Category: Social Media

  • काचा बादाम फेम भुबन ने दिखाया अपना रौब! कहा – ‘मूंगफली बेचने के दिन गए..अब मैं सेलिब्रिटी हूं..


    डेस्क: कच्चा बादाम जैसे पॉपुलर ट्रेंड पर बने विडियोज किसने नहीं देखे होंगे। इस वायरल गाने से पॉपुलर हुए भुबन बड्याकर (Bhuban Badyakar) को भी अब लगभग सब कोई जानता है। भुबन का कच्चा बादाम गाना रातों रात सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा, हिस्से वो रातों-रात सितारा बन गए हैं। इस बाटब्का अंदाजा खुद भुबन को भी नहीं था कि वह अपने गीत के साथ एक सेलिब्रिटी बन जाएंगे। बीते दिनों सोशल मीडिया पर काचा बादाम सॉन्ग बहुत फेमस हुआ था।

    इस गाने पर क्या आम क्या खास हर किसी ने रील बनाया है। आज तक इस गाने के बोल लोगों के जुबान पर चढ़े हुए हैं। इस गाने को किसी बहुत बड़े स्टार ने नहीं बल्कि बंगाल की गलियों में मूंगफली बेचने वाले एक शख्स ने गाया है, जिनका नाम है भुबन बादायकर।

    भुबन को भी इसका अंदाजा नहीं था कि उनके लफ्ज़ ऐसे वायरल हो जाएंगे कि वो एक सेलिब्रिटी बन जायेंगे। फिर देखते ही देखते भुबन स्टार बन गए। स्टार लाइफ जीते हुए भुबन को अब विभिन्न शो अपना हिस्सा बनाने के लिए बुला रहे हैं। अब जल्द ही वो नए गाने के साथ वापसी करने की तैयारी में हैं।  इतना ही नहीं वो अपने नए एल्बम को रिलीज करने की तैयारी में हैं। उनके मुताबिक, इस एल्बम में तीन गाने होंगे, जो उनकी लाइफ की जर्नी पर आधारित होंगे।

    मीडिया से बातचीत कर भूबन ने अपने नए एलबम के बारे में भी बात की है। इस दौरान उन्होंने एल्बम के नाम से पर्दा उठाया जो काफी दिलचस्प है। एलबम का नाम है- ‘अब मैं मूंगफली नहीं बेचूंगा’, इस एल्बम के जरिए वो अपने जीवन के अब तक के सफर में बताएंगे।

    उन्होंने इंटरव्यू के दौरान बताया कि ‘अब मैं मूंगफली नहीं बेचूंगा’ मेरे एल्बम का नाम है इसी में ही मेरी फेमस होने से पहले की कहानी शामिल है। ऐसा नहीं है कि अब मैं इस काम को नहीं करना चाहते हैं लेकिन उनके पास इसके लिए समय नहीं है। वह अब अपनी लाइफ को जीना चाहते हैं।’

    भुबन ने आगे बताया की अब उनके पास गाड़ी है। वो अपनी गाड़ियों से ही घिरे रहते हैं। अब को जीवन वो जी रहे हैं वो सच है और इसे भी वो गाने के जरिए दिखाना और बताना चाहते हैं। भुबन ने आगे बताया वह कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें लोग अब सुनना चाहते हैं।

    पश्चिम बंगाल के निवासी

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  • यदि इस गांव का नाम आपने लिखा, तो Facebook से हो जायेंगे ब्लॉक, भूल के भी न करें ये काम


    डेस्क: कई बॉलीवुड फिल्मों में या किताबों में हमने पढ़ा या देखा है कि नाम में क्या है? पर आप आपको इस सवाल का जवाब जरूर मिल जायेगा। किसी देश, शहर, गांव इत्यादि के नाम के पीछे एक अलग इतिहास या उसकी कहानी होती है। जिस बारे में तो वहां के निवासियों के साथ साथ अन्य लोग भी गर्व से चर्चा करते हैं। पर ऐसी भी जगह है जहां का नाम लेने से पहले न केवल लोग शरमाते हैं बल्कि इसका नाम लेते ही सोशल मीडिया पर ब्लॉक होने का भी खतरा बना रहता है।

    आज अपनी इस रिपोर्ट में आपको बताता हैं एक ऐसे गांव के बारे में जिसका नाम लिखते ही आपका अकाउंट ब्लॉक हो जाएगा। Facebook पर इस गांव का नाम लिखते ही आपका अकाउंट Facebook द्वारा बंद कर दिया जाएगा।और तो और ऐसा कई लोगों के साथ हो चुका। हालत ऐसी की इस गांव के लोग इस अजीबोगरीब समस्या से तंग आ चुके हैं और इसका समाधान ढूंढने में जुटे हैं।

    मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ‘Sweden के इस अजीबोगरीब गांव का नाम फ्यूक यानी Fucke है। यहां के गामवासी इस नाम से परेशान हैं। सोशल मीडिया के जो तय नियम हैं, उसके मुतबिक इस शब्द को गाली के तौर पर शामिल किया गया है। इस करण से इस गांव के लोग फेसबुक पर अपने गांव तक का नाम नहीं लिख पाते हैं। ऐसा करने पर उन्हें ब्लॉक कर दिया जाता है।’

    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण अपने गांव का नाम बदलना चाहते हैं। इसके लिए स्थानीय कोर्ट में एक याचिका भी डाली गई है, जिसपर फैसला आना बाकी है। आपको बता दें कि स्वीडन में गांव का नाम बदलने को लेकर एक एक्ट बना हुआ है। वहीं, इस बारे में गांव के लोग कहते हैं कि उनका गांवी काफी खुशहाल और शांत है। परेशानी केवल इसके नाम से है। इसे बदलने के लिए सारे प्रयास किए जा रहे हैं।

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  • सावधान ! लंपी रोगाबाबत समाज माध्यमांमधून अफवा पसरविणाऱ्यावर होणार कठोर कारवाई

    हॅलो कृषी ऑनलाईन : लंपी चर्म रोगाचा प्रसार राज्यात होत आहे. लंपी चर्म रोग हा केवळ गोवंश वर्गातील जनावरांना होणारा विषाणूजन्य त्वचारोग आहे. लंपीरोगाबाबत समाज माध्यमांमधून काही अफवा पसरविली जात असल्यास संबंधितांवर कठोर कारवाई केली जाईल असे पशुसंवर्धन आयुक्त सचिन्द्र प्रताप सिंह यांनी सांगितले आहे.

    सिंह यांनी सर्व पशुपालकांना शासनाच्या वतीने आवाहन केले आहे की, “लंपी चर्मरोग आजार केवळ गाई व बैलांना होत असून त्याचा मानवी आरोग्याला कोणताही धोका संभवत नाही. या आजाराचा प्रादुर्भाव वाढू नये यासाठी ग्रामपंचायत व नगर परिषद अधिकाऱ्यांनी मोठ्या प्रमाणात सामाजिक माध्यमे (सोशल मिडिया) इ. चा वापर करून जनजागृती करावी अशा सूचना पशुसंवर्धन विभागातील कर्मचारी-अधिकारी यांना दिल्या.

    खासगी सेवादात्यांनी लसीकरण मोहिमेत सहभाग नोंदविण्याचे आवाहन

    लंपी आजारावर उपयुक्त असणाऱ्या औषधींच्या उपलब्धतेसाठी जिल्हा नियोजन समितीमार्फत प्रत्येक जिल्हयासाठी रू. १ कोटी निधी उपलब्ध करून देण्यात आला आहे. या निधीमधून लंपी चर्म आजारावरील नियंत्रणात्मक लसीकरणासाठी सेवादाता (व्हॅक्सीनेटर्स) व पशुवैद्यकीय महाविद्यालयातील आंतर्वासीता छात्र (ईंटर्नीज) यांना प्रति लसमात्रा रु.3 प्रमाणे मानधन देण्यात येणार आहे. सर्व खासगी सेवादात्यांनी लसीकरण मोहिमेत सहभाग नोंदविणेचे श्री.सिंह यांनी आवाहन केले आहे.

    ग्रामपंचायतीने कीटनाशकांची फवारणी करावी

    शासकीय पशुवैद्यकांनी तसेच खाजगी पशुवैद्यक व्यावसायिकांनी महाराष्ट्र पशु व मत्स्य विज्ञान विद्यापिठाने दिलेल्या प्रोटोकॉलनुसार उपचार करावेत. शासकीय अधिकाऱ्यांनी पशुपालकांकडे जाऊन औषधोपचार व लसीकरण करावे. शासनाकडून मोफत औषधोपचार व लसीकरणाचे नियोजन करण्यात आले आहे. याबाबत तक्रार असल्यास संबंधितांवर सक्त कारवाई करण्यात येणार आहे. पशुपालकांनी अशी तक्रार विभागाचा टोल फ्री क्र.१८००-२३३०-४१८ अथवा राज्यस्तरीय कॉल सेंटर मधील पशुसेवेचा टोल फ्री क्र.१९६२ वर नोंदविण्याचे आवाहन करण्यात आले आहे. हा रोग माशा, डास, गोचिड इ. किटकांमार्फत पसरत असल्याने प्रत्येक ग्रामपंचायतीने कीटनाशकांची फवारणी करावी अशा सूचनाही यावेळी त्यांनी यावेळी दिल्या.