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  • न्यूज नालंदा – निगम चुनाव: कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, कुर्सी के लिए अमृत पिलाने को तैयार…

    इस बार का निगम चुनाव रोचक होने वाला है। कुल 307 प्रत्याशी मैदान में हैं। सभी प्रत्याशियों को शुक्रवार को चुनाव चिह्न दे दिया गया। सिम्बल मिलने के बाद प्रत्याशियों ने जनसंपर्क तेज कर दिया है। कोई जात तो कोई जमात के सहारे जीत का दावा कर रहा है।

    न्यूज नालंदा – निगम चुनाव: कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, कुर्सी के लिए अमृत पिलाने को तैयार…

    कहने को तो यह चुनाव निर्दलीय लड़ा जा रहा है। मगर सच्चाई इसके विपरीत है। परोक्ष रूप से कई पार्टी के नेता अपने चहेते उम्मीदवार की पीठ थपथपा जनता को संदेश दे हैं कि कौन उनका समर्थित प्रत्याशी है। इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। चर्चित नेता चहेते प्रत्याशी के साथ फोटो पोस्ट कर रहे हैं।

    यही स्थित उप मेयर पद का है। इस पद के लिए कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें कुछ वैसे प्रत्याशी भी हैं जो कुछ वोट लाकर समाज का नेता बनने की तमन्ना पाले हैं। कुछ उम्मीदवार नामांकन के महीनों पहले से कई कार्यक्रम आयोजित कर खुद को जनता की नजर में लाने की जुगत में जुटे थे। जनता जानती है कि जिसने कभी प्यासे को पानी नहीं पिलाया, वह वोट के लिए अमृत पिलाने की बात कर रहा है।

    इसी तरह वार्ड पार्षद के लिए 273 उम्मीदवार भाग्य आजमायेंगे। जानकारों की मानें तो कुछ पार्षदों को इस बार अपनी कुर्सी बचानी मुश्किल साबित होगी। 20 अक्टूबर को वोट डालें जायेंगे। जबकि, 22 को चुनाव परिणाम की घोषणा होगी।

  • अभिनंदन समारोह में मोबाइल की रोशनी में हुई तीन मंत्रियों की सभा, तेजी से वीडियो हो रहा वायरल

    लाइव सिटीज, रोहतास: बिहार के रोहतास में एक सभा का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में मोबाइल की रोशनी में सभा का आयोजन होता दिखाई दे रहा है. विडंबना इस बात की है कि सभा में बिहार सरकार के तीन-तीन मंत्री शामिल हैं और उनका भाषण हो रहा है. फिर भी रोशनी की व्यवस्था नहीं की गई है. यह सभा चेनारी के डाक बंगला मैदान आयोजित की गई थी. इस सभा का वायरल वीडियो जिले में लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.

    डाक बंगला मैदान में चेनारी में आयोजित अभिनंदन समारोह में बिहार सरकार के मंत्रियों के रहने के बावजूद रोशनी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण नेताओं को अंधेरे में भाषण देना पड़ा. कार्यक्रम का आयोजन दिन में ही होना था, लेकिन सभी अतिथि विलंब से देर शाम तक पहुंचे. इस कारण मंत्रियों को अपना संबोधन अंधेरे में ही करना पड़ा. इस दौरान करगहर के कांग्रेस विधायक संतोष मिश्रा भी मंच पर देखे गए.

    डाक बंगला मैदान में चेनारी में स्थानीय कांग्रेस विधायक सह बिहार सरकार में पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम, पिछड़ा व अति पिछड़ा कल्याण मंत्री अनीता देवी और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान के स्वागत के लिए अभिनंदन कार्यक्रम रखा गया था. चूकि, कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को दोपहर में ही होना था, इसलिए रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी.

    वहीं कार्यक्रम में मंत्री गण भी बारी-बारी से देर शाम तक पहुंचते रहे. इस कारण से मंत्रियों के भाषण के दौरान अंधेरा होने लगा और लोगों को मोबाइल का टाॅर्च जलाकर रोशनी दिखानी पड़ी. सभा भी काफी देर तक चली, लेकिन कार्यक्रम स्थल पर रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से मंच पर मौजूद नेतागण और मैदान में खड़े समर्थकों को भी मोबाइल की रोशनी जलाकर पूरे कार्यक्रम में शामिल रहना पड़ा.

