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  • राजनीतिक बदलाव की ओर बढ़ रहा बिहार! जेपी नड्डा के बयान को लेकर जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने कह दी बड़ी बात

    लाइव सिटीज, पटना: बिहार में सियासी हवा अचानक से बदल गई है. भाजपा को छोड़कर शेष सभी दलों के विधायकों और सांसदों की अगले 48 घंटे में पटना में बैठक होनी है. खासकर जदयू सांसदों की मंगलवार को होने वाली बैठक काफी अहम है. कयासबाजी लगने लगी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ बड़ा निर्णय लेंगे. हो सकता है कि वे एनडीए में जदयू के भविष्य को लेकर नेताओं से चर्चा करें और किसी बड़े राजनीतिक बदलाव पर निर्णय लें. 

    इसपर जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि संगठन को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं. सीएम नीतीश अभी जनता दरबार लगा रहे हैं. हमलोग जनता के लिए काम कर रहे हैं. कयासबाजी लगने लगी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ बड़ा निर्णय इस सवाल पर जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि अबी ऐसी कुछ बात नहीं है. जो कयास लगाया जा रहा है, ऐसा कोई बात नहीं है. लेकिन उमेश कुशवाहा ने कुछ ना कह कर बहुत कुछ कह दिया है. उनेश कुशवाहा ने सीधे-सीधे जेपी नड्डा को टारगेट कर दिया है. मीडिया के सवालों से बचते-बचते भी उन्होंने बहुत कुछ कह दिया है

    जेपी नड्डा के क्षेत्रीय पार्टी को खत्म कर देने वाली बयान पर जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि जेपी नड्डा ने कहा कि सब क्षेत्रिए पार्टी समाप्त हो जाएगी. एक दूसरे पर हमला करना ठीक नहीं हैं. NDA घटक दल में हमलोग भी है, सपर सोचना चाहिए. जेपू नड्डा के इस बयान पर बहुत दुख हुआ है. हमलोग सबका वजूद है. हमसब के नेता सीएम नीतीश हैं. उनके नेतृत्व में बिहार में सरकार चल रही है. सीएम नीतीश जो 16 साल में काम किया है, वे ऐतिहासिक है. पूर्व में बिहार की हालत बहुत ही खराब थी. अब बिहार में तेजी से विकास हो रही है. सीएम नीतीश के नेतृत्व में बिहार में सुशासन की सरकार चल रही है.

    आपको बता दें की रविवार देर शाम नीतीश कुमार की कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से फोन पर हुई बातचीत ने राजनीतिक बदलाव की हवा को और ज्यादा तेजी दे दी. ऐसे में मंगलवार को जदयू की होने वाली बैठक में सीएम नीतीश क्या निर्णय लेते हैं यह बेहद अहम होगा.

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  • दिगंबर जैन मंदिर टावर चौक देवघर | तस्वीरें, इतिहास, यात्रा गाइड

    दिगंबर जैन मंदिर टावर चौक देवघरटॉवर चौक देवघर के पास एक दिगंबर जैन मंदिर स्थित है। यह एक आकर्षक मंदिर है जिसमें जैन भगवान पारसनाथ के 23वें तीर्थंकर की मूर्तियां हैं। मंदिरों के नक्काशीदार पैनल जैन पौराणिक कथाओं के दृश्यों को दर्शाते हैं। इसमें रंगीन कांच पर राजस्थानी कलाकारों के विशेष मूर्तिकार भी हैं।

    इसमें जैनियों के कई महत्वपूर्ण ग्रंथों के साथ एक दुर्लभ पुस्तकालय भी है। एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और भक्त, ताराचंद जैन ने मंदिर को वर्तमान स्थिति में बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। भारत और विदेश से जैनी हर साल मंदिर में आते हैं।

    देवघर जिले में लगभग 31 जैन मंदिर हैं, जो खूबसूरत पहाड़ियों पर कनाली के किले के अंदर स्थित हैं।

