Category: Vijay sinha

  • विजय सिन्हा ने बिहार सरकार पर लगाया बड़ा आरोप, कहा-क्या मुख्यमंत्री इस मामले की जांच कराएंगे?

    लाइव सिटीज पटना: बीजेपी की ओर से नेता प्रतिपक्ष बनते ही विजय सिन्हा नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार पर हमलावर है. उन्होंने बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. विजय सिन्हा का कहना है कि विभाग में गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद और मामला सदन में उठने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीएम आवास में बैठक बुलाई थी. साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने नीतीश कुमार से पूछा है कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति रखने वाले मुख्यमंत्री क्या इस मामले की निष्पक्ष स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराएंगे, क्योंकि यह मामला सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा हुआ है.

    नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने महागठबंधन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि करोड़ों रुपए के घोटाले के नामजद अभियुक्त जिस पर सीबीआई के द्वारा कोर्ट में मुकदमा दर्ज है, उस विवेक सावंत को कैसे सीएम की बैठक में प्रजेंटेशन देने दिया गया. उन्होंने कहा कि श्रम संसाधन विभाग में कौशल विकास मिशन के लिए एमकेसीएल पुणे को चयन किया गया. रोजगार की जानकारी के लिए प्लेसमेंट पोर्टल का प्रावधान करना था. 3 वर्षों तक बिना प्रावधान किए करोड़ों रुपए प्राप्त किया गया. विभागीय पदाधिकारी की मिलीभगत से सरकारी राशि का गबन किया गया है.

    इससे पहले बिहार विधानसभा के विशेष सत्र में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और बीजेपी के विधानसभा के नए नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा पहले ही दिन सरकार को खूब घेरा और नए स्पीकर अवध बिहारी चौधरी से कहा कि आप ये सुनिश्चित करें कि विधायिका की गरिमा कैसे बढ़े. वहीं सदन की कार्यवाही शुरू होते ही उन्होंने विशेष समिति और आचार समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की सरकार से मांग की. बीते दिनों विजय सिन्हा ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस के नीति की हवा निकल गई है. इनके मंत्रिमंडल में 72 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री दागी हैं, लेकिन इनकी बोलती बंद है, तेजस्वी यादव जांच एजेंसी की खिल्ली उड़ा रहे हैं.

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  • नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा का महागठबंधन सरकार पर हमला, स्पीकर से कर दी मांग, CM से पूछे सवाल

    लाइव सिटीज पटना: बिहार विधानसभा की विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर आरजेडी विधायक अवध बिहारी चौधरी निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं. विधानसभा अध्यक्ष के संबोधन के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और बीजेपी के विधानसभा के नए नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा पहले ही दिन सरकार को खूब घेरा और नए स्पीकर अवध बिहारी चौधरी से कहा कि आप ये सुनिश्चित करें कि विधायिका की गरिमा कैसे बढ़े. मैं चाहता हूं कि जिस आसन पर आप बैठे हैं, उसे आप प्रभावित करें. बिहार जो अपराध और भ्रष्टाचार से कलंकित हुआ है, उससे आप मुक्ति दिलाएं.

    विधानसभा के नए स्पीकर के रूप में अवध बिहारी चौधरी के चुनाव के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने अपनी बाते रखी. चर्चा के दौरान विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा आपस में भिड़ गए और सदन में खूब शोर-शराबा हुआ. नए स्पीकर का धन्यवाद करते हुए विजय सिन्हा ने विधानसभा अध्यक्ष की गरिमा क चर्चा करते हुए सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए. जिसका विरोध सत्ता पक्ष के विधायकों ने किया. वहीं सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी विधायक ने विशेष समिति और आचार समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की मांग को लेकर हाथ में पोस्टर लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

    शुक्रवार को बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सरकार को घेरने से पहले विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को नीतीश-तेजस्वी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस के नीति की हवा निकल गई है. इनके मंत्रिमंडल में 72 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री दागी हैं, लेकिन इनकी बोलती बंद है, तेजस्वी यादव जांच एजेंसी की खिल्ली उड़ा रहे हैं. इन्हें ना तो कानून के प्रति श्रद्धा है, और ना ही जांच एजेंसियों पर भरोसा है. किसी भी व्यक्ति और संस्था द्वारा जांच एजेंसियों और संस्थाओं को कटघरे में खड़ा करना भी अलोकतांत्रिक व्यवहार की श्रेणी में आता है.

