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  • नीतीश कुमार CM तो तेजस्वी ने डिप्टी सीएम पद की ली शपथ, मुकेश सहनी बोले-बिहार विकास के पथ पर सरपट दौड़ेगा

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने. विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी दोनों नेताओं को बधाई देते हुए आशा व्यक्त किया है कि आपके नेतृत्व में अब बिहार विकास के पथ पर सरपट दौड़ेगा. सहनी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को अनुभवी और युवा की जोड़ी बताते हुए कहा कि आज देश विकट परिस्थितियों से गुजर रहा है, जिसमें सभी विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत है. आज इन दोनों नेताओं ने देश के विपक्षी दलों को राह दिखाई है.

    मुकेश सहनी ने कहा कि आज संविधान, लोकतंत्र को ही नहीं आजादी के मूल्यों और सपनों पर भी लगातार हमले किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1977 में आपातकाल से देश को छुटकारा मिला, आज एकबार फिर देश में चल रहे अघोषित आपातकाल के खिलाफ मुहिम की शुरूआत बिहार से हो गई है. ’सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से चर्चित सहनी ने कहा कि भाजपा के निशाने पर दलित, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा इन लोगों के वाजिब हक भी नहीं देना चाहती.

    आठवीं बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद बीजेपी को चुनौती देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जिनको 2014 में जनादेश मिला है उनको 2024 में मिलेगा क्या. सीएम नीतीश ने कहा कि 2020 का चुनाव हुआ उसमें जेडीयू के साथ सही नहीं हुआ. सारे लोग उसी समय से हमें बोल रहे थे. अब जो लोग 2015 में साथ थे वो फिर से साथ हुए हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग विपक्ष के खत्म होने की बात कह रहे हैं, लेकिन विपक्ष खत्म नहीं होगा, लोगों को जो करना है वो करते रहेंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष में हम पहले भी थे, आगे भी रहेंगे और साथ रहेंगे. दरअसल बिहार दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि आने वाले दिनों में क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएगी और सिर्फ बीजेपी बचेगी.

    इससे पहले तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद ऐलान किया है कि अगले एक महीने में राज्य के गरीबों और युवाओं को बंपर रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह इतना भव्य होगा, जैसा किसी और राज्य में अबतक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बिहार ने वह किया है, जिसे देश को जरूरत थी. हमने उन्हें एक रास्ता दिखाया है. हमारी लड़ाई बेरोजगारी के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गरीबों और युवाओं के दर्द को महसूस करते हैं. तेजस्वी ने कहा कि हमने नीतीश कुमार से बात की वो सभी बातों पर सहमत हैं. हम जल्द ही दो से तीन महीनों में युवाओं को रोजगार देने की कवायद शुरू करेंगे.

    बता दें कि बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाई है. नीतीश कुमार को आरजेडी के अलावा कांग्रेस, वाम दल, हम का समर्थन मिला है. उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है. नीतीश कुमार ने बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस समारोह में तेजस्वी यादव ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा. इसपर चर्चा जारी है. इस बीच आरजेडी विधायक ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार में स्पीकर आरजेडी कोटे से बनेगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी होंगे विधानसभा के स्पीकर हो सकते हैं. वहीं नीतीश कुमार की नई सरकार में 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार मंत्रियों की संभावित लिस्ट तैयार हो चुकी है. बस औपचारिक ऐलान बाकी है.

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  • डिप्टी CM बनते ही तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान, कहा-हम एक महीने में गरीबों-युवाओं को बंपर नौकरी देंगे, ऐसा कभी नहीं हुआ होगा

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. शपथ लेने के बाद तेजस्वी यादव ने ऐलान किया है कि अगले एक महीने में राज्य के गरीबों और युवाओं को बंपर रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह इतना भव्य होगा, जैसा किसी और राज्य में अबतक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बिहार ने वह किया है, जिसे देश को जरूरत थी. हमने उन्हें एक रास्ता दिखाया है. हमारी लड़ाई बेरोजगारी के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गरीबों और युवाओं के दर्द को महसूस करते हैं. तेजस्वी ने कहा कि हमने नीतीश कुमार से बात की वो सभी बातों पर सहमत हैं. हम जल्द ही दो से तीन महीनों में युवाओं को रोजगार देने की कवायद शुरू करेंगे.

    तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा के साथ वाली सरकार में बिहार का विकास पूरी तरह से रूक गया था. हम महागठबंधन की सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व हम बिहार का विकास करने के लिए काम करेंगे. देश विरोधी शक्तियों ने आम जनता की मुस्कान छीन ली थी. लोग परेशान थे. नीतीश कुमार ने जो बयान दिया है. वो पूरी तरह से सही है. 2024 में भाजपा आपको कहीं नहीं दिखेगी. अब बिहार में ऐसी स्थिति हो गयी है कि सभी राजनीतिक पार्टियां एक तरफ हैं और भाजपा अलग-थलग पड़ी होगी. बता दें कि इससे पहले भी तेजस्वी यादव लगातार राज्य में बेरोजगारी और विकास के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं. इससे लेकर पूरे राज्य में प्रतिरोध मार्च का आयोजन भी किया गया था.

    शपथ लेने के बाद बीजेपी को चुनौती देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जिनको 2014 में जनादेश मिला है उनको 2024 में मिलेगा क्या. सीएम नीतीश ने कहा कि 2020 का चुनाव हुआ उसमें जेडीयू के साथ सही नहीं हुआ. सारे लोग उसी समय से हमें बोल रहे थे. अब जो लोग 2015 में साथ थे वो फिर से साथ हुए हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग विपक्ष के खत्म होने की बात कह रहे हैं, लेकिन विपक्ष खत्म नहीं होगा, लोगों को जो करना है वो करते रहेंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष में हम पहले भी थे, आगे भी रहेंगे और साथ रहेंगे. दरअसल बिहार दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि आने वाले दिनों में क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएगी और सिर्फ बीजेपी बचेगी.

    बता दें कि बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाई है. नीतीश कुमार को आरजेडी के अलावा कांग्रेस, वाम दल, हम का समर्थन मिला है. उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है. नीतीश कुमार ने बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस समारोह में तेजस्वी यादव ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा. इसपर चर्चा जारी है. इस बीच आरजेडी विधायक ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार में स्पीकर आरजेडी कोटे से बनेगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी होंगे विधानसभा के स्पीकर हो सकते हैं. वहीं नीतीश कुमार की नई सरकार में 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार मंत्रियों की संभावित लिस्ट तैयार हो चुकी है. बस औपचारिक ऐलान बाकी है.

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  • उप-मुख्यमंत्री बनने के बाद तेजस्वी यादव ने CM नीतीश कुमार के छुए पैर और मिले गले, राबड़ी, राजश्री समेत पूरा लालू परिवार मौजूद

    लाइव सिटीज पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. इसके साथ ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है. तेजस्वी दूसरी बार उप-मुख्यमंत्री बने हैं. इस दौरान एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला जब शपथ लेने के बाद तेजस्वी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छुए और उनका आशीर्वाद लिया. इसके बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव गले भी मिले. और संकेत दिया कि यह रिश्ता काफी मजबूत होने वाला है.

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  • तेजस्वी यादव की हो रही ताजपोशी, लेकिन लालू यादव सीन से गायब, कब लौटेंगे पटना, नीतीश कुमार से हो गई बात

    लाइव सिटीज पटना: बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाने जा रहे हैं. नीतीश कुमार आज यानी बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इस समारोह में तेजस्वी यादव भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन पूरे सीन से लालू यादव गायब हैं. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार बनने की घोषणा हुए करीब 24 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन अब तक लालू प्रसाद यादव का एक भी ट्वीट या वीडियो संदेश भी सामने नहीं आया है. बताया जा रहा है कि लालू यादव ने नीतीश कुमार से फोन पर बात की है और यहां के हालात की जानकारी ली है.