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  • बाबा बैद्यनाथ मंदिर देवघर के परिसर में मंदिरों की सूची

    बाबा बैद्यनाथ मंदिर के परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा 20 से अधिक मंदिर हैं। यहां हम बाबा मंदिर के प्रांगण के अंदर सभी मंदिरों की एक सूची प्रस्तुत करते हैं।

    1. मां पार्वती मंदिर
    2. मां जगत जननी मंदिर
    3. गणेश मंदिर
    4. ब्रह्मा मंदिर
    5. संध्या मंदिर
    6. काल मनशा मंदिर
    7. हनुमान मंदिर
    8. मां मनशा मंदिर
    9. मां सरस्वती मंदिर
    10. सूर्य नारायण मंदिर
    11. माँ बगला मंदिर
    12. राम मंदिर
    13. आनंद भैरव मंदिर
    14. मां गंगा मंदिर
    15. गौरी शंकर मंदिर
    16. माँ तारा मंदिर
    17. माँ काली मंदिर
    18. माँ नरवदेश्वर मंदिर
    19. मां अन्नपुमा मंदिर
    20. लक्ष्मी नारायण मंदिर
    21. नीलकंठ मंदिर

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  • लीला मंदिर देवघर | लीला मंदिर आश्रम | अरुणाचल मिशन

    अरुणाचल मिशन की स्थापना जनवरी 1909 में श्री ठाकुर दयानंद देव द्वारा असम के कछार (सिलचर शहर से तीन मील दूर) में की गई थी। 1921 में, लीला मंदिर आश्रम की शुरुआत ठाकुर दयानंद देव ने की थी। उन्होंने भी शुरू किया त्रिकुटाचल आश्रम पर त्रिकूट पहाड़ो देवघर।

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  • इस मिलन समारोह में हरे हरे परिधानों से युक्त महिलाओं का जलवा दिखा।

    ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस और सारथी फाउंडेशन के सावन मिलन समारोह में थिरके महिलाओं के पांव
    पटना, ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) और सारथी फाउंडेशन ने धूमधाम के साथ जलसा मैरेज हॉल में सावन मिलन समारोह का आयोजन किया। यह कार्यक्रम आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित था।

    इस मिलन समारोह में हरे हरे परिधानों से युक्त महिलाओं का जलवा दिखा। कई तरह के महिला खेल और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। सावन क्वीन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर श्रेया श्रीवास्तव, द्वितीय स्थान पर शिखा स्वरूप एवं तीसरे स्थान पर सपना ने बाजी मारी।कार्यक्रम में महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

    मौके पर गीत-संगीत के अलावा महिलाओं ने तरह-तरह के खेल का भी आनंद लिया। सावन मिलन समारोह में महिलाओं ने समा बांधा और एक-दूसरे को सावन की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर सारथी फाउंडेशन के राष्ट्रीय सचिव रविंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि सावन महीने में हरे रंग का बहुत महत्व होता है। सावन में महिलाएं और युवतियां हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनती हैं। हरा रंग प्रेम, प्रसन्नता और खुशी की प्रतीक माना जाता है। इसी वजह से महिलाएं सावन के महीने में हरे रंग का सिंगार करके भगवान और प्रकृति को धन्यवाद देती हैं।

    जीकेसी बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डॉ नम्रता आनंद ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान शिव को भी हरा रंग प्रिय है। इसी कारण से सावन के महीने में हरा रंग पहनना शुभ माना जाता है। यह भी माना जाता है कि सावन महीने में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से हर मनोकामनाएं पूरी होती है। वहीं सावन में व्रत रखने पर भगवान शिव की कृपा भक्त पर विशेष रूप से होती है। सावन मिलन समारोह हमलोग हर साल आयोजित करते हैं। इस कार्यक्रम के जरिए एक-दूसरे से भी मेल मिलाप हो जाता है। ऐसे कार्यक्रम हमें हमारी संस्कृति से जोड़ते हैं।

