Category: World

  • यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच रूस भारत के मांगा मदद – आखिर इतनी नौबत कैसे खराब हो गई..


    डेस्क : अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों की तरफ से जारी आर्थिक प्रतिबंधों के बीच रूस ने भारत से एक खास मदद मांगी है. ‘रायटर्स’ के अनुसार, रूस ने भारत को 500 से ज्यादा ऐसे उत्पाद निर्यात करने के लिए कहा है जिनमें कार, ट्रेन और एयरक्राफ्ट के कलपुर्जे भी शामिल हैं. हालांकि अभी भारत या रूस की तरफ से इस मामले पर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

    ‘रॉयटर्स’ के अनुसार, रूस की तरफ से भेजी गई लिस्ट में यह साफ नहीं है कि भारत इनमें से कितने प्रोडक्ट रूस को निर्यात करेगा. हालांकि भारत सरकार के सूत्रों ने रूस के इस अनुरोध को ‘असमान्य’ जरूर बतलाया है.

    वहीं, भारत भी इस अनुरोध को मौके के तौर पर ही देख रहा है. इस सौदे से रूस के साथ बढ़ते व्यापार घाटे को कम करने में भी मदद मिलेगी. हालांकि कुछ कंपनियों ने इसकी चिंता जताते हुए कहा है कि ये निर्यात पश्चिमी देशों के रूस के खिलाफ लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन साबित हो सकता है. रूस ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के दौरे से पहले अनुरोध किया था, गौरतलब है कि जयशंकर 7 नवम्बर को रूस के दौरे पर थे

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  • FIFA World Cup विजेता को मिलेगा ₹570 करोड़ का बीयर, जानें – किसने किया ऐलान..


    डेस्क : विश्व भर के फुटबॉल प्रेमियों के लिए पूरा 1 महीना काफी अच्छा बीतने वाला हैं आपको बता दे कि फुटबॉल का सबसे बड़ा त्योहार फीफा विश्व कप कटर में आयोजित हो चुका हैं दुनिया भर की कुल 32 टीमें इस महामुकाबले में अपनी जोर आजमाइश इस फीफा विश्वकप को जीतने में लगा भी रही हैं।

    571 करोड़ हैं इनामी राशि

    571 करोड़ हैं इनामी राशि

    फुटबॉल इस दुनिया का सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल हैं जो कि लगभग दुनिया भर में ही बड़े चाव से खेला जाता हैं, हर 4 साल बाद फीफा विश्व का आयोजन होता हैं जिसमें 30 से ज्यादा देशों की टीमें खेलती हैं। दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल हैं जिसकी वजह से इसमें पैसों की भी खूब बरसात होती हैं चाहे क्लब के मैच हो या फिर फीफा विश्व कप, इस बार फीफा विश्वकप में कुल इनामी राशि 571 करोड़ यानी तकरीबन 70 मिलियन डॉलर तक हैं जो अब तक के इतिहास का सबसे ज्यादा इनामी राशि हैं।

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  • ब्रिटेन के PM Rishi Sunak का इंफोसिस कनेक्शन, वाइफ को एक झटके में मिले 64 करोड़ का ‘फायदा’


    ऋषि सुनक जहां एक ब्रिटिश नागरिक हैं, वहीं british pm की पत्नी अक्षता एक भारतीय नागरिक हैं। उत्तरी कर्नाटक के हुबली में मां सुधा मूर्ति के गृहनगर में जन्मी अक्षता की स्कूली शिक्षा बैंगलोर में हुई थी। ब्रिटेन के नए प्रधान मंत्री, ऋषि सनक का भारत की IT दिग्गज इंफोसिस से सीधा संबंध है। दरअसल, ऋषि सनक की पत्नी अक्षता इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं और कंपनी में उनकी हिस्सेदारी है। जानकारी के मुताबिक इंफोसिस में अक्षता की 0.93% हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत करीब 721 मिलियन डॉलर है। बता दें कि अक्षता एक भारतीय नागरिक हैं।