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  • मुख्यमंत्री ने विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

    लाइव सिटीज, पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में पुलिस महानिदेशक एस०के०सिंघल ने मुख्यमंत्री को अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ लगातार काम कर रही है। अपराध अनुसंधान के कार्य भी तेजी से किए जा रहे हैं ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल सके।

    बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय जे०एस० गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक सी०आई०डी० जितेन्द्र कुमार एवं अपर पुलिस महानिदेशक विधि व्यवस्था संजय सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गश्ती वाहन, पैदल गश्ती, स्पीडी ट्रायल में तेजी, भूमि विवाद निपटारा, कब्रिस्तान की घेराबंदी और सभी थानों में लैंडलाइन फोन का फंक्शनल होने और साइबर अपराध की रोकथाम हेतु की जा रही कार्रवाई आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

    बैठक में पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय जे०एस० गंगवार ने बताया कि पुलिस बल में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने के बाद राज्य में महिला पुलिस और महिला दारोगा की संख्या लगातार बढ़ रही है और उनकी पदस्थापना पुलिस थानों में की जा रही है। इसकी सराहना राज्य के बाहर भी हो रही है। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों की स्वीकृत पदों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद प्रति लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की संख्या 192 के की हो जाएगी जबकि राष्ट्रीय मानक 193.95 है।

    समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें। गंभीर आपराधिक घटनाओं पर की गई कार्रवाई के संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय प्रेस को प्रतिदिन अवगत कराएं। सोशल मीडिया पर भी इसके संबंध में जानकारी दें। घटना की पूरी जानकारी, उस पर की जा रही कार्रवाई, घटना के विभिन्न पहलुओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दें ताकि लोगों को सही जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि सभी थानों में लैंडलाइन फोन फंक्शनल रहे, इसके लिए मुख्यालय स्तर से निरंतर अनुश्रवण करते रहें। अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके। गश्ती व्यवस्था को और सुदृढ़ करें। इसकी निरंतर निगरानी भी करते रहें। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करने के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, 15 दिनों में एक बार एस०डी०ओ० और एस०डी०पी०ओ० तथा सप्ताह में एक दिन अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष की नियमित रूप से होनेवाली बैठकों में समस्याओं का त्वरित निष्पादन करें। उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं। लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होनेवाले अपराध में कमी आए । मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय मानक के अनुरूप प्रति एक लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की स्वीकृत पदों की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए तेजी से काम करें। उन्होंने कहा कि स्पीडी ट्रायल में तेजी लाएं। अपराध अनुसंधान कार्य को ससमय पूर्ण करें।

    बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एस0के0 सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह अपर मुख्य सचिव वित्त डॉ० एस० सिद्धार्थ, सचिव गृह जितेंद्र श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय जे०एस० गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक विशेष शाखा सुनील कुमार अपर पुलिस महानिदेशक सी०आई०डी० जितेंद्र कुमार और अपर पुलिस महानिदेशक विधि व्यवस्था संजय सिंह उपस्थित थे।

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  • राजधानी पटना में महिला को लूट रहे थे अपराधी, विरोध करने पर 60 साल की बुजुर्ग को मार डाला

    लाइव सिटीज, पटना: बिहार में अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है. अपराधियों का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन अपराधी बड़ी घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं. ताजा मामला राजधानी पटना से है, ताजा मामला राजधानी पटना का है, जहां शुक्रवार को एक महिला की हत्या के बाद पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में घंटों लग गए. ऐसे में पुलिस जब पहुंची तो नाराज लोगों ने जमकर बवाल किया. इस दौरान पुलिस वालों और स्थानीय लोगों के बीच सड़क पर जमकर झगड़ा हुआ और स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई.

    मिली जानकारी के अनुसार पटना-मसौड़ी रोड पर परसा बाजार में महिला की हत्या से नाराज लोगों ने लाठी-डंडे के साथ सड़क पर हंगामा खड़ा कर दिया. उनका आरोप है कि 3 घंटे के बाद मौके पर पुलिस पहुंची. पुलिस के इस रवैये से लोग काफी नाराज थे और पुलिस के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे थे. बता दें, यह पहला मौका नहीं है जब पुलिस के रोज ऐसे लोगों में इस कदर नाराजगी हुई है.

    दरअसल परसा बाजार इलाके में एक महिला की हत्या के बाद काफी हंगामा बरपा है. घटना आज सुबह 5 बजे की बताई जाती है. बताया जाता है कि पुलिस टीम 3 घंटे बाद करीब 8 बजे पहुंची. घटना से नाराज लोगों ने पटना-मसौढ़ी रोड को जाम कर दिया और सड़क पर हंगामा करने लगे. स्थानीय लोगों का आरोप है कि महिला की लूटपाट के दौरान हत्या की गई है.