    इस अवसर पर कलाकारों ने सावन गीत पर आधारित प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। जीकेसी बिहार कला संस्कृति प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर कुमार वर्मा, कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुमार संभव, कुंदन कुमार,सुप्रिया सिन्हा, सुमिता सिन्हा, आनंद कुमार सिन्हा, दिव्या सहित कई कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी।

    मुख्य अतिथि के रुप में जन अधिकार पार्टी नेता राजू दानवीर जीकेसी के अधिकारी और पटना मेयर पद के भावी उम्मीदवार राजेश कुमार डब्ल्यू, अभिनेता राजन कुमार, अभिनेत्री राजनंदनी, रौशन हिन्दुस्तानी, मौसम शर्मा, रविंद्र सिन्हा, बसंत सिन्हा , जीकेसी की प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मी सिन्हा,जीकेसी के प्रदेश सचिव आलोक कुमार वर्मा, जीकेसी के संगठन मंत्री बलिराम जी , रतन जी,आदि मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरूआत बच्चों के बाल कृष्ण नृत्य से हुयी।

    इसके साथ महिलाओं का सामूहिक नृत्य,गायन एवं दीदी जी फाउंडेशन के संस्कारशाला के बाल कलाकारों की नृत्य प्रस्तुति ने भी दर्शकों का मन मोह लिया। इसके अतिरिक्त मेंहदी कंपटीशन और सावन क्वीन प्रतियोगिता सहित कई अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था। विजेता महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया। साथ ही सारे कलाकारों एवं मीडिया से आए बंधुओं को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर रौशन हिन्दुस्तानी द्वारा लाखों राष्ट्रीय ध्वज वितरण कार्य को सराहा भी गया।

    कार्यक्रम का सफल संचालन संपन्नता वरुण एवं शिखा स्वरूप ने किया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ नम्रता आनंद, प्रेम कुमार,बसंत कुमार, ने किया।बाल कलाकारों में सूरज कुमार, रिया कुमारी, राजा कुमार, लव कुश , बिट्टू कुमार ,पवन कुमार ,देवी कुमारी ,स्वाति, लवली, रागिनी, रिया, आयुष , संगीता आदि ने रंग-बिरंगे परिधानों में अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया।

  • अगस्त माह में तीन प्रखंडों में होगा जनता दरबार का आयोजन

    अगस्त माह में जिला के तीन प्रखंडों में आमजनों की समस्याओं के निवारण हेतु जनता दरबार का आयोजन किया जाएगा।
    जनता दरबार में जिलाधिकारी आमलोगों की समस्याओं से रूबरू होंगे तथा यथा संभव ऑन द स्पॉट समस्याओं के निवारण का प्रयास किया जाएगा।

    जनता दरबार में सभी संबंधित विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारी एवं सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
    5 अगस्त (शुक्रवार)को हरनौत प्रखंड सभागार में, 12 अगस्त(शुक्रवार) को कतरीसराय प्रखंड सभागार में तथा 26 अगस्त (शुक्रवार) को एकंगरसराय प्रखंड सभागार में जनता दरबार का आयोजन पूर्वाह्न 11:30 बजे से निर्धारित है।

  • अनुमंडल आपूर्ति अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गई

    अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा अनुमंडल आपूर्ति अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी सदस्य एवं आपूर्ति से संबंधित पदाधिकारियों ने भाग लिया। उक्त बैठक में उपस्थित सदस्यों के द्वारा जन वितरण प्रणाली एवं आवश्यक वस्तु से संबंधित बिंदुओं पर चर्चा की गई। उपस्थित सदस्य द्वारा डीएसडी के संबंध में शिकायत की गई कि माप तौल से संबंधित मशीन डीएसडी अभिकर्ता वाहन पर नहीं ले जाते हैं ,जिसके कारण डीलर को तौलकर खाद्यान्न प्राप्त नहीं हो रहा है । इस संदर्भ में सभी आपूर्ति निरीक्षक को अपने क्षेत्र अंतर्गत जांच करते हुए प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया गया । उपस्थित सदस्य के द्वारा बताया गया कि बहुत सारे डीलर का वजनमापक यंत्र सत्यापित नहीं है इस संबंध में माप तौल निरीक्षक को निर्देश दिया गया कि ऐसे डीलरों को अविलंब चिन्हित कर कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। माप तौल निरीक्षक द्वारा कुल 93 संस्थानों की सूची उपलब्ध कराया गया, जिन्होंने अपने वजन मापक यंत्र को सत्यापित नहीं कराया है। संबंधित संस्थानों एवं विक्रेताओं के खिलाफ अग्रेतर कार्रवाई के लिए निदेशित कर दिया गया है।