    कितने शेयर: अक्षता मूर्ति के पास बीएसई पर शेयरधारक पैटर्न के अनुसार सितंबर 2022 तिमाही के अंत तक इंफोसिस में 0.93% हिस्सेदारी या 3,89,57,096 इक्विटी शेयर हैं। इंफोसिस ने पिछले मार्च में FY2021-22 के लिए ₹16 प्रति शेयर के अंतिम लाभांश का भी भुगतान किया। इसके अलावा, कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के लिए ₹ 16.5 का लाभांश घोषित किया है।दोनो लाभ का योग 32.5 रुपये प्रति शेयर आता है। यूके के नए पीएम की पत्नी अक्षता मूर्ति ने इसके जरिए 126.61 करोड़ रुपये कमाए हैं।

    बैंगलोर से प्रारंभिक अध्ययन: जबकि ऋषि सनक एक ब्रिटिश नागरिक हैं, उनकी पत्नी अक्षता एक भारतीय नागरिक हैं। उत्तरी कर्नाटक के हुबली में मां सुधा मूर्ति के गृहनगर में जन्मी अक्षता की स्कूली शिक्षा बैंगलोर में हुई थी। वहाँ रहते हुए, उन्होंने कैलिफोर्निया के क्लेरमोंट मैककेना कॉलेज में अर्थशास्त्र और फ्रेंच का अध्ययन किया।

    जहां उनकी मुलाकात सनक से हुई: उन्होंने लॉस एंजिल्स में फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड मर्चेंडाइजिंग से फैशन डिजाइनिंग डिप्लोमा हासिल किया। अक्षता ने तब डेलॉइट और यूनिलीवर के लिए काम किया। वह स्टैनफोर्ड में एमबीए करने के लिए चले गए जहां उनकी मुलाकात ऋषि सनक से हुई। उन्होंने 2009 में शादी कर ली। इस जोड़े के दो बच्चे हैं- कृष्णा और अनुष्का।

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  • इस देश में बुर्का पहनने पर लगेगा बैन – नियम तोड़ने पर 82 हजार का जुर्माना


    हिजाब और बुर्के को लेकर पूरी देश-दुनिया में बहस छिड़ी हुई है। ईरान में पिछले कई दिनों से हिजाब के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन भी चल रहा है, इसमें कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। वहीं, इस बीच, स्विट्ज़रलैंड की सरकार ने संसद में एक मसौदा कानून भी भेजा है, जिसमें 1,000 स्विस फ़्रैंक (82 हजार रुपये) तक के चेहरे को ढंकने पर राष्ट्रीय प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने की मांग भी की गई है।

    संसद में इस मसौदे कानून को इस बुधवार को पेश किया गया था। यह पिछले साल किए गए चेहरे को ढंकने पर प्रतिबंध लगाने को लेकर जनमत संग्रह के बाद ही आया है। प्रस्तावित प्रतिबंध, जिसे ‘बुर्का बैन’ के रूप में भी जानते है, को 51.2 फीसदी वोटर्स ने समर्थन दिया था। वहीं, उस समय इस्लामोफोबिक और सेक्सिस्ट के रूप में इसकी आलोचना भी की गयी थी।

    जारी किया गया है ये बयान :

    जारी किया गया है ये बयान : एक बयान में यह बताया गया, ”चेहरे को ढंकने पर प्रतिबंध का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करना है। सजा कोई प्राथमिकता नहीं है।” चेहरे को ढंकने पर बैन लगाने की पहल दक्षिणपंथी स्विस पीपुल्स पार्टी के राजनेताओं सहित एक समूह, एगरकिंगर कोमिटी द्वारा शुरू की गयी थी। बिल में बुर्का या नकाब का नाम तक नहीं लिया गया है।

    सार्वजनिक स्थलों पर चेहरा ढकने पर हैं बैन :