    बता दें कि आरजेडी नेता अवध बिहारी चौधरी ने गुरुवार को विधानसभा स्पीकर पद के लिए नामांकन किया था और अब वो निर्विरोध चुन लिए गए हैं. शुक्रवार को अवध बिहारी चौधरी अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे. इस मौके पर अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि मैं किसान हूं और किसानों की समस्या उठाता रहा हूं. मैं राजेंद्र बाबू की धरती से आता हूं. मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मैं लालू प्रसाद यादव जी का करीबी हूं. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में अवध बिहार चौधरी का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि पुराना अनुभव है सबको उसका लाभ मिलेगा. चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष.

    डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को पद पर आसीन होने की बधाई दी. उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि आप आसन पर बैठकर न्याय का काम करेंगे. तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन की नई सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के हित में बनी है. वहीं विजय सिन्हा ने इस मौके पर सदन में अवध बिहारी चौधरी को बधाई दी. उन्होंने कहा कि आप डॉक्टर राजेंद्र बाबू की धरती सीवान की पवित्र माटी से आप बहुत सारे अनुभव को लेकर आए हैं.

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  • विजय सिन्हा ने सरकार को चेताया, कहा-कमेटी की रिपोर्ट सदन में पेश करे, उप-मुख्यमंत्री समेत कई मंत्री पर है आरोप

    लाइव सिटीज पटना: बिहार विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर व नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के साथ किये गये दुर्व्यवहार मामले में विधानसभा की आचार समिति की सिफारिश पर बीजेपी ने सरकार पर हमला बोला है. विजय सिन्हा ने कहा कि जनादेश का अपमान किया जा रहा है. आचार समिति की रिपोर्ट आ गई है, जिसे सदन के पटल पर रखने की जरूरत है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा है कि रिपोर्ट में डिप्टी सीएम और मंत्री पर कार्रवाई की अनुशंसा है. ऐसे में हम रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करते है. उन्होंने कहा कि कल के कार्यसूची में इसे जोड़ा जाए, क्योंकि ये मामला विधानसभा के अंदर आया था. इसके लिए स्पेशल कमिटी बनी थी.

    बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि शालीनता के साथ भी अपनी बात कही जा सकती है. मेरे मन के अंदर भी कई चोट लगे. सदन के अंदर संविधान के ज्ञाताओं ने पाठ पढ़ाने का काम किया. हमने भी सब्र रखा. बिहार के मुख्यमंत्री जी थे उनके सम्मान में कमी नहीं रखा. यह व्यवस्था चलनी चाहिए. चाहे नेता प्रतिपक्ष हो या नेता सदन या हमारे मंत्री या विधायक हो हर किसी का सम्मान मर्यादा के तहत हो. सदन में सब बराबर हैं. अगर कोई भेद करेगा तो आप समझ सकते है वे कितने ज्ञानवान है.

    बता दें कि पिछले साल 23 मार्च को बजट सत्र के दौरान सदन में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस अधिनियम को पारित कराने के दौरान विपक्ष के विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया था. मारपीट के आरोप भी लगाए गए थे. हंगामे को देखते हुए सदन में मार्शल को बुलाना पड़ा था. विधायकों ने आरोप लगाया था कि सदन के बाहर सुरक्षा कर्मियों द्वारा उनकी पिटाई की. जिसके बाद मामले को जांच के लिए आचार समिति को सौंपा गया था. आचार समिति के सभापति भाजपा विधायक राम नारायण मंडल हैं. समिति में ज्ञानेंद्र ज्ञानू, अरुण सिन्हा, रामविशुन सिंह व अचमित ऋषिदेव सदस्य के रूप में शामिल हैं.

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  • BJP की ओर से विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी देंगे नीतीश-तेजस्वी सरकार को जवाब, होंगे नेता प्रतिपक्ष

    लाइव सिटीज पटना: बिहार विधानसभा और विधान परिषद में बीजेपी की ओर से नेता प्रतिपक्ष कौन होगा, आख़िरकार इसका ऐलान हो गया है. बीजेपी ने मौजूदा स्पीकर विजय सिन्हा को विधानमंडल दल का नेता यानी बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया है जबकि सम्राट चौधरी को विधान परिषद का नेता चुना गया है. बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इसकी जानकारी दी है.

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  • स्पीकर कुर्सी छोड़ ही नहीं रहें, मंत्री विजय चौधरी ने कह दिया-विजय सिन्हा को जबरन हटाया जाएगा, फिर क्या होगा?