    अनुमंडल आपूर्ति अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गई

    अनुश्रवण समिति के सदस्य के द्वारा बताया गया कि देवीसराय मोड़ पर स्थित पेट्रोल पंप पर शौचालय नहीं है। पूर्व में शिकायत के बाद वहां पर एक टंकी लगा दी गई है, परंतु शौचालय की कोई व्यवस्था आज भी वहां नहीं है। साथ ही बताया गया कि पेट्रोल पंप पर कम तेल दिए जाने की भी शिकायत है। यह मामला उन्होंने पूर्व में भी अनुश्रवण समिति की बैठक में उठाया था, जिसकी जांच माप तौल निरीक्षक द्वारा की गई। माप तौल निरीक्षक ने बताया कि उक्त पेट्रोल पंप की जांच की गई थी और जांच से वह संतुष्ट थी कि सही तौल से ही पेट्रोल दिया जा रहा है। अनुश्रवण समिति के कई सदस्य जांच से संतुष्ट नहीं थे ।अतः बैठक में उन्हें बताया गया कि वह पीतल का जार किसी भी समय पेट्रोल पंप पर मंगा सकते हैं और उसमें पेट्रोल को नापा जा सकता है। अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा सभी अनुश्रवण समिति के सदस्यों को निर्देश दिया गया की समिति का कोई भी सदस्य किसी भी समय पेट्रोल पंप में जाकर पीतल के जार से पेट्रोल का माप करा सकता है और किसी भी तरह की गड़बड़ी पाने पर अविलंब अनुमंडल पदाधिकारी को सूचित कर सकते है।
    समिति में यह भी बात निकल कर आई की रहुई ब्लॉक के आरटीपीएस काउंटर पर आवेदक को रिसीविंग नहीं दिया जाता है। इस संबंध में संबंधित सदस्य को बताया गया कि रहुई प्रखंड में हजारों की संख्या में राशन कार्ड के आवेदन को लिया गया है साथ हीं अगर कोई समस्या आ रही है तो उसे आपूर्ति निरीक्षक रहुई को जांच कर रिपोर्ट करने का निदेश दिया गया है।
    सदस्य श्री पप्पू यादव एवं कुछ अन्य सदस्यों के द्वारा अनुश्रवण समिति के सदस्यों को सरकार के तरफ से दिए जाने वाले यात्रा भत्ता को वापस सरकार को समर्पित कर दिया गया। उनके द्वारा बताया गया कि वे सिर्फ अनुश्रवण का कार्य कर रहे हैं जिसके लिए उन्हें किसी तरह की कोई भत्ता की आवश्यकता नहीं है।
    उक्त बैठक में सभी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, माप-तौल निरीक्षक, बिहार शरीफ तथा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बिहार शरीफ भी शामिल हुए थे।

  • रक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस को लेकर प्रधान डाकघर बिहारशरीफ़ मे लगाए गए

    रक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस को लेकर प्रधान डाकघर बिहारशरीफ़ मे लगाए गए स्पेशल काउंटर
    आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत आगामी स्वतंत्रता दिवस एवं भाई बहन की पवित्रता का पर्व रक्षाबंधन को लेकर प्रधान डाकघर मे बिशेष काउंटर लगाए गए है Iइसकी जानकारी देते हुए डाक अधीक्षक श्री मनोज कुमार पांडे ने बताया की रक्षाबंधन को लेकर काफी भीड़ देखी जा रही है एवं बहने अपने भाइयों को स्पीडपोस्ट या रजिस्ट्री के माध्यम से राखी भेजने मे लगी है Iकच्चे धागे के अटूट बंधन, रक्षाबंधन के पर्व पर दूर शहरों में रह रहे भाइयों के लिए बहनों को राखी भिजवानी होती है। इसके लिए डाक विभाग ने विशेष इंतजाम किए हैं। प्रधानडाकघर में अतिरिक्त काउंटर शुरू किया गया है।

