Category: Speaker Vijay Sinha

  • विजय सिन्हा ने सरकार को चेताया, कहा-कमेटी की रिपोर्ट सदन में पेश करे, उप-मुख्यमंत्री समेत कई मंत्री पर है आरोप

    लाइव सिटीज पटना: बिहार विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर व नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के साथ किये गये दुर्व्यवहार मामले में विधानसभा की आचार समिति की सिफारिश पर बीजेपी ने सरकार पर हमला बोला है. विजय सिन्हा ने कहा कि जनादेश का अपमान किया जा रहा है. आचार समिति की रिपोर्ट आ गई है, जिसे सदन के पटल पर रखने की जरूरत है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा है कि रिपोर्ट में डिप्टी सीएम और मंत्री पर कार्रवाई की अनुशंसा है. ऐसे में हम रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करते है. उन्होंने कहा कि कल के कार्यसूची में इसे जोड़ा जाए, क्योंकि ये मामला विधानसभा के अंदर आया था. इसके लिए स्पेशल कमिटी बनी थी.

    बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि शालीनता के साथ भी अपनी बात कही जा सकती है. मेरे मन के अंदर भी कई चोट लगे. सदन के अंदर संविधान के ज्ञाताओं ने पाठ पढ़ाने का काम किया. हमने भी सब्र रखा. बिहार के मुख्यमंत्री जी थे उनके सम्मान में कमी नहीं रखा. यह व्यवस्था चलनी चाहिए. चाहे नेता प्रतिपक्ष हो या नेता सदन या हमारे मंत्री या विधायक हो हर किसी का सम्मान मर्यादा के तहत हो. सदन में सब बराबर हैं. अगर कोई भेद करेगा तो आप समझ सकते है वे कितने ज्ञानवान है.

    बता दें कि पिछले साल 23 मार्च को बजट सत्र के दौरान सदन में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस अधिनियम को पारित कराने के दौरान विपक्ष के विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया था. मारपीट के आरोप भी लगाए गए थे. हंगामे को देखते हुए सदन में मार्शल को बुलाना पड़ा था. विधायकों ने आरोप लगाया था कि सदन के बाहर सुरक्षा कर्मियों द्वारा उनकी पिटाई की. जिसके बाद मामले को जांच के लिए आचार समिति को सौंपा गया था. आचार समिति के सभापति भाजपा विधायक राम नारायण मंडल हैं. समिति में ज्ञानेंद्र ज्ञानू, अरुण सिन्हा, रामविशुन सिंह व अचमित ऋषिदेव सदस्य के रूप में शामिल हैं.

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  • बिहार: पहले सरकार पर लगाए आरोप फिर विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा ने दिया इस्तीफा, जानें पूरा मामला

    लाइव सिटीज पटना: आख़िरकार बिहार में सियासी ड्रामे के बाद बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय सिन्हा ने फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि वे पहले ही सरकार गठन के बाद इस्तीफा देना चाहते थे. लेकिन उन पर विधायकों ने अनर्गल आरोप लगा दिए. ऐसे में उन्हें इन आरोपों पर जवाब देना था, इसलिए उन्होंने अब तक इस्तीफा नहीं दिया था. दरअसल स्पीकर विजय सिन्हा ने इस्तीफा नहीं दिया था, जिसको लेकर लेकर तमाम तरह की अटकलें थी. बुधवार को सदन शुरू होने से पहले मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा अध्‍यक्ष विजय कुमार सिन्‍हा से मुलाकात की. उपमुख्‍यमंत्री तेजसवी यादव भी स्‍पीकर से मिले. जिसके बाद विजय सिन्‍हा के अध्‍यक्षीय संबोधन पर सहमति बन गई. स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद मैं खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे देता. लेकिन मुझे पद से हटाने की कोशिश शुरू कर दी गई. मुझ पर सदस्यों ने मनमानी करने, तानाशाही करने का आरोप लगाया.

    सदन को संबोधित करते हुए स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि जब नई सरकार का गठन हो रहा था तभी 9 अगस्त को ही विधानसभा सचिव को मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की सूचना दे दी गई थी. इसलिए मैंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया, ताकि सदन में इसका जवाब दे सकूं. स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि मैं बहुमत से निर्वाचित हुआ था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शुक्रिया. अपने छोटे कार्यकाल में कई काम और कार्यक्रम किए. प्रयास किया कि सत्ता और विपक्ष को साथ लेकर चलूं. निष्पक्षता से सदन का दायित्व निभाया. स्पीकर ने कहा कि हमेशा विधानसभा के सभी सदस्यों की मान मर्यादा, सदन की गरिमा बढ़ाने की कोशिश की. अब नए राजनीतिक घटनाक्रम के तहत नया गठबंधन हुआ. बिहार में नई सरकार का गठन हो गया. बिना विवाद के शपथग्रहण हो गया, अपना काम करने लगी. इसी बीच स्पीकर को हटाने का प्रस्ताव आ गया.