    इधर इस घटना की सूचना देने पर भी पुलिस मौके वारदात पर घंटों देर से पहुंची है जिससे लोग पुलिस के रवैए से बेहद खफा हैं. लोगों ने पुलिस के खिलाफ लगातार नारेबाजी की. किसी तरह पुलिस लोगों को समझाने बुझाने में जुटी हुई है. बताया जाता है कि आला अधिकारी भी मौके के लिए रवाना हो गए हैं.

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  • Queen Elizabeth II passes away – Muslim Newz

    Queen Elizabeth II, the UK’s longest-serving monarch, has died at Balmoral aged 96, after reigning for 70 years.

    Her family gathered at her Scottish estate after concerns grew about her health earlier on Thursday.

    The Queen came to the throne in 1952 and witnessed enormous social change.With her death, her eldest son Charles, the former Prince of Wales, will lead the country in mourning as the new King and head of state for 14 Commonwealth realms.

    In a statement, Buckingham Palace said: “The Queen died peacefully at Balmoral this afternoon.”The King and the Queen Consort will remain at Balmoral this evening and will return to London tomorrow.”All the Queen’s children travelled to Balmoral, near Aberdeen, after doctors placed the Queen under medical supervision.Her grandson, Prince William, is also there, with his brother, Prince Harry, on his way.

  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अंचल कमेटी सरमेरा का 28 वां सम्मेलन संपन्न

    कॉमरेड नागेश्वर प्रसाद सिंह एवं स्वराज शाही के अध्यक्षता में सरमेरा प्रखंड के ग्राम यीसुआ के उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में 28 वा सम्मेलन संपन्न हुआ जिला की ओर से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य कमेटी सदस्य कामरेड सतेंद्र कृष्णन एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी नालंदा के जिला कार्यकारिणी सदस्य तथा खेत मजदूर यूनियन के जिला मंत्री एवं राज्य कमेटी सदस्य राज किशोर प्रसाद ने भाग लिया सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सत्येंद्र कृष्णन ने बताया कि पूरे देश के अंदर अराजकता का माहौल अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति पूरे देश के अंदर किसी को कोई सुनने वाला नहीं है कार्यपालिका न्यायपालिका संविधान कुछ भी मायने नहीं रखता जो चाहते हैं

    मोदी सरकार वह करते जिसके वजह से देश के अंदर बौखलाहट है और राजनीतिक परिस्थिति में भूचाल जैसा स्थिति उत्पन्न हो गई है जो 2024 के चुनाव में इसको उखाड़ फेंके सम्मेलन का अभिनंदन करते हुए राज किशोर प्रसाद ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार आर एस एस के एजेंडे को थोपना चाहती है देशवासियों के ऊपर झूठे वादे करके गलत बयानी करके देश के परिसंपत्तियों को भेज करके अदानी अंबानी के इशारे पर सरकार को चला रही है जो देश के जनता के लिए घातक है यह पैसे के बल पर चुनी गई

    राज्य सरकारों को बदल रही है वहीं फार्मूला बिहार के अंदर लागू करना चाहा जिसे जन बादी ताकतों ने बीजेपी को खास फेंक करके एक नई सरकार बनाई जो पूरे देश के लिए उदाहरण है और यह हिंदुस्तान के लिए 1 मील का पत्थर साबित होगा जो 2024 में किसानों और मजदूरों नौजवानों की सरकार बनेगी ऐसीपरिस्थिति में हमें लाल झंडे की एकता और मजबूत करके वामपंथी जनवादी की सरकार बनेगी जो किसान और मजदूरों के हितों की रक्षा करते हुए इस देश के लोकतंत्र और आजादी को बरकरार रखते हुए संविधान को रक्षा करेगी सम्मेलन में अंचल मंत्री लक्ष्मी ताती पेश किया