    डाकघर में 5 रुपए में मिलेगा वाटर प्रूफ लिफाफा, विदेशों में भी समय पर और सुरक्षित पहुंचेंगी राखियां

     

    राखी के लिए वाटर प्रूफ लिफाफा 5 रुपये का है जो पूरे भारतवर्ष में कहीं भी भेजा जा सकता है। डाक विभाग ने इस साल सुरक्षित राखी पहुंचाने की व्यवस्था की है। यहां जिला मुख्यालय पर डाकघर में 5 रुपए में विशेष वाटर प्रूफ लिफाफा उपलब्ध है। इसके लिए विशेष काउंटर की व्यवस्था भी की गई है। विभाग ने डाकघरों में राखी भेजने के लिए स्पेशल लिफाफे की बिक्री शुरू कर दी गई। यह लिफाफा वाटर प्रूफ है। इसमें रखी राखी खराब नहीं होगी। डाक विभाग ने एक लिफाफे की कीमत 5 रुपए रखी है।

    डाकघर से 25 रुपए में खरीद सकते हैं तिरंगे का खादी ध्वज
    हर घर तिरंगा अभियान में डाक विभाग भी हर घर तिरंगा पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। डाक विभाग के डाक अधीक्षक श्री मनोज कुमार पांडे ने बताया की कि प्रधान डाकघर में 1 अगस्त से बिक्री के लिए तिरंगा उपलब्ध रहेगा। जिसे लोग मात्र 25 रुपए में खरीद सकते हैं। इसे अपने घर पर लगाया जा सकता है। शीघ्र ही इसे अन्य डाकघरों में भी बिक्री हेतु उपलब्ध कराया जाएगा।इसके अलावा, राज्य सरकारों ने झंडे की आपूर्ति और बिक्री के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ करार किया है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को GeM पोर्टल पर भी पंजीकृत किया गया है। भारत सरकार ने ध्वज की आपूर्ति की प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए विभिन्न ई-कॉमर्स वेबसाइटों और स्वयं सहायता समूहों के साथ भी करार किया है। इसके अलावा खादी ग्रामोद्योग आयोग से तिरंगे झंडे लेने और उन्हें व्यापार संघों को उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है।

    ऑनलाइन भी ले सकते हैं हिस्सा

    ऐसे लोग जो किसी कारणवश घर पर तिरंगा नहीं फहरा पा रहे हैं, वो इस अभियान में ऑनलाइन भी जुड़ सकते हैं। संस्कृति मंत्रालय ने एक वेबसाइट https://harghartirang.com/ लॉन्च की है, जहां कोई भी ‘झंडा लगा सकता है’ और अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए ‘फ्लैग के साथ सेल्फी’ भी पोस्ट कर सकता है।

  • देवघर के पर्यटन स्थल

    देवघर में घूमने के लिए और पर्यटकों की अत्यधिक रुचि के कई स्थान हैं। ये स्थान शहर के चारों ओर बिखरे हुए हैं और इनमें से कुछ ग्रामीण ब्लॉकों में भी स्थित हैं। देवघर पर्यटकों को दर्शनीय स्थलों की यात्रा, साहसिक, तीर्थयात्रा और योग पर्यटन से लेकर एक संपूर्ण पैकेज प्रदान करता है।

    Baba Baidyanath Temple: यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और 51 शक्तिपीठों में से एक है। अधिक पढ़ें

