लाइव सिटीज पटना: बिहार में एनडीए गठबंधन की सरकार टूटने के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं. एनडीए गठबंधन टूटने के बाद अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. जेडीयू के आरोपों पर बीजेपी जवाब दे रही तो बीजेपी के आरोपों पर जेडीयू का जवाब आ रहा है. गुरुवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता तारकिशोर प्रसाद ने नीतीश कुमार और आरजेडी पर हमला बोला है. तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार के मन में जब-जब प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब आता है तब-तब इस तरह की बात करते हैं. क्योंकि प्रधानमंत्री बनने की एक अकुलाहट है.
तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार पलटी मारते गए हैं ऐसे में आने वाले समय में बिहार की जो जनता है वो इनके साथ पलटी मारेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का सर्वांगीण विकास, सबका साथ सबका विकास अभियान चल रहा है. लगातार केंद्र का सहयोग इस राज्य को भी मिल रहा था. हम जिन मुद्दों को लेकर सरकार में हम आए बिहार की महान जनता के साथ जो हमारा कमिटमेंट है उसे अंजाम तक पहुंचाएंगे. इसके लिए सदन से सड़क तक विकास की बात करनी है. सड़क पर भी जाना होगा तो निश्चित तौर पर जाएंगे. सदन में भी मजबूती से अपनी बातों को रखेंगे.
पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि आश्चर्य लगा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए गए. यह आरोप आधारहीन है. उल्टा उन्होंने जो हमारे तीन उम्मीदवार हैं उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए. गोह विधानसभा क्षेत्र में जिस तरह से उन्होंने मनोज शर्मा के खिलाफ रणविजय सिंह को उम्मीदवार बनाया, उसी प्रकार से कैमूर में रिंकी पांडेय के खिलाफ प्रमोद पटेल को उम्मीदवार बनाया. इसके अलावा बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र (गोपालगंज) से मिथिलेश तिवारी के खिलाफ में मंजीत सिंह को उम्मीदवार बनाकर उन्हें हराने का काम किया. आज ये तीनों जनता दल यूनाइटेड के राज्य और जिलों के पदाधिकारी बने हैं. तारकिशोर ने कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर जिस तरह से उन्होंने अपनी बात कही है उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.
इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी के आरोपों पर कहा कि वह कभी उपराष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे. बिना बीजेपी का नाम लिए नीतीश ने कहा कि जिसको जो बोलना है, बोलने दीजिए. आपने एक आदमी (सुशील मोदी) को यह कहते सुना कि मैं उपराष्ट्रपति बनना चाहता था. क्या मजाक है! यह फर्जी है. मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी. क्या वे भूल गए कि हमारी पार्टी ने हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों में कितना समर्थन किया था? उन्हें मेरे खिलाफ बात करने दें. साथ ही सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष एकजुट होकर आगे बढ़ेगा. हम बिहार में जनता की सेवा करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि महागठबंधन मजबूती के साथ काम करेगी.
बता दें कि नीतीश और तेजस्वी की सरकार का 24 अगस्त को सदन में फ्लोर टेस्ट होगा. जहां उन्हें बहुमत साबित करना होगा. सीएम और डिप्टी सीएम तो तय हो गया है लेकिन बिहार के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. सरकार में कौन-कौन शामिल होगा, किसके कितने मंत्री बनेंगे, यह सब अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि माना जा रहा है कि महागठबंधन में इस बात पर सहमति बन रही है कि 5 विधायक पर एक मंत्री बनाया जाएगा. बतातें चलें कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राज्यपाल फागू चौहान को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है. इसमें जेडीयू के 45, आरजेडी के 79, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, निर्दलीय एक और हम के चार विधायक शामिल हैं.
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