Category: upendra kushwaha

  • उपेन्द्र कुशवाहा ने BJP को बताया ‘भ्रष्ट जन पार्टी’, भड़की भाजपा ने JDU का मतलब समझाया, बहुत कुछ सुना दिया

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते ही बीजेपी और जदयू के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. दोनों पार्टियों की जुबानी जंग तेज होती रही है. जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने बीजेपी को भ्रष्ट जन पार्टी बताया है. जबकि बीजेपी ने पलटवार करते हुए जदयू को ‘जालसाज-दगाबाज-उचक्का’ पार्टी बताया है. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि भाजपा (भ्रष्ट जन पार्टी) में शामिल होते ही सभी का केस बंद हो जाता है. वहीं बीजेपी ने उपेन्द्र कुशवाहा को राजनीतिक शकुनी करार दिया है.

    जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है. कुशवाहा ने बीजेपी से पूछा है कि बंगाल में मुकुल राय शारदा चिट फंड घोटाले के आरोपी थे. कर्नाटक में रेड्डी बंधुओं पर माइनिंग घोटाले का आरोप था. येदुरप्पा जी का भ्रष्टाचार जगजाहिर है, आपने CM बनाया. उन्होंने आगे लिखा है कि भाजपा (भ्रष्ट जन पार्टी) में शामिल होते ही सभी का केस बंद. उपेन्द्र कुशवाहा आगे लिखते हैं कि महाराष्ट्र में नारायण राणे आदर्श घोटाले में लिप्त थे. असम में हेमंत बिस्वा शर्मा पर भाजपा ने ही PWD घोटाले के आरोप लगाए थे. भाजपा (भ्रष्ट जन पार्टी) में शामिल होते ही सभी का केस बंद.

    भाजपा को भ्रष्ट जन पार्टी कहने जाने पर बीजेपी ने भी करारा पलटवार किया है. बिहार बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने उपेन्द्र कुशवाहा को राजनीतिक शकुनी बताया है. साथ ही जेडीयू का मतलब भी समझाया है-जालसाज + दगाबाज + उचक्का पार्टी. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राजनैतिक शकुनी उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने ट्वीट में भाजपा के बारे में जो कहा है थोड़ा जनता दल यूनाइटेड के बारे में भी जान लें. जदयू का मतलब -( जालसाज + दगाबाज + उचक्का पार्टी ) है. उन्होंने आगे लिखा है कि राष्ट्रीय शकुनी,राजनैतिक गिरगिट और सियासी मंथराओ से भरी पार्टी का मतलब जनता दल यूनाइटेड है.

    बता दें कि बिहार में बीजेपी और जदयू के बीच जुबानी जंग तेज है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेलंगाना सीएम केसीआर की मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए कुछ दल एकजुट हो रहे हैं. जिसका पलटवार करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों ने कभी किसी भ्रष्टाचारी को नहीं बचाया. सीएम नीतीश के बाद अब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है. ललन सिंह ने कहा कि पीएम भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं बल्कि अपने विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.

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  • दिल्ली से लौटते ही मंत्री नहीं बनाए जाने पर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान, नीतीश कुमार को लेकर कह दी बड़ी बात

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो गया है. हालांकि जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. कैबिनेट विस्तार से पहले मंत्रियों की लिस्ट में उपेंद्र कुशवाहा का नाम तय माना जा रहा था. हालांकि उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. जिसको लेकर बीते दिनों तमाम तरह की बातें कही जा रही थी. इस बीच शनिवार को दिल्ली से लौटते ही उपेंद्र कुशवाहा ने अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, आइडियोलॉजी बड़ी है. उन्होंने कहा कि बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह की भ्रामक एवं अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गई है. लेकिन लोगों को पता होना चाहिए कि मैंने कई बड़े-बड़े पदों को लात जरुर मारी है.

    जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट करते हुए लिखा है कि मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है,आइडियोलॉजी बड़ी है. उन्होंने लिखा है कि बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह की भ्रामक एवं अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गई है और की जा रही है. ऐसी अनर्गल बातों को हवा देने वाले महानुभावों को यह मालूम होना चाहिए कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी पद नहीं मिलने पर उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी नहीं जताई, बल्कि कई बार अपनी नाराज़गी जताने के लिए बड़े-बड़े पदों को लात जरुर मारी है.