    Nandan Pahar: यह शहर के किनारे पर एक छोटी सी पहाड़ी है जो एक प्रसिद्ध नंदी मंदिर की मेजबानी करती है और प्रसिद्ध शिव मंदिर का सामना करती है। नंदन पहाड़ में बच्चों के लिए एक बड़ा पार्क है, और इसमें एक भूत घर, एक बूट हाउस, एक दर्पण घर और एक रेस्तरां है। अधिक पढ़ें

    वासुकिनाथ यह अपने शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, और बाबा धाम की तीर्थयात्रा बासुकीनाथ में पूजा किए बिना अधूरी मानी जाती है। यह देवघर से 43 किमी दूर जरमुंडी गांव के पास स्थित है और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। यह एक स्वदेशी मंदिर है जिसे स्थानीय कला से सजाया गया है। अधिक पढ़ें
    Naulakha Mandir: यह बाबा बैद्यनाथ मंदिर से 1.5 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर दिखने में बेलूर के रामकृष्ण मंदिर के समान है। अंदर राधा-कृष्ण की मूर्तियां हैं। यह 146 फीट ऊंचा है और इसके निर्माण की लागत लगभग रु। 900,000 (9 लाख) और इसलिए इसे नौलखा मंदिर के रूप में जाना जाने लगा। अधिक पढ़ें

    Ramakrishna Mission Vidyapith: यह आरके मिशन के साधुओं द्वारा संचालित एक बोर्डिंग स्कूल है। परिसर हरियाली से भरा है और इसमें 12 फुटबॉल मैदान हैं। रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ, रामकृष्ण मिशन, बेलूर मठ, हावड़ा जिले की एक शाखा, की स्थापना 1922 में प्राचीन गुरुकुल की तर्ज पर प्राचीन संस्कृति के मूल्यों के साथ संयुक्त आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। अधिक पढ़ें

    सत्संग आश्रम: यह देवघर के दक्षिण-पश्चिम में अनुकुल चंद्र द्वारा स्थापित ठाकुर अनुकुलचंद्र के भक्तों के लिए एक पवित्र स्थान है। तपोवन देवघर से 10 किमी दूर स्थित है और इसमें शिव का एक मंदिर है, जिसे तपोनाथ महादेव कहा जाता है, जो तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। इस पहाड़ी में कई गुफाएं पाई जाती हैं। एक गुफा में शिवलिंग स्थापित है। ऐसा कहा जाता है कि ऋषि वाल्मीकि यहां तपस्या के लिए आए थे और श्री श्री बालानंद ब्रह्मचारी ने यहां सिद्धि (तपस्या के माध्यम से सफलता) प्राप्त की थी। अधिक पढ़ें

    रिखिया आश्रम यह बिहार योग विद्यालय (श्री श्री पंच दशानं परमहंस अलखबरः) है और इसकी स्थापना स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने की थी। दुनिया के विभिन्न कोनों से हजारों भक्त एक वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं जो नवंबर के अंत से दिसंबर की शुरुआत में आयोजित किया जाता है। विदेशी पर्यटकों को अक्सर शहर में देखा जाता है, खासकर नवंबर और फरवरी के बीच। इस आश्रम को पवित्र स्थान माना जाता है। अधिक पढ़ें

    शिवगंगा: यह बैद्यनाथ मंदिर से सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर स्थित पानी का एक कुंड है। कहा जाता है कि जब रावण शिवलिंग को लंका ले जा रहा था तो उसे पेशाब करने की जरूरत पड़ी। बाद में, लिंगम को पकड़ने से पहले अपने हाथ धोना चाहते थे, लेकिन पास में जल स्रोत नहीं मिलने पर, उन्होंने अपनी मुट्ठी से पृथ्वी पर प्रहार किया। पानी निकला और तालाब बन गया। इस तालाब को अब शिवगंगा के नाम से जाना जाता है। अधिक पढ़ें