    जिससे दर्जनों साथियों ने बहस में भाग लिया 19 सदस्य लोकल कमेटी का गठन किया गया तथा 5 सदस्यों को जिला सम्मेलन के लिए जो समय 12:00 13 सितंबर 2022 को कतरी सराय के कटौना में संपन्न होगा प्रतिनिधि चुना गया सम्मेलन में अंचल मंत्री लक्ष्मी ताती रामभरोसा महतो नर्मदेश्वर सिंह स्वराज शाही मीना ठाकुर रामेश्वर चौहान रामधन केवट सुरेश प्रसाद वरुण पासवान देव शरण प्रसाद प्रदीप मिस्त्री बालेश्वर मांझी प्रकाश राम नरेश माली देवनारायण प्रसाद गुप्ता सुरेश प्रसाद रामेश्वर चौहान रामाधीन केवट मनीष ठाकुर आदि ने भी सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपने कीमती सुझाव दिए ताकि आगे आने वाले दिनों में सर मेरा में हम कम्युनिस्ट पार्टी को और कैसे मजबूत करें सम्मेलन का शुरुआत झंडोत्तोलन से किया हुआ जिसे वयोवृद्ध कॉमरेड नागेश्वर प्रसाद सिंह ने झंडोत्तोलन किया झंडा गीत के साथ प्रारंभ हुआ तथा सम्मेलन का समापन अंतर राष्ट्रीय गान के साथ किया गया सम्मेलन में लक्ष्मी ताती को अंचल मंत्री निर्वाचित किया गया

  • मोदी सरकर द्वारा विपक्ष पर ED और CBI की एकतरफा कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण

    कराय परशुराय / नालन्दा : जन अधिकार युवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर ने उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पर ED और CBI का दुरूपयोग करने का आरोप लगाते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर चोट जरुरी है, लेकिन यह एकतरफा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा इन दिनों देश में ED और CBI का इस्तेमाल सिर्फ विपक्ष को खत्म करने के लिए कर रही है, जबकि उनके अपने कई मंत्री और नेताओं ने भी भ्रष्टचार से सम्पत्ति बनायी है, उस पर वह कुछ नहीं कर रही है.

    उन्होंने उक्त बातें हिलसा बाजार में मां काली पूजा अर्चनाऔर कराय परशूराय के डियांवा गांव में मजार पर चादरपोशी के बाद कही. उन्होंने कहा कि आज देश के युवाओं के सामने बेरोजगारी और महंगाई बड़ी समस्या है. बढ़ती महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ रखी है, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. यही वजह है कि केंद्र की सरकार हर वो काम करती है, जिससे मुख्य मुद्दे विलुप्त हो रहे हैं. और जनता के बीच त्राहिमामा की स्थिती है.

    दानवीर ने कहा कि मोदी सरकार, जब सबका साथ सबका विकास की बात करती है, तो ED और CBI से जाँच भी निष्पक्षता से सबों का होना चाहिए. लेकिन उनकी मंशा न सिर्फ विपक्ष को ख़त्म करने की है, बल्कि महंगाई, बेरोजगारी, सुरक्षा जैसे मुद्दों से सबका ध्यान भटकाने की भी है. दानवीर ने कहा कि हमारे नेता आदरणीय श्री पप्पू यादव जी ने बार बार कहा है कि देश के सभी नेताओं और अधिकारीयों की सम्पत्ति की जाँच निष्पक्षता से हो, ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो जाए. वरना विपक्ष को निशाने पर लेकर दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई से गलत परम्परा की शुरुआत होगी. यह हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं होगा. इस मौके पर पार्टी के सकड़ों नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे.

  • माननीय मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतीश कुमार जी का आगमन

    माननीय मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतीश कुमार जी का आगमन एकंगरसराय के गोमहर गांव तथा हरनौत प्रखंड के नेहुसा गांव में प्रस्तावित था।

    माननीय मुख्य मंत्री को ग्राम गोमहर स्वo विनोद प्रसाद जी जो जद(यू) के प्रखंड अध्यक्ष थे, के श्राद्ध कार्यक्रम में तथा हरनौत के ग्राम नेहुसा स्वo राम कृष्ण पंडित जी भूतपूर्व स्वतंत्रता सेनानी व प्रधानाध्यक के पूण्य तिथि पर आयोजित श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल होने आना था।

    अभी-अभी माननीय मुख्यमंत्री स्वo विनोद जी घर पर श्रंद्धांजलि अर्पित कर ग्राम नेहुसा के लिए रवाना हो गए।