    उपेंद्र कुशवाहा ने आगे लिखा है कि इतिहास गवाह है मेरे लिए पद बड़ा नहीं, मिशन बड़ा है, आइडियोलॉजी बड़ी है. और इसी आइडियोलॉजी को बर्बाद करने की हो रही साज़िश को नाकाम करने के एक खास मिशन से मैंने अपनी पार्टी का विलय जद (यू.) में करने का फैसला लिया. क्योंकि हमारे सभी साथियों का निष्कर्ष था और है कि राज्य ही नहीं पूरे देश के स्तर पर नीतीश कुमार एकमात्र ऐसे कर्मठ, अनुभवी व साफ छवि के नेता हैं जिनके नेतृत्व में इस विचार धारा को बचाया व बढ़ाया जा सकता है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अतः मैं यह बात एलानिया तौर पर कहना चाहता हूं कि आज की तारीख में पार्टी संगठन के लिए काम करना हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म है. ऐसे में मेरा पक्ष जाने बिना मंत्री नहीं बनने पर नाराज़ होने की बात करने वाले महानुभावों, मुझ पर कृपा कीजिए, प्लीज़.

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  • अचानक ऐसा क्या हुआ?, नीतीश कुमार ने करीबी उपेंद्र कुशवाहा का मंत्री की लिस्ट से काटा पत्ता, नाराज होकर दिल्ली गए!

    लाइव सिटीज पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार कल यानी मंगलवार को होने जा रहा है. महागठबंधन की ओर से संभावित मंत्रियों के नाम लगभग तय हो गए हैं. इस बीच ऐसी खबर आ रही है कि जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का नाम मंत्रियों की लिस्ट से काट दिया गया है. जबकि उनका नाम लगभग तय माना जा रहा था. हालांकि इस बारे में अभी तक जेडीयू की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. ऐसे में हो सकता है कि कल होने शपथ ग्रहण से पहले अंतिम मौके पर बड़ा फेरबदल हो जाए. अटकलें यह भी कि उपेंद्र कुशवाहा पटना दिल्ली चले गए हैं और वह 19 अगस्त को पटना आएंगे.

    24 घंटे पहले तक यह तय माना जा रहा था कि नई सरकार में जेडीयू कोटे से उपेंद्र कुशवाहा मंत्री बनेंगे. ऐसे में बिहार के सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चा है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री नहीं बनाया जा रहा है? यह सबको पता है कि उपेंद्र कुशवाहा और पूर्व मंत्री आरसीपी सिंह के बीच कभी नहीं बनी, जबकि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से उनका रिश्ता काफी अच्छा है. इसके बाद भी अगर उपेंद्र कुशवाहा नई सरकार में मंत्री नहीं बन रहे हैं तो यह सोचने वाली बात होगी.

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 अगस्त की रात को पटना के मौर्या होटल में कुशवाहा नेताओं की एक बैठक हुई. बताया जा रहा है कि इस बैठक में जेडीयू में शामिल कई कुशवाहा नेता भी मौजूद थे. यह भी खबर है कि इस बैठक में जेडीयू के प्रदेश कमिटि के बड़े नेता भी शामिल हुए थे. इस बैठक में तय किया गया कि कुशवाहा समाज से जिन्हें भी मंत्री बनाना हो, नीतीश कुमार बना सकते हैं. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को नहीं. ऐसे में सवाल उठता है कि इन नेताओं की उपेंद्र कुशवाहा से ऐसी क्या नाराजगी है? कहा तो यह भी जा रहा है कि इस बैठक में उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री नहीं बनाए जाने के निर्णय की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी दे दी गई है.

    जदयू में पुराने चेहरों को फिर से मौका मिल सकता है. बताया जा रहा है कि बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, संजय कुमार झा, लेसी सिंह, सुनील कुमार, जयंत राज, जमा खान और अशोक चौधरी का मंत्री बनना लगभग तय है. बता दें कि अभी तक जो बाते सामने आ रही है उसके मुताबिक नीतीश-तेजस्वी सरकार में 35 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है. जिसमें सबसे ज्यादा 16 आरजेडी के, जेडीयू के 13, कांग्रेस के 3 और हम के एक और एक निर्दलीय सुमित सिंह को नीतीश कुमार शपथ दिला सकते हैं. कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि अभी उनके दो मंत्री शपथ लेंगे बाकी एक मंत्री बाद में शपथ लेंगे. वहीं वाम दल सरकार को बाहर से समर्थन कर रही है. वह मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी. इससे पहले उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दिल्ली में सहयोगी दलों के बड़े नेताओं से मिलकर आपसी सहमति बना ली है. शनिवार की देर शाम तेजस्वी पटना लौटे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ बैठक के बाद नीतीश ने मंगलवार को कैबिनेट विस्तार का मन बनाया है.