    लाइव सिटीज पटना: बिहार विधानसभा में कल यानी बुधवार को एक अजीब तरह का राजनीतिक संकट खड़ा होने वाला है. विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा ने इस्तीफा देने से मना कर दिया है. साथ ही सत्ता पक्ष के विधायकों के द्वारा खुद के खिलाफ दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया है. विधानसभा का विशेष सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है जिसमें पहले दिन नीतीश सरकार को बहुमत साबित करना है. विजय सिन्हा को एनडीए सरकार में स्पीकर चुना गया था, जो बीजेपी के टिकट पर विधायक हैं. ऐसे में सत्ता परिवर्तन के बाद नियम के मुताबिक विजय सिन्हा को स्पीकर का पद छोड़ देना चाहिए लेकिन महागठबंधन की ओर से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि जो उन्हें नोटिस दी गई है वह नियमों और प्रावधान के खिलाफ है.

    विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा के इस्तीफा नहीं देने पर सत्ता पक्ष की ओर से हमला तेज हो गया है. विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा संसदीय कार्यमंत्री व वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि अगर इस्तीफा नहीं देंगे तो नियम के अनुसार उनको हटाया जाएगा. सदन के अधिकांश सदस्यों का उनमे विश्वास नहीं है. उनको हटाने के लिए नियम उपलब्ध है हमलोग उसका उपयोग करेंगे. विजय चौधरी ने कहा कि अच्छा तो होता कि वह इस्तीफा दे देते अगर इस्तीफा नहीं देंगे तो नियमानुसार वह हटाए जाएंगे. विजय चौधरी ने कहा कि स्थापित परंपरा और नियमों के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सत्र की शुरुआत का सबसे पहला एजेंडा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे में अपने ही खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान स्पीकर खुद सदन का संचालन नहीं कर सकते. उनकी जगह डिप्टी स्पीकर सत्र की अध्यक्षता करेंगे.

    डिप्टी स्पीकर औरजेडीयू विधायक महेश्वर हजारी ने कहा कि अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर स्पीकर विजय सिन्हा को सदन के आसन पर नहीं बैठना चाहिए. विजय सिन्हा को ससंदीय परंपरा के तहत इस्तीफा दे देना चाहिए था क्योंकि उनके पास बहुमत नहीं है. महेश्वर हजारी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस नियमों के तहत ही दिया गया है और उसके हिसाब से ही 14 दिन बाद सत्र बुलाया गया है. डिप्टी स्पीकर ने कहा कि लोकतंत्र बहुमत से चलता है और उनके पास बहुमत नहीं है इसलिए उनको पद पर नहीं बने रहना चाहिए. साथ ही उन्होंने इसको जिद बताते हुए सवाल उठाया कि वो कैसे नोटिस खारिज कर सकते हैं.

    विजय सिन्हा ने कहा कि वो स्पीकर के पद से इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि सदन की बात सदन में करेंगे. मुझे मिला नोटिस नियमों और प्रावधान के खिलाफ है. लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ व्यवस्था नहीं है. विगत दिनों सत्ता को बचाए रखने के लिए जो कुछ भी हुआ उसपर इस समय कुछ भी कहना उचित नहीं था. विजय सिन्हा ने कहा कि दांव पर सब कुछ लगा है, रूक नहीं सकते, टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते. हालांकि सदन में उनके लिए टीक पाना संभव नहीं दिख रहा है. अध्यक्ष के समर्थन में भाजपा के 76 सदस्य हैं. जबकि सत्ता पक्ष के 164 विधायक उनके खिलाफ एकजुट हैं.

    बता दें कि इसी महीने 10 अगस्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़कर सात पार्टी के महागठबंधन के साथ मिलकर प्रदेश में नई सरकार बना ली थी. नई सरकार के गठन के तुरंत बाद महागठबंधन के 40 से अधिक विधायकों ने विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. बिहार के 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन के 164 विधायक हैं, जहां अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक साधारण बहुमत की आवश्यकता है. दरअसल बिहार विधानसभा का विशेष सत्र 24 अगस्त को बुलाया गया है. दो दिनों का यह विशेष सत्र होगा. 24 अगस्त को विधानसभा और 25 अगस्त को बिहार विधान परिषद की कार्यवाही होगी. हागठबंधन की नई सरकार को विश्वास मत हासिल करने के लिए 24 अगस्त को विधानसभा की बैठक सुबह 11 बजे से बुलाई गई है. इस एक दिवसीय सत्र की कार्ययोजना मौजूदा अध्यक्ष को ही बनानी है. विधानसभा में दो ही कार्य किये जाने हैं. पहला सरकार का बहुमत हासिल करना और दूसरा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान.