  • मुढारी गांव के कंधे में वृद्ध महिला का शव का मिलने से इलाके में सनसनी फैला,

    हरनौत थाना क्षेत्र इलाके के मुढारी गांव के बीच कंधे में एक 60 वर्षीय वृद्ध महिला का शव मृत अवस्था में मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों द्वारा पुलिस को सूचना देने के बाद मौके पर हरनौत थाना व बेना थाना पुलिस टीम ने घटना स्थल पर पहुंच कर शव को पहचान करने में जुटी गई। वही घंटों देर बाद शव की पहचान कर ली गई। घटना स्थल पर उपस्थित हरनौत थाना प्रभारी देवानंद शर्मा ने बताया कि मृतक महिला की पहचान कर ली गई है।मृतक महिला हरनौत थाना क्षेत्र इलाके के छोटकी मुढारी गांव के रामप्रीत चौहान की 60 वर्षीय पत्नी कौशल्या देवी के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि घटना कैसे हुई है इसका पता अभी तक कुछ नहीं चल पाया है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही पता हो पाएगा। मृतक महिला की परिजनों ने बताया कि वृद्ध महिला घर से दोपहर 12 बजे के बाद यहां तक कैसे पहुंचा जिसकी कोई जानकारी नहीं है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि अलंग पर से उतरने के दौरान पैर उनका फिसल गया,प्रथम दृष्टि से देखने से लगता है कि साड़ी नरेटी में लदफादा गया और वह बेहोश होकर दम तोड़ दिया। वहीं मौत की खबर सुनने के बाद मृतक के परिजनों में रो रो कर बुरा हाल हो गया है। घटनास्थल पर शव को देखने के लिए आसपास के ग्रामीणों का भीड़ उमड़ पड़ी।

  • बहुजन हितैसी समाज सुधारक रामस्वरूप वर्मा की 99 वीं जयंती पर विशेष :

    देश के महान समाज सुधारक रामस्वरूप वर्मा सामाजिक क्रांति के जनक ही नहीं थे, वरन् वे बहुजन नवजागरण के अग्रदूत भी थे। वे आधुनिक सचेत मानव थे और नये भारत के ऐसे महान् व्यक्तित्व थे, जिन्होंने पूर्व एवं पश्चिम की विचारधारा का समन्वय कर सैकड़ो वर्षों से सोये हुए भारत को नये सोच के साथ जागृत किया। वे इस समाज एवं शताब्दी के ऐसे निर्माता थे, जिन्होंने उन सब बाधाओं को दूर किया, जो हमारी प्रगति के मार्ग में बाधक थीं। वे मानवतावाद के सच्चे पुजारी थे। उन्हें पुनर्जागरण व सुधारवाद मानववाद का महान प्रर्वतक कहा जाता है।
    इसी सामाजिक बदलाव में उत्तर प्रदेश कानपुर के ग्राम गौरीकरन में कुर्मी जाति के एक किसान परिवार में 22 अगस्त 1923 को रामस्वरूप वर्मा का जन्म हुआ। चार भाइयों में सबसे छोटे थे रामस्वरूप वर्मा जी। उनके पिता का नाम वंशगोपाल और माता का नाम सुखिया था।

                            रामस्वरूप वर्मा की शिक्षा-दीक्षा और अर्जक संघ’ की स्थापना

    अंग्रेजों से देश को मिली आजादी के बाद यहां की एक बड़ी आबादी अंधविश्वास एवं पाखंडवाद के गुलाम थी। इस गुलामी के कारण देश में वैज्ञानिक सोच पर जादू-टोना, तंत्र-मंत्र भारी पड़ रहा था और युवा वास्तविकता से हटकर अपनी राह से भटक रहे थे। रामस्वरूप वर्मा अपने वैज्ञानिक चिंतन से देश को अंधविश्वास से आजादी दिलाने के लिए एक नई मिशन की शुरुआत की। रामस्वरूप वर्मा का प्रारम्भिक शिक्षा गांव के पाठशाला में ही हुई थी। लेकिन उनकी आगे की शिक्षा कालपी और पुखरायां में हुई जहां से उन्होंने हाई स्कूल और इंटर की परीक्षाएं उच्च श्रेणी में उत्तीर्ण की। माता-पिता अपने बेटे रामस्वरूप को उच्च शिक्षा ग्रहण करवाना चाहते थे। वे बचपन से ही पढ़ने में कुशाग्र बुद्धि के थे। उन्होंने 1949 के जमाने में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. और आगरा विश्विद्यालय से एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की, जब बहुजनों के लिए शिक्षा का दरवाजा बन्द था। किन्तु ब्रिटिश हुकूमत के कारण बहुजनों और महिलाओं की शिक्षा का रास्ता प्रशस्त हो रहा था जिसका लाभ रामस्वरूप वर्मा को मिला। उन्होंने उर्दू, अंग्रेजी, हिन्दी और संस्कृत भाषा की शिक्षा ग्रहण की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके सामने तीन विकल्प थे। पहला विकल्प प्रशासनिक सेवा में जाना, दूसरा वकालत करना तथा तीसरा विकल्प था राजनीति के द्वारा मूलनिवासी बहुजनों तथा देश की सेवा करना। रामस्वरूप वर्मा जी ने आई॰ए॰एस॰ की लिखित परीक्षा भी उर्त्तीण कर ली थी। किन्तु साक्षात्कार के पूर्व ही वे निर्णय ले चुके थे, कि प्रशासनिक सेवा में रहकर ऐशो आराम की जिन्दगी तो व्यतीत कर सकते हैं पर उन मनुवाद से आच्छादित मूलनिवासी बहुजन समाज में व्याप्त भाग्यवाद, पुर्नजन्म, अन्धविश्वास, पाखण्ड, चमत्कार जैसी धारणा से निजात नहीं दिला सकते। इसलिए सामाजिक चेतना और जागृति पैदा करने के लिए उन्होंने 1 जून 1968 को सामाजिक संगठन ‘अर्जक संघ’ की स्थापना की।