    हरिला जोरी: यह देवघर के उत्तर की ओर, बैद्यनाथ मंदिर से 8 किमी और टॉवर चौक से 5 किमी दूर स्थित है। प्राचीन काल में यह क्षेत्र हरीतकी (माइरोबलन) के वृक्षों से भरा हुआ था। यह दावा किया जाता है कि यह वह स्थान है जहाँ रावण ने ब्राह्मण के वेश में भगवान विष्णु को लिंगम सौंप दिया था और पेशाब करने गया था। यहां एक धारा बहती है और इसे रावण जोरी के नाम से जाना जाता है।

    एक तेंदुआ पहाड़ियाँ: यह देवघर से 13 किमी दूर दुमका के रास्ते में तीन पर्वत चोटियों का एक समूह है, जिसमें तीन मुख्य चोटियाँ हैं, जहाँ से इसका नाम त्रिकुटाचल पड़ा है। पहाड़ी 1,350 फीट (400 मीटर) ऊंची है। झारखंड राज्य में त्रिकुट का एकमात्र वर्टिकल रोप वे है। बेस कैंप से शिखर तक की सवारी में लगभग सात मिनट लगते हैं। आज इस जगह पर ग्रे बंदरों की बड़ी आबादी है। अधिक पढ़ें

    राम निवास आश्रम: यह वह जगह है जहां श्री श्री बालानंद ब्रह्मचारी महाराज, एक महान योगी और गुरु रहते थे और ध्यान करते थे। उनके शिष्य, और आश्रम के दूसरे मोहंता (प्रमुख), मोहनन्द ब्रह्मचारी भी यहीं रहे। आश्रम पेड़ों और बगीचों से घिरा हुआ है, और इसमें त्रिपुरा सुंदरी, राधा-कृष्ण और भगवती देवी के मंदिर हैं। एक स्मारक मंदिर उस स्थान को चिन्हित करता है जहाँ श्री मोहनन्द ब्रह्मचारी की अस्थियों को विसर्जित किया गया था।

    जलसर चिल्ड्रन पार्क: इस पार्क में बच्चों के लिए मजेदार राइड्स हैं, जिसमें एक आरी और टॉय ट्रेन भी शामिल है। अधिक पढ़ें

    मां काली शक्तिपीठ : यह कर्नीबाग क्षेत्र में है और इसे मां काली नगर के नाम से भी जाना जाता है। देवता, माँ, पिंडी के रूप में हैं और क्षेत्र में लोकप्रिय हैं। अधिक पढ़ें

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  • सोनपुर, बिहार के लिए ट्रेनें | बिहार का अन्वेषण करें

    सोनपुर को भारत के विभिन्न हिस्सों से जोड़ने वाली कई ट्रेनें हैं। हम कुछ प्रमुख शहरों से सोनपुर जंक्शन (SEE) के लिए ट्रेनों को सूचीबद्ध कर रहे हैं। सोनपुर से हर हफ्ते करीब 80 अनोखी ट्रेनें गुजरती हैं। इन ट्रेनों में सीट बुक करने के लिए कृपया देखें आईआरसीटीसी वेबसाइट या किसी ट्रैवल एजेंट से संपर्क करें।

    इनके अलावा, कई ट्रेनें पास के शहर पटना (PNBE) को भारत के लगभग सभी कोनों से जोड़ती हैं।

    नई दिल्ली से ट्रेनें

    15610 अवध असम एक्सप्रेस
    12566 बिहार एस क्रांति
    15708 असर किर एक्सप्रेस
    12524 ंडल्स जप सफ क्स्प
    14006 लीच्छवी एक्सप्रेस
    14016 सद्भावना एक्सप्रेस
    12554 वैशाली एक्सप्रेस
    14674 शहीद एक्सप्रेस
    12562 स्वतंत्र एक्सप्रेस एक्सप्रेस

    कोलकाता से ट्रेनें

    13105 सदाह बुई एक्सप्रेस
    15047 पूर्वांचल एक्सप्रेस
    13019 बाग एक्सप्रेस

    चेन्नई से ट्रेनें

    12522 राप्तीसागर एक्सप्रेस

    मुंबई से ट्रेनें

    11061 मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस
    11065 दरभंगा एक्सप्रेस

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