागू नहीं है। यह व्यवस्था राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी ट्रेनों में 9 सितंबर 2016 को लागू की गई थी। लेकिन अब कई रूटों पर रेल किराया हवाई जहाज से भी महंगा हो गया है। इससे समय और पैसे दोनों में किफायती होने के कारण लोगों ने हवाई यात्रा करना शुरू कर दिया है, जिससे रेलवे के यात्रियों की संख्या में कमी आई है।

    रेल यात्रियों की संख्या में कमी

    रेल यात्रियों की संख्या में कमी : रेल मंत्री ने जानकारी दी है कि प्री-कोरोना काल में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम में पैसेंजर और ट्रेनों से होने वाली कमाई नॉन-फ्लेक्सी से ज्यादा थी, लेकिन सरकार की इस नीति को वापस लेने पर अभी कोई विचार नहीं है. नहीं कर रहा है। रेल मंत्री ने कहा, ‘रेलवे और एयरलाइंस परिवहन के दो अलग-अलग साधन हैं। वॉल्यूम, कनेक्टिविटी और सुविधा के लिहाज से इनकी तुलना नहीं की जा सकती है। एयरलाइंस में अधिकतम किराए की कोई सीमा नहीं है जबकि रेलवे ने पूरे साल के लिए अधिकतम किराया तय किया है। एयरलाइंस का किराया कई कारकों पर निर्भर करता है। रेलवे का किराया एयरलाइन से कम या ज्यादा हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस श्रेणी में यात्रा कर रहे हैं। यह यात्री को तय करना है कि रेलवे या एयरलाइंस से यात्रा करनी है चाहते है या नही।

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  • PM मोदी ने किया सेमी हाई स्पीड ट्रेन में सफर, अंदर की तस्वीरें देखते ही होगा फ्लाइट जैसा अनुभव


    वंदे भारत एक्सप्रेस : ​​प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गांधीनगर-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस सेमी हाई स्पीड ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन से ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद पीएम मोदी ने भी इस ट्रेन में सफर किया। उन्होंने अहमदाबाद के गांधीनगर से कालूपुर रेलवे स्टेशन के बीच यात्रा की। यह ट्रेन महाराष्ट्र और गुजरात की राजधानी को जोड़ने वाली देश की तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस है।

    एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह की पहली ट्रेन नई दिल्ली-वाराणसी रूट पर, जबकि दूसरी नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा रूट पर चलाई गई। उन्होंने कहा कि ट्रेन यात्रियों को विमान जैसा यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। गांधीनगर-मुंबई वंदे भारत सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1 अक्टूबर से अपना वाणिज्यिक परिचालन शुरू करेगी। यह रविवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलेगी। ट्रेन मुंबई सेंट्रल स्टेशन से सुबह 6:10 बजे प्रस्थान करेगी और दोपहर 12:30 बजे गांधीनगर पहुंचेगी।

    वापसी की यात्रा के लिए ट्रेन गांधीनगर से दोपहर 2:05 बजे प्रस्थान करेगी और रात 8:35 बजे मुंबई सेंट्रल पहुंचेगी। एग्जीक्यूटिव चेयर कार से मुंबई-अहमदाबाद यात्रा का किराया 2,505 रुपये होगा, जबकि चेयर कार के लिए 1,385 रुपये होगा। वंदे भारत एक्सप्रेस 16 डिब्बों वाली स्व-चालित अर्ध-उच्च गति वाली स्व-चालित ट्रेन है। ट्रेन सिर्फ 140 सेकेंड में 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती है।

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  • कर्मचारियों को बड़ा तोहफा! कैबिनेट मीटिंग में बोनस का ऐलान, Account में आएगी मोटी रकम..


    देश में त्योहारों का मौसम नजदीक आ रहा है और सबसे बड़े त्योहार कहे जाने वाले दिवाली का दिन भी दूर नहीं है। ऐसे में विभिन्न विभागों के सभी कर्मचारियों में बोनस को लेकर उम्मीदें है। इस बीच रेल कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आई है। बुधवार को हो रही कैबिनेट की बैठक में सरकार ने दिवाली से पहले 11 लाख कर्मचारियों के खातों में 78 दिनों के लिए रेलवे बोनस को मंजूरी दी है। इसके साथ ही सरकार ने गरीब कल्याण योजना को और 3 महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया है।

    सरकार ने अराजपत्रित कर्मचारियों को पूरे 78 दिनों के बोनस की घोषणा की है। सरकार के इस फैसले से करीब 11.56 लाख अराजपत्रित कर्मचारियों को फायदा होगा। इससे रेलवे पर 2000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। पात्र रेल कर्मचारियों को पीएलबी भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना सीमा 7000 रुपये प्रति माह होगी। यानी अगर खाते में 78 दिनों तक बोनस आता है तो अधिकतम राशि 17,951 रुपये होगी।

    रेलवे ने 2021 में भी अपने कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस दिया था। एक रेलवे कर्मचारी को 78 दिनों के लिए 7000 रुपये प्रति 30 दिन यानि लगभग 18000 रुपये का बोनस मिलेगा। रेलवे केंद्र सरकार का पहला ऐसा विभाग था, जिसमें वर्ष 1970-80 में पीएलबी की शुरुआत की गई थी। रेलवे को पीएलबी में दिए जाने वाले बोनस की जरूरत समझ में आई, जिसके बाद ही इसे कर्मचारियों के लिए लागू किया गया।

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