                           रामस्वरूप वर्मा द्वारा स्थापित अर्जक संघ का मूल कार्य

    अर्जक संघ के अनुयायी सनातन विचारधारा के उलट जीवन में सिर्फ दो संस्कार ही मानते हैं- विवाह और मृत्यु संस्कार। शादी के लिए परंपरागत रस्में नहीं निभाई जातीं। लड़का-लड़की संघ की पहले से तय प्रतिज्ञा को दोहराते हैं और एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर शादी के बंधन में बंध जाते हैं। मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार मुखाग्नि या दफना-कर पूरा किया जाता है, लेकिन बाकी धार्मिक कर्मकांड इसमें नहीं होते। इसके 5 या 7 दिन बाद सिर्फ एक शोकसभा होती है। अर्जक संघ के मुताबिक, दरअसल हमारे हिंदू समाज में जन्म के आधार पर बहुत ही ज्यादा भेदभाव किया गया है। कोई पैदा होते ही ब्राह्मण, तो कोई वाल्मीकि होता है। ब्राह्मण समाज धर्मग्रंथों का सहारा लेकर सदियों से नीची जातियों का दमन करते आए हैं।         रामस्वरूप वर्मा ने मानव-मानव एक समान का नारा दिया था

    राजनीतिक क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही रामस्वरूप वर्मा वंचित तबके को आडंबर वाले जातिगत व्यवस्था से बाहर निकालना चाहते थे। वे मानते थे कि भारतीय समाज के बड़े हिस्से के पिछड़ेपन का मूल कारण है—धर्म के नाम पर आडंबर। तरह-तरह के कर्मकांड और रूढ़ियां। शताब्दियों से दबे-कुचले समाज को पंडित और पुजारी तरह-तरह के बहाने बनाकर लूटते रहते थे। ‘अर्जक संघ’ के गठन का प्रमुख उद्देश्य लोगों को धर्म के नाम किए जा रहे छल-प्रपंच और पाखंड से मुक्ति दिलाना था। हालांकि यह कोई नई पहल नहीं थी। जाति मुक्ति के लिए पेशा-मुक्ति आंदोलन की शुरुआत 1930 से हो चुकी थी। आगे चलकर अलीगढ़, आगरा, कानपुर, उन्नाव, एटा, मेरठ जैसे जिले, जहां चमारों की संख्या काफी थी-उस आंदोलन का केंद्र बन गए। आंदोलन का नारा था-‘मानव-मानव एक समान’। उन दिनों गांवों में मृत पशु को उठाकर उनकी खाल निकालने का काम चमार जाति के लोग करते थे। जबकि चमार स्त्रियां नवजात के घर जाकर नारा(नाल) काटने का काम करती थीं। समाज के लिए दोनों ही काम बेहद आवश्यक थे। मगर उन्हें करने वालों को हेय दृष्टि से देखा जाता था। अछूत मानकर उनसे नफरत की जाती थी। डॉ. आंबेडकर की प्रेरणा से 1950-60 के दशक में उत्तर प्रदेश से ‘नारा-मवेशी आंदोलन’ का सूत्रपात हुआ था।