    लालू यादव एम्स से डिस्चार्ज होने के बाद दिल्ली में बेटी मीसा भारती के आवास पर हैं. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से लालू यादव अभी पटना नहीं आयेंगे. हालांकि दिल्ली से ही वह बिहार के पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है. यह भी कहा जा रहा है कि कल यानी मंगलवार को नीतीश कुमार ने फोन पर लालू यादव से बात की है. लालू यादव और नीतीश कुमार की आखिरी मुलाकात इसी साल 6 जुलाई को हुई थी. जब जेल से रिहा होने के बाद पटना पहुंचे लालू प्रसाद यादव की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी. आनन-फानन में लालू यादव को पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालत में कुछ सुधार होने पर लालू यादव को इलाज के लिए दिल्ली ले जाने की बात हो रही थी तभी नीतीश कुमार उनसे मिलने पारस अस्पताल पहुंचे थे. कहा तो यह भी जा रहा है कि क्या नीतीश कुमार ने उसी वक्त लालू यादव को अपने मन की बात बता दी थी.

    बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाने जा रहे हैं. नीतीश कुमार को आरजेडी के अलावा कांग्रेस, वाम दल, हम का समर्थन मिला है. उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है. नीतीश कुमार आज यानी बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इस समारोह में तेजस्वी यादव भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसके बाद मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा. इसपर चर्चा जारी है. इस बीच आरजेडी विधायक ने दावा किया है कि महागठबंधन की सरकार में स्पीकर आरजेडी कोटे से बनेगा. बताया जा रहा है कि अवध बिहारी चौधरी होंगे विधानसभा के स्पीकर हो सकते हैं. वहीं नीतीश कुमार की नई सरकार में 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार मंत्रियों की संभावित लिस्ट तैयार हो चुकी है. बस औपचारिक ऐलान बाकी है.

    बता दें कि महागठबंधन के सबसे बड़े दल राजद की तरफ से मंत्रिमंडल को लेकर माथापच्ची जारी है. बताया जा रहा है कि महागठबंधन की नयी सरकार की कैबिनेट में जगह का फॉर्मूला 2015 के आधार पर तय होगा. इसके मुताबिक पांच विधायक पर एक मंत्री बनाये जायेंगे. सरकार में अधिकतम मंत्रियों की संख्या 36 हो सकती है. ऐसे में विधानसभा में 79 विधायकों वाली पार्टी राजद के 15 मंत्री बन पायेंगे. जबकि 10 मंत्री जदयू से भी बनाये जायेंगे. कांग्रेस के हिस्से में तीन से चार मंत्री पद जा सकता है. 12 विधायकों वाली CPI(ML) ने सरकार में शामिल होने पर अभी कोई फैसला नहीं किया है. वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम को एक मंत्री पद मिल सकता है. भाजपा कोटे के मंत्रियों के मिले विभाग राजद कोटे के मंत्रियों को दिया जायेगा. महागठबंधन की सरकार में मंत्रियों के नाम तय करने में सामाजिक समीकरण का पूरा ख्याल रखा जायेगा. सबसे अधिक यादव विधायक चुनाव जीत कर आये हैं. ऐसे में यादव, अल्पसंख्यक और वैश्य व कुशवाहा जाति के मंत्रियों की संख्या अधिक होगी.

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  • बिहार में महागठबंधन की नई सरकार का शपथ ग्रहण कल, नीतीश कुमार सीएम तो तेजस्वी उप-मुख्यमंत्री पद की लेंगे शपथ

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की नई सरकार का कल यानी 10 अगस्त को दोपहर दो बजे राजभवन में शपथ ग्रहण होगा. एनडीए से इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव और महागठबंधन के नेताओं के साथ मिलकर बिहार में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया. राज्यपाल को सौंपी गई चिट्ठी में 164 विधायकों समर्थन है. इसमें सात दलों के विधायक शामिल है. सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत की. सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत की. संयुक्त वार्ता में नीतीश कुमार ने कहा कि मैं यहां राज्यपाल से मिलने आया और अपना इस्तीफा दे दिया कि बिहार की सेवा करना ही हमारा एजेंडा है. हमारे पास सात दलों का समर्थन है. इसमें लेफ्ट और जीतन राम मांझी की पार्टी भी शामिल है.