    सार्वजनिक स्थलों पर चेहरा ढकने पर हैं बैन : यह बिल लोगों को सार्वजनिक परिवहन, रेस्तरां या सड़क पर चलने जैसे सार्वजनिक स्थानों पर अपना चेहरा छिपाने से भी रोकता है। यह निर्देश दिए गये हैं कि यह आंख, नाक और मुंह दिखाई देने चाहिए। एक उदाहण के तौर पर एक मुस्लिम महिला अपने बालों को ढकने वाला हिजाब तो पहन सकती है, लेकिन बुर्का को नहीं पहन सकती। हालांकि, उन्हें पूजा स्थलों में इसे पहनकर जाने की अनुमति दी गयी है।

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  • ‘दुनिया के सबसे खतरनाक देश है पाकिस्तान’- अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने दिया बड़ा बयान…


    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा- मुझे यह लगता है कि शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक पाकिस्तान है. व्हाइट हाउस ने जो बाइडेन का यह बयान जारी किया है. जो बाइडन ने यह बात डेमोक्रेटिक कांग्रेस की अभियान समिति के स्वागत समारोह में कही है.

    पिछले महीने ही 8 सितंबर को बाइडेन प्रशासन ने ट्रंप प्रशासन के फैसले को पलटते हुए पाकिस्‍तान को F-16 फाइटर जेट के लिए 45 करोड़ डॉलर (3,651 करोड़ रुपये) के उपकरणों की खरीद को मंजूरी दे दी थी. इस फैसले को भारत के लिए एक झटका माना गया. ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान की सैन्य सहायता उसके द्वारा अफगानिस्तान के तालिबान आतंकवादियों और हक्कानी नेटवर्क को संरक्षण और सहायता देने के कारण रोक दी थी.

    पाकिस्तान को सैन्य सहायता देने पर भारत ने कड़ी आपत्ति भी जताई थी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अमेरिकी समकक्ष लायड आस्टिन को फोन कर भारत के हित प्रभावित होने की बात भी कही थी. इसके बाद अमेरिका के सहायक रक्षा मंत्री एली रैटनर ने कहा था कि पाकिस्तान के लिए स्वीकृत सहायता भारत को किसी प्रकार का संदेश देने के लिए बिल्कुल भी नहीं है. यह सहायता अमेरिका के हितों को ध्यान में रखते हुए और पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग के अंतर्गत स्वीकृत की गयी है. इस डील से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की भी सुरक्षा होगी

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  • क्या ब्रिटेन की महारानी का था पैगम्बर से संबंध – आखिर किस वजह से लोग जोड़ रहे दोनों को ?


    डेस्क : 70 साल तक ब्रिटेन में राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ पर एक नई बहस शुरू हो गई है। इस बहस की वजह वो लेटर है, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि उसका कनेक्शन जॉन बर्क नाम के पब्लिकेशन से है। 1826 में जॉन ने ब्रिटेन के शाही परिवार और कुलीन वर्ग की वंशावली को प्रकाशित करने का काम शुरू किया।

    जॉन ने वंशावली तैयार करने के लिए पुरखों के इतिहास की पर्त दर पर्त खोल कर रख दीं। वंशावलियों को शुरुआती दौर में दिलचस्प कहानियों का संग्रह बताया गया, लेकिन लोगों की दिलचस्पी इनमें धीरे-धीरे बढ़ने लगी। सबसे ज्यादा चर्चा में जॉन का पब्लिकेशन एक लेटर के कारण रहा। जॉन के पब्लिकेशन की एक दिन डायरेक्टर को लेटर मिला जिसमें लिखा था कि ब्रिटेन के बहुत कम लोगों को पता है कि एलिजाबेथ द्वितीय की नसों में पैगम्बर मोहम्मद का खून दौड़ रहा है।

    उस लेटर की शुरुआत में कहा गया था कि खुद को आतंकियों से सुरक्षित रखने के लिए शाही परिवार के पैगंबर मुहम्मद के वंशज होने के दावे पर भरोसा नहीं किया जा सकता। हालांकि,सइस पर सभी मुस्लिम धार्मिक नेताओं को गर्व है। 2018 में मोरक्को के एक अखबार में छपी रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि पैगम्बर से महारानी का कनेक्शन रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि पैगम्बर की बेटी फातिमा की 43वीं पीढ़ीं से महारानी एलिजाबेथ ताल्लुक रखती हैं। यानी उनकी वंशज हैं।