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  • बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा CM नीतीश को चुनौती देंगे, इस्तीफा नहीं, कहा-यह नियम के विरुद्ध, सियासी हलचल तेज

    लाइव सिटीज पटना: बिहार में एक बार फिर सियासी हलचल बढ़ गई है. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है. महागठबंधन की ओर से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि जो उन्हें नोटिस दी गई है वह नियमों और प्रावधान के खिलाफ है. यह नियम के विरुद्ध है और जो आरोप लगाए गए हैं वह पूरी तरह से गलत हैं. अविश्वास प्रस्ताव को मैं अस्वीकार करता हूं और मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. दरअसल इसी महीने 10 अगस्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़कर सात पार्टी के महागठबंधन के साथ मिलकर प्रदेश में नई सरकार बना ली थी. नई सरकार के गठन के तुरंत बाद महागठबंधन के 40 से अधिक विधायकों ने विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. बिहार के 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन के 164 विधायक हैं, जहां अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक साधारण बहुमत की आवश्यकता है.

    दरअसल बिहार विधानसभा का विशेष सत्र 24 अगस्त को बुलाया गया है. दो दिनों का यह विशेष सत्र होगा. 24 अगस्त को विधानसभा और 25 अगस्त को बिहार विधान परिषद की कार्यवाही होगी. आज विशेष सत्र को लेकर मुख्य सचिव, डीजीपी और आला अधिकारियों के साथ स्पीकर विजय सिन्हा ने बैठक की और सुरक्षा और अन्य इंतजामों को लेकर सख्त निर्देश भी दिए. विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि विधायकों के साथ कोई बाहरी आदमी भी ना आ जाए इस पर नजर रखा जाए. वहीं डीजीपी एसके सिंघल ने बताया कि सारी तैयारियां कर ली गई हैं. कहीं से कोई दिक्कत की बात अबतक सामने नहीं आई है. मीटिंग के बाद तैयारियां और बढ़ा दी जाती हैं.

    बता दें कि महागठबंधन की नई सरकार को विश्वास मत हासिल करने के लिए 24 अगस्त को विधानसभा की बैठक सुबह 11 बजे से बुलाई गई है. इस एक दिवसीय सत्र की कार्ययोजना मौजूदा अध्यक्ष को ही बनानी है. विधानसभा में दो ही कार्य किये जाने हैं. पहला सरकार का बहुमत हासिल करना और दूसरा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान. सत्तापक्ष ने पहले ही अध्यक्ष के खिलाफ नो कंफिडेंस मोशन नोटिस दे चुका है, इसलिए वह सभा का संचालन अध्यक्ष की जगह उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी से कराना चाहेगा. हालांकि इसे दूसरे नम्बर पर लिए जाने की स्थिति में सरकार के विश्वास मत हासिल करने की प्रक्रिया का संचालन विजय सिन्हा ही करेंगे (यदि इसके पूर्व उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो).

    बतातें चलें कि महागठबंधन की सरकार पिछले कई दिनों से विजय सिन्हा को नैतिकता का पाठ पढ़ा रही थी लेकिन कुछ काम नहीं आया. इस्तीफे से इनकार करने के बाद सिन्हा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इस्तीफा देने से मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचेगी. ऐसे में विजय सिन्हा द्वारा इस्तीफा देने से इंकार के बाद विधानसभा का सत्र हंगामेदार हो सकता है. माना जा रहा है कि 79 विधायकों वाली सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी अपने दिग्गज नेता अवध बिहारी चौधरी को संवैधानिक पद के लिए नामांकित करते हुए अध्यक्ष पद के लिए दावा पेश करेगी. वहीं बिहार विधान परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं बीजेपी नेता अवधेश नारायण सिंह को भी बदला जा सकता है. ऐसे में जदयू इस पद के लिए देवेश चंद्र ठाकुर नाम पर विचार कर रहा है.

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  • बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा निभाएं परंपरा, इस्तीफा देकर पद की गरिमा को बरकरार रखें: वीआईपी

    लाइव सिटीज पटना: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) का मानना है कि विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को अपने पद से इस्तीफा देकर विधानसभा की परंपरा का निर्वहन करना चाहिए. वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए वर्तमान अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को अपने पद से इस्तीफा देकर पद की गरिमा को बरकरार रखना चाहिए.