    RJD से ये नेता बन सकते हैं मंत्री

    तेज प्रताप यादव, कुमार सर्वजीत, अख्तरुल इस्लाम शाहीन, आलोक मेहता, अवध बिहारी चौधरी (स्पीकर), ललित यादव, अनीता देवी, चंद्रशेखर, भाई बीरेंद्र, रणविजय साहू, सुनील सिंह, राहुल तिवारी, कार्तिक कुमार, सुधाकर सिंह

    JDU कोटे से ये नेता बन सकते हैं मंत्री

    बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, उपेंद्र कुशवाहा, संजय कुमार झा, लेसी सिंह, सुनील कुमार, जयंत राज, जमा खान और अशोक चौधरी का मंत्री बनना लगभग तय है.

    कांग्रेस: राजेश राम और शकील अहमद खां
    जीतन राम मांझी की पार्टी हम: मांझी के बेटे संतोष सुमन

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  • ‘अरे भाजपाइयों याद करो जब फर्नांडीस और नीतीश कुमार ने अछूत से छूत बनाया’, उपेन्द्र कुशवाहा का करारा पलटवार

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद से बीजेपी-जदयू नेताओं के बीच बयानबाजी का दौड़ लगातार जारी है. गठबंधन टूटने से खफा भाजपा नेता लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं और तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं. वहीं जदयू नेता भी भाजपा नेताओं के हर वार का पलटवार कर रहे हैं. इस बीच सुशील मोदी के जदयू का आरजेडी में विलय होने के बयान का पलटवार करते हुए जेडीयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने बीजेपी के पुराने इतिहास की चर्चा की है. उन्होंने अपने पुराने ट्वीट की रिट्वीट करते हुए कहा कि बीजेपी को भारतीय राजनीति में अछूत माना जाता था जिसे जार्ज-नीतीश की जोड़ी ने मुख्या धारा में लाने का अवसर दिया था.

    उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा है कि सुशील मोदी जी का बयान कि जद (यू.) का राजद में विलय हो जाएगा, अत्यंत आपत्तिजनक ही नहीं अपमानजनक भी है. भाजपा के नेता लोग लगातार गलबज्जा कर रहें हैं कि भाजपा ने बड़ी कृपा की हमारी पार्टी और हमारे नेता पर, केन्द्र में मंत्री बनाया, मुख्यमंत्री बनाया. उन्होंने आगे कहा कि अरे भाजपाई भाईयों, जरा याद करो वर्ष 1995-96 के पहले का अपना इतिहास. तब देश में आप एक अछूत पार्टी के रूप में जाने जाते थे. कोई भी दल आप से दोस्ती नहीं करना चाहता था. ठीक उसी दौर में आपके लिए फरिश्ता बन कर आए समता पार्टी के तत्कालीन नेता श्रधेय स्व. जॉर्ज फर्नांडिस और श्री नीतीश कुमार, जिन्होंने ने भाजपा के मुम्बई अधिवेशन में भाग लिया और तब समता पार्टी से गठबंधन की नींव पड़ी. भाजपा अछूत से छूत बनी.

    उपेन्द्र कुशवाहा ने बीजेपी पर हमला करते हुए आगे कहा कि अगर जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश कुमार की कृपा नहीं हुई रहती न, तो आज कोई अता पता नहीं रहता आपका. कृतघ्नता की सीमा पार गए, बयानवीरों. जरा सा भी कुछ बचा हो आपके अन्दर तो याद कीजिए 1995-96 के अपने इतिहास को. ऐसे देश जानता है कि आपकी पार्टी जब देश का इतिहास ही बदलने की घृणित कोशिश में लगी है तो पार्टी का इतिहास भुल गए तो कौन सी बड़ी बात हो गई.

    बता दें कि बिहार में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद से पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी आरजेडी और जदयू पर हमलावर है. सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि यह बात हजम नहीं होगी कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी बचाने के लिए फिर लालू प्रसाद की शरण में गए. जद-यू न तो राजद-कांग्रेस जैसा वंशवादी है, न भाजपा की तरह संगठन आधारित. नीतीश कुमार के बाद इसका कोई भविष्य नहीं. यह पार्टी राजद में विलय करेगी या विलीन हो जाएगी. दरअसल सुशील मोदी ने कई ट्वीट करते हुए जेडीयू, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और आरजेडी पर निशाना साधा था.

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