    दरअसल जायदा नाम की महिला से महिला का कनेक्शन बताया गया। स्पेन के शहर सेविले से इसकी पूरी कहानी शुरू होती है। एक दौर ऐसा भी था जब अब्बासी वंश के शासन की यहां शुरुआत हुई। मोहम्मद इब्न अब्बास इस वंश के तीसरे राजा थे। इनका शासन 1069 से लेकर 1091 तक चला। पैगम्बर मोहम्मद की बेटी फातिमा का इन्हें वंशज बताया गया। मोहम्मद इब्न अब्बास की एक बेटी थी और नाम था ज़ायदा।

    एक ऐसा दौर आया जब अब्बासी साम्राज्य पर मोरक्को के अल्मोराविदो शासकों ने आक्रमण किया। इतने हालात बिगड़ गए कि अपनी जान बचाने के लिए ज़ायदा को देश छोड़ना पड़ा। अल्फांसो षष्ठम के पास वह शरण लेने पहुंचीं। ज़ायदा को लियोन, कैसिले और गेलिसिया की सत्ता के शासक अल्फांसो षष्ठम ने अपना लिया और इसके लिए ज़ायदा को अपना धर्म बदलकर ईसाई बनना पड़ा। इतिहासकार और बिशप पेलागियस ओविदो का कहना है कि अल्फांसो षष्ठम की ज़ायदा उप-पत्नी बन गई थीं। दोनों की एक संतान हुई और उसका नाम रखा गया सांचो। सांचो के ही वंशज का इंग्लैंड के राजा एडवर्ड तृतीय के परिवार में विवाह हुआ और उसके ही वंश से एलिजाबेथ पैदा हुईं। इन तरह से अब्बासी वंश से महारानी के वंश का कनेक्शन जोड़ा गया।

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  • पाकिस्तान से लड़ाई..पर भारतीयों से गले मिलकर अफगानिस्तानी फैन्स ने लगाए नारे, देखिए – खूबसूरत VIDEO…


    डेस्क : एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान और श्रीलंका टीम खेलेगी। एशिया कप 2022 जून काफी रोमांचक रहा। भारत और अफगानिस्तान इस सीजन में फाइनल में ना पहुंच कर भी चर्चा में हैं। भारत के साथ अफगानिस्तान का पहला मैच रहा। इसमें भारतीय टीम ने 101 रन बनाकर जीत हासिल, की। इस मैच का वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में अफ़गानी और भारतीय फैंस एक दूसरे को गले लगाकर जिंदाबाद के नारे लगाते नजर आ रहे।

    अफ़गानी और पाकिस्तानी टीम के बीच भिड़ंत :

    अफ़गानी और पाकिस्तानी टीम के बीच भिड़ंत : बता दें की अफगानिस्तान और पाकिस्तान टीम के बीच हुए मैच में काफी भिड़ंत देखने को मिला। ग्राउंड में दोनों टीम के खिलाड़ी आपस में भिड़ते दिखे। वहीं ग्राउंड के बाहर स्टेडियम और स्टैंड में दोनों टीम के फैंस के बीच गहमागहमी का माहौल बना रहा।

    कुर्सी से हुई लड़ाई :

    कुर्सी से हुई लड़ाई : वीडियो में देखा जा सकता है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान टीम के फैंस के बीच में जमकर लड़ाई हुई। इसमें दोनों टीम के फैंस एक दूसरे को कुर्सी से मार रहे हैं। रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान टीम के फैंस ने अफगानी फैंस पर अभद्र टिप्पणी की जिसके बाद अफगानी फैंस ने कुर्सी उठाकर उस पर फेंक दिया, जिसके बाद भिड़ंत तूल पकड़ लिया। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है।

    साथ में लगे भारत और अफगानिस्तान जिंदाबाद के नारे :

    साथ में लगे भारत और अफगानिस्तान जिंदाबाद के नारे : एक तरफ जहां अफगानी और पाकिस्तानी फैन के बीच मारपीट वाली वीडियो वायरल हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ एक ऐसा वीडियो भी सोशल मीडिया पर चक्कर लगा रहा है। जिसमें भारतीय और अफगानी फैंस आपस में गले मिलकर जिंदाबाद के नारे लगाते हुए नजर आ रहे। यह वीडियो भाईचारा को दर्शाता है। दोनों टीम के फैंस एक दूसरे के देश के नाम के नारे लगा रहे हैं। यह वीडियो लोगों में काफी पसंद किया जा रहा है।

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  • महारानी Elizabeth के निधन के बाद किसे मिलेगा कोहिनूर? जानें – कौन बनेगी अगली महारानी?