    राज्यपाल ने नीतीश कुमार को शपथ ग्रहण समारोह का समय दे दिया है. 10 अगस्त दोपहर दो बजे नई सरकार का शपथ ग्रहण होगा. नीतीश कुमार नई सरकार में एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस समेत 7 पार्टियों के गठबंधन की सरकार बनेगी. तेजस्वी यादव भी कल ही डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे. बताया जा रहा है कि मंत्रियों की लिस्ट भी तैयार हो गई है. साथ ही मंत्रालय का बंटवारा भी करीब-करीब तय हो गया है. आरजेडी की तरफ से ट्वीट कर इसकी जानकारी दी गई है. राजद ने ट्वीट कर बताया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का कल दोपहर 2 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा. सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा दे दिया है. राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उनसे राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने का अनुरोध किया है.

    नीतीश कुमार के साथ सरकार बनाने को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा का कोई गठबंधन सहयोगी नहीं है, इतिहास बताता है कि भाजपा उन दलों को नष्ट कर देती है जिनके साथ वह गठबंधन करती है. हमने देखा कि पंजाब और महाराष्ट्र में क्या हुआ. बिहार में जो भी हो रहा था वो किसी से छुपा नहीं था. जनता विकल्प चाहती है, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला. नीतीश कुमार ने अपना काम किया, इन्होंने प्रधानमंत्री के सामने ये मांग रखी लेकिन इनकी मांग को नहीं माना गया. आज भाजपा को छोड़कर बिहार विधानसभा के सभी दलों और सदस्यों ने नीतीश कुमार को अपना नेता मान लिया है.

    इससे पहले नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं. इस दौरान वहां तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भी मौजूद थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने राज्यपाल को सरकार बनाने का समर्थन पत्र सौंप दिया है. इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा है कि उन्होंने एनडीए सरकार में मिले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्हें बीजेपी के साथ एक नहीं कई दिक्कतें थीं. उनके नेता बाद में सबकुछ विस्तार से बता देंगे.

    बता दें कि मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास से करीब 500 मीटर दूर राजभवन जाकर नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात की और अपना त्यागपत्र सौंप दिया. नीतीश जब राजभवन पहुंचे तो उसके बीच समर्थकों की भारी भीड़ ‘जिंदाबाद’ के नारे लगा रही थी. नीतीश कुमार बाद में तेजस्‍वी यादव से मिलने के लिए बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास के लिए निकल गए. राबड़ी देवी के घर से निकलने के बाद तेजस्वी और नीतीश कुमार साथ-साथ बाहर आए. इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल, लेफ्ट पार्टी और कांग्रेस के विधायक सीएम आवास पर पहुंचे. जहां नए गठबंधन के विधायक दलों की बैठक शुरू हुई. इसमें नीतीश कुमार को महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुना गया. यानी अब तय हो गया कि महागठबंधन की सरकार में नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे.

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  • हमारे पास 7 पार्टियों के 164 विधायक, नीतीश-तेजस्वी ने एक साथ आकर सभी सवालों का दिया जवाब, PM को लेकर भी बताया

    लाइव सिटीज पटना: लाइव सिटीज पटना: मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से महागठबंधन के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं. नीतीश कुमार ने मंगलवार की शाम साढ़े तीन बजे राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद शाम पांच बजे नीतीश कुमार फिर से राजभवन गए और उन्होंने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया. उन्होंने राज्यपाल को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा. इस दौरान वहां तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भी मौजूद थे. राज्यपाल को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपने के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक साथ आकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. दोनों नेताओं ने एक सुर में कहा कि हमलोग मिलकर काम करेंगे और बिहार को आगे बढ़ाने का काम करेंगे.

    सरकार का दावा पेश करने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे पास सात पार्टियों का समर्थन है. इसमें 164 विधायक शामिल हैं. हम लोग मिलकर काम करेंगे और बिहार को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. आरसीपी सिंह का नाम लिए बिना नीतीश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधा. नीतीश कुमार ने कहा है कि हमारे पास 164 विधायकों का समर्थन है. कुल सात पार्टियां मिलकर ये सरकार चलाने वाली है. हर कोई साथ मिलकर जनता की सेवा करने वाले हैं. वहीं पीएम उम्मीदवार को लेकर जब नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बात करने से ही मना कर दिया.

    आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता विकल्प चाहती है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, प्रधानमंत्री के सामने इसकी मांग की थी. देश में बेतहाशा महंगाई और बेरोजगारी है. हमें देश के संविधान को बचाना है. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि देश के माहौल को खराब किया जा रहा है. नीतीश कुमार ने निडर होकर निर्णय लिया है. बीजेपी के एजेंडे को बिहार में लागू नहीं होने देना है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार की जनता ने विपक्ष को संदेश दिया है कि जो मजबूती से जनता के सवालों के लिए लड़ता है, उसका साथ दिया जाता है. उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ने के लिए नीतीश कुमार को भी धन्यवाद दिया है. साफ कहा है कि बीजेपी ने साजिश के तहत पार्टी को खत्म करने का प्रयास किया था. पंजाब में अकाली के साथ भी ऐसा ही किया गया. 2024 में क्या नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बनाया जाएगा, इस पर तेजस्वी यादव ने सिर्फ इतना कहा है कि ये फैसला नीतीश पर छोड़ दिया गया है. ये फैसला लेने का हक सिर्फ उनके पास है.

    इससे पहले नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं. इस दौरान वहां तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भी मौजूद थे. हालांकि गवर्नर ने उन्हें शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया है. बताया जा रहा है कि राज्यपाल बाद में समय देंगे. नीतीश कुमार पत्र देकर राजभवन से पैदल ही वापस लौट गए हैं. माना जा रहा था कि कल यानी बुधवार को नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन राज्यपाल फागू चौहान ने अभी महागठबंधन को शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया है. ऐसे में अटकलें तेज है कि क्या इतना ड्रामा होने के बाद अब भी बिहार में कोई खेला होने वाला है. आखिर बीजेपी क्या सोच रही है.

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने राज्यपाल को सरकार बनाने का समर्थन पत्र सौंप दिया है. इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा है कि उन्होंने एनडीए सरकार में मिले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्हें बीजेपी के साथ एक नहीं कई दिक्कतें थीं. उनके नेता बाद में सबकुछ विस्तार से बता देंगे. इससे पहले मुख्यमंत्री आवास से करीब 500 मीटर दूर राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और अपना त्यागपत्र सौंप दिया. नीतीश जब राजभवन पहुंचे तो उसके बीच समर्थकों की भारी भीड़ ‘जिंदाबाद’ के नारे लगा रही थी. नीतीश कुमार बाद में तेजस्‍वी यादव से मिलने के लिए बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास के लिए निकल गए. राबड़ी देवी के घर से निकलने के बाद तेजस्वी और नीतीश कुमार साथ-साथ बाहर आए. इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल, लेफ्ट पार्टी और कांग्रेस के विधायक सीएम आवास पर पहुंचे. जहां नए गठबंधन के विधायक दलों की बैठक शुरू हुई. इसमें नीतीश कुमार को महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुना गया. यानी अब तय हो गया कि महागठबंधन की सरकार में नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे.

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  • तेजस्वी के साथ नीतीश कुमार ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, राज्यपाल ने शपथ ग्रहण का नहीं दिया समय, अभी खेल बाकी?

    लाइव सिटीज पटना: मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से महागठबंधन के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं. नीतीश कुमार ने मंगलवार की शाम साढ़े तीन बजे राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इसके बाद वो यहां से सीधा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे जहां राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने उनका स्वागत किया. बाद में शाम पांच बजे नीतीश कुमार फिर से राजभवन गए और उन्होंने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया. उन्होंने राज्यपाल को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा. इस दौरान वहां तेजस्वी यादव और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भी मौजूद थे. नीतीश कुमार ने 164 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.

    नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. हालांकि गवर्नर ने उन्हें शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया है. बताया जा रहा है कि राज्यपाल बाद में समय देंगे. नीतीश कुमार पत्र देकर राजभवन से पैदल ही वापस लौट गए हैं. उनके साथ तेजस्वी यादव, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, जीतन राम मांझी समेत महागठबंधन के प्रमुख नेता मौजूद रहे. माना जा रहा था कि कल यानी बुधवार को नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन राज्यपाल फागू चौहान ने अभी महागठबंधन को शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया है. ऐसे में अटकलें तेज है कि क्या इतना ड्रामा होने के बाद अब भी बिहार में कोई खेला होने वाला है. आखिर बीजेपी क्या सोच रही है.

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  • लालू की बेटियों ने कर दिया ऐलान, ‘राजतिलक की करो तैयारी आ रहे हैं लालटेन धारी’, बिहार में नीतीश-तेजस्वी सरकार

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम से ये साफ हो चुका है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी और एनडीए गठबंधन का पाला छोड़कर लालू यादव की आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट महागठबंधन के साथ जाने वाले हैं. कुछ देर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समर्थन पत्र लेकर राजभवन जा सकते हैं. इस बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की बेटियों ने ऐलान कर दिया है कि ‘राजतिलक की करो तैयारी आ रहे हैं , लालटेन धारी’,
    लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने ट्वीट कर एक वीडियो शेयर किया है उसमें गाने के बोल हैं ‘लालू बिना चालू ई बिहार ना होई’. इस वीडियो के साथ ही रोहिणी आचार्या ने लिखा है कि राजतिलक की करो तैयारी आ रहे हैं , लालटेन धारी’. वहीं लालू यादव की बेटी चंदा यादव ने लिखा है कि ‘तेजस्वी भव: बिहार’.

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  • बिहार में अभी सियासी तूफान आना बाकी, RJD समेत महागठबंधन के 18 विधायकों की सदस्यता हो सकती है रद्द, जानें सियासी गणित

    लाइव सिटीज पटना: बिहार की सियासत में आने वाले कुछ दिनों में भूचाल आ सकता है. लेकिन इस बीच बिहार की सियासत में तूफान आ गया है. दरअसल आरजेडी समेत महागठबंधन के 18 विधयाकों की सदस्यता रद्द हो सकती हैं. बताया जा रहा है कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा कभी भी महागठबंधन के 18 विधायकों की सदस्यता रद्द कर सकते हैं. ऐसे में बिहार की सियासत में अभी बहुत कुछ होना बाकी है. दरअसल विधानसभा बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को हुए हंगामे और सदन के अंदर हुए व्यवहार को लेकर विधानसभा की आचार समिति ने इन विधायकों के खिलाफ जांच शुरू की थी. माना जा रहा है कि आचार समिति की रिपोर्ट आ गई है. जिसके आधार पर इन विधायकों की सदस्यता रद्द हो सकती है.

    बिहार विधानसभा में संख्‍या बल का गण‍ित
    राजद 79, भाजपा 77, जदयू 45, कांग्रेस 19, सीपीआइ (एमएल) 12, हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा 4, सीपीआइ और सीपीआइ (एम) 2-2, एआइएमआइएम का एक विधायक. इनके अलावा एक नि‍र्दलीय विधायक हैं. वहीं विधानसभा की एक सीट रिक्‍त है. बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं. इस ल‍िहाज से बहुमत के लिए किसी भी सरकार को 122 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.

    दरअसल 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में सीटों के गणित की बात करें तो बहुमत के लिए 122 सीटें जरूरी हैं. हालांकि सजा मिलने के बाद आरजेडी के विधायक अनंत सिंह की सदस्यता खत्म हो गई. जिसके बाद इस समय बिहार विधानसभा में कुल 242 सदस्य है. हालांकि फिर भी बहुमत के लिए 122 सीटें जरूरी हैं. हालांकि महागठबंधन के 18 विधायकों की सदस्यता रद्द होती है तो बहुमत का आंकड़ा बदल सकता है. राजद 79, जदयू 45, कांग्रेस 19, सीपीआइ (एमएल) 12, हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा 4, सीपीआइ और सीपीआइ (एम) 2-2 और एक नि‍र्दलीय विधायक को मिलाकर संख्या बल 164 हो जाता है. ऐसे में अगर महागठबंधन के 18 विधायकों की सदस्यता भी रद्द होती है. तो आराम से तेजस्वी और नीतीश कुमार सरकार बना सकते हैं.