                      बहुजन नेता रामस्वरूप वर्मा की साहित्यिक रुचि और साहित्यिक सफर

    समाज सुधारक रामस्वरूप वर्मा ने ‘अर्जक संघ’ की स्थापना के एक साल बाद 1 जून 1969 को ‘अर्जक’ अख़बार निकालकर बहुजन पत्रकारिता की आधारशिला रखी। हालाँकि यह पहली बहुजन पत्रकारिता नहीं थी, क्योंकि इससे पूर्व भी बहुजन पत्रकारिता को रेखांकित करने के प्रयास हो चुके थे, जिसमें चन्द्रिकाप्रसाद जिज्ञासु के सम्पादन में निकलने वाली पत्रिका ‘कलवार सन्देश’ भी थी। फिर भी वे सीमित प्रयास थे और मासिक थे। इसके विपरीत, ‘अर्जक’ साप्ताहिक था, जो सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की दिशा में बहुजनों को ब्राह्मणवाद और पूंजीवाद के खिलाफ वही चेतना और वही प्रकाश दे रहा था, जिसके लिए बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर ने इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी बनाई थी। अर्जक का अर्थ वही है, जो अंग्रेजी के ‘लेबर’ शब्द का है- श्रम करके अर्जन करने वाला। इसलिए कहना न होगा कि ‘अर्जक’ अखबार ने शीघ्र ही लोकप्रियता हासिल कर ली। अर्जक संघ मानववादी संस्कृति का विकास करने का काम करता है। इसका मकसद मानव में समता का विकास करना, ऊंच-नीच के भेदभाव को दूर करना और सबकी उन्नति के लिए काम करना है। संघ 14 मानवतावादी त्योहार मनाता है। इनमें गणतंत्र दिवस, अंबेडकर जयंती, बुद्ध जयंती, स्वतंत्रता दिवस के अलावा बिरसा मुंडा और पेरियार रामास्वामी की पुण्यतिथियां भी शामिल हैं। बहुजन नेता रामस्वरूप वर्मा में राजनैतिक चेतना का प्रादुर्भाव डॉ. अम्बेडकर के उस भाषण से हुआ, जिसे उन्होंने मद्रास के पार्क टाउन मैदान में 1944 में शिड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन द्वारा आ त कार्यकर्ता सम्मेलन में दिया था।

                                     रामस्वरूप वर्मा की कालजयी कृतियाँ

    रामस्वरूप वर्मा सिर्फ राजनेता नहीं थे, बल्कि एक उच्चकोटि के दार्शनिक, चिंतक और रचनाकार भी थे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुस्तकों की रचना की है। क्रांति क्यों और कैसे, मानववाद बनाम ब्राह्मणवाद, मानववाद प्रश्नोत्तरी, ब्राह्मणवाद महिमा क्यों और कैसे, अछूतों की समस्या और समाधान, अंबेडकर साहित्य की जब्ती और बहाली, निरादर कैसे मिटे, शोषित समाज दल का सिद्धांत, अर्जक संघ का सिद्धांत, वैवाहिक कुरीतियां और आदर्श विवाह पद्धति, आत्मा पुनर्जन्म मिथ्या, मानव समता कैसे, मनुस्मृति राष्ट्र का कलंक आदि उनकी प्रमुख रचनाएं हैं जो अर्जक प्रकाशन से प्रकाशित हुई़ं। रामस्वरूप वर्मा की अधिकांश रचनाएं ब्राह्मणवाद के खिलाफ हैं। पुनर्जन्म, भाग्यवाद, जात-पात, ऊंच-नीच का भेदभाव और चमत्कार सभी ब्राह्मणवाद के पंचांग हैं जो जाने-अनजाने ईसाई, इस्लामी, बौद्ध आदि मानववादी संस्कृतियों में प्रकारांतर से स्थान पा गए हैं। वे मानववाद के प्रबल समर्थक थे। वे मानते थे कि मानववाद वह विचारधारा है जो मानव मात्र के लिए समता, सुख और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है।

                            डॉ. राममनोहर लोहिया के नेतृत्व में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी में शामिल