    गुरुवार को दशकों तक ब्रिटिश क्वीन के तौर पर शासन करने वालीं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन हो गया। उनकी जगह अब प्रिंस चार्ल्स राजा के तौर पर सिंहासन पर बैठेंगे। ब्रिटिश राजशाही के नियम कहता है कि सम्राट या महारानी की मौत के तुरंत बाद नया राजा सिंहासन का हकदार होता है। इसका मतलब है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के तुरंत बाद उनके सबसे बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स राजा बन गए। हालांकि, चार्ल्स के औपचारिक राज्याभिषेक में महीनों या उससे भी ज्यादा समय लग सकता है। अपने पिता किंग जॉर्ज षष्ठम के निधन के बाद छह फरवरी, 1952 को एलिजाबेथ महारानी बन गई थीं। लेकिन उनका राज्याभिषेक इसके 16 महीने बाद दो जून, 1953 को हुआ।

    लंदन में सेंट जेम्स पैलेस में सम्राट की मृत्यु के 24 घंटों के भीतर ‘एक्सेस काउंसिल’ द्वारा एक नए राजा की घोषणा औपचारिक रूप से जल्द से जल्द की जाती है। प्रिवी काउंसिल के अधिकारी इसमें होते हैं, जिसमें वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री, न्यायाधीश और चर्च ऑफ इंग्लैंड के नेता शामिल हैं। जिन्हें महल में बैठक के लिए बुलाया जाता है। फिर से संसद को सांसदों के लिए नए सम्राट के प्रति निष्ठा की शपथ लेने के लिए बुलाया जाता है। नया सम्राट 1707 के संघ अधिनियम के मुताबिक चर्च ऑफ स्कॉटलैंड के रखरखाव के लिए सेंट जेम्स पैलेस में प्रिवी काउंसिल के समक्ष शपथ लेगा।

    तब नए सम्राट अथवा महारानी की घोषणा को सार्वजनिक रूप से सेंट जेम्स पैलेस के साथ-साथ यूनाइटेड किंगडम को बनाने वाले चार देशों की राजधानी जो कि एडिनबर्ग, कार्डिफ और बेलफास्ट में पढ़ा जाता है। चार्ल्स के राजा घोषित करने के बाद सत्र के पहले दिन या राज्याभिषेक के समय, संसद में घोषित करना होगा कि वह एक आस्थावान प्रोटेस्टैंट हैं। यह शपथ ग्रहण घोषणा अधिनियम 1910 द्वारा अनिवार्य है। वहीं प्रिंस चार्ल्स को राज्याभिषेक की शपथ 1689 के राज्याभिषेक शपथ अधिनियम, 1701 के तहत लेनी होगी।

    इस बीच खबर है कि महारानी के सिर पर जो कोहिनूर हीरे वाला ताज था, जो कि अब प्रिंस चार्ल्स को नहीं मिलेगा। यह ताज उनकी जगह पर पत्नी कैमिला को दिया जाएगा। कुछ वक्त पहले खुद एलिजाबेथ ने ही इस बात का ऐलान किया था। भारत के इतिहास से भी 105.6 कैरेट के हीरे का खास ताल्लुक है। यह 14वीं सेंचुरी में भारत में पाया गया था, लेकिन सदियों से यह अलग-अलग हाथों में रहा है। ब्रिटिश शासन में 1849 में पंजाब का विलय जब किया गया था तो क्वीन विक्टोरिया को यह हीरा मिल गया था। फिर तब से ही ब्रिटिश राज परिवार के पास यह हीरा है।

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