    एनडीए में बढ़ते तनाव के बीच जेडीयू और आरजेडी में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी को छोड़कर राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों ने विशेष बैठक बुलाई है, जिसमें राज्य की वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा हो सकती है. जिस तरह से नीतीश कुमार ने लगातार बीजेपी से दूरी बनाई है, उससे तो ये साफ संकेत मिल रहे हैं कि नीतीश कुमार बड़ा कदम उठाने का मन बना चुके हैं. अटकलें तेज है कि नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी से गठबंधन तोड़ सकते हैं. इस बीच मंगलवार को होने वाली जेडीयू विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीएम आवास पर जेडीयू कोर टीम की मीटिंग बुलाई है. वहीं उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के आवास पर बीजेपी की महत्वपूर्ण बैठक हुई. जिसमें बिहार के मौजूदा सियासी संकट पर बात हुई.

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  • बिहार में मचे सियासी बवाल के बीच विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा एक ही दिन में कोरोना पॉजिटिव से हुए निगेटिव, अटकलें तेज

    लाइव सिटीज पटना: बिहार की सियासत में इन दिनों बवाल मचा हुआ है. एनडीए में बढ़ते तनाव के बीच जेडीयू और आरजेडी में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. बिहार में सियासी बवाल के बीच बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा एक दिन में ही कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हो गए हैं. जिसको लेकर सियासी गलियारे में अटकलें तेज है. दरअसल रविवार को खबर आई थी कि विजय सिन्हा कोरोना संक्रमित हैं. लेकिन एक दिन बाद सोमवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है. विधानसभा अध्यक्ष ने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह जानकारी दी है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि एक दिन में ही विजय सिन्हा कोरोना पॉजिटिव से कैसे निगेटिव हो गए. जबकि आम तौर पर कोरोना पॉजिटिव हुए व्यक्ति को ठीक होने में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि विजय सिन्हा की कोरोना रिपोर्ट में गड़बड़ी है या कोई और बात.

    बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने रविवार को ट्वीट कर बताया था कि वह कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. विजय सिन्हा ने ट्वीट कर लिखा कि तबियत अस्वस्थ होने पर मैंने अपनी कोरोना जांच करायी थी. जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मैं कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहा हूं. मेरे संपर्क में आये लोगों से अपील है कि वह भी अपनी जांच करा लें. कोरोना से डरना नहीं बल्कि सजग और सतर्क रहकर कोरोना को हराना है और समाज को स्वस्थ बनाना है. वहीं आज यानी सोमवार को विजय सिन्हा ने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हो गए हैं. विजय सिन्हा ने ट्वीट कर लिखा कि ईश्वर की असीम कृपा और आप सभी के स्नेहाशीष से आज मेरी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है, जिससे मैं पुनः अपने कर्म पथ पर लौट रहा हूं. कोरोना से डरना नहीं बल्कि सजग और सतर्क रहकर इसे हराना है और समाज को स्वस्थ बनाना है.

    बता दें कि बिहार की सियासत में आने वाले कुछ दिनों में भूचाल आ सकता है. एनडीए में बढ़ते तनाव के बीच जेडीयू और आरजेडी में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी को छोड़कर राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों ने विशेष बैठक बुलाई है, जिसमें राज्य की वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा हो सकती है. जिस तरह से नीतीश कुमार ने लगातार बीजेपी से दूरी बनाई है, उससे तो ये साफ संकेत मिल रहे हैं कि नीतीश कुमार बड़ा कदम उठाने का मन बना चुके हैं. अटकलें तेज है कि नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी से गठबंधन तोड़ सकते हैं. हालांकि बीजेपी अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में है. मौजूदा हालात पर नजर बनाए हुए है. सियासी हलचल के बीच भाजपा के कई दिग्‍गज नेता बिहार से दिल्‍ली के लिए रवाना हो चुके हैं.

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