गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।
अर्थात गुरु और गोविन्द दोनों खड़े हैं, पहले किसके पाँव छुए जाएँ ? जटिल प्रश्न है क्योंकि कबीर ने स्थान स्थान पर गुरु को ही ईश्वर तुल्य माना है। दोनों यदि एक साथ आ जाए तो ? इस पर कबीर साहेब की वाणी है कि वे गुरु के ही पाँव पहले छुएंगे क्योंकि उन्होंने ही गोविन्द अर्थात् ईश्वर का ज्ञान करवाया है, गोविन्द के विषय में जानकारी दी है। यदि किसी के पास हीरा है और उसे ज्ञान नहीं है तो वह पत्थर के सामान ही है, लेकिन यदि कोई हीरे की जानकारी दे तो वह हीरे से भी बढ़कर महत्त्व रखता है।
आज दिनांक ५ सितंबर को बड़े हर्ष उल्लास के साथ डी ए वी पावर ग्रिड केंपस बिहार शरीफ नालंदा में शिक्षक दिवस का आयोजन किया जा रहा था । इस बार शिक्षक दिवस छात्रों के लिए बड़ा ही उत्साहजनक रहा । बच्चें १ सप्ताह पहले से विद्यालय के प्राचार्य श्री वी के पाठक से अनुरोध कर रहे थे कि हमें इस बार विद्यालय प्रांगण में शिक्षक दिवस मनाने दिया जाए।
प्राचार्य महोदय ने भी बच्चों के प्रार्थना को स्वीकार कर उन्हें शिक्षक दिवस मनाने की स्वीकृति प्रदान कर दी। इस बार कुछ उत्कृष्ट छात्रों को चयनित कर शिक्षकों की भूमिका निर्वाह करने की जिम्मेदारी दी गई तथा गणमान्य शिक्षकगण निरीक्षक की भूमिका में रहें ।
विद्यालय के प्राचार्य का मानना है कि इससे छात्रों में शिक्षक बनने की अभिरुचि पैदा होगी हमारा एक उद्देश्य यह भी होना चाहिए कि हमारे छात्रों में से डॉक्टर इंजीनियर के अलावा एक आदर्श शिक्षक भी तैयार हो क्योंकि आदर्श शिक्षक ही देश और समाज की रूपरेखा तैयार करते हैं।
छात्र – शिक्षकों ने अपनी जिम्मेदारी बहुत ही सलीके से निभाया । विद्यालय के प्रार्थना सभा में आदर्श शिक्षक एवं प्रथम उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छाया चित्र पर पुष्प समर्पित उन्हें श्रद्धांजलि दिया गया तथा एक शिक्षक की जो भूमिका समाज एवं राष्ट्र के लिए होती है उसे हर हाल में पूरा करने का मन ही मन शपथ भी लिया । वास्तव में शिक्षकों की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है । इसे हर एक वर्ग के लोग स्वीकार करते हैं । शिक्षक छात्रों को एक अच्छा नागरिक बनाकर राष्ट्र को समर्पित करते हैं । इस अवसर पर छात्राओं के द्वारा गुरु महिमा पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत कर सभी शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्रों का मन मोह लिया। विद्यालय के छात्रों ने शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर हिंदी, संस्कृत एवं अंग्रेजी में अपने अपने वक्तव्य भी प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री वी के पाठक जी ने कहा कि हम शिक्षक एक कुम्हार की भांति बच्चों को सुंदर आकृति प्रदान करते हैं और यह सुंदर आकृति समाज तथा राष्ट्र के लिए अपने प्राप्त ज्ञान के आधार पर अपने उत्कृष्ट कार्य के माध्यम से अपने राष्ट्र को उन्नत बनाने का कार्य करते हैं तथा हमें खुशी है कि हम ऐसी सेवा से जुड़े हैं जहां हमें धन भले ही कम हो किंतु इज्जत कभी कम नहीं होती।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप जी एम श्री नीरज कुमार , डी ए वी पावर ग्रिड बिहार शरीफ नालंदा में पधारे हुए थे। उनहोंने ने अपने वक्तव्य में कहा – शिक्षक छात्रों को एक अच्छा नागरिक बनाकर राष्ट्र को समर्पित करते हैं । एक शिक्षक की जो भूमिका समाज एवं राष्ट्र के लिए होती है उसे हर हाल में पूरा करने का मन ही मन शपथ भी लेना चाहिए । डी ए वी पावर ग्रिड के विद्यार्थी भी अपने गुरु के आदर्श पर चल कर अपने देश प्रदेश का नाम रौशन करें।