    बता दें कि बिहार विधानसभा के स्पीकर पद से विजय सिन्हा ने इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के साथ ही विजय सिन्हा ने डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी के बदले नरेंद्र नारायण यादव का नाम लिया कि सदन की कार्यवाही आगे वो संचालित करेंगे. जिसको लेकर विवाद हो गया है, क्योंकि नियमानुसार स्पीकर नहीं तो डिप्टी स्पीकर को सदन की कार्यवाही को संचालित करते हैं. वहीं फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार विधानसभा के बाहर बीजेपी नेताओं ने प्रदर्शन किया. बीजेपी विधायकों ने नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की. विधायक हाथ में तख्तियां थामे हुए थे, जिनमें हिंदु देवी-देवताओं, जनादेश और तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा के नारे लिखे हुए थे. बता दें कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार के गठन के बाद आज यानी 24 अगस्‍त 2022 से बिहार विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो गया है. इस दौरान मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई वाली महागठबंधन सरकार सदन में अपना बहुमत साबित करेगी.

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  • बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा CM नीतीश को चुनौती देंगे, इस्तीफा नहीं, कहा-यह नियम के विरुद्ध, सियासी हलचल तेज

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में एक बार फिर सियासी हलचल बढ़ गई है. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है. महागठबंधन की ओर से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि जो उन्हें नोटिस दी गई है वह नियमों और प्रावधान के खिलाफ है. यह नियम के विरुद्ध है और जो आरोप लगाए गए हैं वह पूरी तरह से गलत हैं. अविश्वास प्रस्ताव को मैं अस्वीकार करता हूं और मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. दरअसल इसी महीने 10 अगस्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़कर सात पार्टी के महागठबंधन के साथ मिलकर प्रदेश में नई सरकार बना ली थी. नई सरकार के गठन के तुरंत बाद महागठबंधन के 40 से अधिक विधायकों ने विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. बिहार के 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन के 164 विधायक हैं, जहां अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक साधारण बहुमत की आवश्यकता है.

    दरअसल बिहार विधानसभा का विशेष सत्र 24 अगस्त को बुलाया गया है. दो दिनों का यह विशेष सत्र होगा. 24 अगस्त को विधानसभा और 25 अगस्त को बिहार विधान परिषद की कार्यवाही होगी. आज विशेष सत्र को लेकर मुख्य सचिव, डीजीपी और आला अधिकारियों के साथ स्पीकर विजय सिन्हा ने बैठक की और सुरक्षा और अन्य इंतजामों को लेकर सख्त निर्देश भी दिए. विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि विधायकों के साथ कोई बाहरी आदमी भी ना आ जाए इस पर नजर रखा जाए. वहीं डीजीपी एसके सिंघल ने बताया कि सारी तैयारियां कर ली गई हैं. कहीं से कोई दिक्कत की बात अबतक सामने नहीं आई है. मीटिंग के बाद तैयारियां और बढ़ा दी जाती हैं.

    बता दें कि महागठबंधन की नई सरकार को विश्वास मत हासिल करने के लिए 24 अगस्त को विधानसभा की बैठक सुबह 11 बजे से बुलाई गई है. इस एक दिवसीय सत्र की कार्ययोजना मौजूदा अध्यक्ष को ही बनानी है. विधानसभा में दो ही कार्य किये जाने हैं. पहला सरकार का बहुमत हासिल करना और दूसरा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान. सत्तापक्ष ने पहले ही अध्यक्ष के खिलाफ नो कंफिडेंस मोशन नोटिस दे चुका है, इसलिए वह सभा का संचालन अध्यक्ष की जगह उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी से कराना चाहेगा. हालांकि इसे दूसरे नम्बर पर लिए जाने की स्थिति में सरकार के विश्वास मत हासिल करने की प्रक्रिया का संचालन विजय सिन्हा ही करेंगे (यदि इसके पूर्व उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो).

    बतातें चलें कि महागठबंधन की सरकार पिछले कई दिनों से विजय सिन्हा को नैतिकता का पाठ पढ़ा रही थी लेकिन कुछ काम नहीं आया. इस्तीफे से इनकार करने के बाद सिन्हा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इस्तीफा देने से मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचेगी. ऐसे में विजय सिन्हा द्वारा इस्तीफा देने से इंकार के बाद विधानसभा का सत्र हंगामेदार हो सकता है. माना जा रहा है कि 79 विधायकों वाली सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी अपने दिग्गज नेता अवध बिहारी चौधरी को संवैधानिक पद के लिए नामांकित करते हुए अध्यक्ष पद के लिए दावा पेश करेगी. वहीं बिहार विधान परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं बीजेपी नेता अवधेश नारायण सिंह को भी बदला जा सकता है. ऐसे में जदयू इस पद के लिए देवेश चंद्र ठाकुर नाम पर विचार कर रहा है.

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