    देव ज्योति ने कहा कि यह परिपाटी रही है कि राज्य में जिसकी भी सरकार होती है, विधानसभा अध्यक्ष उसी पार्टी से चुना जाता है. अब जबकि राज्य में महागठबंधन की सरकार बन चुकी है तो इस परिपाटी का ख्याल रखते हुए विजय कुमार सिन्हा को खुद ही हट जाना चाहिए. वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अगर विजय कुमार सिन्हा को हटाने के लिए वर्तमान सरकार अविश्वास प्रस्ताव लेकर आती है तो संभवत बिहार के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब किसी विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.

    देव ज्योति ने यह भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद किसी दल का न होकर सारे सदस्यों के लिए होता है. ऐसे में इस पद की गरिमा हर हाल में बरकरार रखने की कोशिश राज्य के सभी दलों को करनी चाहिए. दरअसल बिहार में सत्ता परिवर्तन हो गया है. महागठबंधन की सरकार बन गई है. लेकिन बीजेपी कोटे से विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा ने अभी तक अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में सरकार की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है.

    बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार भी हो गया है. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब जल्द ही स्पीकर चुनाव की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया जाएगा. स्पीकर पद आरजेडी के खाते में जाना तय माना जा रहा है. फिलहाल बीजेपी कोटे से विजय सिन्हा विधानसभा से स्पीकर बने हुए हैं. लेकिन बिहार में आरजेडी-जेडीयू की सरकार बनते ही अब स्पीकर का पद आरजेडी के खाते में चला जाएगा. आरजेडी विधायक अवध बिहारी चौधरी को बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बनाया जा सकता है.

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  • बिहार में मचे सियासी बवाल के बीच विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा एक ही दिन में कोरोना पॉजिटिव से हुए निगेटिव, अटकलें तेज

    लाइव सिटीज पटना: बिहार की सियासत में इन दिनों बवाल मचा हुआ है. एनडीए में बढ़ते तनाव के बीच जेडीयू और आरजेडी में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. बिहार में सियासी बवाल के बीच बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा एक दिन में ही कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हो गए हैं. जिसको लेकर सियासी गलियारे में अटकलें तेज है. दरअसल रविवार को खबर आई थी कि विजय सिन्हा कोरोना संक्रमित हैं. लेकिन एक दिन बाद सोमवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है. विधानसभा अध्यक्ष ने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह जानकारी दी है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि एक दिन में ही विजय सिन्हा कोरोना पॉजिटिव से कैसे निगेटिव हो गए. जबकि आम तौर पर कोरोना पॉजिटिव हुए व्यक्ति को ठीक होने में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि विजय सिन्हा की कोरोना रिपोर्ट में गड़बड़ी है या कोई और बात.

    बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने रविवार को ट्वीट कर बताया था कि वह कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. विजय सिन्हा ने ट्वीट कर लिखा कि तबियत अस्वस्थ होने पर मैंने अपनी कोरोना जांच करायी थी. जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मैं कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहा हूं. मेरे संपर्क में आये लोगों से अपील है कि वह भी अपनी जांच करा लें. कोरोना से डरना नहीं बल्कि सजग और सतर्क रहकर कोरोना को हराना है और समाज को स्वस्थ बनाना है. वहीं आज यानी सोमवार को विजय सिन्हा ने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हो गए हैं. विजय सिन्हा ने ट्वीट कर लिखा कि ईश्वर की असीम कृपा और आप सभी के स्नेहाशीष से आज मेरी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है, जिससे मैं पुनः अपने कर्म पथ पर लौट रहा हूं. कोरोना से डरना नहीं बल्कि सजग और सतर्क रहकर इसे हराना है और समाज को स्वस्थ बनाना है.

    बता दें कि बिहार की सियासत में आने वाले कुछ दिनों में भूचाल आ सकता है. एनडीए में बढ़ते तनाव के बीच जेडीयू और आरजेडी में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी को छोड़कर राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों ने विशेष बैठक बुलाई है, जिसमें राज्य की वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा हो सकती है. जिस तरह से नीतीश कुमार ने लगातार बीजेपी से दूरी बनाई है, उससे तो ये साफ संकेत मिल रहे हैं कि नीतीश कुमार बड़ा कदम उठाने का मन बना चुके हैं. अटकलें तेज है कि नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी से गठबंधन तोड़ सकते हैं. हालांकि बीजेपी अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में है. मौजूदा हालात पर नजर बनाए हुए है. सियासी हलचल के बीच भाजपा के कई दिग्‍गज नेता बिहार से दिल्‍ली के लिए रवाना हो चुके हैं.

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