    अपनी पढ़ाई-लिखाई पूरी करते करते वर्मा जी समाजवादी विचारधारा के प्रभाव में आ गये थे और डॉ. लोहिया के नेतृत्व में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हो गये। डॉ. राममनोहर लोहिया को अपनी पार्टी के लिए एक युवा विचारशील नेतृत्व मिल गया जिसकी तलाश उन्हें बहुत दिनों से थी। डॉ. लोहिया को वर्मा जी के व्यक्तित्व की सबसे महत्वपूर्ण बात यह लगी कि उनके पास एक विचारशील मन है, वे संवेदनशील हैं, उनके विचारों में मौलिकता है, इन सबसे बड़ी बात यह थी किसान परिवार का यह नौजवान प्रोफेसरी और प्रशासनिक रुतबे की नौकरी से मुंह मोड़ कर राजनीति को सामाजिक कर्म के रूप में स्वीकार कर रहा है । डॉ० लोहिया को वर्मा जी का जिन्दगी के प्रति एक फकीराना नजरिया और निस्वार्थी-ईमानदार तथा विचारशील व्यक्तित्व बहुत भाया और उनके सबसे विश्वसनीय वैचारिक मित्र बन गये क्योंकि वर्मा जी भी डा० लोहिया की तरह देश और समाज के लिए कबीर की तरह अपना घर फूंकने वाले राजनैतिक कबीर थे। वर्मा जी अपने छात्र जीवन में आजादी की लड़ाई के चश्मदीद गवाह रहे पर उसमें हिस्सेदारी न कर पाने का मलाल उनके मन में था इसीलिए भारतीय प्रशासनिक सेवा की रुतबेदार नौकरी को लात मार कर राजनीति को देश सेवा का माध्यम चुना और राजनीति भी सिद्धान्तों और मूल्यों की।       रामस्वरूप वर्मा का राजनैतिक यात्रा

    रामस्वरूप वर्मा जी पढ़ाई के बाद सीधे राजनीति में आने पर परिवार ने कभी आपत्ति नहीं की बल्कि हर सम्भव उन्हें प्रोत्साहन और सहयोग दिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए पहला चुनाव 1952 में भोगनीपुर चुनाव क्षेत्र से एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रामस्वरूप गुप्ता के विरुद्ध लड़ा और महज चार हजार मतों से वे हारे पर 1957 के चुनाव में उन्होंने रामस्वरूप गुप्ता को पराजित किया था। पुनः वे 1957 में सोशलिस्ट पार्टी से भोगनीपुर विधानसभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश विधान सभा के सद्स्य चुने गये, उस समय उनकी उम्र मात्र 34 वर्ष की थी। 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पर्टी से, 1969 में निर्दलीय, 1980, 1989 में शोषित समाजदल से उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गये। 1991 में छठी बार शोषित समाजदल से विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। जनान्दोलनों में भाग लेते हुए वर्मा जी 1955, 1957, 1958, 1960, 1964, 1969, और 1976 में 188 आई०पी०सी० की धारा 3 स्पेशल एक्ट धारा 144 डी०आई०आर० आदि के अन्तर्गत जिला जेल कानपुर, बांदा, उन्नाव, लखनऊ तथा तिहाड़ जेल दिल्ली में राजनैतिक बन्दी के रूप में सजाएं भोगीं। वर्मा जी ने 1967-68 में उत्तर प्रदेश की संविद सरकार में वित्तमंत्री के रूप में 20 करोड़ के लाभ का बजट पेश कर पूरे आर्थिक जगत को अचम्भे में डाल दिया। बेशक संविद सरकार की यह बहुत बड़ी उपलब्धि थी। कहा जाता है कि एक बार सरकार घाटे में आने के बाद फायदे में नहीं लाया जा सकता है, अधिक से अधिक राजकोषीय घाटा कम किया जा सकता है। दुनिया के आर्थिक इतिहास में यह एक अजूबी घटना थी जिसके लिए विश्व मीडीया ने वर्मा जी से साक्षात्कार कर इसका रहस्य जानना चाहा। संक्षिप्त जबाब में तो उन्होंने यही कहा कि किसान से अच्छा अर्थशास्त्री और कुशल प्रशासक कोई नहीं हो सकता क्योंकि लाभ-हानि के नाम पर लोग अपना व्यवसाय बदलते रहते हैं पर किसान सूखा-बाढ़ झेलते हुए भी किसानी करना नहीं छोडता। वर्मा जी भले ही डिग्रीधारी अर्थशास्त्री नहीं थे पर किसान के बेटे होने का गौरव उन्हें प्राप्त था। बाबजूद इसके कि वर्मा जी ने कृषि, सिंचाई, शिक्षा, चिकित्सा, सार्वजनिक निर्माण जैसे तमाम महत्वपूर्ण विभागों को गत वर्ष से डेढ़ गुना अधिक बजट आवंटित किया तथा कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते में वृद्धि करते हुए फायदे का बजट पेश किया था।                                  रामस्वरूप वर्मा का निधन